हमलोगों ने नाश्ता किया और 7 बजे तक मैं निकलने के लिए तैयार हो गई एग्जाम देने के लिए। मैंने शिवांश को बाय कहा, और बोला कि 11.30 तक आ जाऊंगी मै। उसने कहा ठीक है दीदी बेस्ट ऑफ लक बाय।
एग्जाम सेंटर पहुंच कर मैंने एग्जाम दिया एग्जाम काफी अच्छा हुआ था। अब मैं लौटते हुए सोच रही थी कि बलिया वापस चली जाऊं या यही रुकूँ। मैंने सोचा हफ्ते भर की तैयारी से आई थी फिर इतने जल्दी वापस जाना खल जाएगा , और फिर नॉर्मली एक बात आई मन मे जो हर लड़की के मन मे आती ही है, मैने सोचा शिवांश के साथ कुछ दिन अकेले ठीक रहेगा या नही फिर सोचा दिक्कत भी क्या है , शिवांश भोला सा तो है क्यूट सा छोटे भाई की तरह, अगर उसके मन मे कुछ गलत होता तो कल रात ही पता लग जाता, उसके साथ ही एक कमरे में सोई थी।
अंततः मैंने फैसला कर लिया कि हफ्ते भर रुकती हूँ। फिर जाऊंगी हफ्ते भर बाद रुचिका दीदी से भी मिलना हो जएगा। मैंने रुचिका दीदी को फोन मिलाया और उनको बताया कि मैं आपके यहाँ आई थी मेरा पेपर था, सोचा था हफ्ते भर छुट्टी आपके साथ बिताऊंगी पर आपलोग है ही नही,
दीदी बोली अब क्या करोगी?
मैने कहा हफ्ते भर के लिए समान लाई थी बैग भारी है मेरा, जाऊँगी तो खलेगा।
दीदी ने कहा तुम्हारी मर्ज़ी रुकना हो तो रुको अगले सोमवार को मैं आऊंगी, नही तो चाहो चली जाना बलिया।
मैने कहा नही नही मैं रुकूँगी आपसे मिले बिना नही जाऊंगी बहुत दिन हो गए हैं मिले।
दीदी ने कहा ठीक है मिलने का मन तो मेरा भी है बहुत।
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मैने कहा अच्छा दीदी ठीक है ,
दीदी को बाय बोला और फोन रख दिया।
मैं घर पहुँची घंटी बजाई शिवांश ने गेट खोला, उसने पूछा पेपर कैसा हुआ?
मैंने कहा अच्छा हुआ।
उसने मुझे पानी दिया और पूछा तो क्या सोंचा अपने? रुकेंगी या जाएंगी?
मैने कहा रुकूँगी दीदी से मिल कर ही जाऊंगी। और तुम्हारे गाने सुनूँगी।
मैने कुछ देर आराम करने के बाद शिवांश से कहा कुछ बना देती हूं बताओ क्या खाओगे? शिवांश ने कहा दाल चावल तो मैंने बना दी है बस रोटी बनानी है और सब्जी। मैने कहा अच्छा मैं बना देती हूँ। मैने खाना बनाया फिर अपने लिए और शिवांश के लिए खाना निकाला और हमने खाना खाया।
खाने के बाद मैंने शिवांश से गाना सुनाने को कहा उसने पहले मुझे शास्त्रीय संगीत सुनाया, वो बहुत ही अच्छा गाता है, फिर उसने मुझे गिटार पर गाना सुनाया मै सुन कर बड़ी खुश हो गई। उसकी आवाज़ बहुत ही ज्यादा अच्छी थी मै तो उसकी फैन हो गई उसके गिटार बजाने और गाना गाने के तरीके से।
मेरा मन उसके लिए अजीब सा हो गया मन मे आया कि अगर वो छोटा न होता मुझसे तो उसे प्रपोज़ कर देती। पर अपने आपको सम्हाला और उसकी बहुत तारीफ की मैने। उससे पहले मेरे मन मे किसी के लिए ऐसे विचार नही आये थे। उसका चेहरा मासूम और क्यूट था ऊपर से उसके गाने की कला से मैं पूरी तरह उसकी कायल हो गई थी।
शाम को मैंने tv चलाई मूवी चैनल पर रॉकस्टार मूवी आ रही थी, मैं उसे ही देखने लगी शिवांश भी देखने लगा, उस फिल्म में मेरा इंटरेस्ट बढ़ गया क्योकि मैंने शिवांश को गिटार पर गाना गेट हुए देखा था । 9 बजे फ़िल्म खत्म हुई मैने खाना बनाया और शिवांश के साथ खाना खाया, रात के 11 बज गए थे और फिर हम सोने के लिए चले गए।
मैं लोअर और अपनी ढीली ढाली टी-शर्ट पहन कर सो रही थी। रात में करीब 1 बजे मुझे अपने पेट पर किसी का हाथ महसूस हुआ, मैंने आँख खोली तो देखा शिवांश मेरे तख्त पर बगल में लेटा था और उसी ने मेरे पेट पर हाथ रखा हुआ है ।
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मेरी टी-शर्ट सोते समय ऊपर हो गई थी जिससे मेरा पेट खुल गया था, उसने मेरे खुले पेट पर हाथ रखा हुआ था । मैंने उसका हाथ अपने पेट से हटा दिया, मैने सोचा नींद में इधर आ गया होगा गलती से। मैने अपना टीशर्ट सही किया और शिवांश की ओर पीठ कर के करवट बदल ली। लगभग 10 मिनट बाद मुझे फिर से नींद लगी ही थी कि अचानक मैंने महसूस किया कि मेरी टीशर्ट में अंदर किसी का हाथ आ गया है।
मेरी नींद बिल्कुल टूट गई। पर मैने कोई हरकत नही की बस वैसे ही लेटी रही, शिवांश ने मेरी कमर पर टीशर्ट के अंदर हाथ रखा हुआ था, कुछ देर बाद वो मेरे पेट तक हाथ ले आया और मेरे पेट को धीरे से सहलाने लगा, मैं अब सोचने लगी कि ये क्या हो रहा है,
तभी वो मेरे बिल्कुल पास में आ कर चिपक गया और उसका लिंग मेरे दोनों नितंबों की दरार में छूने लगा और उसका हाथ तेजी से हरकत करने लगा टीशर्ट के अंदर उसने मुझे अपनी ओर खींचा और मरे कंधे पर पीछे से किस किया। मैं झट से उठ गई उसके हाथ को झटक दिया।
मैने कहा ये सब क्या कर रहे हो शिवांश? अपने बिस्तर पर जाओ, मेरे बिस्तर पर क्या कर रहे हो।
उसने मासूमियत से कहा दीदी मैने आपका पेट खुला देखा तो मेरा मन होने लगा ये सब करने का। दीदी प्लीज मुझे एक बार करने दो।
मैने उससे तेज़ आवाज़ में कहा क्या करने दूँ? तुम्हारा दिमाक तो ठीक है ना? उसने कहा दीदी मुझे आपको बस नंगा देखना है और आपके साथ सोना है। मैने कहा पागल हो तुम मैं तुम्हारी दीदी की तरह हूँ। मैं तुमको कितना सीधा समझती थी और तुम ये सब क्या बात कर रहे हो?
वो बोला दीदी आप मुझे गलत मत समझिए मैं क्या करूँ मेरा आपको देख कर बहुत मन हो रहा है प्लीज, मेरे अंदर बहुत अजीब सा हो रहा है, मैं सो नहीं पाऊंगा ऐसे, प्लीज दीदी मेरी इच्छा एक बार पूरी कर दीजिए। वो रोने लगा और जोर से सांसे लेने लगा जैसे उसकी तबियत खराब हो रही हो, और बोल रहा था प्लीज दीदी करने दो मुझे।
मैंने कहा तुम पहले आराम से बैठ जाओ, तुम्हारे लिए पानी लेकर आती हूँ। मुझे उस पर दया आ रही थी, वो क्यूट सा लड़का बहुत ज्यादा परेशान था। मैन उसे पानी दिया और उसके पास बैठ गई , और बोली तुम ये सब क्या बोल रहे हो? होश में आओ। उसने कहा दीदी मुझे आपके साथ करना है वो सब प्लीज आप करने दो न।
मैने उससे प्यार से पूछा तुमको क्या करना है मेरे साथ? उसने कहा दीदी हमको आपके स्तनों को चुना है उसे पीना है, आपको चूमना है आपको नंगा देखना है आपके साथ सोना है। मैने कहा नही शिवांश ये सब गलत बात है ये अच्छे बच्चों की पहचान नही होती तुम तो अच्छे हो न? उसने कहा दीदी हमको इस समय कुछ नही मालूम मैं अंदर से बहुत तकलीफ में हूँ और इस वक़्त ये तकलीफ आप ही दूर कर सकती हैं। नही तो मैं मर जाऊंगा, उसकी हालत देख कर मैं डर गई थी।
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मैने उससे कहा देखो मैं नंगी तो नही होउंगी, पर तुम्हारी हालात बहुत खराब लग रही है मुझे,मैं करूँ तो क्या करूँ? उसने कहा दीदी प्लीज यहाँ घर पर कोई नही है किसी को कुछ पता नही चलेगा मैं अपने बीच की कोई बात किसी को भी नही बोलूंगा। मैन कहा ये सब
गलत बात है, उसने कहा कुछ गलत नही है अगर किसी को पता ही न चले तो, आप चिंता मत करो कुछ नही होगा गलत, प्लीज आप मान जाओ वरना मैं बहुत परेशान हो जाऊंगा ।
उसकी बेचैनी देख कर मैं डर गई थी कही वो उल्टा सिधा न कर ले अपने साथ। मैन उससे कहा, देखो तुमको जो भी करना है ऐसे ही कर लो मैं नंगी नही होउंगी। उसने कहा दीदी हो जाओ न, मैने कहा नही ऐसे करना हो कपड़े के ऊपर से तो कर लो, नंगी नही होउंगी मै। उसने कहा ठीक है। उसने मेरे गाल पर चुम्बन लिया और होठो पर भी चुम्बन करने लगा उसने मेरे होंठो को अपने मुँह में भर लिया और मुझे लिटा दिया बेड पर , और मेरे 36” के स्तनों को टीशर्ट के ऊपर से ही जोर जोर से दबाने लगा मैंने आह की आवाज़ की वो बिल्कुल मेरे ऊपर आ गया था और टीशर्ट के गले को फैला कर मेरे दोनों कंधों पर चूमने लगा।