यह बात फरवरी माह की है. मैं मम्मी के पीछे पीछे चल रहा था, चारों तरफ गहरी ओर बड़ी बड़ी सरसों खड़ी थी जिसमें से आदमी ऊपर हाथ करे तो भी नहीं दिखता था, इतनी बड़ी बड़ी सरसों थी.
दोपहर करीब 1 बजे का समय था, हम चले जा रहे थे. मुझे कभी कभी डर भी लगता कि कोई जानवर नहीं आ जाए. लेकिन मम्मी मेरा हौसला बढ़ातीं और हम चले जा रहे थे.
हम करीब तीन चार किमी चले होंगे कि अचानक ही तीन आदमी एक डोल पर बैठे थे, जिन्हें देख कर मम्मी भी एकदम ठिठक गईं और रूक गईं.
मैं भी डर गया, उनकी नजरें हमारे पर पड़ चुकी थीं और वो भी एकदम अवाक से रह गए. मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ा और वापस मुड़ने को कहा तो वो तीनों हमारे पास आ गए और हमसे पूछा कि हमें कहां जाना है.
लेकिन मम्मी कुछ नहीं बोलीं. savita bhabhi sex stories
उनमें से एक मम्मी के सामने आ गया और बोला कि हमने आपसे पूछा कि आप कहां जा रहे हैं लेकिन आपने कोई जवाब नहीं दिया.
तो मम्मी थोड़ा साहस करके बोलीं कि हम कहीं भी जाएं, आपको क्या मतलब है.
उसने मम्मी का एक हाथ पकड़ लिया और बोला- हमें सब मतलब है.. अगर नहीं बताओगी तो..
ये कहकर उसने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और बोला- देख कितना प्यारा बच्चा है.
फिर मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ कर उसकी गोद से छुड़ाना चाहा लेकिन उससे नहीं छुड़ा सकीं.
मम्मी उनके तेवर समझ गई थीं, मम्मी बोलीं- हम तो पास के गांव जा रहे हैं.
तो उनमें से एक बोला- साली, अब तो लाईन पर आई.
मम्मी बोलीं- अब तो मेरे बच्चे को छोड़ो, हमें आगे जाना है. antarwasna
वह बोला- मेरी रानी चली जाना.. हमें तुम्हें रोक कर क्या करना है, लेकिन आज कितने दिनों के बाद तो दिखी हो, आज तो दे ही दो! बहुत मजा आता है तेरे साथ! एक मौका मिला है और यह भी बेकार चला गया तो क्या फायदा.
मम्मी ने कहने लगीं- यार मोहन, अभी जाने दो, जरूरी काम से जाना है, दो चार दिन बाद का प्रोग्राम सेट कर लेते हैं…
लेकिन वो कहां मानने वाला था, मोहन बोला- मैं मान भी जाऊं तो ये भोला और शमशेर कहाँ मानेंगे, ये तो मुझसे कई बार कह चुके हैं तेरे लिए, आज इनको अपनी दिखा ही दे!
तभी एक ने इशारा किया कि इसे खेत के अन्दर ले चलो तो उसने मम्मी को हाथ पकड़ लिया और खेत के अन्दर ले जाने लगा. लेकिन मम्मी ने विरोध करते हुए कहा- आज नहीं, मुझे देर हो जाएगी… और मेरा बेटा भी देख रहा है.
एक ने मम्मी को बांहों में जकड़ लिया और एक ने मुझे अपनी गोद में ले रखा था. वो हमें एक खेत के बीच में ले गए, जहां पर एक बड़ा भारी सा खेजड़ी का पेड़ था, उस पेड़ के नीचे काफी दूर तक सरसों नहीं थी. hindisexstory
वहां पहुँच कर वो तो साले लग गए अपने काम में. मैं बहुत घबरा रहा था कि ये क्या हो रहा है.
तभी मोहन ने मम्मी की साड़ी खोल डाली और पेटीकोट जांघों तक ऊपर सरका कर हाथ फिराते हुए बोला- वाह भोले, तेरी आज तो हमारी किस्मत चमक गई, वैसे भी मुझे इस साली की चूत मारे कई महीने हो गए हैं.
उसने एक एक करके सारे कपड़े उतार कर मम्मी को बिल्कुल नंगी कर दिया.
भोला आगे आया और मम्मी की जांघों के बीच देख कर बावला सा हो गया और बोला- वाह मेरी रानी, क्या माल छुपा रखा है.
मैंने भी देखा कि मम्मी की चूत पर आज एक भी बाल नहीं था, एकदम सफाचट चूत थी. अब मैं समझ गया था कि कल वो बालों का गुच्छा कैसा था.
भोला मम्मी की छोटी छोटी पर टाइट चूचियों को मसल रहा था. तभी तीसरा आदमी जो शमशेर होगा, मम्मी के नाभि के नीचे के टांकों के निशान देख कर बोला- वाह यार, यह तो कुंवारी चूत के बराबर है, इसका तो बच्चा भी आपरेशन से हुआ है.
सच कहूँ तो यह बात मुझे भी आज तक पता नहीं थी कि मैं मम्मी की चूत से नहीं निकला हूँ.
आखिर मम्मी भी उनसे कब तक मुकाबला करतीं. उन्होंने हार मान ली और शांत हो गईं.
मैं तो डर के मारे चुपचाप सब देख रहा था. वो काफी देर तक मम्मी को चूमते मसलते रहे. मैंने देखा कि अब एक आदमी ने आकर मम्मी के पैरों को चौड़ा करके उनके बीच आकर चूत को सहलाने लगा और ‘वाह वाह..’ करने लगा
मैंने देखा कि मम्मी जितनी गोरे रंग की हैं उतनी चूत गोरी नहीं थी. उनकी चूत की फांकें हल्की हल्की काली सी थीं. कोई मम्मी के गाल चूम रहा था, कोई चूचियां मसल रहा था, तो एक हरामी चूत को मसल रहा था.
करीब दस मिनट के बाद वो सब भी नंगे हो गए तो मैं तो उन्हें देख कर दंग रह गया. सालों के क्या गजब लंड थे, एक से बढ़कर एक.. ये देख कर तो मम्मी भी गिड़गिड़ाने लगीं- हाय राम मैं तो मर जाऊंगी.. तुम्हारे तो बहुत मोटे लंड हैं. antarwasna
मम्मी के मुँह से लंड सुन कर तो उनको और भी जोश आ गया. desixnxx
फिर वो आपस में बातें करने लगे. भोला बोला कि यार मैं तो पहले इससे लंड चुसवाऊँगा और आगे आकर मम्मी के मुँह पर अपना लंड रखने लगा. उसका नाम रतन था.