Safar me Chudi – मेरा नाम पूनम लखनऊ की रहने वाली हूँ मेरी उम्र 33 साल है मेरे पति 3 साल पहले एक एक्सीडेंट में वो नहीं रहे.. मेरी कोई औलाद नहीं है है क्यूंकि हमारी शादी के 3 से साल के अंदर वो नहीं रहे और तब तक हम लोगो ने बच्चे की कोई प्लानिंग नहीं की थी.. खैर जो हुआ सो हुआ मेरे पति के पास पैसा काफी था घर बड़ा था तो मुझे कोई दिक्कत होती थी.. ऐस और आराम की हर चीज़ मेरे पास थी बस नहीं था तो प्यार हा हां वही बिस्तर वाला प्यार तो बस ये कहानी उसी बिस्तर वाले प्यार को पाने की कहानी है अच्छी लगे तो जरूर बताइयेगा /
एक दिन की बात है मेरी एक फ्रेंड दिल्ली से लखनऊ आयी तो मुज से मिलने आयी
टिंग टोंग
मैं दरवाज़ा खोलती हूँ
अरे रजनी ओह माय गॉड इतने दिनों बाद अचानक
रजनी:- अरे है यार वो मैं लखनऊ आयी थी सोचा मिल लून तुज भी।
पूनम :- अरे यार थैंक्स अऊ अंदर आओ
रजनी :- बिलकुल यार अपना है
पूनम :- बिलकुल तुम्हारा हे घर है
पूनम :- रुक तू मैं चाय लाती हूँ ओके
रजनी :- अरे नहीं रुक यहाँ इतने दिनों बाद मिले है चाय छोर और बता क्या हो रहा है आज कल
पूनम :- कुछ नहीं तू बता
रजनी :- मैं क्या बताऊ और बताओ अच्छा जीजू कहा है
पूनम :- जीजू तुम्हे कुछ पता नहीं चला क्या
रजनी :- नहीं क्या हुआ कोई बात क्या
पूनम :- साल पहले एक्सीडेंट हो गया था
रजनी :- ओह्ह सॉरी बहन
पूनम :- कोई बात नहीं
फिर हम लोग इधर उधर की पुराणी बाते नई बाते करने लगते है घंटो बैठे रहते है पति के जाने बाद क्या क्या हुआ क्या नहीं मेरी हताश जिंदगी यू ही सांत पानी की तरह मायूस जिंदगी ये सब होती रही
फिर उसने अपना फ़ोन निकला और मुझे कुछ फोटो दिखने लगी गोवा की पिक्स हिमाचल की पिक्स और कश्मीर की पिक्स मुझे बहुत अच्छा लगा बातो बातो में उसने कहा तुम भी कही घूम आओ थोड़ा मूड फ्रेश होगा
पूनम :- मैं अकेले कहा जाऊ यार
रजनी :- क्यों नहीं तभी तो और मज़े कही भी आओ जाओ कोई रोक टोक नहीं हम्म
पूनम :-बात तो सही है लेकिन जाऊ कहा
रजनी :- तू न कश्मीर जा वहा इस समय खूब ठण्ड होगी बर्फ होगी मज़े ले जाके
पूनम:- हम्म चलो देखती हूँ
ये सब बाते होते होते कब रात हो गयी पता हे चला
रजनी से मैंने रुकने को बोला तो वो मान गयी और रात वही रुक गयी
हम लोग खाना खा के सोने चले जाते है
बिस्तर पर भी हम देर तक बाते करते रहते है और फिर 12 बजे करीब सो जाते है
कुछ देर बाद हे शायद मैं काफी गहरी नींद में चली गयी
मुझे एहसास हुआ की मेरी जंगो पर से कोई हाथ फेरता हुआ मेरी चुत तक ला रहा था
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मेरी आंखे बंद थी मैं देख नहीं पा रही थी और न हे आंखे खोलना चाहती थी
धीरे धीरे वह हाथ सिर्फ मेरी चुत की दरारों को सहलाने लगा पर कोण था वो रजनी तो नहीं हा लेकिन वो इस
तरह थी नहीं फिर भी पर क्या हुआ मुझे अच्छा लग रहा था वो एहसास मैं ने थोड़ी से टांगे फैलाई रजनी जान गयी की मैं कुछ चाहती हूँ उसने वहा से हाथ हटा के पीछे ले मुझे बुरा लगा लेकिन अगले पल फिर वो हाथ मेरी चुत पर आ मैं सिहर गयी अह्ह्ह अहह सससससस मैं अपने बाल पकड़ ले रजनी ने एक ऊँगली मेरी चुत मैं दाल दी उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह मैं कुछ नहीं समझ पा रही थी तब तक उसने मेरी ३४ की गोलाई चूची को मसलना सुरु कर दिया उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ फूउ शह्ह्ह्ह शह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
प्लस रजनी करो उसने मेरे ऊपर मेरे होंटो को चूमना सुरु कर दिया
हम दोनों बेतहाशा एक दूसरे की होटो को चूमने लगे
वो अपनी टांग]को मेरी छूट पर रगड़ रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था
अह्ह्ह अह्ह्ह उफ्फफ्फ्फ़
मैं भी अपनी पूरी ताकत से चुत उसके पैरो पर रगड़ रही थी ये एहसास मुझे पागल कर रहा था
रजनी मेरे ऊपर से हट कर मेरी छूट चाटने लगती है
अह्ह्ह्ह
अह्ह्ह्हह
रजनी उफ्फफ्फ्फ़ क्या कर दिया
उफ़्फ़्फ़ा
उफ्फ्फ्फ़ उसने फिर एक ऊँगली डाली उफ्फ्फ्फ़
अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह उफ्फ्फ
रजनी जोर से जोर से करो और तेज़
उफ्फ्फ्फ़ाआ
रजनी की जीब मुझे मदहोस कर रही थी उसकी उंगली मुझे पागल
रजनी :- उठो पूनम
रजनी:-पूनम पूनम
Sexy story सालियों की अदला-बदली
और मेरी आंख खुल जाती ये हसीन सपना टूट जाता है रजनी मुझे बाय करके चली जाती मैं कुछ बोल नहीं पाती
लेकिन कोई बात नहीं ये सपना पहली बार नहीं था लेकिन एहसास अनोखा था
मैं उठ किचेन में जाती हूँ और फ्रिज खोल कर कुछ लम्बा ढूंढ़ती हूँ लेकिन कुछ नहीं था मैं पागल होने लगती हूँ फिर मेरी नजर बेलन पर पड़ती मैं
उसको उठा लेती और बाथरूम मैं जाती हूँ कमोड पर चुत को ऊपर कर के बैठ जाती हूँ
मेरी चुत एक दम गीली थी मैं बेलें को अंदर डाला
और जोर जोर अंदर बाहर करने लगती हूँ मेरी भवनए आसमान चुने लगती है और मेरी
अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह ाऊऊऊ अह्ह्ह्ह
मैं जोर जोर अंदर बाहर कररही थी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह
मैंने जोश मेँ आके अपनी नाईटइ उतार दी और अपने बूब्स को जोर जोर से दबाने लगी मैं ठण्ड मैं भी पसीना पसीना हो रही थी मैं जोर जोर से बेलन को अंदर दाल रही थी
पर बेलन का पतला डंडा मेरी चुत को कसावट नहीं दे पा रहा
था मैं यू ही नंगे नंगे फिर फिर बाहर आयी कुछ ढूंढ़ने लगी मुझे कुछ नहीं मिल रहा था तभी मुझे आवाज़ आयी आलू ले लो टमाटर ले लो मैं झट से अपनी नाईटइ पहनी और दुपट्टा लिया और नीचे गयी मैंने १ कग आलू टमाटर मिर्च ली ताकि कोई सुबह सुबह सब लम्बे लम्बे ले रहे है तो शक न हो फिर मैंने गाजर ली बैंगन लिया और केले कच्चे लिए और ऊपर आ गयी और फिर एक केला तोडा और मुँह मैं दाल कर चूसने लगी और सोफे पर टांगे फैला के अंदर डालने लगी अब्ब थोड़ा लुंड का एहसास हुआ
बस कोई झटके देने वाला होता तो मज़ा आ जाती मैं जोर जोर से डालती रही फिर मेरी नज़र एक बैगन पर पड़ी जो केले से ज्यादा मोटा और लंबा था मैंने उसे उठाया और केला को मुँह मैं और बैगन को छूट मैं दाल लिया अब्ब हहहह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह्हह्ह्ह्ह अह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्हह्ह्ह्ह अह्हह्ह्ह्ह मैं छूट गयी मैं छूट गयी मैं छूट गयी
अब होश आया बैगन अभी चुत मैं ही था उसकी कसावट अब मुझे दर्द देने लगी थी मैं धीरे से उसे बहार किया और साथ साथ मेरे चुत की लार भी टपकने लगी सब शांत हो गया होश भी था पर अफ़सोस था की यही पल अगर किसी मर्द के साथ होता तो अभी तक उसकी बहे मुझे कस रही होती
मैंने नहाया धोया चाय बनाई फिर बैठ कर टी.व् देखने लगी न्यूज़ देखने का भी मन हुआ लगा दी न्यूज़ पर अगले हसीन पल की तस्वीर आ रही थी
न्यूज़ पर कश्मीर की बर्फ भरी वादियों के चर्चे हो रहे थे
वहा गिर रही बर्फ मौसम की न्यूज़ चल रही थी मुझे रजनी की कही बात याद आ गयी मैंने कुछ देर सोचा फिर नेट से एक ट्रेवल एजेंट नम निकला और उससे पूछा की क्या खर्च होगा और सब बाते करके मैंने उससे ३ दिन बाद की टिकट कराने और होटल बोल दिया और मैं तइयारी मैं लग गयी….