Hindi Incest Sex Story Archives - Antarvasna https://sexstories.one/category/hindi-incest-sex-story/ Hindipornstories.org Tue, 22 Mar 2022 11:15:50 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 भाई के ऑफिस में बहन चुद गयी https://sexstories.one/bhai-ke-office-mein-behan-chud-gayi/ Tue, 22 Mar 2022 11:15:50 +0000 https://sexstories.one/?p=3520 मैं अपने कपड़े बदल चुकी थी और जब अपने छोटे भाई को देखा तो सिर पर दुपटा लेकर उसका स्वागत करने पहुची. मैने अपने भाई के चरण स्पर्श किए जैसे की हमारा रिवाज़ है...

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Bhai Ke Office Mein Behan Chud Gayi – मैं सीमा हूँ..और मेरी फिगर 36-25-38 है. गणेश मेरा भाई अभी कुँवारा है.मैं भी कई महीनो से एक अच्छे लंड की तलाश में थी, जो कहीं आज मिला था मुझे. मेरा पति साला 4 इंच का लंड लेकर मुझे चोदने लगता है तो मैं संतुष्ट नहीं हो पाती. कई मर्दों के साथ संबंध बना चुकी हूँ, लेकिन
मेरी चूत हमेशा भूखी रह जाती है.

मेरे पति के बॉस ने मुझे एक बार अपने पार्ट्नर के साथ मिल कर दो दो लंड के साथ चोदा था, लेकिन कुछ वक्त से पति के बॉस का भी तबादला हो गया और अब मुझे लंड की कमी महसूस होती है.” सीमा, मेरी प्यारी दीदी, तू भी हमारी मम्मी जैसी चुदकर हो. मम्मी का भी एक मर्द से गुज़ारा नहीं होता।

आज सुबह जब वो रसोई में खाना बना रही थी तो उसकी चुचि ब्लाउस से बाहर झाँक रही थी. उसी वक्त फोन आया तो मम्मी ने उठाया. दूसरी तरफ से मनोहर अंकल ने कहा” रानी, आज अपनी चूत को शेव कर लो, तुझे मैं और दिलबाघ दोनो चोदने वाले हैं… दिलबाघ तुझे ना जाने कब से चोदने के लिए मिन्नते कर रहा है… तुम ठीक 5 बजे होटल संगम पहुँच जाना, मेरी रानी.., आज तेरी दीवाली मनाएँगे…” मैं उस वक्त उन दोनो की बातें सुन रहा था. मेरा तो दिल कर रहा था की मम्मी को वहीं चोद डालूं, पर मैं इस बात पर खुश था की आज शाम को अपनी सीमा दीदी के साथ मजे करूँगा. सच सीमा, मैने आज तक तेरे जैसी औरत नहीं चोदी…”

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मेरे बारे में मेरे भाई को कुछ दिन पहले ही पता चला था. मेरा भाई मुझसे मिलने आया था. मेरा पति अपनी दुकान और मेरी सास बाज़ार गयी हुई थी. मुझे यही मौका था और मैं अपने जवान नौकर से चुदवाने लगी. मेरा नौकर रामू भी जानता था की मैं लंड की प्यासी हूँ क्योंकी वो मेरे पति की नामर्दानगी के बारे में जानता था।

रामू उस वक्त टेबल सॉफ कर रहा था जब मेरी सास बाज़ार गयी. मैने रामू को पीछे से पकड़ लिया और उसके मस्ताने लंड से खेलने लगी, ” क्या बात है.., मालकिन, आज बड़ी मस्ती में हो.., कहीं मेरा केला खाने का इरादा तो नहीं है?” मैने उसके पजामे को नीचे सरकाते हुए उसका लंड मुहँ में डाल लिया. रामू मेरी आदत जानता था की मुझे केला खाने की आदत है।

रामू बोला,” सीमा मालकिन क्यों ना आज तुझे तेरी सास के बिस्तर पर चोदा जाए… उसको भी मेरा केला बहुत पसंद है..अब तो सास बहू दोनो को एक ही लंड से गुज़ारा करना पड़ेगा… साली बुडिया भी लंड की शौकीन है, आपकी तरह..”

रामू मुझे उठा कर सासू माँ के बिस्तर पर ले गया और मुझे नंगा करने लगा. मेरे चूतड़ पर हाथ फेर कर बोला,” सीमा आज ना जाने क्यों तुझे कुत्तिया बनाने का मन कर रहा है… तुम मालकिन भी हो और मेरी रांड़ भी… अगर मैने अपनी मालकिन की सवारी नहीं की तो दुनिया क्या कहेगी? आपकी सास तो मेरे लंड की सवारी करने का शौक रखती है… आपके चूतड़ मुझे बहुत आकर्षित करते है..अगर एतराज़ ना हो तो जल्दी घोड़ी बन जाओ… बुडिया का कोई पता नहीं कब आ टपके..”

मैं झट से घोड़ी बन गयी. वैसे तो मैं हर आसन में चुदाई का आनंद ले चुकी हूँ, लेकिन घोड़ी बन के मर्द के सामने झुकना मुझे मर्द के आगे समर्पण करने के बराबर लगता है. मैं नौकर के आगे झुकी तो उसके चेहरे पर जीत भरी मुस्कान थी. उसने एक ही धक्के में अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. उसके हाथों ने मुझे चूतड़ से कस के पकड़ रखा था. लंड मेरी चूत चोद रहा था और मेरी चूत सावन के गीत गा रही थी. रामू ने मुझे बालों से खींच कर चुदाई शुरू कर दी. वो मेरे बालों को एसे खींच रहा था जैसे घोड़ी की लगाम खींच रहा हो।

हम दोनो को पता ही नहीं चला की कब से मेरा भाई गणेश हम दोनो को देख रहा था. हम जल्दी में डोर बंद करना भूल गये. मैने उत्तेजना वश आँखें बंद कर रखी थी और एक कुत्तिया की तरह हाँफ रही थी. रामू का लंड किसी पिस्टन की तरह मुझे चोद रहा था,” अहह…..ज़ोर से चोद….रामू….चोद मुझे माँदरचोद….मेरी चूत की आग बुझा साले रामू, चोद ज़ोर से मेरी चूत….है मैं मरी जा रही हूँ…बहनचोद ज़ोर से डाल,” मैं चीख रही थी और रामू लगातार तेज़ धक्के मार रहा था।

उसका लंड भी अब झड़ने को था और वो बोल रहा था,” सीमा…साली रांड़…क्या मस्त माल है तू….अच्छी है तेरा पति नामर्द है वरना एसी मख्खन जैसी चूत मेरी किस्मत में कहा होती….वा मालकिन…मेरी रंडी मालकिन…..चुदवा रामू के मस्त लंड से,”

हम दोनो थोड़ी देर में झड़ गये और रामू काम करने लग गया. गणेश शायद हमारी बेशर्मी देख कर दरवाज़े से हट गया और बाहर चला गया था क्युकि वो थोड़ी देर से घर में दाखिल हुआ. मैं अपने कपड़े बदल चुकी थी और जब अपने छोटे भाई को देखा तो सिर पर दुपटा लेकर उसका स्वागत करने पहुची. मैने अपने भाई के चरण स्पर्श किए जैसे की हमारा रिवाज़ है. कमरे में कोई नहीं था. गणेश मुझे अजीब नज़रों से देख रहा था. उसने मुझे आलिंगन में लेते हुए सीने से लगा लिया।

मेरी चुचिजो के बहुत बड़ी है, मेरे भाई के सीने में धस गयी. उसने मेरे चेहरे को अपने हाथों में लेते हुए पूछा,” दीदी, क्या नौकर अब पति से बढ़ कर है तेरे लिए? जब मैने आपको उसके सामने मर्दजात नंगी होकर घोड़ी बने हुए देखा तो मुझे बहुत शर्म आई… क्या अब रामू का दर्ज़ा मेरे जीजा का हो चुका है? क्या अब मेरे घर की इज़्ज़त नौकर के लंड की मोहताज़ हो चुकी है? क्या अब इस घर में मर्दों की कमी है? अगर जीजा जी में दम नहीं था तो कम से कम अपने भाई तो अपना लिया होता… गणेश साला, रंडी के कोठे पर पैसे देकर चूत मागता फिरता है और उसकी बहन नौकरों को फ्री में बाँट रही है… सीमा, तुझे नंगी देख कर मैं पागल हो चुका हूँ… अब से रामू की छुट्टी कर दो और मुझे अपना पति बना लो… मेरे लंड को देख लो, पूरा 9 इंच का है,” कहते ही उसने अपनी पेंट की ज़िप खोल डाली।

उसका मोटा लंड बहुत प्यारा लगा. लेकिन एक बात मुझे सता रही थी,” गणेश, बहनचोद साले अपनी ही बहन को चोदोगे तुम? अगर ऐसा ही करना था तो मेरी शादी उस नपुंसक से क्यों की थी, जिसकी कमी मैं नौकर से पूरी कर रही हूँ… भाई, बहन को भाई नहीं चोदा करते… भाई के लिए तो भाभी होती है..”

गणेश मेरी बात पर हंस कर बोला,”सीमा, अगर रामू तुझे चोद सकता है तो गणेश में क्या कमी है? जीजा जी की कमज़ोरी का दुख तुझे ही क्यों उठना पड़े? भाई का फ़र्ज़ बनता है की अपनी बहन को हर मुश्किल से निकाले, उसको हर खुशी दे जिस पर उसका हक बनता है… और दीदी, तुझ जैसी सुन्दर और सेक्सी औरत की सेवा करना तो खुशकिस्मत भाई को ही मिलता है… मेरा बस चलता तो मैं तेरी शादी कभी ना होने देता… तुझे अपना बना कर रखता… लेकिन फिकर मत करना… अब तुम मेरी हो… आज से तुझे चूत ठंडी करवाने के लिए किसी के पास जाने की ज़रूरत नहीं है… मैं तेरी सास को बोल दूँगा की मेरे पास अपनी दीदी के लिए अपने ऑफीस में काम है जिसको कर के दीदी के पैसे भी बन जाएँगे और टाइम भी पास हो जाएगा… बुडिया लालची है, शक नहीं करेगी और मान जाएगी… तुम रोज़ मेरे ऑफीस चली आना और हम मेरे कमरे में खूब मौज करेगे… मैने वहाँ बिस्तर पहले ही लगा रखा है.” गणेश ने अपनी पूरी स्कीम मुझे बता डाली।

“लेकिन गणेश, लोग क्या कहेंगे? किसी को शक नहीं होगा?” मैने अपने मन की आशंका बताई.” दीदी, शक कैसा? तुम मेरी बहन हो… क्या बहन अपने भाई के ऑफीस में जॉब नहीं कर सकती? अब सोच विचार का वक्त नहीं है, तुम हां कर दो… बाकी मैं खुद देख लूँगा.” मेरी चूत ने मुझे सोचने का मौका ही नहीं दिया. साली अपने भईया के लंड की खुशबू सूंघ कर मस्ती से भर गयी और मैने भईया की ऑफर मान ली. सासू माँ ने गणेश की बात झट से स्वीकार कर ली. शायद उसके लिए अब रामू से चुदवाने का खुला मौका था. खैर अगले दिन मैं गणेश के ऑफीस जा पहुँची।

आगे कि कहानी अगले भाग में . . .

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बन गया मैं बहन का पति https://sexstories.one/behanchod-bankar-behan-ko-choda/ Mon, 31 Jan 2022 07:27:20 +0000 https://sexstories.one/?p=4368 मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा..

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Behanchod – Ban Gaya Behan Ka Pati – एक बार मैं अपनी मामी की लड़की यानि मेरी दीदी के यहाँ मुंबई गया। मेरी दीदी के घर में तीन लोग थे। मेरी दीदी, जीजा जी और उनका तीन साल का एक लड़का। मेरी दीदी का नाम सोनी है। उसकी उम्र 28 साल थी फिगर 36-30-38 था। वह बहुत सेक्सी लगती है, जब चलती तो ऐसा लगता कि दिल पर छुरियाँ चला गई। उसकी गांड बहुत ही मस्त और मोटी है। उस पर उसका गोरा बदन और मोटे मोटे बोबे ! उसको देखते ही ऐसा लगता था कि बस कैसे भी इसे चोद डालूँ !

अब मैं असली बात पे आता हूँ। जीजा जी बहुत शराब पीते थे इसीलिए वो बहुत परेशान रहती थीं। एक दिन कुछ ऐसा हुआ जो शायद दीदी और मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था। हुआ यूँ कि जीजा जी ऑफिस से आये और मुझसे कहा- आ आज शराब पियेंगे।

मैंने मना किया पर वो नहीं माने और मुझे उनके साथ बैठना पड़ा। उन्होंने एक शराब की बोतल निकाली और हम पीने लगे। हम लगभग पूरी बोतल पी गए। जीजा जी को बहुत नशा हो गया था। हमने खाना खाया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए।

अचानक रात में मुझे कुछ आवाज़ सुनाई दी।

मैं उठा और दीदी के कमरे की खिड़की से देखने लगा कि कुछ हुआ तो नहीं है।

तभी मैंने देखा कि जीजा जी ने दीदी की साड़ी को ऊपर उठाया और उसकी पैंटी को उसके बदन से अलग कर दिया और अपना लंड पेल दिया उसकी बुर में। जीजा जी का लंड बहुत छोटा था। दो मिनट बाद ही जीजा जी झड़ गए और वहीं नशे में सो गए।

दीदी की आँखों में आँसू थे, वो उठी और कमरे से बाथरूम जाने लगी कि अचानक उन्होंने मुझे देख लिया। मैं भी वहाँ से चला गया और रात भर उनकी बुर के बारे में सोचता रहा। उसकी चूत क्या मस्त थी ! बिल्कुल गुलाबी ! एक भी बाल नहीं था उसकी चूत पर ! उसे सोचते सोचते ही मैं तो जैसे पागल हो गया। मैंने रात में मुठ मारी और सो गया।

सुबह जब उठा तो पता लगा कि जीजा जी दस दिनों के लिए पुणे गए हैं। मैं और दीदी एक दूसरे को देख रहे थे।

मुझे उसके पतली कमर के साथ डोलते हुए चूतड़ बहुत विचलित करते थे, मैं सोचता था कि उसे नंगी करने के बाद उसके गोरे गदराये चूतड़ कितने प्यारे लगेंगे.. उन्हें सहलाने में और दबाने में कितना मजा आएगा ! और कमर से ऊपर नज़र जाते ही.. उफ़ उसकी भरी हुई छातियाँ.. उसके स्तन एकदम कसे हुए थे.. एक बच्चे की माँ लेकिन स्तन जैसे बीस साल की कुंवारी लड़की के.. 36 साइज़ होगा उनका.. दोनों उसके ब्लाऊज़ या कुरते के अन्दर एक दूसरे से चिपके हुए रहते थे.. जिसके कारण उसके बीच की घाटी बहुत ही उत्तेजक दिखाई देती थी। सब कुछ मिला कर मेरे जैसे कामी पुरूष के लिए वो एक विस्फोटक औरत थी…

अब मैंने उन्हें और उन्होंने मुझे अलग नजरों से देखना शुरू कर दिया था। शायद वह मेरी नजरों की भाषा समझ रही थी। हम दोनों एक दूसरे से खुल कर बातें करने लगे थे। जब भी मैं उसके उभरे संतरे जैसे चूचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊं। सूट पहने हुए उसकी कमर एवं जांघों को देखकर मुंह में पानी आ जाता था।

एक रात मैं दीदी के कमरे में झांक रहा था तो जो देखा उससे मेरे रोंगटे खड़े हो गए ! दीदी टीवी पर ब्लू फिल्म देख कर अपनी चूत को जोर जोर से अपने हाथों से रगड़़ रही थी ! मेरा लण्ड एकदम से तन कर खड़ा हो गया, मुझसे रहा न गया और मैंने वहीं खड़े खड़े मुठ मार कर उसे शांत किया।

मैं समझ गया कि जीजा जी से दीदी की बुर शांत नहीं होती है, वो प्यासी है उसकी बुर में आग लगी है और मेरा काम बन सकता है।

एक दिन मैं सोने के लिये बेडरूम में आ गया तो देखा की दीदी अपनी गैलरी में खड़ी थी। मैंने सोचा कि मौका अच्छा है। फ़िर तुरन्त ही अपना पैन्ट उतार कर, वो मुझे देख सके, उस तरफ़ मुँह करके अपने लण्ड को तेल लगा-लगा कर मालिश करने लगा।

जैसे ही उसने मुझे नंगा देखा, तुरन्त अपने कमरे में भाग गई। दोस्तो, मेरा लण्ड अगर किसी भी औरत या लड़की ने देखा तो चखने का मन बन ही जाता है। फ़िर मैंने खिड़की के काँच से देखा तो पता चला कि वो दरवाजे के पास कुर्सी डाल कर चुपके से मेरे कमरे में झांक रही थी।

मैंने सोचा कि मेरा काम हो गया। अब दीदी की आँखों में मुझे वासना नज़र आने लगी थी, बस मैं मौके के इंतज़ार में था।

एक दिन वो मेरे पास आई और उसने कहा- मेरे कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई है और मैंने एक जरूरी इमेल करनी है। क्या मैं तेरा लैपटॉप प्रयोग कर सकती हूँ?

मैंने कहा- हाँ हाँ ! क्यों नहीं !

मैंने कहा- दीदी, आप बैठिये, मैं लैपटॉप देता हूँ !

मैंने ऐसे ही लैपटॉप पकड़ा दिया। जैसे ही उन्होंने लैपटॉप देखा तो दीदी का चेहरा लाल हो गया, उसने झिझकते हुए कहा- भैया, तुम ही वेब साईट खोल कर दे दो।

मैंने लैपटॉप लिया तो देखा कि नंगी वेब साइट्स खुली हुई थी, मैं घबरा गया और बोला- सॉरी, यह लीजिये ! अब सब ठीक है !

दीदी बोली- शादी नहीं हुई है तो खूब ऐश हो रही है?

मैंने कहा- मन तो बहुत करता है मगर कुछ भी नहीं कर पाता, सिर्फ इन्टरनेट का ही सहारा है !

उसने कहा- क्या तुम मुझे इन वेब साइट्स के लिंक लिख कर दे सकते हैं?

मैं हैरान रह गया ! मैंने कहा- क्या दीदी?

वो बोली- हाँ ! वो असल में तुम्हारे जीजा जी को दिखानी हैं, शायद ये देख कर वो थोड़ा रोमांटिक हो जायें !

मैंने पूछा- क्यों? क्या वो अभी रोमांटिक नहीं है?

तो दीदी बोली- रोमांटिक का र भी नहीं आता उनको ! रात को आते हैं, शराब पीते हैं और मेरे हाथों में अपने छोटे से लंड को देकर कहते हैं- हिला दो ! मैं उसे झरवा देती हूँ और फिर वो सो जाते है। मेरे अरमान और बदन की गर्मी वहीं की वहीं रह जाती है। मैंने कई बार कोशिश की, मगर वो समझते ही नहीं ! कहते है कि बहुत थक गया हूँ।

शादी से लेकर आज तक बस बहुत कम ही हमने सेक्स किया है जिसमें वो पूरा अन्दर तक भी नहीं जाता।

वो बोली- अंकित, ये मेरी बहुत व्यक्तिगत बातें हैं, किसी को नहीं बताना ! मैं तुम्हे ये सब बता रही हूँ कि तुमने रात सबकुछ देख लिया था।

मैंने घबरा कर कहा- आप चिंता मत करो !

मैं समझ गया था कि लोहा गर्म है, हथौड़ा मारने की देर है।

फिर वो बोली- मेरा काम हो गया है, मैं चलती हूँ अपने रूम में सोने को। तुम भी सो जाओ।

पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने कहा- बस एक चीज दिखानी है आपको !

और कह के अपनी जींस नीचे कर दी, मेरा नौ इंच का लंड खड़ा हुआ फुफकार रहा था। वो पलटी और उसकी आँखें फटी की फटी रह गई, पसीना उसके गाल से बहने लगा और चेहरा लाल हो गया। वो मेरे पास आई, मेरी आँखों में गुस्से से देखा और मुझे जोरदार थप्पड़ मार दिया।

मैं बहुत घबरा गया, शायद मैंने उसकी बातों से गलत समझ लिया था कि वो मेरे साथ अपनी प्यास बुझा लेगी। मुझे लगा कि अब मेरी बदनामी कर देगी ये !

मगर वो बोली- तुमने इतनी देर लगा दी इस चीज़ को दिखाने में??

मेरी सांस में सांस आई और जान में जान ! गिरता हुआ लंड फिर से तन गया और दीदी को मैंने बिना कुछ और सोचे समझे अपनी बाहों में भर लिया। मेरे बदन की जैसे बरसों की प्यास बुझ रही थी। मैंने अपना लंड उसके हाथ में दिया, अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और जोर जोर से चूसने लगा। मेरा हाथ उनके कुरते में घुसे और उसकी ब्रा का हुक ढूंढने लगे।

उसकी साँसें गरम हो गई, मैं बता नहीं सकता कि उसके जिस्म से आग निकल रही थी, वो पागलों की तरह मेरे लंड से खेल रही थी और मुझे चुम्मे दे रही थी, एकदम जवान नई दुल्हन की तरह तड़प रही थी। मैंने उसको दीवार के साथ खड़ा किया और अपनी छाती से उसके मम्मे दबा दिए, उसके माथे से लेकर छाती तक सैंकड़ों चुम्मियाँ ली और कई जगह तो लाल निशान भी बना दिए।

वो भी भूखी शेरनी की तरह मेरे बदन से खेल रही थी और मेरे होंठों को, गालों को, और छाती को चाट रही थी। उसके मुँह से बस आऽऽह…ऽऽ आऽऽ ऊऽऽऽ… म्म्मऽऽऽ आऽऽऽ लव यू जान, मेरे असली मर्द… म्म्मम्म्म्म… आआआअ… यही आवाजें निकल रही थी।

मैंने पंद्रह मिनट तक उनके दोनों मम्मे चूसे और वो तब पागल सी हो है थी। मेरे लंड को रबड़ का खिलौना समझ कर खेल रही थी और अपनी चूत पर रगड़ रही थी। लेकिन मैं भी कम नहीं था, मैंने और भड़काया, उसके हाथों से लंड खींच लिया और उसका सर नीचे की ओर दबाकर इशारा किया कि मुँह में लो !

तो वो फट से तैयार हो गई और मेरा नौ इंच लम्बा लंड देख कर बोली- तुम्हारा तो बहुत लम्बा है, और मोटा है, बिल्कुल काला नाग है ये, तुम्हारे जीजा जी का तो छोटा सा ही था।

मैंने कहा- लम्बे लंड से चुदने में जो मजा आपको अब आएगा वो कहीं नहीं आएगा।

वो बोली- तो जल्दी से चोद दो ना !

और मेरा लंड जल्दी जल्दी चूसने लगी। मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार निकाल कर पैंटी भी उतार दी और चूत में उंगली डाल दी। मैं उंगली से चोदने लगा, वो बिस्तर पर लेट गई और मैं उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा लंड चूसने लगी 69 की पोजिशन में।

तभी उन्होंने मेरा लंड छोड़ कर मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया और आआअह ह्ह्ह्ह्हा आआऊऊउईईइ म्म्म्म्मा करने लगी और जोर से झड़ गई। मैंने उनका पूरा पानी साफ़ कर दिया चाट चाट कर !

फिर मैंने उनसे कहा- अपना कमीज उतार दो।

तो उन्होंने उतार दिया और मैंने उनकी चूची चूसनी शुरू कर दी। वो फिर से गर्म होने लगी और आआअह्हह्ह म्मम्माआअ करने लगी और अपनी चूत रगड़़ने लगी।

मैंने उनके मुंह में अपना लंड डाला, वो तो जैसे तैयार थी, पूरा लंड मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी, जैसे रेगिस्तान की गर्मी में किसी को पानी मिल जाए !

कुछ देर बाद मैं अपनी जीभ से उनकी नाभि चाटने लगा।

वो बोली- क्या बात है तुममें ! कमाल की कला है बिस्तर में औरत के साथ खेलने की ! मैं एक अरसे से इस सपने के साथ जी रही थी, जो आज पूरा होने जा रहा है।

मैंने कहा- मैं भी इसी सपने को आज तक देख रहा था दीदी।

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अब वो पूरी नंगी थी, चूत बिल्कुल साफ़ और पूरी गीली ! मैंने उनकी टांगें थोड़ा फैलाई और चूत का पानी चाट कर साफ़ किया। वो छटपटाई और मेरे बालों को जोर से खींचा। मैंने उनकी चूत को खोला तो वो पूरी लाल थी, मैंने अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और उनका चिल्लाना और तड़पना !

मैं कैसे बताऊँ कि जितनी देर तक चाटा, वो फिर पानी छोड़ती रही जैसे की महीनों से उन्होंने पानी न झारा हो।

तवा पूरा गर्म था, मैंने फटाफट उनकी गांड के नीचे तकिया रखा और दोनों हाथों से उनके हाथ पकड़ कर लण्ड चूत पर रख दिया ! मुझे पता था कि वो बहुत चिल्लाएगी इसलिए अपने होठों से उनके होंठ बंद कर दिए और एक झटका मारा, मेरा तीन इंच लंड उनकी बुर में घुस गया। उनकी चूत वाकई काफी कसी हुई थी, लगभग अनचुदी !

अभी तीन इंच लंड ही गया था कि वो दर्द से कराह उठी, अन्दर ही अन्दर चिल्ला रही थी और पैरों को जोर जोर से पटकने लगी।

मैंने कहा- दीदी, जीजाजी ने तुमको चोदा हुआ है, फिर भी ऐसे चिल्ला रही हो जैसे पहली बार चुदवा रही हो !

तो बोली- एक तो तुम्हारा मोटा है, दूसरा तुम्हें पता है कि उनका लंड कितना बड़ा है, जरा धीरे करो ना !

मैंने कहा- ठीक है !

तो फिर मैं फिर से धक्का लगाने लगा और उनकी चूची चूसने लगा।

मैंने एक मिनट बाद दोबारा धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर घुसा दिया। उन्होंने मेरा मुँह अपने मुँह से हटाया और जोर से चिल्लाई- यह क्या किया ? मैं मर गई, उई माँ ! मैं मर गई ! निकालो इसे…

वो बोली- तुम जानवर हो ! मुझे छोड़ दो ! मेरी चूत फट गई ! मेरी जान निकल रही है, बाहर निकालो।

मैंने झटके लगाने शुरू कर दिए तो वो और चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया और जोर जोर से चोदने लगा। 5 मिनट बाद उसको मजा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी और फिर शुरू हुआ असली चुदाई का मजा !
मैं जितनी तेज ऊपर से झटके मारता वो नीचे से उतनी ही तेजी से जवाब देती। सच दोस्तों क्या बताऊँ क्या क़यामत चुदाई चल रही थी कि तभी वो मुझसे चिपक गई और मेरे कंधे पर काटने लगी और उसने अपने नाखून मेरी पीठ में चुभा दिए। वो आअ आआ आआ आह्ह्ह्ह करती हुई झड़ गई, फिर कहने लगी- जल्दी करो अब सहन नहीं हो रहा।

मैंने भी उन्हें खूब चाटा, करीब पंद्रह मिनट तक उसे चोदने के बाद मैंने अपनी पूरी पिचकारी अन्दर छोड़ दी। तब तक वो दो बार झड़ चुकी थी। वो मेरे शरीर को कस के पकड़े हुए थी और चाट रही थी।

मैं थक कर उनके मम्मों पर गिर गया और वो मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगी। दो मिनट के बाद मैं उठा और अपना लंड उनकी चूत से निकाला।

मैंने प्यार से उन्हें खूब सारे और चुम्मे दिए। उनकी चूत से थोड़ा सा खून छलक आया था जो मैंने रुमाल से साफ़ कर दिया। वो बहुत खुश थी, इस चुदाई के बाद जैसे उसका मन और बदन का हर अंग खिल उठ था। वो इतनी खुश थी कि उनकी आँखों से आँसू छलकने लगे और वो मुझसे काफ़ी देर तक चिपकी रही जैसे मन ही मन वो चाह रही हो कि काश मैं उसका पति होता !

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चूत मरवाने के लिए चली गई https://sexstories.one/maine-apni-chut-marwai/ Sat, 29 Jan 2022 07:37:43 +0000 https://sexstories.one/?p=4527 मेरे शरीर से इतनी ज्यादा गर्मी निकलने लगी कि मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पा रही थी उन्होंने कपड़े खोलकर मुझे नंगा कर दिया, उन्होंने मेरी चूत को चाटा और मुझे कहने लगे तुम्हारी चूत बहुत ही टाइट है...

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Maine apni sexy chut marwai एक दिन मामा जी हमारे घर पर आये और वह मुझे कहने लगे कि तुम्हारी मम्मी कहां है, मैंने मामा जी से कहा मामा जी मम्मी तो अभी कहीं गई हुई हैं और पापा भी अभी कुछ देर में आने वाले होंगे। मामा घर में बैठ गए और वह मुझसे बात करने लगे वह मुझसे पूछने लगे बेटा तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है मैंने उन्हें कहा मामा जी बस ठीक ही चल रही है, आप सुनाइए आप कैसे हैं तो मामा कहने लगे बेटा मैं भी ठीक हूं। मैंने मामा से पूछा आज आप काफी दिनों बाद घर आ रहे हैं मामा कहने लगे हां बेटा तुम्हें तो पता ही है कि मैं अपने काम की वजह से कितना बिजी रहता हूं लेकिन अब कुछ समय बाद मैं रिटायर होने वाला हूं उसी के लिए मैंने घर में एक छोटी सी पार्टी रखी है जिसमें कि अपने सारे रिश्तेदारों को मैं बुलाना चाहता हूं और इसीलिए मैं आज तुम्हारे घर आया था, मैंने मामा से पूछा मामा आप कब रिटायर हो रहे हैं वह कहने लगे बस अगले महीने मैं रिटायर होने वाला हूं।

मेरे मामाजी दिल के बहुत अच्छे हैं और वह बड़े ईमानदार आदमी भी हैं उनकी सब लोग बहुत तारीफ करते हैं, जैसे ही मेरी मम्मी आई तो वह मुझे कहने लगी तुमने मामा को चाय पानी कुछ पिलाया मैंने मम्मी से कहा हां मम्मी मैंने मामा को कॉफी पिला दी थी फिर मम्मी और मामा साथ में बैठ गए मामा जी ने मम्मी से कहा कि मैंने अगले महीने अपने रिटायरमेंट की पार्टी रखी है और आप लोगों को घर पर आना है मम्मी कहने लगी अगले महीने तुम रिटायर हो रहे हो? मामा जी ने कहा हां बहन मैं अगले महीने रिटायर हो रहा हूं।

मम्मी और मैं मामा के साथ मैं भी बैठे हुए थे, मम्मी ने कहा देखो समय कितनी तेजी से चलता है समय का कुछ पता ही नहीं चला अब तुमने अपने बच्चों की भी शादी कर दी है और हमारी भी बच्चों की शादी हो चुकी है बस प्रियंका की शादी होनी बची है और सब कुछ कितने जल्दी से हो गया तुम अब रिटायर भी होने वाले हो मम्मी मामा से कहने लगी तो मामा जी ने भी कहा हां बहन तुम बिल्कुल सही कह रही हो समय का तो बिलकुल पता ही नहीं चला कैसे समय इतनी तेजी से गुजर गया मुझे भी अपनी नौकरी का भी कुछ पता नहीं चला कि मुझे इतने वर्ष नौकरी करते हुए हो गए मुझे कुछ मालूम ही नहीं पड़ा।

मैंने मामा जी से कहा मामा जी आप फिर पार्टी में क्या क्या कर रहे हैं मामा कहने लगे बेटा तुम आ जाओ अभी से बता कर कोई फायदा नहीं है, मैंने मामा से कहा ठीक है मामा जी मैं तो वैसे भी आऊंगी और थोड़ी देर बाद मामा जी घर चले गए जब मामा जी चले गए तो उसके कुछ देर बाद ही पापा आ गए और मैंने पापा से कहा पापा आज मामा जी आए थे मम्मी भी कहने लगी कि वह अगले महीने रिटायर हो रहे हैं और वह हमें बुलाने के लिए आए थे, पापा कहने लगे चलो यह तो अच्छी बात है। कुछ समय बाद हम लोग मामा के घर चले गए जब हम लोग मामा के घर गए तो वहां पर काफी भीड़ थी हम लोगों ने मामा जी को रिटायरमेंट की बधाइयां दी और उन्हें कहा अब आप का आगे का जीवन बड़ा ही अच्छा बीते आपने इतने समय अपने नौकरी को दिए हैं अब कुछ समय अपने परिवार को भी दीजिए, पापा ने उन्हें गले लगा लिया और मम्मी ने भी उन्हें बहुत बधाइयां दी इस बात से मामा जी भी बहुत ज्यादा खुश हो गए थे और मामा जी कहने लगे आप लोग आज हमारे घर ही रुकेगा पापा ने कहा ठीक है आपकी बात कैसे टाल सकते हैं आज आप इतने खुश हैं तो और आज के बाद आप तो अपने परिवार को ही समय देंगे।

मैं भी बहुत ज्यादा खुश थी इतने समय बाद हमारा पूरा परिवार एक साथ था मैं सब को देख कर बहुत खुश थी और सब लोग बड़े ही मस्ती में थे मामा जी ने भी उस दिन डांस किया उनका डांस देखकर मुझे बहुत हंसी आ रही थी लेकिन उनकी खुशी में हम लोग शामिल होने आए थे और मैंने भी उस दिन जमकर डांस किया लेकिन जब एक व्यक्ति वहां पर डांस करने आये तो वह बड़ा ही अच्छा डांस कर रहे थे उनकी तरफ सब देख रहे थे और सब लोग तालियां बजा रहे थे मैं उन्हें जानती नहीं थी लेकिन उनके डांस से बहुत ज्यादा प्रभावित हो गई थी मैं उनके बारे में जानना चाहती थी और मैंने उनसे ही यह बात पूछ ली, उन्होंने मुझे कहा मेरा नाम अमित है और मैं यही पास में रहता हूं।

मैंने उन्हें बताया कि आप का डांस मुझे बहुत अच्छा लगा तो वह कहने लगे मैं आपका बहुत बहुत धन्यवाद कहता हूं जो आपने मेरे डांस की तारीफ की और उसके बाद मैं उनसे बात कर के अपने आप को बहुत अच्छा महसूस करने लगी, उनकी बातों में भी जैसे एक अलग ही जादू था मैं उनकी तरफ पूरी तरीके से खिंची चली गई मेरे साथ पहली बार ही ऐसा हुआ था कि कभी मैं किसी की बातों से ज्यादा प्रभावित हुई थी और कोई व्यक्ति मुझे इतना ज्यादा प्रभावित कर पाया था मैंने अमित जी से कहा की सर क्या आप मुझे भी डांस सिखाएंगे तो वह कहने लगे क्यों नहीं आपको जब भी मौका मिले तो आप मुझे मिल लीजिएगा मैं आपको जरूर डांस सिखाऊंगा।

उनके चेहरे पर बहुत ही खुशी थी लेकिन उस खुशी के पीछे शायद उनका दर्द भी छुपा हुआ था, मैं उनके बारे में ज्यादा नहीं जानती थी लेकिन जब मुझे मेरे मामा जी ने बताया कि वह दिल के बहुत ही अच्छे हैं वह जिस भी पार्टी में जाते हैं तो वहां पर वह चार चांद लगा देते हैं लेकिन उनके साथ बहुत ही बुरा हुआ, मैंने मामा जी से पूछा कि आखिर ऐसा क्या हुआ तो मामा जी कहने लगे अमित की शादी करीब 5 वर्ष पहले हुई थी हम लोग भी वहां पर गए थे और हम लोग शादी में बड़ा ही इंजॉय कर रहे थे क्योंकि अमित सबकी खुशियों में हमेशा शरीक होते हैं और वह सब के दुख में भी शरीक होते हैं वह दिल के बहुत ही अच्छे व्यक्ति हैं।

उन्होंने लव मैरिज की थी और जिस लड़की से उनकी शादी हुई थी वह भी उनसे बहुत प्यार करती थी लेकिन ना जाने ऐसा क्या हुआ कि एक दिन वह घर से भाग गई और इस बात का अमित पर बहुत ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ा लेकिन उसके बाद भी वह बिल्कुल नहीं बदले हैं वह हमेशा खुश रहने की कोशिश करते हैं और उन्हें देखकर कोई भी यह नहीं कह सकता कि वह इतनी ज्यादा तकलीफ में है लेकिन वह किसी से भी यह बात नहीं कहते हैं। इस बात को सुनकर मुझे भी बहुत बुरा लगा और लगा कि अमित के साथ कितना ज्यादा बुरा हुआ मैं उनकी बातों से बहुत ज्यादा प्रभावित होती, उनसे मैंने उसके बाद काफी देर तक बात की उस दिन हम लोग वहीं रुकने वाले थे इसलिए मैंने मम्मी से कहा मम्मी मैं अभी आती हूं, मैं जब रात के वक्त छत में टहल रही थी तो मेरे दिमाग में सिर्फ यही बात आ रही थी कि अमित जी के साथ कितना बुरा हुआ और उनके जैसे व्यक्ति को उनकी पत्नी ने कैसे छोड़ दिया वह दिल के बहुत अच्छे हैं और ना जाने ऐसा उनके साथ क्या हुआ कि उनकी पत्नी को उन्हें छोड़ना पड़ा मैं इसी दुविधा में थी और मेरे दिमाग में सिर्फ यही बात चल रही थी।

Bur Chudai रेशमा की काली चूत

मैंने अपनी एक सहेली को फोन किया और उसे अमित जी के बारे में बताया तो वह कहने लगी अरे यार उनके साथ तो बहुत बुरा हुआ और ऐसे लोगों के साथ इतना गलत होना वाकई में बहुत ही बुरा है। मैंने जब फोन रखा तो मेरी मम्मी मुझे आवाज देने लगी और मुझे वह नीचे बुलाने लगी मैंने मम्मी से कहा मम्मी बस कुछ देर बाद आती हूं। मैंने देखा सामने की छत में कोई व्यक्ति सिगरेट पी रहे थे लेकिन उनका चेहरा नहीं दिखाई दे रहा था वह मेरी तरफ देख रहे थे तब मैंने अपने मोबाइल की टॉर्च से देखा तो मुझे पता चला वह तो अमित जी हैं, मैं उन्हें देखते रही।

वह मुझे हाथ से इशारे करने लगे और कहने लगे तुम छत में क्या कर रही हो। मैंने उन्हें कहा बस ऐसे ही टहल रही हूं लेकिन मेरा उनसे मिलने का मन होने लगा। जब रात को सब लोग सो गए तो मैं चुपके से घर से बाहर निकल आई अमित जी उस वक्त भी छत पर ही थे मैं उनके साथ उनके घर में चली गई। मुझे नहीं पता था कि उनके घर में कोई नहीं है जब हम दोनों साथ में थे तो वह मुझे अपनी दुख भरी कहानी सुनाने लगे। मै उनकी तरफ पूरी तरीके से खींची चली गई, उन्होंने मुझे कहा मैं क्या कर सकता हूं लेकिन मुझे खुश रहना पड़ता है। मुझे भी उन पर दया आने लगी मैंने उनके होठों को किस कर लिया जब मैंने उनके होठों को चूमना शुरू किया तो वह भी मुझे अपनी बाहों में लेने लगे उन्होंने मुझे वहीं नीचे लेटा दिया, उन्होंने मेरे स्तनों को चुसना शुरू किया तो मेरे अंदर से गर्मी निकलने लगी और मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा।

मेरे शरीर से इतनी ज्यादा गर्मी निकलने लगी कि मैं अपने आप पर काबू नहीं रख पा रही थी उन्होंने कपड़े खोलकर मुझे नंगा कर दिया, उन्होंने मेरी चूत को चाटा और मुझे कहने लगे तुम्हारी चूत बहुत ही टाइट है, तुम्हारी चूत में एक भी बाल नहीं है उन्होंने मेरी चूत का बहुत देर तक रसपान किया। जब उन्होंने अपने 10 इंच मोटे लंड को मेरी योनि के अंदर डाला तो मैं चिल्लाने लगी मुझे दर्द होने लगा मेरी योनि से खून का बाहव होने लगा। मैंने उन्हें कहा आपने तो मेरी चूत फाड़ दी अमित जी ने कुछ नहीं कहा। वह मुझे धक्के देते रहे उनके धक्के इतने तेज थे मेरा शरीर पूरा तरीके से हिलने लगा। मुझे ऐसा लगा उनका लंड मेरे पेट के अंदर तक जा रहा है परंतु उन्होंने मेरे साथ बहुत देर तक संभोग किया, मेरी चूत में बहुत ज्यादा दर्द होने लगा था।

मैंने उन्हें कहा मैं अब चलती हूं मैं वहां से चुपचाप रात के वक्त चली आई, रात भर मेरी योनि में दर्द होता रहा लेकिन मुझे उसके बाद बहुत प्यारी नींद भी आ गई, मेरी सील अमित जी ने तोड़ दी थी।

उसके बाद में अमित जी से कभी नहीं मिली लेकिन उनकी यादें अब भी मेरे दिल में है।

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पहला मजा, बड़ी बहन के साथ https://sexstories.one/pehla-maza-badi-behan-ke-sath-xxx/ Thu, 30 Dec 2021 10:14:48 +0000 https://sexstories.one/?p=3490 उन्होने क्रीम मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई और चूत की तरफ़ इशारा करके कहा चलो लग जाओ काम पर. उन्होने अपनी टाँगे फैला ली और मैने चूत पर अपना लंड रगड़ा. चूत के मुँह पर लंड रख कर झटका मारा पर थोड़ा ही लंड अंदर गया...

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Pehla Maja Badi Behan Ke Sath XXX – मेरा नाम विवेक है और मैं इस का रेग्युलर रीडर रहा हूँ. जिससे मुझे भी अपनी घटना लिखने के लिये प्रेरित किया. ये घटना मेरे और मेरी बड़ी बहन जिसका नाम अनुष्का (नाम बदला हुआ) है के बीच हुई एक रात का है. मैं अपनी फैमिली के बारे में बता दूँ. हम साधारण लोग है..

पापा सरकारी नोकरी में है. मम्मी हाउस वाइफ हैं. दीदी की शादी हो चुकी है और मैं अभी ग्रेजुयेशन कर रहा हूँ. हम आपस में ज्यादा बात नही करते है. हमारे घर में सेक्स को लेकर कभी कोई बात ही नही करता. अपनी बड़ी बहन के बारे में बता दूँ लम्बाई 5.3, साइज़ 38-26-36, कलर- गोरा है जो शादीशुदा हैं और उनकी शादी को 1 साल हो गया था. मेरे जीजा जी गावं में जॉब में है और उनका ट्रान्सफर रूरल एरिया में हो गया था जिससे दीदी को वो अपने परिवार की देखभाल के लिये कानपुर में ही छोड़ गये थे.

मेरे घर के सभी लोग शादी में गये थे इसलिये दीदी और मैं ही घर पर थे. सभी लोगो को बस में बिठाने के बाद मैं कॉलेज चला गया. रात को हमने खाना खाया और अपने–अपने कमरे में चले गये. रात को करीब 1 बजे दीदी मेरे कमरे में आई और मुझे जगाया में उठा और पूछा क्या हुआ तो बोली कुछ नही और वापस चली गयी. थोड़ी देर बाद फिर आई और पुछा विवेक सो गया क्या तो मैं बोला नही.

फिर मैने पुछा क्या हुआ तो बोली मुझे नींद नही आ रही है तो मैंने कहा आपकी तबीयत तो ठीक है ना. पर अब उनकी साँसे कुछ तेज़ चल रही थी और घबरा भी रही थी तो मुझे लगा की तबीयत ही खराब होगी मैने कहा आपकी तबीयत ठीक नही लग रही है. तो वो बोली तबीयत तो ठीक है पर तुमसे कुछ बात करनी है मैं बोला ठीक हैं बताओं. वो बोली की तुम अब बड़े हो गये हो. मेरी मदद करोगे तो मैने कहा हाँ क्यों नही. तो बोली मेरा दूध पीवोगे ? आज से पहले कभी हमारी इस तरह की बाते नही हुई थी (दीदी को कभी किसी लड़के के बारे में बात करते या मिलते नही सुना था) इसलिये ये सुनकर मैं दंग हो गया. मैने पुछा क्या? तो वो बोली हाँ..(अब उनकी साँसे काफ़ी तेज़ हो गई थी और दिल काफ़ी तेज़ धक धक कर रहा था जिससे उनके बूब्स के हिलने से पता चल रहा था.)

मैने पूछा किस लिये? कुछ देर चुप रहने के बाद उठकर चली गयी. इससे पहले मैने कभी किसी लड़की से ये बात नही की थी इसलिये मैं दंग था पर अंदर से अजीब सी खुशी हो रही थी जो मैं बता नही सकता. करीब 10 मिनिट के बाद वो फिर वापस आई और इस बार वो काफ़ी कॉन्फिडेंट दिख रही थी और पुछा क्या सोचा हैं. मैने कहा क्या हो गया है आपको? अब मेरी साँसे भी तेज़ हो गयी थी जिससे मेरी आवाज़ नही निकल रही थी पर मेरा लंड खड़ा हो गया था. वो बोली देखो मैं काफ़ी दिनो से तुम्हारे जीजा से नही मिली हूँ अब मुझे उनकी ज़रूरत है. मेरी तबीयत अब सेक्स करने से ही ठीक होगी. ये सुन कर मेरा लंड अब पेन्ट फाड़ने को तो तैयार था. वो बोली मैं जानती हूँ की तुम्हे भी एक लड़की की ज़रूरत है. मैने कहा पर आप मेरी दीदी हो.. वो बोली इसलिये तो कह रही हूँ अब उनका और मेरा चेहरा लाल हो चुका था.

मैने कहा पर मैने कभी किया नही है तो बोली मेने तो किया है. मैने कहा अगर कुछ हो गया तो वो बोली कुछ नही होगा और ना किसी को पता चलेगा. अब सब बंद करो. मैने ब्लू फिल्म कई बार देखी थी तो मुझे पता था पर रियल में तो उससे भी ज्यादा मज़ा आता है. फिर वो मुझे अपने रूम में ले गयी. उस दिन उन्होने लाल सिल्क नाइटी पहन रखी थी क्या गजब लग रही थी ये तब पता चला जब ये सब हुआ. दीदी बोली आओ फिर मेरा एक हाथ अपने बूब्स पर रख दिये और कहा इसे दबाओ. मेने वैसा ही किया पर थोड़ा डर रहा था की दर्द होगा.

Ghar me incest sex तारक मेहता में चुदाई कांड – भाग 7

फिर वो बोली थोड़ा ज़ोर से दबाओ मैने कहा दर्द होगा वो बोली दर्द नही होगा और अपने लाल होठों को एक बार मेरे होठों से किस किया मुझे तो जैसे शॉक लगा पर मज़ा आया. फिर मैंने अपने होठों को उनके होठों से लगाया और चूसने लगा वो बराबर साथ दे रही थी. मैने उन्हे बेड पर लेटा दिया और उनके उपर चड गया. मैने फिर किस करना स्टार्ट कर दिया. कुछ देर बाद में थोड़ा नीचे आया और उनके बूब्स को नाइटी के उपर से काटा उनके मुँह से अहह निकल गयी. फिर मैं बूब्स से नीचे आया और उनके पेट पर किस किया फिर और नीचे गया पर चूत को किस नही किया. अब में उनके पैर के अंगूठे को किस किया और उपर बढ़ने लगा. धीरे धीरे मैं उनकी नाइटी को उपर करता गया और पैरो को किस करता रहा.

जब मैने उनकी नाइटी को कमर पर किया तो देखा उन्होने सिल्क लाल पेंटी पहन रखी थी पर वो कुछ भीगी लग रही थी जब मैं उनकी जांघो को किस कर रहा तो एक मधहोश कर देने वाली सुगंध पेंटी से आ रही थी. मैने पेंटी को किस किया तो मेरे होठ भीग गये. मैंने धीरे धीरे नाइटी को उपर चढ़ाया और उनके बूब्स तक पहुच गया. उन्होने गुलाबी कलर की ब्रा पहन रखी थी मैंने ब्रा के उपर से ही चूसना शुरू कर दिया वो एकदम कड़क हो गई. फिर उन्हे उठाया और नाइटी उतार दी दीदी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये. दीदी बोली तुम तो कह रहे थे कुछ नही जानते हो तब ये सब कैसे? मेंने कहा आप को देख कर हुआ जा रहा है. मैने उन्हे किस किया और ब्रा उतार दी अब बूब्स नंगे थे मैने तुरन्त उनके निपल को चूसना और काटना चालू कर दिया वो बोली आराम से चूसो में कहीं नहीं जा रही हूँ.

मैंने कहा आपने ही तो बोला था दूध पीने को वो बोली तो दूध पीने का मज़ा आया मैने कहा बहुत. अब मैं नीचे आया और उनकी पेंटी निकाल दी. क्या चूत थी यारो. गुलाबी चूत वो भी रियल लाइफ में पहली बार तो आप लोग समझ सकते हैं उस वक़्त क्या महसूस हो रहा होगा मुझे. चूत के बाल छोटे छोटे थे. मैने उनके पैर फैलाये और लग गया चूत चाटने को जैसे ही मैने अपनी जीभ उनकी चूत की फाको पर रखी मधहोशी छा गयी. मैने धीरे धीरे चाटना जारी रखा पर दीदी ने मेरा सर पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत पर रगड़ने लगी फिर कुछ देर में उनका पानी मेरे मुँह पर निकल गया. मैं कुछ समझ नही पाया पर टेस्ट अच्छा लगा तो चूत और चाट ली. दीदी बिल्कुल शांत हो गयी थी पर मैने चूत चाटना जारी रखा. कुछ देर बाद बोली उपर आ जा मैं उपर गया तो उन्होने फिर से किस स्टार्ट कर दिया. मैने रेस्पॉन्स दिया और साथ में बूब्स दबाता रहा अब वो फिर तैयार हो गयी.

मैं भी एग्ज़ाइटेड था इस बार में चूत मेंने एक उंगली डाली और अंदर बाहर करने लगा फिर एक और उंगली डाल दी. दीदी बोली उंगली निकाल लंड डाल उंगली करने से अगर ये शांत हो जाती तो तेरी क्या ज़रूरत थी. ये सुनकर मुझे जोश आ गया और मैने लंड दीदी की चूत के मुँह पर रख दिया और धक्का मारा. मेरे लंड का अगला सिरा ही बड़ी मुश्किल से गया की मुझे दर्द होने लगा. दीदी बोली जा क्रीम ले कर आ मैं क्रीम ले आया और उन्होने अपने हाथो से मेरे लंड पर क्रीम लगाने लगी में एग्ज़ाइटेड होने की वजह से उनका हाथ लगते ही मैने उनके उपर ही वीर्य गिरा दिया. मैं डर गया पर वो बोली कोई बात नही ऐसा होता है. उन्होने वीर्य साफ किया और फिर मेरा लंड अपने मुँह मे ले लिया थोड़ी देर चूसने के बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.

फिर उन्होने क्रीम मेरे लंड और अपनी चूत पर लगाई और चूत की तरफ़ इशारा करके कहा चलो लग जाओ काम पर. उन्होने अपनी टाँगे फैला ली और मैने चूत पर अपना लंड रगड़ा. चूत के मुँह पर लंड रख कर झटका मारा पर थोड़ा ही लंड अंदर गया की मुझे फिर दर्द होने लगा. दीदी बोली फर्स्ट टाइम होता है दर्द. चलो मर्द बनो और अपनी दीदी की चूत को फाड़ डालो. ये सुन कर मुझे जोश आ गया एक जबरदस्त झटका मारा और मेरा पूरा लंड अंदर चला गया मैं और दीदी दोनो ही चीख पड़े. मेरा लंड थोड़ा मोटा है और लंबा भी इसलिये. मुझे ज़्यादा दर्द हो रहा था तो दीदी बोली मेरा दूध पीओं तो ताक़त मिल जायेगी और लंड चूत में डाले डाले ही में उनके लिप्स और बूब्स बारी बारी से चूसने लगा.
अब मुझमे और ताक़त आ गई मैने धीरे धीरे लंड आगे पीछे करने लगा.

दीदी भी साथ दे रही थी और मेरे झटको की गति बढ़ती जा रही थी. दीदी के मुँह से आआआआहह ओंऊऊऊओहूऊ की आवाज़ निकल रही थी जिसे सुनकर जोश बढ़ रहा था. दीदी अपनी टांगो को सिकोड़ने लगी जिससे मुझे ज्यादा ताक़त लगानी पड़ रही थी. फिर दीदी का पानी निकल गया. उन्होने रुकने को कहा. मैं रुक गया और उनके बूब्स को चूसने लगा कुछ देर में वो फिर तैयार हो गई और कहा तुम भी काम पूरा कर लो. में तुरन्त झटके मारना चालू कर दिया कुछ देर बाद मेरा माल निकलने वाला तो मैने कहा मेरा निकल रहा है वो बोली अंदर ही डाल दे कुछ नही होगा जब तक गर्म लावा अंदर नही पड़ेगा तब तक शांति नही मिलेगी. फिर हम दोनो झड़ गये और मैं उनके उपर ही लेट गया. अब सुबह के 5 बज रहे थे.

और हम सोने चले गये थे.

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एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी https://sexstories.one/desi-indian-family-ki-incest-porn-kahani/ Fri, 17 Dec 2021 08:09:33 +0000 https://sexstories.one/?p=5020 उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था...

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Desi Indian Family ki Incest Porn Kahani – आरव अपने पिता द्वारा खरीदा गया रंगीन टीवी देखकर खुश था, यह उसके गाँव का पहला रंगीन टीवी था और वह अपने दोस्तों को इसके बारे में शेखी बघारते नहीं थकता था। आरव एक 18 साल के बच्चे के लिए थोड़ा अपरिपक्व था और उसकी काया ने मदद नहीं की या तो कोई उसे आसानी से 15 या 16 साल के लिए भूल जाएगा। इसके कुछ लाभ भी थे; उसके पिता उसे खेती में शामिल नहीं करते थे।

पिछली बार जब उनके पिता उन्हें चावल की बुवाई के लिए खेत में ले गए, तो उन्होंने एक ही छेद में सारे बीज डाल दिए, अपने बचाव में उन्होंने कहा “पिताजी, आपने मुझे बीज को जमीन में डालने के लिए कहा था, आपने कुछ भी नहीं बताया इसे समान रूप से फैलाने के बारे में। ” उस घटना के बाद उसके पिता उसे कभी खेत में नहीं ले गए।

“माँ, आरव मुझे परेशान करता है, वह मुझे मेरा एपिसोड देखने नहीं दे रहा है, मैं एक महीने से इसका पालन कर रहा हूँ।” आरती ने अपनी मां से शिकायत की।

“माँ, मुझे शक्तिमान देखना है, मैं एक साल से इसका पालन कर रहा हूँ।” आरव ने कहा कि वह जानता है कि उसकी मां उससे ज्यादा प्यार करती है और उसकी किसी भी इच्छा से इनकार नहीं किया; आखिर वह घर का इकलौता बेटा था।

“अरे तब हमारे पास टीवी नहीं था।” आरती अपने भाई पर चिल्लाई।

“आरती, अपने भाई को टीवी देखने दो, क्या तुमने बर्तन बनाए।” शालिनी कुएं से चिल्लाई।

वह गाँव के बाहर नदी में स्नान करने वाली अन्य महिलाओं के विपरीत, अपने घर के ठीक बाहर गाँव के कुएँ में स्नान करना पसंद करती थी। आमतौर पर महिलाएं कुएं से पानी अपने घर ले जाती थीं, लेकिन चमत्कारिक रूप से जब भी शालिनी स्नान करतीं तो कई पुरुष कुएं से पानी लेने आते। ऐसा नहीं था कि शालिनी को यह नहीं पता था, लेकिन गाँव के कुएँ में नहाना दिन का उसका पसंदीदा हिस्सा था, वह पूरे दिन उसका इंतजार करती थी।

“कमबख्त वेश्या।” आरती ने अपनी सांस के नीचे अपनी मां को बताया।

आरव ने अपने अहंकार को और भी अधिक चोट पहुँचाने पर विजयी रूप से मुस्कुराया और खुद को टीवी देखने में लगा दिया।

आरती ने बर्तन लिए और उन्हें साफ करने के लिए कुएं पर चली गई, लेकिन वह अपने सामने की जगह को देखकर चौंक गई, उसकी माँ का ब्लाउज गीला था और उसके लाल निप्पल स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे थे, वह देख सकती थी कि दो आदमी खुलेआम अपनी आँखें उस पर दावत दे रहे हैं। . भले ही वह उससे नाराज़ थी, फिर भी उसने अपनी सुरक्षा महसूस की और उसने उसे चेतावनी देने का फैसला किया।

“अरे, माँ क्या तुम मुझे कुएँ से कुछ पानी खींचोगी।” आरती ने अपनी माँ से यह उम्मीद करते हुए पूछा कि वह उसकी ओर मुड़ेगी ताकि वह उसे अपनी स्थिति के बारे में बता सके।

Desi Maa ki Incest Sex – माँ ने चुदवा लिया मुझसे – 3

“माँ, तुम्हारा ब्लाउज।” आरती ने अपनी माँ को इशारा किया कि वह उससे बाल्टी लेने के लिए उसकी ओर मुड़ी।

“ओह …” उसने हैरान होकर अपने ब्लाउज को समायोजित किया, उसे पछतावा हो रहा था कि उसने उसे व्यंजन करने के लिए बुलाया और उसने एक मानसिक नोट लिया, अगली बार जब वह स्नान करेगी तो वह उसे टीवी देखने देगी।

“माँ, आपने खाने में क्या बनाया है?” आरव ने पास बैठी आरती पर प्यार से चेहरा बनाते हुए अपनी माँ से पूछा।

वे मिट्टी और लकड़ी से बने एक बहुत छोटे से घर में रहते थे, छत सूखी झाड़ियों से बनाई जाती थी जो बारिश के पानी को घर में रिसने से रोकती थी, जिससे फर्श मैला हो जाता था, उनके पास दो छोटे कमरे थे। उन्होंने एक कमरे में खाना पकाने की सामग्री और दूसरे में घरेलू सामान रखा था, दोनों कमरे एक छोटे से दरवाजे के साथ मिट्टी की दीवार में एक छोटे से छेद से जुड़े थे।

“आरती, आज अपने भाई के साथ सो जाओ।” अपनी माँ की शर्मीली आवाज सुनकर आरती एक मुस्कान को दबा नहीं पाई, वह अपने भाई की तरह गूंगी नहीं थी, यह समझने के लिए कि जब भी वे एक साथ कुछ निजी समय बिताने के मूड में होते, तो उसे अपने भाई के साथ सोने के लिए भेज दिया जाता था अन्यथा वह सो जाती थी माँ के साथ और उसका भाई अपने पिता के साथ सोएगा।

आरती ने लाल रंग की फूलदार स्कर्ट पहनी थी जो मुश्किल से उसकी जांघों के बीच में आती थी और कई जगहों पर सिल दी जाती थी, उसने अपने भाई को मुस्कुराते हुए देखा जब उसने सुना कि वह उसके साथ सो रही है।

“यदि आप आज कुछ भी करते हैं, तो मैं पिताजी को बता दूँगा और वह आपकी बकवास को हरा देंगे।” आरती ने अपने भाई से दृढ़ता से कहा, पिछली बार जब वह अपने भाई के साथ सोई थी, तो वह किसी तरह अपना हाथ उसके ऊपर डालने में कामयाब रहा था और उसके स्तनों को सहला रहा था, आरती उस पर नाराज थी लेकिन वह इसकी गंभीरता को जानती थी इसलिए उसने नहीं किया उसके माता-पिता के साथ उसका भंडाफोड़ किया और खुद चीजों को संभालने का फैसला किया।

“मैंने कुछ नहीं किया।” आरव ने साहसपूर्वक उत्तर दिया, वह जानता था कि वह झांसा दे रही है।

आरती ने उसे अनसुना कर दिया, वह बिस्तर बनाने में व्यस्त हो गई, उसने फर्श पर छोटी-सी चटाई बिछा दी और तकिया बनाने के लिए चादर घुमा दी। उसकी माँ ने उसके पिता को रंगीन टीवी खरीदने के लिए राजी किया था, जबकि वे उस पैसे से कई घरेलू सामान खरीद सकते थे।

आरव उत्तेजना से सो नहीं पा रहा था, वह उसके स्तनों की कोमलता के बारे में सोच रहा था, यह उसके हाथों में कैसा लगा, वह जानता था कि वह बादाम के आकार की आँखों से सुंदर थी, प्यारी छोटी नाक, उसके बेदाग गुलाबी गाल लेकिन सबसे अच्छा उसके चेहरे का हिस्सा उसके होंठ थे, स्वाभाविक रूप से गुलाबी रंग और ऐसा लग रहा था कि यह उसके चेहरे पर तराशा गया हो। “क्या बात है, क्या मैं सोच रहा हूँ कि वह एक झटका है।” उसने सोचा, उसे अपनी बहन की इस तरह सराहना करते हुए अजीब लगा।

आरव ने करवट बदली और देखा कि उसकी बहन गहरी नींद सो रही है, वह सोते समय बहुत सुंदर लग रही थी, वह उसके गुलाबी होंठों को देखकर उत्तेजित हो गया और उसे चूमना चाहता था, लेकिन इसके बजाय उसने अपना बायाँ हाथ ब्लाउज से ढके उसके स्तन पर घुमाया, उसने उसके स्तन दबा दिए थोड़ा और उसका चेहरा देखा कोई प्रतिक्रिया देखने के लिए, कोई नहीं। उसने धीरे से उसके ब्लाउज के बटन खोले और अपने हाथों को उसके ब्लाउज के अंदर खिसका दिया, उसे अपने हाथों में उसके नग्न स्तन को थपथपाना बहुत अच्छा लगा, और वह उसके निप्पल को अपनी हथेली से चरते हुए महसूस कर सकता था।

उसने धीरे से अपना हाथ उसके स्तन को घुमाते हुए घुमाया और वह उसके निप्पल को अपने हाथों में बढ़ता हुआ महसूस कर सकता था, उसने उसके दाहिने स्तन को खोल दिया और पहली बार उसने उसके नग्न भव्य स्तन को देखा, वह उसके खुले स्तन के ऊपर झुक गया और उसके निप्पल पर चूमा, लेकिन वह और अधिक चाहता था इसलिए वह नीचे झुक गया और भूख से उसके आधे स्तन को अपने मुंह में ले लिया और उसके चिकने, मुलायम लेकिन कोमल स्तनों को बेतहाशा चूस रहा था।

आरती को उत्तेजना महसूस हुई, वह एक उन्माद में थी कि वह समझ नहीं पा रही थी कि उसके स्तन को क्या हो रहा है, उसे ऐसा लग रहा था कि कोई उसके स्तन को उसके शरीर से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा है और इसने उसे उत्तेजना से जंगली बना दिया है। तब उसने महसूस किया कि यह उसका भाई है जो उसकी छाती को चूस रहा है, वह एक झटके के साथ अपना सिर एक तरफ करके बैठ गई।

“आप क्या कर रहे हो।” आरती ने पूछा, एक ही समय में दोहरी भावनाओं को महसूस करते हुए, वह उस पर गालियाँ देना चाहती थी, लेकिन वह अपनी उत्तेजित अवस्था के कारण ऐसा नहीं कर सकी। वह उत्तेजना से भर गई थी, उसके गाल लाल हो गए थे और उसने उसकी ओर देखा लेकिन उसे नहीं पता था कि क्या करना है।

“मुझे बहुत खेद है, आप बहुत सुंदर लग रहे थे, मैं खुद को नियंत्रित नहीं कर सका, मुझे वास्तव में खेद है, कृपया पिता को मत बताना।” आरव चिंता से बौखला गया, वह जानता था कि वह बहुत दूर चला गया है, छूना एक बात है लेकिन उसके स्तनों को चूसना पूरी तरह से अलग था, वह एक रेखा थी।

वह शांत हो गई जब उसने अपने भाई को यह कहते हुए सुना कि वह सुंदर दिखती है, किसी ने उसे कभी नहीं बताया कि वह सुंदर थी, वह हमेशा अपने बारे में सचेत रहती थी, वह हमेशा सोचती थी कि वह अच्छी दिख रही है या नहीं, इसलिए जब उसने अपने भद्दे भाई (जो एक ट्रिलियन वर्ष में उसकी किसी भी चीज़ की प्रशंसा न करें) उसके पूरक के रूप में, उसने अपने भीतर गर्व की लहर महसूस की।

“क्या आपको लगता है कि मैं सुंदर हूँ।” उसने अपने भाई से बाकी सब कुछ भूल जाने के लिए कहा, जो उसके अभी भी खुले स्तन को देख रहा था।

उसने महसूस किया कि उसने उसकी कमजोर जगह को छू लिया है। “बेशक, तुम सुंदर हो।” उसने मुस्कराहट दबाते हुए उत्तर दिया।

“चलो सो जाते हैं, लेकिन कोई शरारत नहीं।” आरती ने गंभीर स्वर में आरव से कहा।

to be continued..

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बुआ की लड़की को पटाया https://sexstories.one/bua-ki-ladki-ko-pataya-aur-chod-daala/ Wed, 15 Dec 2021 07:09:39 +0000 https://sexstories.one/?p=3473 मैने अपना हाथ उसकी पेंटी से बाहर निकालकर उसको पीछे से जकड़ कर एक झटका अपनी लेफ्ट साइड दिया जिससे मैं उसकी पीठ पर लेट गया अब वो मेरे नीचे थी और मैं उसके उपर उसके दोनो बूब्स को जकड़े हुए...

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Bua Ki Ladki Ko Pataya – मेरा नाम अनुज है मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 32 साल है आज मैं आपको अपनी एक स्टोरी के बारे मैं बताता हूँ ये मेरी रियल स्टोरी है ये स्टोरी उस समय की है जब मैं इस साइट की स्टोरी बहुत पढ़ता था मेरी बुआ जी भी दिल्ली मैं रहती हैं उनकी 2 बड़ी लड़कियाँ हैं और एक छोटा लड़का है दोनो बड़ी लड़कियों किरण और मौली की उम्र 22, 18 साल है और प्रवीण 16 साल का है ऐसे तो दोनो ही सुंदर हैं लेकिन मौली कुछ ज़्यादा ही खूबसूरत है मेरे पास बुआजी का फोन आया की अनुज तुम्हारे फुफा जी और मैं प्रवीण के साथ कल से 3-4 दिनो के लिए गावं जा रहे हैं शिप्रा (मेरी वाइफ) तो मायके गयी हुई है.

तुम जब तक हम नही आते यही आकर सो जाना क्योकी किरण और मौली अकेली हैं मैने कहा ठीक है बुआ जी मैं वही आकर वही सो जाऊंगा कल आप सुबह निकल जाना मैं शाम को ऑफीस से सीधे वही पहुँच जाऊंगा आज तो गुरुवार है मेरी भी 2 दिन की शनिवार,रविवार की छुट्टी रहेगी सोमवार दिन की बात है मंगलवार को तो आप आ ही जाओगे बुआ जी बोली हाँ हम लोग मंगलवार को आ जायेगे वो लोग अगले दिन सुबह चले गये मेरे दिमाग़ में अपनी बुआ जी की लड़कियों को चोदने का विचार आने लगा मैं ऑफीस से 2 बजे ही लंच ख़त्म करके मैं बहाना करके निकल आया.

मैने रास्ते से 2 सेक्सी कहानियों की किताब ली जिसमें ज़्यादातर भाई बहन वाली स्टोरी थी। और एक ब्लू फिल्म की डी.वी.डी ली पहले मैं अपने रूम पर गया वहाँ से एक छोटा बैग लिया और उसमें अपने 2-3 दिन के लिए कपड़े और उसी बैग मैं एक पॉकेट मैं दोनो मैगज़ीन और सी.डी डाल दी और कपड़ों मैं अपने फोन का चार्जर रख दिया अपनी बाइक से मैं उनके घर पहुँच गया दरवाजा किरण ने खोला और मुझसे बोली भैया आप इतनी जल्दी कैसे आ गये अभी तो 3 बजे हैं मैने कहा हाँ किरण तुम लोग अकेले होगे सोचकर जल्दी आ गया वो बोली भैया आप सच मैं कितने अच्छे हो आपको हमारा कितना ख्याल है इसके बाद किरण ने मेरे लिए चाय बनाई और हम दोनो ने साथ बैठकर चाय पी मुझे मौली के बारे मैं पता था की वो पढ़ने गयी है और किरण अक्सर घर पर ही रहती है.

फिर भी मैने जानबुझ कर उससे पूछा मौली कहाँ है तो उसने कहा मौली अभी पढ़कर नही आई है वो तो 7 बजे तक कोचिंग से आती है मैने कहा तुम्हारा क्या है तुम नही जाती एम.बी.ए क्लास के लिए तो उसने कहा भैया एम.बी.ए कर रही हूँ उसमें कभी कभी क्लास होती है थोड़ी देर हम दोनो इधर उधर की बातें करते रहे और थोड़ी देर बाद मैं अपने प्लान के अनुसार बोला किरण मेरे बैग की पॉकेट मैं मेरे फोन का चार्जर रखा होगा ज़रा निकाल कर ले आना थोड़ा फोन चार्ज करूँगा वो बोली ठीक है भैया लेकर आती हूँ वो जैसे ही अंदर वाले कमरे मैं बैग से चार्जर लेने गयी मैं भी उसके पीछे पीछे गया और उसको पर्दे के पीछे से छुपकर देखने लगा जैसे ही उसने बैग की आगे वाली पॉकेट की चैन खोली उसने उसमें मस्तराम की बुक देखी और उसको देखकर जल्दी जल्दी से उसको पलटकर देखने लगी.

मैं वापस अपने उसी रूम मैं आ गया कुछ देर बाद वो मेरे पास आई और बोली भैया मैने पॉकेट चेक की मुझे तो चार्जर नही मिला मैने कहा हो सकता है कपड़ों मैं रख दिया हो कपड़ों के अंदर देख लो वो दोबारा गयी और चार्जर लेकर आई मैने फोन को चार्जिंग मैं लगाया और उसे कहा किरण मैं थोड़ा थक सा गया हूँ थोड़ा आराम कर लेता हूँ वो बोली ठीक है भैया मैं अपनी आँखों पर अपना हाथ रखकर सोने का बहाना करके उसे पड़ा पड़ा देखता रहा और वो वहीं टी.वी देखती रही कुछ देर बाद उसने आवाज़ लगाई भैया सो गये क्या मैं कुछ नही बोला वो टी.वी बंद करके चली गयी मैने देखा वो उसी कमरे मैं गयी है जिसमें मेरा बैग रखा है मैं भी 5 मिनिट बाद उस कमरे मैं गया और पर्दे से छुपकर देखा तो वो उसी बुक को पढ़ रही थी उसका एक हाथ उसकी पेंटी मैं था मैं समझ गया की उसको बुक पढ़ने मैं मज़ा आ रहा है मैं दबे कदम उसके पास पहुँच गया लेकिन उसको पता भी नही चला जैसे ही उसने मुझे अपने पास देखा वो बुरी तरह से डर गयी मुझे ऐसे लगा जैसे उसको 440 वोल्ट्स का करंट का झटका लगा हो.

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मैने कहा क्या पढ़ रही हो किरण उसने कहा भैया कुछ नही मैने कहा फिर डर क्यों गयी थी दिखाओ क्या है उसने डरते हुए बुक मुझे दी और कहा आपके बैग से निकाली थी तो मैने अंजान बनते हुए कहा मेरे बैग से? ये बुक्स शायद मेरे फ्रेंड की होंगी जिससे आज मैने ये बैग लिया था क्योकी मेरे पास कोई छोटा बैग नही था कपड़े रखने के लिए और मैने जब देखा तो ऐसे नाटक करते हुए मुस्कुराते हुए बोला ये तो सेक्स स्टोरी की किताब है अच्छा तो ये पढ़ रही हो छुप छुपकर वो बोली भैया सॉरी मैने कहा सॉरी किस लिए पढ़ो कोई बात नही और उसको बुक्स लौटाने लगा वो बोली भैया ये गंदी बुक है मुझको नही पढ़ना.

मैने मुस्कुराते हुए कहा अगर गंदी है तो फिर तुम्हारा एक हाथ पेंटी के अंदर क्यों था बोलो…..वो भी मुस्कुरा दी और अपनी नज़रें नीचे कर ली मैने अपने हाथ से उसकी ढाढ़ी पर हाथ लगाते हुए मुस्कुराकर बोला………बोलो……..बोलो….गंदी है तो क्यों पढ़ रही थी? मैने उसकी मुस्कुराहट का फ़ायदा उठाया और उसको जल्दी से लिप्स पर एक किस कर दिया वो ये देखकर हैरान रह गयी और बोली भैया आप ये क्या कर रहे हो मैं आपकी बहन हूँ मैने कहा जब गंदी बुक पढ़ती हो तो ये सब याद नही रहता है की इस बुक मैं जो स्टोरी हैं वो सब तो भाई बहन की ही हैं उन्हे पढ़कर मजा ले सकती हो लेकिन वास्तव मैं क्यों शर्म करती हो चलो शर्म छोड़ो चलो हम लोग साथ साथ पढ़ते हैं और उसके पास आकर बैठ गया वो बोली भैया नही ये गंदी बुक है इसको हम एक साथ कैसे पढ़ सकते हैं.

मैने कहा ये समझो मैं यहाँ नही हूँ थोड़ी देर पहले तो पढ़ रही थी अब क्या हुआ और ये कहते कहते मैने उसके सामने किताब खोलकर उसके हाथ मैं पकड़ा दी वो बोली भैया रहने दो ना प्लीज़ तो मैं बोला अच्छा ठीक है 3-4 स्टोरी दिल ही दिल मैं चुपचाप पढ़कर रख देंगे वो बोली नही भैया ठीक है 1 स्टोरी मैने कहा ओके ठीक है लेकिन स्टोरी मैं पसंद करूँगा वो बोली ठीक है मैने उसमें से एक लंबी सी स्टोरी निकाली जो की बुआ की लड़की की चुदाई की ही थी और मेरी स्टोरी से मिलती जुलती थी हम दोनो एक दूसरे के आजू बाजू बैठ गये और मन ही मन मैं पढ़ना शुरू किया मुझे पढ़ने मैं थोड़ी परेशानी हो रही है ये कहकर मैं उसके पीछे पैर लंबे करके बैठ गया और उसकी गर्दन की तरफ से देख कर पढ़ने लगा मैने पढ़ते पढ़ते उसकी गर्दन पर सिर रख दिया तो वो बोली भैया सीधे बैठे रहो.

मैने कहा यार किरण मेरी गर्दन दर्द करने लगी है इसलिये सिर रखा है धीरे धीरे मैं उसके कान मैं अपने मुँह और नाक से लंबी लंबी साँसे लेकर गर्म करने लगा बुक पढ़ते पढ़ते उसके हाथ और शरीर का कंपन मुझे साफ दिख रहा था वो भी अब गर्म हो चुकी थी मैने अपना एक हाथ बड़ी तेज़ी के साथ उसकी पेंटी के अंदर डाल दिया उसने गुस्सा दिखाते हुए बुक रख दी और बोली भैया ये क्या है हाथ बाहर निकालो मैने कहा कुछ देर पहले तो अपना हाथ डाल रखा था मेरे हाथ मैं क्या काँटे लगे हैं देखना मेरे हाथ से बहुत मज़ा आयेगा वो अपने आप को इधर उधर हिलाकर उठकर जाने का प्रयास करने लगी और मैने अपना दूसरा हाथ उसकी चूची पर रखकर उसको अच्छी तरह से जकड़ लिया.

वो बोली आप मान जाओ भैया। मैने कहा मान जाऊंगा लेकिन स्टोरी पूरी पढ़ने के बाद वो बोली ठीक है इससे ज़्यादा कुछ हरकत मत करना वरना देख लेना फिर मैने हँसते हुए कहा दिखाओंगी तो देख भी लूँगा वो बोली भैया आप बहुत गंदे हो आपके बारे मैं मैने कभी ऐसा नही सोचा था। और तभी मैने अपना हाथ उसकी पेंटी से बाहर निकालकर उसको पीछे से जकड़ कर एक झटका अपनी लेफ्ट साइड दिया जिससे मैं उसकी पीठ पर लेट गया अब वो मेरे नीचे थी और मैं उसके उपर उसके दोनो बूब्स को जकड़े हुए मैने किरण को कहा किरण तुम बहुत सुंदर हो मैं आज तुमको जी भरकर प्यार करना चाहता हूँ। उसका मन भी कर रहा था लेकिन वो शर्म से बोल नही पा रही थी इसलिए वो बोली ठीक है भैया लेकिन उपर उपर से करना अंदर मत डालना वरना मैं प्रेंग्नेंट हो जाउंगी मैने कहा मैं तुमको प्रेंग्नेंट नही होने दूँगा मैं कन्डोम से कर लूँगा.

वो बोली अभी रहने दो मौली का आने का टाइम भी हो रहा है शाम का खाना भी बनाना है रात को करेंगे मैं बोला ठीक है और हम दोनो खड़े हो गये वो शाम के खाने की तैयारी करती रही मौली 30-40 मिनिट के बाद आई लेकिन मैं तब तक उसके पीछे लगा लगा उसको कभी किस करता कभी उसकी चूचीयों को दबाता उसके हिप्स पर हाथ फेरता और वो इसका जवाब मुस्कुराकर देती वो भी चुदने के लिए बड़ी उतावली हो रही थी मौली जब घर आई तो उसने मुझे नमस्ते भैया बोला मैने उसको नमस्ते कहा और मैं उसको देखकर बिल्कुल दंग रह गया वो गजब की सुंदर हो गयी थी 18 साल की जो हो गयी थी तो मेरा दिल उसको देखकर ललचाने लगा मैने सोचा की काश किरण के साथ साथ इसकी भी मिल जाये तो मज़ा आ जाये.

मौली मुझे देखकर बोली भैया क्या सोचने लगे मैने उसके बूब्स की तरफ देखकर बोल ही दिया मौली तुम तो काफ़ी बड़ी हो गयी हो और पहले से काफ़ी सुंदर भी वो भी मुस्कुराकर बोली भैया आप काफ़ी दिनो बाद हमसे मिले हो शायद इसलिये आपको ऐसा लग रहा है किरण और मौली दोनो नाइट मैं एक बेड पर और उन्होने कहा भैया आप इसी कमरे मैं सोना चाहते हो तो इसमें एक चारपाई डाल दूँ या दूसरे कमरे मैं बेड पर सो जाओ मैं तो अलग कमरे मैं सोना चाहता था। इसलिये मैने कहा नही मैं दूसरे कमरे मैं सो जाऊंगा और मैं किरण को उस कमरे मैं आने का इशारा करके दूसरे कमरे मैं चला गया किरण, मौली के सोने के बाद करीब 10 बजे मेरे पास आई उसकी नज़रें झुकी हुई थी चेहरा शर्म से लाल हो रहा था लेकिन वो आज मज़ा लेना चाहती थी.

मैं बेड से उठा और उसके पास जाकर उसको बाहों मैं भर लिया और उसको बिस्तर पर लेटा दिया मैने उसके चेहरे पर अपने होठो से किस की बारिश सी कर दी उसने भी जवाब मैं मुझको 3-4 किस की वो अभी भी वो शर्मा रही थी। मैने रूम की लाइट बंद की और नाइट लेम्प ऑन कीया। मैने पहले उसकी टी-शर्ट उतारी और उसके बाद उसकी लोवर अब वो सिर्फ़ अंडरगारमेंट्स मैं थी गुलाबी ब्रा से उसके 36 साइज की चूचीयाँ निकलने को बेताब हो रही थी मैने उसकी ब्रा को भी उसके नीचे हाथ लगा कर खोल दिया उसकी चूचीयाँ बड़ी मस्त थी मैने पहले उनको किस किया और फिर धीरे धीरे से कभी उनको सहलाता और कभी उनको चूसता मैं कुछ मिनिट तक सिर्फ़ उसकी चूचीयों को ही प्यार करता रहा उसके बाद मैने उसकी पेंटी भी उतार दी उसने शाम को ही उसको साफ किया था एकदम चिकनी होकर आई थी वो चुदवाने के लिए.

मैने उससे पूछ ही लिया किरण दोपहर मैं तो चिकनी नही थी तुम्हारी ये कब चिकनी की? तो वो बोली भैया शाम को खाना बनाना के बाद अब मैं उसकी जांघों के नीचे बैठ गया और उसकी चूत को काफ़ी देर तक चूसा वो भी मस्त होकर अपने चूतडो को उठा उठा कर ये बता रही थी की उसको खूब मज़ा आ रहा है इसके बाद मैं उसके उपर चड गया और जैसे ही उसकी चूत पर अपना लंड रखा तो वो बोली भैया कन्डोम लगाया क्या?तो मैं बोला नही तो वो बोली भैया कुछ गड़बड़ ना हो जाए तो मैने कहा मैं अपना वीर्य बाहर निकाल दूँगा तुम चिंता मत करो वो बोली ठीक है मैने पहले उसको अच्छी तरह से जकड़ लिया और उसकी चूत पर अपना लंड रखकर एक ज़ोर का झटका दिया लगभग सारा लंड उसकी चूत मैं घुस गया वो ज़ोर से चिल्लाना चाहती थी लेकिन मैने उसका मुँह दबा दिया उसकी चीख वही दबकर रह गयी.

वो बोली भैया बहुत दर्द हो रहा है थोड़ी देर के लिए बाहर निकालो मैने कहा ऐसे ही रहने दो थोड़ी देर मैं ठीक हो जायेगा थोड़ी देर मैने कोई हरकत नही की मैने उसका ध्यान इधर उधर करने के लिए होठो पर किस किया और जब वो नॉर्मल हो गयी तो मैने अपनी स्पीड बड़ा दी कुछ देर बाद हम दोनो ही झड़ गये जब मैं उसके उपर से उठा तो देखा बेड शीट पर काफ़ी खून और वीर्य पड़ा है मैने किरण से बोला की इसको सुबह साफ कर देना वो बोली ठीक है उस रात मैने किरण को 2 बार आगे से और एक बार पीछे से चोदा और मैने अगली रात को मौली को चोदने के लिए भी प्रोग्राम बना लिया था उसके लिए मैने क्या किया ये मैं आपको अगली कहानी मैं बताउंगा..

मुझे आशा है आपको मेरी यह स्टोरी जरुर पसंद आयेगी.

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माँ ने चुदवा लिया मुझसे https://sexstories.one/maa-ne-chudwa-liya-mujhse/ Tue, 14 Dec 2021 08:02:14 +0000 https://sexstories.one/?p=4992 सारे सेक्स सीन दिखा रहे थे और पांच मिनट बाद मुझे और मां को थोड़ी बेचैनी होने लगी. मैंने माँ से पूछा कि क्या वह जाना चाहती है लेकिन उसने कहा कि अगर मैं चाहता हूँ! मैं बड़े पर्दे पर एक ब्लू फिल्म का मौका कैसे गंवा सकता हूं...

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Maa ne Chudwa liya Mujhse – मुझे हमेशा अपनी मां का सम्मान करना सिखाया गया। वास्तव में भारत में माताओं को भगवान से भी ऊंचा माना जाता है! इसलिए हम अपनी माताओं के प्रति बहुत सम्मान और निकटता रखते हैं। माताओं का भी अपने बेटे के साथ और पुरुष बनने के बाद भी बहुत करीबी रिश्ता विकसित होता है! वे अपने बेटे की पत्नी के प्रति भी बहुत सुरक्षात्मक हो जाते हैं।

मैंने हमेशा सोचा कि हर बेटे के लिए अत्यधिक सुरक्षात्मक माँ होना एक सामान्य बात है। लेकिन कुछ मनोविश्लेषण ग्रंथों को पढ़ने के बाद, मुझे पता चला कि भारतीय माताओं में ओडिपस कॉम्प्लेक्स का उलटफेर होता है। यानी माताएं अपने बेटों के प्रति भावनात्मक और यौन रूप से आकर्षित होती हैं। भारतीय माताओं की तुलना इतालवी और जापानी माताओं से भी की जाती है, जिनके अपने बेटे के साथ भी बहुत करीबी संबंध हैं। हालांकि वास्तविक जीवन में, यह सच हो भी सकता है और नहीं भी, क्योंकि हम अपनी माताओं की वास्तविक भावनाओं को नहीं जानते हैं।

लेकिन यह एक सिद्ध तथ्य है कि माताएं अपने बेटों को स्तनपान कराने में यौन आनंद लेती हैं। कुछ माताओं ने यह भी स्वीकार किया कि जब उनके बेटे उनके दूध से भरे स्तनों को चूस रहे थे, तब उन्हें कामोन्माद था। तो, वहाँ के सभी बेटों के लिए, हम सभी पहले ही आपकी माताओं के साथ यौन संबंध बना चुके होंगे और जब हम छोटे थे तब भी उन्हें संतुष्ट कर सकते थे!

मुझे स्वीकार करना होगा, मनोविश्लेषण को पढ़कर मैंने अपनी माँ को देखने का तरीका बदल दिया! अचानक वह मेरे लिए एक महिला बन गई। अब मैं उसका अधिक सम्मान करता हूं लेकिन मैं उसकी यौन प्रशंसा भी करता हूं। तब से मैंने उसके लिए यौन इच्छाएं पैदा कीं। हम पर्दे पर जितनी सेक्सी अभिनेत्रियों को देखते हैं, उससे कहीं ज्यादा वह मेरी वासना की वस्तु बन गई हैं। इसलिए जब भी मैं नग्न या कम पहने अभिनेत्रियों की तस्वीरें देखता हूं, तो मैं उन्हें अपने दिमाग में अपनी मां के साथ बदल देता हूं।

सच कहूं तो मेरी मां अभिनेत्रियों की तरह सेक्सी कुतिया नहीं हैं। वह 45 साल की हैं और एक गृहिणी के रूप में वह स्मृति ईरानी की तरह दिखती हैं। अब मैं आपको उसके शरीर की कल्पना करने दूँगा। यदि आप भारतीय माँ-घर-पत्नियों को उनके चालीसवें वर्ष में जानते हैं, तो आपने सूती साड़ी में लिपटी मोटी, रूखी और लटकी हुई कल्पना की होगी। ठीक ऐसी ही मेरी माँ है! लेकिन उसके पास एक महान और आकर्षक चेहरा है! लेकिन अगर आप उसके शरीर को देखें, तो वह एक सामान्य भारतीय माँ जैसी दिखती है; अच्छी तरह से गड़बड़ और बिस्तर पर इस्तेमाल किया, उसके पेट पर जन्म के बहुत सारे निशान हैं, और एक ऐसा चेहरा जिसने उसकी बढ़ती वासना को दबाना सीख लिया है।

हो सकता है कि वह आपको सेक्सी न लगे लेकिन वह मेरे लिए नॉकआउट है। मुझे यकीन है कि हर बेटा मेरे जैसा ही महसूस करेगा जब वे अपनी माँ को यौन इच्छा की वस्तु बना देंगे! मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि मुझे अपनी माँ के लिए यौन इच्छा है!

मेरी कहानी पर आने का समय! कहने की जरूरत नहीं है कि मेरी माँ का नाम करपगम है और मेरे पिताजी का नाम रामनाथन है! मैं उनका इकलौता बेटा हूं और मैं 23 साल का हूं। बूढ़ा है और मैंने अभी-अभी अपनी डिग्री पूरी की है और एक प्रशिक्षु के रूप में एक कंपनी में शामिल हुआ हूँ। मैं अपनी माँ के शरीर के लिए दो साल से अधिक समय से तरस रहा था और मैं हर रात उसके बारे में सोचकर हस्तमैथुन करता था। मैं लगातार उसे बहकाने के लिए एक मौके की तलाश में था लेकिन ऐसा करने की कभी हिम्मत नहीं हुई। ज्यादातर मेरे पापा की वजह से। मैं उसे चोट नहीं पहुँचाना चाहता था मुझे लगता है!

लेकिन मैंने कुछ ऐसा किया जो मेरे पापा कभी नहीं जान पाएंगे। मेरी माँ के गंदे कपड़े धोने की चोरी! हां! मेरी माँ हर दिन अपनी अंडरवियर बदलने के लिए काफी साफ-सुथरी हैं और मैंने हर दिन उनकी ताज़ा धुलाई का आनंद लिया। जब भी मैं उसे चोदना चाहता था, मैंने उसकी ब्रा, पैंटी और पेटीकोट चुराने की आदत बना ली। मैं उसके कपड़े अपने बिस्तर पर फैला देता था और उन पर हस्तमैथुन करता था। मैं उसकी ताज़ी इस्तेमाल की हुई जाँघिया और ब्रा जमा करता था और उसके पेटीकोट से अपना वीर्य भी मिटा देता था। मैं उन्हें अगली सुबह कपड़े धोने में वापस बदलने के लिए उपयोग करता हूं।

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कभी-कभी, मैं उसकी ताजी ब्रा, पैंटी और पेटीकोट भी चुरा लेता था और हस्तमैथुन के बाद उन पर अपना सह जमा कर देता था। जब वे पर्याप्त रूप से सूख जाते थे तो मैं उन्हें उसके ताजे कपड़ों में बदल देता था और उसे अपने सह भरे हुए कपड़े पहने देखने में मज़ा आता था। मैं अपने आप को इस तरह संतुष्ट करता था, कि कम से कम मेरा सह मेरी माँ के स्तनों और उसकी चूत को छू रहा है।

मेरी किस्मत बदल गई क्योंकि मेरा तबादला एक कस्बे में हो गया और यह हलवा के लिए बहुत प्रसिद्ध है। मेरे पिताजी और माँ ने फैसला किया कि मेरी माँ मेरे साथ आएगी। मैंने कभी भी इस फैसले को खारिज नहीं किया क्योंकि मैं अपनी मां को अकेले पाने के लिए उत्सुक था। एक साल पहले हम अप्रैल में वहां गए थे। गर्मी का समय है और बहुत गर्मी थी! हमने एक बेडरूम का घर किराए पर लिया। हम अपने साथ दो सिंगल गद्दे ले गए, जो हम एक ही कमरे में उन पर सोते थे। कहने की जरूरत नहीं है कि मैं पहले दिन से ही अपनी मां को चोदने का मौका ढूंढ रही हूं।

मौका तब आया जब मेरी मां एक शाम फिल्म देखना चाहती थीं। मैं 6 बजे के शो के लिए नहीं जा सका इसलिए हम 9 बजे के शो में गए। यह एक पारिवारिक फिल्म मानी जा रही थी लेकिन अचानक फिल्म के बीच में उन्होंने एक ब्लू फिल्म दिखानी शुरू कर दी। चूंकि हम इस शहर में नए थे, हमें उस थिएटर के बारे में पता नहीं था जो रात के शो के दौरान वयस्क बिट्स दिखाता है। यह एक धोखेबाज पत्नी की कहानी थी। वे सारे सेक्स सीन दिखा रहे थे और पांच मिनट बाद मुझे और मां को थोड़ी बेचैनी होने लगी. मैंने माँ से पूछा कि क्या वह जाना चाहती है लेकिन उसने कहा कि अगर मैं चाहता हूँ! मैं बड़े पर्दे पर एक ब्लू फिल्म का मौका कैसे गंवा सकता हूं और अपनी मां को ललचाने का एक संभावित मौका कैसे गंवा सकता हूं? मैं वापस बैठ गया और हमने देखा। मुझे पता है कि वह सेक्स सामग्री देखना पसंद करेगी क्योंकि मैं उसे देर रात टीवी पर देर रात की फिल्में देखता था। पैंतालीस मिनट के गर्म भाप से भरे सेक्स दृश्यों और धोखेबाज पत्नी को पांच से अधिक लोगों द्वारा चोदने के बाद, उन्होंने सामान्य फिल्म को फिर से शुरू किया।

जब फिल्म खत्म हुई तो मेरा दिमाग सेक्स सीन से भर गया था जो मैंने देखा था और मैं पूरी तरह भूल गया था कि असली फिल्म क्या थी। तब मैंने देखा कि हमारे आस-पास बहुत सारे जोड़े थे और वे सभी हमें अजीब तरह से देख रहे थे जब हम एक साथ बाहर निकले। जैसे ही हम घर आए, मैंने और माँ ने एक-एक मिनट ही बात की। हम घर आए, कपड़े बदले और माँ ने हमारे बिस्तर खोये हुए मोड में ठीक कर दिए। जैसे ही मैंने दरवाजे बंद किए और बेडरूम की लाइट बंद की, मैं माँ के नग्न मिड्रिफ मांस और चुतड़ को देखने के अलावा कुछ नहीं कर सका।

to be continued…

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भाई बहन एक दूसरे पे फ़िदा हुए https://sexstories.one/bhai-behan-ki-chuda-story/ Fri, 10 Dec 2021 06:10:51 +0000 https://sexstories.one/?p=3409 मैं रोज की तरह उसके सामने झुक कर झाड़ू लगाने लगी उसकी आँखे चमकने लगी मेरे बूब्स और निपल देख के उसने अपने होंठों पर जीभ फेर दी मैने नाटक करते हुये अपने बूब्स पकड़ के कपड़े ठीक किये...

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Bhai Behan Ki Chudai Story – मैं समिता आज बहुत दिनो बाद आपको अपना अनुभव बताने आई हूँ पता नही क्यों लेकिन अपने कज़िन से चुदवाने के बाद तो मैं और भी सेक्सी हो गयी हूँ ऐसा मेरा भाई कहता है. वो मुझसे 2 साल छोटा है उसका नाम साहिल है यह सब तब हुआ था जब मेरा कजिन हमारे घर पर आया था (वही जो मुझे पहले चोद चुका था) वो हमारे घर पर एक हफ़्ता रुका था इस बीच हमने 3 बार मस्ती की जब भी उसको मौका मिलता वो मुझे पकड़ लेता कभी किचन में तो कभी घर के पीछे हम लोग बहुत चिपकते रहते थे साहिल को शायद हम पर शक हो गया था लेकिन एक हफ्ते बाद मेरा कज़िन चला गया कुछ दिनो बाद मेरे पेरेंट्स को कहीं जाना पड़ा किसी रिश्तेदार के यहाँ उस दिन मैं और मेरा भाई अकेले थे घर में मैं किचन में लंच तैयार कर रही थी.

मेरा भाई भी किचन में आ गया और मुझसे बातें करने लगा पहले तो नॉर्मल बात करता रहा लेकिन फिर उसने कहा “समिता तुम्हे नही लगता की हमारे मामा का लड़का थोड़ा ज्यादा ही फ्लर्ट टाइप का है मैं एकदम शॉक हो गयी की यह ऐसा क्यों पूछ रहा है मैने ऐसे ही कहा “नहीं तो! ऐसा तो कुछ भी नही लगा मुझे क्यों तुम ऐसे क्यों पूछ रहे हो? बस ऐसे ही मैने कई बार नोटीस किया था वो तुम से कुछ ज्यादा ही फ्री हो रहा था। किचन में भी वो तुम्हारे पास बैठा रहता था वैसे क्या बाते करता था वो तुमसे? अब मुझे थोड़ा शक हुआ मैने बात टालने के लिए कहा “नही, बस ऐसे ही इधर उधर की बाते करता रहता था मैने तिरछी नज़र से देखा तो मेरे भाई की नजर मेरी गांड पर थी.

एक बार इस ख्याल ने मेरे मन में कुलबुलाहट पैदा कर दी की मैं जो करना चाहती थी अपने भाई के साथ वो ही मेरा भाई भी शायद मेरे साथ करना चाहता है मैने देखा मेरी गांड में मेरा पंजाबी सूट फंसा हुआ था और मेरा अपना छोटा भाई मेरी गांड देख रहा था मैने अचानक पूछा ऐसे क्या देख रहे हो भैया? वो थोड़ा संभला और कहा” नहीं कुछ नही.”अब मुझे पूरा यकीन हो गया था की मेरी प्यास अब मेरा छोटा भाई मिटायेगा उस दिन के बाद मैं उसको लाइन देने लगी कभी उसके सामने झुक जाती और उसको अपने बूब्स दिखाती मैने कई बार अपने भाई को लंड मसलते देखा था एक दिन वो पल आ ही गया जब मेरे भाई ने मुझे ठोक दिया उस दिन मम्मी पापा घर पर नही थे मैं झाड़ू लगा रही थी मैने बहुत ही ढीले कपड़े पहन रखे थे नीचे ब्रा भी नही पहनी थी.

मैं रोज की तरह उसके सामने झुक कर झाड़ू लगाने लगी उसकी आँखे चमकने लगी मेरे बूब्स और निपल देख के उसने अपने होंठों पर जीभ फेर दी मैने नाटक करते हुये अपने बूब्स पकड़ के कपड़े ठीक किये और शरमाने का नाटक करके अपने बेडरूम में भाग गयी मुझे पता था आज मेरा भाई ज़रूर कुछ करेगा क्योकी आज उसका लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा लग रहा था नेकर में उसने मेरे रूम में आते ही पूछा दीदी क्या हुआ तुम झाड़ू छोड़ के क्यों भाग आई मैने कुछ नही कहा उसने फिर पूछा मैने शरमाते हुये कहा भैया! तुम मेरे वो देख रहे थे उसने फिर पूछा क्या देख रहा था? मैं समझ गयी की भाई आज ज़रूर चोदेगा मुझे मैने भी शर्म थोड़ी कम करके कहा” तुम मेरे बूब्स देख रहे थे ना तो वो मेरे करीब आ गया और कहा वो तो अपने आप दिख रहे थे.

मैने सिर झुका लिया उसने मेरे कंधे पर हाथ रख दिये और पीछे से मेरी नेक पर एक किस करते हुये मेरे दोनो बूब्स पकड़ कर बोला तुम्हारे बूब्स बहुत सुंदर हैं दीदी! मैने एक सिसकी भर कर आँखे बंद कर ली और कहा ”क्या मैं सुंदर नही हूँ?” तो उसने मुझे अपनी तरफ घुमा लिया और कहा बहुत सुंदर है मेरी दीदी? और मुझे अपने से चिपका लिया मेरे दोनो बूब्स उसकी छाती पर गड़ने लगे मैने कहा भैया क्या यह सब ठीक है हमारे बीच” तो उसने एक ज़ोर की गाली दी मुझे” साली रांड़ अपने मामा के लड़के का लंड चूसती है और उससे अपनी चूत मरवाती है तब यह ख्याल नही आया मैं एकदम शॉक हो गयी मैने उसकी तरफ़ देखा और कहा” तो तुम्हे सब पता है उसने कहा हाँ यह देख जिस दिन तूने राज का लंड चूसा था कुत्तिया यह देख उसने मुझे अपने मोबाइल पर विडियो दिखाया.

मैं और शॉक्ड हो गयी यह तो मैं थी जो अपने कजिन के लंड को मज़े के साथ किसी ब्लू फिल्म की हिरोईन की तरह चूस रही थी फिर मैने भी कहा” हरामी बहनचोद अगर तुझे सब पता था तो मुझसे इतनी मेहनत क्यों करवाई तुझे गर्म करने के लिए? तो उसने कहा” मैं देखना चाहता था की मेरी रंडी कुत्तिया बहन किस हद तक अपने भाई से चुदवाने के लिए मरती है अब मैने कहा जब बहन भाई राज़ी तो क्या करेगा काजी अब आ जा मेरे प्यारे बहनचोद भाई और ले ले अपनी बहन के नज़ारे अब हम दोनो बिल्कुल खुल चुके थे उसने अपने होंठ अपनी बहन के गुलाबी होंठो पर रख दिये और एक हाथ से मेरे 32 साइज़ के लेफ्ट बूब्स को दबाने लगा उसने कहा” मेरी समिता दीदी तू तो एक दम मस्त माल है पता नही कितनी बार तेरे नाम की मूठ मारी है.

आज तेरी चूत चोद के सारी गर्मी निकाल दूँगा मैने भी कहा” अरे मेरे बहनचोद भाई, तेरी बहन का भी यही हाल था इस साल मामा का लड़का पहले मिल गया वरना मैं तेरे से अपनी सुहागरात मनाती भाई ने कहा” चल कोई बात नही आज से तुझे मैं अपनी रंडी बना के रखूँगा और रोज तेरी चूत लूँगा बातें करते करते पता ही नही लगा कब हम दोनो नंगे हो गये उसका लंड आज पहली बार इतने करीब से देखा था एक दम सुंदर लाल गुलाबी मशरूम देख के मेरे मुँह में पानी आ गया और उसके पहले की वो कुछ बोलता मैने उसे अपने मुँह में ले लिया और किसी छोटे बच्चे की तरह चूसने लगी भाई सिसकियाँ लेने लगा उसने कहा तुम तो बिल्कुल एक रंडी बन गयी हो बहना एकदम रंडी की तरह लंड चूसती हो आहह ज़ोर से चूस बहना तेरा क्या कहना मज़ा आ गया आज तो इतना चिकना माल घर पर मेरे लंड के लिए तड़प रहा था और मैं मूठ मार के अपने लंड को शांत कर रहा था ऊऊओह आहह पूरा मुँह में ले लो दीदी और मैने उसका 7 इंच का पूरा लंड मुँह में लेने की कोशिश की लंड मेरे गले तक पहुँच गया था.

Bhai Behan Ki Chudai Story खुल्लम खुल्ला चुदाई करेंगे हम दोनों

उसने मेरा सिर पकड़ के दबा दिया मैने उसकी तरफ देखा उसने मेरे मुँह में धक्के मारने स्टार्ट कर दिये थे आज मैं अपने आप को एक रंडी की तरह महसूस कर रही थी ऐसा लग रहा था जैसे मेरा भाई मुझे पैसे दे कर बाज़ार से लाया हो काफ़ी देर उसका लंड चूसने से वो और भी बड़ा और लाल हो गया था अब मैं बेड पर लेट गयी भाई मेरे उपर आ गया और मुझ पर चुम्बन की बारिश कर दी मेरे गालों पर मेरे गले पर और जब वो मेरे गुलाबी निपल के पास पहुँचा तो उसने वहा चुम्मा नही लिया और नीचे पेट पर चला गया मेने एक गाली दी बहनचोद मेरे दूध नही पियेगा क्या”

उसने मेरी तरफ देखा और उपर आ कर मेरे निप्पल पर पहले अपने होंठ रगडे और फिर उसको मुँह में ले लिया मैने अपने होंठ अपने दांतो में दबा लिए आहह मेरे बहनचोद भाई पी ले मेरा दूध श आआन्ं तू भी तो बिल्कुल बच्चे की तरह चूसता है बूब्स उउउंमाआ आहह वो मेरे एक निपल को चूस रहा था और दूसरे को पिच कर रहा था आज मैं जन्नत में थी मैने उसका सिर पकड़ कर अपने बूब्स पर दबा लिया और सिसकी से कहा आआ चूस ले भाई ज़ोर से आज के बाद रोज मेरा ही दूध पीना तू उउउंम आहह” वो बारी बारी से दोनो निपल चूस रहा था कभी कभी वो अपनी जीभ से मेरे निपल को हिलाता तो बस ऐसा लगता जैसे मैं अभी झड़ जाउंगी चूस चूस के मेरे बूब्स और निपल लाल करने के बाद उसने मेरी चूत पर अपने होंठ रख दिये उसके इस हमले से मैं उछल पड़ी सच कहूँ मेरा भाई मेरे कजिन से भी बड़ा चोदने में माहिर था उसको पता था की अपनी सेक्सी बहन को कैसे चोदना है उसने अपनी जीभ मेरी गीली चूत में डाल दी और मैं झड़ गयी वो मज़े से मेरे काम रस को चाट गया लेकिन वो रुका नही ओर मैं ऑआआआश आ करती रही बेड पर पड़ी पड़ी.

अब वो मेरी टांगो के बीच आ चुका था उसने कहा बहना अब असली मज़े का टाइम आ गया है मैने कहा भैया प्लीज ज़रा ध्यान से करना मैं तुम्हारी बहन हूँ कोई रंडी नही ऐसा मैने इसलिये कहा था क्योकी उसका लंड कजिन के लंड से ज्यादा मोटा था उसने अपना लाल मशरूम लंड मेरी चूत पर रखा और पुश किया मेरे मुँह से एक आह निकली और उसका टोपा मेरी चूत में जा चुका था फिर थोड़ा और ज़ोर लगाया तो आधे से ज्यादा लंड चूत में चला गया और मेरे मुँह से निकला उउउईई माँ धीरे भैया बहुत मोटा है भाई बोला चुप साली कुत्तिया नखरे करती है इतनी बार चुदवाके भी दर्द का नाटक करती है मैने कहा नही भैया सच कह रही हूँ तुम्हारा बहुत मोटा है.

फिर उसने मेरी एक ना सुनी और पूरा लंड डाल दिया मेरे अंदर मैं बस एक चीख मार कर रह गयी अब वो मुझे चोदने लगा मैं भी मजे से उसका साथ देने लगी और उसको बोला” चोद साले कुत्ते अपनी कुत्तिया बहन को आज से मैं तेरी रंडी और तेरी कुत्तिया हूँ जब तू कहेगा तेरे लंड के आगे कुत्तिया बन जाउंगी और तू कुत्ते की तरह मेरे उपर चड जाना आज के बाद रोज तेरी बहना तेरा बिस्तर गर्म करेगी और जी भर के चोदना अपनी बहन को भाई हाँ मेरी बहना अब तेरी चूत में मेरा लंड ही रहेगा तू इसी तरह अपने भाई से चुदवाती रहना फिर उसने मुझे कुत्तिया बनने को कहा.

मैं उसके सामने कुत्तिया बन गयी अब मेरा भाई मुझे किसी कुत्ते की तरह उपर चड के चोद रहा था आहह आहह आह ऊहह उमम्म मम्मी तेरे बेटे ने आज मुझे चोद ही डाला और मैं झड़ गयी थोड़ी देर बाद मेरा भाई भी झड़ने लगा तो मैने उसको लंड निकालने को कहा और अपने मुँह में ले लिया वो मेरे मुँह में झड़ गया अब हम जब भी मौका मिलता है चुदाई करते हैं..

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फॅमिली में चुदाई का समारोह https://sexstories.one/family-me-chudai-samaroh/ Thu, 02 Dec 2021 09:32:31 +0000 https://sexstories.one/?p=3301 इतना बड़ा लंड मैंने कभी नहीं देखा था. मैं चूत सहलाने लगी.. मेरे पूरे बदन में झुर-झूरे महसूस होने लगे.. उसके लंड को अपने चूत में लेने को बेताब हो रही थी मैं.. मेरे मुँह से सिसकारी निकल गई....

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Family me Chudai ki mastram story – Hii dost mai hu aapka apna Raghu .aaj ek khane likhne jaa rha hu, jo vastvikta se koi mel nahi khati to ye purn roop se kalpanik hai. Jo duniya ke riti rewaj ,reste nate aur niyam kanun se dur dur tak koi mel nahi hai.ye sirf khale dimag ki upaj hai.is khane ko padh kr aapko jrur mja aayega.

Aur ye khane aap Rulee ki jubani me padhenge,too ye khane vilaspur ke ek jane mane raju chand ke family ki hai. inki umar 60 sal ke hai ye dikhane me hatte katte hain rung gore kise ko ye nahi lgta ki ye 60 sal ke hain ye dikhane me 40-45 ke jawan lagte hain inka hight v thik thak hai 5.8feet. Inke lund ki size 11″ lamba hai or mota 3″ hai.ye ek jamindar hain.jo bhut hi achhe , imandar aur dayalu kisam ke hai .ye jayada bat nahi krna pasand karte hai sirf kam ki bat karte hain.lakin ye jayada dino tk nahi chale wala hai q ki inke kismat ne kuchh or likha hai ye khane me aapko aage pata chalega.ye bhut hi mehnati hain or din me subha sam to exercise krte hi hain jis se ye bhut hi healthy hain .

Chaleye inke family members se pahchan kr lete hain

(Dada)Raju chand- age 60 sal

(Dadi)Rupa chand- age 55 sal

Enka eaklauta beta Ramesh chand- age 45 sal ye import export ka business karta hai ghar bhut kam hi aata hai ye v ek no. Ka chidu sadne hai isake bare me v aage khane me pata chalega hight 5.5feet lund 10″ ka hai.

Wife- Indu chand bhut hi kamsin jawani 35 sal ki hai aur figure to lalchane wale hai 36 32 38 hai. Ye to aap log samaj hi gaye honge ki log ko badi chuchiyo aur moti gaand ke liye pagal rehte hai.
Beta- karan chand age 21 sal ka hai Callege me hai isaka v lund ghar aate hi khada rahata hai pura din maa ko aur apane pyare bhan ko dekh kr.

Beta- Rulee chand ho mai hun mera age 18 years ki hai.meri figure 32-28-35 hai.mera v body lund ke lea tripta Rhys hai.mai avi 12th me hun.padhai likhai se mai bhut door hun mujhe bus chudass chadi rhte hai.mai school v kam hi jate hun. Din bhar maa ke kamon me hath batate hun aur dada ke sath v.

Too bat us time ki hai jab dada Raju chand jawan the inko bat krna itna pasand nahi tha or khete ke silsile me aksar ekant me hi the the to ye apna ghar sub se alag kheto ke bich me bnwa deya inke aas pass koi ghar nahi hai. Ghar ke charo side se ghera lga hua hai kareb 12 foot uncha dewal jis se ghar ke ander koi nahi dekh sakta or koi Janwar v nahi aa sakta ghar me kul aath kmre hain jisme darwaje ke side me dada or dadi ka kamra hai or pichhe ke side me maa or papa ka hai hum dono bhai bhan ka kmra side hai bakiyon me anaj aur store room BNA deya hai. Kitchan ghar ke pichhe hai aur bathroom ghar ke bahar piche ke side diwali se lga hai bhut bda bathroom hai q ki kheto me pane ke lea boding( pumping set) wha tha is lea .

Ek din ki bat hai jab Dadi Rupa chand jb yatra pr nikale to unka to gare khai me girne se unki maut ho gai tb se dada ghar ki sare jimedare maa ko de deya maa bhut kamm karte hai to dhire dhire unka aur dada ke bich ka rasta me sram khatam hota gya anchal ka na lena aur kamm karte karte psena pichhe hue dada se bat krna ho gya tha tab dada maa ke gore gore jism ka najara lete or muth mara karte the waisa hi hal karan ka v tha mai v itne dulari hu ki mai v dada ke god me baith jate hun.dada ke khade lund ki sukh mai v kavi kavi ke lete hun papa se itna bat nahi hota q ki wo jayda samay bahar hi bitate hai to wo jb v ghar aate hain to bhut pyar karte hain.papa ke ghar kam aane se maa ku chudai jindgi itne achhe nahi rhe wo v baigan gajr muli se kam chalate the.q papa ko ab bahr ke aurto seresta ho gya to maa me itna intrest nahi dekhate hain.

ek rat jb mujhe nind khule to dekha maa ke kamre me light jal rhe hai jb mai wha jaa ke dekha to mujhe kuchh samjha nahi aaya ki kya ho raha hai jb maa ki siskiyan ki aaj suna to mai dekhne khidke ke pass gya wahan se dekha to mere ankhe khule ki khule rah gai andar maa mota sa muli lekar apne chut me rgad the thi or sisak the the pure nage ho kar jab tk wo apna pane nahi nikali tb tk rgadti the aur siskiyan ki aaj sunai dete the mera bhi ye dekh kr chut se pane chhutne laga tha maa ki pink chut dekh kr mai chudass feel krne LGE . Fir maa fateh hokar lift band kar ke soi gai mai v ane room me same so gai ye sil sila chalta tha ek rat jb mai dekh the the to pichhe se mujhe dada ne v khidke se imundar jhanke lage chupke se mujhe pta tb chala jb maa ne light off kiya .

Mai jise hi pichhe huai apne chut msalte hue ke pichhe dada ka lund se tkra gai issssss..

Mere muh se dutkare nikale hi thi ki dada ne muh paar hath lga kr mujhe chup kara deya or apne kamre ke trf le gai

Dada- ye kya kr rhe thi tum…?

Mai- woo woo kuc..Ch ..na.hi biss..

Dada- kuchh nahi ka kya mtlb hai itne rat ko kya kr rhe maa ke khidki ke samane..

Mai- kuchh nahi mujhe pyasa lage the… Islea mai waha jaa the thi

Dada ke chehre pe saf dikh raha tha wo muskura rahe the.

Dada- beta isaka nahi karte hain rat bhut ho gai tum jaisi beta soi jao..

Mai- thik hai dada hii

Bola aur mai waha n se nikal gai apne room me aake so gai

Subh jb uthe to dada aangan me bathe chay pee rhe the mai ko dekhe to srma gai unke lund ke chot mere gand me khalbli macha di the .

Dada- uth gai mere payare rullee

Mai- han dada ji( chupke se dekha dada ke chehre pe muskan the)

Mai waha se jaa hi the the ki

Maa- beta chal mere sath pichhe bageche se kuch fal tod late hain.

Dada- bahu mai v chalta hun tum logo ke sath

Mai to rat wale bat yad kr ke mai dada se fire bana rahe the to

Mai- maa aap chale jao mai avi fresh ho jate hun

Fir dada aur maa ke chale jane ke bad mai fresh ho ke laut hi the the ki dusre side me dekha bhai ne lund nikal ke muth mara rha tha mai aur pass gai to uska lund dekh ke mai dung ho gai pure 9″ ka tha aankhe band kr ke muth mar raha tha ghar char logo ke alawa koi nahi dekhne wala tha towo pura nanga ho kar muth mare rha tha. Uska lund dekh ke mujhe kya huaa mujhe pta v nahi chala ki kb mera hath chut chala gya aur sahlane lage ki mere pure badan me jhur jhure mahsus hone lage to mere muh se siskate nikal gai uuuuuee… Maa….

Ye sun ke mera bhai turant kota utha kr phn Leya mujhse gir girate hue bola

Bhai- didi ye bat kise se nahi khana. Plz…

Mai- ( muskurate hue) nahi bataunga to mujhe kya milega.

Bhai- jaisa aap bolo mai waisa hi krunga…

Mai- thik hai tu naga ho jaa

Bhai-( chaukate hue..) kyaaa…

Ye kya bol rahe ho dee

Mai- aage jo tune suna

Mere rat se jhumate nahi gai thi chudane ke lea mai v betab the

Bhai- nahi dee mere se nahi hoga

Mai- (gusse me) tu krta hai ya jaa kr maa ko bata duu.

Bhai – thik hai.

bol ke apna kaptan utar deya pura nanga ho gya uska lund darr se chota ho gya tha . Mai lund dekhte hi mere body me chitiya daurne LGE Mai Uske lund ko aath laga to wo bhi ankh far kr dekh be lga kya kr rhe hu mai

Uska lund hath lagate hi sir uthane laga ekdam nram gram lund phul ke tight ho gya gem bhut tha uske lund ki girne se mere chut ka pande nikalna start kr Dee. Mai us lund ko dekh to bhut pyara lg tha itna ki niche baith ke mai sirf lund ko hi dekh the the jab lund mere muh karen aaya to uske smell mere pure badan ko hila deya mere sanse itne badh gai ki lund pr chhutne lage mere gram gram sans se lund khatme khane lga ki mai usko mai juban nikal kr chata to bhai ke muh madkta ki aaj aaye mujhe bhut achha laga uska test to mai bhai lund muh me le kr blowjob dene lage uska v hath mere mumoo ko dabane laga wo aankhe band kr ke pura lund mere muh me thusne lga jo ki mota hone ke karn jaa nahi tha tha subh subh mere aur bhai ka diresy koi dekh leta to unka lund aur chut dono me khalbli machh jate. Bhai ne kb mere se kapre utar kr niche kr deya pta hi nahi chala mere chuchiyon ko dekh kr

Bhai- wah Dee kya chuchi hai aapke

Mai- bhai tumhe achha laga

Bhai- han dee aap to ho hi itne Sundar.

Mai- jhuth mat bole (srmate hue..)

Bhai- sachi de jb bhi aapko dekhta hu mera lund baithane ka name hi nahi leta

Aapke chole me ye chuchiya kamal ki dikhe hai

Bta du hum log ghar me ghaghra chole hi pahnate hain koi bra penti nahi penta

Mai- bhai such me tumhe itna achha laga

Sex kahani बस में मिली लड़की की चुदाई

Bhai- han dee.

Bolte hi mere chuchiyon ko bedarde se diwane lga mujhe dard hone lage

Mai- isss….. Bhai.., Thora dhe….ree…,

Bhai- aaahh Dee aapke chuchiyon bhut hi nram hai aahh man krta hai kha jaun

Mai- madkta se khaa jaa bhai tera hi hai…..

Bhai itna subtle hi mere chuchiyon me muh lga deya ke mera badan me jan nahi isa lgne lga mai bhai ke bahon me aa gya wo lagatar mere chuchiyon se khelta ja raha tha mai v bura chuchi uske muh me dabane lage the are mere ghar bhi khil deya jis se mai pure nage Uske bdan se chupake gair mera sher ka ye pahla sprs tha kise murda ke ster me dunga bdan chipkana mere chut se chalane ke taar ke tha mere chut se pane niche jamen pe girne lagi mai uske stir me chupke to uska lund mere pet me db gya ji jhtke de rha jo mujhe bhut hi sukun or pahle bna rha tha mai betahasa chuma de rahe the bhai ko bhai se rha tha ki tabhi bhai ne mere tapte honth pe apna honth rakh deya mujhe aaj v wo kiss yad hai bhut hi pyar bhara tha uske juban mere utho pr chalne lage mujhe achha lgne lga ki mere hoth aaps me khul gai jis se uske juban mere muh kendar se rus pene lga mujhe bhut mja aa rha tha mere sharir khud khatme khane lga tb bhai ne mujhe rahe pass ke bench pe leta deya yha dur dur tak koi dekhne wala nahi tha hum log khule me ekdum nage kise koi parwah nahi sirf hum dono chudai ki cha me ek dusre me lipte the

Bhai mere chut pr lund lga kr dhake Diya to fiscal guys ek do bar krne pr jb nahi ghusa to maine done hathi se chut ko faila deya jis se mere chut ki gulabi rsele chut dikhane lage to use lund ko set kr dhakaa mara ki uska lund ka topa ghus gya mere kuware chut mujhe dard hone laga mai chhatptane lage to bhai phir dhakka mara ura 2″ ghusa deya mera chut se khub nikalne lga to mai robe lagi aur nahi ko bola

Mai- bhai nikal lete bhaut dard ho raha hai

Bhai- bus Dee Thora sa aur fir mane hi maje

Fir wo wahi ruka rha mere bund ankho pe kiss karne laga jis se mujhe bhi Thora sukun mila dono hathon se chuchiyon ko dba rha tha jis se mai fir se gram ho gai to bhai fir dhire dhire kumar chalane lga jis se mujhe Thara kam dard maja aane laga mai v kamar chale LGE . Jis bhai Shere Shere speed badha deya aur ek hi khatme me pura lund under dba deya itna tagra jhtka tha ki mere Jan mere chut se nikal ke muh me sagai mai robe chikane LGE lekin koi sunne hi wala nahi tha bhai to jaise pagl hi ho gya tha wo jor jor se mere chut ki chudai karne laga ab to thap thap ki aavaj v nikalne lga Thora time bad mujhe achha lagane laga mai v drd or madkta se bhai ka sath dene lage bhai ne ye dekh kr Gali dete hue mujhe jam ke chodne laga burchode bhan aaj tumhare chut ko far ke rakh dunga

Mujhe ye sab achha lag raha tha to mai v bolne lage bhenchod far de mere chut aur tej hann… Aise hii

Wo mujhe pure 40 minute tak chhodta tha mai 3 bar jhad chuke the fir bhai v or tej tej kar chalane lga aur madkta me sitkare marne laga aaaahhh… Dee… Mai jharne wala hun bol ke mere chut me hi jhadne lga uska pchakre nikal ke sidhe bachedabe me girane lga jis se mai v jhad gai

Dono ke dane tej the mere upar wo v ludhak gya mai usko pure aagosh me bhar Leya jaise rote bache ko chup karate hai waise hi wo v mere gale ne gram tej sanse lene lga mai uske pith pr sir pe hath pirate hue mai v sanse tandrust krne LGE jab tak uska lund mere chut me bitha mujhe to chut fell hi nahi ho rhe the jb tak uska lund chhota ho ke khud ba khud nahi nikala tab tak hum raj dusre me sma jana chahiye the

Jab uth kr kapre phen Leya to mai uthne LGE lekin mujh se nahi hua mere land me aur chut me bhut dard ho raha tha mai jaise hi chut ko dekha to wo suze gai the suze ke pawroti ban gai the bhai ne mujhe uthaya aur kapre phnne me mdad ki mujhe rahe toilet v krwaya aur mere room me sula deya dard aur thakan se mai kb soi gai pta v nahi chala

Udhar se maa or dada v aagye to mujhe na dekh kr dada – kha hai mere payare rullee beta

Bhai- dada wo so gai hai

Dada- thik hai sone do

To be continued…….

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बहन की चूत का दीवाना https://sexstories.one/behan-ki-chut-ka-diwana/ Tue, 30 Nov 2021 10:05:45 +0000 https://sexstories.one/?p=4539 मै सीधा अंदर चला गया और सुमन की चूचीयाँ चुसने लगा। एक हाथ से उसकी चूत दीदी भी सहलाने लगा। जैसा स्वाती दीदी ने मुझे सिखाया था बिल्कुल वैसा ही मै सुमन के साथ भी करने लगा। सुमन के मुहँ से मादक सिस्कारीया निकल रही थी..

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Behan Ki Chut Ka Diwana मै आपका दोस्त रविराज फ़िर से हाजीर हो गया हूँ एक नई कहानी लेकर। आपको ये कहानी जरुर पसंद आयेगी, में ऐसी उम्मीद करता हूँ। तो दोस्तो छुट्टीयों के दिन थे। गर्मी का मोसम चल रहा था। मेरी मौसी की लडकी सुमन छुट्टीया मनाने के लिये हर साल हमारे घर आती थी। सो इस साल भी वो आ गयी थी। इधर मेरी दीदी ने मुझे चोदने का चस्का लगा रखा था। एक भी दिन हमे चोदे बिना नहीं रहा जाता था । एक दिन खाना नहीं मिले तो चलेगा मगर मुझे हर रोज चूत चाहिये थी। मे इतना चुद्दक्कड बन गया था।

ये सब दीदी की मेहरबानी थी। मै हर रोज मेरी दोनो बहनों को चोदता था। कभी-कभी छोटी दीदी अपने लिये कोई नये लंड का इंतजाम कर लेती थी, पर मेरी बड़ी दीदी को सिर्फ़ मेरा लंड पसंद था। शायद उसने मेरे अलावा किसी ओर का लंड ना लेने की कसम खा रखी थी। ऐसे देखा जाये तो उसकी ये बात एक दम सही भी थी उसे जब चाहे घर मे बडी आसानी से मेरा लंड मिल जाता था। जिस दिन सुमन हमारे घर आयी थी। उस दिन हमे पूरा दिन बिना चोदे गुजारना पड़ा। न ही मै मेरी किसी भी दीदी के बोब्स दबा सका, और ना ही चूस सका। पूरा दिन ऐसे ही गुजर गया। फ़िर रात मे हम तीनो भाई- बहन ने खूब मजे लिये। पूरे दिन की कसर पूरी कर ली। पर सब कुछ बिल्कुल चुपचाप। ना कोई बात ना कोई शोर। एक दम सन्नाटा।

क्योंकी सुमन सोने के लिये हमारे कमरे मे आयी थी। कुछ देर बाद स्वाती दीदी ने मेरी तरफ मुहँ किया और मेरा हाथ पकडकर अपने चूचियों पर रख दिया। मै धीरे-धीरे उसके चूचीयाँ मसलने लगा, कुछ देर बाद मैने दीदी की एक चूची मुहँ मे लिया और चुसने लगा। और एक हाथ से दूसरी चूची दबाने लगा। उधर नेहा दीदी सुमन को बातों मे उलझा रही थी। कि उसका ध्यान हमारी तरफ़ ना आये। फ़िर मैने मेरी एक उंगली स्वाती दीदी की चूत मे डाल दी। और उसे धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा। दीदी भी नीचे से गांड हिलाकर मेरा साथ देने लगी। फ़िर मैने दीदी की चूत मे दो उंगलिया डाल दी। और उन्हे अंदर-बाहर करने लगा। स्वाती दीदी अब बहुत गर्म हो गयी थी। उसकी चूत पानी छोड रही थी। दीदी से अब रहा नहीं जा रहा था। उसी करवट पर दीदी ने मेरा लंड अपनी हाथ मे पकडकर अपनी चूत पर लगा डाला। मैने मेरा मुहँ दीदी के मुहँ पर रखा और अपना पुरा लंड दीदी की चूत मे धकेल दिया। दीदी ने भी मेरा पूरा लंड अंदर लिया और कुछ देर तक उसे अंदर ही भींच लिया। और मेरा लंड अपनी टांगों के बीच दबाने लगी।

मुझे अच्छा महसूस हो रहा था। लेकिन मै दीदी के ऊपर चढकर उसे जोर-जोर से चोदना चाहता था। लेकिन हमारे कमरे मे सुमन के होने की वजह से हम ऐसी पोजीशन नहीं ले सकते थे। और मुझे दीदी को उसी पोज मे चोदना पड रहा था। ऐसा चोदने मे इतना मजा तो नहीं आ रहा था, लेकिन क्या करे हमारी मजबूरी थी। आदमी को एक ही स्टाइल मे भी मजा आता है क्या? लेकिन मजबूरी थी। मैने दीदी से धीरे से कहा,”दीदी सुमन का कुछ तो बंदोबस्त करना पडेगा।” मेरे राजा तू उसकी भी चूत मारना चाहता है क्या?” दीदी बोली। ऐसा तो मैने सोचा भी नहीं था। मैने कहा,”क्या दीदी सुमन भी मुझसे चुदवा लेगी?” तो दीदी बोली, “हाँ मेरे राजा, हर लडकी किसी-ना किसी से चुदवा ही लेती है। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि उसने अभी तक किसी से चुदवाया है।” मै बोला, “दीदी फ़िर तो वो मुझसे चुदवायेगी। क्या तुम कोशिश करके देखोगी।”

दीदी बोली “मै कुछ चक्कर चला कर देखती हूँ। अगर बात बनती है तो तूझे सुमन की भी चूत मिलेगी।” मैने कहा,”फ़िर तो दीदी कुछ बात बनती हें। कोशिश करके जरुर देखो, मुझे पूरा विश्वास है तुम उसे चुदने के लिये तेयार कर सकती हो। “तो दीदी बोली,” हाँ मेरे राजा भैय्या, मुझे भी अलग-अलग स्टाईल से चुदवाने की आदत है, ऐसे बिस्तर मे चुदवाने मे मुझे भी बिल्कुल मजा नहीं आ रहा है। और अगर सुमन को पता चल गया तो कितनी बदनामी होगी, वो सबको बता देगी कि हम सगे भाई-बहन चुदाई करते है। फ़िर क्या होगा। ये सोच के मुझे तो डर लग रहा है।” मैने कहा,” हाँ दीदी तुम्हारी बात तो एकदम सही है। अगर सुमन हमारा साथ देती है तो फ़िर कोई बात नहीं। कहते है ना चोर-चोर मोसेरे भाई।” ”तू तो बहुत बडी-बडी बाते करता है रे। “दीदी ने कहा। मै चुप हो गया। और दीदी को चोदने लगा। थोडी देर बाद हमारा राउंड पूरा हो गया। हमारा काम होने के बाद मै पेशाब करने बाथरुम चला गया। और स्वाती दीदी ने सुमन दीदी की तरफ़ मुहँ फ़ेर लिया। दीदी जान गयी थी कि हमारी राउंड पूरा हो गया है। अब मजे लेने का नंबर नेहा दीदी का था। मै बाथरुम से आ गया, और सोने के लिये अपनी जगह गया तो स्वाती दीदी बोली, “राज, तुम नेहा कि तरफ सो जाओ।

मुझे बहुत गर्मी हो रही है। सच तो वो ये कहना चाहती थी की, राज तुम अब नेहा की चुदाई करो। मै समझ गया।

Mastram2 मेरी प्रेमिका के साथ पहला सेक्स अनुभव

मेरे कुछ बात करने से पहले ही सुमन ने स्वाती दीदी के पेट पर हाथ रख कर सोने की कोशिश करने लगी। मै नेहा दीदी के पास मे जाकर बैठ गया। और चद्दर के अंदर हाथ डाल कर दीदी के चूचीयाँ ढुंढ रहा था। मैने पाया की दीदी चद्दर के अंदर एकदम नंगी सोयी थी, मेरे लंड के इंतजार मे। मैने धीरे से उसके चूचीयाँ सहलाने लगा। तो वो बोली पूरी पिच गीली है, तुम डायरेक्ट बैटिंग करो। मै दीदी के चद्दर मे घुस गया। मैने देखा उसकी चूत गीली हो गयी थी। हमारी (मेरी और स्वाती दीदी की) चुदाई का कार्यक्रम नेहा दीदी को मालुम था। हमारे बिस्तर मे होने वाली हलचल उसने महसुस की थी। देर ना करते हुये नेहा दीदी ने मेरा लंड पकडा, और सीधा अपने चूत के मुहँ पे लगा दिया।

और क्या बताऊ दोस्तों मै फ़िर जोर से नेहा दीदी पे टूट पडा। लगभग चालीस मिनिट तक मै दीदी कि चूत ठोकता रहा। बिल्कुल एक राक्षस की तरह मैने नेहा दीदी कि चूत चोद दी। उधर स्वाती दीदी बिलकुल शांत सो रही थी। उसकी बाजु मे सुमन भी सो गयी थी। और मैने नेहा दीदी कि चूत को भी ठंडा कर दिया था। मै भी नेहा दीदी की चूत पे हाथ रखकर वही पर सो गया। अब मुझे इतजार था की कल की सुबह का, और देखना ये था की दीदी सुमन को चुदाई के लिये कैसे तैयार करती है। अब तो मेरी लाटरी निकलने वाली थी। मुझे मालूम था की मेरी बहना बहुत कमीनी किस्म की है। और वो जरुर सुमन को चुदने के लिये तेयार कर लेगी। मुझे मेरी दोनो दीदीयों पर पूरा भरोसा था। सुमन तो उभरा हुआ मस्त माल थी। उसकी चूचीयाँ बहुत बडी-बडी थी। नेहा दीदी से भी बडी। सुमन मेरे से एक साल बडी थी।

दूसरे दिन दोपहर का वक्त था। घर मे हम चारों के सिवा कोई भी नहीं था। मै बेड पर बैठकर कुछ पढ रहा था। और सुमन किताब देख रही थी। इतने मे नेहा दीदी और स्वाती दीदी बाहर से आ गयी और हम दोनो के आजु-बाजू मे बैठ गयी। थोडी देर मे स्वाती दीदी ने सुमन के चूचीयो को धीरे से दबाया। शायद सुमन को ये बात अच्छी नहीं लगी। उसने कहा “कुछ शर्म नाम की चीज भी है क्या?” वो गुस्से से बोली। मेरे अरमानों पर पानी फ़िरता हुआ नजर आ रहा था। स्वाती दीदी कुछ नहीं बोली। तो नेहा दीदी बोली,”क्यु इतना गुस्सा कर रही हो कोई न कोई तो तुम्हारी चूचियों के साथ खेलने वाला ही है। तो स्वाती ने दबाया तो क्या हो गया। इसमे गैर क्या है, हर लडकी की चूचीयाँ कोई ना कोई तो मसल ही देता है, और इससे तो हमे मजा भी मिलता है। “सुमन बोली,”तुम दोनो भी पागल हो गयी हो। सामने छोटा भाई बैठा है फ़िर भी तुम्हे शर्म नहीं आ रही है।” स्वाती दीदी बोली, “ये महारानी तू छोटा किसे बोल रही है। हमारा भाई तो अब बडा हो गया है।” सुमन बोली, “हाँ हो गया है तो शादी कर दो ना। हम भी देखते है हमारी भाभी कैसी होगी। “और सब हँसने लगे। थोडी देर मे, मै बाहर चला गया। घर मे नेहा दीदी, स्वाती दीदी और सुमन बैठकर बाते कर रही थी उन्हे बात करने मे आसानी हो जाये इस लिये मै बाहर चला आया था।

लगभग आधे घंटे बाद मै बेडरुम के अंदर जा रहा था तो मुझे कुछ जानी-पहचानी आवाज सुनाई पडी। जो आवाज मै हर दिन हर रात दीदी की चुदाइ करते वक्त आती थी। मैने धीरे से बेडरुम मे झांक के देखा तो नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन के साथ वही खेल खेल रही थी। नेहा दीदी और स्वाती दीदी सुमन को चुदाई का सबक पढा रही थी। स्वाती दीदी ने बेडरुम के दरवाजे मे मुझे देखा तो हाथ से ईशारा करके मुझे अंदर बुला लिया। किसी के भी अंग पर कोई भी कपडा नहीं था। मै सीधा अंदर चला गया और सुमन की चूचीयाँ चुसने लगा। एक हाथ से उसकी चूत दीदी भी सहलाने लगा। जैसा स्वाती दीदी ने मुझे सिखाया था बिल्कुल वैसा ही मै सुमन के साथ भी करने लगा। सुमन के मुहँ से मादक सिस्कारीया निकल रही थी। वो बहुत उत्तेजित हो गयी थी। और उसकी दीदी अब बहुत गिली हो गयी थी। उसकी दीदी से चिप-चिपा सा पानी निकल रहा था। स्वाती दीदी ने मुझे सुमन के दो टांगों के बीच बैठने का ईशारा किया। मै सुमन के दो टांगों के बीच बैठ गया। आगे क्या करना था ये मै पहले से ही जानता था। अब तो मै चुदाई मास्टर बन गया था।

मैने अपना लंड सुमन की चूत पे लगाया, तो वो बोली, “नहीं राज ये पाप है, तुम रिश्ते मे मेरा भाई लगता है। झट से,, स्वाती दीदी बोली चुदाई के रिश्ते मे कोई किसी का भाई नहीं लगता है। और ना ही कोई किसी की बहन लगती है। चूत और लंड का रिश्ता तो सिर्फ़ चुदाई का है। सुमन अब बहुत गर्म हो गयी थी। वो अजीब-अजीब आवाजे निकाल रही थी। मैने इसी बात का फ़ायदा उठाया और सुमन की दीदी मे अपना लंड घुसाने लगा। मगर मेरा लंड तो उसकी दीदी मे नहीं जा रहा था। मैने बहुत कोशिश करके देखा पर सब मेहनत बेकार थी। उसकी दीदी बहुत कसी हुई थी। और मेरा लंड बहुत बडा था। जब मै नाकाम रहा तो, सुमन से रहा नहीं जा रहा था, तो उसने मेरा लंड अपने हाथ मे लिया। जैसे ही उसने मेरे लंड को हाथ मे पकडा, वो बोली, “हाय राम इतना बडा लंड है तेरा, तू तो मेरी चूत फ़ाड ही डालेगा। प्लीज मुझे छोड दो। मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही है।

फ़िर मुझे नेहा दीदी ने अपने ऊपर लिया। और स्वाती दीदी तेल लाने के लिये किचन मे नंगी ही चली गयी। इधर मेरा और नेहा दीदी का रोमांन्स चालू हो गया। हमारा खेल देखकर सुमन भी मीठी आहे भरने लगी। स्वाती दीदी तेल लेकर आ गयी और उसने सुमन की चूत पर ढेर सारा तेल डाल दिया। नेहा दीदी ने मुझे अपने ऊपर से उतारा और मै फ़िर एक बार अपना लंड सुमन के चूत मे डालने की कोशिश करने लगा। इसके पहले सुमन ने कभी नहीं चुदवाया था। ये उसकी पहली बार थी। इसलिये उसे काफ़ी दर्द महसुस हो रहा था। थोडी ही देर मे मेरा थोडा सा लंड सुमन की चूत मे प्रवेश कर गया। सुमन जोर से चिल्लाई पर घर पर उसकी चीख सुनने वाला कोई भी नहीं था। उसकी मदद मेरी दोनो बहने कर रही थी। मैने धीरे से एक झटका लगाया, तो मेरा पुरा का पुरा लंड सुमन की चूत मे चला गया। उसकी चूत से गरम खून का निकल गया। खून देखकर सुमन बहुत डर गयी। पर स्वाती दीदी ने उसे समझाया हर लडकी को इस दोर से एक दिन गुजरना ही पडता है। वो बाते कर रही थी तो मै धीरे-धीरे धक्के लगा रहा था।

अब सुमन का दर्द थोडा सा कम हो गया था। और उसे भी मजा आ रहा था। मुझे मेरी दोनो बहनों की सील तोडने का मोका तो नहीं मिला था पर उनकी वजह से मैने आज मेरी मोसेरी बहन की सील को तोड दिया था। सुमन काफ़ी खुश थी। उसके बाद मैने नेहा दीदी को चोदा और फ़िर स्वाती दीदी को भी चोदा। मेरे लंड मे अब मुझे दर्द महसुस हो रहा था। आज मैने तीन –तीन चूतो को एक साथ चोदा था। चौथे राउंड मे फ़िर एक बार सुमन कि चूत ले ली। उस दिन से हम तीनो मिल के जब हमे मौका मिले तब चुदाई करते रहे। उस दौरान मेरी दीदी ने सुमन को चुदाई के बहुत सारे तरीके सिखा दिये। हम बहुत मजे लेते रहे। किसी का कोई टेंशन नहीं। घर की बात घर मे। हम लोग बहुत खुश है। मेरी दोनो बहनों की तो शादी हो गयी है लेकिन सुमन अभी कुंवारी ही है। उसकी चूत के लिये मेरा लंड तेयार है। जब मेरा दिल करता है मै मौसी को मिलने के बहाने से उनके गांव जाता हूँ। और सुमन की जी भर के चुदाई करके वापस आ जाता हूँ। और सुमन भी हमारे घर आकर एक महीना रहती है।

उस महीने मे, हम पिछ्ला पूरा हिसाब बराबर कर देते है।

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