मेरा नाम अमर है और में हैदराबाद का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 23 साल और में एकदम गोरा दिखने में ठीक ठाक हूँ। मेरी हाईट 5.10 और में एक पढ़ा लिखा लड़का हूँ। दोस्तों मैंने अभी अभी अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी और उसके बाद में अपने घर पर बोर होने लगा था और इसलिए मैंने यह बात अपने एक बहुत अच्छे दोस्त को बता दी कि में बहुत बोर हो रहा हूँ। Dost Ki Bhabhi
उसने मुझे उसके घर पर कुछ दिन रहने के लिए बुला लिया था। मैंने बहुत सोचकर अपने पापा से उसके घर पर चले जाने की इजाजत ले ली, लेकिन मुझे बहुत मुश्किल से उसके घर पर जाने की इजाजत मिली और में अगले दिन ही अपना बेग पैक करके मेरे दोस्त के यहाँ पर रहने के लिए चला गया, जो कि बेंगलोर में रहा करता था।
Dost ki bhabhi ki raat bhar choda!
दोस्तों में सबसे पहले अपने दोस्त के परिवार के बारे में आप सभी को थोड़ा विस्तार से बता देता हूँ। उसके बाद अपनी कहानी सुनाऊंगा। मेरे दोस्त का नाम शेखर है, जो कि मेरे साथ इंजिनियरिंग कॉलेज में पढ़ता था और उसके घर में उसकी माँ जो कि 49 साल की है, एक बड़े भाई जिनकी उम्र 28 साल की है, उसकी भाभी जो कि 25 साल की है, उसकी बहन जो कि 20 साल की है। फिर में उसके अगले दिन अपने दोस्त के घर पर पहुंच गया और मैंने अचानक से पहुंचकर उसको चकित कर दिया और मेरा दोस्त मुझे देखकर बहुत ख़ुश हो गया और उसने मुझे अपने गले से लगा लिया।
फिर हम लोग अंदर चले गये और उसकी माँ ने भी मुझे अपने गले से लगा लिया, उफफफफ्फ़ वाह क्या स्पर्श था? उसकी माँ के बूब्स के उनके बूब्स 38 साईज़ के थे और उनके चूतड़ भी बहुत बड़े आकार के थे।
यह सब देखकर महसूस करके मेरा लंड बड़ा हो गया। Dost Ki Bhabhi
फिर में उसके बड़े भाई जो कि एक सॉफ्टवेर इंजिनियर थे, उनका नाम राकेश था उनसे मिला और फिर में अपने दोस्त की भाभी से मिला, जिसको मैंने पहली बार देखते ही उसकी चुदाई के सपने देख लिए थे। में मन ही मन उसको देखकर सोचने लगा था कि मुझे कैसे भी करके इस सेक्सी माल को अपने लंड से चोदकर मस्त करना है यह बात सोचने लगा। दोस्तों वैसे उनका नाम करिश्मा था, उनको देखकर मेरी आखें फटी की फटी रह गई। मेरी नजर उनके सुंदर गोरे चेहरे और गदराए बदन से हटने को तैयार ही नहीं थी, लेकिन फिर मुझे हटानी पड़ी।
उन्होंने एक गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी और उनके वो खुले बाल और उनका वो 36-26-36 आकार का मस्त फिगर मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था। फिर में अपने दोस्त की बहन से मिला, जिसका नाम सविता था और घर में सभी लोगों का मुझसे परिचय होने के बाद में आराम करने चला लगा और फिर में अपने दोस्त की माँ के बूब्स को सोच सोचकर मुठ मारने लगा। उसके बाद में बेड पर लेट गया और उतने में मेरा दोस्त मेरे पास आकर मुझसे कहता है कि कल दीवाली है और मुझे कुछ पटाखे लेने जाना है, इसलिए तू आराम कर और में लेकर आता हूँ, वो मुझसे यह बात बोलकर चला गया और फिर में शॉर्ट्स पहनकर अपने लंड को हाथ में लेकर हिला रहा था।
तभी उतने में अचानक से भाभी रूम में आ गई, उनके हाथ में गरम कॉफी थी और उन्होंने मेरा लंड देख लिया था जो कि अब तक तनकर खड़ा हुआ था, क्योंकि वो अचानक से आई और में उस समय बहुत गरम था। मेरा लंड पूरा का पूरा खड़ा हुआ था और वो मेरे हाथ में था। फिर उसे देखकर उनकी आँख फटी की फटी रह गई और उसने मुझसे कहा।
भाभी : मुझे माफ़ करना में आपके लिए कॉफी लेकर आई हूँ आप पी लीजिए और इतना कहकर वो घूम गई।
में : आप मुझे माफ़ करना भाभी, मैंने यह बोलकर अपनी नज़रो को नीचे झुका लिया।
भाभी : कोई बात नहीं है, इस उम्र में यह सब होता है। Dost Ki Bhabhi
दोस्तों मुझसे यह बात कहकर वो मुझे एक शरारती स्माईल देकर चली गयी और में उन्हें घूर घूरकर देखता ही रहा।
दोस्तों में कॉफी पीकर अब भाभी के बारे में सोचने लगा था कि में कैसे भाभी को पटाकर चोदूँगा? और मैंने फिर से भाभी के नाम की मुठ मारी और अपने लंड को शांत किया, जो उनको सोच सोचकर फनफना रहा था और फिर दोपहर के खाने का टाईम हो गया तो हम सभी लोग एक साथ एक ही टेबल पर बैठकर खाना खा रहे थे। तभी राकेश भैया ने कहा कि कल रात उनको ऑफिस के काम से अचानक बाहर जाना है।
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दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर मन ही मन बहुत खुश हो गया था और फिर में सोचने लगा कि अब तो में कैसे भी करके भाभी की चुदाई करके ही रहूँगा और फिर हम सबने खाना खत्म किया और सब अपने अपने काम में व्यस्त हो गए और में सारा दिन और रात को भाभी को कैसे चोदा जाए यह बात सोचकर उनकी चुदाई प्लान बनाने लगा था और रात को में एक बार फिर से भाभी के नाम की मुठ मारकर सो गया।
अगले दिन जब में सोकर उठा.. Dost Ki Bhabhi
तो मुझे मेरे दोस्त ने नाश्ता करने के लिए बुला लिया और फिर हम सभी ने एक साथ बैठकर नाश्ता करना शुरू किए और अब में राकेश भैया के बोलने का इंतजार कर रहा था कि वो कब अपने कम्पनी के टूर के लिए निकल रहे है? तभी कुछ देर बाद में राकेश भैया ने बोला कि में अब चलता हूँ, मुझे अपने काम से बहुत दूर जाना है और में दूसरे दिन तक वापस आ जाऊंगा।
फिर में उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और में मन ही मन सोचने लगा कि अब तो मेरा भाभी को चोदने का सपना पूरा होने वाला है और फिर हम सबने नाश्ता खत्म किया और सभी लोग शाम को दीवाली की तैयारी में लग गये और में अपने दोस्त के साथ कंप्यूटर पर गेम खेलने लगा और अब में मन में सोचने लगा कि चुदाई को कब कैसे शुरू करना है? फिर कुछ घंटो के बाद शाम हो गई और बाहर सभी लोग पटाखे चलाने लगे और घर के सभी लोग तैयार होने लगे और फिर में भी तैयार हो गया। फिर में बेचैनी से अपने दोस्त और उसके परिवार का इंतज़ार करने लगा था और करीब दस मिनट इंतज़ार करने के बाद सभी अपने अपने रूम से बाहर निकलकर हॉल में आ गए और मेरा दोस्त एक कमरे में जाकर सभी पटाखे लेकर आ गया और हम सभी घर के ऊपर जाकर पटाखे चलाने लगे।
हमें पटाखे चलाते हुए करीब आधा घंटा हो गया था। Dost Ki Bhabhi
फिर मैंने धीरे से एक पटाखा जानबूझ कर अपने हाथ में फोड़ लिया और अब में थोड़ा सा नाटक करने लगा कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। तभी मेरा दर्द देखकर मेरे दोस्त की माँ बहुत परेशान हो गई और उन्होंने मेरे दोस्त को मुझे किसी डॉक्टर के पास ले जाने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया, क्योंकि उस समय उसके पड़ोसी दोस्त भी आए हुए थे और वो उनके साथ पटाखे चलाने में बहुत व्यस्त था और मेरे दोस्त की माँ उसकी एक पड़ोस की दोस्त के साथ थोड़ा व्यस्त थी और उसकी बहन उस समय अपने कमरे में बुखार आ जाने से सो रही थी तो अब बची उसकी भाभी तो मेरे दोस्त ने अपनी भाभी से कहा।
शेखर : प्लीज़ भाभी जी आप मेरे दोस्त को थोड़ी दवा लगा दीजिए ना प्लीज़ उसे बहुत दर्द हो रहा है।
दोस्तों उसने अपनी भाभी से मेरे लिए बहुत बार आग्रह किया.. Dost Ki Bhabhi
तब जाकर भाभी मान गई और अब हम दोनों मेरे रूम में नीचे चले गये और में थोड़ा ज्यादा नाटक करते हुए ज़ोर से चिल्लाने लगा कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। फिर उतने में भाभी जल्दी से मेरे बहुत पास आकर मुझसे बिल्कुल चिपककर बैठ गई और उफफफफ्फ़ वाह क्या बदन था उनका? जैसे वो मुझे पुकार पुकारकर कह रहा है कि अब जल्दी से मुझे चोद दो आकर। फिर भाभी मुझे दवाई लगाने लगी तो में भाभी के उभरे हुए एकदम गोल बड़े आकार के बूब्स को घूर घूरकर देखने लगा, जो कि 36 इंच के थे। भाभी ने उस समय अपने बिल्कुल गोरे बदन पर वो काले रंग की साड़ी उसी कलर के गहरे गले और पीछे से एकदम खुले हुए ब्लाउज के साथ पहनी हुई थी, जिसकी वजह से उनके आधे से ज्यादा बूब्स बाहर दिख रहे थे और उनकी गोरी नंगी कमर को देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे लंड को भाभी ने देख लिया।
तभी वो हल्का सा मेरी तरफ मुस्कुराकर कहा कि हो गया है, अब आप आराम करिये और वो मुझसे यह बात कहकर वहाँ से उठी और जाने के लिए पलट गई। फिर मैंने उन्हें तुरंत खड़े होकर पीछे से कसकर पकड़ लिए और उन्हें हग कर दिया तो भाभी मुझसे कहने लगी कि तुम यह क्या कर रहे हो, प्लीज छोड़ दो मुझे, कोई आ जाएगा? फिर मैंने उनसे कहा कि भाभी आप बहुत हॉट, सेक्सी हो और मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो, प्लीज मुझे एक बार आपको चोदना है। उनसे यह बात कहकर मैंने उनके एकदम गोल बड़े आकार के बूब्स को कसकर पकड़ लिया और अब में दोनों बूब्स को अपने पूरे ज़ोर से दबाने लगा और निचोड़ने लगा था।
फिर भाभी ज़ोर से चिल्लाने लगी और वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब छोड़ दो मुझे, तुम मेरे साथ यह क्या कर रहे हो? प्लीज छोड़ दो मुझे, लेकिन दोस्तों वहां पर उन्हें सुनने वाला कोई नहीं था, क्योंकि सभी लोग ऊपर छत पर थे और ऊपर से दीवाली के पटाखों की उस आवाज़ से कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था। अब में अपने एक हाथ से उनकी साड़ी के ऊपर से उनकी चूत को छूने लगा था और अपने दूसरे हाथ से उनके दोनों बूब्स को एक एक करके सहला रहा था और फिर कुछ देर उनकी चूत को सहलाने के बाद मैंने महसूस किया कि वो भी अब थोड़ा सा शांत हो गई थी और उन्होंने जोश में आकर मोन करने की आवाज निकालना शुरू कर दिया था आह्ह्हहह उउईईईईइ।
दोस्तों उसकी जोश से भरी वो आवाजे सुनकर मुझे भी अब उसकी चुदाई करने का ग्रीन सिग्नल मिल गया था और में मन ही मन बहुत खुश था।
अब में ज्यादा जोश में आकर उनके गदराए बदन को सहला रहा था। Dost Ki Bhabhi
फिर मैंने तुरंत उनको मेरी तरफ पलटकर दोबारा अपनी बाहों में भरकर में उनके होंठो पर किस करने लगा और वो भी अब गरम होकर धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी थी और फिर कुछ देर बाद वो मेरे मुहं में अपनी जीभ को डालने लगी थी और मेरी जीभ को चूसने लगी थी। फिर में उनको बेड पर लेटाकर धीरे धीरे से उनके बूब्स को दबाने मसलने लगा था, जिसकी वजह से उनको और मज़ा आने लगा था और वो ज़ोर ज़ोर से मोन करने लगी आहह्ह्ह्ह उूउऊँ उईईईईई उउफफफफफ्फ़। अब में धीरे से उनके ब्लाउज को उतारकर उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और साथ ही मैंने उनका एक हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया तो मेरे लंड को छूकर बहुत खुश हो गई और वो अब लंड को हाथ में लेकर मसलने लगी और सहलाने लगी।
अब में उनके बूब्स के निप्पल को चूसने निचोड़ने लगा, जिसकी वजह से वो और भी बेचैन हो गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि अमर अब और मत तड़पाओ मुझे चोद दो अभी के अभी में बहुत तड़प रही हूँ तुम्हारे लंड के लिए, कल जब मैंने पहली बार देखा था, में तब से में तुम्हारे लंड को लेने के लिए पागल सी हुई जा रही हूँ, प्लीज अब थोड़ा जल्दी करो वर्ना कोई नीचे आ जाएगा, जल्दी से मेरी चूत में तुम्हारा लंड डालकर मेरी चूत को तुम आज बिल्कुल शांत कर दो। दोस्तों उनके मुहं से यह शब्द सुनकर में बहुत चकित था, लेकिन फिर मैंने सोचा कि मुझे उससे क्या मतलब? और फिर यह शब्द सुनते ही मैंने उनके मुहं में अपना 6 इंच लंबा मोटा लंड डाल दिया। फिर वो बहुत आराम से लंड को चूसने लगी, वाह क्या मज़ा आ रहा था। दोस्तों मुझे ऐसा लग रहा था कि में अब जन्नत में हूँ और मुझे बहुत मज़ा आया, क्योंकि वो किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरे लंड को लोलीपोप समझकर चूस रही और करीब 5 मिनट चूसने के बाद वो थक़ गई और अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम मुझे अब और मत तड़पाओ, प्लीज तुम अब मुझे चोदो, मुझे यह बात कहकर उसने मुझे अपनी चूत की तरफ इशारा किया और अब में भी बिल्कुल तैयार हो गया और उनको चोदने के लिए और फिर जैसे ही मैंने अपने लंड का टोपा भाभी की गीली गरम चूत के मुहं पर रखा तो मुझे पता चल गया कि वो कितने जोश में है।
अब मैंने अपने लंड को चूत के अंदर धीरे से एक धक्का दे दिया.. Dost Ki Bhabhi
जिसकी वजह से मेरे लंड का टोपा उनकी चूत में चल गया और भाभी बहुत ज़ोर से चिल्ला गई, उईईईईईइइइ आह्ह्ह्हह्ह् अमर प्लीज इसे बाहर निकाल दो, में नहीं ले सकती तुम्हारा इतना मोटा लंड उफफ्फ्फ्फ़ माँ प्लीज मुझे बहुत दर्द हो रहा है और दोस्तों मुझसे यह कहते हुए मैंने देखा कि उनकी आँख से आँसू भी बाहर निकल गये थे। फिर मैंने उनके होंठो पर किस करते हुए धीरे से एक और जोरदार धक्का मार दिया और तब मेरा आधा लंड उनकी चूत के अंदर चले गया और भाभी उस असहनीए दर्द से चिल्ला उठी, लेकिन वो ज्यादा ज़ोर से नहीं चिल्ला सकती थी, क्योंकि मैंने अचानक से उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए थे और उनका मुहं दबा रखा था, लेकिन दोस्तों उनकी आँख से आँसू जिस तरह से निकल रहे थे, उनका दर्द मुझे पता चल रहा था। फिर मैंने एक और जोरदार धक्का देकर अपना पूरा का पूरा लंड चूत के अंदर डाल दिया था।
दोस्तों दर्द की वजह से उसने मेरी पीठ पर नाख़ून से नोच दिया और रोने लगी। फिर में कुछ देर वैसे ही लेटा रहा और फिर दो मिनट के बाद भाभी थोड़ा शांत हुई तो में उठकर अब धीरे धीरे धक्के देने लगा था और अब उनको भी मज़ा आने लगा और वो मोन करने लगी, उउफ़फ्फ़ आअहह आहहा आहह हाँ थोड़ा और ज़ोर से धक्का देकर चोदो मुझे मेरे राजा कहते हुए वो मेरे साथ साथ अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी और में उनके बूब्स को दबाते निचोड़ते हुए उनको 15 मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदता रहा। फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और फिर उसने तुरंत मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी। फिर दो मिनट चूसने के बाद मैंने उसके मुहं में ही अपना वीर्य निकाल दिया, जिसको उन्होंने पूरा का पूरा गटक लिया। उसके बाद मेरे लंड को चाट चाटकर साफ कर दिया और वो अपनी उस चुदाई से मुझे चेहरे से बिल्कुल संतुष्ट नजर आ रही थी और फिर हम दोनों करीब दस मिनट तक ऐसे एक दूसरे के उपर नंगे लेटे रहे। फिर उसके बाद हम लोग हटे और खड़े होकर तैयार हो गए। उसके बाद हम दोनों ऊपर जाकर पटाखे चलाने लगे और दोस्तों इस तरह से में और मेरे दोस्त की भाभी उस चुदाई से फ्री हो गए। उसके बाद से हम दोनों हर कभी जब भी हमे मौका मिलता तो हम कभी किस करते तो कभी हग करते तो में कभी वो जब किचन में अकेली होती तो में मौका देखकर उनको पीछे से पकड़ लेता और उनके बूब्स को दबाता और उनकी चूत को सहलाकर गरम कर देता तो कभी भाभी अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाती दबाती और में वहां पर पूरे पांच दिन रुका। तब तक हमारे बीच बस यही सब चलता रहा, लेकिन हम दोनों के ऊपर किसी ने कभी शक़ नहीं किया और पांच दिन के बाद में अपने घर पर वापस आ गया, लेकिन फिर भी में हमेशा उनके ही बारे में बहुत समय तक सोचता रहा और मुझे उनकी चुदाई आज भी बहुत अच्छी तरह से याद है, क्योंकि वो बहुत सेक्सी थी और उन्होंने मेरा हमेशा पूरा पूरा साथ दिया ।