मेरा नाम कुंदन है मैं जयपुर का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 30 वर्ष है। मैंने पुणे से एमबीए किया है लेकिन मैं अपनी नौकरी से बिल्कुल भी खुश नहीं था इसलिए मैंने सोचा कि क्यों ना कुछ और काम शुरू कर लिया जाए। मैंने अपनी नौकरी से रिजाइन दे दिया और उसके बाद मैं कुछ समय घर पर ही खाली बैठा हुआ था फिर मुझे उसी दौरान समझ आया कि मुझे अपने घर पर ही टिफिन सर्विस का काम खोलना चाहिए। desipapa sex
मैंने टिफिन सर्विस का काम खोल दिया। desipapa sex
मेरे घर के पास ही एक बहुत बड़ा कॉलेज है और उसमें काफी बच्चे पढ़ते हैं। मैंने जब अपना टिफिन सर्विस का काम खोला तो मुझे शुरू से ही अच्छा रिस्पांस मिलना शुरू हो गया। मैंने अपने घर के ऊपर वाले फ्लोर पर सिर्फ अपने टिफिन सर्विस के लिए ही सारी व्यवस्थाएं की थी। वहां पर जो मेरा खाना बनाते थे मैंने उनके लिए भी रहने की व्यवस्था की थी ताकि उन्हें भी कोई परेशानी ना हो।
मेरा काम भी अब अच्छा चलने लगा था। desipapa sex
मुझे पहले सब लोगों ने बहुत ही भला बुरा कहा। सब लोग मुझे कहने लगे कि तुम एमबीए करने के बाद क्या टिफिन सर्विस का काम करोगे। मेरे माता-पिता भी इस पक्ष में नहीं थे और मेरे बड़े भैया भी इस पक्ष में नहीं थे लेकिन मैंने उन्हें जैसे तैसे इस बात के लिए मनाया और उसके बाद ही वह लोग इस बात के लिए राजी हुए लेकिन अब मेरा काम अच्छा चलने लगा और मैं अच्छे पैसे कमाने लगा तो उन्हें भी इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी। वह लोग भी बहुत खुश थे। एक दिन मेरे भैया भी मुझे कहने लगे कि लगता है मुझे भी अब नौकरी छोड़कर तुम्हारे साथ ही काम करना पड़ेगा। मैंने उन्हें कहा भैया आप ऐसा रिस्क मत उठाइए। मैंने तो जोश में आकर यह काम कर लिया लेकिन यदि मेरा काम नहीं चलता तो आपको पता है सब लोग मुझ पर कितनी उंगली उठाते और मुझे कहते कि तुमने अपनी मर्जी की है लेकिन मेरा काम अच्छा चल पड़ा तो अब मुझे किसी चीज की कोई दिक्कत नहीं है।
मेरे भैया जोर से हंसने लगे और कहने लगे तुम यह बात तो बिल्कुल सही कह रहे हो यदि तुम्हारा काम अच्छा नहीं चलता तो सब लोग तुम पर उंगलियां उठाते और तुम्हें ही दोषी ठहराते। मेरे भैया का नेचर बहुत अच्छा है और वह बहुत ही अच्छे व्यक्ति हैं। मेरे भैया मुझसे दो वर्ष बड़े हैं लेकिन हम दोनों के बीच में एक अच्छा रिलेशन है। हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से समझते हैं। एक दिन हमारे पड़ोस के एक व्यक्ति मेरे पास आए मेरी उनसे इतनी ज्यादा मुलाकात नहीं थी लेकिन मैंने उन्हें अपनी कॉलोनी में देखा था। वह मुझे कहने लगे कि क्या आप ही कुंदन जी है।
मैंने उन्हें कहा हां मेरा ही नाम कुंदन है बताइए आपको क्या काम था। desipapa sex
वह मुझे कहने लगे कि क्या आपके पास समय है हम लोग कहीं बैठ सकते हैं। मैंने उन्हें कहा आप यहीं बैठ जाइए। मैंने उन्हें अपने घर के ऊपर वाले फ्लोर में ही बैठा दिया। वहां पर भी मैंने अपना एक छोटा सा ऑफिस बना रखा है। वह मेरे साथ बैठ गये और मुझे कहने लगे कि मैं आपके पड़ोस में ही रहता हूं। मैंने उन्हें कहा हां मैंने आपको एक दो बार देखा है। उन्होंने मुझे अपना परिचय दिया उनका नाम राजेश है। वह मुझे कहने लगे कि मैंने सुना है आप का काम अच्छा चल रहा है। मैंने उन्हें कहा हां बस चल ही रहा है दो वक्त की रोटी मैं निकाल ही लेता हूं। वह बहुत खुश हो गया और कहने लगे कि आप यह किस प्रकार की बात कर रहे हैं। मैंने सुना है आपका काम बहुत अच्छा चल रहा है। मैंने उन्हें कहा हां बस आप बताइए कैसे आना हुआ।
वह मुझे कहने लगे कि मुझे आपके साथ काम शुरू करना है। desipapa sex
मैंने एक जगह टिफिन सर्विस खोलने की सोची है यदि आप मेरी मदद कर दे तो मेरा काम भी चल पड़ेगा। उन्होंने मुझे यह ऑफर भी दिया कि उसमें हम दोनों पाटनर होंगे। मैंने भी झट से उनकी बात मान ली क्योंकि यह सौदा मेरे लिए अच्छा था। मैं उनके साथ एक दिन उस लोकेशन पर चला गया वहां पर भी काफी सारे इंस्टिट्यूट हैं। जब मैं वहां गया तो मैंने उन्हें कहा कि यहां पर तो आपका काम अच्छा चल सकता है। वह कहने लगे इसीलिए तो मैं आपके पास आया था।
अब उन्होंने मेरे साथ काम करने की सोच ली थी तो उन्होंने ही पूरा काम शुरू करवा कर मुझे दे दिया। मैं उनके काम को संभालने लगा और कभी-कबार वह भी काम देखने के लिए आ जाते थे। मैं उन्हें समय पर उनका हिस्सा दे देता था जिससे कि वह भी खुश हो जाते थे। धीरे धीरे काम भी अच्छा चलने लगा और मेरा काम दोनों जगह ही अच्छा चल रहा था। मेरी भी राजेश जी से अप अच्छी दोस्ती होने लगी थी और उनके घर से मैं भी परिचित होने लगा। एक दिन वह मुझे अपने घर पर भी ले गए थे उनके घर में उनकी बूढ़ी मां। उनकी पत्नी और उनके दो बच्चे हैं।
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वह लोग भी बहुत अच्छे हैं। desipapa sex
मैं भी अपना काम मन लगाकर कर रहा था। मेरे माता-पिता बहुत खुश हैं और वह मुझे कुछ भी नहीं कहते। मैं भी जब उनके चेहरे पर खुशी देखता हूं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। मेरी मुलाकात अक्सर राजेश जी से होती रहती एक दिन वह कहने लगे काम कैसा चल रहा है। मैंने उन्हें कहा काम तो अच्छा चल रहा है आप सुनाइए। घर में तो सब ठीक हैं। उस दिन वह बहुत खुश नजर आ रहे थे। मैंने उन्हें पूछा आज आप कुछ ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं। वह मुझे कहने लगे छोड़ो आपसे क्या बताना। मैंने उन्हें जिद करते हुए कहा आपके चेहरे की लालिमा बता रही है कि आपके हाथ कोई सोने की चिडियां लग गई है।
वह मुझे कहने लगे नहीं सोने की चिड़िया तो नहीं लगी है लेकिन मेरे हाथ एक भाभी लग गई है और वह बड़ी ही माल है। उन्होंने मुझे कहा यदि तुम्हें भी उसका रसपान करना है तो तुम मुझे बता दो मैं तुम्हें उसके पास ले चलूंगा। मैंने भी सोचा कि चलो मैं भी मजे ले ही लू जब राजेश जी कह रहे हैं तो अच्छा ही होगा। वह मुझे उस भाभी के पास ले गए उनका नाम बबीता था। जब मैं उनके घर पर गया तो मैं उनके बदन को देखकर बहुत खुश हो गया। वह एक नंबर की माल थी उनकी गांड और उनके स्तन इतने उठे हुए थे कि उससे प्रतीत हो रहा था कि उनके बदन का जाम कितने लोगों ने पिया हैं। मैंने भी देर नहीं की मै उन्हें कमरे में ले गया। राजेश जी बाहर सोफे पर बैठे हुए थे वह मेरा इंतजार कर रहे थे।
मैंने जब उनके कपड़े खोले तो उनके स्तनों का साइज 36 था। desipapa sex
मैंने उनकी गांड पर जब हाथ लगाया तो उनकी गांड भी 38 नंबर की थी। मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया। मैंने अपने लंड को उनके मुंह के अंदर डाल दिया। बबीता भाभी ने भी मेरे लंड को अपने मुंह में ऐसे लिया जैसे कि उनके लिए मामूली सी बात हो हालांकि मेरा लंड 9 इंच बड़ा है लेकिन उसके बावजूद वह मेरे पूरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी। उन्होंने मुझे उस दिन सकिंग के बड़े मजे दिए। मैंने भी जब उनकी चूत को चाटना शुरू किया तो उनकी चूत से जो तरल पदार्थ बाहर निकल रहा था।
वह मैं अपनी जीभ से चाट कर साफ कर देता। जब वह भी पूरे मूड में हो गई तो मैंने जब अपने लंड को उनकी योनि में डाला तो मेरा लंड बड़ी तेजी से उनकी चूत में चला गया। मैंने अपने लंड को उनकी योनि के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और काफी समय तक मैं उनके साथ संभोग करता रहा। जब मेरा वीर्य गिरने वाला था तो मैंने बबीता भाभी से कहा मेरे लंड को अपने मुंह में ले लीजिए। उन्होंने मेरे लंड को मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू कर दिया। वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को मुंह में लेकर चूस रही थी।
उन्होंने अपने मुंह मे वीर्य को समा लिया। desipapa sex
मैंने जब उनकी गांड पर हाथ लगाया तो उन्होंने अपनी गांड मेरी तरफ कर दी। वह अपनी गांड मरवाने के लिए उतावली हो गई। मैंने भी अपने लंड को उनकी गांड के अंदर डाल दिया। मेरा लंड जैसे ही गांड के अंदर गया तो वह पूरे मूड में हो गई और अपनी गांड को मुझसे टकराने लगी। मैं बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था मैंने इतनी तेजी से उन्हें धक्के मारे कि मेरा वीर्य जैसे ही उनकी गांड के अंदर गिरा तो वह खुश हो गई और कहने लगी मुझे तुम्हारे साथ आज मजा आ गया।