Sex stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/category/sex-stories/ Hindipornstories.org Thu, 17 Mar 2022 10:04:48 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 नेहा की कुंवारी चूत https://sexstories.one/neha-ki-kunwari-choot/ Thu, 17 Mar 2022 10:04:48 +0000 https://sexstories.one/?p=5164 मैंने उसके मम्मे चूसने शुरू किए और वो बिल्कुल गर्म हो गई थी, उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था और वो मेरी बाँहों में झूलने लगी, मैंने उसे उठा कर बेड पर लिटा लिया...

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Kunwari Choot ki Chudai ki kahani – दोस्तो, मेरी जिन्दगी में भी ऐसा एक मौका आया जब मैंने बारहवीं कक्षा की पढ़ाई के लिए स्कूल जाना शुरू किया था। मेरे स्कूल का रास्ता एक ऐसी कालोनी से होकर गुजरता था जहाँ पर जयादातर लोग व्यापारी थे, उन घरों में आदमी सुबह जल्दी दुकानों पर चले जाते थे और देर शाम तक घर आते थे।

स्कूल से आते समय एक घर की खिड़की में एक लड़की अक्सर बैठी दिखाई देती, शुरू शुरू में तो ज्यादा ध्यान नहीं दिया पर कुछ ही दिनों में ऐसा लगने लगा कि वो भी मुझे देख कर मुस्कुरा देती है और नीचे देखने लगती है।

मुझे बहुत मज़ा आने लगा और यह हर रोज़ का काम हो गया, हम एक-दूसरे को देख कर मुस्कुराते, हाथ से इशारा करते और मैं अपने घर आ जाता।

एक दिन वो मुझे बैठी नहीं दिखाई दी तो मेरे मन जैसे बेचैन हो गया और दिल में बुरे बुरे ख्याल आने लगे कि कहीं किसी ने हम दोनों को इशारे करते हुए देख तो नहीं लिया और मैं अचानक उसके घर के सामने खड़ा हो गया कि शायद वो अभी आ जाएगी।

मैं लगभग आधा घंटा खड़ा रहा, पर वो नहीं आई।

उस रात मुझे नींद नहीं आई, सोचा कि चलो कल मुलाकात हो जाएगी, पर वो अगले दिन भी नहीं दिखाई दी तो दिल में एक दर्द सा का एहसास हुआ।

पर मेरी भी लाचारी थी और मैं घर आ गया।

कहते हैं सबर का फल मीठा होता है और मुझे भी शायद मीठा फल ही मिलना था।

अगले दिन मैं बुझे मन से स्कूल से आ रहा था कि वो मुझे उसे खिड़की में बैठी दिखाई दी, उसने मुझे देखा पर उसके देखने में वो चमक नहीं थी, बस हल्के से मुस्कुराई और उठ कर चली गई।

मेरा मन जैसे तड़प उठा क्यूंकि मुझे ऐसा लग रहा था कि कुछ न कुछ बात जरूर है पर मैं उससे पूछ नहीं सकता था।

खैर अगले दिन वो बैठी दिखाई दी, मैं भी थोड़ा दूर खड़ा हो गया और उसे मिलने का इशारा किया, वो भी जैसे तैयार बैठी थी, उसने खिड़की से नीचे एक कागज़ फेंका और अन्दर चली गई।

मैंने भाग कर वो उठाया और तेज़ कदमों से अपने घर आ गया और वो कागज़ खोल कर पढ़ा तो जैसे मुझे तो जैसे भगवान् मिल गया हो, उसमें उसने अपना मोबाइल नंबर लिखा था और बताया था कि रात को दस बजे के बाद ब्लैंक मेसेज कर देना, अगर मेरा जवाब आ गया तो हम चैट करेंगे।

मैं तो बस दस बजने का इंतज़ार करने लगा, और ठीक दसे बजे उसे ब्लैंक मेसेज कर दिया।

मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा पर दो तीन मिनट के बाद एक मेसेज आया जिसमें उसने अपना नाम लिखा था और मेरा पूछा था। दोस्तो, हमारा बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया था और हम दोनों देर रात तक मेसेज से बात करते और सो जाते।

बातों में हम बहुत खुल गए थे और सेक्सी बातें भी करने लगे थे। उससे बात करके मुझे ऐसा लगता था कि जैसे वो सेक्स के लिए उतावली है, शायद उसने ब्ल्यू फिल्में देख रखी हैं…

Chudai story घोड़ी बन गयी बबिता

दोस्तो, मैं बता दूँ कि उसका नाम मेघा था और वो भी बारहवीं कक्षा की छात्रा थी पर उसका स्कूल अलग था।

उसने बताया कि उसके मम्मी पापा दोनों काम से बाहर जाते हैं पर मम्मी जल्दी आ जाती हैं। शनिवार के दिन मम्मी लेट आती हैं क्यूँकि उनको घर का सामान लेन के लिए मार्किट जाना पड़ता है।

हमने शनिवार को मिलने का प्रोग्राम बनाया, देखते देखते शनिवार भी आ गया और मैं स्कूल से थोड़ा जल्दी आ गया क्यूंकि मुझे मेघा के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना था, वो भी जैसे बेसबरी से मेरा इंतज़ार कर रही थी, उसने इशारा किया और मैं सीधा ऊपर चला गया, उसने दरवाजा खोल के रखा था, मैं सीधा अन्दर गया और दरवाज़ा बंद कर दिया।

उसने मुझे सोफे पैर बैठने का इशारा किया पर मुझे सबर कहाँ था, मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने सीने से लगा लिया और उसे चूमने लगा।

उसने कहा- सांस तो ले लो!

पर मुझे तो जैसे होश ही नहीं था, मैं उसे दीवानों की तरह चूमे जा रहा था, मेरे हाथ उसके मम्मे दबाने लगे थे और मेरा लंड खड़ा हो चुका था, उसे शायद मेरा लंड चुभने लगा था, वो थोड़ा पीछे हुई तो मैंने उसे जोर से अपने से सटा लिया और जोर से उसके मम्मे दबाने लगा।

उसके होटों को तो जैसे मैं खा जाना चाहता था, बहुत रस भरी थी मेघा!

अब तक मेघा भी गरम होने लगी थी और मेरा साथ देने लगी, उसका हाथ मेरी पैंट पर गया और उसने मेरा लंड बाहर निकाल लिया और उसे हिलाने लगी।

लंड पकड़ कर तो वो और भी मस्त हो गई थी उसके मुख से सिसकारी निकलने लगी थी, मैंने आपना लंड उसके नरम होंटों पर लगाया तो पूरा लंड अपने मुंह में ले गई और जोर से चूसने लगी।

इतने में मैंने उसकी शर्ट के बटन खोल दिए थे और स्कर्ट उतार दी थी, वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में मेरे मेरा लंड चूस रही थी। मैंने उसकी ब्रा खोल कर उतार दी।

यारो, इतनी मस्त लड़की मैंने पहली बार देखी थी, और सही तो यह है कि इस हालत में लड़की ही पहली बार देखी थी।

मैंने उसके मम्मे चूसने शुरू किए और वो बिल्कुल गर्म हो गई थी, उससे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था और वो मेरी बाँहों में झूलने लगी, मैंने उसे उठा कर बेड पर लिटा लिया और उसके ऊपर आकर उसका नंगा बदन चूमने लगा।

दोस्तो, वो मुझे ऐसे लग रही थी जैसे माखन में मिसरी मिली हो, उतनी ही चिकनी और उतनी ही मीठी… मैंने उसकी पेंटी में हाथ डाला और उसकी चूत को ऊपर से सहलाने लगा।

वो जैसे मचल उठी और बेकाबू हो कर मुझसे लिपट गई, उसकी चूत बहुत भीगी हुई थी, मैंने उसकी पेंटी उतार दी और अपने होंठ उसकी भीगी चूत पर रख दिए, उसकी चूत की खुशबू से मैं भी दीवाना हो गया था, बस अब रुका नहीं जा रहा था और मैं अपना लंड उसकी कुंवारी चूत में डालना चाहता था।

वो बहुत मस्त हो रही थी पर शायद चुदाई से डर रही थी।

मैंने उसके कान में कहा- डरो नहीं, इसमें बहुत मज़ा है।

मेरे कहने पर वो मान गई, मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और जोर से धक्का दिया, वो चिल्लाने लगी और चूत से लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगी, पर मुझे पर तो जैसे काम सवार था मैंने उसे जोर से पकड़े रखा और अपना लंड उसकी चूत से निकलने नहीं दिया बल्कि उस पर लेट कर उसके मम्मे चूसने और दबाने लगा।

वो कुछ देर में ही अपना दर्द भूल कर मेरा साथ देने लगी, मैंने भी मौका देखा और उसकी चूत में अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा, वो भी अपने चूतड़ उठा कर चुदाई में साथ देना लगी, पूरा कमरा उसकी सिसकारियों से गूंजने लगा।

दस मिनट के बाद मैंने अपना लंड निकाल लिया और उसके नरम नरम पेट पर अपना वीर्य गिरा दिया।

कुछ देर बाद उसने मुझे बताया कि थोड़ी देर में ही उसकी मम्मी आ जाएगी तो मुझे अब जाना चाहिए।

मन तो नहीं कर रहा था लेकिन मज़बूरी थी और मैं वहाँ से अपने घर आ गया, उसके बाद तो जैसे हर शनिवार को हम हनीमून मनाने लगे। उसने बताया कि उसके चाचा की लड़की भी छुट्टियों में आ जाएगी..

दोस्तो आगे की बात अगली कहानी में!

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घोड़ी बन गयी बबिता https://sexstories.one/ghodi-ban-gayi-babita-chudwa-li/ Mon, 28 Feb 2022 09:01:17 +0000 https://sexstories.one/?p=4323 मेने उसको घोड़ी बनाया ओर उसकी चूत मै पीछे से अपना 9″ लंबा लॅंड जब डाला तो बस उसकी हालत तो एसी हो गई जेसे अभी मर जायगी. क्योकि लंड का साइज़ कुछ ज्यादा ही बड़ा था. ओर उसकी कुवांरी चूत थी तो बर्दाश्त करना..

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Ghodi Ban Gayi Babita aur Chudwa li – सब से पहले मै अपने बारे मै बता दूँ मेरा नाम राज है. हर जवान दिल की ख्वाइश होती है काश मुझे कोई कुँवारी चूत मिल जाय. मेरी भी यही ख्वाइश थी. लेकिन मै हमेशा ख़ामोश ही रहता हूँ ज्यादा कुछ बोलता नही हूँ. लेकिन पिछले 2 सालो से मै बदल गया.

जब मै घूमने गया अपने मामा के यहाँ. मेरे अंकल कानपुर मै रहते है. वहाँ अंकल के पडोस मै 1 लड़की रहती थी. जिसका नाम था बबिता उसकी उम्र कम से कम 20साल की रही होगी उसका फिगर. 30,26,28 रहा होगा. पहले भी जब मै कभी मामा के यहा जाता था. तो मै उस लड़की की जवानी देखकर हमेशा सोच मै पड़ जाता था.

की काश मुझे इसकी चूत मिल जाय फिर. लेकिन अब मै खुद को इस लायक समझता था. की मै अब इसे पटा सकता हूँ. मै 1दिन घर के गेट पर खड़ा था. तो बबिता भी अपने गेट पर खड़ी वो मुझे देख देख कर कुछ बोल रही थी. ओर बार बार मुझे देख के हँस रही थी. मै समझ गया के लाइन दे रही है.

मेने तभी इशारे से पूछा, क्या हुआ, उसने भी इशारे मै कहा कुछ नही, फिर हम काफ़ी देर तक वही गेट पर एक दूसरे को देखते रहे, अचानक उसने मुझे 1 इशारा करा जिसे देखकर मै हेरान हो गया. उसने इशारे से मुझे ऊपर छत पर आने के लिए कहा, मेने सोचा आज तो मुन्ना तेरी ज़िंदगी बन गई, मै जल्दी से ऊपर गया.

वहाँ वो मुझसे पहले ही पहूँच गई. पहले तो मै उस से इशारो मै बातें कर रहा था. मगर जब लगा की आस पास कोई भी नही है तो मै उसके घर की दीवार कूद कर उसके घर मै चला गया. वो कुछ घबरा रही थी मगर मै उतावला था. आज उसके घर मै कोई भी नही था. बस उसकी दादी थी जो कभी ऊपर नही आती हमेशा नीचे ही रहती है.

आज बबिता के घर मै कोई नही था. ऊपर बस 1 रूम था जिसमे उसके भाई ओर भाभी रहती है, मै उससे बात करता रहा बात करते करते शाम से रात हो गई. सब कुछ इतना जल्दी जल्दी हो रहा था की मुझे भी कुछ समझ नही आ रहा था. की क्या करू ओर क्या ना करू. लेकिन मोका ऐसा मिला था की आज किसी कुवारी चूत के मै मज़े ले सकता था.

तो बस मै बेचैन था की जल्द से जल्द मुझे चूत मिले मै पहले तो शराफ़त से भरी बातें करने लगा. फिर मेने उसे देखा वो बार बार अपनी आंखे इस तरह बंद कर रही थी. जेसे उसे किसी चीज़ की तड़प हो शायद मेरे लंड की तड़प, फिर मेने उससे कुछ अलग किस्म की बातें यानी के सेक्स से रिलेटेड बातें करने लगा वो भी बडे मज़े से मेरी बाते सुनने लगी, मै समझ गया की आज तो मुन्ना की ख्वाइश पूरी हो गई.

बस कुछ देर बातें करते करते वो भी खामोश हो गई. ओर मै भी फिर मेने उससे पूछा क्या हुआ वो खामोश रही फिर मै उसके करीब गया मेने फिर पूछा क्या हुआ. वो फिर कुछ नही बोली मेरी हिम्मत बनी ओर मेने उसका चेहरा अपने दोनो हाथो से पकड़ा और उसके लिप्स को चूमने लगा. जेसा मेंने कभी किसी मूवी मै देखा था. किस करती हुए वेसे ही मै उसके किस करने लगा.

वो तो बस खामोश थी कुछ भी नही कर रही थी. पर मुझे उसकी खामोशी से ही पता चल गया की उसकी हाँ है, ओर मै फिर उसके चुचियो को दबाने लगा. उसके मुहँ से आह निकल रही थी. बार बार ह्म्‍म्म्म………ममममम ………..हह हाय…………..राम प्लीज मगर मै कहा रुकने वाला था.

मै उसे उसके भाई के रूम मै ले गया. वाहा जाकर मेने सब से पहले उसके कपड़े उतरना शुरू किया. उसकी चुचिया देखा कर तो मेरे होश ही गुम हो गये बाहर से कुछ ओर अंदर से कुछ ओर मै तो बस उन्हे देखते ही पागल हो गया. ओर ज़ोर ज़ोर से उन्हे दबाने लगा वो सिसकिया भरती रही. फिर मेने अपने कपड़े उतरना शुरू किए उसने कहा नही प्लीज एसा कुछ मत करो मुझे जाने दो, मगर मै समझ गया.

की अब ये नखरे कर रही है, पर मै कहा रुकता जेसे ही वो बोलती मै उसके लिप्स को चूमने लगता फिर वो जोश मै आ जाती तो फिर मै अपना काम शुरू कर देता. फिर जब मेने अपने कपडे पूरी तरह उतार दिए तो वो ओर मै अब बिल्कुल नंगे थे. एक दूसरे के सामने, उसने मेरा लंड देखा तों सोच मे पड गई.

और कहने लगी ऊई द…य्याया कितना बड़ा लंड है आपका मै तो मर ही जाऊँगी, मेने कहा पहले पहले दर्द होगा लेकिन फिर बाद मै मज़ा आने लगेगा तुम्हे, मेरा लंड 9” इंच का है, फिर मै उसकी चूत मै पहले तो उंगली करने लगा की जिससे वो गरम हो जाय ओर लंड मांगने लगे.

अचानक मेने उंगली करने की रफ़्तार कुछ बड़ा दी वो बिल्कुल बिन पानी की मछली की तरहा तड़प रही थी. फिर मेने सोचा की मेरा इतना बड़ा लंड इसकी चूत मै जायगा केसे फिर अचानक मेरी नज़र पास मै रखे हेयर आयँल पर पड़ी मेने बोतल मै से आयँल लिया ओर पहले तो उसकी चूत पर लगाया ओर फिर अपने लंड मै सेंटर से सेंटर मिलाके पहले तो मैने हल्का सा झटका मारा तो वो चिल्ला उठी.

ऊई……………मा……….आआआआआआआ मर गई आआआआ…ऊऊऊऊऊ…….. हाय………रा..आआआआआ………म धीरे से प्लीज मे रुक गया. ओर फिर उसके लिप्स को चूमने लगा, कुछ देर रुक कर फिर से मेने सेंटर से सेंटर मिलाया ओर फिर से 1 झटका दिया कुछ इंच तो अंदर घुसा लेकिन उसे काफ़ी दर्द हो रहा था मगर, मै वही रुक गया. लंड को उसकी चूत मै कुछ देर के लिए रोक दिया.

कुछ देर रुकने के बाद मेने फिर से 1 झटका दिया. करीब 5 इंच अब उसके चूत मै घुस गया. अब मुझसे नही रुका गया ओर 1 ज़ोर का धक्का दिया वो ज़ोर से चि…ल्ल्ला……ई आा…………..आआईय……….ईईईईईईई मर गई मा…………….आआआआआ ……..ऊऊऊऊऊओ मार डाला आपने। मेने कहा अभी तुम्हे मज़ा आने लगेगा. फिर कुछ देर मै उसे भी मज़ा आने लगा लेकिन मेरा लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा था. तो अंदर ओर बाहर ओर धक्के मारने मै दर्द बडता जाता था.

लेकिन अब मै नही रुक सकता था. मुझे किसी की परवाह नही थी. मै ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. वो चिल्ला रही बार बार बोलती रही प्लीज रूको मुझे दर्द हो रहा है. प्लीज रूको मगर मै नही रुका फिर वो भी खामोश हो गई अब उसे भी मज़ा आने लगा था. ओर वो मुझे कमर उठा उठा के रिप्लाइ भी करने लगी. वो पूरी तरह से मेरा लंड ले रही थी.

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मै अपनी पूरी ताक़त से धक्के मार रहा था. बस वो तो अपनी आखे बंद करके आआआः………….. उहह…………….. ……………….इईईई …………………….उफफफ्फ़ करे जा रही थी. मै बार बार उसके लिप्स के चूमता रहता, उसके लिप्स कुछ ज्यादा ही नर्म थे. बार बार मै उनको पेप्सी समझकर पीता रहता था बिल्कुल लाल थे. लिप्स मेने चूम चूम के सुर्ख लाल कर दिए. अब मेने सोचा क्यों ना फिल्मी अंदाज़ मै इसकी चूत मारी जाय.

फिर मेने उसको घोड़ी बनाया ओर उसकी चूत मै पीछे से अपना 9″ लंबा लॅंड जब डाला तो बस उसकी हालत तो एसी हो गई जेसे अभी मर जायगी. क्योकि लंड का साइज़ कुछ ज्यादा ही बड़ा था. ओर उसकी कुवांरी चूत थी तो बर्दाश्त करना कुछ ज्यादा मुश्किल था,

लेकिन बंदी एसी थी अब कुछ भी नही बोल रही थी, मेने उसेको घोड़ी के पोज़ मै उसकी कमर को पकड़ के धक्के देना शुरू किए. ज़ोर…..ओर……..ज़ोर से देने लगा उसके कमर पे मेरी पकड़ कुछ मस्त थी. इसलिए धक्के देने मै कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था.

मै जब तक धक्के दे रहा था तों मेने सोचा अब किसी ओर पोज़ मै चूत मारी जाय फिर मै बेड पर लेट गया ओर लंडा को सीधा किया ओर उससे कहा की अब तुम मेरे लंड पर बेठो वो आराम आराम से उठी ओर जेसा मेने कहा था वेसे ही करने लगी.

मुझे पता था एसे पोज़ मै चूत मरने का मज़ा ही कुछ ओर होगा. एसे पोज़ मै लड़की की जान निकल जाती है. जब पूरा लंड अंदर जाता है, पहले तो वो मेरे लंड पर आराम से बैठ गई. ओर मेरा पूरा लंड अंदर ले गई फिर कुछ देर रुकी रही फिर अचानक खुद ही धक्के देने लगी. मुझे ओर मज़ा आने लगा ओर मै नीचे से भी धक्के देने लगा वो भी धक्के दे रही थी ओर मै भी.

फिर मुझे लगा की मै झड़ने वाला हूँ मेने उसकी गीली चूत मै ओर ज़ोर से धक्के देना शुरू कर दिये. जेसे ही मै झड़ने वाला था मेने उसे पकड़ के लिटा दिया. ओर मै उसके ऊपर चड के बेठ गया ओर उसकी चूचियो के ऊपर झड़ गया, ओर उठ के उसके बराबर मै लेट गया. फिर उसने अपने बोब्स को कपड़े से साफ किया ओर मेरे ही बराबर मै लेट गई.

हम कुछ देर तक आराम से लेटे रहे फिर मै उठा ओर फिर से उसके लिप्स को चूमने लगा काफ़ी देर तक चूमने के बाद मै हट गया ओर फिर मेने कपड़े पहनने शुरू किए टाइम काफ़ी हो रहा था. उसका भाई भी ऑफीस से आने वाला था. इसलिए वो भी जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगी, ओर पूछने लगी की आप वापस कब जा रहे हो, मेने कहा 2 या 4 बार मज़े लेने के बाद ही अब जाऊँगा.

वो कहने लगी पता नही फिर एसा मोका कब मिले मेने कहा कल फिर जब तुम्हारे भेय्या ऑफीस चले जायंगे तब… वो कहने लगी ओके लेकिन 2 बजे तक ही आना वरना दादी शक हो जायगा मेने कहा नो प्रोबलम. मेने उसे 3 दिन रोज़ चोदा वो भी खुशी खुशी चुदवाती रही.

अब काफ़ी दिन से मामा के यहा नही गया हूँ. लेकिन उसके फोन आते रहते है, बुलाती रहती है, तो मेने फेसला किया है जल्दी जाने का, ओर जब मै वाहा से वापस आऊँगा तो आप सब को फिर से अपने न्यू एक्सपीरियेन्स के बारे मै ज़रूर बताऊँगा.

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गांड का छेद माल से भर डाला https://sexstories.one/naukrani-ki-gaand-me-lund-daala/ Mon, 31 Jan 2022 07:21:00 +0000 https://sexstories.one/?p=4378 नौकरानी की उभरी हुई गांड को देखकर में उसे चोदने  के बारे में सोचने लगा। वह मेरे पास आई और वह मुझे कहने लगी साहब पानी पी लो जब उसने मुझे पानी दिया तो मैंने देखा कि उसके स्तनों बाहर झांक रहे हैं..

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Naukrani ki Gaand – रोहित और मेरी दोस्ती पूरे कॉलेज में बड़ी फेमस थी.. हम दोनों ही एक दूसरे के साथ हमेशा ही खड़े नजर आते थे.. एक दिन रोहित मुझसे कहने लगा यार अब तो कॉलेज भी खत्म होने वाला है तुमने क्या सोचा है। मैंने रोहित से कहा मैं क्या सोचूंगा पापा ने मुझे पहले ही कह दिया है कि तुम मेरा काम संभालोगे और इसके अलावा तो शायद मैं और कुछ भी नहीं सोच सकता। मुझे रोहित कहने लगा चलो पारस तुमने तो अच्छा किया जो अपने पापा की हां में हां मिला दी लेकिन मैं कुछ अलग करना चाहता हूं मैं चाहता हूं कि मैं अपना फैमिली बिजनेस ना संभाल कर कुछ और काम शुरू करूं। मैंने रोहित से कहा लेकिन इसमें तुम्हें दिक्कत भी हो सकती है रोहित कहने लगा अरे यार इसमें दिक्कत वाली क्या बात है अब तुम ही मुझे बताओ कि मैं भी क्या करूं मेरा मन पापा के बिजनेस को करने का बिल्कुल भी नहीं है और मैं अपनी जिंदगी जीना चाहता हूं।

मैंने रोहित से कहा वह तो तुम अपने पापा का काम संभाल कर भी कर सकते हो और उन्होंने इतने साल की मेहनत की है उसके बाद तुम्हे ही तो सारा काम संभालना है। रोहित और मेरे बीच में काफी समानताएं थी रोहित के पिताजी भी एक बिजनेसमैन है और मेरे पिताजी भी बिजनेसमैन है हम दोनों ही घर में एकलौते हैं लेकिन रोहित चाहता था कि वह कुछ अलग करें इसलिए उसने अमेरिका जाने के बारे में सोच लिया था। मैंने रोहित से कहा कि तुमने क्या अपना पूरा मन बना लिया है कि तुम अमेरिका चले जाओगे रोहित मुझे कहने लगा हां पारस मैंने पूरा मन बना लिया है अब मैं अमेरिका में ही कुछ काम शुरू करना चाहता हूं।

रोहित के पिताजी भी शायद उसे मना ना कर सके और वह अमेरिका चला गया। मैं दिल्ली में रहकर ही अपने पापा का काम संभालने लगा और देखते ही देखते कब समय बीत गया कुछ मालूम ही नहीं पड़ा समय बड़ी तेजी से निकला और मुझे काम करते हुए 5 वर्ष हो चुके थे। इन 5 वर्षों में मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला था और यह सब पापा की वजह से ही संभव हो पाया था क्योंकि पापा ने ही मुझे अपने बिजनेस के तौर तरीके और अपने काम की बारीकियों को सिखा दिया था।

रोहित से मेरी बात तो होती रहती थी लेकिन उससे मेरी मुलाकात सिर्फ एक या दो बार ही हो पाई थी अब वह अमेरिका में ही सेटल हो चुका था। एक दिन उसका मुझे फोन आया तो वह मुझे कहने लगा पारस मैं दिल्ली आ रहा हूं मैंने रोहित से कहा चलो यह तो बहुत अच्छा है कम से कम इतने समय बाद तुम मुझे मिलोगे तो सही पिछले दो वर्षों से हम लोगों की मुलाकात भी नहीं हो पाई है। रोहित मुझे कहने लगा हां क्यों नहीं मैं बस तुम्हारे पास अगले हफ्ते पहुंच जाऊंगा मैंने रोहित से कहा चलो ठीक है तो फिर हम लोग मुलाकात करते हैं।

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रोहित कहने लगा मैं तुम्हें पहुंच कर फोन करता हूं मैंने उससे कहा हां तुम मुझे पहुंच कर फोन कर देना, रोहित जब अपने घर पहुंच गया था तो उसने मुझे फोन किया और उसके बाद मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर गया। जब मैं उसके घर पर गया तो उसके पापा का चेहरा उतरा हुआ था मेरी तो कुछ समझ में नहीं आया मैं सोफे पर बैठा हुआ था रोहित के पापा मेरी तरफ देख रहे थे उन्होंने मुझसे पूछा पारस बेटा तुम क्या कर रहे हो। मैंने उन्हें बताया कि अंकल मैं तो अपने पापा का ही काम संभाल रहा हूं, रोहित के घर पर मैं काफी सालों बाद गया था तो रोहित के पापा के मन में कई सवाल थे।

वह मुझसे कुछ पूछने लगे तो मैंने उनके सवालों का जवाब दे दिया लेकिन वह रोहित को कहने लगे कि देखा पारस भी तो अपने पापा का काम संभाल रहा है और एक तुम हो कि तुम हमें अकेला छोड़ कर अमेरिका चले गए। मैंने रोहित और उसके पापा के बीच में बोलना उचित नहीं समझा इसलिए मैंने कुछ भी नहीं कहा और जब रोहित ने मुझे कहा कि चलो मेरे रूम में चलते हैं तो हम दोनों उसके रूम में चले गए। रोहित और मैं साथ में बैठे हुए थे रोहित ने मुझे कहा कि तुम्हारा काम कैसा चल रहा है मैंने रोहित से कहा मेरा काम तो अच्छा चल रहा है लेकिन तुम सुनाओ तुम तो लगता है अमेरिका में ही सेटल हो चुके हो। रोहित मुझे कहने लगा यार अब तुम्हें क्या बताऊं यहां रहने का बिल्कुल भी मन नहीं करता है और मैं तो सोच रहा हूं कि अमेरिका में ही शादी करूं।

रोहित की बातों से इतना तो प्रतीत हो चुका था कि उसने अपने लिए कोई लड़की देख ली है रोहित मुझे कहने लगा कि क्या तुमने अपने लिए कोई लड़की देख ली है। मैंने उसे कहा कहां यार मैंने तो अपने लिए कोई लड़की नहीं देखी है लेकिन इतना जरूर है कि पापा और मम्मी मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। रोहित मुझे कहने लगा अच्छा तो वह तुम्हारे लिए लड़की देख रहे हैं मैंने कहा हां वह लोग मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। रोहित ने मुझे जब नताशा की फोटो दिखाई तो वह कहने लगा यह तुम्हारे होने वाली भाभी हैं मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम्हारी इतनी आगे बात बढ़ चुकी है और तुम मुझे अब बता रहे हो। रोहित मुझे कहने लगा कि नताशा और मैंने सगाई भी कर ली है मैंने रोहित से कहा लेकिन तुमने तो घर में किसी को भी नहीं बताया। रोहित कहने लगा यार यदि मैं घर में यह सब बताऊंगा तो पापा मुझ पर गुस्सा हो जाएंगे इसलिए मैंने उन्हें यह सब बताना ठीक नहीं समझा।

मैंने रोहित से कहा लेकिन तुम्हें उन्हें बता देना चाहिए रोहित कहने लगा उन्हे मैं कुछ समय बाद बता दूंगा। रोहित पूरी तरीके से बदल चुका है वह पहले वाला रोहित नहीं रह गया है जो कि पहले बातें सीधा ही किया करता था। रोहित अब बातों को बहुत ही तोड़ मरोड़ कर पेश किया करता है।

रोहिता पूरी तरीके से बदल चुका था और वह पहले वाला रोहित नहीं रह गया था मैं उसके साथ बैठा हुआ था और उससे बात कर रहा था। मैंने रोहित से कहा रोहित मैं घर जा रहा हूं तो वह कहने लगा कि चलो मैं तुमसे दोबारा मुलाकात करता हूं। मैंने रोहित से कहा ठीक है, मैं जब घर आया है तो मैं सोचने लगा कि रोहित कितना बदल चुका है क्योंकि वह तो बिल्कुल भी पहले जैसा नहीं रहा और उसके बदलने का कारण सिर्फ यही था कि वह अमेरिका चला गया था। वह अपने पापा के साथ रहना ही नहीं चाहता था यही कारण था कि उसके पापा और उसके बीच में अब दूरियां पैदा होने लगी थी। रोहित अपनी जिंदगी अच्छे से जी रहा था वह अपने जीवन को पूरा एंजॉय करना चाहता था। जब में रोहित के घर दोबारा से गया तो उसके घर में 22, 23 वर्ष की उसकी नौकरानी थी।

मैंने रोहित से पूछा नौकरनी कब रखी तो वह कहने लगा पापा ने ही रखी है मुझे तो इसके बारे में ज्यादा नहीं मालूम और ना ही मैं उनसे इस बारे में बात करता हूं। उसकी नौकरानी की उभरी हुई गांड को देखकर में उसे चोदने  के बारे में सोचने लगा। वह मेरे पास आई और वह मुझे कहने लगी साहब पानी पी लो जब उसने मुझे पानी दिया तो मैंने देखा कि उसके स्तनों बाहर झांक रहे हैं। मैंने उसे कहा आओ ना मेरे पास बैठो मैंने उसे अपने पास बैठा दिया वह शर्मा रही थी रोहित मुझे कहने लगा मैं कुछ देर बाद आता हूं।

रोहित भी चला गया था मैं अकेला ही था इसलिए मैं उसे चोदना चाहता था मैंने उसे कुछ पैसे दिए और वह भी पैसों के लालच में आ गई। मैंने उससे अपने लंड को चूसने के लिए कहा वह मेरे लंड को अच्छे से मुंह में लेकर चूस रही थी और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। काफी देर तक उसने ऐसे ही मेरे लंड को अपने मुंह मे लेकर चूसा। जब मैंने उसके बदन से कपडे उतारे तो उसकी जालीदार पैंटी और उसका सावला रंग मेरे सामने था। मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली को डाला लेकिन उंगली जा ही नहीं रही थी।

मैंने उसे कहा लगता है तुम्हारी चूत मैं अपने लंड को ही घुसाना पड़ेगा। उसने अपनी गर्दन नीचे कर ली और कहने लगी साहब अगर कोई आ गया। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम बिस्तर में लेट जाओ वह बिस्तर में लेट गई। जब वह लेटी मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया मैं उसकी गांड मारना चाहता था मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैंने उसके स्तनों के बीचो-बीच अपने लंड को लगाया और अपने लंड को उसके स्तनों पर रगडने लगा लेकिन जब उसने दोबारा से मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो उसे अच्छा लग रहा था। वह लंड को ऐसे ही चूस रही थी लेकिन जैसे ही मैंने उसकी चूत मे लंड घुसाना शुरू किया तो मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक घुस चुका था। मेरा लंड उसकी योनि में जाते ही उसके मुंह से चीख निकल और उसकी चीख के साथ मैंने उसक चूतडो को खोल कर रख दिया। उसके दोनों पैरों को मैंने चौड़ा कर लिया था मैंने उसे तेज धक्के देने शुरू कर दिए वह पूरी तरीके से चिल्लाने लगी थी।

वह मुझे कहने लगी कि मुझसे नहीं रहा जा रहा मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम्हें अब अच्छा लगने लगेगा। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखकर उसे तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए और मैंने इतनी तेज गति से उसे धक्के मारे। वह मुझे कहने लगी मालिक मुझे छोड़ दो लेकिन मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया था और उसे छोड़ने का तो कोई सवाल ही नहीं था। मैंने उसे कहा मैं तुम्हें और पैसे दूंगा तुम मुझसे अपनी गांड मरवा लो पैसे के लालच में वह आ गई और मुझसे भी गांड मरवाने के लिए तैयार हो गई।

मैंने जब अपने लंड पर थूक लगाते हुए उसके अंदर प्रवेश करवाया तो मेरा लंड उसकी गांड मे जाने को बेताब था जैसे ही मेरा लंड अंदर की तरफ घुसा तो उसके मुंह से तेज चीख निकल पड़ी। वह कहने लगी मुझसे नहीं रहा जाएगा वह अपनी चूतडो को पकडकर मेरी तरफ करने लगी। मैं उसकी चूतड़ों के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था और 5 मिनट के बाद जब मेरे वीर्य की बूंदों से मैंने उसकी गांड के छेद को भर दिया तो वह मुझे कहने लगी कि मुझे मजा आ गया। मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम्हें अब मजा आ गया लेकिन तुमने मुझे बहुत अच्छा मजा दिया।

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रास्ते में मिली चूत https://sexstories.one/raaste-me-mili-chut-hindipornkhani/ Thu, 23 Dec 2021 07:50:23 +0000 https://sexstories.one/?p=3566 फिर मैं उसकी चूत से अपनी ऊँगली को निकाल कर मैंने अपने कपडे निकाल दिए | फिर अपने लंड को हाथ में पकड कर हिलाने लगा | तब वो मेरे लंड को अपने हाथ में पकड कर हिलाते हुए मुंह में रख कर चूसने लगी..

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hindipornkhani हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप सभी ? मैं आशा करता हूँ की आप सभी ठीक ही होगे | दोस्तों आप सभी चुदाई करना पंसद तो करते ही होगे अगर करते हो तो आप लोगो को चुदाई करते रहना चाहिए | मेरा नाम कमलेश है | मेरी उम्र 20 साल है | मैं रहने वाला चेन्नई का हूँ | मैं बी काम फस्ट इयर में पढता हूँ | मैं दिखने में गोरा हूँ और मेरी हाईट 6 फुट 9 इंच है जिससे में स्मार्ट लगता हूँ | मेरे लंड का साइज़ 8 इंच लम्बा और मोटा 3 इंच है | मेरे घर में मेरे मम्मी और पापा मैं रहता हूँ | मैं अपने मम्मी और पापा की इकलोती संतान हूँ इसलिए मेरे मम्मी पापा मुझे बहुत प्यार करते हैं |

मुझे सेक्सी कहानियाँ पढना बहुत पसंद है और मैं सेक्सी कहानियाँ बहुत अरसे से पढता आ रहा हूँ | मुझे भी कहानी लिखने की खवहिश थी | जो मैं लिखने जा रहा हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची घटना है | ये मेरी पहली कहानी है तो इसमें आप को गलती भी नज़र आयेगी अगर आप को गलती नज़र आती है तो मुझे माफ़ करना | मैं जो कहानी लिखने जा रहा हूँ | मैं आशा करता हूँ मेरी कहानी आप लोगो को पसंद आयेगी और पढने में मज़ा भी आयेगा | तो मैं आप लोगो का ज्यादा समय न लेते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ |

ये कहानी कुछ दिन पहले की है जब मैं चेन्नई से घुमने के लिए कोलकाता जा रहा था | तब मुझसे रास्ते में एक लड़की ने लिफ्ट मांगी और मैंने उसे अपनी कार में बैठा लिया और उसका नाम पूछा तब उसने अपना नाम नन्दनी बताया | वो दिखने में बहुत गोरी थी और उसका फिगर मस्त था | उसके बड़े बड़े बूब्स और उसकी बड़ी चौड़ी गांड को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया | वो मुझको सेक्सी नजरो से देख रही थी | मैं उससे उसके बारे में पूछ रहा था और पूछा आपको कहाँ जाना है | तब उसने मुझसे कहा आप जहाँ जा रहे हो मुझे वहीँ तक छोड़ दो | उसका मस्त फिगर देख कर मेरा लंड खड़ा था | फिर मैं उसकी जांघों को सहलाने लगा तो वो मेरी और सेक्सी नजरो से देखने लगी | कुछ देर तक मैं उसकी जांघों को सहलाता रहा | फिर वो मेरे लंड को सहलाने लगी |

तब मैंने अपनी कार को एक सुनसान जगह पर रोक कर | मैं उसकी होठो पर अपने होठ रख कर उसकी होठो को चूसने लगा | वो भी मेरे होठो को चूसने लगी | मैं उसकी होठो को चूसते हुए उसकी बूब्स को कपडे के ऊपर से दबाने लगा | मैं उसके बूब्स को दबाते हुए उसके कपडे निकाल दिए | वो अब सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी | तो मैं उसके एक दूध को ब्रा के ऊपर से चूसने लगा तो उसके मुंह से उह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह की सिसिकियाँ निकल गयी | मैं उसके बूब्स को चूसते हुए उसकी ब्रा खोल दी और मैं उसके बूब्स को मुंह में भर कर चूसने लगा |

मैं एक दूध को हाथ में पकड कर दबाने लगा | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करती हुई अपनी चूत के सहलाने लगी | मैं उसके दूध को मुंह में रख कर चूस रहा था और दुसरे को हाथ से मसल रहा था | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करती हुई अपनी ऊँगली को चूस रही थी |

मैं उसके बूब्स को एक एक करके चूस रहा था | वो अपनी चूत को सहलाती हुई उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ कर रही थी | मैं उसके बूब्स को कुछ देर तक ऐसे ही चूसता रहा | फिर उसकी टांगो को थोडा सा फेला कर उसकी चूत में अपना मुंह घुसा कर चूत को चाटने लगा | तो वो उह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह करने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर अन्दर बाहर करते हुए चाटने लगा साथ में उसकी चूत में अपनी ऊँगली को घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा |

जिससे उसके मुंह से हलकी हलकी आवाज में उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह आह्ह्ह करती हुई अपने दोनों बूब्स को जोर जोर से मसलने लगी | मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने के साथ चूत में ऊँगली को घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा | तो वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह उफ्फ्फ करने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी ऊँगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसकी चूत को चोदने लगा |

hindipornkhani जिग्ना की कामुकता

तो वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह करने लगी | मैं उसकी चूत को कुछ देर तक ऐसे ही चाटता रहा | फिर मैं उसकी चूत से अपनी ऊँगली को निकाल कर मैंने अपने कपडे निकाल दिए | फिर अपने लंड को हाथ में पकड कर हिलाने लगा | तब वो मेरे लंड को अपने हाथ में पकड कर हिलाते हुए मुंह में रख कर चूसने लगी | तो मेरे मुंह से उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह करते हुए अपने लंड को चूसाने लगा |

वो मेरे लंड को अपने मुंह में रख कर अन्दर बाहर करते हुए चूसने लगी | मेरे मुंह से हलकी हलकी आवाज में उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह अहह करते हुए उसके मुंह में धीरे धीरे धक्के मारने लगा और मैं उसके मुंह को चोदने लगा | मैं कुछ देर तक उसके मुंह को ऐसे ही चोदता रहा साथ में धीमी धीमी आवाज में उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह अहह करता रहा | फिर मैं उसके मुंह से अपने लंड को निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फेला कर उसकी चूत के मुंह पर अपने लंड को घुसा कर उसको चोदने लगा | तो उसके मुंह से उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह्ह करने लगी | मैं उसकी चूत में अन्दर बाहर करते हुए उसको चोदने लगा |

मैं उसकी चूत में जोर जोर से धक्के मारने लगा | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ उह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह करती हुई अपने बूब्स को मसलने लगी | मैं उसकी चूत को जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था साथ में उसके बूब्स को भी दबा रहा था | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह कर रही थी | फिर मैं उसकी चूत से लंड को निकाल कर उसके मुंह में डाल कर चुसाने लगा | वो मेरे लंड को चूसने लगी कुछ देर तक लंड चूसाने के बाद फिर से उसकी चूत में लंड को डाल कर चोदने लगा | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह अह्ह्ह करने लगी |

मैं उसको जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था वो अपनी चूत को सहलाती हुई उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह कर रही थी | मैं उसकी ये सिसिकियाँ सुनकर उसकी चूत में और तेज से धक्के मारने लगा जिससे कार में धक्को की आवाज घुजने लगी | मैं उसको इसी तरह से उसको चोदे जा रहा था | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करती हुई अपनी चूत को हिलाती हुई चोदने लगी | मैं उसकी चूत में अन्दर बाहर करते हुए चुद रहा था |

वो अपनी चूत को आगे पीछे करती हुई चुद रही थी साथ में उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ कर रही थी | मैं उसको जोरदार धक्के के साथ उसको 40 मिनट तक चोदता रहा और उसके बाद उसकी चूत के ऊपर मेरे लंड ने माल निकाल दिया | मैं उसकी मस्त चुदाई के बाद उसको कोलकाता तक ले गया और वहां से घुमा कर फिर यहीं छोड़ दिया |

ये थी मेरी कहानी दोस्तों | मैं आशा करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आई होगी और पढने में मज़ा भी आया होगा |

मेरी कहानी पढने के लिए धन्यवाद् |

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एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 3 https://sexstories.one/desi-maa-beta-chudai/ Tue, 21 Dec 2021 08:19:02 +0000 https://sexstories.one/?p=5028 उसे अपनी टाँगों के बीच एक बहुत अच्छा एहसास हो रहा था, उसने इस बार फिर जोर से धक्का दिया, उसका लंड उसकी गांड की दरार में कुहनी मार रहा था, आरती थोड़ी देर के लिए उससे अलग हो गई..

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Desi Maa Beta Chudai kahani jaari hai – “ओह्ह्ह्ह हाँ, वहीं।” उसकी माँ कराह उठी। आरव ने अपनी तर्जनी से उसकी गांड के छेद को दबाया और यह पहली पोर तक बहुत आसानी से फिसल गया क्योंकि यह तेल से फिसलन था, आरव उत्तेजना के साथ जंगली जा रहा था और उसकी उग्र चोट उसे चोट पहुँचा रही थी, वह इसे अपने तंग से मुक्त करना चाहता था पंत उसने अपनी उंगलियों को और अधिक धक्का दिया और आश्चर्यचकित महसूस किया कि उसने अपने गधे को उसे और गहरा कर दिया, उसने अपनी उंगलियों को और अधिक धक्का दिया और अब वह अपने दूसरे पोर में था, वह अपनी मां की हांफने की आवाज सुन सकता था जब उसने अपनी उंगली को जितना गहरा जा सकता था।

“Unghhhhhhh,” शालिनी खुशी के साथ जब उसके बेटे को बाहर सभी तरह अपनी उंगली बाहर निकाला और उस में सभी तरह से डाला कराही, वह वहीं खुद को उंगली करना चाहता था, लेकिन वह याद आरती किसी भी समय वापस हो सकता है।

“आरव, मैं अब बेहतर महसूस कर रहा हूं, धन्यवाद, दर्द पूरी तरह से दूर होने तक मुझे आपकी मालिश की आवश्यकता होगी।” शालिनी ने आरव से कहा, जिसने अनिच्छा से उसकी गांड से अपनी उंगली निकाली, यह वर्षों में शालिनी का सबसे अच्छा आनंद था, अधिक सटीक होने के लिए किसी ने भी उसकी गांड को छुआ है, वह और अधिक चाहती थी।

“ठीक है माँ, जब भी तुम्हें मेरी ज़रूरत हो।”

“मैं तुम्हारी बहन हूँ, तुम मुझे इस तरह छू नहीं सकते।” आरती ने बहुत शांति से कहा, आरव ने उसके ब्लाउज से अपना हाथ हटा लिया और उसे राहत मिली कि वह नाराज नहीं थी।

“मुझे खेद है, लेकिन मैं खुद का विरोध नहीं कर सकता, आपकी उपस्थिति मुझे पागल कर देती है।” आरव ने अपना सर्वश्रेष्ठ तीर चलाया; वह जानता था कि उसकी तारीफ करने से उसका मन उसके कामों पर लग जाएगा।

“अगर उसे पता चला कि वह मुझे मार डालेगा,” आरती खुद को नियंत्रित नहीं कर पाई, उसकी आँखों से आँसू बहने लगे और वह बहुत सुंदर लग रही थी।

आरव उसे रोता देख चौंक गया, उसे याद नहीं कि उसने आखिरी बार उसे रोते हुए कब देखा था, वह जानता था कि वह एक मजबूत लड़की है और वह इतनी छोटी सी बात के लिए कभी नहीं रोएगी, उसे पता था कि कुछ उसे परेशान कर रहा था। आरव को उसके लिए बहुत बुरा लगा, उसने हमेशा उसे एक मजबूत लड़की के रूप में देखा है जो उससे कहीं ज्यादा मजबूत है लेकिन उसे इस तरह रोते हुए देखकर वह उसके प्रति बहुत सुरक्षात्मक और देखभाल करने लगा। उसने उसे बाँहों से उठा लिया और कसकर गले लगा लिया।

“नहीं, मुझसे दूर हो जाओ, वह मुझे मार डालेगा।” आरती ने अपने भाई को धक्का दे दिया।

“कौन” आरव उलझन में था कि वह ऐसा अभिनय क्यों कर रही है।

Read part 2 – एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 2

“मैं नहीं कर सकता …” आरती ने अपनी आवाज दबा दी जब उसने अपने पिता को दरवाजे पर खड़ा देखा।

“तुम सो क्यों नहीं रहे हो, आधी रात हो चुकी है।” उसके पिता ने उसकी आँखों में देखा।

आरव को कुछ अजीब लगा तो उसने अंदर जाने का फैसला किया। “मच्छर बहुत हैं; हम सो नहीं पा रहे हैं।”

“आरती बाहर जाओ और कुछ सूखी घास ले आओ और इसे जला दो, यह मच्छरों को दूर रखेगा।” उसने ठंड से कहा।

आरव को उसका काम देखकर खुशी हुई होगी लेकिन अब नहीं, उसे एहसास हुआ कि कैसे उसे उसकी इच्छा के खिलाफ काम करने के लिए बनाया गया था, भारत में लड़की होना एक अभिशाप था।

आरती घर से बाहर चली गई, जब उसने अपने पिता को उसका पीछा करते देखा तो वह चिंतित हो गई और चुपचाप कुएं के पास सूखी घास इकट्ठा करने लगी, उसे अपने पिता के पीछे खड़े होने का आभास हुआ। वह उससे दूर चली गई। ‘थपाक’ उसके पिता ने उसकी गर्दन पर थप्पड़ मारा; उसका प्रहार इतना तेज था कि वह जमीन पर गिर पड़ी।

“आप आरव से क्या कहने वाले थे, इसके बारे में कभी किसी से कुछ भी कहने की हिम्मत मत करना।” उसके पिता ने उस पर जोर दिया, उसने उसे पकड़ लिया

बाल और उसे अपने पैरों पर खींच लिया।

“तुम मेरे ही हो मेरे।” उसने उसके मुंह पर जोर से चूमा, उसके होठों को जबरदस्ती चूसा, वह उसे दूर धकेलना चाहती थी लेकिन वह जानती थी कि अगर वह ऐसा करती है तो वह उसे फिर से मारेगा, इसलिए वह स्थिर रही और उसे अपने रास्ते जाने दिया।

“अंदर जाओ और घास को जला दो,” उसने अपने गंदे मुंह के अंदर उसके स्वाद के अवशेष को लेते हुए अपने होंठों को ठंड से चाटते हुए कहा।

आरती सूखी घास को अपने साथ लेकर अंदर चली गई। यह तब शुरू हुआ जब वह मुश्किल से पाँच साल की थी; आरव हमेशा अपनी मां के साथ रहा, इसलिए उसने आरती को उसके पिता के पास छोड़ दिया। वह उसे खेत में ले जाता था और वह उसे उन जगहों पर छूता था, जो उस छोटी लड़की से अनजान थे कि ‘उसके प्यारे पिता क्या कर रहे हैं’। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गई, वैसे-वैसे उसके प्रति उसका जुनून भी बढ़ता गया, जब उसे उसकी बात मानना मुश्किल हो गया तो उसने उसे मारना शुरू कर दिया।

“क्या हुआ, तुम इतनी अजीब हरकत क्यों कर रहे हो।” आरव ने उससे पूछा।

“बस सोने चले जाओ।” उसने ठंडे स्वर में कहा, बिना उसकी ओर देखे भी, वह अपने आँसुओं को छिपाने की कोशिश कर रही थी।

आरव इतनी आसानी से हार नहीं मानने वाला था, वह उसकी ओर मुड़ा और लापरवाही से उसके चारों ओर अपनी बाहें डाल दी, उसकी हथेली उसके ब्लाउज से ढके पेट पर पड़ी थी, आरती ने उससे दूर जाने की कोशिश की लेकिन अगर वह चली गई तो वह खत्म हो जाएगी फर्श पर इसलिए वह अभी भी उसके स्पर्श का जवाब नहीं दे रही थी।

लगभग एक घंटे के बाद सब कुछ चुप हो गया, आरती ने अपने पिता के कदमों को सुनने की कोशिश की … कोई नहीं, वह उसके करीब आ गई, आरव उसकी तरफ सो रही थी, जबकि आरती उसकी तरफ से सो रही थी, इसलिए जब वह करीब आ गई तो वह कर सकती थी स्कर्ट से ढँकी उसकी गांड में उसकी कठोरता को महसूस करते हुए, उसे यह भावना पसंद आई और उसने अनजाने में अपनी गांड को उसकी कठोरता में धकेल दिया।

उसे अपनी टाँगों के बीच एक बहुत अच्छा एहसास हो रहा था, उसने इस बार फिर जोर से धक्का दिया, उसका लंड उसकी गांड की दरार में कुहनी मार रहा था, आरती थोड़ी देर के लिए उससे अलग हो गई और उनके बीच से अपनी स्कर्ट ऊपर खींच ली, उसने नीचे एक बैगी पैंटी पहनी थी। आरती जोश से पागल हो रही थी, उसका दिल बहुत जोर से धड़क रहा था; धीरे-धीरे उसने अपने लंड को अपनी पैंटी पहने गांड से थपथपाया, अब वह उसे अपने गालों के बीच अच्छी तरह से महसूस करने में सक्षम थी।

आरव ने महसूस किया कि कुछ बहुत ही स्पंजी और चिकना है जो अपने मुर्गा को निगलने की कोशिश कर रहा है, उत्तेजना उसे जंगली बना रही थी वह और अधिक जोर से मारना चाहता था और अपनी नींद में उसने अपनी गांड में जोर से जोर दिया।

आरती उत्साहित थी जब उसने महसूस किया कि वह अपने मुर्गा को जोर से जोर दे रहा है, लेकिन वह जानती थी कि वह आवाज करेगा और अपने पिता का ध्यान आकर्षित करेगा इसलिए उसने खुद को उससे अलग कर लिया।

आरव ने फिर जोर दिया लेकिन निराश हो गया कि स्पंजी सामग्री गायब हो गई है, निराशा ने उसे जगाया, उसने अपनी आँखें खोलकर पाया कि यह आरती की गांड थी जिसमें वह जोर दे रहा था, वह उसकी पैंटी पहने हुए गधे को चांदनी से आते हुए देख सकता था उसके कमरे की छोटी सी खिड़की। वह बेतहाशा उत्तेजित हो गया और उसका लंड राहत पाने के लिए धड़क रहा था।

आरव ने अपना लंड निकाला और अपने लंड को उसके गालों के बीच में थपथपाते हुए आरती के करीब आ गया, आरती उनके शरीर से निकलने वाली गर्मी को महसूस कर सकती थी, जिससे कमरे में यौन तनाव बढ़ रहा था, वह उसके इतने करीब थे कि वे पहले कभी इस तरह नहीं थे, उसने महसूस किया अब उससे अधिक जुड़ी हुई है, वह हमेशा जानती थी कि वह दिल से अच्छा है और केवल दिखावा करने के लिए एक झटके की तरह काम करता है।

आरव कांपते हाथों से उसके चारों ओर पहुँचा और उसके स्तन को अपनी मुट्ठी में ले लिया और उसने अपना लंड उसके कपड़े वाली गाण्ड में डाल दिया, वह फिर से जोर से जोर से जोर से जोर से उसके कोमल गालों के बीच पहुँच गया, उसने उसके स्तन को उसके ब्लाउज से अपने हाथ से निचोड़ लिया उसकी उँगलियों के बीच उसके निप्पल खड़े हैं। आरती बहुत कोशिश कर रही थी कि वह विलाप न करे, अगर उसने कोई आवाज की या संकेत दिया कि वह जाग रही है, तो वह उसके लिए हंगामा करने के लिए माफी मांगेगा। उसने अपने होठों को बहुत जोर से काट लिया और कराह को नियंत्रित करने के लिए खुद को काट लिया।

आरव अपने आंड को कसता हुआ महसूस कर सकता था, इसलिए उसने उसकी गांड को जोर से चोदना शुरू कर दिया, आखिरकार उसने अपना वीर्य उसकी पैंटी पर गिरा दिया और उसकी जाँघों पर कुछ वीर्य बिखेर दिया, आरव एक संतोषजनक आह के साथ एक तरफ चला गया। लेकिन आरती अभी भी सींग का बना हुआ था और वह खुद को राहत देना चाहती थी। उसने अपनी पैंटी उतार दी और उसमें से अपना सह चूसा, कड़वा स्वाद और मांसल गंध ने उसे उत्तेजना के साथ जंगली बना दिया, वह नीचे पहुंच गई और अपनी तर्जनी को अपनी तंग बिल्ली में डाला, उसने खुद को सहलाया और दूसरे हाथ से उसे सहलाया स्तन जो उसके भाई द्वारा छेड़ा गया था, उसने अपनी दो उंगलियों को अपनी चूत में डुबोया और अपने अंगूठे से उसने अपने भगशेफ को फड़फड़ाया, उसने अपने पैरों को चौड़ा कर दिया, आरती को महसूस हो रहा था कि उसके अंदर कामोन्माद निर्माण हो रहा है, उसने उसे जोर से सहलाना शुरू कर दिया।

वह अब और विरोध नहीं कर सकती थी और वह अपने रस से बिस्तर गीला करके बहुत मुश्किल से आई, आरती ने अपनी आँखें बंद कर लीं और संतुष्ट होकर सो गई।

to be continued…

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दोस्त की बहन की गुलाबी चूत को अपने घर में चोदा https://sexstories.one/dost-ki-behan-ki-gulabi-choot-choda/ Tue, 21 Dec 2021 07:44:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3489 हम दोनों ऐसे ही एक दुसरे की होठो को कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी.. वो अपने गुलाबी चूत को अपनी घुलाबी पैंटी में छुपा के रखे थी...

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Dost ki Behan ki gulabi choot ko Choda – हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रियाज़ है | मैं रहने वाला भोपाल का हूँ | मैं अभी जॉब करता हूँ | मैं आज आप लोगो की सेवा में एक कहानी को लेकर हाजिर हूँ | दोस्तों मैं भी आप लोगो की ही तरह कहानी पढने का शौक़ीन  हूँ | मैं काफी अरसे से सेक्सी कहानी पढ़ता आ रहा हूँ | मैं बहुत सी कहानियाँ पढ़कर उनका मज़ा ले चूका हूँ और दोस्तों मुझे ज्यादा कहानी पढना दोस्त की बहन और दोस्त की गर्लफ्रेंड वाली पसंद है | मेरी हाईट 6 फुट 4 इंच है | मेरे लंड का साइज़ 7 इंच लम्बा और मोटा 3 इंच है | दोस्तों मुझे चुदाई करना बहुत पसंद है और मैं अभी तक काफी बार चूत चोद चूका हूँ इसलिए मुझे अब चुदाई करने के इतने पोजीशन मालूम हैं | मैं अपने इस सात इंच के लंड से किसी भी लड़की या औरत की चूत की गर्मी को बुझा सकता हूँ तो दोस्त ये तो मैंने अपने बारे में बता दिया | दोस्तों अब बकचोदी हो गयी है | मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ |

ये कहानी कुछ महीने पहले की है जब मैं एक साफ्टवेयर कम्पनी में जॉब करता था | मैं जॉब बंगलौर में करता था इसलिए मुझे बंगलौर में रहना पढता था | मैं वहीँ पर घर रेंट पर लेकर रहता था | जब मैं उस कम्पनी में जॉब करता था तो उस टाइम वहां मेरा एक लड़का दोस्त बन गया था | उसका नाम रोहन था और वो मेरे साथ ही जॉब करता था इसलिए मेरी उसकी दोस्ती हो गयी थी | धीरे धीरे काफी दिन हो गए और मेरी उसकी दोस्ती कुछ ज्यादा ही हो गयी | वो मुझे एक दिन अपने घर पर डिनर करने के लिए कहा | तब मैंने उससे कहा की सन्डे के दिन चलता हूँ  | दोस्तों मेरे ऑफिस में संडे को छुट्टी रहती हैं | उस दिन मैं और रोहन साथ में घुमने गए और जब हम दोनों लोग घूम कर आये | वो मुझे अपने घर ले गया | मैं उसके घर जाकर उसके साथ सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा | मैं टीवी देख रहा था तभी उसकी बहन आई |

रोहन – सुमित ये मेरी बहन नीलम है और नीलम ये मेरा दोस्त सुमित है |

मैं – हाय नीलम ?

नीलम – हाय सुमित |

मैं – हाउ आर यू ?

नीलम – जस्ट  फ़ाईन एंड यू ?

मैं – आई ऍम सो हैप्पी |

फिर मैं उससे ऐसे ही बात करने लगा साथ मैं मेरा दोस्त रोहन भी बैठा था | मैंने नीलम से पूछा इस टाइम क्या कर रही हो तो उसने बताया की मैं इस टाइम बी कॉम कर रही हूँ | दोस्तों मैं इससे आगे की कहानी बताने से पहले नीलम के फिगर के बारे में बता देता हूँ क्यूंकि ये ही मेरी कहानी की हिरोइन है | उसका मस्त कटीला भरा हुवा बदन है और उसके बूब्स तो काफी बड़े थे जो कपडे के ऊपर से ही साफ गोल दिखा करते हैं | उसकी गांड तो आकर्षण के केंद्र है | वो मुझे किसी हुस्न की मल्लिका से कम नही लगी थी जब मैंने उसको पहली बार देखा था |

Sexstories जिग्ना की कामुकता

पहली बार में ही मेरा दिल उस पर आ गया था और मैं उसे पटाने के बारे में सोचने लगा था | फिर उस दिन मैंने उसके साथ बैठ कर खाना खाया उसके बाद मेरा दोस्त रोहन मुझे छोड़ने आया | मैं अपने घर चला आया | दुसरे दिन की बात है जब मैं अपने ऑफिस में काम कर रहा था तो मेरे दोस्त ने कहा भाई चलते हैं लंच कर लेते हैं काम बात में कर लेना क्यूंकि उस टाइम लंच टाइम चल रहा था | मैं और रोहन एक साथ में लंच किया और अब मैं रोहन के घर अक्सर जाया करता था | मैं वहां नीलम से बात किया करता और वो मुझसे बता करती थी | जब वो मुझसे बात करती थी तो मुझे अच्छा लगता था | वो भी मुझे पसंद करती थी ये बात मुझे कुछ ही दिन में पता चल गया | एक दिन की बात है जब मैं छोट्टी पर था और उस दिन रोहन जॉब पर गया हुआ था | उस दिन नीलम शॉपिंग करने जा रही थी |

रोहन – ने मुझे कॉल की और कहाँ सुमित नीलम शॉपिंग के लिए जा रही है | मुझे टाइम नही है तो तू साथ में चला जा |

मैं – ठीक है चला जाता हूँ उस बोल दो की मेरे साथ जाना है |

रोहन –  हाँ मैं उसे बोल देता हूँ और तुम्हारा नम्बर देता हूँ |

मैं – हाँ देदो |

पर दोस्तों मेरे पास उसका नम्बर पहले से था और मेरा उसके पास क्यूंकि उसकी मेरी बात कभी कभी हुआ करती थी | कुछ ही देर में उसका फ़ोन आया |

नीलम – हेल्लो |

मैं – हेल्लो हाँ बोलो |

नीलम – भईया ने तुम्हारे साथ शॉपिंग के लिए जाने को कहा है |

मैं – तो मेरे साथ नही जाने का मन है क्या ?

नीलम – नही ऐसा नही है आप तो मुझे बहुत अच्छे लगते हो और मुझे तो भरोसा भी नही था की मुझे शॉपिंग के लिए तुम्हारे साथ जाने को मिलेगा |

फिर मैं और नीलम एक साथ शॉपिंग करने गए | जब मैं और नीलम एक मॉल में शॉपिंग कर रहे थे तो नीलम ने कुछ चीजे ली उसके बाद नीलम को एक जींस और पंसद आ गयी थी | नीलम ने अपने वॉलेट में देख तो रुपये कम थे तो वो जींस मैंने उसे लेके देदी | तब नीलम ने मुझे थैंक्स बोला और कहा तुम भी कुछ ले लो और नीलम ने मेरे लिए जींस और शार्ट सेलेक्ट किया | मैं लेके घर चला आया उस दिन से वो मुझे ज्यादा ही पंसद करने लगी थी | उसके 4 महीने के बाद की बात है जब वो मेरे साथ घुमने भी जाने लगी थी | उस दन मैं और नीलम मूवी देखने गए थे | उस दिन जब हम मूवी देख रहे थे तो उसने मुझे वहां मेरी होठो पर किस की और मेरा लंड खड़ा हो गया था वेसे हम लोग किस तो बहुत पहले से करते थे पर उस दिन मेरी अन्दर का जानवर जग गया था | मैंने भी उसे वहीँ पर गर्म कर दिया |  वो अब चुदने के लिए तैयार हो गयी थी |

मैं तुरंत ही वहां से अपने घर आया और फिर अपने बेडरूम में ले गया | वो मेरे से लिपट गयी और मैं उसकी होठो को चूसने लगा | वो भी मेरी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगी | हम दोनों ऐसे ही एक दुसरे की होठो को कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी | वो अपने गुलाबी चूत को अपनी घुलाबी पैंटी में छुपा के रखे थी | मैं उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा | मैं उसके बूब्स को दबाते हुए उसकी ब्रा भी खोल दी और उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा | मैं उसके बूब्स के निप्पल को मुंह में रख कर चूस रहा था | मैं उसके बूब्स को ऐसे ही 3 -5 मिनट तक चूसने के बाद उसकी पैंटी को मुंह से पकड कर निकाल दिया | फिर मैंने उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर उसकी चूत तो चाटने लगा |

वो बिस्तर को कस के पकड का सेक्सी आवाज में ह ह ह ह ह…. अ अ अ अ अ….. हु हु हु हूँ…. आ आ आ…. सी सी सी सी… की आवाजे करने लगी | मैं उसकी मस्त सेक्सी आवाजे सुनकर और जोश में आ गया | तब मैंने उसकी चूत को चाटने के साथ में उसकी चूत में अपनी ऊँगली भी घुसा दी | वो हु हूँ हूँ हु….. आ आ आ आ….. हाँ हाँ हाँ… उई उई उई… हह हह ह हह… की सिसकियाँ लेने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी ऊँगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसको अपनी ऊँगली से चोदने लगा | मैं उसकी चूत में ऐसे ही 3 -4 मिनट तक ऊँगली को अन्दर बाहर करता रहा | फिर मैंने अपने कपडे निकाल कर उसकी टांगो को फैला कर अपने लंड में थूक लगा कर उसकी चूत के ऊपर अपने लंड को रख कर उसकी चूत में धीरे से अपने लंड को घुसा दिया |

उसकी चूत गीली होने की वजह से मेरा लंड उसकी चूत में आराम से घुसा गया | वो सेक्सी आवज में उ ऊ ऊ ऊ….. हाँ हाँ हाँ… ह ह ह ह…. हूँ हूँ हूँ हूँ.. अ अ अ अ… सी सी सी सी… की आवाजे करने लगी | मैं उसकी कमर को पकड़ कर उसकी चूत में धीरे धीरे धक्को के साथ अन्दर बाहर करने लगा | मैं कुछ देर तक ऐसे ही धीरे धीरे अन्दर बाहर करते हुए उसको चोदता रहा | वो कुछ ही देर में मस्त होकर चुदने लगी और मज़ा लेने लगी | तब मैं उसके दोनों बूब्स को पकड कर उसकी चूत में जोरदार धक्के मारने लगा | वो हाँ हाँ हाँ… ह ह ह ह…. हूँ हूँ हूँ हूँ.. अ अ अ अ… सी सी सी सी… की सिसकियाँ लेने लगी | मैं उसकी कमर को पकड कर उसको अपनी और खीच कर उसकी चूत में जोरदार धक्के मारने लगा जिससे कुछ ही देर में धक्को की आवाज कमरे में गूंजने लगी | वो सिसकियाँ पर सिसकियाँ ले रही थी साथ वो मस्त होकर अपने बूब्स के निप्पल को दबाती हुई चुदने लगी | मैं उसको ऐसे ही 15 मिनट तक चोदने के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया |

फिर वो अपनी चूत में ऊँगली डाल डाल कर वीर्य को निकालने लगी | वो वीर्य को इसलिए निकाल रही थी अगर वीर्य अन्दर रह गया था | उसके बाद उसने कपडे पहन लिए और मैंने अपने कपडे पहन लिए | फिर उसको उसके घर तक छोड़ आया | दोस्तों ये थी मेरी कहानी मुझे उम्मीद है की आप लोगो को कहानी पढने में मज़ा आया होगा |

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गाँव की देसी लड़की की अन्तर्वासना https://sexstories.one/gaon-ki-ladki-ki-antrawvasna/ Mon, 20 Dec 2021 09:47:44 +0000 https://sexstories.one/?p=3556 वो अपनी चूत को सहला रही थी और मैं उसके दूध को एक एक करके चूस रहा था | मैं ऐसे कुछ देर तक उसके दोनों दूधो को चूसता रहा | फिर मैंने उसकी पेंटी को निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फेला....

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Gaon ki desi ladki ki antrawasna – हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप सभी लोग ? मैं आशा करता हूँ की आप सही लोग ठीक ही होगे | आप लोगो को चुदाई करना तो पसंद ही होगा और आप सभी लोग चुदाई का पुर मज़ा ले रहें होगे या नही | मैं आशा करता हूँ की आप लोग चुदाई को पूरा आनंद ले रहे होगे | मैं आप लोगो को अपने बारे में बता देता हूँ | मेरा नाम अखिलेश है | मेरी उम्र 26 साल है | मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है | मेरे लंड का साइज़ 5 इंच लम्बा और मोटा 3 इंच है | मैं दिखने में गोरा हूँ और स्मार्ट भी |

मैं रहने वाला बिहार का हूँ | मैंने पढाई सिर्फ बी ऐ तक की है | मेरे घर में 4 लोग रहते हैं | मैं और मेरे मम्मी पापा मेरे छोटा भाई | मेरे पापा कॉलेज में टीचर हैं और मेरी मम्मी हाउस वाईफ हैं मेरा भाई अभी 11 में पढता है | मुझे सेक्सी कहानियाँ पढना बहुत पसंद है और मैं सेक्सी मूवी देखना भी पसंद करता हूँ | मैं सेक्सी कहानी पढ़ कर मुठ भी मार लेता हूँ | मैं जब सेक्सी कहानी पढता हूँ तब मेरे भी मन करता है की मैं भी अपनी एक कहानी लिखूं और मैं आज एक कहानी लेकर आया हूँ | ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची घटना | ये मेरी पहली कहानी है तो इसमें कोई भी गलती हो सकती है अगर आप लोगो को समे कोई भी गलती नज़र आती है तो मुझे माफ़ करना | मैं आशा करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी और कहानी पढने में मज़ा भी आएगा |

मैं आप लोगो को ज्यादा समय न लेते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ |

ये कहानी कुछ दिन पहले की है जब मैं एक प्रचार गाड़ी को चलाता था | तब मैं हर हफ्ते नये गाँव में जाता था प्रचार के लिए | एक दिन की बात है जब मैं एक गाँव में प्रचार करने के लिए गया था | तो मुझे वहां एक लड़की बहुत ही सेक्सी नजरो से देख रही थी और मुझे लाइन भी मार रही थी | मैं उस लड़की का नाम तो नही जनता हूँ जो आप लोगो को उसका नाम बताऊँ पर इतना जरूर बता सकता हूँ की वो लड़की कैसी दिखाती थी | तो दोस्तों वो लड़की दिखने में दूध की तरह गोरी थी | उसका सेक्सी फिगर था | उसके बड़े बड़े बूब्स और उसकी बड़ी चौड़ी गांड वो किसी हुस्न की मल्लिका से कम नही थी | उसके फिगर को देख कर किसी भी आदमी की नियत ख़राब हो जाये | मेरा भी यही हाल हुवा था जब मैंने उसे देखा था | उस गाँव में मेरा पहला दिन था और मुझे हर गाँव में 7 दिन रुकना होता था |

वो लड़की मुझे देख कर हँस रही थी और मुझे लाइन भी मार रही थी | कुछ देर तक मैं वहीँ गाड़ी में बैठा रहा और जब सब लोग चले गए | तब वो लड़की मेरे पास आकर बोली आप अच्छे लग रहे हो और वो हँसती हुई चली गयी | दुसरे दिन फिर वो आई तो मुझे देखती रही और जब मैं उसकी तरफ देखने लगा तो वो मेरी तरफ देख कर मुझे किस के लिए बोली तब मैं उसके पास जाकर बोला रात में आना तुमसे कुछ अकेले में बात करनी है | तब उसने कहा ठीक है और फिर हँसती हुई चली गयी | मैं रात को उसका इंतजार कर रहा था | फिर वो बहुत देर बाद आई और मुझे एक प्राइमरी स्कूल में ले गयी | वहां पर एक खाली रूम था | हम वहीँ बैठ कर बात करने लगे |

मैं बात करते हुए उसकी जांघों को सहलाने लगा और वो मेरी तरफ देख कर मुझे पकड कर चिपक गयी | तब मैं उसके गले में किस करने लगा | मैं उसके गले में किस करते हुए उसके होठो पर अपने होठ रख कर किस करने लगा | मैं उसके होठो को मुंह में रख कर चूस रहा था जिससे वो कुछ ही देर में गर्म हो गयी | फिर मैं उसकी होठो को चूसते हुए उसकी बूब्स को कपड़े के ऊपर से दबाने लगा | मैं उसके बूब्स को कुछ देर तक दबाने के बाद उसके कपडे निकाल दिए | वो कुछ ही देर में मेरे सामने ब्रा और पेंटी में आ गयी | मैं उसके एक दूध को ब्रा के ऊपर से पकड कर दबाने लगा | तो उसके मुंह से हलकी हलकी आवाज में सिसिकियाँ निकल गयी | मैं उसके दूध को दबाते हुए उसकी ब्रा भी खोल दी और उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा |

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मैं उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा और दुसरे को हाथ में पकड कर दबाने लगा | वो अपनी चूत को सहला रही थी और मैं उसके दूध को एक एक करके चूस रहा था | मैं ऐसे कुछ देर तक उसके दोनों दूधो को चूसता रहा | फिर मैंने उसकी पेंटी को निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फेला कर उसकी चूत में अपने मुंह को घुसा कर उसकी चूत को चाटने लगा | तो उसके मुंह से उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह की सिसिकियाँ लेने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर अन्दर बाहर करते हुए उसकी चूत को चाट रहा था |

मैं उसकी चूत को चाटने के साथ में उसकी चूत में अपनी ऊँगली को घुसा कर उसे अपनी ऊँगली से चोदने लगा | तो उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह करती हुई अपने बूब्स को दबाने लगी | मैं उसकी चूत में ऊँगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसकी चूत को अपनी ऊँगली से चोद रहा था | वो उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह कर रही थी |

मैं उसकी चूत में कुछ देर तक ऐसे ही ऊँगली को अन्दर बाहर करता रहा | फिर मैंने अपने कपड़े निकाल के लंड को उसके हाथ में पकड़ा दिया | वो मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर हिलाती हुई अपने मुंह में रख कर चूसने लगी | तो मेरे मुंह से भी सिसिकियाँ निकल गई | वो मेरे लंड पर अपनी जीभ को रगडने लगी | तो मेरे मुंह से हलकी हलकी आवाज में सिसिकियाँ निकल गयी | वो लंड को मुंह में अंदर बाहर करती हुई चूस रही थी | मैं अपने लदन को उसके मून में चूसा रहा था | वो मेरे लंड को कुछ देर तक ऐसे हो मुंह में अन्दर बाहर करती हुई चूसती रही थी | फिर मैंने अपने लंड को मुंह से निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फेला कर उसकी चूत के मुंह पर अपने लंड को रख कर चूत में घुसा दिया | तो उसके मुंह से उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह की सिसिकियाँ निकल गयी | मैंने उसकी छत में लंड को घुसा कर उसको चोदने लगा |

तो वो अपने बूब्स को मसलती हुई उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह करने लगी | मैं उसकी चूत में अन्दर बाहर करते हुए उसको चुद रहा था | वो भी मेरा साथ देती हुई अपनी चूत को हिला हिला कर चुदने लगी | मैं उसकी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसे चुद रहा था | वो उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह अहह करती हुई चुद रही थी |

कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसकी चूत से लंड को निकाल कर उसके मुंह में डाल कर चूसाने लगा | वो मेरे लंड को कुछ देर तक ऐसे ही चूसती रही | फिर मैंने उसे वहीँ पर घोड़ी बना दिया और उसकी चूत में पीछे से लंड को डाल कर उसको चोदने लगा | तो वो उह्ह्ह उग्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह फफफफ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह अहह अहह फ्फ्फ ह्ह्हुह उह्ह्ह उग्फ्फ़ ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ़ अहह ह्ह्ह फ्फ्फ ह्ह्ह ऊह्ह करती हुई अपनी चूत को आगे पीछे करती हुई चुदने लगी | मैं उसको जोरदार धक्को के साथ में चोद रहा था | वो मस्त होकर चोद रही थी | मैं उसको ऐसे ही कुछ देर तक चोदता रहा | फिर 30 मिनट की मस्त चुदाई के बाद मेरे लंड ने सारा माल उसकी गांड पर निकाल दिया | इस तरह से मैंने उसकी मस्त चुदाई की |

मैं आशा करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आई होगी और इसे पढने में आप को मज़ा आया होगा |

कहानी पढने के लिए धन्यवाद् |

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एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 2 https://sexstories.one/desi-chudakkad-parivar-ki-chudai-story/ Sun, 19 Dec 2021 08:10:45 +0000 https://sexstories.one/?p=5025 आरव ने अपनी उँगली तेल में डुबाकर अपनी हथेली पर मला और अपने तैलीय हाथों को उसकी पीठ के छोटे हिस्से पर रख दिया, उसका लंड अपनी पैंट से बाहर निकलने के लिए लड़ रहा था...

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Desi chudakkad parivar ki chudai story – शालिनी अपने पति के कुछ ही झटके में आने के बाद सींग का बना हुआ था, और उसे अपने बगल में अपनी उंगलियों का उपयोग करने में शर्म महसूस हुई, उनकी शादी को 19 साल हो गए हैं और उन्हें एक दिन भी याद नहीं आया जब उन्होंने उसे संतुष्टि के लिए चोदा, उसने वहां उसे छुआ तक नहीं।

एक युवा लड़की के रूप में जब वह गांव की प्रधान हवेली में काम करती थी, तो उसने देखा कि उसका बेटा अपनी पत्नी को चोद रहा है। वह उत्सुक थी कि उन्होंने उसके माता-पिता (मिशनरी स्थिति) की तरह चुदाई नहीं की। उसने जो देखा उसने उसे जड़ों तक हिला दिया, उसने ऐसा कुछ नहीं सुना और न ही देखा, महिला चारों तरफ थी और आदमी ने उसके डिक को उसके गधे में बहुत मुश्किल से पंप किया था। वह अपने सामने का नजारा देखकर स्तब्ध महसूस कर रही थी, लेकिन इसने उसे भी उत्साहित किया, उस दिन से वह उनके कमरे में घुसकर उनकी गतिविधियों को देखेगी।

वह हर तरह की गतिविधियों को देखती थी, देखती थी और सीखती थी और सपना देखती थी कि जब उसकी शादी होगी तो वह ये सब काम करेगी, लेकिन यहां उसकी शादी को 19 साल हो गए थे और उसके पति ने उसे वहां छुआ तक नहीं था। लेकिन वह अपने पति से प्यार करती थी, चाहे कुछ भी हो और वह उसे कभी भी धोखा नहीं देगा, कई पुरुषों ने उसे बहकाने की कोशिश की।

कुछ साल पहले गर्मियों की सुबह में वह पानी भरने के लिए कुएँ पर निकली थी, रमेश (उसका साला) भी वहाँ अपने दाँत ब्रश कर रहा था, शालिनी ने पानी भरने के लिए कुएँ के किनारे पर कदम रखा, वह नीचे झुकी और बाल्टी को कुएँ में फेंक दिया जब वह खींच रही थी पानी से भरी बाल्टी रमेश उसके पीछे आ गया और उसके गालों को दोनों हाथों से टटोल लिया, शालिनी जनता में टटोलने के उत्साह से झूम उठी।

“अरे, मैं गीर जाउंगी, कृपया मुझे छोड़ दो।” उसने उससे भीख मांगी।

“चिंता मत करो भाभी, मैंने तुम पर अच्छी पकड़ बना ली है।” रमेश ने अपनी साड़ी से उसकी गांड निचोड़ते हुए कहा।

“बाद में, कोई देखेगा।” शालिनी ने उससे छुटकारा पाने के लिए कहा।

‘वह आसानी से मान गई’ रमेश को बेतहाशा खुशी हुई

कि उसे पाना इतना आसान होगा, इतने वर्षों की लालसा के बाद आखिरकार उसे उसकी कल्पना की देवी मिल गई।

शालिनी ने तुरंत अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया; उसने इतनी आसानी से हेरफेर करने के लिए खुद को शाप दिया, वह जानती थी कि रमेश उसे इतनी आसानी से नहीं छोड़ेगा; वह उसे तब तक तंग करता रहेगा जब तक वह अपना वादा पूरा नहीं कर लेती।

उस दिन बाद में, जब आरती नदी पर गई थी और आरव और उसका पति बाहर थे, रमेश ने उसके घर में प्रवेश किया और उसके पीछे लकड़ी का दरवाजा बंद कर दिया। शालिनी खाना बना रही थी; वह फर्श पर लकड़ी के स्टूल पर बैठी थी। रमेश शादीशुदा था लेकिन उसकी पत्नी शालिनी की सुंदरता से मेल नहीं खाती थी और उसने उसे रात के अलावा कभी अपने पास नहीं आने दिया।

5″6′ के साथ शालिनी गाँव की सबसे लंबी महिला थी, गोल गाल की हड्डियों के साथ उसका एक कोमल चेहरा था और उसकी आनुपातिक रूप से पतली नाक और उसके चेहरे का सबसे अच्छा हिस्सा वहीं बैठी थी; उसका गुलाबी गुलाबी गुलाब, लेकिन रमेश उसके सुडौल गधे की ओर आकर्षित था, रमेश उन्हें नग्न देखने के लिए तरस गया, वह हमेशा कुएं पर मौजूद रहेगा जब वह उसका नग्न मांस देखने के लिए स्नान करेगी।

“भाभी, मैं वादे के मुताबिक आया।” रमेश ने शर्म से घोषणा की।

Part 1 of Desi Incest Story – एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी

“देखो रमेश, मैं अपने पति को धोखा नहीं दे सकती।” शालिनी ने खाना बनाते समय झिझकते हुए कहा, उसने उसकी तरफ देखने की हिम्मत नहीं की।

रमेश जानता था कि अपराधबोध से ग्रस्त होने से पहले उसे कार्य करना होगा; वह उसके पीछे बैठ गया और उसके स्तन को दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसे मोटे तौर पर निचोड़ लिया, शालिनी ने महसूस किया कि उसका कठिन मुर्गा उसकी पीठ पर थपथपा रहा है, उसने खुद को वापस अपने डिक पर दबाते हुए खुद को पीछे की ओर झुका लिया। रमेश ने इसे स्वीकृति के रूप में लेते हुए अपने स्तनों को गूंथना जारी रखा। रमेश ने ब्लाउज में से उसके निप्पल को पिंच किया और वह सराहना के साथ खड़ा हो गया।

“Nooooooo … कृपया मुझे छोड़ दो, कृपया…” उसने उससे भीख माँगी। रमेश के पास शैतान था, अब उसे रोक सकता है, शालिनी को इससे बाहर निकलने का रास्ता सोचना था, वह चिल्लाना चाहती थी लेकिन यह बुद्धिमानी नहीं होगी, वह भागना चाहती थी लेकिन वह नहीं कर सकती थी और वह उससे लड़ नहीं सकती थी।

रमेश उत्साह से एक जानवर की तरह बहुत जोर से सांस ले रहा था, उसने उसे फर्श पर चूल्हे से दूर धकेल दिया और वह उसकी साड़ी को पर्दे के एक छोर से खींचने लगा और थोड़े प्रयास के बाद उसे निकालने में सफल हो गया।

शालिनी ने इस अचानक बल प्रयोग पर उत्तेजित महसूस किया, वह खुद को हमलावर के सामने प्रस्तुत करना चाहती थी, वह चाहती थी कि वह उसे वैसे भी इस्तेमाल करे, वह चाहती थी कि वह उसकी प्यारी गांड को थपथपाए, वह चाहती थी कि वह उसे जंगली चोद दे, लेकिन उसने अपने आग्रह को नियंत्रित किया, वह उसे उसे चोदने नहीं देगी, वह अपनी इच्छाओं में देने के लिए बहुत मजबूत है।

रमेश ने ऊपर देखा और अपने सपनों की देवी को उसके सामने अपनी पतली अंडरस्कर्ट और ब्लाउज में देखा, शालिनी लाल हो गई जब उसने देखा कि रमेश ने अपना काला राक्षसी डिक निकाला था, जो उसने अपने पूरे जीवन में देखा था आसानी से उन सभी में सबसे बड़ा और यह उसके बड़े शरीर में फिट बैठता है, शालिनी अपने डिक से अपनी आँखें नहीं हटा सकती थी, उसने अपने होंठ चाटे, फिर उसे मारा अगर वह उसे अपने मुंह से सह बनाती है तो वह उसे चोद नहीं पाएगा फिर।

इससे पहले कि शालिनी अपनी योजना को क्रियान्वित कर पाती, रमेश ने एक तेज़ टग में उसके अंडरस्कर्ट को नीचे खींच लिया, जिससे उसकी पूज्यनीय गांड उजागर हो गई, उसके गाल चिकने और कोमल थे, उसके गालों का हिलना उसकी रीढ़ को सिकोड़ रहा था, वह प्रवेश की स्थिति में बंद था उसकी गांड, वह हिलना चाहता था लेकिन वह नहीं कर सका, किसी तरह वह उसके पीछे गया और अपने घुटनों पर बैठ गया और कांपते हाथों से उसने उसके चिकने गालों को हल्के से छुआ।

“उउंगग्घ्ह …” वह अपने सह के साथ उसके गालों को मारते हुए एक कराह के साथ आया, दूसरा स्पर्ट उसके पैरों पर उतरा, शालिनी गर्व और राहत के साथ मुस्कुराई। उसका मर्दाना अभिमान आहत हुआ, वह उसे छूता हुआ आया। घटना के बाद रमेश ने शालिनी को अकेला छोड़ दिया, उसे जब भी देखा तो शर्मिंदगी महसूस हुई।

“आह…” आरव बाहर भागा जब उसने अपनी माँ की पुकार सुनी, वह उसकी पीठ पर फैला हुआ था, वह पानी खींचते हुए कुएँ से फिसल गया और जमीन से चिपके एक पत्थर पर जा गिरा।

“मैं हमेशा कुएं को सूखा रखने के लिए कहता हूं, मैं भाग्यशाली था कि मैं कुएं से गिर गया।” उसने दर्द भरी आवाज में कहा, उसके गालों से आंसू छलक रहे हैं।

“माँ, आपको कहाँ चोट लगी है।” आरव ने पूछा, आरव अपनी मां से बहुत प्यार करता था और उसे दर्द में देखकर वह तड़प रहा था।

“मेरी पीठ में चोट आ गयी।” शालिनी ने अपनी ठुड्डी को सहलाते हुए जवाब दिया।

आरव ने अपनी माँ के चरणों में उसकी सहायता की और उसे घर में ले गया; उसने फर्श पर एक चटाई बिछाई और उसे उस पर लेटने में मदद की।

“कहाँ है आरती, उसे बुलाओ वह मेरी पीठ पर थोड़ा तेल मालिश करेगी।” शालिनी ने आरव से कहा। आरव घर से बाहर निकला लेकिन वह उसे कहीं नहीं मिला।

“माँ, मुझे लगता है कि वह कपड़ा धोने के लिए नदी पर गई है, क्या मैं पिता को खेत से बुलाऊँ।” आरव ने अपनी मां की स्थिति के बारे में चिंतित होकर कहा।

“नहीं नहीं … वह काम कर रहा होगा, उसे परेशान मत करो।”

“रसोई से थोड़ा सा तेल लो और उसे प्याले में कुछ देर के लिए गरम करो, फिर मेरे पास ले आओ।”

आरव तेल लेकर वापस आया, शालिनी अपने सामने लेटी हुई थी, आरव ने पहली बार उसकी गांड पर ध्यान दिया। उसने उसकी गोलाई देखी और जिस तरह से उसने अपनी साड़ी को भर दिया था, उसकी गांड आरती की तुलना में बहुत बड़ी और बेहतर थी, यह पहली बार था जब आरव ने एक महिला के दक्षिण का पता लगाना चाहा अन्यथा उसे हमेशा उसकी माँ या आरती के स्तनों की एक झलक पाने की कोशिश की गई। .

“बेटा, क्या तुम मेरी पीठ पर तेल लगा सकते हो और मैं खुद मेरी पीठ पर तेल नहीं लगा सकता।” उसने धीमी आवाज में पूछा, वह जानती थी कि उसे काम करना पसंद नहीं है और वह इससे बाहर निकलने का रास्ता खोजने की कोशिश करेगा।

“कोई बात नहीं माँ।” यह सुनकर शालिनी खुश भी हुई और हैरान भी।

शालिनी ने हरे रंग की साड़ी और नीले रंग का ब्लाउज पहना हुआ था, उसने अपनी साड़ी ढीली कर दी। आरव उसे देख रहा था कि वह सिर्फ प्रत्याशा से कठिन था और वह खुश था कि उसकी माँ उससे दूर हो रही थी अन्यथा कोई रास्ता नहीं था कि वह अपने 7″ लवडे को अपनी पैंट को दबाते हुए नहीं देख पाएगी।

“मेरी साड़ी को थोड़ा खींचो, लेकिन बहुत नीचे नहीं और तेल लगाओ।” शालिनी को अपने बेटे से ऐसा करने के लिए कहने में शर्मिंदगी उठानी पड़ी लेकिन उसके पास और कोई विकल्प नहीं था।

आरव ने कांपते हाथों से उसकी साड़ी के दोनों ओर पकड़ लिया और उसे थोड़ा नीचे खींच लिया और उसकी निचली कमर को उजागर कर दिया और अपनी माँ की प्रतीक्षा करने लगा।

“थोड़ा और नीचे।”

हाथ मिलाते हुए उसने उसकी बेदाग कमर को और भी अधिक उजागर करते हुए उसकी साड़ी को नीचे खींच लिया और उसकी दरार का एक संकेत दिया, और उसके संकेत की प्रतीक्षा करने लगा।

“थोड़ा और नीचे।”

क्या उसने सही सुना, क्या उसने ‘निचला’ कहा? आरव जोश से पागल हो रहा था; अपनी बहन को छूना एक बात थी लेकिन उसकी मां को छूना और वह भी उसकी मर्जी से छूना, यह एक अलग स्तर था। तेज़ दिल से उसने उसकी साड़ी को पकड़ लिया और उसे और भी नीचे खींच लिया, जिससे उसके आधे नितंब और गांड फट गई। आरव उसके सामने यह देखकर हांफने लगा कि उसकी चिकनी-सुंदरी त्वचा उसे पागल कर रही थी।

“अपने हाथों में थोड़ा तेल लो और इसे मेरी पीठ पर मलो।” शालिनी ने अपना निरीक्षण बाधित करते हुए कहा।

आरव ने अपनी उँगली तेल में डुबाकर अपनी हथेली पर मला और अपने तैलीय हाथों को उसकी पीठ के छोटे हिस्से पर रख दिया, उसका लंड अपनी पैंट से बाहर निकलने के लिए लड़ रहा था। उसने अपने हाथों से उसकी पीठ की मालिश की, ध्यान रहे कि उसकी गांड में दरार न पड़े।

“बीच पर दबाव बनाओ, दर्द है।” शालिनी बुदबुदाई, उसकी नंगी पीठ पर आरव के हाथ उसे जगा रहे थे और सुख में मिश्रित दर्द उसे पागल कर रहा था।

कांपते हाथों से आरव ने अपनी उँगलियों से दबाव डालते हुए उसकी दरार को छुआ, उसने साड़ी से चिपके हुए उसके बट के मांस को चुटकी बजाई।

“आह्ह्ह्ह, वहीं,” उसकी माँ कराह उठी।

आरव को अपने हाथों को हिलाने और उसे पूरी तरह से नग्न देखने की अपनी इच्छा को पूरा करते हुए अपनी साड़ी को नीचे खींचने के लिए संघर्ष करना पड़ा। लेकिन वह अपने नए पाए गए खिलौने को रोकना नहीं चाहता था और अपनी माँ को पेशाब करना चाहता था।

“मुझे लगता है कि दर्द कम फैल गया है, क्या आप थोड़ा कम तेल मालिश कर सकते हैं।” शालिनी बौखला गई; बाद में उसने खुद को शाप दिया कि वह अपने बेटे से उत्तेजित हो रही है।

इस बार उसे उसकी स्वीकृति की आवश्यकता नहीं थी, उसने बस उसके पूरे भव्य बट को उजागर करते हुए उसकी साड़ी को नीचे खींच लिया, उसने अपने तैलीय हाथों को हिलाया और उसके ग्लोब पर रख दिया और उसकी गांड की चिकनी त्वचा को महसूस करते हुए अपने तैलीय हाथों की परिक्रमा की। उसने हाथ नीचे सरकाए और उसके दोनों गालों को एक साथ निचोड़ा, जिससे वह हिलने लगा, वह आंदोलन से मंत्रमुग्ध हो गया, वह इसे बार-बार करना चाहता था लेकिन उसने खुद को नियंत्रित किया और उसकी गांड की मालिश करने लगा।

“आरव, बीच में तेल लगाओ, दर्द टेलबोन के नीचे है।”

“क्या,” आरव अपनी माँ के बारे में सोच ही नहीं पाया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्या उसने सही सुना है, उसने फिर से पूछा।

“मेरे टेलबोन के नीचे का क्षेत्र बुरी तरह से दर्द कर रहा है, वहाँ भी थोड़ा तेल लगाएँ।” उसकी माँ ने कहा।

उसने अपनी उंगलियों को तेल में डुबोया और अपने दाहिने हाथ की तर्जनी को उसकी टेलबोन पर रख दिया, तेज़ दिल से उसने उसकी टेलबोन को नीचे की ओर ट्रेस करना शुरू कर दिया, आरव को यकीन नहीं था कि ‘टेलबोन के नीचे’ का क्या मतलब है, आरव ने अपनी उंगली नीचे खिसका दी और उसने उसके पके हुए छेद की शुरुआत महसूस कर सकती थी। उसने बहुत हल्के से उसके छेद को छूते हुए अपनी उंगली नीचे खिसका दी; किसी भी आपत्ति के मामले में अपनी उंगलियों को वापस सुरक्षा के लिए वापस लेने के लिए सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने इसे अभी भी रखा।

to be continued..

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माता-पिता बनने के लिए एक जोड़े की मदद की – 2 https://sexstories.one/shadishuda-couple-ke-saath-sex-kiya/ Thu, 16 Dec 2021 07:24:46 +0000 https://sexstories.one/?p=4980 मैं उसकी खूबसूरत योनी को चाटने लगा और कहने लगा, "ओह सुंदर चूत, ओह कोमल चूत, तुम कितनी कोमल और सुंदर हो! ओह माय हनी, तुम कितनी स्वादिष्ट हो" मैं उससे कह रहा था "ओह माय डियर...

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Sex with couple – मैं फौरन उसके गालों की तरफ झुका और उसके गालों पर किस किया। वह थोड़ा शरमा गई। अगला तुरंत मैंने उसके होठों पर चूमा। वो मुझे किस करने भी लगी। उसके होंठ बहुत कोमल और स्वादिष्ट थे। हम पागलों की तरह एक दूसरे को चूम रहे थे। बीच में मैंने उसकी टी-शर्ट और लेगिंग भी उतार दी। उसने वास्तव में इनर नहीं पहना हुआ था इसलिए उसकी नग्न सुंदरता मेरे सामने दिखाई दी और मेरे सामने टिमटिमा रही थी। मैं उसकी सुंदरता को देखकर मंत्रमुग्ध हो गया। यह 1000 पूर्णिमा के दिनों की चांदनी सुंदरता का संयोजन होना चाहिए।

मैंने उसे वही बताया और वह मेरी प्रशंसा से साफ-सुथरी गेंदबाजी कर रही थी। मैं उसे इतने जोश से चूम रहा था और बीच में कह रहा था कि “ओह औरत, तुम बहुत खूबसूरत हो। तुम मुझे पागल बना रहे हो। तुम्हारी सुंदरता मुझे मार रही है। मैं तो बस तुम्हारा दीवाना हो रहा हूँ। मैं तो बस तुम्हें अनंत प्रेम देना चाहता हूं। आज मैं वह सभी अधिकतम यौन सुख दूंगा जो एक पुरुष एक महिला को दे सकता है। आज मैं आपको एक नए तरीके से अपना परिचय दूंगा। आज मैं वो सारी खुशियाँ दूंगा जो तुम्हारी सुंदरता की हकदार है और तुम वंचित रह गए हो। आज मैं आपसे वादा करता हूं कि यह आपके जीवन का एक शानदार दिन होगा। आप जीवन के इस खूबसूरत पल को हमेशा के लिए नहीं भूल पाएंगे।”

Couple sex story part 1 – माता-पिता बनने के लिए एक जोड़े की मदद की

उसने कहा “ओह यार, मुझे वह सारी खुशी दो जिसकी मुझे जरूरत थी और मैं हकदार हूं और मुझे देखने दो कि तुम एक महिला को कितनी खुशी दे सकते हो, बस मुझे अपना प्यारा बीज दो जो एक नन्ही परी (वह एक बच्ची चाहती थी) उत्पन्न कर सकती है। मैं अपनी गोद में एक नन्ही परी के आने का इंतजार कर रहा था और उसे अपना सारा ममतामयी प्रेम दिखाना चाहता हूं। मैं वास्तव में अब और इंतजार नहीं कर सकता। बस मुझे माँ बना दो।” मैं देख सकता था कि वह बच्चा पैदा करने के लिए कितनी उत्सुक है। उसकी आँखों से आँसू की दो बूँदें भी आईं जो मैंने लीं और चूम लिया। मैंने उससे वादा किया था कि मैं उसका सपना पूरा करूंगा। उसके शब्द भी मुझे उसे और तलाशने के लिए प्रेरित कर रहे थे।

हमने लगभग 10 मिनट तक किसिंग की और धीरे-धीरे और मैं उसके स्तनों के पास आ गया। उसके स्तन शुद्ध सफेद रंग के थे। मैंने उसके बाएँ स्तन को अपने मुँह में लिया और बीच-बीच में उसे चूसने और गुदगुदी करने लगा। मेरा दूसरा हाथ उसके दाहिने स्तन को दबा रहा था। वह आनंद ले रही थी और किसी भी चीज की तरह कराह रही थी। मैंने लगभग दस मिनट उसके बाएं स्तन के साथ खेला और उसके स्तन को काट लिया और फिर उसके दाहिने स्तन को मुंह में ले लिया और बाएं स्तन को हथेली में ले लिया। मैं स्तन निचोड़ रही थी और दाहिनी चूची चूस रही थी। यह उसे नौ बादल पर बना रहा था।

मैं एक महिला को खुश करने में माहिर था और मैं उन टोटकों को लागू कर रहा था जो एक महिला को बेहद खुशी देते हैं। उसके स्तनों को चूसने के 10 मिनट बाद, मैं उसके नाभि पर आ गया। यह वास्तव में पेट जैसा भावपूर्ण स्पंज था। यह टिमटिमा रहा था जैसे दूधिया रास्ता धरती पर आ गया, यह एक शुद्ध दूध के मक्खन की तरह था जिसे कटोरे में डाल दिया गया था और मुझे आनंद लेने और चाटने के लिए दिया गया था। मैंने उसे वही बताया। मैंने उनकी खूबसूरती की तारीफ करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। वह मेरी बातें सुनकर खुश हुई और खुद को उपहार के रूप में मुझे दे दी और वह भी उपहार के रूप में आनंद ले रही थी। मैंने उसे बाएँ से दाएँ और ऊपर से नीचे तक सुनहरी चूत तक लगभग 20 मिनट तक चूमा और चाटा। उसकी सुनहरी चूत तब तक चूत के रस से रिस रही थी।

उसकी चूत पूरी तरह गीली थी। मैं उसकी चूत के पास गया और उसे चूमा। उसकी योनी से शहद जैसी महक आ रही थी और वह सचमुच सोने के खजाने की तरह थी। वह शहद की बोतल की तरह चाटने को तैयार था। मैंने उसे वही बताया और वो पूरी तरह से शरमा रही थी और मुझे अपनी चूत की तरफ खींच कर पूरी तरह चाटने लगी। उसकी चूत को चूमना असल में मेरा सपना था, जब से मैंने उसे सुबह देखा, मैं उसकी सुनहरी चूत की कल्पना कर रहा था। जब मैंने उसकी प्यारी चूत को देखा तो मैं वास्तव में खुद को नियंत्रित नहीं कर पा रही थी। छोटे प्यूबिक बाल थे लेकिन फिर भी, मैं चमकते बिल्ली के होंठ देख पा रहा था। वे सचमुच गुलाब की पंखुडियों की तरह थे, इतने कोमल और इतने नाजुक। वे बिल्कुल मुरलीवाला पान के पत्तों की तरह थे। मुझे भी लगा कि वे मेरे छूने और चाटने से उसके शरीर में जा सकते हैं।

मैं उसकी खूबसूरत योनी को चाटने लगा और कहने लगा, “ओह सुंदर चूत, ओह कोमल चूत, तुम कितनी कोमल और सुंदर हो! ओह माय हनी, तुम कितनी स्वादिष्ट हो” मैं उससे कह रहा था “ओह माय डियर, तुम्हारी चूत और उसका रस मुझे मार रहा है। तुम्हारी चूत मुझे पूजा के लिए बुला रही है। आपकी चूत मुझे यौन सुख के खजाने में स्वागत दे रही है। तुम्हारी चूत मुझे एक महान चाट और चूसने के लिए आमंत्रित कर रही है। तेरी चूत मुझे दीवाना बना रही है। तेरी चूत मेरी मर्दानगी को चुनौती दे रही है। तेरी चूत खुशी का न्यौता दे रही है जिसे मैंने कभी पूरा नहीं किया। तुम्हारी चूत चाँद की तरह है और मुझे उसे छूने, चखने, चूसने, चाटने के लिए आमंत्रित करती है।” मैं सब उसकी चूत को चाट रहा था और उसके होठों को चूस रहा था, बीच-बीच में काट रहा था और खुशियों के आसमान तक पहुँचा रहा था। मैं बिल्ली के होठों के चारों ओर बिल्ली के घेरे खींच रहा था और योनी के होठों को बबलगम की तरह चबा रहा था जिस पर वह बिल्कुल नाच रही थी।

मेरी मोटी जीभ उसकी चूत पर चमत्कार कर रही थी और उसकी चूत का रस सागर से पानी की तरह आ रहा था। मैंने उसे वह सब यौन सुख प्राप्त करने के लिए बनाया जिसके बारे में वह नहीं जानती थी। मैंने उसे सेक्स में सबसे ज्यादा खुशी का स्वाद चखाने के लिए बनाया। उसने मुझे वही बताया। मैंने उसका सारा रस चाटा और उसकी सुनहरी चूत से और भी बहुत कुछ निकल रहा था। यह एक अक्षय पात्र की तरह था (कभी कम / रुकता नहीं)।

मैंने वही बताया और उसे अक्षय पात्र का अर्थ बताया। वह पूरी तरह से शरमा गई और मुझे फिर से अपनी चूत पर खींच लिया। मैंने फिर कहा “तुम्हारी चूत का रस मीठे नीबू शहद की तरह है। जितना अधिक मैं इसे चख रहा था, उतना ही मेरा दिल, मुंह और पेट उम्मीद कर रहा था। रस भी अनंत की तरह बह रहे हैं।”

मैं उसका जूस पी रहा था और उसे पूरी तरह से चाट रहा था और अचानक उसने मेरा चेहरा अपनी योनी की ओर खींच लिया और कुछ देर वहीं रखा और एक बड़ा विलाप किया और अपने दोनों हाथों को मेरे चारों ओर रख दिया। उसने जितना हो सके मेरे चेहरे को चूत में खींच लिया। उसे ऑर्गेज्म हो रहा था। मैंने उसे संभोग सुख का अनुभव करते देखा और उसकी चूत पर स्थिर रहा। मैं उसे वह महान संभोग सुख दे सकता था जो बहुत से पुरुष एक महिला को नहीं दे पाएंगे।

मैं ऑर्गेज्म दे सकता था, जिसके बारे में उसे बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी। वह बहुत थका हुआ महसूस कर रही थी और कुछ आराम कर रही थी क्योंकि वह यौन सुख की ऊंचाइयों पर पहुंच गई थी और उसे लगा कि कुछ और चाहिए। मैं भी उसकी चूत पर आराम कर रहा था और 10 से 15 मिनट तक वहीं लेटा रहा जब तक कि वह इस दुनिया में नहीं आ गई।

उसने मुझे महान यौन सुख देने के लिए धन्यवाद दिया, उसने मुझे अपने होठों की ओर खींच लिया और मुझे एक बार फिर से एक चुंबन दिया और एक बड़ा आलिंगन भी दिया क्योंकि हम दोनों को लगा कि विशेष रूप से धन्यवाद देने के लिए चुंबन देने से बेहतर कोई तरीका नहीं है जब आप एक महान प्राप्त करते हैं उपहार / खुशी की भावना।

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माँ ने चुदवा लिया मुझसे – 2 https://sexstories.one/maa-ne-chudai-karwai-mujhse/ Wed, 15 Dec 2021 15:02:31 +0000 https://sexstories.one/?p=4995 मैंने उन्हें दो से तीन मिनट तक सुना क्योंकि तब तक मेरा डिक धड़क रहा था और मैं खुद को रोक नहीं पाया। आवेग में आकर मैं जल्दी से उठा, अपने बाएं हाथ से उसका दाहिना हाथ पकड़ लिया...

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Maa ne chudai karwai mujhse – कमरे में अँधेरा था और खिड़की से कुछ रोशनी ही आ रही थी। जब मैं अपने बिस्तर पर लेटा, तो मैं अपनी माँ को चोदने के मूड में था, लेकिन उसके पास जाने की हिम्मत नहीं थी। दस मिनट के बाद मुझे नींद नहीं आई और मुझे हस्तमैथुन करना पड़ा। मुझे अपनी मां के साथ ऐसा करने में शर्म आ रही थी लेकिन मैं इसकी मदद नहीं कर सका। तो मेरी अपनी माँ जो मेरे बगल में सो रही है, मेरी ड्रीम गर्ल बन गई क्योंकि मैंने उसके बगल में हस्तमैथुन किया था। काम खत्म करने के बाद मुझे धीरे-धीरे नींद आने लगी।

कुछ देर बाद अचानक कुछ कराहों से मेरी नींद खुल गई। जैसे ही मैंने अपनी आँखें खोलीं, मुझे स्पष्ट रूप से माँ की कराह सुनाई दे रही थी। मैं चौंक गया था लेकिन साथ ही मुझे भी चालू कर दिया गया था। मैं नहीं देख सकता था कि क्या वह कराहते हुए खुद उंगली चोद रही है लेकिन मैंने उसके विलाप का आनंद लिया क्योंकि उन्होंने मेरा लंड बढ़ाया। मैंने उन्हें दो से तीन मिनट तक सुना क्योंकि तब तक मेरा डिक धड़क रहा था और मैं खुद को रोक नहीं पाया। आवेग में आकर मैं जल्दी से उठा, अपने बाएं हाथ से उसका दाहिना हाथ पकड़ लिया, और उसके ऊपर चला गया और कहा “मुझे तुम्हारी देखभाल करने दो माँ!”

Part 1 – माँ ने चुदवा लिया मुझसे

जैसे ही मैंने उसके होठों को चूम कर उसे दबा दिया, माँ चौंक गई और चिल्लाई। मैंने जल्दी से अपना दाहिना हाथ हिलाया और अपनी माँ के बड़े बाएँ ब्लाउज से ढके स्तन को पकड़ लिया और उसे सहलाया। माँ ने संघर्ष किया लेकिन थोड़ा ठंडा हो गया क्योंकि मैंने उसके होठों को जाने दिया और उसने कहा “नहीं! तुम मेरे बेटे हो!”

“भूल जाओ मैं थोड़ी देर के लिए बेटा हूँ माँ!” मैंने जोड़ा “आपको मेरी ज़रूरत है और मुझे अब आपकी ज़रूरत है!”

“नहीं!” उसने फिर कहा “यह गलत है!”

“मुझे परवाह नहीं है माँ! मैं आपको चाहता हूं!” मैंने बाधित किया।

इससे पहले कि वह कुछ कहती “मुझे पता है कि तुम्हें भी मेरी ज़रूरत है!”

मैंने जल्दी से अपना दाहिना हाथ उसकी साड़ी की उलझनों को दूर करने के लिए घुमाया और उसके टीले को सहलाने लगा और कहा “मुझे पता है कि मैं इस माँ की देखभाल कर सकती हूँ! कृपया मुझे एक अवसर दें!”

माँ कुछ कहना चाहती थी लेकिन चुप रही और मेरी उँगलियों ने उसके भगशेफ को छुआ और एक छोटा सा कराह दिया।

तभी मुझे लगा कि मैंने उसे उसके सींगों से पकड़ लिया है।

मैंने उसका हाथ जाने दिया और मैंने जल्दी से उसकी साड़ी को उसके सीने से अपने बाएं हाथ से उतार दिया क्योंकि मेरा दाहिना हाथ अभी भी उसकी पेटीकोट से ढकी चूत को सहला रहा है।

माँ गलत कहने के सिवा कुछ नहीं कर रही और मैं उसका बेटा! मैंने उसके स्तन और चूत को कुछ देर तक तब तक सहलाया जब तक मुझे लगा कि मेरी माँ के कपड़े उतारना सुरक्षित है। जैसे ही मैं उसके ब्लाउज के हुक हटाने के लिए रुकी, वह वहीं लेट गई और सम्मोहित महिला जैसा कुछ नहीं किया।

मैंने धीरे से उसका ब्लाउज खोला क्योंकि उसके नग्न स्तन कम रोशनी में चमक रहे थे क्योंकि वे और अधिक दिखाई देने लगे थे। जैसे ही मैंने सभी हुक खोले और उसके निप्पल देखे, मैं उन पर चूसने के लिए आगे बढ़ने के लिए इंतजार नहीं कर सका। बेटे की वृत्ति हो सकती है या प्रेमी की हो सकती है, मुझे बहुत अच्छा लगा जब मैंने अपनी माँ के निप्पल को अपने मुँह में लिया। मुझे नहीं पता कि मैं उसके स्तनों के साथ कितनी देर तक खेलता रहा क्योंकि मैं उनके साथ खेलते हुए ऊब नहीं सकता था। माँ ने हालाँकि अपनी आँखें बंद कर लीं और शायद मेरे कामों का आनंद ले रही थीं।

कुछ मिनटों के बाद, मुझे एहसास हुआ कि मेरा लंड लंबे समय से सख्त है और मुझे दर्द हो रहा है जैसे कि वह मेरी माँ की योनी तक पहुँचना चाहता है। इसलिए मैं उठ बैठी और उसकी साड़ी की उलझी हुई टंगलों को पकड़कर बाहर खींच लाई। जैसे ही साड़ी की उलझन ढीली हो गई और किनारे पर गिर गई, मैं देख सकता था कि साड़ी की एक परत के साथ उसका पेटीकोट अभी भी उसे लपेट रहा है। मैं उसका पेटीकोट उतारना चाहता था क्योंकि मैं माँ की नग्नता को देखने के लिए बेताब था, लेकिन मेरा डिक अब मुझे नियंत्रित कर रहा है। तो मुझे माँ की नग्न योनी को जल्दी से पाने का एक आसान तरीका खोजना पड़ा। तो मैंने उसका पेटीकोट ऊपर उठाना शुरू कर दिया। स्कूल में हम मजाक में कहा करते थे कि साड़ी का मुख्य लाभ महिला की चूत तक आसानी से पहुंचना है क्योंकि साड़ी और पेटीकोट दोनों को ऊपर उठाया जा सकता है। यदि महिला ने कोई जाँघिया नहीं पहनी है (जैसा कि अधिकांश माताएँ नहीं पहनती हैं) तो आपके पास तुरंत चोदने के लिए एक मोटा और रसदार योनी है।

जैसे ही मैंने अपनी माँ का पेटीकोट उठाया और स्कूल की बात को याद किया, मुझे विश्वास हो गया कि यह एक सच्चाई है। मेरी माँ की नग्नता तक पहुँचने के लिए उसके कपड़े ऊपर उठाना बहुत आसान था क्योंकि यह उसके पैरों से पहले उसके बालों से ढकी मोटी मोटी चूत में प्रकट हो रहा था। मुझे उम्मीद थी कि माँ कुछ कहेगी क्योंकि मैं उसका टीला देखने के करीब पहुँच रहा था लेकिन वह आँखें बंद करके चुप रही।

मैंने अपना सारंग उतार दिया, क्योंकि मैं पहले उसे चोदना चाहता था और बाद में सब कुछ करना चाहता था क्योंकि मेरा लंड एक असली योनी की मांसपेशियों द्वारा मालिश करने के लिए धड़क रहा था। जैसे ही मैंने खुद को माँ के पैरों के बीच रखा, माँ ने मुझे अपनी योनी तक बेहतर पहुंच देने के लिए पैरों को अलग कर दिया। तब मुझे यकीन हो गया था कि माँ को मेरा लंड उतना ही बुरा चाहिए जितना मुझे उसकी चूत चाहिए।

मैंने कोई समय बर्बाद नहीं किया क्योंकि मैंने अपने बहुत निराश खड़े डिक को अपने दाहिने हाथ से पकड़ लिया क्योंकि मैं अपने डिक को उसकी योनी के अनुरूप लाने के लिए आगे बढ़ा। जैसे ही मैंने उसके योनी होंठों को अपनी उँगलियों से महसूस किया, मैं अपनी रीढ़ से काँप रहा था क्योंकि मुझे एहसास हुआ कि मेरा सपना सच हो रहा है। जैसे ही मेरे डिक ने उसकी चूत के होठों को छुआ, माँ थोड़ी कराह उठी और मैं महसूस कर सकती थी कि उसके होंठ अलग हो रहे हैं ताकि मेरा लंड उसकी योनि में समा जाए। मैं अपने डिक को माँ की योनी में डालने के हर हिस्से का आनंद लेना चाहता था क्योंकि मैंने धीरे-धीरे उसे उसके अंदर धकेल दिया। कोई घर्षण नहीं है, क्योंकि मैं उसकी योनी को बहुत गीला महसूस कर सकता था, सिवाय उसकी योनी की मांसपेशियों के मेरे डिक को रास्ता दे रही थी और मेरे जन्मस्थान के आंतरिक गर्भगृह में पहुंच गई थी।

जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी योनी में डाला, मैं रुक गया और माँ के चेहरे की ओर देखा। मेरा अंडकोश पूरी तरह से उसके नारीत्व के खिलाफ दबा हुआ है। मेरा डिक पूरी तरह से उसकी योनि में डाला गया था। मेरी गेंदें उसके निचले योनी होठों से टकरा रही हैं और मेरे जघन के बाल उसके साथ जुड़ गए हैं। मेरे रुकते ही माँ ने अपनी आँखें खोलीं और मैं उसकी आँखों में आनंद महसूस कर सकता था। वह उस अंधेरे में दीप्तिमान लग रही थी और मैं उससे कुछ कहना चाहता था। मैंने उससे फुसफुसाया “मैं आखिरकार तुम्हें चोद रहा हूँ माँ! मैंने अभी-अभी अपनी माँ की योनि पर विजय प्राप्त की है!” माँ सहमति में मुस्कुराई।

मैं उसकी मुस्कान को देखकर पूरी तरह से उत्साहित हो गया क्योंकि मैंने पूरी तरह से बाहर निकाला और फिर से उसके गर्भ में वापस थपकी दी। माँ को चोदने के मेरे हर जोर के लिए मुझे अपनी माँ की योनी का उल्लंघन करने का एक अतिरिक्त उत्साह था। मुझे उस परमानंद का अनुभव हुआ जब माँ के साथ अनाचार करने का विचार मेरे दिमाग में कौंध गया। मैंने सोचा कि मुझे पूरी दुनिया का आनंद है क्योंकि मैंने अपनी मां की पवित्रता के वर्जित फल का आनंद लिया है।

माँ की योनि में हर जोर ने मुझे बताया कि मैं उसकी मोटी योनी की मिठास का आनंद ले रहा हूँ। हर मेढ़े ने अपनी गर्म चूत में अपनी और अधिक शुद्धता मुझे सौंप दी। जब तक मुझे लगा कि मेरा गर्म सह अब मेरी माँ के गर्भ को भरने के लिए तैयार है, उन विचारों ने मुझे और अधिक जोर देते हुए आगे बढ़ाया। और यह किया! माँ की योनी में मेरे वीर्य को उगलते ही मेरा लंड अकड़ गया। यह अनुभव करने के लिए एक बहुत अच्छी बात थी क्योंकि मेरा सह बाहर निकल गया क्योंकि मैं माँ के गर्म ओवन में चढ़ाई कर रहा था और महसूस किया कि शॉवर उसके सभी आंतरिक गर्भगृह पर छिड़काव कर रहा था जहां मैंने आकार लिया था। मेरी यौन इच्छा को दूर करने के लिए माँ की चूत का उपयोग करने के रोमांच ने मेरे अधिक वीर्य को उसके गर्भ में धकेल दिया। जैसे ही मुझे लगा कि मेरी गेंदें खाली हो रही हैं, मैं सांस लेने के लिए हांफते हुए उसके ऊपर गिर पड़ा और मेरा डिक खुद को माँ में खाली कर दिया।

मैं उस पर कुछ देर तक लेट गया जब तक माँ ने मुझे अपने होठों पर चूमा, इस बार सब अपने आप से। मुझे अंत में माँ की प्रतिक्रिया मिली। कुछ चुंबन बाद में माँ बाथरूम जाना चाहती थी इसलिए मैं उससे दूर चला गया। जैसे ही मैं उसके गद्दे के पास फर्श पर गया, मैंने देखा कि माँ बिस्तर पर बैठी है और उसने अपने ब्लाउज को फिर से जोड़ा है। इसने मुझे उन फिल्मों के दृश्यों की याद दिला दी जहां एक महिला अपने ब्लाउज को टांगती है जबकि एक आधा नग्न पुरुष उसके बिस्तर के पास होता है। यह कहने का एक बिना सेंसर वाला तरीका था कि उन्होंने सिर्फ सेक्स किया था और मैं यह जानकर रोमांचित था कि यह मेरी अपनी माँ है जो मेरे वास्तविक जीवन में मेरे साथ दृश्य को चित्रित कर रही है। जैसे ही वह उठी, उसने अपने आस-पास की बची हुई साड़ी को उतार दिया और ब्लाउज और पेटीकोट में बाथरूम में चली गई। जैसे ही मैंने उसकी ओर देखा, मुझे लगा कि यह अविश्वसनीय है कि कुछ क्षण पहले तक मेरी माँ का वह शरीर मेरे लिए वर्जित फल था। अब, उस फल का स्वाद चखा गया और मैंने इसके हर हिस्से का आनंद लिया।

जैसे ही मेरी माँ मुझसे दूर चली गई, मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मैंने उसके साथ गर्म सेक्स किया है। उसका शरीर अब मेरे सेक्स जूस को वहन करता है। माँ के बाथरूम जाने के बाद, मैंने उसका पीछा किया। मैंने बाथरूम में रोशनी देखी और दरवाजा खुला था और जैसे ही मैं कमरे के करीब गया, मुझे माँ की पेशाब की आवाज़ सुनाई दे रही थी और यह निश्चित रूप से जितना मैंने सुना था, उससे कहीं ज्यादा तेज़ था। मैंने किसी से सुना है कि एक महिला की पेशाब की आवाज से पता चलता है कि उसे चोदा गया है या नहीं। बकवास जितना अच्छा होगा, शोर उतना ही तेज होगा! मेरी माँ की पेशाब की आवाज़ सुनकर भी मेरे लिए एक कामुक आवाज़ बन गई। मैंने तब तक इंतजार किया जब तक माँ खुद को राहत देने के लिए बाहर नहीं आई। जैसे ही मैं वापस आया, मैंने देखा कि माँ पहले से ही अपने बिस्तर पर थी।

to be continued…

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