Hindi Sex Stories Archives - Antarvasna https://sexstories.one/category/hindi-sex-stories-2/ Hindipornstories.org Tue, 22 Mar 2022 11:15:50 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 भाई के ऑफिस में बहन चुद गयी https://sexstories.one/bhai-ke-office-mein-behan-chud-gayi/ Tue, 22 Mar 2022 11:15:50 +0000 https://sexstories.one/?p=3520 मैं अपने कपड़े बदल चुकी थी और जब अपने छोटे भाई को देखा तो सिर पर दुपटा लेकर उसका स्वागत करने पहुची. मैने अपने भाई के चरण स्पर्श किए जैसे की हमारा रिवाज़ है...

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Bhai Ke Office Mein Behan Chud Gayi – मैं सीमा हूँ..और मेरी फिगर 36-25-38 है. गणेश मेरा भाई अभी कुँवारा है.मैं भी कई महीनो से एक अच्छे लंड की तलाश में थी, जो कहीं आज मिला था मुझे. मेरा पति साला 4 इंच का लंड लेकर मुझे चोदने लगता है तो मैं संतुष्ट नहीं हो पाती. कई मर्दों के साथ संबंध बना चुकी हूँ, लेकिन
मेरी चूत हमेशा भूखी रह जाती है.

मेरे पति के बॉस ने मुझे एक बार अपने पार्ट्नर के साथ मिल कर दो दो लंड के साथ चोदा था, लेकिन कुछ वक्त से पति के बॉस का भी तबादला हो गया और अब मुझे लंड की कमी महसूस होती है.” सीमा, मेरी प्यारी दीदी, तू भी हमारी मम्मी जैसी चुदकर हो. मम्मी का भी एक मर्द से गुज़ारा नहीं होता।

आज सुबह जब वो रसोई में खाना बना रही थी तो उसकी चुचि ब्लाउस से बाहर झाँक रही थी. उसी वक्त फोन आया तो मम्मी ने उठाया. दूसरी तरफ से मनोहर अंकल ने कहा” रानी, आज अपनी चूत को शेव कर लो, तुझे मैं और दिलबाघ दोनो चोदने वाले हैं… दिलबाघ तुझे ना जाने कब से चोदने के लिए मिन्नते कर रहा है… तुम ठीक 5 बजे होटल संगम पहुँच जाना, मेरी रानी.., आज तेरी दीवाली मनाएँगे…” मैं उस वक्त उन दोनो की बातें सुन रहा था. मेरा तो दिल कर रहा था की मम्मी को वहीं चोद डालूं, पर मैं इस बात पर खुश था की आज शाम को अपनी सीमा दीदी के साथ मजे करूँगा. सच सीमा, मैने आज तक तेरे जैसी औरत नहीं चोदी…”

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मेरे बारे में मेरे भाई को कुछ दिन पहले ही पता चला था. मेरा भाई मुझसे मिलने आया था. मेरा पति अपनी दुकान और मेरी सास बाज़ार गयी हुई थी. मुझे यही मौका था और मैं अपने जवान नौकर से चुदवाने लगी. मेरा नौकर रामू भी जानता था की मैं लंड की प्यासी हूँ क्योंकी वो मेरे पति की नामर्दानगी के बारे में जानता था।

रामू उस वक्त टेबल सॉफ कर रहा था जब मेरी सास बाज़ार गयी. मैने रामू को पीछे से पकड़ लिया और उसके मस्ताने लंड से खेलने लगी, ” क्या बात है.., मालकिन, आज बड़ी मस्ती में हो.., कहीं मेरा केला खाने का इरादा तो नहीं है?” मैने उसके पजामे को नीचे सरकाते हुए उसका लंड मुहँ में डाल लिया. रामू मेरी आदत जानता था की मुझे केला खाने की आदत है।

रामू बोला,” सीमा मालकिन क्यों ना आज तुझे तेरी सास के बिस्तर पर चोदा जाए… उसको भी मेरा केला बहुत पसंद है..अब तो सास बहू दोनो को एक ही लंड से गुज़ारा करना पड़ेगा… साली बुडिया भी लंड की शौकीन है, आपकी तरह..”

रामू मुझे उठा कर सासू माँ के बिस्तर पर ले गया और मुझे नंगा करने लगा. मेरे चूतड़ पर हाथ फेर कर बोला,” सीमा आज ना जाने क्यों तुझे कुत्तिया बनाने का मन कर रहा है… तुम मालकिन भी हो और मेरी रांड़ भी… अगर मैने अपनी मालकिन की सवारी नहीं की तो दुनिया क्या कहेगी? आपकी सास तो मेरे लंड की सवारी करने का शौक रखती है… आपके चूतड़ मुझे बहुत आकर्षित करते है..अगर एतराज़ ना हो तो जल्दी घोड़ी बन जाओ… बुडिया का कोई पता नहीं कब आ टपके..”

मैं झट से घोड़ी बन गयी. वैसे तो मैं हर आसन में चुदाई का आनंद ले चुकी हूँ, लेकिन घोड़ी बन के मर्द के सामने झुकना मुझे मर्द के आगे समर्पण करने के बराबर लगता है. मैं नौकर के आगे झुकी तो उसके चेहरे पर जीत भरी मुस्कान थी. उसने एक ही धक्के में अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. उसके हाथों ने मुझे चूतड़ से कस के पकड़ रखा था. लंड मेरी चूत चोद रहा था और मेरी चूत सावन के गीत गा रही थी. रामू ने मुझे बालों से खींच कर चुदाई शुरू कर दी. वो मेरे बालों को एसे खींच रहा था जैसे घोड़ी की लगाम खींच रहा हो।

हम दोनो को पता ही नहीं चला की कब से मेरा भाई गणेश हम दोनो को देख रहा था. हम जल्दी में डोर बंद करना भूल गये. मैने उत्तेजना वश आँखें बंद कर रखी थी और एक कुत्तिया की तरह हाँफ रही थी. रामू का लंड किसी पिस्टन की तरह मुझे चोद रहा था,” अहह…..ज़ोर से चोद….रामू….चोद मुझे माँदरचोद….मेरी चूत की आग बुझा साले रामू, चोद ज़ोर से मेरी चूत….है मैं मरी जा रही हूँ…बहनचोद ज़ोर से डाल,” मैं चीख रही थी और रामू लगातार तेज़ धक्के मार रहा था।

उसका लंड भी अब झड़ने को था और वो बोल रहा था,” सीमा…साली रांड़…क्या मस्त माल है तू….अच्छी है तेरा पति नामर्द है वरना एसी मख्खन जैसी चूत मेरी किस्मत में कहा होती….वा मालकिन…मेरी रंडी मालकिन…..चुदवा रामू के मस्त लंड से,”

हम दोनो थोड़ी देर में झड़ गये और रामू काम करने लग गया. गणेश शायद हमारी बेशर्मी देख कर दरवाज़े से हट गया और बाहर चला गया था क्युकि वो थोड़ी देर से घर में दाखिल हुआ. मैं अपने कपड़े बदल चुकी थी और जब अपने छोटे भाई को देखा तो सिर पर दुपटा लेकर उसका स्वागत करने पहुची. मैने अपने भाई के चरण स्पर्श किए जैसे की हमारा रिवाज़ है. कमरे में कोई नहीं था. गणेश मुझे अजीब नज़रों से देख रहा था. उसने मुझे आलिंगन में लेते हुए सीने से लगा लिया।

मेरी चुचिजो के बहुत बड़ी है, मेरे भाई के सीने में धस गयी. उसने मेरे चेहरे को अपने हाथों में लेते हुए पूछा,” दीदी, क्या नौकर अब पति से बढ़ कर है तेरे लिए? जब मैने आपको उसके सामने मर्दजात नंगी होकर घोड़ी बने हुए देखा तो मुझे बहुत शर्म आई… क्या अब रामू का दर्ज़ा मेरे जीजा का हो चुका है? क्या अब मेरे घर की इज़्ज़त नौकर के लंड की मोहताज़ हो चुकी है? क्या अब इस घर में मर्दों की कमी है? अगर जीजा जी में दम नहीं था तो कम से कम अपने भाई तो अपना लिया होता… गणेश साला, रंडी के कोठे पर पैसे देकर चूत मागता फिरता है और उसकी बहन नौकरों को फ्री में बाँट रही है… सीमा, तुझे नंगी देख कर मैं पागल हो चुका हूँ… अब से रामू की छुट्टी कर दो और मुझे अपना पति बना लो… मेरे लंड को देख लो, पूरा 9 इंच का है,” कहते ही उसने अपनी पेंट की ज़िप खोल डाली।

उसका मोटा लंड बहुत प्यारा लगा. लेकिन एक बात मुझे सता रही थी,” गणेश, बहनचोद साले अपनी ही बहन को चोदोगे तुम? अगर ऐसा ही करना था तो मेरी शादी उस नपुंसक से क्यों की थी, जिसकी कमी मैं नौकर से पूरी कर रही हूँ… भाई, बहन को भाई नहीं चोदा करते… भाई के लिए तो भाभी होती है..”

गणेश मेरी बात पर हंस कर बोला,”सीमा, अगर रामू तुझे चोद सकता है तो गणेश में क्या कमी है? जीजा जी की कमज़ोरी का दुख तुझे ही क्यों उठना पड़े? भाई का फ़र्ज़ बनता है की अपनी बहन को हर मुश्किल से निकाले, उसको हर खुशी दे जिस पर उसका हक बनता है… और दीदी, तुझ जैसी सुन्दर और सेक्सी औरत की सेवा करना तो खुशकिस्मत भाई को ही मिलता है… मेरा बस चलता तो मैं तेरी शादी कभी ना होने देता… तुझे अपना बना कर रखता… लेकिन फिकर मत करना… अब तुम मेरी हो… आज से तुझे चूत ठंडी करवाने के लिए किसी के पास जाने की ज़रूरत नहीं है… मैं तेरी सास को बोल दूँगा की मेरे पास अपनी दीदी के लिए अपने ऑफीस में काम है जिसको कर के दीदी के पैसे भी बन जाएँगे और टाइम भी पास हो जाएगा… बुडिया लालची है, शक नहीं करेगी और मान जाएगी… तुम रोज़ मेरे ऑफीस चली आना और हम मेरे कमरे में खूब मौज करेगे… मैने वहाँ बिस्तर पहले ही लगा रखा है.” गणेश ने अपनी पूरी स्कीम मुझे बता डाली।

“लेकिन गणेश, लोग क्या कहेंगे? किसी को शक नहीं होगा?” मैने अपने मन की आशंका बताई.” दीदी, शक कैसा? तुम मेरी बहन हो… क्या बहन अपने भाई के ऑफीस में जॉब नहीं कर सकती? अब सोच विचार का वक्त नहीं है, तुम हां कर दो… बाकी मैं खुद देख लूँगा.” मेरी चूत ने मुझे सोचने का मौका ही नहीं दिया. साली अपने भईया के लंड की खुशबू सूंघ कर मस्ती से भर गयी और मैने भईया की ऑफर मान ली. सासू माँ ने गणेश की बात झट से स्वीकार कर ली. शायद उसके लिए अब रामू से चुदवाने का खुला मौका था. खैर अगले दिन मैं गणेश के ऑफीस जा पहुँची।

आगे कि कहानी अगले भाग में . . .

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घोड़ी बन गयी बबिता https://sexstories.one/ghodi-ban-gayi-babita-chudwa-li/ Mon, 28 Feb 2022 09:01:17 +0000 https://sexstories.one/?p=4323 मेने उसको घोड़ी बनाया ओर उसकी चूत मै पीछे से अपना 9″ लंबा लॅंड जब डाला तो बस उसकी हालत तो एसी हो गई जेसे अभी मर जायगी. क्योकि लंड का साइज़ कुछ ज्यादा ही बड़ा था. ओर उसकी कुवांरी चूत थी तो बर्दाश्त करना..

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Ghodi Ban Gayi Babita aur Chudwa li – सब से पहले मै अपने बारे मै बता दूँ मेरा नाम राज है. हर जवान दिल की ख्वाइश होती है काश मुझे कोई कुँवारी चूत मिल जाय. मेरी भी यही ख्वाइश थी. लेकिन मै हमेशा ख़ामोश ही रहता हूँ ज्यादा कुछ बोलता नही हूँ. लेकिन पिछले 2 सालो से मै बदल गया.

जब मै घूमने गया अपने मामा के यहाँ. मेरे अंकल कानपुर मै रहते है. वहाँ अंकल के पडोस मै 1 लड़की रहती थी. जिसका नाम था बबिता उसकी उम्र कम से कम 20साल की रही होगी उसका फिगर. 30,26,28 रहा होगा. पहले भी जब मै कभी मामा के यहा जाता था. तो मै उस लड़की की जवानी देखकर हमेशा सोच मै पड़ जाता था.

की काश मुझे इसकी चूत मिल जाय फिर. लेकिन अब मै खुद को इस लायक समझता था. की मै अब इसे पटा सकता हूँ. मै 1दिन घर के गेट पर खड़ा था. तो बबिता भी अपने गेट पर खड़ी वो मुझे देख देख कर कुछ बोल रही थी. ओर बार बार मुझे देख के हँस रही थी. मै समझ गया के लाइन दे रही है.

मेने तभी इशारे से पूछा, क्या हुआ, उसने भी इशारे मै कहा कुछ नही, फिर हम काफ़ी देर तक वही गेट पर एक दूसरे को देखते रहे, अचानक उसने मुझे 1 इशारा करा जिसे देखकर मै हेरान हो गया. उसने इशारे से मुझे ऊपर छत पर आने के लिए कहा, मेने सोचा आज तो मुन्ना तेरी ज़िंदगी बन गई, मै जल्दी से ऊपर गया.

वहाँ वो मुझसे पहले ही पहूँच गई. पहले तो मै उस से इशारो मै बातें कर रहा था. मगर जब लगा की आस पास कोई भी नही है तो मै उसके घर की दीवार कूद कर उसके घर मै चला गया. वो कुछ घबरा रही थी मगर मै उतावला था. आज उसके घर मै कोई भी नही था. बस उसकी दादी थी जो कभी ऊपर नही आती हमेशा नीचे ही रहती है.

आज बबिता के घर मै कोई नही था. ऊपर बस 1 रूम था जिसमे उसके भाई ओर भाभी रहती है, मै उससे बात करता रहा बात करते करते शाम से रात हो गई. सब कुछ इतना जल्दी जल्दी हो रहा था की मुझे भी कुछ समझ नही आ रहा था. की क्या करू ओर क्या ना करू. लेकिन मोका ऐसा मिला था की आज किसी कुवारी चूत के मै मज़े ले सकता था.

तो बस मै बेचैन था की जल्द से जल्द मुझे चूत मिले मै पहले तो शराफ़त से भरी बातें करने लगा. फिर मेने उसे देखा वो बार बार अपनी आंखे इस तरह बंद कर रही थी. जेसे उसे किसी चीज़ की तड़प हो शायद मेरे लंड की तड़प, फिर मेने उससे कुछ अलग किस्म की बातें यानी के सेक्स से रिलेटेड बातें करने लगा वो भी बडे मज़े से मेरी बाते सुनने लगी, मै समझ गया की आज तो मुन्ना की ख्वाइश पूरी हो गई.

बस कुछ देर बातें करते करते वो भी खामोश हो गई. ओर मै भी फिर मेने उससे पूछा क्या हुआ वो खामोश रही फिर मै उसके करीब गया मेने फिर पूछा क्या हुआ. वो फिर कुछ नही बोली मेरी हिम्मत बनी ओर मेने उसका चेहरा अपने दोनो हाथो से पकड़ा और उसके लिप्स को चूमने लगा. जेसा मेंने कभी किसी मूवी मै देखा था. किस करती हुए वेसे ही मै उसके किस करने लगा.

वो तो बस खामोश थी कुछ भी नही कर रही थी. पर मुझे उसकी खामोशी से ही पता चल गया की उसकी हाँ है, ओर मै फिर उसके चुचियो को दबाने लगा. उसके मुहँ से आह निकल रही थी. बार बार ह्म्‍म्म्म………ममममम ………..हह हाय…………..राम प्लीज मगर मै कहा रुकने वाला था.

मै उसे उसके भाई के रूम मै ले गया. वाहा जाकर मेने सब से पहले उसके कपड़े उतरना शुरू किया. उसकी चुचिया देखा कर तो मेरे होश ही गुम हो गये बाहर से कुछ ओर अंदर से कुछ ओर मै तो बस उन्हे देखते ही पागल हो गया. ओर ज़ोर ज़ोर से उन्हे दबाने लगा वो सिसकिया भरती रही. फिर मेने अपने कपड़े उतरना शुरू किए उसने कहा नही प्लीज एसा कुछ मत करो मुझे जाने दो, मगर मै समझ गया.

की अब ये नखरे कर रही है, पर मै कहा रुकता जेसे ही वो बोलती मै उसके लिप्स को चूमने लगता फिर वो जोश मै आ जाती तो फिर मै अपना काम शुरू कर देता. फिर जब मेने अपने कपडे पूरी तरह उतार दिए तो वो ओर मै अब बिल्कुल नंगे थे. एक दूसरे के सामने, उसने मेरा लंड देखा तों सोच मे पड गई.

और कहने लगी ऊई द…य्याया कितना बड़ा लंड है आपका मै तो मर ही जाऊँगी, मेने कहा पहले पहले दर्द होगा लेकिन फिर बाद मै मज़ा आने लगेगा तुम्हे, मेरा लंड 9” इंच का है, फिर मै उसकी चूत मै पहले तो उंगली करने लगा की जिससे वो गरम हो जाय ओर लंड मांगने लगे.

अचानक मेने उंगली करने की रफ़्तार कुछ बड़ा दी वो बिल्कुल बिन पानी की मछली की तरहा तड़प रही थी. फिर मेने सोचा की मेरा इतना बड़ा लंड इसकी चूत मै जायगा केसे फिर अचानक मेरी नज़र पास मै रखे हेयर आयँल पर पड़ी मेने बोतल मै से आयँल लिया ओर पहले तो उसकी चूत पर लगाया ओर फिर अपने लंड मै सेंटर से सेंटर मिलाके पहले तो मैने हल्का सा झटका मारा तो वो चिल्ला उठी.

ऊई……………मा……….आआआआआआआ मर गई आआआआ…ऊऊऊऊऊ…….. हाय………रा..आआआआआ………म धीरे से प्लीज मे रुक गया. ओर फिर उसके लिप्स को चूमने लगा, कुछ देर रुक कर फिर से मेने सेंटर से सेंटर मिलाया ओर फिर से 1 झटका दिया कुछ इंच तो अंदर घुसा लेकिन उसे काफ़ी दर्द हो रहा था मगर, मै वही रुक गया. लंड को उसकी चूत मै कुछ देर के लिए रोक दिया.

कुछ देर रुकने के बाद मेने फिर से 1 झटका दिया. करीब 5 इंच अब उसके चूत मै घुस गया. अब मुझसे नही रुका गया ओर 1 ज़ोर का धक्का दिया वो ज़ोर से चि…ल्ल्ला……ई आा…………..आआईय……….ईईईईईईई मर गई मा…………….आआआआआ ……..ऊऊऊऊऊओ मार डाला आपने। मेने कहा अभी तुम्हे मज़ा आने लगेगा. फिर कुछ देर मै उसे भी मज़ा आने लगा लेकिन मेरा लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा था. तो अंदर ओर बाहर ओर धक्के मारने मै दर्द बडता जाता था.

लेकिन अब मै नही रुक सकता था. मुझे किसी की परवाह नही थी. मै ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. वो चिल्ला रही बार बार बोलती रही प्लीज रूको मुझे दर्द हो रहा है. प्लीज रूको मगर मै नही रुका फिर वो भी खामोश हो गई अब उसे भी मज़ा आने लगा था. ओर वो मुझे कमर उठा उठा के रिप्लाइ भी करने लगी. वो पूरी तरह से मेरा लंड ले रही थी.

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मै अपनी पूरी ताक़त से धक्के मार रहा था. बस वो तो अपनी आखे बंद करके आआआः………….. उहह…………….. ……………….इईईई …………………….उफफफ्फ़ करे जा रही थी. मै बार बार उसके लिप्स के चूमता रहता, उसके लिप्स कुछ ज्यादा ही नर्म थे. बार बार मै उनको पेप्सी समझकर पीता रहता था बिल्कुल लाल थे. लिप्स मेने चूम चूम के सुर्ख लाल कर दिए. अब मेने सोचा क्यों ना फिल्मी अंदाज़ मै इसकी चूत मारी जाय.

फिर मेने उसको घोड़ी बनाया ओर उसकी चूत मै पीछे से अपना 9″ लंबा लॅंड जब डाला तो बस उसकी हालत तो एसी हो गई जेसे अभी मर जायगी. क्योकि लंड का साइज़ कुछ ज्यादा ही बड़ा था. ओर उसकी कुवांरी चूत थी तो बर्दाश्त करना कुछ ज्यादा मुश्किल था,

लेकिन बंदी एसी थी अब कुछ भी नही बोल रही थी, मेने उसेको घोड़ी के पोज़ मै उसकी कमर को पकड़ के धक्के देना शुरू किए. ज़ोर…..ओर……..ज़ोर से देने लगा उसके कमर पे मेरी पकड़ कुछ मस्त थी. इसलिए धक्के देने मै कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था.

मै जब तक धक्के दे रहा था तों मेने सोचा अब किसी ओर पोज़ मै चूत मारी जाय फिर मै बेड पर लेट गया ओर लंडा को सीधा किया ओर उससे कहा की अब तुम मेरे लंड पर बेठो वो आराम आराम से उठी ओर जेसा मेने कहा था वेसे ही करने लगी.

मुझे पता था एसे पोज़ मै चूत मरने का मज़ा ही कुछ ओर होगा. एसे पोज़ मै लड़की की जान निकल जाती है. जब पूरा लंड अंदर जाता है, पहले तो वो मेरे लंड पर आराम से बैठ गई. ओर मेरा पूरा लंड अंदर ले गई फिर कुछ देर रुकी रही फिर अचानक खुद ही धक्के देने लगी. मुझे ओर मज़ा आने लगा ओर मै नीचे से भी धक्के देने लगा वो भी धक्के दे रही थी ओर मै भी.

फिर मुझे लगा की मै झड़ने वाला हूँ मेने उसकी गीली चूत मै ओर ज़ोर से धक्के देना शुरू कर दिये. जेसे ही मै झड़ने वाला था मेने उसे पकड़ के लिटा दिया. ओर मै उसके ऊपर चड के बेठ गया ओर उसकी चूचियो के ऊपर झड़ गया, ओर उठ के उसके बराबर मै लेट गया. फिर उसने अपने बोब्स को कपड़े से साफ किया ओर मेरे ही बराबर मै लेट गई.

हम कुछ देर तक आराम से लेटे रहे फिर मै उठा ओर फिर से उसके लिप्स को चूमने लगा काफ़ी देर तक चूमने के बाद मै हट गया ओर फिर मेने कपड़े पहनने शुरू किए टाइम काफ़ी हो रहा था. उसका भाई भी ऑफीस से आने वाला था. इसलिए वो भी जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगी, ओर पूछने लगी की आप वापस कब जा रहे हो, मेने कहा 2 या 4 बार मज़े लेने के बाद ही अब जाऊँगा.

वो कहने लगी पता नही फिर एसा मोका कब मिले मेने कहा कल फिर जब तुम्हारे भेय्या ऑफीस चले जायंगे तब… वो कहने लगी ओके लेकिन 2 बजे तक ही आना वरना दादी शक हो जायगा मेने कहा नो प्रोबलम. मेने उसे 3 दिन रोज़ चोदा वो भी खुशी खुशी चुदवाती रही.

अब काफ़ी दिन से मामा के यहा नही गया हूँ. लेकिन उसके फोन आते रहते है, बुलाती रहती है, तो मेने फेसला किया है जल्दी जाने का, ओर जब मै वाहा से वापस आऊँगा तो आप सब को फिर से अपने न्यू एक्सपीरियेन्स के बारे मै ज़रूर बताऊँगा.

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बन गया मैं बहन का पति https://sexstories.one/behanchod-bankar-behan-ko-choda/ Mon, 31 Jan 2022 07:27:20 +0000 https://sexstories.one/?p=4368 मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा..

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Behanchod – Ban Gaya Behan Ka Pati – एक बार मैं अपनी मामी की लड़की यानि मेरी दीदी के यहाँ मुंबई गया। मेरी दीदी के घर में तीन लोग थे। मेरी दीदी, जीजा जी और उनका तीन साल का एक लड़का। मेरी दीदी का नाम सोनी है। उसकी उम्र 28 साल थी फिगर 36-30-38 था। वह बहुत सेक्सी लगती है, जब चलती तो ऐसा लगता कि दिल पर छुरियाँ चला गई। उसकी गांड बहुत ही मस्त और मोटी है। उस पर उसका गोरा बदन और मोटे मोटे बोबे ! उसको देखते ही ऐसा लगता था कि बस कैसे भी इसे चोद डालूँ !

अब मैं असली बात पे आता हूँ। जीजा जी बहुत शराब पीते थे इसीलिए वो बहुत परेशान रहती थीं। एक दिन कुछ ऐसा हुआ जो शायद दीदी और मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। हुआ यूँ कि जीजा जी ऑफिस से आये और मुझसे कहा- आ आज शराब पियेंगे।

मैंने मना किया पर वो नहीं माने और मुझे उनके साथ बैठना पड़ा। उन्होंने एक शराब की बोतल निकाली और हम पीने लगे। हम लगभग पूरी बोतल पी गए। जीजा जी को बहुत नशा हो गया था। हमने खाना खाया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए।

अचानक रात में मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी।

मैं उठा और दीदी के कमरे की खिड़की से देखने लगा कि कुछ हुआ तो नहीं है।

तभी मैंने देखा कि जीजा जी ने दीदी की साड़ी को ऊपर उठाया और उसकी पैंटी को उसके बदन से अलग कर दिया और अपना लंड पेल दिया उसकी बुर में। जीजा जी का लंड बहुत छोटा था। दो मिनट बाद ही जीजा जी झड़ गए और वहीं नशे में सो गए।

दीदी की आँखों में आँसू थे, वो उठी और कमरे से बाथरूम जाने लगी कि अचानक उन्होंने मुझे देख लिया। मैं भी वहाँ से चला गया और रात भर उनकी बुर के बारे में सोचता रहा। उसकी चूत क्या मस्त थी ! बिल्कुल गुलाबी ! एक भी बाल नहीं था उसकी चूत पर ! उसे सोचते सोचते ही मैं तो जैसे पागल हो गया। मैंने रात में मुठ मारी और सो गया।

सुबह जब उठा तो पता लगा कि जीजा जी दस दिनों के लिए पुणे गए हैं। मैं और दीदी एक दूसरे को देख रहे थे।

मुझे उसके पतली कमर के साथ डोलते हुए चूतड़ बहुत विचलित करते थे, मैं सोचता था कि उसे नंगी करने के बाद उसके गोरे गदराये चूतड़ कितने प्यारे लगेंगे.. उन्हें सहलाने में और दबाने में कितना मजा आएगा ! और कमर से ऊपर नज़र जाते ही.. उफ़ उसकी भरी हुई छातियाँ.. उसके स्तन एकदम कसे हुए थे.. एक बच्चे की माँ लेकिन स्तन जैसे बीस साल की कुंवारी लड़की के.. 36 साइज़ होगा उनका.. दोनों उसके ब्लाऊज़ या कुरते के अन्दर एक दूसरे से चिपके हुए रहते थे.. जिसके कारण उसके बीच की घाटी बहुत ही उत्तेजक दिखाई देती थी। सब कुछ मिला कर मेरे जैसे कामी पुरूष के लिए वो एक विस्फोटक औरत थी…

अब मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे अलग नजरों से देखना शुरू कर दिया था। शायद वह मेरी नजरों की भाषा समझ रही थी। हम दोनों एक दूसरे से खुल कर बातें करने लगे थे। जब भी मैं उसके उभरे संतरे जैसे चूचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊं। सूट पहने हुए उसकी कमर एवं जांघों को देखकर मुंह में पानी आ जाता था।

एक रात मैं दीदी के कमरे में झांक रहा था तो जो देखा उससे मेरे रोंगटे खड़े हो गए ! दीदी टीवी पर ब्लू फिल्म देख कर अपनी चूत को जोर जोर से अपने हाथों से रगड़़ रही थी ! मेरा लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया, मुझसे रहा न गया और मैंने वहीं खड़े खड़े मुठ मार कर उसे शांत किया।

मैं समझ गया कि जीजा जी से दीदी की बुर शांत नहीं होती है, वो प्यासी है उसकी बुर में आग लगी है और मेरा काम बन सकता है।

एक दिन मैं सोने के लिये बेडरूम में आ गया तो देखा की दीदी अपनी गैलरी में खड़ी थी। मैंने सोचा कि मौका अच्छा है। फ़िर तुरन्त ही अपना पैन्ट उतार कर, वो मुझे देख सके, उस तरफ़ मुँह करके अपने लण्ड को तेल लगा-लगा कर मालिश करने लगा।

जैसे ही उसने मुझे नंगा देखा, तुरन्त अपने कमरे में भाग गई। दोस्तो, मेरा लण्ड अगर किसी भी औरत या लड़की ने देखा तो चखने का मन बन ही जाता है। फ़िर मैंने खिड़की के काँच से देखा तो पता चला कि वो दरवाजे के पास कुर्सी डाल कर चुपके से मेरे कमरे में झांक रही थी।

मैंने सोचा कि मेरा काम हो गया। अब दीदी की आँखों में मुझे वासना नज़र आने लगी थी, बस मैं मौके के इंतज़ार में था।

एक दिन वो मेरे पास आई और उसने कहा- मेरे कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई है और मैंने एक जरूरी इमेल करनी है। क्या मैं तेरा लैपटॉप प्रयोग कर सकती हूँ?

मैंने कहा- हाँ हाँ ! क्यों नहीं !

मैंने कहा- दीदी, आप बैठिये, मैं लैपटॉप देता हूँ !

मैंने ऐसे ही लैपटॉप पकड़ा दिया। जैसे ही उन्होंने लैपटॉप देखा तो दीदी का चेहरा लाल हो गया, उसने झिझकते हुए कहा- भैया, तुम ही वेब साईट खोल कर दे दो।

मैंने लैपटॉप लिया तो देखा कि नंगी वेब साइट्स खुली हुई थी, मैं घबरा गया और बोला- सॉरी, यह लीजिये ! अब सब ठीक है !

दीदी बोली- शादी नहीं हुई है तो खूब ऐश हो रही है?

मैंने कहा- मन तो बहुत करता है मगर कुछ भी नहीं कर पाता, सिर्फ इन्टरनेट का ही सहारा है !

उसने कहा- क्या तुम मुझे इन वेब साइट्स के लिंक लिख कर दे सकते हैं?

मैं हैरान रह गया ! मैंने कहा- क्या दीदी?

वो बोली- हाँ ! वो असल में तुम्हारे जीजा जी को दिखानी हैं, शायद ये देख कर वो थोड़ा रोमांटिक हो जायें !

मैंने पूछा- क्यों? क्या वो अभी रोमांटिक नहीं है?

तो दीदी बोली- रोमांटिक का र भी नहीं आता उनको ! रात को आते हैं, शराब पीते हैं और मेरे हाथों में अपने छोटे से लंड को देकर कहते हैं- हिला दो ! मैं उसे झरवा देती हूँ और फिर वो सो जाते है। मेरे अरमान और बदन की गर्मी वहीं की वहीं रह जाती है। मैंने कई बार कोशिश की, मगर वो समझते ही नहीं ! कहते है कि बहुत थक गया हूँ।

शादी से लेकर आज तक बस बहुत कम ही हमने सेक्स किया है जिसमें वो पूरा अन्दर तक भी नहीं जाता।

वो बोली- अंकित, ये मेरी बहुत व्यक्तिगत बातें हैं, किसी को नहीं बताना ! मैं तुम्हे ये सब बता रही हूँ कि तुमने रात सबकुछ देख लिया था।

मैंने घबरा कर कहा- आप चिंता मत करो !

मैं समझ गया था कि लोहा गर्म है, हथौड़ा मारने की देर है।

फिर वो बोली- मेरा काम हो गया है, मैं चलती हूँ अपने रूम में सोने को। तुम भी सो जाओ।

पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने कहा- बस एक चीज दिखानी है आपको !

और कह के अपनी जींस नीचे कर दी, मेरा नौ इंच का लंड खड़ा हुआ फुफकार रहा था। वो पलटी और उसकी आँखें फटी की फटी रह गई, पसीना उसके गाल से बहने लगा और चेहरा लाल हो गया। वो मेरे पास आई, मेरी आँखों में गुस्से से देखा और मुझे जोरदार थप्पड़ मार दिया।

मैं बहुत घबरा गया, शायद मैंने उसकी बातों से गलत समझ लिया था कि वो मेरे साथ अपनी प्यास बुझा लेगी। मुझे लगा कि अब मेरी बदनामी कर देगी ये !

मगर वो बोली- तुमने इतनी देर लगा दी इस चीज़ को दिखाने में??

मेरी सांस में सांस आई और जान में जान ! गिरता हुआ लंड फिर से तन गया और दीदी को मैंने बिना कुछ और सोचे समझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरे बदन की जैसे बरसों की प्यास बुझ रही थी। मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा। मेरा हाथ उनके कुरते में घुसे और उसकी ब्रा का हुक ढूंढने लगे।

उसकी साँसें गरम हो गई, मैं बता नहीं सकता कि उसके जिस्म से आग निकल रही थी, वो पागलों की तरह मेरे लंड से खेल रही थी और मुझे चुम्मे दे रही थी, एकदम जवान नई दुल्हन की तरह तड़प रही थी। मैंने उसको दीवार के साथ खड़ा किया और अपनी छाती से उसके मम्मे दबा दिए, उसके माथे से लेकर छाती तक सैंकड़ों चुम्मियाँ ली और कई जगह तो लाल निशान भी बना दिए।

वो भी भूखी शेरनी की तरह मेरे बदन से खेल रही थी और मेरे होंठों को, गालों को, और छाती को चाट रही थी। उसके मुँह से बस आऽऽह…ऽऽ आऽऽ ऊऽऽऽ… म्म्मऽऽऽ आऽऽऽ लव यू जान, मेरे असली मर्द… म्म्मम्म्म्म… आआआअ… यही आवाजें निकल रही थी।

मैंने पंद्रह मिनट तक उनके दोनों मम्मे चूसे और वो तब पागल सी हो है थी। मेरे लंड को रबड़ का खिलौना समझ कर खेल रही थी और अपनी चूत पर रगड़ रही थी। लेकिन मैं भी कम नहीं था, मैंने और भड़काया, उसके हाथों से लंड खींच लिया और उसका सर नीचे की ओर दबाकर इशारा किया कि मुँह में लो !

तो वो फट से तैयार हो गई और मेरा नौ इंच लम्बा लंड देख कर बोली- तुम्हारा तो बहुत लम्बा है, और मोटा है, बिल्कुल काला नाग है ये, तुम्हारे जीजा जी का तो छोटा सा ही था।

मैंने कहा- लम्बे लंड से चुदने में जो मजा आपको अब आएगा वो कहीं नहीं आएगा।

वो बोली- तो जल्दी से चोद दो ना !

और मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा लंड चूसने लगी 69 की पोजिशन में।

तभी उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया और आआअह ह्ह्ह्ह्हा आआऊऊउईईइ म्म्म्म्मा करने लगी और जोर से झड़ गई। मैंने उनका पूरा पानी साफ़ कर दिया चाट चाट कर !

फिर मैंने उनसे कहा- अपना कमीज उतार दो।

तो उन्होंने उतार दिया और मैंने उनकी चूची चूसनी शुरू कर दी। वो फिर से गर्म होने लगी और आआअह्हह्ह म्मम्माआअ करने लगी और अपनी चूत रगड़़ने लगी।

मैंने उनके मुंह में अपना लंड डाला, वो तो जैसे तैयार थी, पूरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, जैसे रेगिस्तान की गर्मी में किसी को पानी मिल जाए !

कुछ देर बाद मैं अपनी जीभ से उनकी नाभि चाटने लगा।

वो बोली- क्या बात है तुममें ! कमाल की कला है बिस्तर में औरत के साथ खेलने की ! मैं एक अरसे से इस सपने के साथ जी रही थी, जो आज पूरा होने जा रहा है।

मैंने कहा- मैं भी इसी सपने को आज तक देख रहा था दीदी।

Desipornstory वेट्रेस के साथ गैंगबैंग

अब वो पूरी नंगी थी, चूत बिल्कुल साफ़ और पूरी गीली ! मैंने उनकी टांगें थोड़ा फैलाई और चूत का पानी चाट कर साफ़ किया। वो छटपटाई और मेरे बालों को जोर से खींचा। मैंने उनकी चूत को खोला तो वो पूरी लाल थी, मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उनका चिल्लाना और तड़पना !

मैं कैसे बताऊँ कि जितनी देर तक चाटा, वो फिर पानी छोड़ती रही जैसे की महीनों से उन्होंने पानी न झारा हो।

तवा पूरा गर्म था, मैंने फटाफट उनकी गांड के नीचे तकिया रखा और दोनों हाथों से उनके हाथ पकड़ कर लण्ड चूत पर रख दिया ! मुझे पता था कि वो बहुत चिल्लाएगी इसलिए अपने होठों से उनके होंठ बंद कर दिए और एक झटका मारा, मेरा तीन इंच लंड उनकी बुर में घुस गया। उनकी चूत वाकई काफी कसी हुई थी, लगभग अनचुदी !

अभी तीन इंच लंड ही गया था कि वो दर्द से कराह उठी, अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और पैरों को जोर जोर से पटकने लगी।

मैंने कहा- दीदी, जीजाजी ने तुमको चोदा हुआ है, फिर भी ऐसे चिल्ला रही हो जैसे पहली बार चुदवा रही हो !

तो बोली- एक तो तुम्हारा मोटा है, दूसरा तुम्हें पता है कि उनका लंड कितना बड़ा है, जरा धीरे करो ना !

मैंने कहा- ठीक है !

तो फिर मैं फिर से धक्का लगाने लगा और उनकी चूची चूसने लगा।

मैंने एक मिनट बाद दोबारा धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया। उन्होंने मेरा मुँह अपने मुँह से हटाया और जोर से चिल्लाई- यह क्या किया ? मैं मर गई, उई माँ ! मैं मर गई ! निकालो इसे…

वो बोली- तुम जानवर हो ! मुझे छोड़ दो ! मेरी चूत फट गई ! मेरी जान निकल रही है, बाहर निकालो।

मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए तो वो और चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और जोर जोर से चोदने लगा। 5 मिनट बाद उसको मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और फिर शुरू हुआ असली चुदाई का मजा !
मैं जितनी तेज ऊपर से झटके मारता वो नीचे से उतनी ही तेजी से जवाब देती। सच दोस्तों क्या बताऊँ क्या क़यामत चुदाई चल रही थी कि तभी वो मुझसे चिपक गई और मेरे कंधे पर काटने लगी और उसने अपने नाखून मेरी पीठ में चुभा दिए। वो आअ आआ आआ आह्ह्ह्ह करती हुई झड़ गई, फिर कहने लगी- जल्दी करो अब सहन नहीं हो रहा।

मैंने भी उन्हें खूब चाटा, करीब पंद्रह मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने अपनी पूरी पिचकारी अन्दर छोड़ दी। तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी। वो मेरे शरीर को कस के पकड़े हुए थी और चाट रही थी।

मैं थक कर उनके मम्मों पर गिर गया और वो मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगी। दो मिनट के बाद मैं उठा और अपना लंड उनकी चूत से निकाला।

मैंने प्यार से उन्हें खूब सारे और चुम्मे दिए। उनकी चूत से थोड़ा सा खून छलक आया था जो मैंने रुमाल से साफ़ कर दिया। वो बहुत खुश थी, इस चुदाई के बाद जैसे उसका मन और बदन का हर अंग खिल उठ था। वो इतनी खुश थी कि उनकी आँखों से आँसू छलकने लगे और वो मुझसे काफ़ी देर तक चिपकी रही जैसे मन ही मन वो चाह रही हो कि काश मैं उसका पति होता !

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दोस्त की माँ को चोदने का प्लान बनाया https://sexstories.one/plan-dost-ki-maa-ko-chodne-ka/ Sat, 29 Jan 2022 07:33:10 +0000 https://sexstories.one/?p=4531 मैं पूरी तैयारी में था मेरा लंड खड़ा था. सेक्स बडाने के लिए सेक्सी किताब पड़ रहा था, उतने में आंटी आई, बोली क्या पड़ रहे हो, तो मैं जोश में बोला कि आज अपनी सुहागरात है ना इसलिए सेक्सी किताबे पड़ रहा हूँ..

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Plan Dost Ki Maa Ko Chodne Ka सोनू और मैं अच्छे दोस्त थे मुझे पता था सोनू भी मेरी तरह चूत का प्यासा है. हम दोनो ने कुछ कॉल गर्ल को भी चोदा है. अब तो रोज मुझे उषा आंटी को चोदने के सपने आने लगे. मुझे पता था सोनू अपनी माँ को चोदने नहीं देगा और आंटी भी ऐसी औरत नहीं है, तो मैंने सोनू को फंसाने कि सोची और उसे कहा कि मेरी माँ आ रही है और सीमा आंटी (मेरे दूसरे दोस्त कि माँ जो गावं में रहती है जिसे मैं पहले चोद चुका था) को बुला लिया, मैंने सीमा आंटी को पहले ही प्लान बता दिया था कि आप मेरी माँ है।

फ़िर एक दिन सोनू मेरे से मिलने आया मैं जानबुझ कर थोड़ी देर के लिए बाहर गया और इसी बीच सीमा ने सारे घर में झाड़ू और पोछा लगाया जिससे उसके मस्त बोबे सोनू को दिखे. उसके बाद वो रोज आने लगा और माँ के शरीर के मज़े लेने लगा. एक दिन मैंने उससे कहा कि कल मैं अपनी गर्लफ़्रैन्ड के साथ मसुरीं जा रहा हूँ.

अगले दिन सोनू घर आया और माँ से पूछा राहुल कहाँ है. तो वो बोली वो तो कहीं गया है शाम तक आयेगा उस दिन मैंने माँ को कुछ इस तरह से तरिके बताये ताकी वो आसानी से माँ को चोद ले. पहले माँ ने उसके कपड़ो पर पानी डाल दिया, सोनू ने अपने कपड़े बदल लिए फ़िर माँ ने बाथरुम में फ़िसलने का नाटक किया और सोनू उन्हें रूम में उठा के ले आया फ़िर माँ ने सोनू से मालिश करवाई और फ़िर चुदाई भी. मेरे घर में लगे केमरे में उनकी चुदाई रिकार्ड हो रही थी.
तभी मैं घर आ गया और उन दोनो को रंगे हाथो पकड़ लिया सोनू मेरे घर से चला गया.

अगले दिन मैं उससे मिलने उसके घर गया वो बहुत झिजक रहा था मैंने उसे बहुत बुरा भला कहा और वो कुछ ना बोला. अगले दिन सोनू ने मुझसे माफ़ी माँगी तो मैंने कहा कि एक शर्त पर माफ़ कर सकता हूँ वो बोला क्या मैंने कहा माँ के बदले माँ चाहिए, वो तो चोक गया और बोला ये क्या कह रहा है. ऐसा नहीं हो सकता मैंने कह अच्छा मेरी माँ को चोदते वक्त नहीं सोचा, फ़िर मैंने उसको अपनी माँ कि और उसकी चुदाई कि विडिओ दिखाई और कहा कि ये तेरी माँ को भी दिखाउगां. वो थोड़ा शांत हुआ और सोचने लगा और बोला मैं कल सोच के बताऊंगा, मुझे पता था अगर ये सोचेगा तो ना ही कहेगा. तो मैंने उसे समझाया कि उसके पापा को मरे हुये 6 साल हो गये उसकी माँ को भी तो इन सब कि जरुरत है और अगर वो मेरी माँ को सुख दे सकता है तो उसकी माँ को मैं क्यों नहीं.

वो तैयार तो हो गया पर डरा हुआ था कि माँ कैसे मानेगी. मैंने उससे कहा कि वो मेरे ऊपर छोड़ दे पर दोस्तो उसकी माँ को मनाना इतना आसान नहीं था. मैंने बहुत सोचा फ़िर एक प्लान समझ में आया मैंने एक दिन सोनू को कहा कि किसी शादी में अगर जाना हो तो आंटी के साथ मैं जाऊँगा तभी एक दिन शादी में जाना था तो सोनू ने कहा कि माँ मुझे बुखार है आप राहुल को ले जाये उषा आंटी तैयार हो गयी, मैं उन्हें उनकी गाड़ी में ले के शादी में गया दोस्तो आज वो परी से कम नहीं लग रही थी ब्राउन कलर कि साड़ी में मस्त माल लग रही थी मन कर रहा था कि अभी चोद दूँ, फ़िर हम शादी में पहुँचे वहाँ डिनर करते वक्त मैं आंटी से कई बार टच हुआ.

फ़िर मैंने एक कोल्ड ड्रिन्क ली और सफाई के साथ उसमे नींद कि गोली डालकर आंटी को पिला दी, हम वहाँ से लोटने लगे तो राते में सुनसान राता पड़ता है. और थोड़ा सा जंगल भी है शादी भलावला में थी, आंटी नींद में थी मैंने गाड़ी रोकी और देखा आंटी सो चुकी है. मैंने आंटी को उठाया और जंगल में पेड़ो के पास ले जाकर उनके कपड़े उतारे और उनकी नंगी विडिओ बना ली (दोस्तो मैं चाहता तो उन्हें चोद भी सकता था पर मेरा लंड औरत को जागते हुये ही चोदता है और वो भी उसकी मर्जी से) फ़िर मैंने आंटी को ऐसे ही गाड़ी में डाला और उनके ऊपर उनके कपड़े डाल दिए और गाड़ी को वहीं झाडियों में पेड़ से टकर मारी और अपने माथे में थोड़ी चोट भी लगा ली..

फ़िर वहाँ से गाड़ी निकाली और घर ले आया. सोनू और उसकी बहन आई और आंटी को घर ले गयी वहाँ मैंने बताया कि हमारी गाड़ी का एक्सीडेन्ट हो गया और मैंने कुछ लोगो से मदद माँगी तो उन्होने मुझे बाँध कर आंटी के साथ रेप किया. सुबह आंटी को होश आया तो हमने उन्हें सारी बात बताई पर आंटी को यकीं नहीं हुआ तो मैंने कहा आप सो गयी थी और फ़िर एक्सीडेन्ट के कारण बेहोश हो गयी थी.अगले दिन एक कोरियर में आंटी कि नंगी विडिओ उनके पास भेजी और कहा अगर विडिओ चाहिए तो 2 लाख रुपए चाहिए…

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आंटी रोने लगी और वो ये बात अपने रिशतेदारों को भी नहीं बता सकती थी ओर 2 लाख केश कहाँ से आते मैंने कहा आंटी मैं आपकी मदद करुगां और वो विडिओ ले आऊँगा.फ़िर मैंने आंटी को वो विडिओ ला के दी जिसमें सोनू मेरी माँ को चोद रहा था, आंटी ने अकेले में वो विडिओ देखी और मुझे फोन किया कि ये वो विडिओ नहीं है तो मैंने कहा कि इसमे सोनू जिसे चोद रहा है वो मेरी माँ है और वो विडिओ मेरे पास है अगर वो भी मुझसे चूदेगी तो मैं ये विडिओ उसे दूँगा, वो मना करने लगी मैंने फोन काट दिया उसने कई बार मिलाया मैंने फोन स्विच ऑफ कर दिया, तब उसने सोनू को बहुत डाटा और कहा कि उसने ऐसा क्यों किया और अब क्या होगा। फ़िर सोनू ने कहा कि अब राहुल कि बात माननी पड़ेगी.

सोनू अपनी मम्मी को लेकर मेरे घर आया उसकी मम्मी ने मुझे समझाया कि सोनू से ग़लती हो गयी उसे माफ़ कर दो, मैंने मना किया तो वो कहने लगी कि इसमे तेरी मम्मी कि भी ग़लती है तो मैंने कहा मुझे कुछ नहीं पता मुझे माँ के बदले माँ को चोदना है. जब मैं नहीं माना तो वो गुस्से में चली गयी, मैंने सोनू को फोन करके कहा कि वो अपनी माँ को मना ले सोनू ने अपनी माँ को कहा कि माँ केवल एक बार उससे वो विडिओ ले लो फ़िर मैं सब देख लूँगा, उसकी माँ तैयार हो गयी. और उसने मुझे फोन किया मैंने उससे कहा कि आज रात कहीं जाने का बहाना बना कर अपनी माँ को मेरे घर छोड़ दे और मेरी माँ के साथ किसी होटल में रंगरलियां मना ले.

ऐसा ही हुआ सोनू ठीक 8 बजे उषा को लेकर मेरे घर आ गया और थोड़ी देर बाद मेरी माँ को लेकर जाने लगा उसकी माँ ने कहा कि तुम कहाँ जा रहे हो तो मैंने कहा कि ये लोग होटल में रात बिताएगें यहां मेरे रूम में ज्यादा जगह नहीं है. वो चले गये आंटी एक सादा साड़ी पहन कर आई थी, मैंने उन्हें माँ कि लाल साड़ी दी और तैयार होने को कहा वो थोड़ा डरी हुई थी और शर्म भी आ रही थी, मैंने उन्हें समझाया और कह कि अपनी दूसरी सुहागरात का मजा लो. फ़िर वो थोड़ा सही हुई और तैयार होने लगी मैं इतने में ऊपर चला गया.मैं ऊपर बिस्तर डाल के आंटी का इन्तजार कर रहा था. मैंने सारा इंतज़ाम कर रखा था, जैसे कि मेरी सुहागरात हो, कोंडोम भी रखा था. मैं बनियान में था. उतने में आंटी आई लेकिन आंटी भूल गयी कि आज चुदवाना है,

मैं पूरी तैयारी में था मेरा लंड खड़ा था. सेक्स बडाने के लिए सेक्सी किताब पड़ रहा था, उतने में आंटी आई, बोली क्या पड़ रहे हो, तो मैं जोश में बोला कि आज अपनी सुहागरात है ना इसलिए सेक्सी किताबे पड़ रहा हूँ. मेरा लंड खड़ा था. आंटी सिर्फ़ मेक्सी पहनकर आई थी और अंदर कुछ भी नहीं था, मेक्सी में वो एकदम सेक्सी दिख रही थी, आंटी मेरे बाजू में आ के लेट गई, मैंने हल्के से आंटी कि चूत के ऊपर हाथ फेरा मुझे मज़ा आ रहा था, मैंने आंटी कि मेक्सी को नीचे से उठाया, तो मुझे गोरी टाँगे देखी.

देखते ही मैंने चाटना शुरू किया आंटी भी मेक्सी पूरी निकाल के नंगी हो गयी, अंदर चडी नहीं थी, मैं चाट रहा था, चाटते-चाटते मैं उनकी चूत के पास गया, क्या मस्त गोरी चूत थी, क्लीन शेव था, मैं अपनी उंगली अंदर घुसा रहा था लेकिन अंदर जा नहीं पा रही थी, आंटी बोली अभी 10 साल से कुँवारी है ऐसे नहीं घुसेगी. मैं अपनी टांग आंटी के चूत पर रगड़ने लगा, आंटी के मुहँ से आआहह कि आवाज़ निकल रही थी मस्त 5 मिनट तक चाट रहा था, बाद में आंटी बोली, तड़पाओ मस्त चोदो मेरे पतिदेव, आज मुझे बहन से बीवी बनाओ, मैं आंटी के ऊपर चड़ने लगा, आंटी के बोबे एकदम टाइट थे…

मैंने एक मुहँ में लिया और एक को मसलने लगा, आंटी के पूरे बदन में आग लग गयी थी, मेरे को बहुत मज़ा आ रहा था, बाद में आंटी को मुहँ मैं फ़्रैन्च किस किया, 5 मिनट तक आंटी के लिप्स चूस रहा था.बाद में आंटी बोली तेरा लंड चुसवायेगा तो मैं जल्दी से नंगा हो गया और टाइट लंड आंटी के हाथ में दिया, आंटी ने उसे सहलाया फ़िर मुहँ में लिया और चूसने लगी, मैं तो खुशी के मारे उछल रहा था, मैं आंटी के मुहँ को चोद रहा था, आंटी बहुत टाइम तक चूस रही थी. मैं भी आंटी के मुहँ में चोद रहा था, अचानक मेरा विर्य गिरने को आया आंटी कि गदन पकड़ के ज़ोर ज़ोर से चोदा बाद में मेरा विर्य आंटी के मुहँ में गिर गया..

आंटी उसे पूरा पी गयी. मेरा लंड सकुड गया. 5 मिनट के बाद आंटी ने वापस मेरा लंड चूस के कड़क बनाया और बोली मेरी चूत में डाल दे और मेरी चूत को फाड़ दे, मैंने आंटी कि चूत के नीचे एक तकिया लगाया और मैं उसके ऊपर चड़ गया लंड को चूत के ऊपर सेट किया और लंड को घुसाने लगा लेकिन आंटी कि चूत टाइट होने के कारण चूत में लंड नहीं घुस रहा था. अभी मैं आंटी के ऊपर था, चूत में लंड को बराबर सेट करके और जोर जोर से धक्के दे रहा था आंटी भी मेरा साथ दे रही थी. मुझ से रहा नहीं गया और मैंने मुहँ में रखकर एक जोरदार शॉट लगाया वैसे आंटी दर्द के मारे चिल्ला उठीं मगर मेरे किस और बोबे दबाने से उसे मज़ा आ रहा था, आंटी कि चूत फट गई. मैं जोर ज़ोर से चोद रहा था. आंटी आआहह आआहह करके तड़प रही थी मैं पूरे जोश में था.मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा, आंटी भी चूत उठा के साथ दे रही थी,

बटर कि वजह से पिच-पिच-पिच कि आवाज रूम में गूँज रही थी. बाद में आंटी ने मुझे कस के पकड़ लिया और बोली जोर ज़ोर से चोद मेरी चूत को भोसड़ा बना दे बहनचोद, मैं समझ गया आंटी झड़ने वाली है मैं भी जोर ज़ोर से चोदने लगा, और आंटी कि चूत से गरम वीर्य निकल गया. उसके बाद मैंने आंटी को खूब चोदा बाद में मैंने आंटी को कहा आंटी मैं झड़ने वाला हूँ, तो आंटी बोली मेरी चूत में झड़ ज़ा मैंने अपनी रफ़्तार बड़ाई और आंटी कि चूत में झड़ गया, और मैं शांत हो गया और आंटी के ऊपर सो गया, बाद में आंटी को मैं रोजाना चोदता और वीर्य चूत में छोड़ देता.

आंटी भी आई -पिल खाती थी.

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कश्मीर का सफर https://sexstories.one/kashmir-ka-safar-me-chudi/ Tue, 11 Jan 2022 08:03:17 +0000 https://sexstories.one/?p=5092 मैंने जोश मेँ आके अपनी नाईटइ उतार दी और अपने बूब्स को जोर जोर से दबाने लगी मैं ठण्ड मैं भी पसीना पसीना हो रही थी मैं जोर जोर से बेलन को अंदर दाल रही थी.. पर बेलन का पतला डंडा मेरी चुत को कसावट नहीं दे पा रहा

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Safar me Chudi – मेरा नाम पूनम लखनऊ की रहने वाली हूँ मेरी उम्र 33 साल है मेरे पति 3 साल पहले एक एक्सीडेंट में वो नहीं रहे.. मेरी कोई औलाद नहीं है है क्यूंकि हमारी शादी के 3 से साल के अंदर वो नहीं रहे और तब तक हम लोगो ने बच्चे की कोई प्लानिंग नहीं की थी.. खैर जो हुआ सो हुआ मेरे पति के पास पैसा काफी था घर बड़ा था तो मुझे कोई दिक्कत होती थी.. ऐस और आराम की हर चीज़ मेरे पास थी बस नहीं था तो प्यार हा हां वही बिस्तर वाला प्यार तो बस ये कहानी उसी बिस्तर वाले प्यार को पाने की कहानी है अच्छी लगे तो जरूर बताइयेगा /

एक दिन की बात है मेरी एक फ्रेंड दिल्ली से लखनऊ आयी तो मुज से मिलने आयी

टिंग टोंग

मैं दरवाज़ा खोलती हूँ

अरे रजनी ओह माय गॉड इतने दिनों बाद अचानक

रजनी:- अरे है यार वो मैं लखनऊ आयी थी सोचा मिल लून तुज भी।

पूनम :- अरे यार थैंक्स अऊ अंदर आओ

रजनी :- बिलकुल यार अपना है

पूनम :- बिलकुल तुम्हारा हे घर है

पूनम :- रुक तू मैं चाय लाती हूँ ओके

रजनी :- अरे नहीं रुक यहाँ इतने दिनों बाद मिले है चाय छोर और बता क्या हो रहा है आज कल

पूनम :- कुछ नहीं तू बता

रजनी :- मैं क्या बताऊ और बताओ अच्छा जीजू कहा है

पूनम :- जीजू तुम्हे कुछ पता नहीं चला क्या

रजनी :- नहीं क्या हुआ कोई बात क्या

पूनम :- साल पहले एक्सीडेंट हो गया था

रजनी :- ओह्ह सॉरी बहन

पूनम :- कोई बात नहीं

फिर हम लोग इधर उधर की पुराणी बाते नई बाते करने लगते है घंटो बैठे रहते है पति के जाने बाद क्या क्या हुआ क्या नहीं मेरी हताश जिंदगी यू ही सांत पानी की तरह मायूस जिंदगी ये सब होती रही

फिर उसने अपना फ़ोन निकला और मुझे कुछ फोटो दिखने लगी गोवा की पिक्स हिमाचल की पिक्स और कश्मीर की पिक्स मुझे बहुत अच्छा लगा बातो बातो में उसने कहा तुम भी कही घूम आओ थोड़ा मूड फ्रेश होगा

पूनम :- मैं अकेले कहा जाऊ यार

रजनी :- क्यों नहीं तभी तो और मज़े कही भी आओ जाओ कोई रोक टोक नहीं हम्म

पूनम :-बात तो सही है लेकिन जाऊ कहा

रजनी :- तू न कश्मीर जा वहा इस समय खूब ठण्ड होगी बर्फ होगी मज़े ले जाके

पूनम:- हम्म चलो देखती हूँ

ये सब बाते होते होते कब रात हो गयी पता हे चला

रजनी से मैंने रुकने को बोला तो वो मान गयी और रात वही रुक गयी

हम लोग खाना खा के सोने चले जाते है

बिस्तर पर भी हम देर तक बाते करते रहते है और फिर 12 बजे करीब सो जाते है

कुछ देर बाद हे शायद मैं काफी गहरी नींद में चली गयी

मुझे एहसास हुआ की मेरी जंगो पर से कोई हाथ फेरता हुआ मेरी चुत तक ला रहा था

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मेरी आंखे बंद थी मैं देख नहीं पा रही थी और न हे आंखे खोलना चाहती थी

धीरे धीरे वह हाथ सिर्फ मेरी चुत की दरारों को सहलाने लगा पर कोण था वो रजनी तो नहीं हा लेकिन वो इस

तरह थी नहीं फिर भी पर क्या हुआ मुझे अच्छा लग रहा था वो एहसास मैं ने थोड़ी से टांगे फैलाई रजनी जान गयी की मैं कुछ चाहती हूँ उसने वहा से हाथ हटा के पीछे ले मुझे बुरा लगा लेकिन अगले पल फिर वो हाथ मेरी चुत पर आ मैं सिहर गयी अह्ह्ह अहह सससससस मैं अपने बाल पकड़ ले रजनी ने एक ऊँगली मेरी चुत मैं दाल दी उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह मैं कुछ नहीं समझ पा रही थी तब तक उसने मेरी ३४ की गोलाई चूची को मसलना सुरु कर दिया उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ फूउ शह्ह्ह्ह शह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह

प्लस रजनी करो उसने मेरे ऊपर मेरे होंटो को चूमना सुरु कर दिया

हम दोनों बेतहाशा एक दूसरे की होटो को चूमने लगे

वो अपनी टांग]को मेरी छूट पर रगड़ रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था

अह्ह्ह अह्ह्ह उफ्फफ्फ्फ़

मैं भी अपनी पूरी ताकत से चुत उसके पैरो पर रगड़ रही थी ये एहसास मुझे पागल कर रहा था

रजनी मेरे ऊपर से हट कर मेरी छूट चाटने लगती है

अह्ह्ह्ह

अह्ह्ह्हह

रजनी उफ्फफ्फ्फ़ क्या कर दिया

उफ़्फ़्फ़ा

उफ्फ्फ्फ़ उसने फिर एक ऊँगली डाली उफ्फ्फ्फ़

अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह उफ्फ्फ

रजनी जोर से जोर से करो और तेज़

उफ्फ्फ्फ़ाआ

रजनी की जीब मुझे मदहोस कर रही थी उसकी उंगली मुझे पागल

रजनी :- उठो पूनम

रजनी:-पूनम पूनम

Sexy story सालियों की अदला-बदली

और मेरी आंख खुल जाती ये हसीन सपना टूट जाता है रजनी मुझे बाय करके चली जाती मैं कुछ बोल नहीं पाती

लेकिन कोई बात नहीं ये सपना पहली बार नहीं था लेकिन एहसास अनोखा था

मैं उठ किचेन में जाती हूँ और फ्रिज खोल कर कुछ लम्बा ढूंढ़ती हूँ लेकिन कुछ नहीं था मैं पागल होने लगती हूँ फिर मेरी नजर बेलन पर पड़ती मैं

उसको उठा लेती और बाथरूम मैं जाती हूँ कमोड पर चुत को ऊपर कर के बैठ जाती हूँ

मेरी चुत एक दम गीली थी मैं बेलें को अंदर डाला

और जोर जोर अंदर बाहर करने लगती हूँ मेरी भवनए आसमान चुने लगती है और मेरी

अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह ाऊऊऊ अह्ह्ह्ह

मैं जोर जोर अंदर बाहर कररही थी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह

मैंने जोश मेँ आके अपनी नाईटइ उतार दी और अपने बूब्स को जोर जोर से दबाने लगी मैं ठण्ड मैं भी पसीना पसीना हो रही थी मैं जोर जोर से बेलन को अंदर दाल रही थी

पर बेलन का पतला डंडा मेरी चुत को कसावट नहीं दे पा रहा

था मैं यू ही नंगे नंगे फिर फिर बाहर आयी कुछ ढूंढ़ने लगी मुझे कुछ नहीं मिल रहा था तभी मुझे आवाज़ आयी आलू ले लो टमाटर ले लो मैं झट से अपनी नाईटइ पहनी और दुपट्टा लिया और नीचे गयी मैंने १ कग आलू टमाटर मिर्च ली ताकि कोई सुबह सुबह सब लम्बे लम्बे ले रहे है तो शक न हो फिर मैंने गाजर ली बैंगन लिया और केले कच्चे लिए और ऊपर आ गयी और फिर एक केला तोडा और मुँह मैं दाल कर चूसने लगी और सोफे पर टांगे फैला के अंदर डालने लगी अब्ब थोड़ा लुंड का एहसास हुआ

बस कोई झटके देने वाला होता तो मज़ा आ जाती मैं जोर जोर से डालती रही फिर मेरी नज़र एक बैगन पर पड़ी जो केले से ज्यादा मोटा और लंबा था मैंने उसे उठाया और केला को मुँह मैं और बैगन को छूट मैं दाल लिया अब्ब हहहह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह्हह्ह्ह्ह अह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्हह्ह्ह्ह अह्हह्ह्ह्ह मैं छूट गयी मैं छूट गयी मैं छूट गयी

अब होश आया बैगन अभी चुत मैं ही था उसकी कसावट अब मुझे दर्द देने लगी थी मैं धीरे से उसे बहार किया और साथ साथ मेरे चुत की लार भी टपकने लगी सब शांत हो गया होश भी था पर अफ़सोस था की यही पल अगर किसी मर्द के साथ होता तो अभी तक उसकी बहे मुझे कस रही होती

मैंने नहाया धोया चाय बनाई फिर बैठ कर टी.व् देखने लगी न्यूज़ देखने का भी मन हुआ लगा दी न्यूज़ पर अगले हसीन पल की तस्वीर आ रही थी

न्यूज़ पर कश्मीर की बर्फ भरी वादियों के चर्चे हो रहे थे

वहा गिर रही बर्फ मौसम की न्यूज़ चल रही थी मुझे रजनी की कही बात याद आ गयी मैंने कुछ देर सोचा फिर नेट से एक ट्रेवल एजेंट नम निकला और उससे पूछा की क्या खर्च होगा और सब बाते करके मैंने उससे ३ दिन बाद की टिकट कराने और होटल बोल दिया और मैं तइयारी मैं लग गयी….

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सालियों की अदला-बदली https://sexstories.one/saaliyon-ki-adla-badli/ Fri, 31 Dec 2021 07:38:08 +0000 https://sexstories.one/?p=3504 कासिम ने धीरे से अपना हाथ नाजिया की चूंचियों की तरफ़ बढाया । वह कुछ नही बोली । कासिम ने हाथ फेरना शुरू किया नाजिया ने ऐतराज़ नही किया । कासिम की हिम्मत बढ़ी उसने चूंचियां दबा दी । नाजिया कुछ नही बोली...

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Saaliyon ki adla badli – अभी तक आप बीवियों की अदला बदली करते आयें है । सुनते भी आए है । समाज में बड़ा कामन है । क्या आप जानते है की उसी तरह सालियों की भी अदला बदली हो सकती है । अदला बदली का मतलब तुम मेरी साली चोदो मैं तुम्हारी साली चोदूं । कुछ लोग बीवी की चुदाई से ज्यादा मज़ा साली को चोद कर लेते है । ऐसी दशा में साली की अदला बदली करके चुदाई का दुगुना मज़ा लिया जा सकता है । और जब सालियों की शादी हो जाए तो वे बीवियों की अदला बदली में अपने आप सामिल हो जाएँगी .

चलिए मैं आपको एक ऐसे व्यक्ति से मिलवाता हूँ जिसने अपने दोस्त की साली को चोदा और अपनी साली को दोस्त से चुदवाया वह भी आमने सामने अब सुनिए वे क्या बातचीत कर रहे है :-

कासिम अपने दोस्त से बोला :- यार, अली मेरा दिल तेरी साली पर आ गया है । उसके नाम से मेरा लौडा खड़ा हो जाता है । मैं चाहता हूँ की तुम अपनी साली को पटाकर ले आओ । मैं उसको मजे से चोदना चाहता हूँ । बदले में तू मेरी बीवी को चोद ले । मैं वादा करता हूँ की मेरी बीवी तुमको बड़े प्यार से अपनी बुर देगी । तेरा लौडा मस्त कर देगी । एकबार नही कई बार चुदवा लेगी तुमसे ।

अली ने जबाब दिया :- हां यार तुमने ठीक कहा , मैं तो तेरी बीवी को चोदने के चक्कर में पहले से ही था । वह जब चलती है तो मेरे लौड़े में सुरसुरी होने लगती है । लेकिन यार साली तो तेरी भी है । गदराये बदन वाली साली । उसकी चूत मुझे दिलवा दो न यार । बदले में तुम भी मेरी बीवी चोद लेना । मेरी बीवी लौडा खूब मन लगाकर चूसती है पूरा का पूरा मुह में घुसेड लेती है लंड । मज़ा आ जाएगा तेरे लंड को । रही मेरी साली शब्बो की बात तो मैं उसकी बुर तुमको दिलवा दूँगा । हां वह भी जवान हो गयी है । २२ साल की है चूंचियां बड़ी हो गयी है ।

कासिम :- अच्छा वो मेरी बीवी के मामा की लड़की नाजिया । हां यार तुमने खूब याद दिलाया । उसको तो मैं भूल ही चुका था । जवान तो हो गयी है बुर चोदी । चूंचियां बड़ी बड़ी हो गयी है उसकी । लांड तो मजे से चूसेगी वो । मैं वादा करता हूँ की वह तुम्हारा लौडा जरुर पकड़ेगी ।

अली अपने काम में लग गया । वह जल्दी से जल्दी इस काम को करना चाहता था क्योकि उसका मन कासिम की बीवी को चोदना था । उधार वादे के मुताब्बिक कासिम अपनी साली शब्बो को पटाने में लग गया । वह शब्बो को घुमाने ले जाने लगा। उससे मीठी मीठी बातें करने लगा । धीरे धीरे मजाक ज्यादा करने लगा । और आगे बढ़ा तो उससे अश्लील बातें करने की कोशिश करने लगा ।

एक दिन अली बोला :- शब्बो जानती हो साली को आधी घरवाली क्यों कहा जाता है ?

शब्बो :- नही मैं नही जानती । तुम बताओ न जीजा जी ।

अली :- देखो बीवी के साथ तो सब कुछ किया जाता है लेकिन साली के साथ आधा किया जाता है ।

शब्बो :- क्या किया जाता है जीजा जी , ठीक से बताओ न

अली :- मैं अगर बता दूँ तो तुम बुरा तो नही मानोगी ।

शब्बो :- मैं कहा बुरा मानने वाली । मैं बिल्कुल नाराज़ नही हूँगी , बताओ न

अली :- देखो बीवी को चोदा जाता है लेकिन साली को नही ।

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शब्बो :- किसने कहा ये बात

अली :- चोदना जानती हो ?

शब्बो :- आप बड़े वो है जीजा जी , मुझसे पूंछते है , क्या आप नही जानते है ?

अली :- अरे मैं तो जनता ही हूँ लेकिन क्या तुम भी जानती हो ?

शब्बो :- हां मेरी सहेली कहती है हो सकता है । वो तो अपने जीजा से करवाती है । एक आप है जो ये वो कह रहे है । तुम्हारी जगह कोई और होता तो अब तक कर चुका होता ।

अली :- देखो, कर तो मैं भी दूंगा लेकिन पहले चोदने का मतलब बताओ ?

शब्बो :- अन्दर घुसेड़ना और क्या ।

अली :- क्या घुसेड़ना बोलो न साफ साफ ?

शब्बो :- (उसने अली के लंड पर हाथ रख कर कहा ) ये घुसेड़ना ।

अली :- ये क्या है, इसको क्या कहते है ?

शब्बो :- जीजा तुम इतने बड़े हो गए हो , तुम्हारी शादी हो गयी है । तुमको अपनी चीज का नाम नही मालूम है क्या ? तुम दीदी को क्या दे पावोगे ?

अली :- नाम तो मुझे मालूम है लेकिन मैं चाहता हूँ की तुमको भी मालूम हो जाए । बोलो क्या कहते इसे ?

शब्बो :- मुझे शर्म आ रही है । कैसे बताऊँ ?

अली :- बताओ न मेरी जान । एक बार तो बताओ मेरी प्यारी सी साली जी इसको क्या कहते है ?

शब्बो :-‘ लंड ‘ कहते है और क्या । बस सुन लिया मेरे मुह से ‘लंड’ लो और सुनो ‘ लंड ‘ ‘ लंड’ ‘लंड ‘

अली :- और क्या कहते है ?

शब्बो :- और ‘लौडा ‘ कहते है बस

अली :- और क्या कहते है ?

शब्बो :- अरे बाबा ‘लांड’ भी कहते है । बस अब खुश हो ।

अली :- हां अब मैं खुश हूँ ।

शब्बो :- खुश हो तो दिखाओ अपना लंड । मैं अभी देखना चाहती हूँ इसी वख्त और सुनो साली आधी नही पूरी घरवाली होती है । चोदना के माने है लौडा चूत में पेलना । अब पेलो अपना लंड मेरी चूत में तब जाने दूँगी । अली ने उस दिन शब्बो को मजे से चोदा । उधर कासिम नाजिया के चक्कर में घूम रहा था । एक दिन उसने कहा नाजिया , चलो तुमको फ़िल्म दिखा लायें । नाजिया तैयार हो गयी । कासिम उसे उस पिक्चर हाल में ले गया जहाँ बहुत कम लोग थे और जाकर पीछे बैठ गया । अगल बगल कोई नही था । पूरे हाल में ७/८ लोग ही थे ।

कासिम ने धीरे से अपना हाथ नाजिया की चूंचियों की तरफ़ बढाया । वह कुछ नही बोली । कासिम ने हाथ फेरना शुरू किया नाजिया ने ऐतराज़ नही किया । कासिम की हिम्मत बढ़ी उसने चूंचियां दबा दी । नाजिया कुछ नही बोली । कासिम और आगे बढ़ गया । तब तक उसका लंड खड़ा हो चुका था । उसने नाजिया का हाथ पकड़ कर पैंट के ऊपर से ही अपने लंड पर रखा और कान में कहा इसे पकड़ो ज़रा प्लीज । नाजिया ने लंड छुआ और हाथ फ़ौरन हटा लिया । कासिम ने कहा अरे क्या हुआ नाराज़ हो गयी हो क्या ? वह बोली नाराज़ नही कितना बड़ा है तुम्हारा ?

कासिम का लंड यह सुनकर और टन्ना गया । कासिम ने पूंछा क्या बड़ा है हमारा ? उसने जबाब दिया तुम्हारा लंड और क्या ? अब तो उसका लौडा काबू के बाहर हो गया । कासिम ने मौका देखकर लंड पैंट के बाहर निकल लिया और उसका हाथ पकड़ कर लंड पर रखा और कहा लो पकड़ लो न यार यहं कोई नही है । नाजिया ने लंड मूठी में लिया बोली अरे कितना गरम है , कितना मोटा है , कितना सख्त है । नाजिया धीरे धीरे लंड को मुठियाने लगी । उसने भी अपनी चूंचियां खोल दी । लंड के साथ उसे भी चूंचियां मसलवाने का मज़ा मिल रहा था। फ़िल्म देखने के बाद वो दोनों घर आ गए । दूसरे दिन मौका देखकर कासिम ने नाजिया को चोद दिया ।

चोदते हुए कासिम ने कहा :- यार नाजिया एक मेरा दोस्त है क्या तुम उसका लंड पकड़ लोगी ?

नाजिया :- क्यों नही ?

कासिम :- तेरी दीदी तो बुरा नही मानेगी ?

नाजिया :- दीदी भी तो शादी के पहले लंड पकड़ती थी । मैंने तो कई बार देखा । २/३ बार तो मैंने उनके साथ ही लंड पकड़ा । मेरी और दीदी की उमर में केवल दो साल का ही तो फरक है ।

कासिम :- मेरा दोस्त तुम्हे चोदने के लिए बेक़रार है

नाजिया :- ठीक है मैं चुदवा लूंगी लेकिन लौडा मस्त होना चाहिए । अगर लंड मेरे मन का हुआ तो यकीन मानिये ऐसा चुदवाऊँगी की वह ज़िन्दगी भर भूल नही पायेगा । उसकी बीवी भी ऐसा नही चुदवा सकती । दो दिन के बाद कासिम और अली दोनों मिले। कासिम नेकहा यार तुम्हे मुबारक हो मेरी साली मान गयी है बस तारीख और जगह तय कर लो । अली ने कहा वाह क्या इत्तिफाक है मेरी भी साली तैयार है । अब तो मज़ा ही मज़ा । अली का एक दोस्त था । उसका घर खाली था । उसकी चाभी अली के पास रहती थी , अली ने कहा बस काम बन गया अब मैं उसके घर जा रहा हूँ अपनी साली के साथ तुम भी वहीँ आ जाओ अपनी साली को लेकर ।

थोड़ी देर में वे चारों मिले । अली ने अपनी साली शब्बो से सबको मिलवाया और कासिम ने अपनी साली नाजिया से सबको मिलवाया । अली ने कहा यार थोड़ी हो जाए तो मज़ा और ज्यादा आएगा क्या नाजिया पी लेगी ? शब्बो तो पीती है मुझे मालूम है इतने में नाजिया ने कहा मुझे कोई परहेज नही है मैंभी मजे से पीती हूँ । अब चारों के हाथ में दारू के गिलास ऐयासी का कार्य क्रम चालू हो गया । अली ने कहा देखो शब्बो मेरा दोस्त कासिम तुम्हे बहुत चाहता है । शब्बो ने जबाब दिया ठीक है मैं कासिम के साथ बैठ जाती हूँ । कासिम ने कहा यार नाजिया मेरा दोस्त अली तुमको बहुत पसंद करता है ।

नाजिया उठी और अली के बगल में बैठती हुई बोली अच्छा तुम दोनों अपनी अपनी सालियाँ बदल कर मज़ा लुटाना चाहते हो । ठीक है लूटो हम भी अपने अपने जीजा बदल कर मज़ा लेगें । अली ने नाजिया की चूंचियों पर हाथ फिराने लगा । उधर कासिम ने शब्बो की चूंचियां पकड़ लीं । थोड़ी देर में दोनों की चूंचियां नंगी नंगी बाहर आ गयी और ब्रा को फेक दिया गया । फ़िर दोनों ने अपने पेटी कोट उतार डाले । नीचे कुछ था ही नही शिवाय चूत के और गांड के । दोनों सालियों को नंगी नंगी देखकर दोनों के लंड खड़े हो गए । सालियों ने देर नही लगाई दोनों को नंगा कर दिया और झट से उनके लंड पकड़ लिए ।

दोनों ही लंड हाथ में आते गनगना उठे । शब्बो बोली :- वाह क्या मस्ती है नाजिया , देख तेरे हाथ में मेरे जीजा का लंड , मेरे हाथ में तेरे जीजा का लंड । नाजिया ने जबाब दिया :- दोनों लौड़े साले एक से एक बढ़कर है , आज तो मैं खूब मस्ती से चुदवाऊँगी । इतना कह कर वह लंड चूसने लगी । शब्बो ने भी लौडा मुह में लिया ।

फ़िर शब्बो ने कासिम का लौडा पकड़ कर अपनी चूत में घुसेड कर कहा ले भोसड़ी के चोद ले मेरी चूत , कस कस कर चोद , पूरा लौडा पेल दे । उधर नाजिया ने अली का लंड बुर में पेलवाया और कहा ले इसी बुर के लिए तरस रहा था तू मादर चोद , ले बहन चोद चोद ले मुझे , घुसेड दे अपना घोड़े जैसा लंड । इन दोनों सालियों ने खूब जम कर चुदवाया । शब्बो बोली देख कासिम तेरी माँ की चूत , साले मुझे चारों तरफ़ से चोद ले और आखिर में मैं मुठ्ठ मार कर लंड झडवाऊँगी । उधर नाजिया ने भी यही कहा । अली और कासिम ने उस दिन इन दोनों सालियों को कई बार चोदा । कई बार लंड चुसवाये ।

अली ने कहा :- यार ऐसा मज़ा चुदाई का आज मिला है जो पहले कभी नही मिला ।

अली :- हां जानते हो क्यों ? यह सालियों को अदल बदल कर चुदाई का करिश्मा है ।

कासिम :- यार अब हम दोनों अपनी अपनी बीवियाँ अदल बदल कर चोदेंगें । मेरी बीवी तो बिल्कुल तैयार है ।

अली :- हां मैं तैयार हूँ और मेरी बीवी भी तैयार है। चलो आनेवाले शनिवार की रात को हो जाए।

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मां का प्यार https://sexstories.one/maa-ka-sexy-pyar/ Fri, 31 Dec 2021 07:32:23 +0000 https://sexstories.one/?p=3512 तभी मेरे मन मे माँ की सुबह वाली बात चेक करने का विचार आया और मैने अपनी लुंगी का सामने वाला हिस्सा थोडा खोल दिया जिस से मेरा लंड खड़ा होकर बाहर निकल गया और अपने हाथो को अपनी आँखो पर...

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Maa Ka Pyar – मेरे घर मे में, मेरी माँ, मेरी पत्नी और मेरी बहन है, मेरी बहन की शादी हो चुकी है और वो अपने ससुराल मे रहती है। में अपनी माँ और पत्नी के साथ यहाँ कोलकाता मे रहता हूँ, हम लोग बनारस (उ.प.) से यहाँ बचपन मे ही आ गये थे और यही बस गये. मेरी उम्र 28 साल की है और मेरी पत्नी 24 की है. मेरी सास और मेरी साली अभी भी बनारस के पास एक गांव मे रहते है. और साल मे 2-3 महीने हमारे यहाँ आते है. सच पूछो तो मेरा घर एक स्वर्ग है, जहाँ किसी भी तरह की कोई मना नही, में आपको शुरू से ही ये सारी बातें बताता हूँ।

यह बात मेरे बचपन की है, घर पर मेरी माँ, मेरी दीदी और में सब साथ रहते थे, मेरी उम्र करीब 18-19 के आस पास थी. मेरी लंबाई 5’7” की है. मेरी दीदी की उम्र 18 साल हे, उसकी स्पोर्ट्स मे रूचि थी और वो स्टेडियम जाती थी. मेरी माँ टीचर है, उसकी उम्र 37-38 की होगी, मगर देखने मे किसी भी हालत मे 31-32 से ज्यादा की नही लगती थी. माँ और दीदी एकदम गोरे है. माँ मोटी तो नही लेकिन भरे शरीर वाली थी और कुल्हे उनके चलने पर हिलते थे. उनकी शादी बहुत जल्दी हो गयी थी, मेरी माँ बहुत सुंदर और हँसमुख है।

वो जिंदगी का हर मज़ा लेने मे विश्वास रखती है, हालाकि वो सबसे ओपन नहीं होती है पर मैने उसे कभी किसी बात पर गुस्सा होते हुए नही देखा. ये बात उस समय की जब मैं 9th मे था और हर चीज के बारे मे मेरी इच्छा बढ़ रही थी स्पेशली सेक्स के बारे मे. मेरे स्कूल के दोस्त अक्सर लड़की पटा कर मस्त रहते थे उन्ही मे से दो तीन दोस्तो ने अपने परिवार के साथ सेक्स की बाते भी बताई तो मुझे बड़ा अज़ीब लगा. मैने माँ को कभी उस नज़र से नही देखा था पर इन सब की बातों को सुन-सुन कर मेरे मन मे भी इच्छा बढ़ने लगी और मै अपनी माँ को ध्यान से देखने लगा, चूँकि गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी और में हमेशा घर पर ही रहता था।

घर मे, में माँ के साथ ही सोता था और दीदी अपने कमरे मे सोती थी, माँ मुझे बहुत प्यार करती थी, माँ, दीदी और में आपस मे थोड़ा खुले हुए थे, हालाकि सेक्स करने की कोई बात तो नही हुई थी पर माँ कभी किसी चीज का बुरा नही मानती थी और बड़े प्यार से मुझे और दीदी को कोई भी बात समझाती थी, कई बार अक्सर उत्तेजना की वजह से जब मेरा लंड खड़ा हो जाता था और माँ की नज़र उस पर पड़ती तो मुझे देख कर धीरे से मुस्कुरा देती और मेरे लंड की तरफ इशारा करके पूछती कोई परेशानी तो नही है, में कहता “नही” तो वो कहती कोई बात नही… तो में भी मुस्कुरा देता, वो खुद कभी-कभी हम दोनो के सामने बिना शर्माये एक पैर बेड पर रख कर साड़ी थोड़ा उठा देती और अन्दर हाथ डालकर अपनी चूत खुजलाने लगती, नहाते समय या हमारे सामने कपड़े बदलते वक़्त अगर उसका नंगा बदन दिखाई दे रहा हो तो भी कभी भी शरीर को ढकने या छुपाने की ज़्यादा कोशिश नही की, ऐसा नही था की वो जान बुझ कर दिखाने की कोशिश करती हो, क्यों की इन सब के बाद भी मैने उसकी या दीदी की नंगी चूत नही देखी थी, बस वो हमेशा हमे नॉर्मल रहने को कहती और खुद भी वैसे ही रहती थी।

धीरे धीरे में माँ के और करीब आने की कोशिश करने लगा, और हिम्मत कर के माँ से उस वक़्त पास आने की कोशिश करता जब मेरा लंड खड़ा होता, मेरा खड़ा लंड कई बार माँ के बदन से टच होता पर माँ कुछ नही बोलती थी. इसी तरह एक बार माँ किचन मे काम कर रही थी और माँ की हिलते हुए कुल्ले देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने अपनी किस्मत आज़माने की सोची और भूख लगने का बहाना करते हुए किचन मे पहुँच गया, और माँ से बोला “माँ भूख लगी है कुछ खाने को दो.. ” और ये कहते हुए माँ से पीछे से चिपक गया, मेरा लंड उस समय पूरा खड़ा था और मैने अपनी कमर पूरी तरह माँ के कुल्हे से सटा रखी थी जिसके कारण मेरा लंड माँ के कुल्हो के बीच तोडा सा घुस गया था. माँ हंसते हुए बोली “क्या बात है आज तो मेरे बच्चे को बहुत भूख लगी है..” “हां माँ, बहुत ज्यादा, जल्दी से मुझे कुछ दो..” और मैने माँ को और ज़ोर से पीछे से पकड़ लिया और उनके पेट पर अपने हाथो को कस कर दबा दिया, कस कर दबाने की वज़ह से माँ ने अपने कुल्ले थोड़े पीछे किये जिससे मेरा लंड थोडा और माँ के कुल्हे के बीच मे घुस गया, उत्तेजना की वज़ह से मेरा लंड झटके लेने लगा पर में वैसे ही चिपका रहा और माँ ने हंसते हुए मेरी तरफ देखा पर बोली कुछ नही।

फिर माँ ने जल्दी से मेरा खाना लगाया और थाली हाथ मे लेकर बरामदे मे आ गई, में भी उसके पीछे पीछे आ गया, खाना खाते हुए मैने देखा तो माँ मुझे और मेरे लंड को देख कर धीरे धीरे हंस रही थी, जब मैने खाना खा लिया तो माँ बोली की अब तू जाकर आराम कर में काम कर के आती हूँ… पर मुझे आराम कहा था में तो कमरे मे आकर आगे का प्लान बनाने लगा की कैसे माँ को चोदा जाए. क्योंकि आज की घटना के बाद मुझे पूरा विश्वास था की अगर में कुछ करता भी हूँ तो माँ अगर मेरा साथ नही देगी तो भी कम से कम नाराज़ नही होगी, फिर ये ही हरकत मैने 5-6 बार की और माँ कुछ नही बोली तो मेरी हिम्मत बढ़ी।

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एक रात खाना खाने के बाद में कमरे मे आकर लाइट ऑफ कर के सोने का नाटक करने लगा, थोड़ी देर बाद माँ आई और मुझे सोता हुआ देख कर थोड़ी देर कमरे मे कपड़े और समान ठीक किया और फिर मेरे बगल मे आकर सो गई, करीब एक घंटे के बाद जब मुझे विश्वाश हो गया की माँ अब सो गयी होगी तो मै धीरे से माँ के ऊपर सरक गया और धीमे धीमे अपना हाथ माँ के कुल्हो पर रख कर माँ को देखा जब माँ ने कोई हरकत नही की तो में उनके कुल्हो को सहलाने लगा और उनकी साड़ी के ऊपर से ही दोनो कुल्हो और गांड को हाथ से धीमे धीमे दबाने लगा।

जब उसके बाद भी माँ ने कोई हरकत नही की तो मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ी और मैने माँ की साड़ी को हल्के हल्के ऊपर खिचना शुरु किया, ऊपर करते करते जब साड़ी कुल्हो तक पहुँच गई तो मैने अपना हाथ माँ की कुल्हो और गांड के ऊपर रख कर थोड़ी देर माँ को देखने लगा, पर माँ ने कोई हरकत नही की, फिर में अपना हाथ उनकी गांड के छेड़ से धीरे धीरे आगे की और करने लगा, पर माँ की दोनो जांगे आपस मे सटी हुई थी जिससे में उन्हे खोल नही पा रहा था. फिर मैने अपनी दो उंगलिया आगे की और बड़ाई तो मेरी सास ही रुक गई. मेरी उंगलिया माँ की चूत के ऊपर पहुँच गई थी।

फिर मैने धीरे धीरे अपनी उंगलियो से माँ की चूत सहलाने लगा, माँ की चूत पर बाल महसूस हो रहे थे, चूँकि मेरे लंड पर भी झांटे थी तो में समझ गया की ये माँ की झांटे है, इतनी हरकत के बाद भी माँ कुछ नही कर रही थी तो मैने धीरे से अपनी पूरी हथेली माँ के चूत पर रख दी और चूत के दोनो होंठो को एक एक कर के छूने लगा, तभी मुझे महसूस हुआ की माँ की चूत से कुछ मुलायम सा चमड़े का टुकड़ा लटक रहा है।

जब मैने उसे हल्के से खींचा तो पता चला की वो माँ की चूत की पूरी लंबाई के बराबर चूत यानी ऊपर से नीचे तक की लंबाई मे बाहर की तरफ निकला हुआ था और जबरदस्त मुलायम था।

उस समय मेरा लंड इतना टाइट हो गया था की लगा जैसे फट जाएगा, में धीरे से उठ कर बैठ गया और अपनी शर्ट उतार कर लंड को माँ के कुल्हे से सटाने की कोशिश करने लगा पर कर नही पाया तो में एक हाथ से माँ की चूत मे उंगली डाल कर बाहर निकले चमड़े को सहलाता रहा और दूसरे हाथ से मुठ मारने लगा. 2-3 मिनट मे ही मैं झर गया पर जब तक में अपना जूस रोक पाता वो माँ के कुल्हो पर पूरा गिर चूका था, ये देख कर में बहुत डर गया और चुपचाप शर्ट पहन कर माँ को वैसा ही छोड़ कर सो गया. सुबह जब में उठा तो देखा की माँ रोज की तरह अपना काम कर रही थी और दीदी हाकी की प्रेक्टीस जो सुबह 6 बजे ही शुरू हो जाती थी, जा चुकी थी में डरते डरते बाथरूम की तरफ जाने लगा तो माँ ने कहा आज चाय नही मांगी तूने…

तो मैने बात पलटते हुए कहा की “हा पी रहा हूँ, पेशाब कर के आता हूँ..”, जब में बाथरूम से वापस आया तो देखा माँ बरामदे मे बैठी सब्जी काट रही थी और वही पर मेरी चाय रखी हुई थी. में चुपचाप बैठ कर चाय पीने लगा तो माँ मेरी तरफ देख कर हंसते हुए बोली की “आज बड़ी देर तक सोता रहा हां माँ नींद नही खुली..” तो माँ बोली “एक काम किया कर आज से रात को और जल्दी सो जाया कर..” ये कह कर वो हंसते हुए किचन मे चली गयी. जब मैने देखा की माँ कल रात के बारे मे कुछ भी नही बोली तो में खुश हो गया. उस दिन पूरे दिन मैने कुछ भी नही किया, मेने सोच रखा था की अब में रात को ही सब कुछ करूँगा जब तक या तो माँ मुझसे चुदाई के लिए तैयार ना हो या मुझे डाट नही देती. रात को में खाना खा कर जल्दी से रूम मे आकर सोने का नाटक करने लगा, थोरी देर मे माँ भी दीदी के साथ आ गई।

उस दिन माँ बहुत जल्दी काम ख़त्म करके आ गई थी, खैर में माँ के सोने का इंतजार करने लगा. थोरी ही देर मे दीदी के जाने के बाद माँ धीरे से बेड पर आकर लेट गई करीब एक घंटे तक लेटे रहने के बाद मैने धीरे से आँखे खोली और माँ की तरफ सरक गया, थोड़ी देर मे जब मैंने बरामदे की हल्की रोशनी मे माँ को देखा तो चौंक गया. माँ ने आज साड़ी की जगह नाईटी पहन रखी थी और उन्होने अपना एक पैर थोडा आगे की तरफ कर रखा था।

फिर मैने सोचा की अगर ये किस्मत से हुआ तो अच्छा है और अगर माँ जानबूझ कर यह कर रही है तो माँ जल्दी ही चुद जाएगी. उस रात मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ी हुई थी, थोड़ी देर नाईटी के ऊपर से माँ का कुल्ले सहलाने के बाद मैने धीरे से माँ की नाईटी के सामने का बटन खोल दिया और उसे कमर तक पूरा हटा दिया और धीरे से माँ के कुल्हो को सहलाने लगा. मैं जांघो को भी सहला रहा था, माँ की कुल्ले और जांघे इतने मुलायम थे की में विश्वास नही कर पा रहा था।

फिर मैने अपना हाथ उनकी जांगो के बीच डाला तो मैं हैरान रह गया, माँ की चूत एकदम चिकनी थी, उनके चूत पर बाल का नामोनिशान नही था. उनकी चूत बहुत फूली हुई थी और चूत के दोनो होंठ फैले हुए थे शायद एक जांग आगे करने के कारणउनकी चूत से निकला हुआ चंदा लटक रहा था (मेरे कई दोस्तों ने उसके बारे मे बताया था की उनके घर की ओंरतो की चूत से भी ये निकलता है और उन्हे इस पर बड़ा नाज़ होता है). में तो उत्तेजना की वज़ह से पागल हो रहा था. मैने लेटे-लेटे ही अपना शर्ट निकाल दिया और माँ की तरफ थोडा और सरक गया जिससे मेरा लंड माँ के कुल्ले से टच करने लगा, थोड़ी देर तक चुप रहने के बाद जब मैने देखा की माँ कोई हरकत नही कर रही है तो मेरी हिम्मत और बढ़ी।
में लेटे लेटे ही माँ की चूत को सहलाने का पूरा मज़ा लेने लगा.

थोड़ी ही देर मे मुझे लगा की माँ की चूत से कुछ चिकना चिकना पानी निकल रहा है. क्या खुशबु थी उसकी, मेरा लंड फूल कर फटने की इस्थिति मे हो गया. में अपना लंड माँ के कुल्ले, गांड के छेद, उनकी जांघो पर धीमे धीमे रगड़ने लगा. तभी मुझे एक आईडिया आया की क्यों ना आज थोडा और बढ़ कर माँ की चूत से अपना लंड टच करूं, जब मैने अपनी कमर को आगे खिसका कर माँ की जांघो से सटाया तो लगा जैसे करंट फैल गया हो, मुझे झड़ने का जबरदस्त मन कर रहा था पर मैने सोचा की एक बार माँ की चूत मे लंड डाल कर उनकी चूत के पानी से चिकना कर लूँगा और फिर बाहर निकाल कर मुठ मार लूँगा।

ये सोच कर मैने अपनी कमर थोडा ऊपर उठाया और अपना लंड माँ की चूत से लटके चमड़े को उंगलियों से फैलाते हुए उनके छेद पर रखा तो माँ की चूत से निकलते हुए चिकना पानी मेरे सूपडे पर लिपट गया और थोडा कोशिश करने पर मेरा सूपड़ा माँ की चूत के छेड़ मे घुस गया।

जैसे ही सूपड़ा अंदर गया उफ़ माँ की चूत की गर्मी मुझे महसूस हुई और जब तक में अपना लंड बाहर निकालता मेरे लंड से वीर्य का फव्वारा माँ की चूत मे पिचकारी की तरह निकलने लगा में घबरा तो गया पर ज्यादा हिलने से डर रहा था की कहीं माँ जग ना जाए. जब तक मैं धीमे से अपना लंड माँ की चूत से निकालता तब तक मेरे लंड का पानी माँ की चूत मे पूरा खाली हो चूका था और लंड निकलते वक़्त वीर्य की धारा माँ के गांड के छेद पर बहने लगी. मुझे लगा अब तो में पक्का पीटूँगा और डर के मारे जल्दी से शर्ट पहन कर सो गया. मुझे नींद नही आ रही थी पर मैं कब सो गया पता ही नही चला।

अगले दिन उठा तो देखा की हमेशा की तरह माँ सफाई कर रही थी पर दीदी स्टेडियम नही गई थी. मुझे देखते ही माँ ने दीदी से कहा “वीना, जा चाय गर्म करके भाई को देदे… और मुझे प्यार से वहीं बैठने के लिए कहा. मैने चोरी से माँ की तरफ देखा तो माँ मुझे देख कर पूछी आज नींद कैसी आई… मैने कहा की “अच्छी”, तो माँ हसने लगी और मेरी पैंट की ऊपर देखकर बोली की “अब तू रात मे सोते समय थोड़े ढीले कपड़े पहना कर… अब तू बड़ा हो रहा है.. देख में और वीनू भी ढीले कपड़े पहन कर सोते है… में यह सुन कर बड़ा खुश हुआ की माँ ने मुझे डाटा नही।

उस दिन मुझे पूरा विश्वास हो गया था की अब माँ मुझे रात मे पूरे मज़े लेने से मना नही करेगी भले ही दिन मे चुदाई के बारे मे खुल कर कोई बात ना करे. अब तो में बस रात का ही इंतजार करता था, खैर उस रात फिर जब में सोने के लिए कमरे मे गया तो मुझे माँ की ढीले कपड़े पहनने वाली बात याद आई पर मेरे पास कोई बड़ी शर्ट नही थी. फिर मैने आलमरी मे से एक पुरानी लुंगी निकाली और अंडरवेयर उतार कर पहन लिया और सोने का नाटक करने लगा।
तभी मेरे मन मे माँ की सुबह वाली बात चेक करने का विचार आया और मैने अपनी लुंगी का सामने वाला हिस्सा थोडा खोल दिया जिस से मेरा लंड खड़ा होकर बाहर निकल गया और अपने हाथो को अपनी आँखो पर इस तरह रखा की मुझे माँ दिखाई दे. थोरी ही देर मे माँ कमरे मे आई और नाईटी पहन कर बेड पर आने और लाइट ऑफ करने के लिए मूडी और मेरे लंड को देखते ही रुक गई।

थोड़ी देर वैसे ही मेरे लंड को जो की पूरे 6” लंबा और 1.5” मोटा था, देखती रही, फिर पता नही क्यों उसने लाईट बंद करके नाईट बल्ब जला दिया और बेड पर लेट गई वो मेरे लंड को बड़े प्यार से देख रही थी पर मेरे लंड को उसने छुआ नही. फिर दूसरी तरफ करवट बदल कर एक पैर को कल की तरह आगे फैला कर लेट गई. मुझे पक्का विस्वाश था की आज माँ जानबूझ कर नाईट बल्ब ऑन किया है ताकि में कुछ और हरकत करू।

आधे एक घंटे के बाद जब में माँ के ऊपर सरका तो लूँगी की गाँठ रगड से अपने आप ही खुल गई और में नंगे ही अपने खड़े लंड को लेकर माँ की तरफ सरक गया और नाईटी खोल कर कमर तक हटा दिया. उस रात मैने पहली बार माँ के कुल्हे, गांड और चूत को देख रहा था. मेरी खुशी का ठिखाना नही था, में झुक कर माँ की जांगो और कुल्हे के पास अपना चेहरा ले जाकर चूत को देखने की कोशिश करने लगा. मुझे अपनी आँखो पर विश्वास नही हो रहा था की कोई चीज इतनी मुलायम, चिकनी और सुन्दर हो सकती है, माँ की चूत से बहुत अच्छी भीनी भीनी खुशबु आ रही थी. में एकदम मदहोश होता जा रहा था. पता नही कैसे में अपने आप ही माँ की चूत को नाक से सटा कर सूंघने लगा। चूत से निकले हुए चंदे के दोनो पत्ते किसी गुलाब की पंखुड़ी से लग रहे थे. माँ की चूत का छेद थोडा लाल था और गांड का छेद काफ़ी टाइट दिख रहा था, पर सब मिला कर उनकी पुरे कुल्हे और जांघे बहुत मुलायम थी।

में उसी तरह कुछ देर सूंघने के बाद माँ के चूत के दोनो पत्तो को मुहँ मे भर लिया और चूसने लगा उनकी चूत से बेहद चिकना लेकिन नमकीन पानी निकलने लगा, में भी आज चुदाई के मज़े लेना चाहता था. फिर मैने माँ की चूत से निकलते हुए पानी को अपने सूपडे पर लपेटा और धीरे से माँ की चूत मे डालने की कोशिश करने लगा. पर पता नही कैसे आज मेरा लंड बड़ी आसानी से माँ की चूत के छेद मे घुस गया।

में वैसे ही थोड़ी देर रुका रहा फिर मैने लंड को अंदर डालना शुरू किया, दो तीन प्रयासो मे मेरा लंड माँ के चूत मे घुस गया ओह क्या मज़ा आ रहा था, माँ की चूत काफ़ी गर्म थी और मेरे लंड को चारो और से जकड़े हुए थी. थोड़ी देर उसी तरह रहने के बाद मैने लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया ओह जन्नत का मज़ा मिल रहा था।

4-5 मिनट अंदर बाहर करते ही मुझे लगा की मैं झड़ने वाला हूँ तो मैने अपनी स्पीड और तेज़ कर दी और अपना वीर्य माँ की चूत मे डाल दिया…

अच्छा दोस्तों फिर मिलता हूँ….

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पहला मजा, बड़ी बहन के साथ https://sexstories.one/pehla-maza-badi-behan-ke-sath-xxx/ Thu, 30 Dec 2021 10:14:48 +0000 https://sexstories.one/?p=3490 उन्होने क्रीम मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई और चूत की तरफ़ इशारा करके कहा चलो लग जाओ काम पर. उन्होने अपनी टाँगे फैला ली और मैने चूत पर अपना लंड रगड़ा. चूत के मुँह पर लंड रख कर झटका मारा पर थोड़ा ही लंड अंदर गया...

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Pehla Maja Badi Behan Ke Sath XXX – मेरा नाम विवेक है और मैं इस का रेग्युलर रीडर रहा हूँ. जिससे मुझे भी अपनी घटना लिखने के लिये प्रेरित किया. ये घटना मेरे और मेरी बड़ी बहन जिसका नाम अनुष्का (नाम बदला हुआ) है के बीच हुई एक रात का है. मैं अपनी फैमिली के बारे में बता दूँ. हम साधारण लोग है..

पापा सरकारी नोकरी में है. मम्मी हाउस वाइफ हैं. दीदी की शादी हो चुकी है और मैं अभी ग्रेजुयेशन कर रहा हूँ. हम आपस में ज्यादा बात नही करते है. हमारे घर में सेक्स को लेकर कभी कोई बात ही नही करता. अपनी बड़ी बहन के बारे में बता दूँ लम्बाई 5.3, साइज़ 38-26-36, कलर- गोरा है जो शादीशुदा हैं और उनकी शादी को 1 साल हो गया था. मेरे जीजा जी गावं में जॉब में है और उनका ट्रान्सफर रूरल एरिया में हो गया था जिससे दीदी को वो अपने परिवार की देखभाल के लिये कानपुर में ही छोड़ गये थे.

मेरे घर के सभी लोग शादी में गये थे इसलिये दीदी और मैं ही घर पर थे. सभी लोगो को बस में बिठाने के बाद मैं कॉलेज चला गया. रात को हमने खाना खाया और अपने–अपने कमरे में चले गये. रात को करीब 1 बजे दीदी मेरे कमरे में आई और मुझे जगाया में उठा और पूछा क्या हुआ तो बोली कुछ नही और वापस चली गयी. थोड़ी देर बाद फिर आई और पुछा विवेक सो गया क्या तो मैं बोला नही.

फिर मैने पुछा क्या हुआ तो बोली मुझे नींद नही आ रही है तो मैंने कहा आपकी तबीयत तो ठीक है ना. पर अब उनकी साँसे कुछ तेज़ चल रही थी और घबरा भी रही थी तो मुझे लगा की तबीयत ही खराब होगी मैने कहा आपकी तबीयत ठीक नही लग रही है. तो वो बोली तबीयत तो ठीक है पर तुमसे कुछ बात करनी है मैं बोला ठीक हैं बताओं. वो बोली की तुम अब बड़े हो गये हो. मेरी मदद करोगे तो मैने कहा हाँ क्यों नही. तो बोली मेरा दूध पीवोगे ? आज से पहले कभी हमारी इस तरह की बाते नही हुई थी (दीदी को कभी किसी लड़के के बारे में बात करते या मिलते नही सुना था) इसलिये ये सुनकर मैं दंग हो गया. मैने पुछा क्या? तो वो बोली हाँ..(अब उनकी साँसे काफ़ी तेज़ हो गई थी और दिल काफ़ी तेज़ धक धक कर रहा था जिससे उनके बूब्स के हिलने से पता चल रहा था.)

मैने पूछा किस लिये? कुछ देर चुप रहने के बाद उठकर चली गयी. इससे पहले मैने कभी किसी लड़की से ये बात नही की थी इसलिये मैं दंग था पर अंदर से अजीब सी खुशी हो रही थी जो मैं बता नही सकता. करीब 10 मिनिट के बाद वो फिर वापस आई और इस बार वो काफ़ी कॉन्फिडेंट दिख रही थी और पुछा क्या सोचा हैं. मैने कहा क्या हो गया है आपको? अब मेरी साँसे भी तेज़ हो गयी थी जिससे मेरी आवाज़ नही निकल रही थी पर मेरा लंड खड़ा हो गया था. वो बोली देखो मैं काफ़ी दिनो से तुम्हारे जीजा से नही मिली हूँ अब मुझे उनकी ज़रूरत है. मेरी तबीयत अब सेक्स करने से ही ठीक होगी. ये सुन कर मेरा लंड अब पेन्ट फाड़ने को तो तैयार था. वो बोली मैं जानती हूँ की तुम्हे भी एक लड़की की ज़रूरत है. मैने कहा पर आप मेरी दीदी हो.. वो बोली इसलिये तो कह रही हूँ अब उनका और मेरा चेहरा लाल हो चुका था.

मैने कहा पर मैने कभी किया नही है तो बोली मेने तो किया है. मैने कहा अगर कुछ हो गया तो वो बोली कुछ नही होगा और ना किसी को पता चलेगा. अब सब बंद करो. मैने ब्लू फिल्म कई बार देखी थी तो मुझे पता था पर रियल में तो उससे भी ज्यादा मज़ा आता है. फिर वो मुझे अपने रूम में ले गयी. उस दिन उन्होने लाल सिल्क नाइटी पहन रखी थी क्या गजब लग रही थी ये तब पता चला जब ये सब हुआ. दीदी बोली आओ फिर मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर रख दिये और कहा इसे दबाओ. मेने वैसा ही किया पर थोड़ा डर रहा था की दर्द होगा.

Ghar me incest sex तारक मेहता में चुदाई कांड – भाग 7

फिर वो बोली थोड़ा ज़ोर से दबाओ मैने कहा दर्द होगा वो बोली दर्द नही होगा और अपने लाल होठों को एक बार मेरे होठों से किस किया मुझे तो जैसे शॉक लगा पर मज़ा आया. फिर मैंने अपने होठों को उनके होठों से लगाया और चूसने लगा वो बराबर साथ दे रही थी. मैने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनके उपर चड गया. मैने फिर किस करना स्टार्ट कर दिया. कुछ देर बाद में थोड़ा नीचे आया और उनके बूब्स को नाइटी के उपर से काटा उनके मुँह से अहह निकल गयी. फिर मैं बूब्स से नीचे आया और उनके पेट पर किस किया फिर और नीचे गया पर चूत को किस नही किया. अब में उनके पैर के अंगूठे को किस किया और उपर बढ़ने लगा. धीरे धीरे मैं उनकी नाइटी को उपर करता गया और पैरो को किस करता रहा.

जब मैने उनकी नाइटी को कमर पर किया तो देखा उन्होने सिल्क लाल पेंटी पहन रखी थी पर वो कुछ भीगी लग रही थी जब मैं उनकी जांघो को किस कर रहा तो एक मधहोश कर देने वाली सुगंध पेंटी से आ रही थी. मैने पेंटी को किस किया तो मेरे होठ भीग गये. मैंने धीरे धीरे नाइटी को उपर चढ़ाया और उनके बूब्स तक पहुच गया. उन्होने गुलाबी कलर की ब्रा पहन रखी थी मैंने ब्रा के उपर से ही चूसना शुरू कर दिया वो एकदम कड़क हो गई. फिर उन्हे उठाया और नाइटी उतार दी दीदी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये. दीदी बोली तुम तो कह रहे थे कुछ नही जानते हो तब ये सब कैसे? मेंने कहा आप को देख कर हुआ जा रहा है. मैने उन्हे किस किया और ब्रा उतार दी अब बूब्स नंगे थे मैने तुरन्त उनके निपल को चूसना और काटना चालू कर दिया वो बोली आराम से चूसो में कहीं नहीं जा रही हूँ.

मैंने कहा आपने ही तो बोला था दूध पीने को वो बोली तो दूध पीने का मज़ा आया मैने कहा बहुत. अब मैं नीचे आया और उनकी पेंटी निकाल दी. क्या चूत थी यारो. गुलाबी चूत वो भी रियल लाइफ में पहली बार तो आप लोग समझ सकते हैं उस वक़्त क्या महसूस हो रहा होगा मुझे. चूत के बाल छोटे छोटे थे. मैने उनके पैर फैलाये और लग गया चूत चाटने को जैसे ही मैने अपनी जीभ उनकी चूत की फाको पर रखी मधहोशी छा गयी. मैने धीरे धीरे चाटना जारी रखा पर दीदी ने मेरा सर पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत पर रगड़ने लगी फिर कुछ देर में उनका पानी मेरे मुँह पर निकल गया. मैं कुछ समझ नही पाया पर टेस्ट अच्छा लगा तो चूत और चाट ली. दीदी बिल्कुल शांत हो गयी थी पर मैने चूत चाटना जारी रखा. कुछ देर बाद बोली उपर आ जा मैं उपर गया तो उन्होने फिर से किस स्टार्ट कर दिया. मैने रेस्पॉन्स दिया और साथ में बूब्स दबाता रहा अब वो फिर तैयार हो गयी.

मैं भी एग्ज़ाइटेड था इस बार में चूत मेंने एक उंगली डाली और अंदर बाहर करने लगा फिर एक और उंगली डाल दी. दीदी बोली उंगली निकाल लंड डाल उंगली करने से अगर ये शांत हो जाती तो तेरी क्या ज़रूरत थी. ये सुनकर मुझे जोश आ गया और मैने लंड दीदी की चूत के मुँह पर रख दिया और धक्का मारा. मेरे लंड का अगला सिरा ही बड़ी मुश्किल से गया की मुझे दर्द होने लगा. दीदी बोली जा क्रीम ले कर आ मैं क्रीम ले आया और उन्होने अपने हाथो से मेरे लंड पर क्रीम लगाने लगी में एग्ज़ाइटेड होने की वजह से उनका हाथ लगते ही मैने उनके उपर ही वीर्य गिरा दिया. मैं डर गया पर वो बोली कोई बात नही ऐसा होता है. उन्होने वीर्य साफ किया और फिर मेरा लंड अपने मुँह मे ले लिया थोड़ी देर चूसने के बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.

फिर उन्होने क्रीम मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई और चूत की तरफ़ इशारा करके कहा चलो लग जाओ काम पर. उन्होने अपनी टाँगे फैला ली और मैने चूत पर अपना लंड रगड़ा. चूत के मुँह पर लंड रख कर झटका मारा पर थोड़ा ही लंड अंदर गया की मुझे फिर दर्द होने लगा. दीदी बोली फर्स्ट टाइम होता है दर्द. चलो मर्द बनो और अपनी दीदी की चूत को फाड़ डालो. ये सुन कर मुझे जोश आ गया एक जबरदस्त झटका मारा और मेरा पूरा लंड अंदर चला गया मैं और दीदी दोनो ही चीख पड़े. मेरा लंड थोड़ा मोटा है और लंबा भी इसलिये. मुझे ज़्यादा दर्द हो रहा था तो दीदी बोली मेरा दूध पीओं तो ताक़त मिल जायेगी और लंड चूत में डाले डाले ही में उनके लिप्स और बूब्स बारी बारी से चूसने लगा.
अब मुझमे और ताक़त आ गई मैने धीरे धीरे लंड आगे पीछे करने लगा.

दीदी भी साथ दे रही थी और मेरे झटको की गति बढ़ती जा रही थी. दीदी के मुँह से आआआआहह ओंऊऊऊओहूऊ की आवाज़ निकल रही थी जिसे सुनकर जोश बढ़ रहा था. दीदी अपनी टांगो को सिकोड़ने लगी जिससे मुझे ज्यादा ताक़त लगानी पड़ रही थी. फिर दीदी का पानी निकल गया. उन्होने रुकने को कहा. मैं रुक गया और उनके बूब्स को चूसने लगा कुछ देर में वो फिर तैयार हो गई और कहा तुम भी काम पूरा कर लो. में तुरन्त झटके मारना चालू कर दिया कुछ देर बाद मेरा माल निकलने वाला तो मैने कहा मेरा निकल रहा है वो बोली अंदर ही डाल दे कुछ नही होगा जब तक गर्म लावा अंदर नही पड़ेगा तब तक शांति नही मिलेगी. फिर हम दोनो झड़ गये और मैं उनके उपर ही लेट गया. अब सुबह के 5 बज रहे थे.

और हम सोने चले गये थे.

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तारक मेहता में चुदाई कांड – भाग 7 https://sexstories.one/%e0%a4%a4%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%95-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%b9%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9a%e0%a5%81%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a1/ Thu, 30 Dec 2021 10:10:15 +0000 https://sexstories.one/?p=3344 बबिता उसके माल की एक-एक बून्द तक पी जाती है और उसके लंड को चाटकर पूरी तरह साफ़ कर देती है.. फिर अब जेठालाल खड़ा होता है और बबिता की पैंटी पर हाथ रखता है.. बबिता की पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी...

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TMKOC PORN STORY – तो भाई, पिचले अपडेट मी हमने देखा किस तरह, दया बापूजी से चुदाई करवाकर टपू से चुदाई करने को भी तयार हो जाती है..

तो टपू और दया की चुदाई की कहानी, अगला अपडेट मैं… अब आगे हम चलते हैं गोवा…

जेठालाल रूम का दरवाजा बंद केर देता है… जैसे ही जेठालाल रूम का दरवाजा बंद करता है, बबिता बड़ी रोमांटिक हो जाती है… और फिर जेठालाल अपने हाथ बबिता के होंठ पर रख देता है… और दोनो अपना किस जारी रखो रखते है….

15 मिनट तक दोनो का किस चलता है….

जेठालाल कहता है – बबीताजी, आज तो आपको मस्त चोदुँगा और अलग अलग तारिके से चोदुँगा…

ये बात सुनकर बबीता बड़ी एक्साइटेड हो जाती है… और दोनो वपस किस करने लग जाते हैं….

अब जेठालाल बबीता को बिस्तर लेटा देता है..

बबीता ने एक लॉन्ग टॉप और पैंटी पहनी हुई थी…उसने ब्रा नहीं पहनी थी…

फिर जेठालाल बबिता का टॉप उतर देता है… जेठालाल के सामने बबिता के दोनो कबूतर आजाद हो जाते हैं…

फिर जेठालाल बबिता को कहता है – बबिताजी क्या बूब्स है आपके… मैं तो इनका दीवाना हो गया…

बबीता मुस्कुराती है…

फिर जेठालाल बबिता का एक चुच्ची हाथ में पकड़कर चूसने लगता है.. दोनों चुच्चे चूसते-चूसते उसके चुच्चे भी काट रहा होता है जेठा…

बबिता सिसकारियां लेती है.. कहती है – यस… ससस…. जेठाजी… बस्स्स…. ऐसे ही करते रहिये.. मज़ा आ रहा है… एस्सस…..

जेठालाल और भी जोश में आ जाता है और वो और तेज़-तेज़ बबिता की बूब्स चूसने लगता है..

करीब १० मिनट तक बबिता के दोनों बूब्स को काटकर लाल कर देता है.. फिर वो अपने सारे कपडे उतर देता है और अपना मोटा लंड बबिता के मुंह ने डालकर धक्के लगाने लगता है…

बबिता जेठालाल के लंड को रंडियों की तरह चूस रही थी… जेठालाल अपनी स्पीड बढ़ाता है और बबिता के मुंह में झड़ जाता है..

बबिता उसके माल की एक-एक बून्द तक पी जाती है और उसके लंड को चाटकर पूरी तरह साफ़ कर देती है.. फिर अब जेठालाल खड़ा होता है और बबिता की पैंटी पर हाथ रखता है.. बबिता की पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी.. बबिता पूरी तरह गर्म हो गयी थी.. इसलिए उसकी चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ दिया था..

अब जेठालाल बबिता की पैंटी निकाल देता है.. और बबिता की चूत की चाटकर उसे पूरी तरह से साफ़ कर देता है.. बबिता की चूत की गर्मी का एहसास जब जेठालाल को होता है तो वो बबिता की चूत से आ रही मदमस्त कर देने वाली खुशबू में पागल हो जाता है.. फिर जेठालाल बबिता की चुत की चाटने लगता है..

Kamukta2 एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 4

और उससे बड़ी मस्ती के साथ चुस रहा था…

बबिता सिसकारियां ले रही थी…10 मिनट में बबिता ने अपना पानी जेठालाल के मुंह में ही छोड़ दिया… जेठालाल ने उसके चुत के पानी की एक-एक बंद पी ली..

फ़िर जेठालाल ने बबिता को उसका लंड खड़ा करने को बोला..

बबीता ने जेठालाल का लंड चुस केर खड़ा केर दिया…

फिर जेठालाल ने अपना लंड बबिता की चुत से सटाया और एक ही झटके में पुरा लंड चुत में डाल दिया।

बबिता को हलका सा दर्द हुआ… और फिर मजा भी आने लगा … आआआआआह्ह्ह्… उफ्फ्फ्फ्फ…. य्य्य्य्यी…..ऐसे ही जेठाजी.. और जेठालाल उसे चोदता है…

जेठालाल 10 मिनट बाद बबीता को सेक्स पोजीशन बदलने के लिए कहता है और फिर जेठालाल बबिता की चुत से अपना लण्ड निकल देता है…

फ़िर जेठालाल आला आ जाता है और बबीता जेठालाल का लंड, अपनी चुत पर सेट करके बैठ जाती है…

बबीता मतवाली हो कर जेठालाल से चुद रही थी… उसके मोटे स्तन हवा में कूद रहे थे और जेठालाल उसके स्तन को पकड़ के दबने लगता है…

फिर 10 मिनट ऐसे ही चुदने के बाद वो लोग फिर से पोजीशन चेंज करते हैं

जेठालाल अब बबीता को बिस्तर पर लिटा के उसके पैरों को अपने कांधे पर रख देता है…

फिर जेठालाल अपना लंड बबीता के रसीले और गर्म चूत के होठों पर रखता है और एक जोरदार धक्का देता है। वह चिल्लाती है.. वह दर्द में है.. जेठालाल का डिक बहुत बड़ा है, तारक मेहता से भी बड़ा!

उसकी विशाल डिक उसकी चुत फाड़ रही है …

जेठालाल बबीता को करीब 15 मिनट तक चोदता है। फिर वे कुछ देर तक एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे। पूरी तरह से नग्न .. बबीता जेठालाल के डिक को सहलाती है क्योंकि वह अपनी उंगली बबीता की चौड़ी खुली चूत में डालता है।

फिर दोनों सो जाते हैं..

अगले अपडेट में – पता करें कि कैसे टपू दया को चोदता है और फिर रिपोर्टर रीता को भी चोदता है।

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होने वाली भाभी की बहन https://sexstories.one/hone-wali-bhabhi-ki-bahan/ Thu, 23 Dec 2021 07:53:21 +0000 https://sexstories.one/?p=3557 अब मैंने लण्ड को पीछे करके एक धक्का और मारा। अबकी बार लण्ड सीधा बच्चेदानी से जा टकराया, इस बार भी उसके मुँह से चीख निकल पड़ी, लेकिन इस बार का दर्द पिछली बार से कम था...

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Hone Wali Bhabhi Ki Bahan – यह कहानी दो वर्ष पहले की है। जब मेरे भैया की शादी पटना शहर में ही तय हो गई थी। मैं उस समय बी.कॉम. फर्स्ट-ईयर में पढ़ता था। भैया की ससुराल मेरे कोचिंग के रास्ते में ही पड़ती थी। एक दिन की बात है जब मैं कोचिंग से आ रहा था। तो रास्ते में मुझे मेरी होने वाली भाभी मिल गई और मैंने बाइक रोक दी। उन्होंने मुझे तुरन्त पहचान लिया, हम लोग सगाई पर मिल चुके थे। वो बाज़ार अपने निज़ी सामान लेने आई थीं।

मैंने कहा- आइए भाभी, आपको घर छोड़ दूँ।

उन्होंने ‘हामी’ भरी और मैंने उन्हें घर छोड़ दिया। वो अन्दर आने को कहने लगीं। मैंने मना कर दिया क्योंकि उस समय शाम के 5 बज़ रहे थे। परंतु उनके ज्यादा जोर देने पर मैं मना नहीं कर पाया और उनके पीछे अन्दर चला गया।

उस समय घर उनके और उनकी छोटी बहन जिसका नाम रूपा था, के सिवाए कोई नहीं था। सभी लोग पड़ोस में मेंहदी समारोह में गए हुए थे।

वो खाना खाने के लिए कहने लगीं, तो मैंने मना कर दिया। इतने में उनकी छोटी बहन रूपा आई।

क्या कमाल की छोरी थी, रंग तो उसका गेहुँआ था पर साली की फिगर कमाल की थी। उसने उस समय फ्रॉक पहनी हुई थी। हम लोग उनके बैडरुम में बैठकर इधर-उधर की बातें करने लगे। उससे पूछने पर पता चला इसी वर्ष उसने बारहवीं में प्रवेश किया है। उसकी निगाहें बड़ी चंचल थीं उसके हावभाव बताते थे कि वो मुझ पर कुछ अधिक आकर्षित थी। बात बात में उसकी आँख मारने की अदा बड़ी कामुक थी।

इतने में पड़ोस की आंटी ने भाभी को किसी काम से बुला लिया। हम लोग फिर से बातें करने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे जोरों से ‘एक नम्बर’ लगी। मैंने संकोचवश बाथरूम पूछा, उसने बता दिया। मैंने बाथरूम से आते समय देखा कि मेरा फोन उठाकर गैलरी में छिप कर ब्लू-फिल्म देख रही है और अपने चूचियों पर हल्के-हल्के हाथ रगड़ रही है।

मैं वहीं दरवाजे के पीछे खड़े होकर पर्दे के चिलमन से सब-कुछ देख रहा था। अब मेरा सब्र भी टूट रहा था और मेरा लण्ड भी तनकर ‘एफिल-टॉवर’ बन चुका था। मैंने पीछे जाकर फ्रॉक के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाने लगा।

पहले तो वो चौंक गई लेकिन मुझे पाकर वो शांत हो गई। अब मैंने उसकी चूचियों को आहिस्ते-आहिस्ते मसलना शुरु किया, अब उसे भी मज़ा आने लगा था। धीरे-धीरे मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी में घुसा दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा। अब उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।

sexporn एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 3

मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और उसके होंठों को जोर-जोर से चूसने लगा। मैने अपनी जीभ उसके मुँह में दे दी। वो मेरी जीभ को लॉलीपॉप की तरह चूसे जा रही थी। हम दोनों को थोड़ी-थोड़ी गर्मी लगने लगी थी। उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मैने उसकी फ्रॉक उतारा।

मैं उसकी नंगे बदन पर चिपकी उसकी चूचियों को ही देखता रह गया। साली की चूचियाँ मौसम्मी के आकार की थीं। मैं उसकी चूचियों को अपने मुँह में भर कर चूसे जा रहा था और मेरा एक हाथ उसकी पैंटी में अपना कमाल दिखा रही थीं। उधर उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं।

मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था। मैंने तुरंत उसकी पैंटी उतारी और उसक चूत को बुरी तरह चूसने लगा। वो तो जैसे तड़प उठी, मैं अभी भी उसकी चूत को चूसे जा रहा था। इसी बीच वो मेरे मुँह में ही झड़ गई। मैंने सारा रस चट कर दिया। अब मैं अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदे जा रहा था।

उसे भी मज़ा आ रहा था, अब वो फिर से अपने उफान पर आ रही थी। उसकी गहरी गुलाबी चूत को छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था। अब मैं थोड़ा ऊपर आकर उसकी दोनों टाँगों को अलग-अलग फैलाकर अपने लण्ड को उसकी चूत पर जोर-जोर से रगड़ने लगा। उसकी सिसकारियाँ भी जोर पकड़ने लगीं, तभी मुझे अपने लण्ड पर गीलापन महसूस हुआ, वो फिर से झड़ चुकी थी।

अब मैंने भी देर ना करते हुए अपना लण्ड उसकी चूत में घुसाने लगा, चिकनाई की वज़ह से लण्ड थोड़ा अन्दर चला गया। मैंने एक जोर का धक्का मारा लण्ड पूरा अदंर चला गया। दर्द के मारे उसके मुँह से जोर की चीख निकली, मैंने अपना एक हाथ उसके मुँह पर रख दिया, उसकी आँखों से आँसू निकल पड़े।

अब मैंने लण्ड को पीछे करके एक धक्का और मारा। अबकी बार लण्ड सीधा बच्चेदानी से जा टकराया, इस बार भी उसके मुँह से चीख निकल पड़ी, लेकिन इस बार का दर्द पिछली बार से कम था मैं कुछ देर इसी मुद्रा में रहा। जब दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने अपने लण्ड को आगे-पीछे करना शुरु कर दिया।

अब उसकी सिसकारियाँ भी आह-आह की आवाज़ में बदल चुकी थी, जिसने मेरी स्पीड बढ़ा दी। 20 मिनट तक मैंने जोरदार झटकों से उसे चोदा। उसके मुँह से ‘उँउँउँ…ईईई…ऊँऊँ” की आवाज़ें निकल रही थीं।

अब उसकी साँसें भी तेज़ होने लगी बदन ऐंठने लगा, ‘ओओओ…’ और उसकी चूत से झरना बह गया। मैंने भी समय की नज़ाकत को समझते हुए पांच मिनट बाद अपना खौलता हुआ लावा उसकी चूत में उड़ेल दिया। हम लोग कुछ देर इसी हालत में रहे। थोड़ी देर बाद हमने अपने-अपने कपड़े पहन लिए और बैठ कर बातें करने लगे।

तभी दरवाजे की घण्टी बजी, रूपा ने कहा- लगता है दीदी आई है।

दरवाजा खोलने के पहले हमने एक-दूसरे की जोरदार चुम्मी ली और मै़ने उसके चूची को तीन-चार बार मसला। फिर वो दरवाजा खोलने चली गई, भाभी अदंर आईं।

मैंने पूछा- आप इतनी देर से कहाँ थीं?

भाभी ने कहा- मैं पड़ोस में मेहंदी समारोह में गई हुई थी।

रात के 9 बज़ चुके थे तो भाभी ने मुझे रुकने को कहा।

मैंने कहा-मैं यहाँ रुका तो घर पर सभी लोग परेशान होंगे और डाँट भी पड़ेगी।

भाभी ने कहा- अगर ऐसी बात है तो मैं घर पर फोन करके कह देती हूँ कि आज तुम यहीं रुकोगे। तब तो कोई परेशान नहीं होगा?

मेरे तो मन मे जैसे मन मे लड्डू फूट रहे थे, तो मैंने भी कह दिया- जैसा आप ठीक समझें।

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