Gaytri Ka Akelapan Dur Kiya
मेरा नाम उमेश है उम्र 27 साल है मैं मुंबई मैं एक बैंक मैं जॉब करता हूँ यहाँ पर मेरे साथ 6 लड़कियाँ काम करती हैं एक हीं ब्रांच मैं गायत्री हमारी ब्रांच मैं कस्टमर सर्विस मैं है गायत्री शादीशुदा है और उसको एक लड़की भी है उसका पति आर्मी मैं है तो वो ज्यादातर टाइम बाहर हीं रहता है गायत्री के बारे मे कहूँ तो वो 5’6” हाईट स्लिम बिल्ट बॉडी और उसका साइज 34-28-34 का फिगर वो हमेशा सलवार कमीज़ पहनती थी और बहुत ही सिंपल सी रहती थी एक दिन अचानक उसको एक फोन आया और वो रोने लगी मैं उसके साइड मैं हीं बैठता हूँ तो पूछा क्या हुआ तो वो बोली उसकी बेटी के स्कूल से था उसकी बेटी बीमार है और उसे जाना पड़ेगा मैने कहा मैं भी आता हूँ शायद आपको कोई हेल्प की भी ज़रूरत हो और उसने मुझे इशारे से हाँ बोला.
हम लोग उसकी बेटी के स्कूल गये और वहाँ से हॉस्पिटल वहाँ डॉक्टर ने कहा की अकेलेपन की वजह से शायद ये बीमार पड़ गयी घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है बस थोड़ा टाइम दीजिये अपने बच्चे को फिर मैं उन दोनो को उनके घर छोड़ने गया रास्ते भर मैं गायत्री के बेटी के साथ खेलता रहा वो भी मेरी कंपनी बहुत इन्जॉय कर रही थी जब हम गायत्री के घर पहुंचे तब मैने बोला ठीक है अब में चलता हूँ कल मिलते है तब वो बोली अन्दर तो आओ तो मैने बोला फिर कभी.
गायत्री : पिंकी को बहुत अच्छा लगेगा अगर आप आकर थोड़ा टाइम इसके साथ रहोगे तो.
अब मैं क्या बोलता कहा ठीक है चलिये अंदर जाकर बैठे तो गायत्री चाय बनाने गयी और मैं पिंकी के साथ बैठ के कार्टून देख रहा था थोड़ी देर मैं गायत्री आई और खड़ी रह के मुझे देख रही थी कैसे पिंकी मेरे गोद मैं बैठ के ख़ुशी से कार्टून देख रही थी तभी मेरी नज़र उस पर गयी और पूछा क्या हुआ तो बोली कुछ नहीं मैने पिंकी को इतना खुश कभी नहीं देखा था किसी के साथ वो भी पहली मुलाकात मैं.
फिर हम थोड़ी देर बात कर रहे थे अचानक देखा तो पिंकी सो गयी थी मेरी गोद मैं गायत्री ने कहा की लाओ मैं उसे बेड रूम मैं सुला देती हूँ मैने कहा में सुला देता हूँ बेड पर और तैयार हुआ तो पीछे से आवाज़ आई “उमेश, पीछे देखा तो गायत्री खड़ी थी मैने पूछा क्या हुआ तो बोली थैंक्स और आकर मुझे हग किया मुझे कुछ समझ में नहीं आया और में 3 मिनिट तक कुछ नहीं बोला मुझे समझ मैं नहीं आ रहा था कैसे रियक्ट करूँ फिर मैने हल्का धक्का देने की कोशिश की ताकि हम अलग हो ज़ाये मगर उसने और ज़ोर से जकड़ लिया फिर मैने भी अपने दोनो हाथ उसकी पीठ पर रख दिये और उसे अपने से जकड़ लिया वो इसी तरह मुझ से लिपटी रही और धीरे से मेरे कानो मैं बोली पिंकी आज बहुत खुश थी सिर्फ़ आपकी वजह से आपको जो माँगना है माँग लो मुझसे आज मैं मना नहीं करूँगी.
मैं समझ गया वो क्या कहना चाह रही थी और अगर पति इतने दिनो से बाहर है तो सेक्स की भूख रहेगी हीं मैंने अंजान बन के पूछा क्या मागूं आप से तो उसने अपनी पकड़ थोड़ी ढीली की और उसका चेहरा मेरे चेहरे के एकदम सामने था उसने कहा पागल इतना भी पता नहीं आपको तो मैने कहा ठीक है आप जो ख़ुशी से देना चाहो दे सकती हो मैं मना नहीं करूँगा आख़िरकार आप का पहला गिफ्ट होगा मेरे लिये इस दौरान हम दोनो की गर्म साँसे तेज होने लगी और ये साफ महसूस हो रहा था तब वो अपने लिप्स मेरे लिप्स के करीब लाई और मैं उसके लोवर लिप्स को अपने लिप्स से पकड़ लिया और चूसने लगा कुछ ही सेकेंड्स मैं वो भी तेज तेज चूसने लगी और हम दोनो बारी बारी एक दूसरे के मुँह मैं जीभ को अन्दर बाहर करने लगे थोड़ी हीं देर मैं उसमें एक अजीब सा पागलपन आ गया था.
फिर वो मुझसे अलग हुई और मेरा हाथ पकड़ कर बेडरूम की तरफ खीचते हुये ले गयी मैं हवा मैं एक तिनके की तरह उसके साथ लहराता हुआ चला गया बेडरूम मैं जाते हीं उसने अन्दर से दरवाजा बंद कर दिया और अपनी सलवार का नाडा खोलने लगी तभी मैने उसका हाथ पकड़ लिया और मैं खुद नाड़े को खोलने लगा नाड़े को ढीला करते ही धड़ से वो उसके कदमो तक सरक गया वो अपनी कमीज़ हाथ मैं उठाये हुये थी तो उसकी काली पेंटी साफ दिखाई दे रही थी गायत्री एकदम बेड के पास खड़ी थी तो मेने थोड़ा सा धक्का दिया तो वो धड़ से बेड पर गिर गयी लाल रंग का मखमली चादर पड़ा हुआ था बेड पर और लाल रंग के हीं तकिये थे.
उसने दो पिलो के सहारे अपनी पीठ को टीकाया और टांगो को खोल के मुझे चूत सहलाने का इशारा किया मैं धीरे से उसकी जाँघो को चूमते हुये उसकी चूत तक बड़ा और पेंटी के उपर से हीं तीन चार बार किस किया फिर मैने उसकी पेंटी को एक साइड से अपनी दो उंगलियों से खीच के दूसरी साइड मैं किया और उसकी नंगी चूत के गर्म होठों पर अपने होठों से किस करना चालू किया उस समय गायत्री की आँखे बंद हो गई थी और वो आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही थी मगर उन्न…हाअ……की आवाज़ चुप नही पा रही थी उसने मेरे सर को पकड़ के थोड़ा दूर किया और एक झटके मैं अपनी पेंटी उतार दी और बोली ये सब तुम्हारा है तो खुल के मज़े लो ना.
ये कहते ही उसने अपनी सलवार भी उतार दी और अब वो सिर्फ़ एक ब्रा मैं थी मुझे ध्यान नही रहा की वो कब आप से तुम मैं आ गई तब फिर से मैने उसकी चूत पर होठ रखे अभी मैं उसकी चूत के उपरी हिस्से को अपनी जीभ से सहला रहा था और एक उंगली उसकी चूत मैं डाल कर अंदर बाहर कर रहा था चूत एकदम गीली हो गयी थी उसके पानी से वो भी अपनी गांड हिला हिला के मज़े ले रही थी और अपने हाथो से अपनी चूचीयो को मसल रही थी फिर उसने अपनी टांगो को हाथ मैं उठा के एक वी शेप करके रखा उसकी चूत पूरी तरह से फेली हुई थी मैने अपनी जीभ से ज़ोर ज़ोर का झटका देते हुये उसकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था तभी उसकी जाँघो मैं एक कंपन सा आने लगा गायत्री ज़ोर से चीख पड़ी और वो झड़ गयी थी उसका पानी मेरे चेहरे पर फेल गया था.
फिर उसने मेरे चेहरे को थोड़ी देर अपनी चूत से दबा के रखा इतने मैं मैं अपने कपड़े उतार चुका था सिर्फ़ अंडरवेयर मैं था गायत्री ने मुझे धक्का मार के दूसरी तरफ कर दिया और वो मेरी टांगो के बीच में आ गयी मेरे लंड को उसने अंडरवेयर से निकाला और मुँह मैं लेने की तैयारी मैं थी तभी मैने कहा मैं खड़ा रहता हूँ तुम नीचे बेठ कर ये करो प्लीज़ वो बोली जो हुकुम करो आका फिर मैं खड़ा रहा और वो मुझे ब्लो जॉब दे रही थी कभी वो मेरे लंड के सूपडे को चूमती तो कभी वो मेरे बॉल्स मुँह मे लेती फिर वो मेरे लंड को नीचे से उपर तक चाट रही थी अचानक से वो तेज हो गई गायत्री ने अपने राइट हाथ मैं मेरे लंड को पकड़ा था और मुँह के अंदर बाहर कर रही थी और लेफ्ट हाथ से मेरे बॉल्स को सहला रही थी मेरी आँखे आनंद से बंद हो रही थी.
मुझे पता नहीं था इतनी सीधी साधी दिखने वाली लड़की इतनी वाइल्ड भी हो सकती है मेरे लंड मैं चिकनाई आ गई थी उसके थूक ओर मेरे वीर्य से मैं उसके गले को महसूस कर रहा था अपने लंड से तब मुझे पता चला इसे कहते हैं “डीप थ्रोट, अब मुझसे सहन नहीं हो रहा था मैने कहा गायत्री मुझे चोदना है तो वो बोली इतना सब होने के बाद अब भी पर्मिशन माँग रहे हो क्या आ जाओ फिर मैने उसको बिस्तर पर लेटा दिया उसकी जाँघो को हाथो मैं ले कर उपर उठाया ताकि चूत साफ दिखे लंड उसकी चूत पर रखा और हल्के से धक्का दिया और मेरा पूरा लंड उसके अंदर चला गया गायत्री के मुँह से उन्न की आवाज़ निकली मैंने थोड़ा बाहर किया और फिर से धक्का मारा तो वो आँखे बंद करने लगी फिर मैं हल्का हल्का धक्का लगाने लगा उसकी आवाज़ तेज होने लगी और वो अपनी गांड उछालने लगी वो इशारा था धक्का ज़ोर का मारो बोलने का मै धक्के ज़ोर ज़ोर से मारने लगा.
फिर हम मशीनरी पोज़िशन मैं आ गये मैं अपनी कमर हिला हिला के उसे चोद रहा था और उसने पैरो को मेरी कमर के उपर रख के लॉक कर दिये थे अचानक उसने मुझे कस के पकडा और बोली और ज़ोर से मार मेरे राजा मैं फिर से झड़ने वाली हूँ उसने भी नीचे से धक्का मारना तेज किया और उसके नाख़ून मेरी पीठ पर चुब रहे थे उसने अपने नाख़ून से मेरी पीठ को नोच लिया और एकदम से ढीली हो गयी मेरे लंड को महसूस होने लगा उसके पानी का मैं समझ गया की वो झड़ चुकी थी फिर मैने भी स्पीड कम कर दी और उसके होठों को चूमने लगा और उसकी चूची को मुँह मैं लेने लगा.
अब वो फिर से मेरे लंड को मुँह मैं लेने के लिये आई और मेरा लंड उसके पानी से पूरा भीगा हुआ था वो लोलीपोप की तरह मेरे लंड को चूसने लगी अब गायत्री के दिमाग़ मैं कुछ और था वो बोली मेरा पति जब भी आता है मेरी गांड ज़रूर मारता है क्या तुम भी मारोगे मुझे पता नहीं क्या बोलूं मैने कहा आज तक ट्राई नही किया है तो गायत्री बोली कुछ नहीं मज़ा आयेगा फिर वो डॉगी स्टाइल मैं बैठ गयी और बोली आराम से गांड मारो दोनो को मज़ा आयेगा मुझे लगा ल्यूक लूब्रिकेटिंग ऑयल लगाना चाहिये लेकिन लंड इतना चिकना था की किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं पड़ी मैंने गांड के छेद मैं लंड रखा और थोड़ा ज़ोर लगाया थोड़ा दर्द हुआ पर अन्दर चला गया.
उसकी गांड के अन्दर की गर्मी मेरा लंड महसूस कर रहा था एक आजीब सा अहसास था चूत से टाइट और नों लूब्रिकेटिंग फिर गायत्री ने गांड आगे पीछे करना शुरू किया मुझे भी मज़ा आने लगा और मैंने उसकी कमर को पकड़ कर उसकी गांड मारने का कार्यक्रम शुरू किया उस समय गायत्री अपने हाथ से चूत सहला रही थी और पिल्लो पर अपना सर इस तरह रखे थी की वो मुझे देख सके उसने कहा कमर छोड़ के चूची पकड़ो नीचे से मैने वैसा हीं किया और विश्वास मानो मैं ग्रॅविटेशनल फोर्स महसूस कर रहा था उसकी चूचीयों की तीन चार मिनिट गांड मारने के बाद मुझे लगा अब मैं झड़ने वाला हूँ मैने कहा गायत्री मैं झड़ने वाला हूँ तो वो बोली अन्दर हीं छोड़ दो अपना सारा पानी मैं तेजी से चोदने लगा और अपना फव्वारा गायत्री की गांड मैं छोड़ दिया.
तभी गायत्री और एक बार झड़ने वाली थी उसकी धड़कन भी तेज होने लगी और उसने भी अपना सारा पानी बिस्तर पर गिरा दिया मैने लंड उसकी गांड से निकाला और दोनो एक दूसरे की बाहों मैं आ गये गायत्री बोली मुझे पता नहीं था तुम इतने बड़े लेडी किल्लर हो तो मैने कहा मैं भी हैरान हूँ की तुम्हारी जैसी सीधी साधी लड़की भी इतनी वाइल्ड इच्छा रखती है उस दिन के बाद मैं अक्सर गायत्री के घर जाने लगा पिंकी के साथ थोड़ा टाइम बिताता था और गायत्री का सुनापन भी मिटाता था.