अमित ने उस्मान को इशारा किया और उस्मान भी माया के पीछे आ गया. अब उस्मान ने माया की साडी ऊपर उठानी चालू की और अमित माया के ब्लाउज पे टूट पड़ा. माया बस खुद को छुड़ाने की नाकाम कोशिश कर रही थी. “आज तुझे पता चलेगा अमित को थप्पड़ मारने का क्या नतीजा होता है. तुझसे पहले 4 और रंडियो ने यही गलती की थी और आज भी जब चाहे जहाँ चाहे उन्हें चोदता हु” शेखी मारते हुए अमित बोला. “लेकिन उन सब में इसके जितने बड़े मम्मे किसी के नहीं है सर. ये जबसे आई हे रोज़ इसके नाम की मुठ मारता हु में.” माया गई साडी उसकी गांड से लगभग ऊपर उठाते हुए उस्मान बोला.
“तो आज तुझे इनाम मिलना ही चाहिए. आज तेरी माया मैडम खुद अपने मुलायम मुलायम होठो से तेरी मुठ मारेगी” हस्ते हुए अमित बोला. वो माया के ब्लाउज के सारे हुक खोल चूका था और अब उसे माया की गोरी गोरी पीठ पे काली ब्रा साफ़ नज़र आ रही थी. माया को समझ नहीं आ रहा था वो क्या करे. वो चिल्लाना चाहती थी लेकिन उसे लग रहा था कोई उसकी बात नहीं मानेगा. अंकित क्या सोचेगा उसके बारे में. इन्ही उलझनों में खोई हुई माया बस ये चाहती थी के ये सब जल्द से जल्द ख़त्म हो जाए. अमित ने बाल खींच के माया का सर ऊपर किया और उसकी गांड पे एक चपत लगाई. माया को बोहोत दर्द हुआ और वो चिल्ला पड़ी.
“चुप कर बहन की लोडी, पुरे स्टाफ को अंदर बुलाएगी क्या?” अमित बोला. माया को समझ आ गया थे के अब चुप रहने में ही भलाई है. माया ने जैसे ही आँख खोली उस्मान उसके सामने टांग फैलाए बैठा था. वो अपनी पेन्ट उतार चूका था और उसका लंड माया के सामने था. उस्मान का सोया हुआ लंड भी ५ इंच का लग रहा था. “आज ही सारे बाल साफ़ किये हैं मैडम आपके लिए” ..
अपना लंड हिलाते हुए उस्मान बोला. “भगवन के लिए मुझसे ये मत करवाओ अमित. क्या बिगाड़ा है मैंने तुम्हारा जिसके लिए इतनी बड़ी सजा दे रहे हो” रोते हुए माया बोली. “नाटक बंद कर रंडी, और चूसना चालू कर” अमित बोला और माया के बाल छोड दिए. अमित माया की गांड पे अब हाथ फेरने लगा और उसकी जाँघे सहलाने लगा. माया के शरीर में करंट सा दौड़ गया और उसके मुँह से एक आअह्ह्ह निकल गई. उस्मान अब भी अपना लंड हाथ में लिए हिला रहा था जो की सब पूरी तरह तन चूका था.
माया ने आज पहली बार असल में अपने पति के अलावा कोई और लंड देखा था. उसे समझ नहीं आ रहा था वो क्या करना चाहती हैं के इतने में अमित ने माया की चुत में एक उंगली डाल दी. वही हुआ जिसका डर माया को था. माया का शरीर उसे धोका दे चूका था. “देख कैसे पानी छोड रही हैं इस रंडी की चुत. और नाटक रोने का कर रही है.” कहते हुए अमित ने अपनी उंगली उस्मान को दिखाई. ये देख के उस्मान से रुका नहीं गया और उसने माया का चेहरा पकड़ के अपने लंड के पास ले आया.
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“मैडम, आज आप भी मज़ा लो और हमे भी लेने दो. नहीं तो आपको कही का नहीं छोड़ेंगे. कल रात को ही इस कमरे में हमने कमरे लगा दिए थे. अब अगर ज्यादा नाटक किये, तो आपका भी रागिनी MMS बन जाएगा” कहते हुए उस्मान माया का चेहरा अपने लंड पे दबाने लगा. माया ने इसे अपनी किस्मत मानते हुए अपना मुँह खोल दिया और उस्मान का लंड अपने गले तक जाता हुआ महसूस करने लगी. “अमित सर सससस, क्या गरम मुँह है साली का आह्ह्ह्हह्ह. इसके मुँह में तो में पुरे दिन अपना लोडा ठूस के रख सकता हु” उस्मान बोला. इधर अमित से भी रहा नहीं गया और उसने माया की चुत पे अपनी जीभ लगा दी.
अब माया ने अपना मुँह उस्मान के लोडे पे ऊपर नीचे करना चालू कर दिया. बीच बीच में लोडा बाहर निकल के वो सिसकिया ले रही थी और उस्मान के टट्टों से खेल रही थी. उधर अमित अब दो उंगलिया माया की चुत में डाल चूका था और साथ ही साथ चुत के दाने को चूस रहा था. “चूस रंडी. आआह्ह्ह. जोर से चूस. ले मेरा लोडा अपने गले तक. ऊऊह्ह्ह. अमित सर. जरा इसके कबूतरों को भी आजाद करो ना. आआह्ह्ह्ह” उस्मान बड़ी मुश्किल से बोल पा रहा था. अमित ने फटाफट माया की ब्रा का हुक खोल दिया. इसके साथ ही उसने माया की साडी खींच के पेटीकोट से बाहर निकल दी और पेटीकोट का नाडा भी खोल दिया.
अब माया सिर्फ पेंटी में खड़ी उस्मान का लोडा चूस रही थी और अमित से अपनी चुत चटवा रही थी. ये वही लोग हे जिनसे माया हाल ही में मिली थी और जिनको देख लेने की बात कई बार माया ने सोची थी. “लोडा बाहर निकल के सुपरा चूस रंडी” अमित पीछे से बोला. माया ने वैसे ही किया और उस्मान के लोडे से खेलने लगी. अमित ने माया की पीठ पे चुम्मियो की बौछार लगा दी और वो माया के हाथो को चूमता हुआ पीठ और बोबे के बीच वाली जगह चाटने लगा. माया को लगा जैसे उसकी चुत में बाढ़ ही आ जाएगी.
माया अब पुरे मन से उस्मान के लोडे को हुस चाट रही थी जो की अंकित जितना ही बड़ा था. लेकिन उस्मान के टट्टे माया को बोहोत बड़े लग रहे थे. अमित अब माया के कमर और पेट के बीच वाली जगह तक पोहोच गया था. जैसे ही अमित ने वह चाटना चालू किया, माया की आखें बंद हो गई. आज तक खुद माया को नहीं पता था के ये जगह माया को इतना उत्तेजित कर सकती हैं. माया अब अमित के इशारो पे थिरकने लगी. “देख ये रंडी कितनी चूदासी हो गई है. गांड हिला रही हैं अपनी” अमित के चेहरे पे विजयी मुस्कान थी. “क्यों तड़पा रहे हो सर इसेसेसेसेसेसेssssss. आपकी सारी रंडियो में आआह्ह्ह सबसे ज्यादा यही पसंद हैं मुझेझेझेझे. कर दो बेचारी की इच्छा पूरीरीरीरीरी” उस्मान को पता था वो कभी भी झड़ सकता हैं.
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उसने हाथ बढ़ा कर माया के दोनों मम्मे पकड़ लिए और निप्पल ऐसे खीचने लगा जैसे उखड ही डालेगा. उस्मान माया के चुच्चो का दीवाना हो गया था और उन्हें पूरी तरह निचोड़ लेना चाहता था. माया भी यही चाहती थी के उस्मान उस पर जरा भी रहम ना दिखाए. जितना तेज़ उस्मान माया के निप्पल खीचता, उतनी ही ताकत लगा के माया उस्मान का लंड चूसती. माया को इस खेल में मज़ा आ रहा था के तभी उसे अपनी चुत में कुछ महसूस हुआ. वो समझ गई थी के अमित ने उसे बेवफा बना ही दिया. इधर अमित का अपना ही खेल चालू था. वो माया को पेट से लेकर पीठ तक चाटे जा रहा था. चूमे जा रहा था.
अपना लोडा माया की चुत में ठूसने के बाद भी उसने चाटना बंद नहीं किया. अमित की जीभ लगते ही माया अपने आप ही अपनी गांड हिलने लगती जिससे अमित के लंड पे अच्छी रगड़ लग रही थी. इससे अमित और माया, दोनों को सुखद अहसास हो रहा था.. उस्मान अब ज्यादा टिक ना सका और उसके लोडे ने लावा उगल दिया. माया का मुँह भर गया और उस्मान का मुठ उसके मुँह से निकल के बाहर आने लगा. माया भी झड़ने लगी. झड़ते झड़ते भी वो उस्मान का लंड चूसे जा रही थी और अमित उसे चोदे जा रहा था. माया की चुत अब अमित के लोडे को ऐसे पकड़ रही थी जैसे माया के होठ हो. माया नहीं चाहती थी के अमित दो पल के लिए भी रुके. वो तो बस छोड़ना चाहती थी.
“चोद बहन के लोडे सससससस, और जोर से चोददददद. बस इतना ही दम है क्या आहहहहहह तेरे लोडे में. लगता है बचपन में माँ का दूध नहीं पिया.” माया उस्मान का लोडा अपने मुँह से निकलते हुए बोली. “रुक छिनाल, अभी दिखता हु तुझे कितना दम हे मेरे लोडे मैं.” कहते हुए अमित ने अपना लोडा बाहर निकल लिया और उस्मान को कुछ इशारा किया जो माया नहीं देख पाई. उस्मान ने माया का चेहरा अपने लोडे पे दबा दिया. माया आज उस्मान का लोडा अपने गले तक लेना चाहती थी और उसने वैसे ही किया. झड़ने के बाद भी उस्मान का लोडा वैसे का वैसा ही खड़ा था.