Voyeur Sex Stories (कोई देख रहा है) - Antarvasna XXX Kahani https://sexstories.one/category/voyeur-sex-stories/ Hindipornstories.org Sat, 29 Jan 2022 07:28:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे https://sexstories.one/tum-meri-bur-chodo/ Sat, 29 Jan 2022 07:28:00 +0000 https://sexstories.one/?p=4534 उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा...

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Meri bur Chodo  मेरा दोस्त एक बार मुझे अपने घर लेकर जाता है मैं जयपुर का रहने वाला हूं मेरे दोस्त गौरव का घर अजमेर में है। गौरव मुझसे कहता है की तुम कुछ दिनों के लिए मेरे साथ अजमेर चलो, गौरव और मैं एक साथ एक ही कंपनी में नौकरी करते हैं। गौरव की बात को मैं मना ना कर सका और उसके साथ मैं उसके घर अजमेर चला गया, मैं जब उसके घर गया तो मैंने देखा उसके परिवार में काफी लोग हैं उसका परिवार काफी बड़ा था मैंने गौरव से कहा तुम्हारा परिवार तो बहुत बड़ा है, गौरव कहने लगा हां हम सब लोग एक साथ रहते हैं और हमारे परिवार में कभी भी कोई झगड़ा नहीं होता सब लोग मिलजुल कर एक दूसरे का पूरा साथ देते हैं।

गौरव के पिताजी का व्यवहार भी मुझे बहुत अच्छा लगा और उनके साथ मैं जब भी बात करता तो मुझे अपने पिताजी की याद आ जाती मैं उन्हें कहता कि मैं जब भी आपसे बात करता हूं तो मुझे अपने पिताजी की याद आ जाती है, वह कहने लगे कि बेटा मैं भी तुम्हारे पिताजी की उम्र का हूं और तुम्हें जब भी मेरी जरूरत हो तो तुम मुझे कहना क्योंकि मेरे पिताजी का देहांत कुछ वर्ष पहले हो चुका था और उसके पिताजी मुझे उसी तरीके से समझते थे जिस प्रकार से मेरे पिताजी मुझे समझाया करते थे।

मैं उसके घर पर 4 दिन रहा लेकिन इन 4 दिनों में मुझे ऐसा लगा कि जैसे वह मेरा ही घर हो,  मुझे बहुत अच्छा लगता है जब भी गौरव और मैं साथ में होते हैं, गौरव मुझे हमेशा कहता कि राज तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो और जब से मेरी दोस्ती तुमसे हुई है तुमने मुझे कभी भी कोई परेशानी नहीं आने दी, हम लोग जब अजमेर से वापस लौट रहे थे तो बस में ही मुझे एक लड़की दिखी शायद वह भी जयपुर जा रही थी वह हमारे सामने वाली सीट में बैठी हुई थी मैं उसे ही देखे जा रहा था और मैं उसे बड़े ही ध्यान से देखता लेकिन जब वह अपनी बड़ी बड़ी आंखों से मेरी तरफ देखती तो मैं अपनी नजर झुका लेता, मैंने गौरव के कान में कहा यार यह लड़की मुझे बहुत पसंद आ रही है क्या इससे मेरी बात हो सकती है, गौरव मुझे कहने लगा राज तुम एक काम करो उस लड़की को एक चिट्ठी लिखो, मैंने उसे कहा तुम्हारा दिमाग सही है आजकल के जमाने में भला कौन चिट्ठी देता है, वह मुझे कहने लगा तुम ऐसा करो तो सही।

मैंने भी एक पेपर में अपना नाम और उस लड़की के बारे में थोड़ा बहुत लिखा जिससे कि वह लड़की प्रभावित हो सके और मैंने वह पेपर उसकी तरफ फेंक दिया उसने जब वह पेपर खोल कर देखा तो वह मुस्कुराने लगी, मुझे कहां पता था कि वह भी मुझे अपना नंबर दे देगी उसने उसी पेपर के पीछे अपना नंबर लिख कर मेरी तरफ फेंक दिया मुझे जब उसका नंबर मिला तो मैं बहुत खुश हो गया मैंने गौरव से कहा यार तुम्हारा तो कोई जवाब ही नहीं है क्योंकि वह लड़की अपने पिताजी के साथ बैठी हुई थी इसलिए उस वक्त तो उससे बात नहीं हो सकती थी परंतु जब हम लोग जयपुर पहुंच गए तो मैंने अपने घर से उसे फोन किया और उसका नाम पूछा, उसका नाम कविता है।

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मैंने कविता से पूछा तुम क्या करती हो तो वह कहने लगी कि मैं फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही हूं और हम दोनों एक दूसरे से घंटों बात किया करते हैं लेकिन मै कविता से मिल नहीं पाया था और उससे मिलने के बारे में एक दिन मैंने सोची, मैंने गौरव से कहा यार आज मैंने कविता से मिलने की सोची है क्या तुम मेरे साथ चलोगे, गौरव कहने लगा क्यों नहीं उस दिन हमारे ऑफिस की छुट्टी भी थी और हम दोनों अच्छे से बन ठन कर कविता से मिलने के लिए चले गए जब हम दोनों कविता से मिलने गए तो कविता के साथ उसकी एक सहेली भी आई हुई थी और हम लोग जिस जगह बैठे हुए थे वहां पर हम लोग एक दूसरे को देखते रहे मैंने सोचा कि पहले कविता कुछ कहे लेकिन 5 मिनट तक तो हम लोग कुछ भी बात नहीं कर पाए, तब गौरव ने कहा कि तुम लोग तो बिल्कुल ही चुप हो गए क्या एक दूसरे से कोई बात नहीं करोगे? तब जाकर कविता ने मुझसे बात की कविता मुझसे कहने लगी मुझे तुमसे बात करने में थोड़ा अजीब लग रहा है, मैंने कविता से कहा मुझे भी काफी अजीब लग रहा है क्योंकि मैं पहली बार किसी लड़की से बात कर रहा हूं।

अब हम लोगों की बातें शुरू हो चुकी थी और हम सब लोग एक दूसरे की बातों में इतने खो हो गए कि समय का पता ही नहीं चला उस दिन हम लोगों ने एक साथ 4 घंटे साथ में बिताए लेकिन मुझे लगा कि शायद 4 घंटे भी कम है जब गौरव और मैं वापस लौटे तो मैंने कहा यार आज तुम्हारी वजह से मैं कविता से बात कर पाया, गौरव मुझे कहने लगा राज मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं और उसके बाद कविता और मैं एक दूसरे से मिलने लगे, हम दोनों जब एक दूसरे से मिलते तो एक दूसरे को जरूर कोई ना कोई गिफ्ट दिया करते एक दिन मुझे कविता का फोन आया और कहने लगी कि मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली जा रही हूं शायद तुम से मेरी बात ना हो पाए, मैंने कविता से पूछा लेकिन तुम दिल्ली से कब लौटोगी तो कविता कहने लगी कि मैं दिल्ली से एक महीने बाद आऊंगी।

मैंने सोचा कि चलो आज रात मैं कविता से बात कर सकता हूं, मैंने कहा चलो ठीक है हम लोग एक महीने तक बात नहीं करेंगे लेकिन आज पूरी रात मैं तुमसे बात करना चाहता हूं, कविता कहने लगी ठीक है, उस दिन वह चोरी छुपे मुझसे फोन पर बात करने लगी मैंने उससे लगभग सुबह के 4:00 बजे तक बात की और जब मेरी आंख लगी तो मुझे भी पता नहीं चला कि समय क्या हो गया है उस दिन मैं ऑफिस भी नहीं जा पाया क्योंकि 4:00 बजे जब मैं सोया तो मेरी आंखें नहीं खुली जब मैंने अपने फोन को देखा तो मेरे फोन पर गौरव ने 20 बार कॉल किया हुआ था।

मैंने गौरव को कॉल बैक किया और कहा कि आज तो मैं ऑफिस नहीं आ सकता मैंने गौरव को सारी बात बताई गौरव कहने लगा चलो कोई बात नहीं तुम आज आराम करो और मैं उस दिन घर पर ही था लेकिन मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी मेरा मन कविता से बात करने का होने लगा परंतु उससे मेरी बात हो ही नहीं सकती थी और इसी वजह से मुझे टेंशन होने लगी, मैंने जब गौरव को यह बात बताई तो गौरव कहने लगा चलो कोई बात नहीं एक महीने तो ऐसे ही कट जाएगा तुम्हें कुछ पता भी नहीं चलेगा लेकिन मेरा मन तो सिर्फ कविता से बात करने का था और कविता और मेरी सिर्फ मैसेज के द्वारा ही बात हो पाती, कविता मुझसे सिर्फ इतना ही कहती कि मैं ठीक हूं इससे ज्यादा मेरी उससे बात ही नहीं हो पाती, मैंने कविता से कहा कि मैं तुम्हें बहुत मिस कर रहा हूं और तुमसे फोन पर बात करना चाहता हूं लेकिन कविता ने रिप्लाई किया कि अभी यह संभव नहीं हो पाएगा।

मैं हमेशा सोचता कि कब एक महीना कटेगा, धीरे-धीरे समय भी कटता गया और एक दिन मुझे कविता का फोन आया जिस दिन मुझे कविता का फोन आया मैंने उसे कहा कि मुझे तुमसे आज मिलना है, कविता कहने लगी कि आज तो मैं नहीं मिल पाऊंगी क्योंकि आज ही मैं दिल्ली से लौटी हूं कल हम लोग मिल लेते हैं, मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुमसे कल मुलाकात करता हूं, रात भर मैं कविता से बात करता रहा और उसे मैंने बताया कि मैंने उसका इंतजार कितनी बेसब्री से किया। मैं जब अगले ही दिन कविता को मिला तो मैंने उसे देखते ही गले लगा लिया। वह मेरे साथ मेरे घर पर आई हुई थी मैंने कविता के होठों को भी चूमना शुरू किया।

उसके गालों पर मैंने किस किया तो वह मुझे कहने लगी तुम यह सब क्या कर रहे हो मैंने उसे कहा मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रहा था और इतने दिनों से मैं तुमसे बात नहीं कर पाया तुम्हें पता है मैंने तुम्हें कितना मिस किया। वह कहने लगी मुझे भी मालूम है मैंने भी तुम्हें बहुत मिस किया लेकिन इस बीच मेरी तुमसे बात ही नहीं हो पाई। कविता और मैं एक दूसरे के होठों को चूमते रहे हम दोनों के अंदर गर्मी बढ़ने लगी। मैंने कविता के स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरु किया और कविता के सलवार के अंदर जब मैंने अपने हाथ को डाला तो उसकी चूत को मैं अपने हाथों से सहलाने लगा। उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। जब मैंने उसकी चूत को चाटा तो उसे भी बहुत अच्छा महसूस होता, काफी देर तक मैंने उसकी कोमल चूत के मजे लिए। मैंने कविता से कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो, उसे मेरे लंड को अपने मुंह मे लेने मे कोई आपत्ति नहीं जताई और अपने मुंह में ले लिया।

वह लंड को संकिग करने लगी काफी देर तक तो वह मेरे लंड को चुसती रही, मेरे लंड ने भी पूरा पानी बाहर की तरफ को छोड़ना शुरू किया था। मैंने कविता की चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया, जैसे ही मेरा मोटा लंड कविता की चूत में प्रवेश हुआ तो वह चिल्लाते हुए मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है। वह अपने दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए मुझे कहने लगी मेरी चूत को मजा आने लगा है। उसकी चूत से खून निकलने लगा, मैंने उसे कहा तुमने जैसे पहले कभी सेक्स नहीं किया। वह कहने लगी मैंने पहले कभी भी सेक्स नहीं किया, मैं और कविता एक दूसरे के साथ काफी देर तक सेक्स करते रहे, जब मेरा वीर्य मैंने कविता की योनि में गिराया तो वह मुझे कहने लगी मुझे कोई कपड़ा दे दो। मैंने उसे कपड़ा दिया उसने अपनी चूत को अच्छे से साफ किया और उसने अपने कपड़े पहन लिए। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश थे उसके बाद भी कविता और मेरी हमेशा बात होती रहती। जब भी कविता मुझे फोन करती तो मैं उसे कहता तुम मुझसे मिलने आ जाओ लेकिन वह मुझसे मिलने नहीं आती।

वह कहती यदि मैं तुमसे मिलने आऊंगा तो तुम मेरी चूत मारोगे लेकिन फिर भी मैं उसे अपने पास बुला ही लेता।

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तारक मेहता में चुदाई कांड – भाग 7 https://sexstories.one/%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%95-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b9%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a1/ Thu, 30 Dec 2021 10:10:15 +0000 https://sexstories.one/?p=3344 बबिता उसके माल की एक-एक बून्द तक पी जाती है और उसके लंड को चाटकर पूरी तरह साफ़ कर देती है.. फिर अब जेठालाल खड़ा होता है और बबिता की पैंटी पर हाथ रखता है.. बबिता की पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी...

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TMKOC PORN STORY – तो भाई, पिचले अपडेट मी हमने देखा किस तरह, दया बापूजी से चुदाई करवाकर टपू से चुदाई करने को भी तयार हो जाती है..

तो टपू और दया की चुदाई की कहानी, अगला अपडेट मैं… अब आगे हम चलते हैं गोवा…

जेठालाल रूम का दरवाजा बंद केर देता है… जैसे ही जेठालाल रूम का दरवाजा बंद करता है, बबिता बड़ी रोमांटिक हो जाती है… और फिर जेठालाल अपने हाथ बबिता के होंठ पर रख देता है… और दोनो अपना किस जारी रखो रखते है….

15 मिनट तक दोनो का किस चलता है….

जेठालाल कहता है – बबीताजी, आज तो आपको मस्त चोदुँगा और अलग अलग तारिके से चोदुँगा…

ये बात सुनकर बबीता बड़ी एक्साइटेड हो जाती है… और दोनो वपस किस करने लग जाते हैं….

अब जेठालाल बबीता को बिस्तर लेटा देता है..

बबीता ने एक लॉन्ग टॉप और पैंटी पहनी हुई थी…उसने ब्रा नहीं पहनी थी…

फिर जेठालाल बबिता का टॉप उतर देता है… जेठालाल के सामने बबिता के दोनो कबूतर आजाद हो जाते हैं…

फिर जेठालाल बबिता को कहता है – बबिताजी क्या बूब्स है आपके… मैं तो इनका दीवाना हो गया…

बबीता मुस्कुराती है…

फिर जेठालाल बबिता का एक चुच्ची हाथ में पकड़कर चूसने लगता है.. दोनों चुच्चे चूसते-चूसते उसके चुच्चे भी काट रहा होता है जेठा…

बबिता सिसकारियां लेती है.. कहती है – यस… ससस…. जेठाजी… बस्स्स…. ऐसे ही करते रहिये.. मज़ा आ रहा है… एस्सस…..

जेठालाल और भी जोश में आ जाता है और वो और तेज़-तेज़ बबिता की बूब्स चूसने लगता है..

करीब १० मिनट तक बबिता के दोनों बूब्स को काटकर लाल कर देता है.. फिर वो अपने सारे कपडे उतर देता है और अपना मोटा लंड बबिता के मुंह ने डालकर धक्के लगाने लगता है…

बबिता जेठालाल के लंड को रंडियों की तरह चूस रही थी… जेठालाल अपनी स्पीड बढ़ाता है और बबिता के मुंह में झड़ जाता है..

बबिता उसके माल की एक-एक बून्द तक पी जाती है और उसके लंड को चाटकर पूरी तरह साफ़ कर देती है.. फिर अब जेठालाल खड़ा होता है और बबिता की पैंटी पर हाथ रखता है.. बबिता की पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी.. बबिता पूरी तरह गर्म हो गयी थी.. इसलिए उसकी चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ दिया था..

अब जेठालाल बबिता की पैंटी निकाल देता है.. और बबिता की चूत की चाटकर उसे पूरी तरह से साफ़ कर देता है.. बबिता की चूत की गर्मी का एहसास जब जेठालाल को होता है तो वो बबिता की चूत से आ रही मदमस्त कर देने वाली खुशबू में पागल हो जाता है.. फिर जेठालाल बबिता की चुत की चाटने लगता है..

Kamukta2 एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 4

और उससे बड़ी मस्ती के साथ चुस रहा था…

बबिता सिसकारियां ले रही थी…10 मिनट में बबिता ने अपना पानी जेठालाल के मुंह में ही छोड़ दिया… जेठालाल ने उसके चुत के पानी की एक-एक बंद पी ली..

फ़िर जेठालाल ने बबिता को उसका लंड खड़ा करने को बोला..

बबीता ने जेठालाल का लंड चुस केर खड़ा केर दिया…

फिर जेठालाल ने अपना लंड बबिता की चुत से सटाया और एक ही झटके में पुरा लंड चुत में डाल दिया।

बबिता को हलका सा दर्द हुआ… और फिर मजा भी आने लगा … आआआआआह्ह्ह्… उफ्फ्फ्फ्फ…. य्य्य्य्यी…..ऐसे ही जेठाजी.. और जेठालाल उसे चोदता है…

जेठालाल 10 मिनट बाद बबीता को सेक्स पोजीशन बदलने के लिए कहता है और फिर जेठालाल बबिता की चुत से अपना लण्ड निकल देता है…

फ़िर जेठालाल आला आ जाता है और बबीता जेठालाल का लंड, अपनी चुत पर सेट करके बैठ जाती है…

बबीता मतवाली हो कर जेठालाल से चुद रही थी… उसके मोटे स्तन हवा में कूद रहे थे और जेठालाल उसके स्तन को पकड़ के दबने लगता है…

फिर 10 मिनट ऐसे ही चुदने के बाद वो लोग फिर से पोजीशन चेंज करते हैं

जेठालाल अब बबीता को बिस्तर पर लिटा के उसके पैरों को अपने कांधे पर रख देता है…

फिर जेठालाल अपना लंड बबीता के रसीले और गर्म चूत के होठों पर रखता है और एक जोरदार धक्का देता है। वह चिल्लाती है.. वह दर्द में है.. जेठालाल का डिक बहुत बड़ा है, तारक मेहता से भी बड़ा!

उसकी विशाल डिक उसकी चुत फाड़ रही है …

जेठालाल बबीता को करीब 15 मिनट तक चोदता है। फिर वे कुछ देर तक एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे। पूरी तरह से नग्न .. बबीता जेठालाल के डिक को सहलाती है क्योंकि वह अपनी उंगली बबीता की चौड़ी खुली चूत में डालता है।

फिर दोनों सो जाते हैं..

अगले अपडेट में – पता करें कि कैसे टपू दया को चोदता है और फिर रिपोर्टर रीता को भी चोदता है।

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शादी के बाद लडको से चुदाई के मजे लिए https://sexstories.one/meri-pyasi-chut-ki-chudai-sex-story/ Sun, 12 Dec 2021 07:20:10 +0000 https://sexstories.one/?p=3466 वो मेरी कमर में हाथ डाल कर अपनी और खीच कर मेरी होठो पर अपनी होठो को रख दिया | मैं उसकी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगी | वो मेरी होठो को चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूसने के साथ में मेरी गांड को दबा रहा था...

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Meri pyasi chut ki sex story – हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रूचि है | मैं रहने वाली कश्मीर की हूँ | मेरी शादी हो चुकी है | मेरी शादी को 2 साल हो चुके हैं | मैं दिखने में गोरी हूँ | मेरे बदन भरा हुवा है और मेरा चेहरा गोल है | जिससे मैं दिखने में काफी सुन्दर लगती हूँ | मेरे उम्र 24 साल है | मेरा फिगर सेक्सी है | मैं आप लोगो को बता देती हूँ की मेरे पति दिखने में गोरे हैं और उनके बदन गठीला है | वो काफी हट्टे कट्टे हैं | वो दिखने में तो बहुत अच्छे लगते हैं | वो किसी पहलवान से कम नही हैं | मेरे पति की उम्र 28 साल है | उनके शरीर की तरह उनका उनका लंड भी दमदार है और काफी लम्बा और मोटा है |

जब मैं उनके साथ सेक्स करती हूँ तो मुझे वो मंजा नही मिल पता है | जो मुझे कम उम्र के लडको के लंड से चुदने में मिलता है | अब मेरी इच्छा कम उम्र के लडको से चुदने की होती थी | वो मुझे बहुत ही अच्छे से चोदते हैं पर मुझे अब मज़ा नही आता है | मैं अब कम उम्र के लडको के लंड को अपनी चूत में कल्पना करके बहुत अच्छा महसूस करती हूँ | मैं बहुत बार अपने पति की नजरो से बच कर लडको के साथ सेक्स का मज़ा ले चुकी हूँ | मुझे तब से ही कम उम्र के लडको से चुदाई करने में मज़ा आता है | मैं अब अपनी कहानी पर आती हूँ | मैं कल्पना करती हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी |

दोस्तों जब मेरी शादी नही हुई थी | उस टाइम मेरी उम्र 17 -18 तक ही होगी | तब मैंने पहली बार 10 साल के लड़के को अपने घर से कुछ ही दूर पर एक सुनसान जगह है | मैं उस लड़के को अपने साथ ले गयी थी | फिर मैंने उस लड़के से अपने स्तन को  मुंह में लेकर चूसने को कहा | वो मेरे बूब्स को मुंह में रख कर चूसने लगा | वो मेरे निप्पल को मुंह में रख कर जोर जोर से दबाते हुए चूस रहा था | मुझे उस दिन बहुत मज़ा आया था और मैं सोच रही थी की इसमें इतना मज़ा आता है | तब चुदाई में कितना मज़ा आता होगा | मैं अपने स्तन को चुसाने के बाद उस लड़के से बोली की अब तुम ये बात किसी से मत बोलना नही तो तुम्हे मार पड़ेगी | वो बोला की ठीक है किसी से नही कहूँगा | उसके 3 -4 महीने के बाद की बाद है जब मैंने अपन पहली चुदाई अपने घर के पीछे करवाई थी |

उस दिन मेरे मोहल्ले के  लड़के ने ही मेरी चूत की सील तोड़ी थी | उस दिन में एक मछली की तरह तड्पी थी | वो मेरी चूत में लंड को डाल कर मुझे पहली चुदाई का मज़ा दिया था | उसके बाद वो मुझे कभी कभी चोदने आ जाता था | मैं अपने घर के पीछे ही रात में चुद लिया करती थी | कुछ दिन बाद ही मेरी शादी के लिए कुछ लोग मुझे देखने आये | वो लोगो ने मुझे पसंद कर लिया और उसके 1 महीने बाद ही मेरी शादी हो गयी | मेरी सुहागरात के दिन मेरे पति ने मुझे पूरा नंगा करके मेरी चुदाई की थी | मैं उस रात पहली बार पूरी नंगी हो कर किसी से अपनी चुदाई करवा रही थी | उसके बाद मेरे पति मुझे अक्सर चोदा करता हैं |

इस तरह से मेरी शादी को धीरे धीरे  2 साल हो गए | अब मैं फिर से कम उम्र के लडको से चुदने के लिए सोचने लगी | एक दिन की बाद है जब मैं मार्केट में सब्जी लेने के लिए गयी थी | उस दिन एक लड़का मेरे पीछे पीछे घूम रहा था क्यूंकि में इतनी हॉट हूँ और मैं कहीं से शादीशुदा नही लगती हूँ | वो लकड़ा दिखने में अच्छा था इसलिए मैंने उसे माना नही किया | अब जब मैं काफी भी मार्केट जाती थी तो वो लकड़ा मुझे लाइन मारता और मेरा पीछा करता था | एक दिन की बात है जब वो लड़का बहुत हिम्मत करके मेरा पास आया |

वो लड़का – हाय कैसी हो आप ?

मैं – अच्छी हूँ आप ?

वो लड़का – मस्त हूँ और आप क्या करती हो |

मैं – कुछ नही अपने घर काम करती हूँ और तुम हो कौन जो ये सब मुझसे पूछ रहे हो |

वो लड़का – मेरा नाम सूरज है और आपका नाम क्या है ?

मैं – ठीक है तुम्हारा नाम सूरज है | ये सब आप मुझसे क्यूँ बोल रहे हो |

वो लड़का – मैं तुम्हे पसंद करता हूँ आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो |

मैं – बेटा अपनी उम्र देखो और मेरी उम्र देखो फिर मुझसे फिर प्यार करना |

मैं ये बोल कर वहां से चली आई | मुझे सूरज पसंद था पर औरत होने की वजह से कुछ नही बोली | एक दिन की बात है जब वो लड़का मुझे फिर मिल गया और बोला की आप मुझे अपना नाम तो बता दो | मैंने उस दिन उस लडको को अपना नाम बताया | फिर उसने मुझे अपना नम्बर देकर बोला आप एक बार कॉल कर देना और चला गया | मैंने उसे उस दिन कॉल नही की उसके कुछ दिन बाद की बात है जब मैंने उसे कॉल की और उससे बात करने लगी | फिर मेरी उससे रोज ही बात होने लगी जब मेरे पति घर पर नही होते थे तो मैं उससे बात करती थी |

वो मुझे कॉल पर किस भी करता था | इस तरह से मुझे उससे बात करते हुए 2 -3 महीने तक हो गये | अब वो मुझसे सेक्स के लिए भी कहता था | मैं भी उसके लंड की भूखी थी और मौका देखती थी की कब में उसके लंड का मज़ा ले पाऊँगी | उसके कुछ दिन के बाद की बात है जब वो मुझसे बोला की चलो कहीं घुमने चलते हैं | मैं और सूरज जब भी मिलते थे | वो मेरी होठो पर किस करता था | जब वो मुझे किस करता था तो मुझे अच्छा लगता था |

उस दिन वो मुझे घुमाने ले गया था | उसके बाद उसने मुझसे कहा मेरे घर पर आज कोई नही है और न ही कोई आज आएगा तो घर चलते थे | अब मुझे लगा की मुझे आज उसके लंड का मज़ा मिल जायेगा | वो मुझे अपने घर ले गया | मैं और सूरज बैठ कर बात करने लगे | तब वो मेरी कमर में हाथ डाल कर अपनी और खीच कर मेरी होठो पर अपनी होठो को रख दिया | मैं उसकी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगी | वो मेरी होठो को चूसने लगा | वो मेरी होठो को चूसने के साथ में मेरी गांड को दबा रहा था | वो मेरी गांड को दबाने के साथ मुझे किस कर रहा था |

Chudai ki Kahaniya दो बार चुदाई एक रात में

मों कुछ देर में गर्म हो गयी और वो तो मेरी चुदाई करने के लिए तैयार था | फिर उसने अपने कपड़े निकाल दिए साथ में मेरे भी निकाल दिए | मैं उसके सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी | मैं उस दिन हल्के रेड कॉलर की ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी | वो मेरे एक दूध को ब्रा के ऊपर से दबाते हुए मुंह में रख कर चूसने लगा | मैं उसके लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहला रही थी | जब मैं उसके लंड को सहला रही थी तो मुझे इसका लंड काफी बड़ा और मोटा लग रहा था | वो मेरे बूब्स को चूसने के साथ में मेरी ब्रा के हुक को खोल दिया | फिर वो मेरे दूध के निप्पल को मुंह में रख कर चूसने लगा |

मैं उसके सर को पकड कर आ आ आ आ.. हूँ हूँ हूँ.. ह ह ह ह.. अ अ अ अ अ…. सी सी सी सी… उई की सिसकियाँ लेने लगी | वो मेरे निप्पल को मुंह से पकड कर खीच खीच कर चूस रहा था | वो मेरे बूब्स को ऐसे ही कुछ देर तक चूसने के बाद मुझे सोफे पर लेटा दिया | फिर मेरी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर मेरी चूत को चाटने लगा | मैं अपने स्तन के निप्पल को दबाती हुई उ उ उ उ… आ आ आ आ… सी सी सी सी…. ऊ ऊ ऊ ऊ… की सेक्सी आवाजे कर रही थी | वो मेरी चूत को चाटने के साथ में मेरी चूत में अपनी ऊँगली भी घुसा दी जिससे मेरी चुत में आग सी लगा गयी |

फिर वो अपनी अंडरवियर से अपने लंड को निकला | मैं उसके लंड को देखकर बोली ओ माई गॉड लंड है ये कोई लाठी | उसका लंड मेरे पति से बहुत मोटा और लम्बा था | मैं अपने घुटने के भल बैठकर उसके लंड को हाथ में पकड़ कर मुंह में रख कर चूसने लगी | मैं उसके लंड को मुंह में रख कर अन्दर बाहर करती हुई चूसने लगी | मैं उसके लंड को मुंह में रखकर कुछ देर तक ऐसे ही चूसती रही |

फिर वो अपने लंड को मेरे मुंह से निकाल कर मेरी टांगो को फैला कर मेरी चूत के ऊपर लंड को रगड़ने लगा | वो मेरी चूत पर लंड को रगड़ते हुए मेरी चूत में अपने लंड को एक ही धक्के में आधा घुसा दिया | मेरी चूत गीली होने की वजह से उसका लंड मेरी चूत में आराम से घुसा गया | मेरी चूत में जोर से दर्द होने लगा तो मैं सोफे को कस के पकड कर अ अ अ अ.. ऊ ऊ ऊ ऊ.. हुई हुई हुई…आ आ आ… की सेक्सी आवाजे कर रही थी | वो मेरी चूत में अपने लंड को जोर जोर धक्को के साथ मुझे चोद रहा था | वो मेरी चूत में जोरदार धक्के मार रहा था |

तब मेरे बड़े और चिकने बूब्स हिल रहे थे | फिर उसने मेरी चूत से अपने लंड को निकाल कर मुझे घोड़ी बनने को कहा | मैं घुटने के बल सोफे को पकड कर खाड़ी हो गयी | वो मेरी चूत में पीछे से लंड को डाल मेरी कमर को पकड कर चोदने लगा | वो मुझे ऐसे ही 20 मिनट तक चोदने के बाद झड़ गया | फिर वो मेरी चूत के पानी निकलने तक मेरी चूत में अपनी ऊँगली को डाल कर हिलाता रहा जिससे मेरी चूत से कुछ ही देर में पानी निकल गया | मैं अपने कपडे पहन लिए और उसने अपने कपडे पहन लिए | वो मुझे मेरे घर तक छोड़ने आया |

उस रात मैंने उससे 15 मिनट तक बात की थी | उसके बाद मुझे कम उम्र के लडको से चुदने में ज्यादा ही मज़ा आने लगा |

दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आई होगी |

मेरे प्यारे दोस्तों को मेरी कहानी पढने के लिए मैं धन्यवाद बोलती हूँ |

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ट्रैन में मिली चोरनि की चूत https://sexstories.one/train-mein-chorni-ki-choot-ki-choda/ Wed, 01 Dec 2021 07:07:46 +0000 https://sexstories.one/?p=3416 मैने उसे पूरा नंगा कर दिया अब मे उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था और मुँह मे लेकर चूस रहा था अब मैने उसके पैरो को चोड़ा किया और अपना मुँह उसकी चूत मे डाल कर सहलाने लगा उसकी चूत पर बाल थे...

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Train Mein Chorni Ki Choot ko Choda – मेरा नाम संतु है. ये आज से 7 महीने पहले की बात है जब मेरा पोस्टिंग दिल्ली मे हुआ है तो मैं अपना बिस्तर बाँध कर दिल्ली की ओर रवाना हुआ. मैं ट्रेन से जा रहा था मैने रिज़र्वेशन करवाया हुआ था. मैं जिस ट्रेन से सफ़र कर रहा था उसमे ज्यादा भीड़ नही थी मैं खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा हुआ था. करीब रात के 11.30 बज चुके थे ट्रेन एक स्टेशन पर आकर रुकी तभी मेरे कंम्पारटमेंट में एक लेडी चड गयी शादी शुदा नही थी पर साड़ी पहने हुये थी पीले कलर की गोरी थोड़ी मोटी बहुत सेक्सी लग रही थी तभी मैं उस औरत को देखता ही रह गया वो औरत मेरे बगल से होकर चली गयी और मैंने पीछे मुड के देखा तो उसकी गांड को देख कर मैं फिदा हो गया फिर मैंने अपना सिर घुमा लिया कुछ सेकेंड के बाद मैंने देखा की वो मेरी तरफ आ रही है वो आई और मेरे बाजू वाली सीट पर अपना बेग रखा और उसकी सीट पर मेरा बेग था.

उसने मेरे बेग को पकड़ा और नीचे फेक दिया मैं बेठा हुआ सब देख रहा था अब मुझे गुस्सा आ गया मैने उससे कहा की आपने मेरा बेग ऐसे क्यों फेक दिया? उसने कहा मुझे क्या पता ये आपका है मेरी सीट पर था तो मैने फेंक दिया. मुझे तभी और गुस्सा आया वो औरत थी करके मैने उससे ज्यादा कुछ नही कहा मेरा मन तो तभी कर रहा था की इस खाली ट्रेन मे साली की गांड ही मार दूँ फिर भी मैने उसे कुछ नही कहा तभी रात के करीब 12 बज चुके थे तभी उसने अपने बेग से एक चादर निकाला और बर्थ पर बिछा दिया मैं उसे साइड से देखे जा रहा था.

उसने अपने बेग से एक छोटा सा बिस्किट का पैकेट निकाला और खाने लगी तभी उसने मुझसे पानी माँगा मैने तुरंत गुस्से मे कह दिया नही है फिर मुझे लगा छोड़ यार औरत है दे देता हूँ मे सोच ही रहा था की मैने देखा उसने अपने दोनो पैरो को मेरी सीट पर रखा हुआ है बेग के उपर रख कर बैठ गई अब मुझे फिर से गुस्सा आया तभी मैने देखा उसका पैर क्या सुन्दर है एकदम गोरा यार सच बता रहा हूँ उसके पैरो को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया तभी मैने शान्त हो कर उससे कहा की आपने मेरे बेग के उपर पैर क्यों रखा तो उसने कुछ नही कहा तभी मैंने उसके पैरो को पकड़ कर अपने बेग से नीचे हटा दिया.

करीब रात के 12.30 हो गये थे मुझे प्यास लगी तो मैने बेग से पानी का बोतल निकाला मैने पानी पिया मैने देखा की वो मेरी तरफ देख रही है मैं समझ गया की वो पानी पीना चाहती है फिर मैने सोचा यार छोड़ जो हुआ सो हुआ इसे पानी दे देता हूँ बेचारी प्यासी है मैने उसे पानी दिया तभी मैने देखा साली रंडी ने मेरी बोतल को मुँह से लगा कर पानी पी लिया मुझे फिर गुस्सा आया पर मैं उससे इतना तंग आ गया की और पूछो मत मैंने फिर कुछ नही कहा अब वो सो गई मुझे तभी लगा की अब मुझे भी सोना चाहिये मै भी अपनी सीट पर जा कर सो गया मेरा बीच का बर्थ था तो मै उपर चढ़ गया और वो औरत नीचे सो गई कुछ देर बाद वो मुझसे बात करने लगी मुझसे पूछने लगी.

लेडी : आप कहाँ जा रहें है?

मे : मैने कहा दिल्ली मैने पूछा और आप?

लेडी : मैं भी दिल्ली मे जा रही हूँ.

फिर मैने कहा उससे गुड नाइट क्योकी मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था उस औरत के उपर साली रंडी ने मुझे बहुत डिस्टर्ब किया मेरी जगह अगर दूसरा कोई होता तो साली की गांड मार कर चोद देता अब मैं सो गया थोड़ी देर बाद मैने देखा की वो कहीं जा रही है मैं चुपचाप देखने लगा मैने सोचा वो बाथरूम जा रही होगी 5 मिनिट हो गये वो अब तक आई नही मुझे शक हुआ मै बाथरूम की तरफ जाने लगा पर वो मुझे दिखी नही मैने थोड़ा और आगे जा कर देखा की तो वो किसी का बेग सर्च कर रही है.

मैने दूर से ही देखा ट्रेन मे लाइट ऑफ थी थोड़ी सी रोशनी हो रही थी तो मैने उसी मे से उसे देख लिया और मेने पीछे से वीडियो बना लिया उसके बाद मैं अपनी सीट पर आकर चुपचाप सो गया थोड़ी देर बाद वो भी आ गई मैने देखा की उसने बहुत सारा कैश और कुछ ज्वेलरी अपने बेग मे भर ली उसके बाद मैने देखा की उस औरत ने मेरे बेग को खोल के मेरे बेग से 5000 कैश निकाल लिये मै सोच नही पाया की मैं क्या करूँ फिर मैने सोचा इसको सुबह रेल्वे पुलिस को पकड़ा दूँगा उसने मेरे बेग पर अपना हाथ साफ कर लिया रात के करीब 3.30 बज चुके थे तभी एक टी.टी आया और हम लोगों से टिकट माँगने लगा मैने अपना टिकट दिखाया. अब टी.टी ने उससे पूछा आपका टिकट दिखाओ. उसके पास टिकट नही था क्योकी वो सुबह ट्रेन से भागने वाली थी उसे पता नही था की टी.टी अचानक इतनी रात मे टिकट चेक करने आ जायेगा वो टी.टी को बोलने लगी की उसके पास टिकट नही है टी.टी तो बहुत जिद्दी था वो उसे छोड़ ही नही रहा था.

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अब मैंने सोचा की इस लड़की का सच टी.टी को बता दूँ की तभी बगल से ज़ोर ज़ोर की आवाज़ आई हम सब ने जाकर देखा तो जिन लोगों के बेग उस औरत ने साफ किये थे वही लोग चिल्ला रहें थे फिर टी.टी ने कहा अभी सबका बेग चेक होगा कोई यहाँ से नही हीलेगा तो मैं और टी.टी और कुछ 3 लोग सभी यात्रीयों का बेग चेक कर रहे थे हालाकिं मुझे पता था फिर भी मैं खामोश था ना जाने क्यों अब उस औरत की बारी थी मैने तो सोचा की बेटा अब तो साली गयी मुझे बहुत परेशान किया छीनाल ने उसकी बेग खोलते ही मेरा कैश और बाकी का सामान सब निकल आया सब लोग चिल्ला रहे थे की इसे जैल मैं डालो अब वो पूरी तरह फंस गई थी टी.टी ने कहा आप सब शान्त हो जाये इसे मैं छोड़ूँगा नही ये तो कम से कम 5 साल के लिये अंदर जायेगी.

अब वो औरत रोने लगी और टी.टी से मिन्नते करने लगी की उसे छोड़ दे अब सब लोग अपनी अपनी जगह पर चले गये टी.टी मेरे पास आकर बैठा उस औरत को साथ में लेकर अब मैने टी.टी को वो वीडियो क्लिप्स दिखाया वो औरत और रोने लगी मुझसे मिन्नते करने लगी की मैं कुछ करूँ मैने बोला मैं कुछ नही कर सकता अब तुम गई अंदर मैने उससे कहा की तूने मेरे साथ जो किया रात भर तू क्या उसे भूल गयी उसे तुझ जैसी औरत के साथ तो ऐसा ही होना चाहिये इस बीच मेरी टी.टी से अच्छी दोस्ती हो गई टी.टी कहने लगा आप नेक्स्ट स्टेशन पर मेरे साथ आये आपका वो वीडियो क्लिप्स सबूत के तोर पर चाहिये.

मैने कहाँ हाँ ज़रूर कोई बात नही अब वो औरत हमारे पैरों पर गिडगिडाने लगी तभी टी.टी ने गाली दी छीनाल चुप कर वरना तेरी गांड मार दूँगा और 10 साल के लिये अंदर डाल दूँगा तभी टी.टी ने मुझसे कहा ज़रा इस औरत को देखो मैं बाथरूम से अभी आया मैने कहा हाँ ठीक है टी.टी गया मैने उसे पकड़ के रखा था उसकी हालत डर के मारे इतनी खराब थी की उसकी साड़ी के उपर उसका कोई कंट्रोल नही था तभी उसकी साड़ी का पल्लु गिर गया और साड़ी ढीली हो गई उसकी तरबूज जेसी चूची को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया मुझे मन ही मन उसको चोदने का मन कर रहा था मैने उसको कस के पकड़ा था तभी वो मेरे हाथ को अपने दातो से काटने लगी मैंने एक थप्पड़ मारा उसे साली मुझे काटती है तो मैने गुस्से मे उसे सीट पर झटका मारते हुये उसके उपर चढ़ गया मतलब उसे कस के ऐसे दबाया की उसकी मोटी गांड के उपर मेरा खड़ा हुआ लंड मुझे बहुत अच्छा लगने लगा की तभी टी.टी आया.

अब करीब 5.30 बज चुके थे हम सब ट्रेन से उतरे और उन लोगो ने अपनी शिकायत लिखाई और चले गये टी.टी ने मुझे रुकने को कहा तो मैं रुक गया उस छीनाल को अंदर ले जाकर बंद कर दिया वो बहुत रो रही थी उन लोगो ने उसे अपनी गिरफ़्त मे ले लिया मैं वहीं बैठा था की तभी मुझे क्या हुआ मुझे पता नही मै तुरंत टी.टी के पास गया और टी.टी को बोलने लगा सर इस औरत का अब क्या होगा? तो उसने कहा क्या होगा कल उसे कोर्ट ले जायेगे फिर जैल होगी तभी मैने कहा की ये मामला क्या यहाँ रफ़ा दफ़ा नही हो पायेगा? उसने मुझे थोड़ी देर देखा और कहा क्यों तुम ये बात क्यों बोल रहे हो? मैने कहा नही आप बताये ना की कुछ बंदोबस्त होगा तो खर्चा मैं करूँगा तभी उसने कहा हाँ हो जायेगा अंदर सर बैठें है उन्हे अगर कुछ माल दिया जाये तो हो जायेगा.

मैने कहा ठीक है तभी मैने कहा चलिये अंदर जाकर सर से बात करतें है हम गये टी.टी सर से बात करने लगा सर बोलें ठीक है मैं 12000 लूँगा मैने कहाँ ठीक है टी.टी ने अब मुझे कहा यार इस औरत के लिये तू इतना पैसा अपना क्यों बर्बाद कर रहा है? मैने कहा नही मालूम मुझे इस पर दया आ रही है और इस छीनाल ने जो मेरे साथ रात भर किया उसका बदला लेना है इससे इसे मैं अपने साथ ले जाऊंगा थोड़ी देर बाद सर ने हम सब को अंदर बुलाया उस रंडी का तो रो रो कर बुरा हाल था अब सर ने औरत से पूछा तू ये सब काम क्यों कर रही थी? तो वो रोने लगी और कहने लगी साहब आज के बाद से में कभी नही करूँगी मुझे जाने दीजिये सर बोले नही तू अब 5 साल के लिये जायेगी जैल सर ने पूछा की तेरे घर मैं और कौन है?

उसने कहा कोई नही उसका एक पति था वो उसे छोड़ के चला गया वो अब अकेली है और शान से रहने के लिये लोगो को ट्रेन मे लूटती रहती है तभी उससे सर ने कहा देख ये भाई साहब तुझे छुड़ा के ले जा रहे है अपने साथ 12000 मैं तुझे इनके साथ जाना पड़ेगा अगर आगे से भागने की कोशिश की या गड़बड़ की तो सारी उम्र के लिये अंदर डाल दूँगा अब उसने रोना बन्द कर दिया और उसने मेरी तरफ देखा की जैसे वो इशारो मैं कहना चाह रही हो की थैंक्स मैने सर को 12000 कैश दिया और सर ने एक एग्रीमेंट साइन करवाया और उसका भी साइन लिया मैने टी.टी को 4000 दिये अब टी.टी ने मुझे 2 टिकट दिये और कहाँ जाओ इसे लेकर चल जाओ मैने अपना सामान उठाया और अपने रुमाल से उसके आँसू पोछे और उसका हाथ पकड के जाने लगा.

मैने फिर दूसरी ट्रेन पकडी और उसे ट्रेन मे लेकर आया और सारे रास्ते मैं उसे अपनी नज़रों के सामने कहीं जाने नही दिया कहीं साली 420 भाग ना जाये यहाँ तक की वो ट्रेन मे बाथरूम करने गई तो मैं भी उसके पीछे पीछे जाने लगा ट्रेन मे उसने मुझे बोला थैंक्स मुझे मुसीबत से बचाने के लिये मैं तब मन ही मन सोच रहा था की तेरी मुसीबत तो अब शुरू होगी कल रात तूने मुझे तडपाया उसका हिसाब लेना है मैने कहा ठीक है तो उसने मुझे बताया की उसका पति उसे छोड़ के चला गया और उसे बड़े लोगों के जैसा रहने का बहुत शोक है इसीलिये वो ट्रेन मे बड़ी बड़ी चोरीयां करती है उसने मुझसे कहाँ आप मुझे कहाँ ले जा रहें है? मैने कहाँ मेरे साथ मेरे नये घर मे उसने कहा नही मुझे रास्ते मे उतार दीजिये मैं चली जाउंगी.

मैने कहा मैने तुम्हे 16000 मे छुड़ाया है उसका क्या होगा तब वो चुप हो गयी मैने कहाँ मेरे साथ चल मेरे घर का सारा काम तू कर देना मेरे साथ रहना उसने बोला नही मुझे जाने दीजिये मैने कहाँ चुप छीनाल रंडी तेरा वीडियो क्लिप्स मेरे पास है अभी केस कर दूँगा तो 10 साल की जैल हो जायेगी तब वो चुप हो गयी मैने उसे ट्रेन मे कहा चल मेरा पैर दबा उसने दबाया फिर शाम को हम दिल्ली मे उतरे मेरी कंपनी ने मुझे एक घर दिया है मैने टेक्सी पकडी और उसे लेकर मैं घर चला आया मुझे बहुत भूख लगी थी तो मै रात के खाने के लिये कुछ खाना लाया मेरा रूम बहुत ही छोटा है सिर्फ़ 1 बेडरूम 1 किचन 1 बाथरूम मैने नीचे बिस्तर लगाया मैंने उससे कहा तुम खाना खा लो आज से तुम मेरे ही साथ ही रहोगी.
सॉरी दोस्तों मै उसका नाम और उम्र बताना तो भूल ही गया उसका नाम है शालू और उम्र है 33 साल, गोरी है मोटी है पर कोई राजकुमारी से कम नही है उसका बूब्स तो तरबूज के साइज़ का है और गांड इतनी बड़ी की दो हाथ से भी पकड़ने मे तकलीफ़ होती है)

उसने कहा ठीक है अगर भागने की कोशिश की तो फिर समझ लेना क्या होगा उसने कहा ठीक है मैने बिस्तर लगाया और दोनो सो गये वो मेरे बगल मे ही सो गयी उसे भी नींद नही आ रही थी और मुझे भी मुझे बहुत सेक्स चढ़ रहा था तो मैंने अपना हाथ पेन्ट के अंदर डाल लिया मैं उसकी पीठ को देखे जा रहा था और उसकी बड़ी सी गांड को और पेन्ट के अंदर से ही मूठ मारने लगा उसने अचानक पीछे मुड़ कर मुझे देख लिया की मैने अपना हाथ पेन्ट के अंदर डाला हुआ था मैने बोला कहो क्या बात है उसने कहा मैं आप को क्या कह कर बोलू साहब? मैने कहा तुम मुझे जान कह कर बोलना तो उसने मुझे कहा आप बहुत अच्छे हो जान और वो पीछे मूड कर सो गई.

मैने मन ही मन सोचा मैं और अच्छा मैं कितना कमीना हूँ तुझे कल से पता चलेगा वो भी सो गई और मैंने शालू को याद करके बाथरूम जा कर मूठ मारा और उसके बगल मे आकर सो गया नेक्स्ट दिन सुबह मैं उठा और नहा के फ्रेश हो गया शालू अभी भी सो रही थी अब मैने सोचा अभी से इससे बदला लेने का टाइम शुरू होता है मैने उसे आवाज़ लगाई पर वो उठी नही मैने अपना शेतानी आइडिया लगाया और उसके पीछे जाकर उसकी गांड के सामने गया वो 2 दिनो से वही साड़ी पहने हुई थी तो साड़ी काफ़ी ढीली हो गई थी मैने गांड से साड़ी को थोड़ा नीचे किया और एक थप्पड़ मारा अब वो हडबडा के उठ गयी मैने कहा छीनाल रंडी कितनी देर तक सोयेगी चल उठ जा नाह कर फ्रेश हो जा उसने मुझसे कहाँ चाटा क्यों मारा.

मैने कहा मुझसे कभी सवाल मत करना वरना और मारूँगा तो वो चुप हो गयी और चुपचाप बाथरूम में चली गयी कल से मुझे ड्यूटी जॉइन करना था तो मुझे सुबह बाज़ार जाकर घर का सामान खरीदना था मैं सोच ही रहा था की तभी वो बाथरूम से बाहर आई यार क्या बताऊँ क्या लग रही थी वो उसके पास कपड़े नही होने के कारण उसने वही साड़ी पहन ली साड़ी गंदी हो चुकी थी तो मैंने कहा साड़ी खोल दे गंदी चीज़ मत पहना कर मेरे सामने तो उसने कहा तो मे क्या पहनू? मैं नही खोलूँगी मुझे गुस्सा आया मैंने कहा मुझे मना करती है रंडी की बच्ची मैने साड़ी पकडी और ज़ोर से खींच के पूरी उतार दी.

अब वो सिर्फ पेटीकोट मे थी मुझसे रहा नही गया मैंने उसको नीचे ज़मीन मे पटक दिया और उसके बूब्स को ज़ोर से पकड़ लिया वो मुझसे कहने लगी मुझे छोड़ो आप क्या कर रहे हो मैने कहा चुप हो जा चिल्ला मत मै उसके गुलाबी होठो को ज़ोर से किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा वो दर्द से उम्म बहुत लग रहा है छोड़ो मुझे उईईईईईइमाँ वो मुझे किस करने से रोक रही थी तो मैंने एक चाटा मारा वो चुप हो गयी फिर मैने उसे छोड़ दिया हमने सुबह नाश्ता किया और शालू को कहा छीनाल चल मार्केट चल मेरे साथ घर का समान खरीदना है मै उसे मार्केट ले गया और घर का ज़रूरत का समान खरीद कर लाया छोटा सा बेड खाना बनाने के लिये स्टोव और भी कुछ लाया दोपहर मे उसने मेरे लिये खाना बनाया और हम दोनो ने खाया और सो गये शाम को मैं उसे फिर से घूमाने ले गया ताकि उसे मुझ पर भरोसा हो जाये.

ये मेरे लिये ज़रूरी था क्योकी नेक्स्ट दिन जब मैं काम पर चला जाऊंगा उसे अकेला छोड़ कर फिर कहीं वो भाग ना जाये इसीलिये मै उसे शाम को घूमाने ले गया और लास्ट मे उसके लिये ब्रा पेंटी और बहुत सारी साड़ी और एक गोल्ड का हार खरीद के दिया हार से वो बहुत खुश हो गयी मैने उसके चेहरे पर ख़ुशी देखी साली ने आज मेरा फिर से खर्चा करवा दिया हमने बाहर ही खाना खाया अब हम घर पहुंचे मैने दरवाज़ा लगाया औए उसे अचानक एक झटके मे नीचे गिराया और उसकी साड़ी को खींच के निकाल दिया और ब्लाउज को पकडा और एक झटके मे फाड़ दिया उसे पता ही नही चला की ये अचानक उसके साथ ये क्या हो रहा है उसके साथ उसने कहा ये क्या कर रहे हो कपड़े क्यों फाड़ रहे हो? मैने कहाँ तुझे चोदना है उसने कहा नही मुझे छोड़ो मैने कहाँ रंडी चुप कर नही नही तो तेरी चूत और गांड मार दूँगा वो डर गयी.

मैने उसे पूरा नंगा कर दिया अब मे उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था और मुँह मे लेकर चूस रहा था अब मैने उसके पैरो को चोड़ा किया और अपना मुँह उसकी चूत मे डाल कर सहलाने लगा उसकी चूत पर बाल थे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था अब वो भी मेरा साथ देने लगी और मुँह से आवाज़ निकालने लगी उहहमाआ माआआआ माआअ मैं मर गयी जान और चाटो मेरी चूत को जान मैं बहुत सालो से प्यासी हूँ मैने कहाँ तू चिंता मत कर मेरी जान आज मैं तुझे चोद के तेरी माँ चोद दूँगा मैने कहा चल अब नया वाला ब्रा और पेंटी पहन और वो गोल्ड का हार भी मैं देखना चाहता हूँ तुझे तू केसी लगती है.

उसने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी पहनी यार क्या बताऊँ क्या गजब लग रही थी यार अब मैंने उसे गोद मे उठाया और नीचे सुलाया और ब्रा और पेंटी को खोला मेरे सामने एक पतली लंबी लौकी थी मैने उसे उठाया और उसकी चूत मे मेरा लंड पेलने लगा अब वो चिल्ला रही थी मे मर जाउंगी निकालो निकालो मैने उसके गाल पर बूब्स पर गांड पर 2-2 चाटे मारे मैने उससे कहा साली छीनाल ट्रेन मे तूने मेरे साथ जो किया उसे मैं भुला नही पाया उसी का बदला ले रहा हूँ मैं उसने कहा माफ़ कर दो बहुत बड़ी ग़लती हो गयी मुझसे मैने कहा मुँह बंद कर साली तेरे भरोसे की माँ चोद दूँगा आज मैं अब मैने अपना लंड उसके मुँह मे घुसा दिया उसको ज़बरदस्ती चटवाया उसको मैने इतना मारा की वो हल्का हल्का रोने की हालत मे आ गयी मैने उसकी चूत मे हल्का सा अपना लंड डाला.

उसके बाद एक ज़ोर का शॉट मारा मेरा लंड अंदर चला गया और तभी साली ने बड़े बड़े नाख़ून मेरी पीठ पर चुबा दिये उसने मुझे कस के पकड़ा और ज़ोर से चिल्लाने लगी मैं मर गयी ऊहह माँ जान मुझे चोदो और ज़ोर से मैं आज मर जाउंगी छोड़ना मत मुझे मेरी जान और चोदो मुझे ऊवू मैं ज़ोर ज़ोर से उसे चोद रहा था जान मुझे अपनी रखैल बना लो मैं तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ मुझे चोद के मेरे भोसड़े की माँ चोद दो पूरे रूम में सिर्फ़ छप छप की आवाज़ आ रहा थी अब वो झड़ने वाली थी कुछ देर बाद में भी झड़ गया और मैने मेरा माल उसके मुँह में डाल दिया और वो उसने पी लिया रात के 12 बज चुके थे में झड़ने के बाद उसके बदन से लिपट कर 5 मिनिट तक सोया रहा अब मे फिर से खड़ा हो गया और उसे गोदी मे उठाया और घोड़ी के जैसा बनाया मेरी सबसे प्यारी चीज़ उसकी गांड मैने उसकी गांड मे अपना लंड घुसाया वो चिल्ला उठी आआहह निकालो निकालो मैं मर गयी वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी पर मैने उसे कस के पकड रखा था और गांड मे ज़ोर ज़ोर का शॉट मारता गया.

अब उसे इतना दर्द हो रहा था फिर भी उसे कुछ पता नही चल रहा था की उसके साथ क्या हो रहा है वो अब सिर्फ़ गग्ग्गूणन ग्गगूउंण की आवाज़ निकाल रही थी मै 30 मिनिट तक उसकी गांड मारता गया. फिर मैने उसका मुँह खोला और मेरा लंड उसके मुँह मे डाल दिया और उसे लंड साफ करवाया और उसके मुँह मे ही लंड घुसा के चोदता रहा और लास्ट मे अपना स्पर्म उसके मुँह मे ही डाल दिया और वो पी गई अब उसके बदन मे बिल्कुल ज़ोर नही था फिर भी मैने उसे नही छोड़ा उसे सीधा किया.

उसकी चूत मे अपना लंड फिर से डाल कर चोदने लगा मुझे पता ही नही चला की कब वो बेहोश हो गई मैने उसके बूब्स पर अपना रस फिर छोड़ा और उसे होश मे लाया और उसके बदन को मैने साफ किया और उसकी गर्म चूत मे मैंने फिर से अपना लंड घुसाया और उसकी बूब्स को बच्चो की तरह चूसता रहा और हम कब सो गये पता ही नही चला दूसरे दिन सुबह मैं जल्दी उठा और नहाकर फ्रेश हो गया वो छीनाल रंडी वेसे ही नंगी सोई थी मैने आवाज़ लगाई वो उठी नही अब मैं उसकी गांड के उपर चड गया और मेरे लंड को फिर से घुसा दिया अब वो दर्द की वजह से उठ गयी और मुझे कहने लगी कल रात जेसे आपने मुझे चोदा मुझे बहुत मज़ा आया मैं आपकी रखैल बनना चाहती हूँ और अभी मेरी गांड आप मत चोदो मे मर जाउंगी.

मैने कहाँ हाँ चल ठीक है जा अब जाकर फ्रेश हो कर आ वो टायलेट गई और मैं किचन मे तभी शालू चिल्लाई मैं चोक गया तो देखा की शालू डरती हुई मेरे पास आई और रोने लगी और कहने लगी की वो टायलेट नही कर पा रही है उसे बहुत दर्द हो रहा है मैने उसे चुप कराया और कहा चलो मैं देखता हूँ हम जैसे गले मिलते है वेसे ही पोज़ मे मैने उसे कस के पकडा और टायलेट के उपर दोनो बैठ गये मैने उसकी गांड को दोनो तरफ़ खींचा तभी पेशाब कर पाई तभी उसने मुझे अपने पेशाब से मुझे नहला दिया मैने तभी उसे कस के 2 थप्पड़ मारा साली मै अभी नाहया था तूने सब ख़राब कर दिया अब मैं ओर वो एक साथ नहाये उसने मेरे लिये टिफिन बनाया और मैं 10 बजे ऑफीस निकल गया मैने हालचाल जानने के लिये फोन किया तो उसने कहा वो ठीक है और घर का काम कर रहीं है मैं 5 बजे घर चला आया जैसे ही मैंने बेल बजाया उसने दरवाजा खोला उसने साड़ी पहन रखी थी.

मुझे फिर गुस्सा आया मैंने साड़ी खींच के उसे नंगा कर दिया और उसकी गांड मे एक बार फिर लंड घुसा दिया वो रोने लगी मैने फिर कहा मैं जब ऑफीस से घर आऊंगा तो मुझे तू साड़ी मे नही दिखनी चाहिये उसने कहा ठीक है अब मैं नंगी ही रहूंगी मैने उससे कहा मेरे लिये दूध ला मुझे पीना है वो मेरे लिये दूध लाई मैने दूध लिया और उसके नंगे बदन पर दूध डालने लगा और दूध उसकी चूत पर गिरता गया और मैं चूत मे मुँह लगा के उसका दूध पीने लगा था फिर शाम को मैने उससे कहा चल मुझे नाच के दिखा अपनी चूत में उंगली मार मार के दिखाना वो वेसे ही नाची फिर वो खाना बनाने लिये किचन मे चली गयी मैं भी उसके पीछे चल दिया.

मैंने उसे पीछे से पकड़ा और वो खाना बनाने लगी फिर दो दिन बाद जब उसे दर्द से छुटकारा मिल गया तभी शाम के टाइम वो खाना बना रही थी और मैंने पीछे से जाकर उसकी गांड मैं लंड डाल दिया और खड़ा खड़ा चोदने लगा और वो खाना बनाने लगी अब हर रात को मैं उसे चोदता हूँ फिर मैने उससे कहा मुझे तेरा दूध पीना है उसने कहा जान इसके लिये तो एक बच्चे को जन्म देना पड़ेगा और उसी दिन रात को मैंने उसे चोदा पहले उसकी टांगो को चूमता हुआ चूत मे जाकर खुजली की अब उसकी एक टांग को उठाया और अपने लंड को उसकी चूत मे डाल दिया. दोस्तों ये अब रोजाना का काम हो गया था..

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यादगार चुदाई हॉट मकान मालकिन की https://sexstories.one/yaadgar-chudai-hot-makan-malkin-ki/ Mon, 01 Nov 2021 08:23:54 +0000 https://sexstories.one/?p=3217 भाभी बोली मेरे बच्चो की कसम मैने मेरे पति के सिवाय किसी से सेक्स नही किया और वैसे भी वो कभी कभी ही घर आते थे। में अब तीन साल से तो बिल्कुल ही नही चुदी हूँ। तो आप बिना डरे चोदो कुछ नही होगा। प्लीज़ में आपको बहुत मज़ा दूँगी। मैने तुरंत लाइट ऑन कर दी...

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Chudai Makan Malkin Ki मेरा नाम सुदेश है। मेरी उम्र 25 साल है। मेरी अभी शादी नहीं हुई है और में भोपाल का रहने वाला हूँ में एक प्राइवेट कंपनी मे नौकरी करता हूँ। ये बात करीब दो साल पहले की है। जब मेरी कंपनी ने मेरा तबादला जयपुर कर दिया था। शुरू के 15 दिन मैने होटेल मे ही गुजार कर अपने लिए कोई कमरे की तलाश शुरू की। आख़िर एक कमरा मिला जिस घर की मालकिन एक विधवा औरत और उसके तीन बच्चे थे। मैंने वहां अपना सामान कमरे मे शिफ्ट कर लिया।

मकान मालकिन की उम्र 34 साल दिखने मे सुंदर और चहरे से 25 साल उम्र जैसे लगती थी। शुरू के दो चार दिन तक में उनसे ज्यादा बात नही करता था। और ना ही वो कुछ कहती थी। फिर एक दिन रविवार को में कमरे पर था। तो मेरे कमरे के सामने मकान मालकिन सब्जी काट रही थी। क्योकि किचन मे लाईट नही थी। तो मैने खिड़की की जाली से परदा उठाकर मैने देखा की उसने नाईटी पहनी हुई थी। और एक दम मस्त लग रही थी। में काफ़ी देर उसे गौर से देखता रहा। मेरा लंड खड़ा हो गया मन मे अजीब ख़याल आने लगे थे।

तो मैने उनसे बात करने की सोची और बोला भाभी जी क्या कर रहे हो। तो वो एक दम चोंक कर बोली ओह आप हो क्या अंदर बैठे हो। तुम्हे अंदर गर्मी नही लग रही क्या? और उन्होंने इतना कहते हुए मेरे कमरे का दरवाजा खोला और अंदर झाँका तो में एक दम शर्म से झुक गया क्योकि मेरा खड़ा लंड पेंट मे से बाहर की ओर उभर कर निकला हुआ था। वो गौर से उसे उभरते हुए देखने लगी। और चुपचाप बाहर जाकर अपने काम मे लग गई। और थोड़ी थोड़ी देर मे खिड़की की तरफ देखने लगी। में फिर से उसी खिड़की से उसे देख रहा था।

फिर वो अंदर जा कर अपने काम मे लग गई और में मार्केट चला गया। में खाना बाहर ही खाता था तो में रात को 9:30 बजे के आस-पास कमरे पर आया तो भाभी बोली आज इतने लेट कैसे हो गये? मैने जवाब दिया की में तो रोज़ इसी समय तो आता हूँ।

भाभी बोली : अच्छा खाना कहाँ खाते हो?

मैने बोला: होटल पर लेकिन थोड़े दिनों मे टिफिन लगवा लूँगा। फिर मैने कपड़े चेंज किये और लाइट बंद करके सो गया और मोबाइल मे टाइम देखा तो रात के 10:30 बज चुके थे। भाभी ने आवाज़ लगाई आप सो गये हो क्या? तभी मेंने बोला क्या करू कुछ भी काम नही है। तो सोना ही है। अवाज़ साफ सुनाई दे रही थी क्योंकि मेरे कमरे के पास ही उनका बेडरूम था और उसका एक गेट मेरे कमरे मे भी खुलता था। तो मैने पूछा आप इसी कमरे मे सोती हो क्या? तो वो बोली हाँ वैसे हम कमरे किराए पर कभी नही देते है। वो तो हमारे चाचा जी के बहुत कहने पर दे ही दिया है। क्योंकि उसके पड़ोस के चाचा जी मेरी कंपनी मे ही जॉब करते है। तो मैने कहा भाभी धन्यवाद। फिर मैने कहा तो पहले इस कमरे में आप सोते थे? वो बोली नही बड़ी बेटी सोती थी। वैसे हमारे अंदर भी तीन कमरे और है। और भाभी टॉपिक चेंज करके बोली आप पूरा जयपुर देख चुके हो क्या?

मैने कहा : नही अभी ऑफीस मे सबसे दोस्ती नही हुई है तो कहीं भी घूमने नहीं गया।

तो वो बोली कोई अच्छी सी गर्लफ्रेंड बना लो। आपको पूरा शहर घुमा देगी मैने एकदम कहा वैसे आप भी तो मस्त हो।

तभी भाभी बोली : नहीं हमारी तो उम्र निकल गई है।

मैने पूछा “ आपकी उम्र क्या है? वो बोली 34 तो मैने कहा लगती नहीं आप 34 की हो आपके पति को क्या हो गया था।

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वो बोली कि वो विदेश में थे और तीन साल पहले गुजर गये थे। मैने फिर मोबाइल मे टाइम देखा तो 1:30 से उपर टाइम हो चुका था। फिर भाभी बोली सो जाओ अब और तुम सुबह कितने बजे उठते हो। मैने कहा रोज तो जल्दी 6:00 उठता हूँ। पर आज तो दो बज गये तो पता नही कब नींद खुलेगी?

भाभी बोली में तुम्हे जगा दूँगी बोलो कितने बजे जगाना है?

मैने कहा 6:00 या 6:30 बजे तक बोली ठीक है। सुबह मुझे भाभी ने आवाज़ लगाई और गेट खटखटाया तो में उठा और सोचा की शायद भाभी अंदर आएगी। कुण्डी मेरी साइड से नही थी गेट की कुण्डी खुली ही थी। लेकिन उसने गेट नही खोला आख़िर में अपने लंड को हिलाकर रह गया।

दूसरे दिन फिर नाइट मे हमारे बीच काफ़ी देर तक बाते हुई। और नाइट के 11:00 बजे थे। मैने तुरंत कहा आपके बच्चो को ये बाते सुनाई नही देती क्या? भाभी बोली वो तो अपने सामने वाले कमरे मे सोते है। और बड़ी बेटी उपर के कमरे मे सोती है।

तो मैने तुरंत कहा भाभी जी तो आपने इधर का गेट क्यो बंद कर रखा है? तो इसे खोलो भाभी बोली नही यार परदा तो होना ही चाहिए। उसने मुझे यार कहा तो मैने कहा आपने तो अब यार कहा है। और वैसे भी आप अकेली और में भी अकेला ना मुझे नींद आती है और ना आपको तो वो हँसने लगी और बोली मुझे तो नींद आती है आपको ही नही आती तो मैने कहा तो मेरे लिए ही सही गेट तो खोल दो प्लीज़ प्लीज़-प्लीज़ भाभी।

भाभी बोली ठीक है में खोलती हूँ। पर आप मेरी मर्ज़ी के खिलाफ कुछ नही करोगे। मैने कहा आपकी कसम प्लीज़ प्लीज़ भाभी ने गेट खोल दिया। हम लोग एक दुसरे की बाते करने लगे। बाते करते करते हम थक गये थे। और हमे नींद आने लगी तभी भाभी बोली मेरे पास ही सो जाओ। अब मुझे नींद कहाँ आनी थी। मेरी नींद उड़ गयी थी और साथ में भाभी की भी मेरे हाँ कहने से हम एक ही बेड पर सो रहे थे। वो आंखे बंद करके लेटी हुई थी और इंतजार कर रही थी मेरे कुछ करने का तो मैने भी मौका देख कर हल्का सा भाभी को छुआ वो कुछ नही बोली मैने एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया। फिर गले से लगा लिया और सभी जगह छूने लगा। उसके लिप्स को फिर वो मेरा साथ देने लगी थी। अब में उसे छेड़ने लगा कभी उसके मस्त-मस्त बूब्स चूसता कभी उसकी चूत पर हाथ लगाता मैने मौका देख अपने सारे कपड़े खोल दिये और में एक दम नंगा हो गया तो भाभी मेरे लंड को देखकर बोली इतना बड़ा लंड? मैने कहा अब तक मैने किसी के साथ सेक्स नहीं किया। मेरा लंड तो आपकी चूत पर ही मेहरबान हुआ है।

अब मैने कहा भाभी ये नाईटी क्यो पहनी हुई है। प्लीज़ खोलो इसे तो वो बोली नही। में ये काम नही करूँगी और सब कुछ कर लूँगी। तो मैने उनके शरीर पर हाथ फेर कर उसकी चूत को जगा दिया और अपना लंड उसके हाथ मे थमा कर बोला लो ये आपके लिए ही है। जैसे चाहो खेलो खाओ। मुझे भी कोई जल्दी नही थी। अब भाभी थोड़ी देर तक हिलाती रही। फिर उठ कर लंड मुहं मे ले लिया।

लगभग दस मिनट तक वो चूसती रही। आख़िर मैने कहा भाभी अब निकलने वाला है। प्लीज़ आपकी चूत में तो अभी लंड डालना बाकी है। तो भाभी ने तुरंत अपनी नाईटी उतार दी तो मैने उसकी पेंटी भी खींच कर खोल दी। अब में लंड उसकी चूत मे डालने के मूड मे था पर भाभी ने उसे चूसने को कहा। मैने जैसे ही उसकी मस्त चूत के पास मुहं रखा उसमे थोडा पानी जैसा तरल और एक अजीब सी मदहोशी छा रही थी। मैने भाभी को कहा तो उसने तुरंत मुझे अपनी चूत के पास से दूर कर दिया।

उसकी चूत बहुत मस्त लग रही थी। फिर हम 69 स्टाइल मे आ गये। भाभी ने मेरे लंड को चूसना बंद नही किया। दस मिनट बाद मेरे लंड से तेज पिचकारी निकली भाभी का पूरा मुहं भर गया। अब वो लंड बाहर निकाल कर खांसने लगी। बोली मेरा गला भर गया है। लेकिन ये बहुत टेस्टी है और फिर पूरा वीर्य निकल जाने के बाद भाभी फिर मेरे लंड को चूसने लगी। और चूस चूस कर लंड को दोबारा खड़ा किया। और अपनी चूत मे लंड डालने का इशारा किया। मैने कहा भाभी बिना कंडोम के मुझे डर लगता है। क्योंकि आज कल एड्स का ख़तरा बहुत ज्यादा है। ये हमारे लिये सेफ नहीं है।

भाभी बोली मेरे बच्चो की कसम मैने मेरे पति के सिवाय किसी से सेक्स नही किया और वैसे भी वो कभी कभी ही घर आते थे। में अब तीन साल से तो बिल्कुल ही नही चुदी हूँ। तो आप बिना डरे चोदो कुछ नही होगा। प्लीज़ में आपको बहुत मज़ा दूँगी। मैने तुरंत लाइट ऑन कर दी और नंगे बदन मे भाभी कि मासूमियत देख रहा था। भाभी बोली लाइट ऑफ कर दो अड़ोसी पड़ोसी शक करेंगे मैने तुरंत लाइट ऑफ की और भाभी को बोला की इस चूत को और टाइट करो। भाभी ने ठीक ऐसा ही किया। फिर मैने भाभी से पूछा कि आपको कौन सी स्टाइल मे मज़ा आता है। वो बोली जैसे आप चाहो वैसे चोद लो लेकिन जल्दी करो अब नहीं रहा जाता चोदो मुझे डाल दो तुम्हारा पूरा लंड मेरी चूत में प्लीज जल्दी करो और मैने भाभी को लिटा दिया और चूत मे लंड डालने लगा। उसकी चूत बहुत टाइट और कसी हुई थी। क्योकि वो बहुत दिनों से नही चुदी थी। फिर मैने एक झटका लगाया लंड अंदर नही जा रहा था। मुझे बहुत दर्द हुआ और उसको भी वो दर्द से चीखी। तभी मैने लंड बाहर निकाल कर अपनी दो उँगलियाँ चूत में डाल दी।

उसे मजा आने लगा वो दर्द भूल गयी थी। मैने मौका देख कर लंड डाल दिया। अब पूरा का पूरा लंड उसकी चूत मे चला गया। ओह मर गई ओहऊऊओह करने लगी। मैने ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाने शुरू कर दिये। भाभी का चीखना जारी था। फिर उसे बहुत अच्छा लगने लगा। और कहने लगी चोदो इसे फाड़ दो मेरी चूत को।

अब में धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा। तभी वो बोली यार मुझे बहुत समय के बाद लंड मिला है। मुझे बहुत मज़ा आ रहा है। प्लीज़ ज़ोर से चोदो में लगातार चार मिनट तक चोदते चोदते जैसे थक सा गया था। क्योंकि ये मेरी पहली चुदाई थी। मैने अब लंड बाहर निकलना चाहा पर भाभी बोली अभी लंड ना निकलना। अभी तो मुझे जोर जोर से चोद डालो यार फाड़ डालो इसे मैने भाभी की बात मानकर फिर से चुदाई शुरू कर दी। थोड़ी देर बाद भाभी भी झड़ने लगी और फिर में भी झड़ गया। मैने पूरा वीर्य चूत में ही निकाल दिया। अब भाभी बहुत खुश थी। सीधी होकर मुझसे लिपट गई और बोली मेरे राजा बहुत मज़ा आया आप बहुत अच्छे हो। फिर मुझे चूमने लगी। मेंने भी उसके लिप्स अपने मुहं मे ले लिए और दोनो सो गये। रात को भाभी नींद मे सो रही थी। में बीच बीच मे जाग जाता सुबह 5:30 बजे थोड़ा उजाला हुआ तो मैने भाभी को गौर से देखा। नींद मे उसका चेहरा बहुत ही मासूम लग रहा था। जैसे की बहुत सालों के बाद सूकून की नींद सो रही हो। मुझसे रहा नहीं गया मैने उसके माथे गाल और होंठ पर किस किए तभी वो जाग गई। मैने बोला तुम कितनी मासूम लग रही हो। तुम यहाँ घर मे अकेली रहती हो तो पड़ोस मे किसी की नज़र नही पड़ी क्या?

वो बोली मेरे साथ मेरी सास भी रहती है। अभी वो मेरे देवर के पास गावं मे है। क्योंकि मेरे देवर के घर में लड़की हुई है। मैने उनसे पूछ कर ही कमरे के लिए आपके अंकल को हाँ किया था। मेरी नजर उसके बूब्स पर पड़ी वो बहुत बड़े गोल थे। बूब्स को देख कर कुछ समय मे मेरा लंड खड़ा हो गया। अब मैने उसको फिर से चोदने के लिये बहुत मनाया कुछ समय बाद वो मान गई। मैने उसकी टांगे ऊँची करके लंड डाल दिया तो वो बोली मेरे राजा अब में आपको मना तो नहीं कर सकती। लेकिन चुदाई ज्यादा नहीं करनी चाहिए। इससे शरीर मे बहुत कमज़ोरी आती है।

मैने पूछा तो कब-कब करते है। वो बोली दो दिन मे एक बार मैने फिर जमकर चुदाई की तो भाभी पूरा मजा ले रही लेकिन वो थक गयी थी। उनके चहरे पर साफ दिखाई दे रहा था। मैने करीब 10 मिनट चुदाई की और उनकी चूत लाल हो गई और में झड़ गया और बहुत थक गया था। तभी भाभी बोली लगता है नई नई जवानी आई है इसलिये तुम्हारा मन एक बार चुदाई से नही भरा। तब सुबह के 6:00 बज चुके थे। में उठ कर अपने कमरे में चला गया। और उन्होंने उठ कर गेट अंदर से बंद कर लिया था।

फिर उसने बच्चो को जगाया उन्हे स्कूल के लिए तैयार किया। आज में भी बहुत खुश था। में बाथरूम मे नहा रहा था। तभी गेट बजा मैने तुरंत गेट खोला वो सामने खड़ी थी। में बिल्कुल नंगा था वो शरमाते हुए बोली नहा लिये क्या? नाश्ता बन गया है में लेकर आती हूँ। और कमरे से बाहर चली गई। जब तक मैने कपड़े पहने तब तक वो गोभी के परांठे दही लेकर आई थी। मैने मना किया तो वो बोली जब तक मेरी सास नही आती आप खाना यहीं खाया करो। मैने नाश्ता किया और फिर में ऑफीस चला गया। शाम को उसने अपने बच्चो से मेरा परिचय कराया। तभी से में भाभी और उनके बच्चो से बहुत ज्यादा घुल मिल गया। और रोजाना रात को हम साथ ही सोते थे। कभी मेरे कमरे पर तो कभी भाभी के कमरे पर। बहुत सारी स्टाइल्स से चुदाई करके हमने खूब मज़े लिए। भाभी ने चुदाई में मेरा पूरा साथ दिया। हम इस चुदाई से एक दूसरे के बहुत पास आ गये थे।

अब हमें चुदाई करे बिना नींद नही आती थी। मुझे उसकी चुदाई और चूत चाटने में बहुत मजा आने लगा था। फिर आठ महीने बाद मेरा तबादला वापस भोपाल हो गया। में अपने घर भोपाल आ गया। बाद मे भाभी से फोन पर ही बात होती थी। मैने कई बार उनके घर जाकर उनकी चुदाई की। लेकिन कुछ महीने के बाद पता नही उनका फोन नम्बर बंद हो गया। तब हमारा लिंक टूट गया वैसे भी अब जयपुर मे मेरा कोई काम भी नही है और मेरी शादी भी होने वाली थी। लेकिन दोस्तो मेरे वो आठ महीने जिंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हें है जिन्हें में चाह कर भी नहीं भुला सकता ।।

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टीचर को उनकी बर्थडे पर चोदा https://sexstories.one/teacher-ko-choda-birthday-par/ Tue, 26 Oct 2021 06:26:00 +0000 https://sexstories.one/?p=3145 फिर में रानी के बूब्स को नाईटी के ऊपर से ही धीरे-धीरे दबाने लग गया. रानी धीरे-धीरे आवाज़े निकालने लग गई और सिसकियां देने लग गई.. हम्म ऊऊओ ससस्स और बोलने लगी और ज़ोर से दबाओ.. आज इसका सारा दूध पी जाओ. फिर मैंने रानी की नाइटी ऊतार दी..

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Teacher ko choda xxx kahani – हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राज है… मैंने सोचा कि में भी अपने साथ हुई घटना के बारे में आप लोगों को बताऊँ.. मेरी उम्र 22 साल है और में नागपुर का रहने वाला हूँ. मेरी बॉडी ठीक-ठाक है और लम्बाई 5 फीट 9 इंच है. तो आपको ज्यादा बोर ना करते हुए में सीधा स्टोरी पर आता हूँ. ये बात 2 साल पहले की है जब में एक स्कूल में पढ़ने जाया करता था. उस स्कूल में 6 लेडी टीचर और 2 मेल टीचर थे. वहां एक मेडम थी.. जिसका नाम रानी नाम था.. वो करीब 30 साल की थी और दिखने में माल थी. दोस्तों जो भी उसे एक बार देख ले.. तो बस देखता ही रह जाये वो 5 फुट 5 इंच की एक सुंदर औरत थी. उसके बूब्स क्या बताऊँ? क्या मस्त थे और गांड के बारे में.. तो कुछ बोल ही नहीं सकता. जब मैंने रानी को पहली बार देखा.. तो मुझे वो बहुत अच्छी लगी.. लेकिन में बहुत ही शर्मिला था.. तो कुछ बोल नहीं पाया.

जब मुझे स्कूल में 1-2 महीने हो गये.. तो सभी मुझसे खुल कर बातें करने लगे. रानी भी मुझसे सबसे ज्यादा खुलकर बातें करती थी.. वो मेरे पास आने की कोशिश करती रहती थी. एक दिन रानी ने मुझे बताया कि उसके पति नागपुर के बाहर जॉब करते है और महीने – दो महीने में एक बार ही घर आते है. रानी और उसकी एक लड़की दोनों ही नागपुर में रहते है. उसकी लड़की करीब 7 साल की है. रानी हमेशा मुझसे अपनी हर एक बात शेयर करती थी और मुझसे एकदम खुलकर बातें करती थी.

एक दिन रानी ने मुझसे पूछा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? में थोड़ा सोच में पड़ गया कि ये क्या पूछ रही है. में थोड़ा शर्माया.. तो रानी बोलने लगी मुझसे क्यों शरमा रहे हो.. तो मैंने नहीं में अपनी गर्दन हिलाई.. तो वो हंसने लगी और बोली झूठ मत बोलो.. तो मैंने कहा सही में मेरे कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.. तो रानी बोली तुम इतने अच्छे हो तुम्हे कोई मिली नहीं.. फिर मैंने कहा कि नहीं मुझे ये सब पसंद नहीं है.

एक दिन रानी ने मुझे घर बुलाया.. उसकी बेटी का बर्थ-डे था.. तो स्कूल में से सिर्फ़ मुझे ही बुलाया था. तो में शाम के समय रानी के घर गया. मैंने घर जा कर देखा तो वहां सिर्फ़ रानी और उसकी बेटी और रानी की बहन ही थे.. तब मुझे पता चला कि स्कूल में से सिर्फ़ मुझे ही बुलाया है. हम तीनो ने बर्थ-डे मनाया.. उस समय रात के 9 बज रहे थे. फिर रानी ने कहा कि खाना खाकर जाना.. मैंने पहले मना किया लेकिन बाद में रानी के ज्यादा ज़ोर देने पर में मान गया. रानी की बहन के घर में उसके बेटे की तबीयत खराब हो गई तो उसे फोन आया. तो वो करीब 10 बजे बिना खाना खाये ही चली गई.

XXX Kahani – लंड तो लेकर रहूंगी मैं

अब घर में हम ही थे.. फिर करीब 10:45 बजे हमने खाना खाया और खाना खाने के पहले ही रानी की बेटी सो गई थी. हमें पता ही नहीं चला कि खाना खाते-खाते 11:45 हो गये थे. रात ज्यादा होने के कारण मुझे घर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिलने वाला था.. लेकिन में वहां रुक भी नहीं सकता था.. तो मैंने रानी से जाने के लिए कहा. तो रानी बोली इतनी रात को तुम्हें जाने के लिए कुछ नहीं मिलेगा.. तुम आज रात यहीं रुक जाओ.. मैंने मना किया लेकिन वो नहीं मानी तो मुझे रुकना पड़ा. फिर खाना होने के बाद में टी.वी देखने लग गया और रानी फ्रेश होने चली गई. में टी.वी देखता रहा.. तो मैंने देखा कि रानी एक नाइटी पहने मेरे पास आ कर बैठ गई.. क्या बताऊँ?

दोस्तों में तो उसे देखता ही रह गया. रानी उस नाइटी में क्या लग रही थी.. तो टी.वी देखते देखते रानी ने मुझे बताया कि उसके पति करीब 4 महीने से घर नहीं आये है और फिर मुझे बोला तुमने कभी किसी के साथ सेक्स किया है.. में तो बस उसकी तरफ देखता ही रह गया कि ये क्या पूछ रही है? तो में कुछ बोलता उसके पहले ही रानी ने मेरी पेंट पर अपना हाथ रख दिया.. मुझे थोड़ा डर लग रहा था.

मैंने कभी ऐसा किया नहीं था. वो मुझसे फिर से पूछने लगी.. तो मैंने नहीं कहा तो वो बोली कि मेरे साथ सेक्स करोगे क्या? में तो ये सुनकर पागल ही हो गया.. लेकिन मैंने रानी से बोला कि नहीं ये ग़लत है.. तो वो बोलने लगी कि मैंने करीब एक साल से सेक्स नहीं किया है. उसके पति जब भी आते है.. तो वो अपने ही काम में लगे रहते है.. वो मेरे साथ कुछ करते ही नहीं है. ऐसा बोल कर वो मेरे लंड को पेंट के ऊपर से ही हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी. में बोलता रहा कि ये ग़लत है.. मत करो.. लेकिन वो नहीं मानी. फिर रानी मेरे पास आ कर मेरे होठों को किस करने लगी.. अब में भी उसका साथ देने लग गया. मुझे भी मजा आने लग गया. फिर में रानी के बूब्स को नाईटी के ऊपर से ही धीरे-धीरे दबाने लग गया. रानी धीरे-धीरे आवाज़े निकालने लग गई और सिसकियां देने लग गई.. हम्म ऊऊओ ससस्स और बोलने लगी और ज़ोर से दबाओ.. आज इसका सारा दूध पी जाओ.

फिर मैंने रानी की नाइटी ऊतार दी.. रानी ने नीचे कुछ नहीं पहना था. मैंने पूछा.. तो वो बोलने लगी तुम्हारे लिए ही कुछ नहीं पहना है. दोस्तों मैंने पहली बार किसी औरत को नंगा देखा था. फिर में रानी के बूब्स पर टूट पड़ा और एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा और एक बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा.. वो अब आवाजें निकालने लगी.. इसका सारा दूध पी लो आज. फिर में अपना एक हाथ रानी की चूत पर रखकर उसकी चूत को सहलाने लगा..

वो बोलने लगी आह्ह्ह्हह इसकी सारी खुजली मिटा दो.. ये आज से तेरी गुलाम है और ज़ोर-ज़ोर से आवाज़े निकालने लगी.. हह एम्म्म ऊऊऊ सस्स. फिर मैंने अपना मुँह रानी की चूत पर रखा और उसे चाटने लगा.. क्या मस्त लग रहा था. फिर रानी मुझे बोलने लगी कि राज अब और मत तड़पाओ.. अपना लंड मेरी चूत मे डाल दो.

Desiporn – शादी भी हुयी और चुदाई भी

फिर मैंने कहा पहले इसे अपने मुँह में लेकर चूसो.. तो वो मेरा 6.5 इंच लंबा लंड और 2.5 इंच मोटा लंड देखकर बोली.. ये तो मेरे पति से ज्यादा मोटा है और चूसने लगी.. क्या बताऊँ? दोस्तों कितना मज़ा आ रहा था. फिर मैंने अपना लंड रानी की चूत पर रखा और रगड़ने लगा.. रानी तड़प रही थी. फिर मैंने एक झटका मारा लेकिन लंड अंदर नहीं गया.. क्योंकि रानी की चूत टाईट थी और बहुत दिनों से रानी ने सेक्स नहीं किया था और उसके पति का इतना मोटा भी नहीं था.

मैंने एक बार फिर से एक झटका मारा.. इस बार लंड का सुपाड़ा पूरा अंदर चला गया और रानी के मुँह से आवाज़े आने लगी.. वो चिल्ला उठी.. आआह्ह्ह्ह उसे दर्द हो रहा था. फिर मैंने एक और जोर का झटका दिया और मेरा 6.5 इंच लंबा लंड रानी की चूत में पूरा अंदर चला गया. वो ज़ोर से चिल्ला उठी.. करीब 40 मिनट बाद में झड़ने वाला था..

मैंने पूछा कहाँ निकालूं. तो रानी बोली अंदर ही छोड़ दो. फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में भी चोदा. मैंने रानी से कहा अब मुझे तुम्हारी गांड मारनी है.. तो वो मना करने लगी.. फिर मैंने भी उससे ज्यादा जिद नहीं की. उस रात हमने 4 बार सेक्स किया.. उसके बाद हम नंगे ही सोये गये.

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Chalti Train Mein Ho Gaya Kand https://sexstories.one/chalti-train-mein-chudai-ki-kahani/ Mon, 14 Jun 2021 14:26:41 +0000 https://sexstories.one/?p=3785 मेरा नाम शान हे. में चाची के घर से वापस नागपुर मेरे कॉलेज जा रहा था. अचानक जाना हुआ इसलिए रिज़र्वेशन नही मिला. मैने सोचा अकेला हूँ समान भी नही है जनरल में ही चला ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम शान हे. में चाची के घर से वापस नागपुर मेरे कॉलेज जा रहा था. अचानक जाना हुआ इसलिए रिज़र्वेशन नही मिला. मैने सोचा अकेला हूँ समान भी नही है जनरल में ही चला जाता हूँ. जनरल की भीड-भाड तो आपको पता ही है. मैं एक्सप्रेस के जनरल बोगी मे चढ़ा ही था की ट्रेन चल पड़ी. धक्का मुक्की करते करते हुए किसी तरह थोड़ी सी जगह मिल गई.

मैने राहत महसूस की. जहाँ मैं बैठा था मेरे दाये में एक 22-23 साल की महिला या यूँ कहिए की लड़की बैठी थी. पर शादीशुदा थी इसलिए मैने महिला कहा।

पर शायद वो बहुत गरीब परिवार से थी जैसा की उसके कपड़े से लग रहा था. वो विंडो के पास थी. और में उसके जस्ट साइड मे था और मेरे बाद एक 50साल का बुड्डा बैठा था. ठंड का मौसम था इसलिए मेने उनसे कहा खिड़की बंद कर दीजिए. उसने विंडो बंद कर दिया. शाम के लगभग 7:30 बज़ रहे थे. सभी यात्री लगभग सोने ही लगे थे वो भी खिड़की पर सिर टीका कर सो गयी. मुझे भी नींद लगी थी.

पर ट्रेन के हिलने से उसकी जांघे मेरी जांघों से टकरा रही थी अच्छा लग रहा था. थोड़ी देर मे झपकी लेते हुए मैने सिर उनके कंधे पर रख दिया. फिर एकदम से होश आया और मैने सिर हटा लिया. उनको भी लगा मैने जान बुझ कर नही रखा है इसलिए कुछ नही बोली. कुछ देर बाद फिर ऐसा ही हुआ मेने फिर सिर हटा लिया. इस तरह जब 3-4 बार ऐसा हो गया तो वो बोली कोई बात नही आप आराम से सिर रख लीजिए क्योंकि जब जब मेरा सीर से टकराता था उनकी भी नींद खुल जाती थी।

मैं उनके कंधे पर सिर रख कर सो गया. मुझे पता नही था की नींद मे ही मेरा लेफ्ट हाथ उनके जांघ पर था और ट्रेन के हिलने से उनकी कोमल जांघे रग़ड खा रही थी. मैने अपना राईट हाथ उनके गले मे डाल दिया उसने मेरी हथेली पर अपना सिर रख दिया. क्योकि विंडो से शायद उसे चोट लग रही थी. थोड़ी देर बाद. मेरी नींद आधी खुली मैं अपनी पोज़िशन देख कर चौंक गया. पर मैं वैसे ही पड़ा रहा क्योकि कुछ करने से वो जाग सकती थी. पर मुझे लगा शायद उसे भी अच्छा लग रहा है।

फिर मैं सीधा होकर बेठ गया और उसका सिर अपने कंधे पर रख लिया उसने भी आराम से अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया. इसी दौरान उसका गाल मेरे गाल से टच हुआ मुझे तो झटका लगा. उधर मेरा लेफ्ट हाथ उसकी जांघों को रगड़ रही थी. मेरा लंड पैंट के अंदर टाइट होने लगा और चुदाई का भूत मन मे जागने लगा. मैने उसे साल ओढ़ने के बहाने अपना हाथ उसकी चुचियों पर रखा और शांत हो गया की उसे लगे की मैने जान बुझ कर नही किया है. थोड़ी देर जब वो कुछ नही बोली तो मेरा साहस बढ़ गया और मैं उसकी चुचियाँ हल्के से सहलाने लगा. वो कुछ नही बोली और मेरी तरफ और सरक गई. मैने उसके मन की बात जान ली अपना काम चालू रखा।

थोड़ी देर मे मैने उसका हाथ मेरे पैंट पर महसूस किया. वो पैंट के उपर से मेरे लंड को सहला रही थी. मैने नज़र घुमा कर देखा सभी पॅसेंजर सो रहे थे. मैने उसे अच्छी तरह अपने साल में छुपा लिया और उसकी साड़ी उपर कर दी और उसकी पेंटी पर हाथ लगाया. उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी. वो मेरे पैंट का ज़ीप खोल रही थी. तभी कोई स्टेशन आया हम लोग उसी तरह पड़े रहे. उस स्टेशन पर बहुत सारे लोग उतर गये. शायद वो लोग जनरल पॅसेंजर थे. रात के 11:30 बज रहे थे. ट्रेन चल पड़ी.

अब सामने वाली सीट पर 4 पॅसेंजर थे और मेरे सीट पर हम लोग और वही बुड्डा बेठा था. ट्रेन रुकने से सभी जाग गये थे. मैने सामने वाले से पूछा आप लोग कहाँ उतरेंगे तो वो लोग बोले अगले स्टॉप पर. तो बुड्डा बोला मुझे भी जगा देना भाई. मैने पूछा अगला स्टॉप कब आएगा तो वो बोले 40मिनट बाद।

मैने शाल से एक हाथ उसके बेग से कंबल निकाल कर उन दोनो को पूरी तरह से ढक लिया. 10 मिनट में फिर सभी सो गये. मैने अब उनसे नाम पूछा तो उसने अपना नाम सुनीता बताया और बोली उसका पति मुंबई में रिक्शा चलाता है और शादी के अभी 8 महीने ही हुए हैं. सास से नही बनती थी इसलिए अपने मायके जा रही हूँ जो नागपुर से 5-6स्टॉप पहले है और शायद 3:30 बजे आएगा. मैने पूछा सुनीता तुम्हे सब बुरा तो नही लग रहा है.

वो बोली अच्छा लग रहा है साहब मेरे पति ने तो आज तक मुझे तन का सुख नही दिया. दारू पीकर आता है और सो जाता है और वो रोने लगी मेने उसे सिने से लगा लिया और बोला रो मत. फिर मैं उसकी चूचिया दबाने लगा।

सुनीता : आ..आ.. सी…सी…तोड़ा धीरे साहिब….

मैं : ब्लाउस खोल दूँ…

सुनीता : खोल दीजिए साहब….

मैने ब्लाउस खोल दिया अंदर बहुत ही टाइट ब्रा पहन रखी थी जो मुझसे खुल नही रही थी. फिर उसने हाथ पीछे करके ब्रा खोल दिया. मैं उसकी चुचियों को सहलाने लगा और वो मेरे लंड को प्यार से सहला रही थी. जब मैं उसके निप्पल को पकड़ता था तो उसके मूह से उई…आ…ईईईईईई निकल जाती थी।

सुनीता : साहब मैं आपका लंड मूह में लू? मैने कहा हां ले लो और चूसो… वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं अपना हाथ पीछे ले जाकर पैंटी उतार दी और चूत पर रखा. उसकी चूत गर्म थी और उस पर घने बाल थे. पूरी चूत और बाल गीले थे. मेरा पुरा हाथ गीला हो गया. मैने अपना हाथ सूंघ कर देखा क्या खुशबू थी. फिर मिने उसके चूत का पानी चाट लिया सच कहता हूँ मज़ा आ गया. तभी सामने वाले ने बुड्ढे से कहा चाचा जी चलो बैतूल आ गया. हम दोनो जैसे थे वैसे ही पड़े रहे. थोड़ी देर मे जब ट्रेन चली तो करीब पूरा कंपार्टमेंट खाली था।

मैं : सुनीता कभी किसी से चूत चुसवाई हो…

सुनीता : नही साहब…

मैं : आज मैं चूसता हूँ…

सुनीता : साहब दर्द तो नही होगा…

मैं : बहुत मज़ा आएगा… तुम्हे मेरा लंड चूसने मे मज़ा तो आ रहा है ना…

सुनीता : बहुत मज़ा आ रहा है साहब… आपका लंड तो बहुत बड़ा है (9”) मेरे पति का तो बहुत ही छोटा है…

मैं समझ गया की लड़की सेक्स की भूखी है. मैने 69 का पोज़िशन बनाया और चालू हो गये. मैने उसके बालों को हटाकर दोनो हाथों से चूत के दोनो होंठो को अलग किया और अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी. साहब क्या कर रहे हो? मैने उसका सिर पकड़कर अपने लंड पर दबा दिया. अब वो भी ज़ोर ज़ोर से मेरा लंड चूसने लगी. मेने अपनी स्पीड बढ़ा दी. थोड़ी देर मे उसने पानी छोड़ दिया.

मैने उसके चूत के एक एक बूँद रस को चाट लिया. फिर मेरे लंड ने पानी छोड़ा तो मूह हटाने लगी. शायद उसे अच्छा नही लग रहा था. मैने उसका सिर पकड़ कर लंड पर दबा दिया और कहा क्या कर रही हे इस अमृत के लिए तो लड़कियाँ मरती हे और तुम बर्बाद कर रही हो…

फिर वो पूरा वीर्य पी गयी और बोली. साहब ये तो बहुत अच्छा लगा. फिर हम दोनों ने एक ही बाथरूम मे जाकर पेशाब किया और वहीं एक दुसरे को फिर से गर्म करने लगे. में उसके टाँगों के नीचे बैठकर उसकी चूत पीने लगा. थोड़ी देर बाद वो बोली क्या करते हो साहब अब तो अपने लंड का स्वाद मेरी चूत को चखाओ… मेने उसका एक पैर उपर करके अपना लंड उसकी चूत पर लगाया और हल्का सा धक्का मारा उसकी चीख निकल गई उउउइईईईईई साहब मर जाउंगी निकालो नाआआअ…

मेने उसका होंठ अपने मूह मे ले लिया और एक जोरदार धक्का मारा इस बार उसकी चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया. उसके मूह से सिर्फ़ हु.. हु.. की आवाज़ निकली।

थोड़ी देर मे उसकी चूत में रास्ता बन गया और मेरा लंड आसानी से आ जा रहा था. अब उसे भी मज़ा आ रहा था पर उसने कहा साहब पैर दर्द कर रहा है… मैने उसे कमोड पर बिठा दिया और चोदना चालू किया और वो साहब ओर और सी… मेरी चूत को फाड़ डालो साहब… बहुत मजा आ रहा है… आआहह.. ऊहह.. चोदो साआआहब मेरी चूत की प्यास बुझा दों… मैं भी जोश में आकर झठके मारने लगा वो भी गांड उचकाने लगी. 10 मिनट बाद साहब और तेज… मेने समझ लिया वो झड़ने वाली है.

मैने स्पीड बढ़ा दिया. फिर हम दोनो एक साथ झडे उसने मुझे कसकर अपने सिने से लगा लिया और तभी छोड़ा जब मेरा लंड सिकुड कर छोटा होकर उसकी चूत से निकल गया।

फिर उसने पानी से मेरा लंड धोया फिर अपनी चूत साफ की और हम लोग सीट पर आकर कपड़े पहनकर बैठ गये. सर्दी में भी हम लोग पसीने पसीने हो गये थे. थोड़ी देर में मुझे नींद आ गई और मैं उसके गोद में सिर रख कर सो गया. मेरी नींद को चाय वाले ने तोड़ा. मैने देखा वो लड़की नही थी. मैने चाय वाले से पूछा भैया गाड़ी कहाँ खड़ी है… वो बोला साब नागपुर से एक स्टेशन पहले…

मैं रात की बात याद करके मन ही मन मुस्कुराने लगा।

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Bua Ki Ladki Ko Pataya https://sexstories.one/bua-ki-ladki-ko-pataya/ Thu, 15 Apr 2021 08:52:03 +0000 https://sexstories.one/?p=2848 उसकी चूत को काफ़ी देर तक चूसा वो भी मस्त होकर अपने चूतडो को उठा उठा कर ये बता रही थी की उसको खूब मज़ा आ रहा है इसके बाद मैं उसके उपर चड गया और जैसे ही उसकी चूत पर अपना लंड रखा तो...

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Bua Ki Ladki Ko Pataya – मेरा नाम अनुज है मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 32 साल है आज मैं आपको अपनी एक स्टोरी के बारे मैं बताता हूँ ये मेरी रियल स्टोरी है ये स्टोरी उस समय की है जब मैं इस साइट की स्टोरी बहुत पढ़ता था मेरी बुआ जी भी दिल्ली मैं रहती हैं उनकी 2 बड़ी लड़कियाँ हैं और एक छोटा लड़का है.

दोनो बड़ी लड़कियों किरण और मौली की उम्र 22, 18 साल है और प्रवीण 16 साल का है ऐसे तो दोनो ही सुंदर हैं लेकिन मौली कुछ ज़्यादा ही खूबसूरत है मेरे पास बुआजी का फोन आया की अनुज तुम्हारे फुफा जी और मैं प्रवीण के साथ कल से 3-4 दिनो के लिए गावं जा रहे हैं शिप्रा (मेरी वाइफ) तो मायके गयी हुई है.

तुम जब तक हम नही आते यही आकर सो जाना क्योकी किरण और मौली अकेली हैं मैने कहा ठीक है बुआ जी मैं वही आकर वही सो जाऊंगा कल आप सुबह निकल जाना मैं शाम को ऑफीस से सीधे वही पहुँच जाऊंगा आज तो गुरुवार है मेरी भी 2 दिन की शनिवार,रविवार की छुट्टी रहेगी.

सोमवार दिन की बात है मंगलवार को तो आप आ ही जाओगे बुआ जी बोली हाँ हम लोग मंगलवार को आ जायेगे वो लोग अगले दिन सुबह चले गये मेरे दिमाग़ में अपनी बुआ जी की लड़कियों को चोदने का विचार आने लगा मैं ऑफीस से 2 बजे ही लंच ख़त्म करके मैं बहाना करके निकल आया.

मैने रास्ते से 2 सेक्सी कहानियों की किताब ली जिसमें ज़्यादातर भाई बहन वाली स्टोरी थी। और एक ब्लू फिल्म की डी.वी.डी ली पहले मैं अपने रूम पर गया वहाँ से एक छोटा बैग लिया और उसमें अपने 2-3 दिन के लिए कपड़े और उसी बैग मैं एक पॉकेट मैं दोनो मैगज़ीन और सी.डी डाल दी और कपड़ों मैं अपने फोन का चार्जर रख दिया अपनी बाइक से मैं उनके घर पहुँच गया दरवाजा किरण ने खोला और मुझसे बोली भैया आप इतनी जल्दी कैसे आ गये अभी तो 3 बजे हैं मैने कहा हाँ किरण तुम लोग अकेले होगे सोचकर जल्दी आ गया वो बोली भैया आप सच मैं कितने अच्छे हो आपको हमारा कितना ख्याल है इसके बाद किरण ने मेरे लिए चाय बनाई और हम दोनो ने साथ बैठकर चाय पी मुझे मौली के बारे मैं पता था की वो पढ़ने गयी है और किरण अक्सर घर पर ही रहती है.

फिर भी मैने जानबुझ कर उससे पूछा मौली कहाँ है तो उसने कहा मौली अभी पढ़कर नही आई है वो तो 7 बजे तक कोचिंग से आती है मैने कहा तुम्हारा क्या है तुम नही जाती एम.बी.ए क्लास के लिए तो उसने कहा भैया एम.बी.ए कर रही हूँ उसमें कभी कभी क्लास होती है थोड़ी देर हम दोनो इधर उधर की बातें करते रहे और थोड़ी देर बाद मैं अपने प्लान के अनुसार बोला किरण मेरे बैग की पॉकेट मैं मेरे फोन का चार्जर रखा होगा ज़रा निकाल कर ले आना थोड़ा फोन चार्ज करूँगा वो बोली ठीक है भैया लेकर आती हूँ वो जैसे ही अंदर वाले कमरे मैं बैग से चार्जर लेने गयी मैं भी उसके पीछे पीछे गया और उसको पर्दे के पीछे से छुपकर देखने लगा जैसे ही उसने बैग की आगे वाली पॉकेट की चैन खोली उसने उसमें मस्तराम की बुक देखी और उसको देखकर जल्दी जल्दी से उसको पलटकर देखने लगी.

मैं वापस अपने उसी रूम मैं आ गया कुछ देर बाद वो मेरे पास आई और बोली भैया मैने पॉकेट चेक की मुझे तो चार्जर नही मिला मैने कहा हो सकता है कपड़ों मैं रख दिया हो कपड़ों के अंदर देख लो वो दोबारा गयी और चार्जर लेकर आई मैने फोन को चार्जिंग मैं लगाया और उसे कहा किरण मैं थोड़ा थक सा गया हूँ थोड़ा आराम कर लेता हूँ वो बोली ठीक है भैया मैं अपनी आँखों पर अपना हाथ रखकर सोने का बहाना करके उसे पड़ा पड़ा देखता रहा और वो वहीं टी.वी देखती रही कुछ देर बाद उसने आवाज़ लगाई भैया सो गये क्या मैं कुछ नही बोला वो टी.वी बंद करके चली गयी मैने देखा वो उसी कमरे मैं गयी है जिसमें मेरा बैग रखा है मैं भी 5 मिनिट बाद उस कमरे मैं गया और पर्दे से छुपकर देखा तो वो उसी बुक को पढ़ रही थी उसका एक हाथ उसकी पेंटी मैं था मैं समझ गया की उसको बुक पढ़ने मैं मज़ा आ रहा है मैं दबे कदम उसके पास पहुँच गया लेकिन उसको पता भी नही चला जैसे ही उसने मुझे अपने पास देखा वो बुरी तरह से डर गयी मुझे ऐसे लगा जैसे उसको 440 वोल्ट्स का करंट का झटका लगा हो.
मैने कहा क्या पढ़ रही हो किरण उसने कहा भैया कुछ नही मैने कहा फिर डर क्यों गयी थी दिखाओ क्या है उसने डरते हुए बुक मुझे दी और कहा आपके बैग से निकाली थी तो मैने अंजान बनते हुए कहा मेरे बैग से? ये बुक्स शायद मेरे फ्रेंड की होंगी जिससे आज मैने ये बैग लिया था क्योकी मेरे पास कोई छोटा बैग नही था कपड़े रखने के लिए और मैने जब देखा तो ऐसे नाटक करते हुए मुस्कुराते हुए बोला ये तो सेक्स स्टोरी की किताब है अच्छा तो ये पढ़ रही हो छुप छुपकर वो बोली भैया सॉरी मैने कहा सॉरी किस लिए पढ़ो कोई बात नही और उसको बुक्स लौटाने लगा वो बोली भैया ये गंदी बुक है मुझको नही पढ़ना.

मैने मुस्कुराते हुए कहा अगर गंदी है तो फिर तुम्हारा एक हाथ पेंटी के अंदर क्यों था बोलो…..वो भी मुस्कुरा दी और अपनी नज़रें नीचे कर ली मैने अपने हाथ से उसकी ढाढ़ी पर हाथ लगाते हुए मुस्कुराकर बोला………बोलो……..बोलो….गंदी है तो क्यों पढ़ रही थी? मैने उसकी मुस्कुराहट का फ़ायदा उठाया और उसको जल्दी से लिप्स पर एक किस कर दिया वो ये देखकर हैरान रह गयी और बोली भैया आप ये क्या कर रहे हो मैं आपकी बहन हूँ मैने कहा जब गंदी बुक पढ़ती हो तो ये सब याद नही रहता है की इस बुक मैं जो स्टोरी हैं वो सब तो भाई बहन की ही हैं उन्हे पढ़कर मजा ले सकती हो लेकिन वास्तव मैं क्यों शर्म करती हो चलो शर्म छोड़ो चलो हम लोग साथ साथ पढ़ते हैं और उसके पास आकर बैठ गया वो बोली भैया नही ये गंदी बुक है इसको हम एक साथ कैसे पढ़ सकते हैं.

मैने कहा ये समझो मैं यहाँ नही हूँ थोड़ी देर पहले तो पढ़ रही थी अब क्या हुआ और ये कहते कहते मैने उसके सामने किताब खोलकर उसके हाथ मैं पकड़ा दी वो बोली भैया रहने दो ना प्लीज़ तो मैं बोला अच्छा ठीक है 3-4 स्टोरी दिल ही दिल मैं चुपचाप पढ़कर रख देंगे वो बोली नही भैया ठीक है 1 स्टोरी मैने कहा ओके ठीक है लेकिन स्टोरी मैं पसंद करूँगा वो बोली ठीक है मैने उसमें से एक लंबी सी स्टोरी निकाली जो की बुआ की लड़की की चुदाई की ही थी और मेरी स्टोरी से मिलती जुलती थी हम दोनो एक दूसरे के आजू बाजू बैठ गये और मन ही मन मैं पढ़ना शुरू किया मुझे पढ़ने मैं थोड़ी परेशानी हो रही है ये कहकर मैं उसके पीछे पैर लंबे करके बैठ गया और उसकी गर्दन की तरफ से देख कर पढ़ने लगा मैने पढ़ते पढ़ते उसकी गर्दन पर सिर रख दिया तो वो बोली भैया सीधे बैठे रहो.

मैने कहा यार किरण मेरी गर्दन दर्द करने लगी है इसलिये सिर रखा है धीरे धीरे मैं उसके कान मैं अपने मुँह और नाक से लंबी लंबी साँसे लेकर गर्म करने लगा बुक पढ़ते पढ़ते उसके हाथ और शरीर का कंपन मुझे साफ दिख रहा था वो भी अब गर्म हो चुकी थी मैने अपना एक हाथ बड़ी तेज़ी के साथ उसकी पेंटी के अंदर डाल दिया उसने गुस्सा दिखाते हुए बुक रख दी और बोली भैया ये क्या है हाथ बाहर निकालो मैने कहा कुछ देर पहले तो अपना हाथ डाल रखा था मेरे हाथ मैं क्या काँटे लगे हैं देखना मेरे हाथ से बहुत मज़ा आयेगा वो अपने आप को इधर उधर हिलाकर उठकर जाने का प्रयास करने लगी और मैने अपना दूसरा हाथ उसकी चूची पर रखकर उसको अच्छी तरह से जकड़ लिया.

वो बोली आप मान जाओ भैया। मैने कहा मान जाऊंगा लेकिन स्टोरी पूरी पढ़ने के बाद वो बोली ठीक है इससे ज़्यादा कुछ हरकत मत करना वरना देख लेना फिर मैने हँसते हुए कहा दिखाओंगी तो देख भी लूँगा वो बोली भैया आप बहुत गंदे हो आपके बारे मैं मैने कभी ऐसा नही सोचा था। और तभी मैने अपना हाथ उसकी पेंटी से बाहर निकालकर उसको पीछे से जकड़ कर एक झटका अपनी लेफ्ट साइड दिया जिससे मैं उसकी पीठ पर लेट गया अब वो मेरे नीचे थी और मैं उसके उपर उसके दोनो बूब्स को जकड़े हुए मैने किरण को कहा किरण तुम बहुत सुंदर हो मैं आज तुमको जी भरकर प्यार करना चाहता हूँ। उसका मन भी कर रहा था लेकिन वो शर्म से बोल नही पा रही थी इसलिए वो बोली ठीक है भैया लेकिन उपर उपर से करना अंदर मत डालना वरना मैं प्रेंग्नेंट हो जाउंगी मैने कहा मैं तुमको प्रेंग्नेंट नही होने दूँगा मैं कन्डोम से कर लूँगा.

वो बोली अभी रहने दो मौली का आने का टाइम भी हो रहा है शाम का खाना भी बनाना है रात को करेंगे मैं बोला ठीक है और हम दोनो खड़े हो गये वो शाम के खाने की तैयारी करती रही मौली 30-40 मिनिट के बाद आई लेकिन मैं तब तक उसके पीछे लगा लगा उसको कभी किस करता कभी उसकी चूचीयों को दबाता उसके हिप्स पर हाथ फेरता और वो इसका जवाब मुस्कुराकर देती वो भी चुदने के लिए बड़ी उतावली हो रही थी मौली जब घर आई तो उसने मुझे नमस्ते भैया बोला मैने उसको नमस्ते कहा और मैं उसको देखकर बिल्कुल दंग रह गया वो गजब की सुंदर हो गयी थी 18 साल की जो हो गयी थी तो मेरा दिल उसको देखकर ललचाने लगा मैने सोचा की काश किरण के साथ साथ इसकी भी मिल जाये तो मज़ा आ जाये.

मौली मुझे देखकर बोली भैया क्या सोचने लगे मैने उसके बूब्स की तरफ देखकर बोल ही दिया मौली तुम तो काफ़ी बड़ी हो गयी हो और पहले से काफ़ी सुंदर भी वो भी मुस्कुराकर बोली भैया आप काफ़ी दिनो बाद हमसे मिले हो शायद इसलिये आपको ऐसा लग रहा है किरण और मौली दोनो नाइट मैं एक बेड पर और उन्होने कहा भैया आप इसी कमरे मैं सोना चाहते हो तो इसमें एक चारपाई डाल दूँ या दूसरे कमरे मैं बेड पर सो जाओ मैं तो अलग कमरे मैं सोना चाहता था। इसलिये मैने कहा नही मैं दूसरे कमरे मैं सो जाऊंगा और मैं किरण को उस कमरे मैं आने का इशारा करके दूसरे कमरे मैं चला गया किरण, मौली के सोने के बाद करीब 10 बजे मेरे पास आई उसकी नज़रें झुकी हुई थी चेहरा शर्म से लाल हो रहा था लेकिन वो आज मज़ा लेना चाहती थी.

मैं बेड से उठा और उसके पास जाकर उसको बाहों मैं भर लिया और उसको बिस्तर पर लेटा दिया मैने उसके चेहरे पर अपने होठो से किस की बारिश सी कर दी उसने भी जवाब मैं मुझको 3-4 किस की वो अभी भी वो शर्मा रही थी। मैने रूम की लाइट बंद की और नाइट लेम्प ऑन कीया। मैने पहले उसकी टी-शर्ट उतारी और उसके बाद उसकी लोवर अब वो सिर्फ़ अंडरगारमेंट्स मैं थी गुलाबी ब्रा से उसके 36 साइज की चूचीयाँ निकलने को बेताब हो रही थी मैने उसकी ब्रा को भी उसके नीचे हाथ लगा कर खोल दिया उसकी चूचीयाँ बड़ी मस्त थी मैने पहले उनको किस किया और फिर धीरे धीरे से कभी उनको सहलाता और कभी उनको चूसता मैं कुछ मिनिट तक सिर्फ़ उसकी चूचीयों को ही प्यार करता रहा उसके बाद मैने उसकी पेंटी भी उतार दी उसने शाम को ही उसको साफ किया था एकदम चिकनी होकर आई थी वो चुदवाने के लिए.

मैने उससे पूछ ही लिया किरण दोपहर मैं तो चिकनी नही थी तुम्हारी ये कब चिकनी की? तो वो बोली भैया शाम को खाना बनाना के बाद अब मैं उसकी जांघों के नीचे बैठ गया और उसकी चूत को काफ़ी देर तक चूसा वो भी मस्त होकर अपने चूतडो को उठा उठा कर ये बता रही थी की उसको खूब मज़ा आ रहा है इसके बाद मैं उसके उपर चड गया और जैसे ही उसकी चूत पर अपना लंड रखा तो वो बोली भैया कन्डोम लगाया क्या?तो मैं बोला नही तो वो बोली भैया कुछ गड़बड़ ना हो जाए तो मैने कहा मैं अपना वीर्य बाहर निकाल दूँगा तुम चिंता मत करो वो बोली ठीक है मैने पहले उसको अच्छी तरह से जकड़ लिया और उसकी चूत पर अपना लंड रखकर एक ज़ोर का झटका दिया लगभग सारा लंड उसकी चूत मैं घुस गया वो ज़ोर से चिल्लाना चाहती थी लेकिन मैने उसका मुँह दबा दिया उसकी चीख वही दबकर रह गयी.

वो बोली भैया बहुत दर्द हो रहा है थोड़ी देर के लिए बाहर निकालो मैने कहा ऐसे ही रहने दो थोड़ी देर मैं ठीक हो जायेगा थोड़ी देर मैने कोई हरकत नही की मैने उसका ध्यान इधर उधर करने के लिए होठो पर किस किया और जब वो नॉर्मल हो गयी तो मैने अपनी स्पीड बड़ा दी कुछ देर बाद हम दोनो ही झड़ गये जब मैं उसके उपर से उठा तो देखा बेड शीट पर काफ़ी खून और वीर्य पड़ा है मैने किरण से बोला की इसको सुबह साफ कर देना वो बोली ठीक है उस रात मैने किरण को 2 बार आगे से और एक बार पीछे से चोदा और मैने अगली रात को मौली को चोदने के लिए भी प्रोग्राम बना लिया था उसके लिए मैने क्या किया ये मैं आपको अगली कहानी मैं बताउंगा मुझे आशा है आपको मेरी यह स्टोरी जरुर पसंद आयेगी.

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ऑफिस की लड़की को टूर मे चोदा https://sexstories.one/office-ki-ladki-ko-choda/ Sat, 20 Feb 2021 04:49:05 +0000 https://sexstories.one/?p=2861 मेरा नाम राजन है और मैं कोलकाता का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 27 वर्ष है और मैं कोलकाता में बचपन से ही रह रहा हूं क्योंकि मेरे पिता जी स्कूल में टीचर है उसके ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम राजन है और मैं कोलकाता का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 27 वर्ष है और मैं कोलकाता में बचपन से ही रह रहा हूं क्योंकि मेरे पिता जी स्कूल में टीचर है उसके बाद उन्होंने कोलकाता में ही घर बना लिया और हम लोग बचपन से ही यहां पर रह रहे हैं। अब मेरे पापा रिटायर हो गए हैं लेकिन हम लोगों को यहां पर रहना बहुत ही पसंद है इसी वजह से मैंने भी यहीं पर नौकरी कर ली। ladki ko choda

मेरे एक बड़े भैया विदेश में रहते हैं और वह कभी कभार घर आते हैं। ladki ko choda

मेरी पढ़ाई पूरी होने के बाद मैंने ऑफिस जॉइन कर लिया था और जब मैंने नौकरी ज्वाइन की तो उसके बाद से मैं उसे ऑफिस में काम कर रहा हूं। मुझे वहां काम करते हुए 3 वर्ष हो चुके हैं और मैं बहुत ही अच्छे से अपने काम  को ध्यान लगाकर करता हूं। मेरे भैया मुझे फोन कर देते हैं और कहते हैं कि जब भी तुम्हें किसी चीज की आवश्यकता हो तो तुम मुझे बता देना। मैंने उन्हें कहा कि फिलहाल तो मुझे किसी भी चीज की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मेरा ऑफिस बहुत ही अच्छा चल रहा है और मुझे एक अच्छी सैलरी भी मिल रही है।

मेरे भैया मेरा बहुत ही ध्यान रखते हैं और वह हमेशा ही मुझे फोन कर दिया करते हैं। ladki ko choda

जब वह मुझे फोन करते हैं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है और जब वो कोलकाता आते हैं तो मेरे लिए कुछ ना कुछ नई चीज हमेशा लेकर आते हैं। मेरे ऑफिस में भी मेरे बहुत दोस्त हैं। हमारे ऑफिस में एक लड़की है उसका नाम संजना है मैं उसे बहुत ही पसंद करता हूं लेकिन उसके बावजूद भी मैंने उससे कभी बात नहीं किया और ना ही उसे मैं अपने दिल की बात, बता पाया लेकिन मैं चाहता था कि उसे मैं अपने दिल की बात किसी न किस तरीके से बता दू।

Maa ki chudai

उसे मेरे बारे में सब कुछ पता था कि मैं उसके बारे में क्या सोचता हूं लेकिन उसके बावजूद भी मेरी कभी भी उससे बोलने की हिम्मत नहीं हुई और मैं जब भी उसे बोलने की कोशिश करता तो मेरी बिल्कुल भी हिम्मत नहीं होती थी और मैं सोचता था कि मैं किस तरीके से उसे अपने दिल की बात बताऊं। एक बार हमारे ऑफिस का टूर जा रहा था और हमारे ऑफिस के सब लोगों को उस में बाहर जाना था क्योंकि एक साल में हमारे ऑफिस के सब लोग घूमने जाते थे, जो कि ऑफिस की तरफ से ही दिया जाता था। इस बार हमारा टूर मनाली जा रहा था और हमारी सारी तैयारियां हो चुकी थी।

मैंने जब इस बारे में अपने मम्मी-पापा को बताया तो वह बहुत ही खुश हुए और कहने लगे कि यह तो बहुत ही अच्छी बात है कि तुम इतने समय बाद कहीं घूमने जा रहे हो क्योंकि मुझे अपने लिए बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था इसलिए मैं कहीं जा भी नहीं पाता था। मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश था कि संजना भी मेरे साथ ऑफिस के टूर से बाहर जाएगी और हम लोग साथ में घूमेंगे।

जब यह बात मैंने अपने भैया को बताई तो वह बहुत खुश थे. ladki ko choda

और कहने लगे चलो यह तो अच्छी बात है कि तुम काफी समय बाद कहीं घूमने जा रहे हो। अब हम लोग घूमने के लिए मनाली चले गए। हम लोग बहुत ही मस्तियां कर रहे थे और सब लोग पूरा इंजॉय कर रहे थे। संजना भी मेरे बगल वाली सीट में बैठी हुई थी और मैं उसे देखे जा रहा था क्योंकि हम लोग ट्रेन से ही जा रहे थे इसलिए सब लोग बड़ी मस्तियां कर रहे थे।

जब हम लोग मनाली पहुंच गए तो सब लोग मनाली की पहाड़ियां देख कर बहुत ही खुश हो रहे थे और कह रहे थे कि कितना सुंदर नजारा है। मैंने भी उसी दौरान संजना का हाथ पकड़ लिया और उसने मुझे कुछ भी नहीं कहा लेकिन मुझे उससे बात करनी थी और अब मैंने सोचा कि मैं संजना से बात कर लेता हूं, जब मैं संजना को कहने लगा कि कितना सुंदर है तो वह भी कहने लगी कि यहां पर बहुत ही अच्छा नजारा है। मैंने उससे पूछा कि तुम्हें यहां पर कैसा लग रहा है, वह कहने लगी कि मुझे तो बहुत ही अच्छा लग रहा है और इस प्रकार के नजारे तो बहुत ही कम देखने को मिलते हैं।

मैंने उसे पूछा कि क्या तुम इससे पहले भी कभी यहां आई हो? ladki ko choda

तो वो कहने लगी कि नहीं मैं इससे पहले कभी भी यहां पर नहीं आई। यह मेरा पहला ही अनुभव है। वह वाकई में बहुत ज्यादा खुश थी और अब हम लोग मनाली घूमने लगे। पहले दिन तो सब लोग थक गए थे जितना हो सकता था उतना सब लोग घूमे और सब लोगों ने बहुत ही एंजॉय किया। अगले दिन जब उठे तो सब लोग थके हुए थे। सुबह उठकर सबने नाश्ता किया और उसके बाद दोबारा से हम लोग साइट सीन के लिए चले गए।

हमारे ऑफिस के द्वारा वहां पर एक बस हमें दी गई थी, जिसमें कि हमारे सारे ऑफिस के लोग थे और सब लोग बहुत अच्छे से इंजॉय कर रहे थे और घूम रहे थे। मैं संजना के बगल में ही बैठा हुआ था मैं उससे बातें कर रहा था। मैंने उससे कह दिया कि मैं तुमसे बहुत प्रेम करता हूं। वो कहने लगी कि मैंने तुम्हारे बारे में कभी भी इस तरीके से नहीं सोचा लेकिन मैंने उसे कहा कि मेरे दिल में तुम्हारे लिए वाकई में कुछ है इसीलिए मैं तुम्हें कई समय से बताना चाहता था पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी। मुझे लगा कि तुम्हें बता देना चाहिए तो मैंने हिम्मत करते हुए तुम्हें बता ही दिया। संजना भी मुझे कहने लगी कि मैं भी तुम्हें काफी समय से पसंद करती हूं लेकिन तुम्हें  बोलने की हिम्मत मेरे अंदर भी नहीं थी।

संजना और मेरे बीच में इतनी बातें होने लगी तो हम दोनों अब अलग से घूमने लगे। ladki ko choda

मैं उसका हाथ पकड़ कर घूमता और वह भी मेरा हाथ पकड़ कर बहुत खुश हो रही थी। हम लोग जिस होटल में रुके हुए थे मैंने संजना को उस होटल के हॉल में बुला लिया क्योंकि मैंने वहां के मैनेजर को कुछ पैसे दे दिए थे वह कहने लगा कि हमारा हॉल खाली है तो आप वहां पर कुछ समय अपने दोस्त के साथ भी जा सकते हैं। जब मैं संजना को  हॉल  में ले गया तो वह कहने लगी कि तुम यह मुझे कहां ले आए। मैंने उसे कहा कि मेरा तुमसे मिलने का मन था इसलिए मैंने तुम्हें यहां पर बुला लिया। मैंने उसके चूचो को जैसे ही दबाया तो वह पूरे मूड में आ गई और उसने मेरे होठों को किस कर लिया।

जब उसने मेरे होठों को किस किया तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगा.. ladki ko choda

मैं भी उसके होठों को बहुत अच्छे से किस कर रहा था। मैंने उसके होठों को इतने  अच्छे किस किया कि उसके अंदर की उत्तेजना पूरी बढ गई। मैंने उसके पूरे कपड़े उतारते हुए उसके स्तनों को चूसना शुरू कर दिया और मैंने जैसे ही उसकी योनि पर अपनी जीभ लगाई तो वह मचल उठी। मैंने कुछ देर तक उसकी योनि पर अपनी जीभ को लगाए रखा और उसे चाटता रहा अब उसके अंदर की उत्तेजना बढ़ गई। मैंने जब उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो वह पूरे मूड में आ गई और मै उसे बड़ी तेजी से झटके दिए जा रहा था और वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

मैंने उसे इतनी तेज झटके दिए की उसका शरीर हिल जाता.. ladki ko choda

तो मैं उसके स्तनों को अपने मुंह में ले लेता। मैंने काफी देर तक उसे ऐसे ही धक्के देना जारी रखा कुछ समय बाद मैंने उसको अपने ऊपर लेटा दिया। जब वह मेरे ऊपर आई तो जैसे ही मैंने अपने लंड को उसकी योनि में डाला तो वह बहुत ही खुश हो गई। वह अपनी चूतडो को मेरे ऊपर नीचे करने लगी। वह अपने मुंह से सिसकियां ले रही थी और मैं उसे धक्के मार रहा था। वह भी मेरे लंड पर अपनी योनि को अंदर बाहार करती जाती उसे बड़ा मजा आ रहा था जब वह इस प्रकार से मेरे साथ कर रही थी।

मुझे भी बहुत मजा आ रहा था जब वह अपने चूतड़ों को मेरे लंड के ऊपर नीचे कर रही थी। मैंने उसे बड़ी तेज तेज झटके मारे और उसकी योनि से कुछ ज्यादा ही गर्मी निकलने लगी मुझसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुई और मैंने उसकी योनि के अंदर अपना माल डाल दिया। अब हम लोग मनाली से वापस अपने शहर लौट आया और उसके बाद से संजना और मेरे बीच में बहुत ही ज्यादा प्यार बढ़ चुका था।

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Mami Ka Lesbian Porn https://sexstories.one/mami-ka-lesbian-porn/ Mon, 08 Feb 2021 05:13:10 +0000 https://sexstories.one/mami-ka-lesbian-pyar-xxx-storiez/ मेरा नाम राजविंदर है मेरी कहानी तब शुरू हुई जब में 19 साल का था में अपने मामा के घर छुट्टी बिताने गया था मामा की दुकान घर से तीन किलोमीटर दूर होगी एक दिन ... >> पूरी कहानी पढ़ें

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मेरा नाम राजविंदर है मेरी कहानी तब शुरू हुई जब में 19 साल का था में अपने मामा के घर छुट्टी बिताने गया था मामा की दुकान घर से तीन किलोमीटर दूर होगी एक दिन में दुकान पर बेठा हुआ था मामा जी बोले तू घर जा कर लंच ले आ और अपना खाना खाकर आना में घर के लिये चल पड़ा घर पहुँच कर मैने दरवाजा खोला. lesbian porn

मेन दरवाजा सिर्फ़ हम घर वालो को ही पता था की केसे खोलना है अंदर जा कर मैने देखा कोई भी नही है में उपर फ्लोर पर चला गया वहा भी कोई नही था फिर में टॉप फ्लोर पर जाने के लिये बड़ा तब कुछ सिसकियां सुनाई दी में दबे पैर जाने लगा वहा दरवाजा अंदर से बंद था.

मे छत से फ्लोर पर गया और खिड़की से देखा तो पाया मेरी दोनो मामी नंगी है.. lesbian porn

Mami ko pasand hai Lesbian sex!

बड़ी मामी की चूत पर बाल है ओर छोटी मामी की चूत पर बाल नहीं थे छोटी मामी बड़ी मामी की चूत अपनी जीभ से चाट रही थी और छोटी मामी बड़ी मामी के बूब्स दबा रही थी मेंने देखा एक खिड़की खुली थी उसे पूरा खोला तो छोटी मामी कह रही थी की देखा भाभी में कह रही थी ना की आपको मज़ा आयेगा मेरी चूत चाटने मे आप अक्सर मना कर देती थी बड़ी मामी बोली है सच मे बड़ा मज़ा आ रहा है मेरा पति अपने लंड की सकिंग के लिये कहता है और में मना कर देती थी छोटी मामी बोली लंड सकिंग मे तो और भी मज़ा आता है ओर उसके माल का नमकीन टेस्ट ओ ऊ यम्मी बड़ी मामी बोली ओ छी छोटी मामी हंसी और मेरा लंड मेरे पेट से टच हो रहा था ऐसा पहले कभी नही हुआ था.

अचानक बड़ी मामी की नज़र मेरे पर पड़ी.. lesbian porn

और तुरन्त दरवाजा खोल कर मुझे डाँटने लगी और साथ मे दोनो मामी कपड़े पहनने लगी उन्होने किसी के सामने यह बात करने से मना किया फिर बड़ी मामी बोली मे दुकान पर फोन करके बोलती हूँ की इसने मेंरे साथ बतमीज़ी करने की कोशिश की है ओर छोटी ने मेरी आवाज़ सुन कर मुझे बचाया है यह सुन मेरी गांड फट गई में मामी के पैरो मे गिर गया ओर माफी माँगने लगा जिसमे मेरी कोई ग़लती नही थी बड़ी मामी सलवार पहन चुकी थी पर उनके बूब्स अभी भी ढके नही थे.

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छोटी मामी बोली दीदी यह किसी से कुछ नही कहेगा.. lesbian porn

में रोते हुये हाँ मे हाँ मिलाता रहा फ़िर मेंने कहा मामा जी ने लंच लेने के लिये भेजा है दे दो उन्होने मेरे लिये खाना दिया पर मैने नही खाया मामा को फोन करके मैने कहा की मेरी तबीयत खराब हो गई है आप किसी को भेज दो उन्होने एक लड़का भेज के लंच मंगा लिया शाम को मेने अपना सामान पैक किया और अपने घर आ गया 3 दिन बाद मेरी छोटी मामी हमारे घर आई ओर मेरे कमरे मे मुझसे मिली ओर बोली तुम नाराज़ हो क्या मेंने तो तुम्हे कुछ नही कहा है जो कहा दीदी ने कहा मुझे मनाया ओर चली गई ओर मामी के घर आने का न्योता दे गई मेरी माँ ने मुझे फिर से उनके घर भेज दिया बड़ी मामी मुझे देख के मुस्कुराई ओर बोली तू तो बड़ा सीधा है कोई और होता तो उल्टा हमे ही डाट देता सॉरी उस दिन के लिये शाम को मामी ने पकोडे बनाये और सबने मिलकर खाये.

Dono Mami Lesbian Porn me magan thi!

उन्होने मेरे सामने अपने कपड़े उतार दिये। lesbian porn

मैने कहा यह क्या कर रही हो तो वो बोली उस दिन तो तू हमें नंगा देख ही चुका है अब बचा क्या है जो तुझसे छुपाये ओर जो हम कर रही थी वो भी गलत है पर क्या कर सकते है इन लोगो को हमें चोदने का टाइम ही कहाँ है अगले दिन छोटे मामा टूर पर चले गये रात को मुझे छोटी मामी ने अपने कमरे मे सुलाया रात के 2 या 2:32 बजे मेंरी नींद खुली में टायलेट गया और फिर बेड पर लेट गया मामी बोली नींद नही आ रही क्या मेंने कहा में टायलेट गया था फिर मेंने उनसे पूछा आप को नींद नही आ रही क्या वो बोली नही मैने कहा क्यो तो वो बोली मेरी चूत मे खुज़ली हो रही है में चुप हो गया उन्होने मेरा हाथ पकड़ा ओर अपने बूब्स पर रख दिया ओर बोली इन्हें ज़ोर से दबा मुझे अच्छा लग रहा था मैने पहली बार किसी के बूब्स पकड़े थे.

फिर उन्होने अपना गाउन उतार दिया.. lesbian porn

मैने उनके निपल पकड़े चूसे उनमे थोड़ा थोड़ा मिल्क आ रहा था उसका टेस्ट अच्छा लग रहा था. मेंने कहा आप के बूब्स तो बहुत बड़े है वो बोली 38 डी साइज के है मेंने फिर कहा बड़ी मामी के तो आपसे छोटे है वो बोली उनके 36 बी साइज के है मेंने कहा डी ओर बी क्या है तो वो बोली कप साइज़ ब्रा का और मेरे लंड को चूसने लग गई मुझे अच्छा लग रहा था वो बोली तेरा लंड तो तेरे मामा से भी लंबा और मोटा है तुम्हारे मामा का सीधा खड़ा होता है ओर तुम्हारा तुम्हारे पेट से टच हो रहा है में उनकी चूत चाटने लगे तो वो पागल हो गई.

फिर मेंने जेसा किताबो मे पढ़ा था की चूत से पानी निकलने लगे तो लंड डाल दो तो मेंने डाल दिया उनकी आवाज़ ज़ोर से निकल रही थी वो बोली तूने तो मेरे जिस्म का अंग अंग हिला दिया मे मर जाऊगी ज्यादा अंदर मत डाल पहले ही तेरा लंड मेरे एंड पॉइंट से टच हो रहा है मेंने एक ना सुनी ओर पूरा लंड देते हुये ज़ोर ज़ोर से शॉट देने लगा..

मेरा जल्दी डिसचार्ज होने वाला था.. lesbian porn

पर मामी का मेरा शॉट हेवी होने के कारण पहले हो गया अगले दिन जब बड़ी मामी को जब पता लगा की मेरा लंड उनके पतियो से ज्यादा सॉलिड है तो वो मामा जी के दुकान पर जाने का बेसब्री से इंतज़ार करने लगी में टायलेट गया फिर नाहया जेसे ही बाहर निकला मेरी बड़ी मामी ने मेरा अंडरवेयर नीचे खीच लिया ओर मेरे लंड को अपने मुँह मे ले कर खड़ा करने लगी इतने मे मेरी छोटी मामी ने बड़ी मामी की चूत चाटना शुरू कर दिया मेरा लंड देख कर मामी पागल हो गई.

Mami ki chut chodne ka mauka mila mujhe!

फिर अपनी चूत से रगडने लग गई चूत की इतनी चिकनाहट थी की लंड अंदर चला गया. lesbian porn

मेरे से भी अब रहा नही जा रहा था मेंने ज़ोर से शॉट मारे वो बोली धीरे से करो वरना मेरी चूत फट जायेगी मेरे मन मे बदला लेने की थी इसलिये में और ज़ोर से शॉट मारने लगा छोटी मामी मेरा लंड अन्दर बाहर जाते हुये को अपनी जीभ से चाट रही थी जिससे मेरा एग्ज़ाइट्मेंट बड़ रहा तह चाटते चाटते वो बड़ी मामी की चूत भी चाट लेती मेंने डिसचार्ज उनकी चूत मे ही कर डाला हम सब ए.सी वाले कमरे मे होते हुये भी पसीने से भीग गये थे.

अब यह सिलसिला शुरू हुआ जब भी मोका मिलता किसी ना किसी तरह से मामी को चोद देता फिर बिज़नस मे कुछ गड़बड़ हुई और मामा लोग अलग अलग हो गये और फिर बड़ी मामी नई जगह चले गये वहा उनके पड़ोस मे एक सुन्दर भाभी रहती थी जो बड़ी मामी की दोस्त हो गई थी बड़ी मामी ने मुझे उसकी भी चूत कैसे दिलवाई यह आप मेरी अगली स्टोरी मे पढना

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