Desi Kahani - Free Sex Kahaniya (Antarvasna Sex Stories) https://sexstories.one/category/desi-kahani/ Hindipornstories.org Tue, 01 Feb 2022 09:20:47 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 शूटिंग के दौरान सेक्सी लड़की की मस्त चुदाई https://sexstories.one/sexy-ladki-ki-mast-chudai/ Tue, 01 Feb 2022 09:20:47 +0000 https://sexstories.one/?p=3519 मैं उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा तो वो मछली की तरह तदपने लगी और साथ में अपने बूब्स को मसलने लगी | मैं उसकी तडपते देखकर मैंने उसकी चूत में...

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Sexy Ladki ki Mast Chudai हाय फ्रेंड्स कैसे हो आप सभी लोग ? मैं उम्मीद करता हूँ की आप सभी लोग ठीक ही होगे | दोस्तों आज मैं एक कहानी को आप लोगो के सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूँ | ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची घटना है | मुझे उम्मीद है की आप लोगो को कहानी जरुर पसंद आयेगी और इस कहानी को पढने में आप लोगो को मज़ा भी आयेगा | मैं कहानी प्रस्तुत करने से पहले आप सभी लोगो को अपने बारे में बता देता हूँ |

मेरा नाम अभिनय है और मेरी उम्र 30 साल है | मैं रहने वाला मुम्बई का हूँ और मैं एक जूनियर आर्टिस्ट हूँ | मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है | मेरे लंड का साइज़ 6 इंच लम्बा और मोटा 2 इंच है | मैं दिखने में गोरा हूँ और मेरी बॉडी भी ठीक ठाक है जिससे मैं स्मार्ट लगता हूँ | मैं अब आप सभी का ज्यादा समय न लेते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ |

ये जो कहानी में प्रस्तुत करने जा रहा हूँ ये कहानी अभी कुछ दिन पहले की है जब मैं एक हॉरर मूवी की शूटिंग में था | दोस्तों मैं आप लोगो को मूवी का नाम नही बता सकता हूँ | मैं उस मूवी में हीरो के साथ में काम करता था और वो मूवी एक जंगल में शूट हो रही थी | उस जंगल में एक घर बना था और वो घर में ही शूटिंग होती थी | वैसे वो घर जिसका था वो तो विदेश में रहते थे और हमे एक घर शूटिंग के लिए चाहिए था जहाँ कोई न रहता हो इसलिए डारेक्टर ने वो घर शूटिंग के लिए 6 महीने के लिए लिया था | वो घर एकदम अलग बना था और वहां बहुत कम लोग जाते आते थे | जब हम लोग उस घर में शूटिंग करने के लिए गए थे तो उस घर में 3 लोग रहते थे 1 लड़की थी और 2 आदमी रहते थे | फिर उन लोगो को बताया गया की यहाँ पर शूटिंग होने जा रही है तो वो तीनो लोग पास में ही कुछ दूर पर उनके मालिक का एक घर था उस घर में रहने चले गए |

तब उस घर की कुछ मरम्मत कराई गयी फिर उस घर में उस मूवी की शूटिंग शुरू की गयी | जब मूवी की शूटिंग होती थी तब शूटिंग देखने के लिए कुछ आते थे और वो लड़की भी आया करती थी | मुझे उस मूवी में कुछ ज्यादा बड़ा किरदार नही करना था क्यकि मुझे उस मूवी में घर के वाचमेन का रोल दिया गया था | जब किसी को घर में जाना होता था या आना होता था तब ही मुझे अपना रोल निभाना होता था | वो लड़की रोज शूटिंग के टाइम शूटिंग देखने आती थी | वो लड़की देखने में सुन्दर थी और उसका फिगर भी सेक्सी था | इसलिए मैं उसे पसंद करता था तीसरे दिन की बात है जब शूटिंग हो रही थी तो वो लड़की भी शूटिंग देखने आ गयी और मेरा भी उस टाइम कोई रोल नही था | तब मैं उस लडकी के पास गया और उससे बात करने लगा | फिर मैंने उससे पूछा तुम्हारा नाम किया है तो उसने अपना नाम जूली बताया और मैं उससे ऐसे ही कुछ न कुछ बाते किया करता था | वो भी मुझसे बाते किया करती थी | एक दिन की बात है जब मुझे हीरो के साथ में जंगल के अन्दर जाना था और उस दिन ये सीन था की जो उस घर में भूत रहता है वो वाचमेन को मार देगा | फिर उस रात को वो भूत मुझे मार देता है और उसके बाद मेरा उस मूवी कोई एक्टिंग नही करनी थी |

Desichudai चूत मरवाने के लिए चली गई

उसके बाद मैं और जूली बैठ कर बात कर रहे थे तब जूली ने मुझसे कहाँ की मुझे भी एक्टिंग आती है और मुझे भी कोई रोल दिला दो मूवी में तो मैंने उसे कहा की हाँ किय नही तुम इतनी खुबसूरत हो तुम्हे तो मूवी में एक्टिंग करनी चाहिए और मैंने उससे कहा की मैं तुम्हारे बारे में बात करता हूँ ये बात सुन कर वो बहुत खुश हुई | फिर वो चली गयी इस तरह से वो मुझे मिलने भी लगी थी | उसके बाद की बात है जब वो मुझसे इसके बारे में पूछने लगी की मुझे इस मूवी में कोई रोल मिलेगा तो मैंने उससे कहा इस मूवी में कोई रोल नही है पर मैं तुम्हे अगली मूवी में रोल जरुर दिलाऊंगा |

तो वो मुझे बोली ठीक है और फिर मैंने उससे कहा चलो घूम लेते हैं | तब वो मेरे साथ उस जंगल में घुमने चली गयी | जब मैं और जूली जगंल में घूम रहे थे तब मैंने उससे किस करने के लिए कहा तो वो मान गई और तब मैंने उसे पहली बार किस किया था | जब मैं उसे किस कर रहा था तो मेरे शरीर में करंट सा लग गया था | उसकी होठो पतली और कमल की पंखुड़ियों की तरह मुलायम थी | फिर मैं और जूली बात करते हुए वापस चले आये | उसके बाद कुछ दिन के लिए शूटिंग भी किसी प्रोबलम से रुक गयी थी | तब मैं खली ही रहता था तो एक दिन की बात है जब मैं उसको अपने साथ घुमाने ले गया था वहां कुछ ही दूर पर एक रेस्टोरेंट था | मैं उसको अपने साथ लेकर उस रेस्टोरेंट में गया | फिर मैं और जूली ने वहां पर कॉफ़ी पी उसके बाद हम वहां से चले आये | उन दिनी मूवी का हीरो बीमार हो गया था तो शूटिंग भी बंद थी | अब मैं जूली को किस भी करता था और उसके मस्त गोल चिकने बूब्स को भी दबा दिया करता था वो भी कभी कभी मेरे लंड को सहला दिया करती थी |

एक दिन की बात है जब मैंने उसे रात को घर में बुलाया तो वो आ गयी | तब मैं उसको लेकर बेडरूम में ले गया और फिर मैं उससे बाते करने लगा |  मैं उससे बाते करते हुए उसकी जांघों पर हाथ को रख कर सहलाने लगा | तब वो मेरी तरफ देख कर हँसने लगी तब मैं समझ गया ये भी चुदना चाहती है और मैं उसकी जांघों को सहलाते हुए उसकी होठो पर अपने होठो रख कर उसकी कमल जैसी होठो को चूसने लगा | तब वो भी मेरा साथ देती हुई चूसने लगी | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ में उसके चिकने बूब्स को दबाने लगा था | मैं उसकी होठो को चूस रहा था और साथ में उसके कपड़े के अन्दर हाथ को डाल कर उसके बूब्स को मसल रहा था | मैं उसकी होठो को ऐसे ही 5 मिनट ता चूसता रहा और फिर मैंने उसके कपडे निकाल दिए जिससे वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में आ गयी |

तब मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा | मैं उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूस रहा था और दुसरे को हाथ में पकड कर मसल रहा था | तब उसके मुंह से गर्म सांसे निकल गयी वो तदपने लगी मैं उसके बूब्स के निप्पल को अपनी ऊँगली से घुमा घुमा कर मुंह में रख कर चूस रहा था | फिर मैंने अपने कपडे निकाल दिए और 1 मिनट में ही मैं उसके सामने एकदम नंगा हो गया | तब वो मेरे लंड को एकदम भूखी शेरनी की तरह देखने लगी | तब मैंने उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपने मुंह को घुसा कर उसकी चूत को चाटने लगा तो उसके मुंह से उई उई उई माँ माँ… ओह्ह ओह्ह ओह्ह्ह हाँ हाँ हना… ऊऊऊ आआआ सी सी सी…. की सिसिकियाँ निकल गयी |

मैं उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा तो वो मछली की तरह तदपने लगी और साथ में अपने बूब्स को मसलने लगी | मैं उसकी तडपते देखकर मैंने उसकी चूत में अपनी उँगलियों को घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा जिससे उसके मुंह से मदहोश करने वाली आवाजे निकलने लगी उई ऊऊ अह्ह्ह ओह्ह्ह उई माँ माँ उई माँ… ऊऊ ओऊ अह्ह्ह्ह सी सी उई…. की आवाज निकल गई | मैं उसको ऐसे ही कुछ देर तक उसकी चूत को चाटने के बाद मैंने उसके मुंह में अपने लंड को घुसा दिया और वो मेरे लंड को मुंह में रख कर जोर जोर से अन्दर बाहर करटी हुई चूसने लगी | मैं उसके सर को पकड कर अपने लंड को उसके मुंह में अन्दर बाहर करने लगा | वो मेरे लंड को मुंह में रख कर कुछ देर तक ऐसे ही चूसती रही |

उसके बाद मैंने उसके मुंह से अपने लंड को निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फैला कर उसकी चूत के मुंह पर लंड के टोपे को रख दिया उसकी चूत गीली होने की वजह से मेरा लंड उसकी चूत में एक ही धक्के में घुसा गया तो उसके मुंह से खीच निकल गयी उई उई मई मर गयी निकाल लो पर मैंने उसकी चूत से अपने लंड को नही निकाला और उसकी चूत में धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा | मैं उसकी चूत में जोर जोर के धक्के से उसको चोदने लगा वो ऊऊ अहह अहह ऊऊउ आआआआ माँ माँ…. उई माँ… की सिसिकियाँ पर सिसिकियाँ ले रही थी | मैं ये उसकी आवाजे सुनकर और जोश में आ गया और उसकी टांगो को अपने कंधे पर रख कर उसकी चूत में और तेज तेज से धक्को मारने लगा | तब धक्को की आवाज कमरे में घुजने लगी | फिर मैं उसको ऐसे ही 15 मिनट तक जोरदार धक्को के साथ उसको चोदता रहा और उसके बाद मेरे लंड ने सारा माल उसकी चूत पर ही निकाल दिया | फिर मैं उसे उसके घर तक कार से छोड़कर आया |

ये थी मेरी कहानी | मुझे उम्मीद है की ये कहानी आप लोगो को पसंद आई होगी |

कहानी पढने के लिए धन्यवाद |

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मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे https://sexstories.one/tum-meri-bur-chodo/ Sat, 29 Jan 2022 07:28:00 +0000 https://sexstories.one/?p=4534 उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा...

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Meri bur Chodo  मेरा दोस्त एक बार मुझे अपने घर लेकर जाता है मैं जयपुर का रहने वाला हूं मेरे दोस्त गौरव का घर अजमेर में है। गौरव मुझसे कहता है की तुम कुछ दिनों के लिए मेरे साथ अजमेर चलो, गौरव और मैं एक साथ एक ही कंपनी में नौकरी करते हैं। गौरव की बात को मैं मना ना कर सका और उसके साथ मैं उसके घर अजमेर चला गया, मैं जब उसके घर गया तो मैंने देखा उसके परिवार में काफी लोग हैं उसका परिवार काफी बड़ा था मैंने गौरव से कहा तुम्हारा परिवार तो बहुत बड़ा है, गौरव कहने लगा हां हम सब लोग एक साथ रहते हैं और हमारे परिवार में कभी भी कोई झगड़ा नहीं होता सब लोग मिलजुल कर एक दूसरे का पूरा साथ देते हैं।

गौरव के पिताजी का व्यवहार भी मुझे बहुत अच्छा लगा और उनके साथ मैं जब भी बात करता तो मुझे अपने पिताजी की याद आ जाती मैं उन्हें कहता कि मैं जब भी आपसे बात करता हूं तो मुझे अपने पिताजी की याद आ जाती है, वह कहने लगे कि बेटा मैं भी तुम्हारे पिताजी की उम्र का हूं और तुम्हें जब भी मेरी जरूरत हो तो तुम मुझे कहना क्योंकि मेरे पिताजी का देहांत कुछ वर्ष पहले हो चुका था और उसके पिताजी मुझे उसी तरीके से समझते थे जिस प्रकार से मेरे पिताजी मुझे समझाया करते थे।

मैं उसके घर पर 4 दिन रहा लेकिन इन 4 दिनों में मुझे ऐसा लगा कि जैसे वह मेरा ही घर हो,  मुझे बहुत अच्छा लगता है जब भी गौरव और मैं साथ में होते हैं, गौरव मुझे हमेशा कहता कि राज तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो और जब से मेरी दोस्ती तुमसे हुई है तुमने मुझे कभी भी कोई परेशानी नहीं आने दी, हम लोग जब अजमेर से वापस लौट रहे थे तो बस में ही मुझे एक लड़की दिखी शायद वह भी जयपुर जा रही थी वह हमारे सामने वाली सीट में बैठी हुई थी मैं उसे ही देखे जा रहा था और मैं उसे बड़े ही ध्यान से देखता लेकिन जब वह अपनी बड़ी बड़ी आंखों से मेरी तरफ देखती तो मैं अपनी नजर झुका लेता, मैंने गौरव के कान में कहा यार यह लड़की मुझे बहुत पसंद आ रही है क्या इससे मेरी बात हो सकती है, गौरव मुझे कहने लगा राज तुम एक काम करो उस लड़की को एक चिट्ठी लिखो, मैंने उसे कहा तुम्हारा दिमाग सही है आजकल के जमाने में भला कौन चिट्ठी देता है, वह मुझे कहने लगा तुम ऐसा करो तो सही।

मैंने भी एक पेपर में अपना नाम और उस लड़की के बारे में थोड़ा बहुत लिखा जिससे कि वह लड़की प्रभावित हो सके और मैंने वह पेपर उसकी तरफ फेंक दिया उसने जब वह पेपर खोल कर देखा तो वह मुस्कुराने लगी, मुझे कहां पता था कि वह भी मुझे अपना नंबर दे देगी उसने उसी पेपर के पीछे अपना नंबर लिख कर मेरी तरफ फेंक दिया मुझे जब उसका नंबर मिला तो मैं बहुत खुश हो गया मैंने गौरव से कहा यार तुम्हारा तो कोई जवाब ही नहीं है क्योंकि वह लड़की अपने पिताजी के साथ बैठी हुई थी इसलिए उस वक्त तो उससे बात नहीं हो सकती थी परंतु जब हम लोग जयपुर पहुंच गए तो मैंने अपने घर से उसे फोन किया और उसका नाम पूछा, उसका नाम कविता है।

Desi Incest Stories मां का प्यार

मैंने कविता से पूछा तुम क्या करती हो तो वह कहने लगी कि मैं फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही हूं और हम दोनों एक दूसरे से घंटों बात किया करते हैं लेकिन मै कविता से मिल नहीं पाया था और उससे मिलने के बारे में एक दिन मैंने सोची, मैंने गौरव से कहा यार आज मैंने कविता से मिलने की सोची है क्या तुम मेरे साथ चलोगे, गौरव कहने लगा क्यों नहीं उस दिन हमारे ऑफिस की छुट्टी भी थी और हम दोनों अच्छे से बन ठन कर कविता से मिलने के लिए चले गए जब हम दोनों कविता से मिलने गए तो कविता के साथ उसकी एक सहेली भी आई हुई थी और हम लोग जिस जगह बैठे हुए थे वहां पर हम लोग एक दूसरे को देखते रहे मैंने सोचा कि पहले कविता कुछ कहे लेकिन 5 मिनट तक तो हम लोग कुछ भी बात नहीं कर पाए, तब गौरव ने कहा कि तुम लोग तो बिल्कुल ही चुप हो गए क्या एक दूसरे से कोई बात नहीं करोगे? तब जाकर कविता ने मुझसे बात की कविता मुझसे कहने लगी मुझे तुमसे बात करने में थोड़ा अजीब लग रहा है, मैंने कविता से कहा मुझे भी काफी अजीब लग रहा है क्योंकि मैं पहली बार किसी लड़की से बात कर रहा हूं।

अब हम लोगों की बातें शुरू हो चुकी थी और हम सब लोग एक दूसरे की बातों में इतने खो हो गए कि समय का पता ही नहीं चला उस दिन हम लोगों ने एक साथ 4 घंटे साथ में बिताए लेकिन मुझे लगा कि शायद 4 घंटे भी कम है जब गौरव और मैं वापस लौटे तो मैंने कहा यार आज तुम्हारी वजह से मैं कविता से बात कर पाया, गौरव मुझे कहने लगा राज मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं और उसके बाद कविता और मैं एक दूसरे से मिलने लगे, हम दोनों जब एक दूसरे से मिलते तो एक दूसरे को जरूर कोई ना कोई गिफ्ट दिया करते एक दिन मुझे कविता का फोन आया और कहने लगी कि मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली जा रही हूं शायद तुम से मेरी बात ना हो पाए, मैंने कविता से पूछा लेकिन तुम दिल्ली से कब लौटोगी तो कविता कहने लगी कि मैं दिल्ली से एक महीने बाद आऊंगी।

मैंने सोचा कि चलो आज रात मैं कविता से बात कर सकता हूं, मैंने कहा चलो ठीक है हम लोग एक महीने तक बात नहीं करेंगे लेकिन आज पूरी रात मैं तुमसे बात करना चाहता हूं, कविता कहने लगी ठीक है, उस दिन वह चोरी छुपे मुझसे फोन पर बात करने लगी मैंने उससे लगभग सुबह के 4:00 बजे तक बात की और जब मेरी आंख लगी तो मुझे भी पता नहीं चला कि समय क्या हो गया है उस दिन मैं ऑफिस भी नहीं जा पाया क्योंकि 4:00 बजे जब मैं सोया तो मेरी आंखें नहीं खुली जब मैंने अपने फोन को देखा तो मेरे फोन पर गौरव ने 20 बार कॉल किया हुआ था।

मैंने गौरव को कॉल बैक किया और कहा कि आज तो मैं ऑफिस नहीं आ सकता मैंने गौरव को सारी बात बताई गौरव कहने लगा चलो कोई बात नहीं तुम आज आराम करो और मैं उस दिन घर पर ही था लेकिन मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी मेरा मन कविता से बात करने का होने लगा परंतु उससे मेरी बात हो ही नहीं सकती थी और इसी वजह से मुझे टेंशन होने लगी, मैंने जब गौरव को यह बात बताई तो गौरव कहने लगा चलो कोई बात नहीं एक महीने तो ऐसे ही कट जाएगा तुम्हें कुछ पता भी नहीं चलेगा लेकिन मेरा मन तो सिर्फ कविता से बात करने का था और कविता और मेरी सिर्फ मैसेज के द्वारा ही बात हो पाती, कविता मुझसे सिर्फ इतना ही कहती कि मैं ठीक हूं इससे ज्यादा मेरी उससे बात ही नहीं हो पाती, मैंने कविता से कहा कि मैं तुम्हें बहुत मिस कर रहा हूं और तुमसे फोन पर बात करना चाहता हूं लेकिन कविता ने रिप्लाई किया कि अभी यह संभव नहीं हो पाएगा।

मैं हमेशा सोचता कि कब एक महीना कटेगा, धीरे-धीरे समय भी कटता गया और एक दिन मुझे कविता का फोन आया जिस दिन मुझे कविता का फोन आया मैंने उसे कहा कि मुझे तुमसे आज मिलना है, कविता कहने लगी कि आज तो मैं नहीं मिल पाऊंगी क्योंकि आज ही मैं दिल्ली से लौटी हूं कल हम लोग मिल लेते हैं, मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुमसे कल मुलाकात करता हूं, रात भर मैं कविता से बात करता रहा और उसे मैंने बताया कि मैंने उसका इंतजार कितनी बेसब्री से किया। मैं जब अगले ही दिन कविता को मिला तो मैंने उसे देखते ही गले लगा लिया। वह मेरे साथ मेरे घर पर आई हुई थी मैंने कविता के होठों को भी चूमना शुरू किया।

उसके गालों पर मैंने किस किया तो वह मुझे कहने लगी तुम यह सब क्या कर रहे हो मैंने उसे कहा मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रहा था और इतने दिनों से मैं तुमसे बात नहीं कर पाया तुम्हें पता है मैंने तुम्हें कितना मिस किया। वह कहने लगी मुझे भी मालूम है मैंने भी तुम्हें बहुत मिस किया लेकिन इस बीच मेरी तुमसे बात ही नहीं हो पाई। कविता और मैं एक दूसरे के होठों को चूमते रहे हम दोनों के अंदर गर्मी बढ़ने लगी। मैंने कविता के स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरु किया और कविता के सलवार के अंदर जब मैंने अपने हाथ को डाला तो उसकी चूत को मैं अपने हाथों से सहलाने लगा। उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। जब मैंने उसकी चूत को चाटा तो उसे भी बहुत अच्छा महसूस होता, काफी देर तक मैंने उसकी कोमल चूत के मजे लिए। मैंने कविता से कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो, उसे मेरे लंड को अपने मुंह मे लेने मे कोई आपत्ति नहीं जताई और अपने मुंह में ले लिया।

वह लंड को संकिग करने लगी काफी देर तक तो वह मेरे लंड को चुसती रही, मेरे लंड ने भी पूरा पानी बाहर की तरफ को छोड़ना शुरू किया था। मैंने कविता की चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया, जैसे ही मेरा मोटा लंड कविता की चूत में प्रवेश हुआ तो वह चिल्लाते हुए मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है। वह अपने दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए मुझे कहने लगी मेरी चूत को मजा आने लगा है। उसकी चूत से खून निकलने लगा, मैंने उसे कहा तुमने जैसे पहले कभी सेक्स नहीं किया। वह कहने लगी मैंने पहले कभी भी सेक्स नहीं किया, मैं और कविता एक दूसरे के साथ काफी देर तक सेक्स करते रहे, जब मेरा वीर्य मैंने कविता की योनि में गिराया तो वह मुझे कहने लगी मुझे कोई कपड़ा दे दो। मैंने उसे कपड़ा दिया उसने अपनी चूत को अच्छे से साफ किया और उसने अपने कपड़े पहन लिए। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश थे उसके बाद भी कविता और मेरी हमेशा बात होती रहती। जब भी कविता मुझे फोन करती तो मैं उसे कहता तुम मुझसे मिलने आ जाओ लेकिन वह मुझसे मिलने नहीं आती।

वह कहती यदि मैं तुमसे मिलने आऊंगा तो तुम मेरी चूत मारोगे लेकिन फिर भी मैं उसे अपने पास बुला ही लेता।

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रास्ते में मिली चूत https://sexstories.one/raaste-me-mili-chut-hindipornkhani/ Thu, 23 Dec 2021 07:50:23 +0000 https://sexstories.one/?p=3566 फिर मैं उसकी चूत से अपनी ऊँगली को निकाल कर मैंने अपने कपडे निकाल दिए | फिर अपने लंड को हाथ में पकड कर हिलाने लगा | तब वो मेरे लंड को अपने हाथ में पकड कर हिलाते हुए मुंह में रख कर चूसने लगी..

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hindipornkhani हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप सभी ? मैं आशा करता हूँ की आप सभी ठीक ही होगे | दोस्तों आप सभी चुदाई करना पंसद तो करते ही होगे अगर करते हो तो आप लोगो को चुदाई करते रहना चाहिए | मेरा नाम कमलेश है | मेरी उम्र 20 साल है | मैं रहने वाला चेन्नई का हूँ | मैं बी काम फस्ट इयर में पढता हूँ | मैं दिखने में गोरा हूँ और मेरी हाईट 6 फुट 9 इंच है जिससे में स्मार्ट लगता हूँ | मेरे लंड का साइज़ 8 इंच लम्बा और मोटा 3 इंच है | मेरे घर में मेरे मम्मी और पापा मैं रहता हूँ | मैं अपने मम्मी और पापा की इकलोती संतान हूँ इसलिए मेरे मम्मी पापा मुझे बहुत प्यार करते हैं |

मुझे सेक्सी कहानियाँ पढना बहुत पसंद है और मैं सेक्सी कहानियाँ बहुत अरसे से पढता आ रहा हूँ | मुझे भी कहानी लिखने की खवहिश थी | जो मैं लिखने जा रहा हूँ ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची घटना है | ये मेरी पहली कहानी है तो इसमें आप को गलती भी नज़र आयेगी अगर आप को गलती नज़र आती है तो मुझे माफ़ करना | मैं जो कहानी लिखने जा रहा हूँ | मैं आशा करता हूँ मेरी कहानी आप लोगो को पसंद आयेगी और पढने में मज़ा भी आयेगा | तो मैं आप लोगो का ज्यादा समय न लेते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ |

ये कहानी कुछ दिन पहले की है जब मैं चेन्नई से घुमने के लिए कोलकाता जा रहा था | तब मुझसे रास्ते में एक लड़की ने लिफ्ट मांगी और मैंने उसे अपनी कार में बैठा लिया और उसका नाम पूछा तब उसने अपना नाम नन्दनी बताया | वो दिखने में बहुत गोरी थी और उसका फिगर मस्त था | उसके बड़े बड़े बूब्स और उसकी बड़ी चौड़ी गांड को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया | वो मुझको सेक्सी नजरो से देख रही थी | मैं उससे उसके बारे में पूछ रहा था और पूछा आपको कहाँ जाना है | तब उसने मुझसे कहा आप जहाँ जा रहे हो मुझे वहीँ तक छोड़ दो | उसका मस्त फिगर देख कर मेरा लंड खड़ा था | फिर मैं उसकी जांघों को सहलाने लगा तो वो मेरी और सेक्सी नजरो से देखने लगी | कुछ देर तक मैं उसकी जांघों को सहलाता रहा | फिर वो मेरे लंड को सहलाने लगी |

तब मैंने अपनी कार को एक सुनसान जगह पर रोक कर | मैं उसकी होठो पर अपने होठ रख कर उसकी होठो को चूसने लगा | वो भी मेरे होठो को चूसने लगी | मैं उसकी होठो को चूसते हुए उसकी बूब्स को कपडे के ऊपर से दबाने लगा | मैं उसके बूब्स को दबाते हुए उसके कपडे निकाल दिए | वो अब सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी | तो मैं उसके एक दूध को ब्रा के ऊपर से चूसने लगा तो उसके मुंह से उह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह की सिसिकियाँ निकल गयी | मैं उसके बूब्स को चूसते हुए उसकी ब्रा खोल दी और मैं उसके बूब्स को मुंह में भर कर चूसने लगा |

मैं एक दूध को हाथ में पकड कर दबाने लगा | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करती हुई अपनी चूत के सहलाने लगी | मैं उसके दूध को मुंह में रख कर चूस रहा था और दुसरे को हाथ से मसल रहा था | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करती हुई अपनी ऊँगली को चूस रही थी |

मैं उसके बूब्स को एक एक करके चूस रहा था | वो अपनी चूत को सहलाती हुई उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ कर रही थी | मैं उसके बूब्स को कुछ देर तक ऐसे ही चूसता रहा | फिर उसकी टांगो को थोडा सा फेला कर उसकी चूत में अपना मुंह घुसा कर चूत को चाटने लगा | तो वो उह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह करने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर अन्दर बाहर करते हुए चाटने लगा साथ में उसकी चूत में अपनी ऊँगली को घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा |

जिससे उसके मुंह से हलकी हलकी आवाज में उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह उह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह आह्ह्ह करती हुई अपने दोनों बूब्स को जोर जोर से मसलने लगी | मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने के साथ चूत में ऊँगली को घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा | तो वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह उफ्फ्फ करने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी ऊँगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसकी चूत को चोदने लगा |

hindipornkhani जिग्ना की कामुकता

तो वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह करने लगी | मैं उसकी चूत को कुछ देर तक ऐसे ही चाटता रहा | फिर मैं उसकी चूत से अपनी ऊँगली को निकाल कर मैंने अपने कपडे निकाल दिए | फिर अपने लंड को हाथ में पकड कर हिलाने लगा | तब वो मेरे लंड को अपने हाथ में पकड कर हिलाते हुए मुंह में रख कर चूसने लगी | तो मेरे मुंह से उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह करते हुए अपने लंड को चूसाने लगा |

वो मेरे लंड को अपने मुंह में रख कर अन्दर बाहर करते हुए चूसने लगी | मेरे मुंह से हलकी हलकी आवाज में उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह अहह करते हुए उसके मुंह में धीरे धीरे धक्के मारने लगा और मैं उसके मुंह को चोदने लगा | मैं कुछ देर तक उसके मुंह को ऐसे ही चोदता रहा साथ में धीमी धीमी आवाज में उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह अहह करता रहा | फिर मैं उसके मुंह से अपने लंड को निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फेला कर उसकी चूत के मुंह पर अपने लंड को घुसा कर उसको चोदने लगा | तो उसके मुंह से उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह्ह करने लगी | मैं उसकी चूत में अन्दर बाहर करते हुए उसको चोदने लगा |

मैं उसकी चूत में जोर जोर से धक्के मारने लगा | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ उह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह करती हुई अपने बूब्स को मसलने लगी | मैं उसकी चूत को जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था साथ में उसके बूब्स को भी दबा रहा था | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह कर रही थी | फिर मैं उसकी चूत से लंड को निकाल कर उसके मुंह में डाल कर चुसाने लगा | वो मेरे लंड को चूसने लगी कुछ देर तक लंड चूसाने के बाद फिर से उसकी चूत में लंड को डाल कर चोदने लगा | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह अह्ह्ह करने लगी |

मैं उसको जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था वो अपनी चूत को सहलाती हुई उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह कर रही थी | मैं उसकी ये सिसिकियाँ सुनकर उसकी चूत में और तेज से धक्के मारने लगा जिससे कार में धक्को की आवाज घुजने लगी | मैं उसको इसी तरह से उसको चोदे जा रहा था | वो उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करती हुई अपनी चूत को हिलाती हुई चोदने लगी | मैं उसकी चूत में अन्दर बाहर करते हुए चुद रहा था |

वो अपनी चूत को आगे पीछे करती हुई चुद रही थी साथ में उफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फफफफ ह्ह्ह्हह उह्ह उफ्फ्फ उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह उफफ्फ्फ्फ़ उह्ह्ह्ह फ्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ कर रही थी | मैं उसको जोरदार धक्के के साथ उसको 40 मिनट तक चोदता रहा और उसके बाद उसकी चूत के ऊपर मेरे लंड ने माल निकाल दिया | मैं उसकी मस्त चुदाई के बाद उसको कोलकाता तक ले गया और वहां से घुमा कर फिर यहीं छोड़ दिया |

ये थी मेरी कहानी दोस्तों | मैं आशा करता हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आई होगी और पढने में मज़ा भी आया होगा |

मेरी कहानी पढने के लिए धन्यवाद् |

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एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 3 https://sexstories.one/desi-maa-beta-chudai/ Tue, 21 Dec 2021 08:19:02 +0000 https://sexstories.one/?p=5028 उसे अपनी टाँगों के बीच एक बहुत अच्छा एहसास हो रहा था, उसने इस बार फिर जोर से धक्का दिया, उसका लंड उसकी गांड की दरार में कुहनी मार रहा था, आरती थोड़ी देर के लिए उससे अलग हो गई..

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Desi Maa Beta Chudai kahani jaari hai – “ओह्ह्ह्ह हाँ, वहीं।” उसकी माँ कराह उठी। आरव ने अपनी तर्जनी से उसकी गांड के छेद को दबाया और यह पहली पोर तक बहुत आसानी से फिसल गया क्योंकि यह तेल से फिसलन था, आरव उत्तेजना के साथ जंगली जा रहा था और उसकी उग्र चोट उसे चोट पहुँचा रही थी, वह इसे अपने तंग से मुक्त करना चाहता था पंत उसने अपनी उंगलियों को और अधिक धक्का दिया और आश्चर्यचकित महसूस किया कि उसने अपने गधे को उसे और गहरा कर दिया, उसने अपनी उंगलियों को और अधिक धक्का दिया और अब वह अपने दूसरे पोर में था, वह अपनी मां की हांफने की आवाज सुन सकता था जब उसने अपनी उंगली को जितना गहरा जा सकता था।

“Unghhhhhhh,” शालिनी खुशी के साथ जब उसके बेटे को बाहर सभी तरह अपनी उंगली बाहर निकाला और उस में सभी तरह से डाला कराही, वह वहीं खुद को उंगली करना चाहता था, लेकिन वह याद आरती किसी भी समय वापस हो सकता है।

“आरव, मैं अब बेहतर महसूस कर रहा हूं, धन्यवाद, दर्द पूरी तरह से दूर होने तक मुझे आपकी मालिश की आवश्यकता होगी।” शालिनी ने आरव से कहा, जिसने अनिच्छा से उसकी गांड से अपनी उंगली निकाली, यह वर्षों में शालिनी का सबसे अच्छा आनंद था, अधिक सटीक होने के लिए किसी ने भी उसकी गांड को छुआ है, वह और अधिक चाहती थी।

“ठीक है माँ, जब भी तुम्हें मेरी ज़रूरत हो।”

“मैं तुम्हारी बहन हूँ, तुम मुझे इस तरह छू नहीं सकते।” आरती ने बहुत शांति से कहा, आरव ने उसके ब्लाउज से अपना हाथ हटा लिया और उसे राहत मिली कि वह नाराज नहीं थी।

“मुझे खेद है, लेकिन मैं खुद का विरोध नहीं कर सकता, आपकी उपस्थिति मुझे पागल कर देती है।” आरव ने अपना सर्वश्रेष्ठ तीर चलाया; वह जानता था कि उसकी तारीफ करने से उसका मन उसके कामों पर लग जाएगा।

“अगर उसे पता चला कि वह मुझे मार डालेगा,” आरती खुद को नियंत्रित नहीं कर पाई, उसकी आँखों से आँसू बहने लगे और वह बहुत सुंदर लग रही थी।

आरव उसे रोता देख चौंक गया, उसे याद नहीं कि उसने आखिरी बार उसे रोते हुए कब देखा था, वह जानता था कि वह एक मजबूत लड़की है और वह इतनी छोटी सी बात के लिए कभी नहीं रोएगी, उसे पता था कि कुछ उसे परेशान कर रहा था। आरव को उसके लिए बहुत बुरा लगा, उसने हमेशा उसे एक मजबूत लड़की के रूप में देखा है जो उससे कहीं ज्यादा मजबूत है लेकिन उसे इस तरह रोते हुए देखकर वह उसके प्रति बहुत सुरक्षात्मक और देखभाल करने लगा। उसने उसे बाँहों से उठा लिया और कसकर गले लगा लिया।

“नहीं, मुझसे दूर हो जाओ, वह मुझे मार डालेगा।” आरती ने अपने भाई को धक्का दे दिया।

“कौन” आरव उलझन में था कि वह ऐसा अभिनय क्यों कर रही है।

Read part 2 – एक चुडक्कड़ परिवार की कहानी – 2

“मैं नहीं कर सकता …” आरती ने अपनी आवाज दबा दी जब उसने अपने पिता को दरवाजे पर खड़ा देखा।

“तुम सो क्यों नहीं रहे हो, आधी रात हो चुकी है।” उसके पिता ने उसकी आँखों में देखा।

आरव को कुछ अजीब लगा तो उसने अंदर जाने का फैसला किया। “मच्छर बहुत हैं; हम सो नहीं पा रहे हैं।”

“आरती बाहर जाओ और कुछ सूखी घास ले आओ और इसे जला दो, यह मच्छरों को दूर रखेगा।” उसने ठंड से कहा।

आरव को उसका काम देखकर खुशी हुई होगी लेकिन अब नहीं, उसे एहसास हुआ कि कैसे उसे उसकी इच्छा के खिलाफ काम करने के लिए बनाया गया था, भारत में लड़की होना एक अभिशाप था।

आरती घर से बाहर चली गई, जब उसने अपने पिता को उसका पीछा करते देखा तो वह चिंतित हो गई और चुपचाप कुएं के पास सूखी घास इकट्ठा करने लगी, उसे अपने पिता के पीछे खड़े होने का आभास हुआ। वह उससे दूर चली गई। ‘थपाक’ उसके पिता ने उसकी गर्दन पर थप्पड़ मारा; उसका प्रहार इतना तेज था कि वह जमीन पर गिर पड़ी।

“आप आरव से क्या कहने वाले थे, इसके बारे में कभी किसी से कुछ भी कहने की हिम्मत मत करना।” उसके पिता ने उस पर जोर दिया, उसने उसे पकड़ लिया

बाल और उसे अपने पैरों पर खींच लिया।

“तुम मेरे ही हो मेरे।” उसने उसके मुंह पर जोर से चूमा, उसके होठों को जबरदस्ती चूसा, वह उसे दूर धकेलना चाहती थी लेकिन वह जानती थी कि अगर वह ऐसा करती है तो वह उसे फिर से मारेगा, इसलिए वह स्थिर रही और उसे अपने रास्ते जाने दिया।

“अंदर जाओ और घास को जला दो,” उसने अपने गंदे मुंह के अंदर उसके स्वाद के अवशेष को लेते हुए अपने होंठों को ठंड से चाटते हुए कहा।

आरती सूखी घास को अपने साथ लेकर अंदर चली गई। यह तब शुरू हुआ जब वह मुश्किल से पाँच साल की थी; आरव हमेशा अपनी मां के साथ रहा, इसलिए उसने आरती को उसके पिता के पास छोड़ दिया। वह उसे खेत में ले जाता था और वह उसे उन जगहों पर छूता था, जो उस छोटी लड़की से अनजान थे कि ‘उसके प्यारे पिता क्या कर रहे हैं’। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गई, वैसे-वैसे उसके प्रति उसका जुनून भी बढ़ता गया, जब उसे उसकी बात मानना मुश्किल हो गया तो उसने उसे मारना शुरू कर दिया।

“क्या हुआ, तुम इतनी अजीब हरकत क्यों कर रहे हो।” आरव ने उससे पूछा।

“बस सोने चले जाओ।” उसने ठंडे स्वर में कहा, बिना उसकी ओर देखे भी, वह अपने आँसुओं को छिपाने की कोशिश कर रही थी।

आरव इतनी आसानी से हार नहीं मानने वाला था, वह उसकी ओर मुड़ा और लापरवाही से उसके चारों ओर अपनी बाहें डाल दी, उसकी हथेली उसके ब्लाउज से ढके पेट पर पड़ी थी, आरती ने उससे दूर जाने की कोशिश की लेकिन अगर वह चली गई तो वह खत्म हो जाएगी फर्श पर इसलिए वह अभी भी उसके स्पर्श का जवाब नहीं दे रही थी।

लगभग एक घंटे के बाद सब कुछ चुप हो गया, आरती ने अपने पिता के कदमों को सुनने की कोशिश की … कोई नहीं, वह उसके करीब आ गई, आरव उसकी तरफ सो रही थी, जबकि आरती उसकी तरफ से सो रही थी, इसलिए जब वह करीब आ गई तो वह कर सकती थी स्कर्ट से ढँकी उसकी गांड में उसकी कठोरता को महसूस करते हुए, उसे यह भावना पसंद आई और उसने अनजाने में अपनी गांड को उसकी कठोरता में धकेल दिया।

उसे अपनी टाँगों के बीच एक बहुत अच्छा एहसास हो रहा था, उसने इस बार फिर जोर से धक्का दिया, उसका लंड उसकी गांड की दरार में कुहनी मार रहा था, आरती थोड़ी देर के लिए उससे अलग हो गई और उनके बीच से अपनी स्कर्ट ऊपर खींच ली, उसने नीचे एक बैगी पैंटी पहनी थी। आरती जोश से पागल हो रही थी, उसका दिल बहुत जोर से धड़क रहा था; धीरे-धीरे उसने अपने लंड को अपनी पैंटी पहने गांड से थपथपाया, अब वह उसे अपने गालों के बीच अच्छी तरह से महसूस करने में सक्षम थी।

आरव ने महसूस किया कि कुछ बहुत ही स्पंजी और चिकना है जो अपने मुर्गा को निगलने की कोशिश कर रहा है, उत्तेजना उसे जंगली बना रही थी वह और अधिक जोर से मारना चाहता था और अपनी नींद में उसने अपनी गांड में जोर से जोर दिया।

आरती उत्साहित थी जब उसने महसूस किया कि वह अपने मुर्गा को जोर से जोर दे रहा है, लेकिन वह जानती थी कि वह आवाज करेगा और अपने पिता का ध्यान आकर्षित करेगा इसलिए उसने खुद को उससे अलग कर लिया।

आरव ने फिर जोर दिया लेकिन निराश हो गया कि स्पंजी सामग्री गायब हो गई है, निराशा ने उसे जगाया, उसने अपनी आँखें खोलकर पाया कि यह आरती की गांड थी जिसमें वह जोर दे रहा था, वह उसकी पैंटी पहने हुए गधे को चांदनी से आते हुए देख सकता था उसके कमरे की छोटी सी खिड़की। वह बेतहाशा उत्तेजित हो गया और उसका लंड राहत पाने के लिए धड़क रहा था।

आरव ने अपना लंड निकाला और अपने लंड को उसके गालों के बीच में थपथपाते हुए आरती के करीब आ गया, आरती उनके शरीर से निकलने वाली गर्मी को महसूस कर सकती थी, जिससे कमरे में यौन तनाव बढ़ रहा था, वह उसके इतने करीब थे कि वे पहले कभी इस तरह नहीं थे, उसने महसूस किया अब उससे अधिक जुड़ी हुई है, वह हमेशा जानती थी कि वह दिल से अच्छा है और केवल दिखावा करने के लिए एक झटके की तरह काम करता है।

आरव कांपते हाथों से उसके चारों ओर पहुँचा और उसके स्तन को अपनी मुट्ठी में ले लिया और उसने अपना लंड उसके कपड़े वाली गाण्ड में डाल दिया, वह फिर से जोर से जोर से जोर से जोर से उसके कोमल गालों के बीच पहुँच गया, उसने उसके स्तन को उसके ब्लाउज से अपने हाथ से निचोड़ लिया उसकी उँगलियों के बीच उसके निप्पल खड़े हैं। आरती बहुत कोशिश कर रही थी कि वह विलाप न करे, अगर उसने कोई आवाज की या संकेत दिया कि वह जाग रही है, तो वह उसके लिए हंगामा करने के लिए माफी मांगेगा। उसने अपने होठों को बहुत जोर से काट लिया और कराह को नियंत्रित करने के लिए खुद को काट लिया।

आरव अपने आंड को कसता हुआ महसूस कर सकता था, इसलिए उसने उसकी गांड को जोर से चोदना शुरू कर दिया, आखिरकार उसने अपना वीर्य उसकी पैंटी पर गिरा दिया और उसकी जाँघों पर कुछ वीर्य बिखेर दिया, आरव एक संतोषजनक आह के साथ एक तरफ चला गया। लेकिन आरती अभी भी सींग का बना हुआ था और वह खुद को राहत देना चाहती थी। उसने अपनी पैंटी उतार दी और उसमें से अपना सह चूसा, कड़वा स्वाद और मांसल गंध ने उसे उत्तेजना के साथ जंगली बना दिया, वह नीचे पहुंच गई और अपनी तर्जनी को अपनी तंग बिल्ली में डाला, उसने खुद को सहलाया और दूसरे हाथ से उसे सहलाया स्तन जो उसके भाई द्वारा छेड़ा गया था, उसने अपनी दो उंगलियों को अपनी चूत में डुबोया और अपने अंगूठे से उसने अपने भगशेफ को फड़फड़ाया, उसने अपने पैरों को चौड़ा कर दिया, आरती को महसूस हो रहा था कि उसके अंदर कामोन्माद निर्माण हो रहा है, उसने उसे जोर से सहलाना शुरू कर दिया।

वह अब और विरोध नहीं कर सकती थी और वह अपने रस से बिस्तर गीला करके बहुत मुश्किल से आई, आरती ने अपनी आँखें बंद कर लीं और संतुष्ट होकर सो गई।

to be continued…

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दोस्त की बहन की गुलाबी चूत को अपने घर में चोदा https://sexstories.one/dost-ki-behan-ki-gulabi-choot-choda/ Tue, 21 Dec 2021 07:44:55 +0000 https://sexstories.one/?p=3489 हम दोनों ऐसे ही एक दुसरे की होठो को कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी.. वो अपने गुलाबी चूत को अपनी घुलाबी पैंटी में छुपा के रखे थी...

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Dost ki Behan ki gulabi choot ko Choda – हेल्लो दोस्तों मेरा नाम रियाज़ है | मैं रहने वाला भोपाल का हूँ | मैं अभी जॉब करता हूँ | मैं आज आप लोगो की सेवा में एक कहानी को लेकर हाजिर हूँ | दोस्तों मैं भी आप लोगो की ही तरह कहानी पढने का शौक़ीन  हूँ | मैं काफी अरसे से सेक्सी कहानी पढ़ता आ रहा हूँ | मैं बहुत सी कहानियाँ पढ़कर उनका मज़ा ले चूका हूँ और दोस्तों मुझे ज्यादा कहानी पढना दोस्त की बहन और दोस्त की गर्लफ्रेंड वाली पसंद है | मेरी हाईट 6 फुट 4 इंच है | मेरे लंड का साइज़ 7 इंच लम्बा और मोटा 3 इंच है | दोस्तों मुझे चुदाई करना बहुत पसंद है और मैं अभी तक काफी बार चूत चोद चूका हूँ इसलिए मुझे अब चुदाई करने के इतने पोजीशन मालूम हैं | मैं अपने इस सात इंच के लंड से किसी भी लड़की या औरत की चूत की गर्मी को बुझा सकता हूँ तो दोस्त ये तो मैंने अपने बारे में बता दिया | दोस्तों अब बकचोदी हो गयी है | मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ |

ये कहानी कुछ महीने पहले की है जब मैं एक साफ्टवेयर कम्पनी में जॉब करता था | मैं जॉब बंगलौर में करता था इसलिए मुझे बंगलौर में रहना पढता था | मैं वहीँ पर घर रेंट पर लेकर रहता था | जब मैं उस कम्पनी में जॉब करता था तो उस टाइम वहां मेरा एक लड़का दोस्त बन गया था | उसका नाम रोहन था और वो मेरे साथ ही जॉब करता था इसलिए मेरी उसकी दोस्ती हो गयी थी | धीरे धीरे काफी दिन हो गए और मेरी उसकी दोस्ती कुछ ज्यादा ही हो गयी | वो मुझे एक दिन अपने घर पर डिनर करने के लिए कहा | तब मैंने उससे कहा की सन्डे के दिन चलता हूँ  | दोस्तों मेरे ऑफिस में संडे को छुट्टी रहती हैं | उस दिन मैं और रोहन साथ में घुमने गए और जब हम दोनों लोग घूम कर आये | वो मुझे अपने घर ले गया | मैं उसके घर जाकर उसके साथ सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा | मैं टीवी देख रहा था तभी उसकी बहन आई |

रोहन – सुमित ये मेरी बहन नीलम है और नीलम ये मेरा दोस्त सुमित है |

मैं – हाय नीलम ?

नीलम – हाय सुमित |

मैं – हाउ आर यू ?

नीलम – जस्ट  फ़ाईन एंड यू ?

मैं – आई ऍम सो हैप्पी |

फिर मैं उससे ऐसे ही बात करने लगा साथ मैं मेरा दोस्त रोहन भी बैठा था | मैंने नीलम से पूछा इस टाइम क्या कर रही हो तो उसने बताया की मैं इस टाइम बी कॉम कर रही हूँ | दोस्तों मैं इससे आगे की कहानी बताने से पहले नीलम के फिगर के बारे में बता देता हूँ क्यूंकि ये ही मेरी कहानी की हिरोइन है | उसका मस्त कटीला भरा हुवा बदन है और उसके बूब्स तो काफी बड़े थे जो कपडे के ऊपर से ही साफ गोल दिखा करते हैं | उसकी गांड तो आकर्षण के केंद्र है | वो मुझे किसी हुस्न की मल्लिका से कम नही लगी थी जब मैंने उसको पहली बार देखा था |

Sexstories जिग्ना की कामुकता

पहली बार में ही मेरा दिल उस पर आ गया था और मैं उसे पटाने के बारे में सोचने लगा था | फिर उस दिन मैंने उसके साथ बैठ कर खाना खाया उसके बाद मेरा दोस्त रोहन मुझे छोड़ने आया | मैं अपने घर चला आया | दुसरे दिन की बात है जब मैं अपने ऑफिस में काम कर रहा था तो मेरे दोस्त ने कहा भाई चलते हैं लंच कर लेते हैं काम बात में कर लेना क्यूंकि उस टाइम लंच टाइम चल रहा था | मैं और रोहन एक साथ में लंच किया और अब मैं रोहन के घर अक्सर जाया करता था | मैं वहां नीलम से बात किया करता और वो मुझसे बता करती थी | जब वो मुझसे बात करती थी तो मुझे अच्छा लगता था | वो भी मुझे पसंद करती थी ये बात मुझे कुछ ही दिन में पता चल गया | एक दिन की बात है जब मैं छोट्टी पर था और उस दिन रोहन जॉब पर गया हुआ था | उस दिन नीलम शॉपिंग करने जा रही थी |

रोहन – ने मुझे कॉल की और कहाँ सुमित नीलम शॉपिंग के लिए जा रही है | मुझे टाइम नही है तो तू साथ में चला जा |

मैं – ठीक है चला जाता हूँ उस बोल दो की मेरे साथ जाना है |

रोहन –  हाँ मैं उसे बोल देता हूँ और तुम्हारा नम्बर देता हूँ |

मैं – हाँ देदो |

पर दोस्तों मेरे पास उसका नम्बर पहले से था और मेरा उसके पास क्यूंकि उसकी मेरी बात कभी कभी हुआ करती थी | कुछ ही देर में उसका फ़ोन आया |

नीलम – हेल्लो |

मैं – हेल्लो हाँ बोलो |

नीलम – भईया ने तुम्हारे साथ शॉपिंग के लिए जाने को कहा है |

मैं – तो मेरे साथ नही जाने का मन है क्या ?

नीलम – नही ऐसा नही है आप तो मुझे बहुत अच्छे लगते हो और मुझे तो भरोसा भी नही था की मुझे शॉपिंग के लिए तुम्हारे साथ जाने को मिलेगा |

फिर मैं और नीलम एक साथ शॉपिंग करने गए | जब मैं और नीलम एक मॉल में शॉपिंग कर रहे थे तो नीलम ने कुछ चीजे ली उसके बाद नीलम को एक जींस और पंसद आ गयी थी | नीलम ने अपने वॉलेट में देख तो रुपये कम थे तो वो जींस मैंने उसे लेके देदी | तब नीलम ने मुझे थैंक्स बोला और कहा तुम भी कुछ ले लो और नीलम ने मेरे लिए जींस और शार्ट सेलेक्ट किया | मैं लेके घर चला आया उस दिन से वो मुझे ज्यादा ही पंसद करने लगी थी | उसके 4 महीने के बाद की बात है जब वो मेरे साथ घुमने भी जाने लगी थी | उस दन मैं और नीलम मूवी देखने गए थे | उस दिन जब हम मूवी देख रहे थे तो उसने मुझे वहां मेरी होठो पर किस की और मेरा लंड खड़ा हो गया था वेसे हम लोग किस तो बहुत पहले से करते थे पर उस दिन मेरी अन्दर का जानवर जग गया था | मैंने भी उसे वहीँ पर गर्म कर दिया |  वो अब चुदने के लिए तैयार हो गयी थी |

मैं तुरंत ही वहां से अपने घर आया और फिर अपने बेडरूम में ले गया | वो मेरे से लिपट गयी और मैं उसकी होठो को चूसने लगा | वो भी मेरी होठो को मुंह में रख कर चूसने लगी | हम दोनों ऐसे ही एक दुसरे की होठो को कुछ देर तक किस करने के बाद मैंने उसके कपडे निकाल दिए तो वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी | वो अपने गुलाबी चूत को अपनी घुलाबी पैंटी में छुपा के रखे थी | मैं उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से दबाने लगा | मैं उसके बूब्स को दबाते हुए उसकी ब्रा भी खोल दी और उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा | मैं उसके बूब्स के निप्पल को मुंह में रख कर चूस रहा था | मैं उसके बूब्स को ऐसे ही 3 -5 मिनट तक चूसने के बाद उसकी पैंटी को मुंह से पकड कर निकाल दिया | फिर मैंने उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर उसकी चूत तो चाटने लगा |

वो बिस्तर को कस के पकड का सेक्सी आवाज में ह ह ह ह ह…. अ अ अ अ अ….. हु हु हु हूँ…. आ आ आ…. सी सी सी सी… की आवाजे करने लगी | मैं उसकी मस्त सेक्सी आवाजे सुनकर और जोश में आ गया | तब मैंने उसकी चूत को चाटने के साथ में उसकी चूत में अपनी ऊँगली भी घुसा दी | वो हु हूँ हूँ हु….. आ आ आ आ….. हाँ हाँ हाँ… उई उई उई… हह हह ह हह… की सिसकियाँ लेने लगी | मैं उसकी चूत में अपनी ऊँगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए उसको अपनी ऊँगली से चोदने लगा | मैं उसकी चूत में ऐसे ही 3 -4 मिनट तक ऊँगली को अन्दर बाहर करता रहा | फिर मैंने अपने कपडे निकाल कर उसकी टांगो को फैला कर अपने लंड में थूक लगा कर उसकी चूत के ऊपर अपने लंड को रख कर उसकी चूत में धीरे से अपने लंड को घुसा दिया |

उसकी चूत गीली होने की वजह से मेरा लंड उसकी चूत में आराम से घुसा गया | वो सेक्सी आवज में उ ऊ ऊ ऊ….. हाँ हाँ हाँ… ह ह ह ह…. हूँ हूँ हूँ हूँ.. अ अ अ अ… सी सी सी सी… की आवाजे करने लगी | मैं उसकी कमर को पकड़ कर उसकी चूत में धीरे धीरे धक्को के साथ अन्दर बाहर करने लगा | मैं कुछ देर तक ऐसे ही धीरे धीरे अन्दर बाहर करते हुए उसको चोदता रहा | वो कुछ ही देर में मस्त होकर चुदने लगी और मज़ा लेने लगी | तब मैं उसके दोनों बूब्स को पकड कर उसकी चूत में जोरदार धक्के मारने लगा | वो हाँ हाँ हाँ… ह ह ह ह…. हूँ हूँ हूँ हूँ.. अ अ अ अ… सी सी सी सी… की सिसकियाँ लेने लगी | मैं उसकी कमर को पकड कर उसको अपनी और खीच कर उसकी चूत में जोरदार धक्के मारने लगा जिससे कुछ ही देर में धक्को की आवाज कमरे में गूंजने लगी | वो सिसकियाँ पर सिसकियाँ ले रही थी साथ वो मस्त होकर अपने बूब्स के निप्पल को दबाती हुई चुदने लगी | मैं उसको ऐसे ही 15 मिनट तक चोदने के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया |

फिर वो अपनी चूत में ऊँगली डाल डाल कर वीर्य को निकालने लगी | वो वीर्य को इसलिए निकाल रही थी अगर वीर्य अन्दर रह गया था | उसके बाद उसने कपडे पहन लिए और मैंने अपने कपडे पहन लिए | फिर उसको उसके घर तक छोड़ आया | दोस्तों ये थी मेरी कहानी मुझे उम्मीद है की आप लोगो को कहानी पढने में मज़ा आया होगा |

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टैक्सी ड्राइवर से बीवी को चुदवाया https://sexstories.one/taxi-driver-se-biwi-ko-chudwaya/ Sun, 12 Dec 2021 08:02:18 +0000 https://sexstories.one/?p=4966 मैंने उसकी टांगें फैला दीं और उसकी चूत को कुछ देर साड़ी पर रगड़ा... फिर मैं वापस अपनी कुर्सी पर बैठ गया और उन्हें देखने लगा... अब तक उसने उसके दोनों बूब्स निकाल कर चूसा, दबाया और काटा।...

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Taxi driver se biwi ko chudwaya – नमस्ते, मैं राज हूं, फिर से एक कहानी के साथ, मेरी पत्नी के बारे में जो एक टैक्सी ड्राइवर के साथ सेक्स मस्ती के लिए साझा की गई थी। जैसा कि मैंने आपको पहले बताया है, मैं 32 वर्ष का हूं। मैं गोवा से एक अर्ध सरकारी संगठन के लिए काम कर रहा हूं। मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं। मेरी पत्नी कीर्ति 29 साल की है। अब चलो सेक्स कहानी पर चलते हैं।

हम आंध्र प्रदेश में एक शादी के लिए गए थे और मेरी पत्नी साड़ी में हॉट और सेक्सी लग रही थी, ब्लाउज थोड़ी गहरी गर्दन और बिना आस्तीन का था, पार्टी में उन पर कई निगाहें थीं, जिन्हें मैंने देखा और आनंद लिया।

मैं अपनी पत्नी को किसी और द्वारा चोदते हुए देखने के लिए एक लंबे समय से कल्पना कर रहा था। मैंने उसे इसके बारे में बताया था और उसे अपने किसी पुराने दोस्त या किसी ऐसे व्यक्ति के साथ करने के लिए कहा जिस पर वह भरोसा करती है ताकि मैं अपनी कल्पना को पूरा कर सकूं लेकिन वह डरी हुई थी। जैसे-जैसे पार्टी चल रही थी, मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मुझे उन लोगों को देखने में मज़ा आ रहा है जो उसके स्तन और गांड को देख रहे हैं। वह मुस्कुराई और चुप रही।

पार्टी के बाद वह थोड़ी नशे में थी लेकिन होश में थी। हम सब पार्टी से बाहर आए और अपने होटल जाने के लिए टैक्सी मंगवाई। हम टैक्सी में सवार हो गए.. मैंने उसे अपने होटल का पता बताया और हम आगे बढ़ गए। थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि ड्राइवर कार के शीशे से मेरी पत्नी को देख रहा है। उसके कोमल स्तन आधे दिखाई दे रहे थे।

मुझे एक विचार आया है…

मैंने अपनी स्थानीय भाषा में अपनी पत्नी से पूछा कि क्या वह टैक्सी ड्राइवर के साथ सेक्स करना चाहेगी? उसने मना कर दिया .. लेकिन मैंने उसे यह कहते हुए मना लिया कि हम दूसरे राज्य में हैं और कोई हमें नहीं जानता … और यह ठीक रहेगा … वह मान गई और पूछा कि उसे क्या करना होगा … मैंने उससे कहा कि चिंता मत करो .. मैं सब कुछ व्यवस्थित कर दूंगा…

मैंने ड्राइवर से बात करना शुरू किया.. उसका नाम नरेश था.. उसने मेरे और मेरी पत्नी के बारे में पूछा.. मैंने कुछ बने-बनाए नाम बताए और उससे कहा कि, वह मेरी पत्नी नहीं है, बल्कि मेरी दोस्त है… और वह मेरे साथ आई थी क्योंकि उसका पति अपने काम में व्यस्त था।

उसने मेरी तरफ देखा और कहा कि तुम सच में भाग्यशाली आदमी हो। तुम्हारे साथ किसी और की खूबसूरत बीवी है… जो साड़ी में हॉट और सेक्सी लग रही है… और नशे में भी..

मैं हँसा .. हम चलते रहे … उसने मेरी पत्नी को अपनी आँखें बंद करते हुए देखा और मुझसे पूछा, ‘क्या मुझे उसके साथ कुछ करने का मौका मिल सकता है? ‘

मैंने कहा ज़रूर.. कोशिश करूँगा, होटल पहुँचकर।

उसका चेहरा लाल था और उसकी निगाह सिर्फ मेरी पत्नी पर थी।

मैंने उनसे पूछा, क्या उन्हें कभी मौका मिला है.. ऐसी किसी महिला के साथ कुछ भी करने का?

उसने कहा नहीं.. मैं तुम्हारी तरह अच्छा दिखने वाला और अमीर नहीं हूं।

फिर मैंने पूछा कि क्या मैं तुम्हें यह मौका दूंगा, क्या तुम उसके साथ ऐसा करोगे?

Sex kahani शादी से पहले शारीरिक जरूरतें पूरी करवा ली

उसने तुरंत कार रोक दी और मुझसे कहा कि इस विषय पर मजाक मत करो..

मैंने उससे कहा कि मैं गंभीर हूँ… जिससे उसका चेहरा चमक उठा और कहा कि क्या यह संभव है?

मेरी पत्नी यह सब सुन रही थी। मैंने अपनी पत्नी से हमारी भाषा में कहा कि मैंने उसे मना लिया है तो क्या आप इसके लिए तैयार हैं या नहीं.. उसने तुरंत कहा – ठीक है।

मैंने नरेश से कहा कि वह ठीक है.. अगर आप किसी को नहीं बताते हैं और इसे हमारे बीच में रखते हैं।

वह बहुत खुश हुआ और उसने मेरी पत्नी को धन्यवाद दिया।

उसने कहा कि हम यह उसके घर पर कर सकते हैं, क्योंकि वह अकेला रहता है।

मैं मान गया और उसने पूछा कि क्या वह उसे छू सकता है.. मैंने हाँ कहा और उसने उसका हाथ पकड़ कर उसे चूमा और कहा- मैडम आप बहुत कोमल हैं..

मेरी पत्नी मुस्कुराई और नीचे देखा..

मैंने साड़ी को उसके बूब्स से सरकाया और कहा- ये देखो, ये सॉफ्ट है फिर उसका हाथ और उसे छूने को कहा..

उसने उसके एक स्तन को सहलाया और धीरे से उसे दबाया। मैंने उसे अपने घर की ओर गाड़ी चलाने के लिए कहा।

उसने अपने हाथों को उसके स्तन से हटा दिया, लंड को सेट किया, और गाड़ी चलाने लगा।

15 मिनट में हम उसके घर पहुँच गए.. बीच-बीच में मैं उसके बूब्स दबा रहा था और उसे किस कर रहा था.. ताकि वो देख सके और अपना लंड सख्त रख सके.

यह तीन मंजिला इमारत थी। वह ऊपर की मंजिल पर रह रहा था। हमने अंदर प्रवेश किया, उसका कमरा उतना साफ नहीं था.. कॉलेज के लड़कों के कमरे जैसा।

मैं और कीर्ति सोफे पर बैठ गए और उन्होंने पानी की एक बोतल ली और मुझसे कहा सॉरी नो ग्लास..

मैंने 1 घूंट लिया और मेरी पत्नी ने भी लिया। वह हर समय उसे घूर रहा था इसलिए मैंने उससे कहा कि अगर तुम चाहो तो शुरू करो। वो उसके पास आया और उसके होठों को छुआ और उसे 2-3 मिनट तक किस किया… यह देख कर मेरा लंड सख्त हो गया। फिर उसने अपना हाथ उसके बाएं स्तन पर रख दिया और उसके होंठों को चूसते हुए उसे दबाने लगा।

मेरी बीवी की कॉलेज लाइफ में उसके 2-3 बॉयफ्रेंड थे.. इसलिए उसके लिए नरेश के साथ एडजस्ट करना इतना मुश्किल नहीं था. मैंने उसे उसके होठों को चूसकर उसके चुंबन का जवाब देते देखा। मैंने अपने लंड को अपनी पैंट में मला और एडजस्ट किया।

मैं गया और उसके बगल में बैठ गया … और उसके स्तनों को दबाने लगा … और उसके ब्लाउज के 2 बटन खोल दिए … और नरेश के लिए एक उल्लू निकाल दिया … उसने उसे देखा और उसके निपल्स को दबाने लगा। फिर वह उसके निप्पलों को चूसने और चाटने लगा।

मैंने अपनी पत्नी का हाथ लिया और उसकी पैंट के ऊपर उसके लंड के हिस्से पर रख दिया… यह बहुत सख्त था… इसलिए उसके लिए उस पर हाथ रखना मुश्किल नहीं था… उसने उसे दबाना शुरू कर दिया।

मैंने उसकी टांगें फैला दीं और उसकी चूत को कुछ देर साड़ी पर रगड़ा… फिर मैं वापस अपनी कुर्सी पर बैठ गया और उन्हें देखने लगा… अब तक उसने उसके दोनों बूब्स निकाल कर चूसा, दबाया और काटा। और उन्हें हल्का गुलाबी कर दिया।

मैंने नरेश से कहा कि वह उसकी साड़ी उतारकर बेडरूम में ले जाए।

नरेश खड़ा हो गया और मैं देख सकता था कि उसका लंड सख्त था और उसके प्री-कम की पैंट पर एक छोटा सा गीला पैच था।

उसने मेरी पत्नी को खड़े होने के लिए कहा। वह उठ खड़ी हुई और नरेश ने साड़ी उतार दी। मेरी पत्नी पेटीकोट और ब्लाउज में अपने बूब्स के साथ खड़ी थी। नरेश ने उसे फिर से गले लगाया और उसे किस करने लगा और उसकी गांड दबाने लगा।

मैं देख सकता था, मेरी पत्नी का हाथ फिर से उसके लंड पर था और उसे सहला रहा था। फिर वह उसे बेडरूम में ले गया और मैंने उसका पीछा किया। मेरी पत्नी जाकर पलंग के किनारे पर बैठ गई और नरेश उसके सामने। मैंने अपनी पत्नी से अपने कपड़े उतारने को कहा। नरेश अपनी कमीज उतारने लगा और मेरी पत्नी ने उसकी पैंट उतार दी.. अब वह अंडरवियर में खड़ा था।

मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और उसे पूरी तरह से हटा दिया। वह उसके बड़े स्तनों को देख रहा था और अपने लंड को रगड़ रहा था, मैंने अपनी पत्नी को उसके पास जाने का इशारा किया और वह चली गई और उसने अपने स्तन दबाए और उसके निप्पल चूसे।

उसने मेरी तरफ देखा और उसके अंडरवियर में हाथ डाला और बाहर निकाल लिया। नरेश काँप उठा जैसे बिजली का झटका लगा हो।

उसके पास 7 इंच का लंड था !! मेरे लंड से थोड़ा बड़ा। उसके लंड का पानी उसके सिर के ऊपर चमक रहा था। मेरी पत्नी ने उसे बिस्तर पर बिठाया और वह घुटनों के बल बैठ गई और उसके लंड को सहलाने लगी।

नरेश को मज़ा आ रहा था.. मेरी पत्नी ने अपनी दूसरी उंगली से उसके लंड के सिरे को छुआ और उसके वीर्य की एक बूंद लेकर उसके मुँह में डाल दी और नरेश की ओर देखा और कहा- उम्म्म…

मैंने भी अपना लंड निकाला और उसे सहलाने लगा। मेरी पत्नी ने अब कुछ देर के लिए अपना लंड चाटा और अपने मुँह में ले लिया। वह वेश्या की तरह उसका लंड चूस रही थी.. वह स्वर्ग में था… कुछ देर बाद मैं अपनी पत्नी के पीछे आया और उसकी चूत को छूने के लिए उसके पेटीकोट के अंदर अपना हाथ रखा.. वह गीली थी… और मैं महसूस कर सकता हूँ चिपचिपाहट, उसकी जाँघिया पर।

to be continued…

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शदीशुदा पंजाबी आंटी की चुदाई https://sexstories.one/shadi-shuda-punjabi-aunty-ki-chudai-xxx/ Fri, 10 Dec 2021 07:20:34 +0000 https://sexstories.one/?p=3453 उसने एक सिल्क की साड़ी पहन रखी थी और वो ग़ज़ब का माल लग रही थी। वो अंदर आई और बात करने लगी। में उसके पास गया और उसे किस करना शुरू कर दिया। उसने कहा कि आराम से और में किस किये जा रहा था...

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Shadi-shuda Punjabi Aunty Ki Chudai – मैंने नई जॉब जॉइन की थी और मेरी पोस्टिंग ग्रेटर नॉएडा के ऑफीस में हुई थी। वहाँ पर करीब 25 लोगों का स्टाफ था.. करीब 5 लेडीस और 20 जेंट्स और में जेंट्स में सबसे कम उम्र का था। मेरी उम्र 22 साल थी.. वैसे कॉलेज के वक़्त मेरी कई गर्लफ्रेंड थी और बहुत बार सेक्स भी कर चुका था.. लेकिन पिछले करीब 6 महीने से सूखा था और लंड महाराज को चूत के दर्शन नहीं हुए थे। लंड किसी चूत से मिलने को तड़प रहा था और मुठ मार के ही काम चलाना पड़ता था। में 5 लेडीस में सबसे छोटी उम्र वाली को सेट करने के चक्कर में था। सबसे छोटी वाली लड़की की उम्र 19 साल थी और एकदम कच्ची कली थी.. ऐसा लगता था कि उसकी तो सील भी नहीं टूटी होगी। मैंने सबसे पहले उसी पर लाईन मारना शुरू किया और उससे अच्छी दोस्तीं भी हो गई थी।

एक दिन उसका पीछा करते-करते में नॉएडा तक गया.. तो देखा कि वो तो हमारे मैनेजर के साथ लगी हुई है। साले दोनों कार को अंधेरे में खड़ा करके चुम्मा चाटी कर रहे थे और फिर सोचा की इस हसीना की चूत तो में नहीं मार सकता और उस कमसिन हसीना को छोड़कर मैंने 30 साल की औरत को सेट करने की ठानी.. वो पंजाबन थी और दिखने में एकदम मस्त शादीशुदा थी और उसके एक बेटी भी थी। कुछ खास दोस्तों से पता चला कि उसकी और उसके पति के बीच में नहीं बनती है और वो काफी परेशान है। बस यही मौका तो में ताक रहा था। मैंने उससे दोस्ती की और काफ़ी सीधा दिखना शुरू कर दिया और कुछ ही दिन बाद में उसका करीबी दोस्त बन गया.. वो अब मुझसे अपनी हर बात शेयर करती थी।

एक दिन हम सब लंच पर गये.. तो वो काफ़ी उदास थी। मैंने पूछा कि क्या हुआ.. तो वो रो पड़ी मुझे लगा कि यही सही टाइम है उसके पास आने का और मैंने अपना कंधा आगे बढ़ा दिया। वो रोती जा रही थी और में उसे सपोर्ट कर रहा था। थोड़ी देर बाद वो चुप हुई.. तो मैंने कहा कि तुम्हारा पति तुम्हे क्यो नहीं पसंद करता.. अगर में होता तो तुम्हे देखकर हमेशा खुश रहता.. बस इतना कहना था कि वो इमोशनल ही हो गई और मुझसे लिपट गई। अब वक़्त था दूसरा कदम उठाने का मतलब सेक्स की और बड़ने का.. मैंने उसे एक एडल्ट जोक भेजा और सोचा कि देखता हूँ उसका क्या नतीजा होता है। अगर कुछ गड़बड़ हुआ.. तो सॉरी कह दूँगा.. वो जोक ऐसा था कि अगर कोई नॉर्मल लड़की पढ़ ले.. तो मुझे थप्पड़ ही मार दे। फिर वो कुछ देर बाद मेरे कैबिन में आई.. में कुछ डर तो गया था.. लेकिन वो बोली ये क्या भेजा है मैंने कहा जोक था और वो मुस्कुराने लगी मुझे लगा कि हँसी तो फंसी।

मैंने शाम को उसे लिफ्ट ऑफर की और उसे मेरे साथ कॉफी पीने के लिए कहा.. तो वो तैयार हो गई। हम नॉएडा गये हमने कॉफी पी और वो मेरी फैमिली और गर्लफ्रेंड के बारे में पूछती रही। मैंने कहा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है उसने फिर पूछा कि कभी सेक्स किया है। मैंने कहा कि नहीं बस तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा था.. वो ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी। अब मेरी भी हिम्मत बड़ने लगी थी। मैंने भी उसकी सेक्स लाईफ के बारे में पूछा.. तो उसने कहा कि उसकी सेक्स लाइफ नॉर्मल नहीं है.. वो 2-3 महीने में एक बार सेक्स करते है.. उसका पति घर के बाहर रंडियों को चोदता है। मैंने कहा कि तुम क्यों नहीं करती.. तो फिर ये सुनकर वो मेरी और अजीब से देखने लगी और कहा कि चलो.. मुझे लगा कि वो बुरा मान गई है खैर में चुप रहा और कार में बैठ गया। हम घर की और चल दिये.. हम घर पहुँचने ही वाले थे कि उसने कार एक सुनसान रास्ते की और मुड़वाई और वहीं रूकने को कहा तो मैंने कार रोक दी। एकदम अंधेरा और सुनसान रोड था.. उसने कार अंदर से बंद की और लाइट भी ऑफ कर दी.. वो मेरे करीब आई और बोली कभी किसी औरत को किस किया है.. तो मैंने कहा कि नहीं। वो मेरे और करीब आई और बोली तो फिर करो।

मैंने कहा मतलब.. तो वो बोली मुझे किस करो। मैंने जल्दी से छोटा सा किस कर दिया.. वो मुस्कुराई और बोली शायद तुम सच कह रहे हो.. तुमने अभी तक किसी लड़की को नहीं छुआ है.. वो बोली में बताती हूँ कि किस कैसे करते है। उसने अपने दोनों हाथ मेरे होठों पर रख दिए और जीभ को अंदर बाहर करने लगी। वो ऐसे कर रही थी कि मेरा लंड एकदम तन गया और उसे चोदने को बेताब होने लगा। वो भी ये सब भांप चुकी थी। उसने कहा की अभी तो तुम मुझे नहीं चोद सकते हो.. क्योंकि घर जल्दी जाना है.. लेकिन में तुम्हे जल्द ही जन्नत दिखाउंगी। उसने मेरी चैन खोली और अंडरवेयर से लंड को बाहर निकाला.. तो लंड को देखकर वो बोली कि काफ़ी बड़ा है तुम्हारा लंड। फिर उसने लंड की खाल नीचे की.. फिर उसने प्यार से थप्पड़ मारकर बोला कि झूठ बोलते हो.. तुम्हारा लंड पहले भी चूत चोद चुका है। मैंने कहा हाँ एक दो बार.. फिर वो मेरे लंड को सहलाने लगी और फिर उसे मुँह में ले लिया और लंड को चूसने लगी।

Desi Incest Porn भाई बहन एक दूसरे पे फ़िदा हुए

में इतना ज्यादा उत्तेजित था कि कुछ ही देर में उसके मुँह में झड़ गया। उसने पूछा कि मज़ा आया.. तो मैंने कहा कि मज़ा तो आया.. लेकिन अधूरा। वो हँसी और बोली कि कल सुबह हम दोनों ऑफीस नहीं जायेंगे और वो मेरे घर 9 बजे आ जायेगी और पूरे दिन हम साथ रहेंगे। फिर जितना चाहो चूत की पूजा और दर्शन करना। मैंने फिर उसे घर छोड़ दिया और घर पहुँच कर में सुबह का ही इंतज़ार कर रहा था। में सुबह 6 बजे ही जाग गया और उसे फोन किया तो वो बोली कि अभी तो 6 ही बजे है। मैंने कहा कि बस जल्दी आ जाओ बस.. अब इंतजार ही नहीं हो रहा है। सुबह करीब 8:30 बजे बेल बजी और मैंने दरवाज़ा खोला.. तो सामने वो खड़ी थी।

उसने एक सिल्क की साड़ी पहन रखी थी और वो ग़ज़ब का माल लग रही थी। वो अंदर आई और बात करने लगी। में उसके पास गया और उसे किस करना शुरू कर दिया। उसने कहा कि आराम से और में किस किये जा रहा था। फिर में एक हाथ से उसकी निप्पल और दूसरे हाथ से उसकी चूत रगड़ रहा था। अब वो भी धीरे-धीरे गर्म हो रही थी। मैंने उसे बेड पर लेटाया और नंगा कर दिया.. फिर मैंने अपने भी सारे कपड़े उतार दिए। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और चोदन क्रिया को तैयार थे। मैंने लंड को पकड़ा और उसकी चूत में लंड डाला.. काफ़ी टाईट चूत थी उसकी.. लगता था कि बहुत कम चुदी हुई है। में धीरे-धीरे धक्के मार रहा था और वो भी धीरे-धीरे मधहोश हुये जा रही थी। उसकी चूत एकदम साफ थी.. मैंने पूछा कि बड़ी चिकनी है तेरी चूत.. तो वो बोली सुबह-सुबह तेरे लिए ही साफ की है.. वरना कल तो बालों से भरी हुई थी। अब मैंने धक्को की स्पीड बड़ा दी.. वो कहने लगी कि चूत के बाहर झड़ना.. वरना कहीं बाद में गड़बड़ ना हो जाये। में इतनी ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था कि साला लंड अंदर ही झड़ गया.. वो एकदम उठी और भागी और मूतने लगी। में बाहर खड़ा हो कर उसे मूतते हुए देख रहा था।

मैंने कहा कि इतनी जल्दी क्या थी मूतने की.. तो वो बोली ताकि बाद में ज्यादा गड़बड़ ना हो.. वो खड़े होकर मेरे पास आई और मेरे लंड को पकड़कर बोली.. अब तो भूख मिट गई होगी तेरे लंड की। मैंने उसके दोनों बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगा। पहला सेक्स किये हुये हमे 15 मिनट ही हुए थे और में दूसरे राउंड के लिये तैयार था। हम बाथरूम में ही थे.. में उसके पीछे गया और उसके बूब्स बहुत ज़ोर से दबाने लगा। उसके निप्पल रगड़ने में तो बहुत ही मज़ा आ रहा था। उसके बूब्स भी एकदम तन गये थे। अब मैंने उसे आगे की और झुकाया और पीछे से लंड उसकी चूत में प्रवेश कराया.. जैसे जैसे लंड अंदर जा रहा था वैसे वैसे उसकी सिसकियाँ तेज हो रही थी। में धक्के पर धक्के मारे जा रहा था और वो सिसकियाँ लेती जा रही थी। लगभग 15-20 मिनट के बाद लंड झड़ने को तैयार था और इस बार मैंने लंड उसके बूब्स पर झाड़ दिया।

अब करीब 10 बजे थे। मैंने उससे कुछ नाश्ता बनाने को कहा और उसने ब्रेड-आमलेट बना दिया। मैंने वो खा लिया और अब 11 बज चुके थे.. मैंने उससे पूछा कि तुम क्या खाओगी? तो वो बोली जो तुम खिलाओ। मैंने कहा कि जेम रोल बनाकर खिलाता हूँ.. वो बोली कि ये क्या है? मैंने कहा थोड़ा इन्तजार करो.. में किचन में गया और 2 मिनट बाद वापस आया। मैंने अपने लंड को पेपर से ढक रखा था.. वो बोली क्या है दिखाओ? मैंने पेपर हटाया और वो देखकर वो ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगी। मैंने अपने लंड पर जेम और बटर लगा रखा था। मैंने कहा कि नाश्ता तैयार है खा लीजिये.. वो हंसते हुए लंड को हाथ में लेकर चाटने लगी और फिर चूसने लगी.. क्योंकि हम 3 घंटे में 2 बार पहले ही सेक्स कर चुके थे.. इसलिये लंड अब जल्दी नहीं झड़ा। उसने आराम से लंड को चाटा और चूसा.. लेकिन लंड नहीं झड़ा।

अब फिर से बारी थी उसे चोदने की.. एक बार उसे डॉगी स्टाइल में चोदना था। वो डॉगी स्टाइल में बैठ गई.. फिर मैंने लंड चूत में ना डालकर उसकी गांड में डाल दिया.. अरे क्या ग़ज़ब का टाईट छेद था, मज़ा आ गया.. लेकिन उसकी तो चीख निकल गई। मैंने कहा कि कुछ देर सहन कर लो फिर मज़ा आयेगा। 10 मिनट चोदने के बाद लंड को उसकी गांड में ही झाड़ दिया। अब हम नहाकर कुछ देर बाहर घूमने मार्केट में गये। मैंने उससे कहा कि घर पहुँचकर और भी स्टाईल ट्राई करेंगे.. तो वो मुस्कुराने लगी।

उस दिन हम पहले ही 3 बार सेक्स कर चुके थे और घर पहुँचकर हमने 3 बार फिर से सेक्स किया और अब रात के 8 बज चुके थे और उसके घर जाने का टाईम हो चुका था। वो घर जाने लगी तो मैंने कहा कि एक बार आखरी बार और कर लो.. तो अब उसने मुझे लेटाया, मेरी चैन खोली और लंड निकाला। उसने अपनी पेंटी उतारी साड़ी ऊपर की और वो लंड पर बैठ गई। अब हम कपड़े पहनकर ही सेक्स कर रहे थे.. वो लंड चूत के अंदर लेकर उछले जा रही थी। कुछ देर बाद में झड़ गया.. लेकिन कुछ बूंदे उसकी साड़ी पर भी गिर गई। उस पूरे दिन हमने 7 बार सेक्स किया और शाम तक में पूरी तरह से थक चुका था। मैंने 2 ग्लास जूस पिया। फिर कुछ जान में जान आई.. उसके बाद हमने ना जाने कितनी बार सेक्स किया ।।

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घर में आया मेहमान बना मेरी अन्तर्वासना का शिकार https://sexstories.one/meri-chudai-ki-antarwasna/ Wed, 08 Dec 2021 11:49:23 +0000 https://sexstories.one/?p=3415 मेरे दोनों बूब्स को मुंह में रख कर जोर जोर से चूसने लगा | मैं बेड पर लेट कर जोर जोर से सिसकियाँ ले रही थी | वो मेरे बूब्स को ऐसे ही जोर जोर से 5 मिनट तक चूसता रहा | फिर मैंने उसके सर को पकड कर अपनी चूत में घुसा दिया...

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Chudai ki Antarwasna हेल्लो दोस्तों कैसे हो आप सभी लोग ? मैं उम्मीद करती हूँ की आप सभी लोग ठीक ही होगे | दोस्तों मुझे सेक्स में शुरू से ही काफी रूचि थी जिसकी वजह से मैं खुले बिचारो की थी और मैं खुल कर बात करने में अच्छा फील करती थी | मैं सेक्स करने के बारे में बहुत ही एडवांस रहती थी और मैं सेक्सी मूवी देखा भी पसंद करती थी और अभी भी पसंद करती हूँ |

मैं जब पहले सेक्सी मूवी देखा करती थी तो मुझे सेक्सी कहानी के बारे में पता चला था | मैं तब से सेक्सी कहानी पढने लगी और मुझे सेक्सी मूवी से ज्यादा मज़ा सेक्सी कहानी पढ़ने में आने लगा तो मैं सेक्सी कहानी पसंद आने लगी | मैं अभी तक इतनी कहानी पढ़ चुकी हूँ की मैं अब अपनी कहानी लिखने का विचार करने लगी | तब मेरा भी मन हुआ की मैं अपनी कहानी को आप लोगो तक पहुचाओ तो मैं आज टाइम निकाल कर आप लोगो के सामने अपनी कहानी को लेकर आई हूँ | मैं अपनी कहानी को शुरू करने से पहले अपने बारे में बात देती हूँ |

मेरा नाम नेहा है और मेर उम्र इस टाइम 23 साल है | मेरा रंग बहुत साफ है और मैं दिखने में बहुत सुन्दर हूँ | मेरी हाईट ठीक है जिससे मैं सेक्सी भी लगती हूँ | दोस्तों मैं आप सभी लोगो को अपने फिगर के बारे में बता देती हूँ | मेरे बूब्स काफी बड़े और गोल है | मेरे बूब्स गोल और बड़े होने के साथ बहुत चिकने है और मेरी गांड ज्यादा बड़ी तो नही पर सेक्सी बहुत है जिसको देख कर किसी की भी नियत ख़राब हो जाये | मेरी शादी हो चुकी हैं और मेरे पति मेरी रोज ही चुदाई करते हैं और मैं अपनी पति से बहुत खुश रहेती हूँ क्यूंकि उनका लंड लोहे के सामन है |

वो मेरी चुदाई की इच्छा को पुरी कर देते हैं जिससे मैं किसी और से चुदने के बारे में नही सोचती हूँ | दोस्तों मैं जो आज कहानी प्रस्तुत करने जा रही हूँ ये मेरी शादी के पहले की है | मैं आप सभी लोगो से उम्मीद करती हूँ की आप लोगो को मेरी कहानी पसंद आयेगी और मेरी कहानी को पढने में मज़ा तो खूब आएगा | अब मैं बिना टाइम को बर्बाद करती हुई सीधे कहानी शुरू करती हूँ |

जब मैं अपने घर में रहती थी तो उस टाइम मेरे घर में मेरी मम्मी और मैं ही रहती थी | मेरे पापा काम की वजह से घर बहुत काम ही आते थे | मेरी मम्मी मुझ पर बहुत कम ही ध्यान दे पाती थी क्यूंकि वो अपने काम में बहुत बिजी रहती थी | उस टाइम की बात है | मेरे घर पर एक लकड़ा आया हुआ था | मैं आप लोगो को उस लड़के के बारे में बता देती हूँ | उसका नाम रानू था और वो बहुत ही सर्मिला किस्म का लकड़ा था | वो दिखने में बहुत स्मार्ट था और उसकी बॉडी बहुत मस्त थी जिसको देख कर मैं उस लट्टू हो गयी थी | मेरे मन में उसके लंड से चुदने की इच्छा जग गयी थी और मैं उसे लाइन भी मारती थी |

Kamuk Kahaniya अंजान लड़की को ट्रेन में उड़ाया

पर वो इतना सर्मता था की मुझसे कुछ कह ही नही पाता था | मैं उससे कभी कभी जब मम्मी घर में नही होती तो मैं उससे मजाक भी कर देती थी | पर वो मेरे हुस्न के जाल में नही फंसने वाला था क्यूंकि वो लकड़ा बहुत ही सीधा था | मैं उसके लंड से चुदने की कसम खा ली थी और उसके लंड से बिना चुदे मानने वाली नही थी | मैं उससे मजाक मजाक में उसके लंड को पकड लेती थी पर वो मेरी तरफ देख कर नज़ारे नीचे कर लेता था | एक दिन की बात है जब मेरी मम्मी कुछ लेने के लिए बाहर गयी हुई थी | मैं उस दिन उसे पकड कर बेड पर गिरा लिया और उसके हाथ को पकड कर अपनी टी शार्ट को हटा कर उसका हाथ कमर पर रख दिया | जब मैंने उसके हाथ को पकड कर रख दिया तो वो डर के मारे उसके शरीर में करंट सा लग गया |

तब मैं समझ गयी की इसकी प्रोबलम इसका डर है उसको पहले बाहर निकालती हूँ | मैंने दरवाजा बंद किया और उसकी होठो पर अपनी होठो को रख कर किस करने लगी | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ उसके हाथ को अपने बूब्स पर रख दिया | उसने मेरे बूब्स को जैसे ही हाथ में पकडे तो उसने अन्दर भी आग लग गयी | दोस्तों मेरे बूब्स इतने गोल और चिकने थे की किसी का भी मन आ जाये | वो मेरे बूब्स पकड कर दबाने लगा और उसका लंड खड़ा हो गया था | जब उसके लंड खड़ा हो गया था तो उसकी पैंट ऊपर उठ रही थी |

तब मैंने उसके लंड को पैंट के ऊपर से पकड लिया और उसने मेरी चूत में अपनी ऊँगली घुसा दी | अब दोनों के अन्दर वासना की आग लग गयी थी और हम दोनों के शरीर ने पसीना छोड़ दिया | हम दोनों एक दुसरे की बाँहों में थे और एक दुसरे को चूम चाट रहे थे | हम दोनों सेक्स करने वाले ही थे की मेरी मम्मी की बार से आवाज आई दरवाजा खोल नेहा क्या कर रही है | दोस्तों मैंने तुरंत अपने कपडे सही किये और अपने मुंह को सीसे में देख कर साफ किया | फिर बाल सही करने के बाद दरवाजा खोला तो मम्मी ने पूछा क्या करने लगी थी जो इतनी देर कर दी दरवाजा खोलने में तो मैंने कहा सो गयी थी | फिर मम्मी रात का खाना बनाने की तैयारी करने लगी | फिर कुछ देर में खाना बन कर तैयार हो गया और घर में तीन ही लोग थे उस टाइम तो खाना खाने के बाद लेट गए | मैं लेट कर सोच रही थी की अब मुझे कब मौका मिलेगा जो मैं उसके लंड को अपनी चूत में लेकर चुद पाऊँगी |

दोस्तों उसने 3 दिन बाद की बात है जब मेरी मम्मी मेरी पड़ोस की आंटी से साथ मार्केट गयी थी | जब मेरी मम्मी और आंटी मार्केट जाती है तो पूरा दिन लगा देती है | मेरी मम्मी और आंटी घूम कर आती हैं | उस दिन मुझे मौका भी था और मुझे ये नही पता था की मुझे मौका इतनी जल्दी मिल जायेगा | तब मैंने कंडोम लिया और अपने पास रख लिया | फिर उसके साथ मस्ती करने लगी मैं उसके साथ कुछ देर तक मस्ती करने के बाद हम दोनों एक दुसरे की होठो को चूसने लगे | वो मेरे साथ ऐसे कर करके उसकी हिम्मत भी बढ़ गयी थी जिससे उसे अब डर नही लगता था |

वो मेरी रसीली होठो को चूस रहा था साथ में मेरे चिकने बूब्स को कपडे के ऊपर से दबा रहा था | वो अभी तक मेरे बूब्स को पकडे के ऊपर से दबाता था जिससे उसने मेरे बूब्स को नही देखा था | मैंने उसके कपडे निकाल दिए और उसने मेरे कपडे निकाल दिए जिससे मैं उसके सामने ब्रा और पैंटी में आ गयी | वो मेरे गोर गोर स्तनों को देख कर पागल कुत्ते की तरह टूट पड़ा और ब्रा को खीच कर तोड़ दिया | जब वो मेरे साथ ऐसे कर रहा था तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं मज़े लेती हुई जोर जोर से गर्म सांसे लेने लगी |

वो मेरे दोनों बूब्स को मुंह में रख कर जोर जोर से चूसने लगा | मैं बेड पर लेट कर जोर जोर से सिसकियाँ ले रही थी | वो मेरे बूब्स को ऐसे ही जोर जोर से 5 मिनट तक चूसता रहा | फिर मैंने उसके सर को पकड कर अपनी चूत में घुसा दिया और मेरी चूत में ऊँगली को घुसा कर अन्दर बाहर करते हुए चाटने लगा | मैं ऊ ऊ ऊ… आ आ आ.. ई ई ई ई… अ अ अ… सिसकियाँ लेते हुए अपने बूब्स के निप्पल को घुमा रही थी |

वो मेरी चूत के दाने को अपनी होठो से पकड कर खीच खीच कर चूस रहा था | मैं जोर जोर से ऊ ऊ ऊ… आ आ आ.. ई ई ई ई… अ अ अ…सेक्सी आवाजे कर रही थी | फिर मैंने उसके लंड को मुंह में रख कर चूसने लगी | वो अपने लंड को ऐसे ही कुछ देर तक चुसाने के बाद मेरे मुंह से लंड को निकाल लिया | तब मैंने कंडोम को निकाल कर उसके लंड पर चढ़ा दिया | फिर उसने मेरी टांगो को फैला कर मेरी चूत में लंड को घुसा दिया | उसका लंड मेरी चूत में जैसे ही घुसा तो मेरे मुंह से जोरदार सेक्सी आवाजे निकल गयी |

वो मेरी चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर करते हुए मुझे चोदने लगा | मैं मस्त सेक्सी आवाजे करती हुई चुदने लगी | वो मेरी चूत में जोर जोर के धक्के मार रहा था और मैं नीचे लेट कर चुदाई का मज़ा लेती हुई ऊ ऊ ऊ… आ आ आ.. ई ई ई ई… अ अ अ… कर रही थी | वो मेरी टांगो को उठा कर जोर जोर से अन्दर बाहर कर रहा था | जब वो मेरी चूत में जोर जोर से धक्के मार रहा था तो मेरे बड़े बड़े बूब्स हिल रहे थे | वो मेरे हिलते बूब्स को देखकर धक्को की स्पीड और तेज कर दी और मुझे जोरदार धक्को के साथ चोदने लगा | मैं चुदाई के मज़े लेती हुई अपनी चूत को हिला हिला कर चुद रही थी | वो मुझे ऐसे ही जोरदार धक्को के साथ चोद रहा था जिससे मेरी चूत से गर्म पानी की धार निकल गयी और मैं झड़ गयी | मेरे झड़ने के 3 मिनट बाद वो भी झड़ गया |

तब मैंने उसके कंडोम को निकाल कर उसने लंड को मुंह में रख कर चूसने लगी | मैंने उसके लंड को चूस चूस कर साफ कर दिया | फिर हम दोनों ने कपडे पहन लिए | उसके बाद मैं उस लकड़े से दो बार और चुदी थी | फिर मेरी कुछ दिनों बाद शादी हो गयी और तब से मुझे किसी और के लंड से चुदने की जरूरत ही नही हुई |

धन्यवाद……………

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भिखारी लड़की के जलवे https://sexstories.one/sex-with-beggar-girl/ Sat, 27 Nov 2021 08:19:05 +0000 https://sexstories.one/?p=4863 मैंने उन्हें चूसना शुरू कर दिया, क्योंकि मैं खुद को नियंत्रित नहीं कर पा रही थी। वो मेरा लंड अपने मुँह में लेने लगी. मुझे अभ्यास करने की आदत थी। इतनी अच्छी अनुभूति मैंने अपने पूरे जीवन में कभी नहीं महसूस की थी...

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Sex with Beggar Girl – सभी को नमस्कार। मैं आपको अपनी खुद की सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं। सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बताता हूँ। मेरा नाम “होम-अलोन” स्पष्ट रूप से वास्तविक नाम नहीं है। मेरी उम्र 22 साल है। मैं कंप्यूटर का छात्र हूं। मैं अपने पिता और माता के साथ भारत में रहता हूं। आमतौर पर मैं कॉलेज से शाम 4 बजे आता हूं। कभी-कभी मेरे माता-पिता खरीदारी के लिए घर से बाहर जाते हैं और मैं घर पर अकेला हो जाता हूं।

यह भी एक शाम थी जब माँ और पिताजी अलग-अलग शहर में रहने वाले अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए घर से बाहर गए थे। मैं घर में अकेली थी और कंप्यूटर पर लड़कियों की सेक्सी तस्वीरें देख रही थी. मेरे पास तस्वीरों का एक बड़ा संग्रह था। सभी तस्वीरें खूबसूरत स्टाइल वाली नंगी लड़कियों की थीं। मुझे चोदने और चूसने की तस्वीरें पसंद नहीं थीं। मैं तस्वीरें देख रहा था और मेरा लंड मेरे हाथ में था। उस समय मैंने कभी किसी लड़की की चुदाई नहीं की थी और मैं कुंवारी थी। जब मैं अपने हाथ में डिक लिए नग्न लड़कियों की तस्वीरें देख रहा था तो मैंने घंटी की आवाज सुनी।

मैंने कपड़े पहने और दरवाजे पर गया यह देखने के लिए कि बाहर कौन है। जब मैं बाहर गया तो मैंने देखा कि एक युवती भीख मांग रही थी और उसने मुझसे मदद करने को कहा। मैंने उसे घर के अंदर आने के लिए कहा और उसने ऐसा किया। मैंने उसके बारे में नकारात्मक नहीं सोचा था। मैं उसे अपने कमरे में ले गया और कुर्सी पर बैठने को कहा। मैंने उसका नाम पूछा। उसने बताया कि उसका नाम किरण है। मैंने उससे सवाल किया कि वह इतनी उम्र में भीख क्यों मांगती है। उसने बताया कि वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। उनके पिता की मृत्यु खराब स्वास्थ्य के कारण हो गई थी और वे इतने गरीब थे कि अपने पिता को अस्पताल में भर्ती नहीं कर सकते थे।

वह अपने माता-पिता की इकलौती बेटी थी और उसका कोई भाई नहीं था और अब वह अपनी मां के साथ अकेली रहती है। उसकी माँ की भी तबीयत खराब है।उसने मुझे बताया कि वह भूखी थी और कुछ खाना चाहती थी। तो मैं किचन में कुछ लाने चला गया। मैंने रोटी ली और उसे खाने को दी। जब मैं बाहर गया था तो मैंने अपना कंप्यूटर चालू रखा था। जब मैं किरण के लिए रोटी लाई तो वह कंप्यूटर की तरफ देख रही थी। कंप्यूटर पर एक सेक्सी स्क्रीन सेवर चल रहा था।

मुझे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई और मैंने जल्दी से कंप्यूटर बंद कर दिया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसे वक्त में स्क्रीन सेवर चलेगा। किरण ने मुझसे उन चीजों के बारे में पूछा जो कंप्यूटर पर चल रही थीं। मेरा जवाब कम था और मैं काफी बना रहा। उसने मुझसे पूछा कि वह कंप्यूटर पर जो कुछ हुआ था उसे देखना चाहती थी। मैं उसके अनुरोध पर पूरी तरह हैरान था। मैंने उससे पूछा कि वह क्या कह रही है। उसने फिर मुझसे पूछा कि वह कंप्यूटर पर मौजूद चीजों को देखना चाहती है। मैंने कंप्यूटर चालू किया और उसे सेक्सी स्क्रीन सेवर दिखाया। उसने मुझसे पूछा कि क्या मैंने कभी किसी लड़की या लड़के के साथ चुदाई की है। मैंने उससे कहा कि मैं कुंवारी हूं। उसने मुझसे पूछा कि अगर तुमने अपना कौमार्य खो दिया तो कैसा रहा। मैं पूरी तरह से चौंक गया था मैंने कभी नहीं सोचा था कि इतनी खूबसूरत लड़की मुझे ऐसा करने की पेशकश करेगी। उसने मुझे कंप्यूटर पर कुछ दिखाने के लिए कहा।

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सौभाग्य से मेरे पास एक XXX सीडी थी इसलिए मैंने उस सीडी को सीडी-रोम में डाल दिया और फिल्म चलाई। जब फिल्म शुरू हुई तो मेरा लंड भी खड़ा होने लगा. जब फिल्म चल रही थी किरण भी गर्म होने लगी थी। उसने मेरी कमीज पर हाथ रखा और मेरे बटन खोले। मैंने भी उसके कमर के बटन को खोलना शुरू कर दिया। उसने मेरा पेंट नीचे कर दिया। जब मैंने उसकी कमर का बटन खोल दिया तो मैंने उसे उतार दिया और उसकी ब्रा को हटाने की कोशिश की, लेकिन जैसा कि मुझे ऐसा करने का कोई पिछला अनुभव नहीं था, इसलिए मैं उसकी ब्रा को अनहुक करने में असमर्थ था। उसने मेरी ब्रा को खोलने में मदद की। अगले ही पल जब मैंने उसके स्तन देखे तो मैं चकित रह गया। वे बहुत बड़े और छोटे नहीं थे, वे सही आकार और आकार के थे। मैंने फिल्मों या तस्वीरों में ऐसे स्तन कभी नहीं देखे थे।

मैंने उन्हें चूसना शुरू कर दिया, क्योंकि मैं खुद को नियंत्रित नहीं कर पा रही थी। वो मेरा लंड अपने मुँह में लेने लगी. मुझे अभ्यास करने की आदत थी। इतनी अच्छी अनुभूति मैंने अपने पूरे जीवन में कभी नहीं महसूस की थी। मैं खूबसूरत पलों का आनंद ले रहा था। वो पल जब आपने पहली बार किसी नंगी लड़की को अपने सामने देखा था। मैं सहने ही वाला था कि वो मेरे लंड को अपने मुँह में अंदर और बाहर ले जा रही थी। मैंने उससे कहा कि मैं कमिंग कर रहा था लेकिन उसने परवाह नहीं की और मैं उसके मुँह में सहम गया। उसने सभी शुक्राणु पी लिए थे और उन सभी को अपने पेट में ले लिया था। मेरी आँखें बंद थीं और मैं पलों का आनंद ले रहा था। कुछ देर बाद मैं उसकी योनी को चाटने लगा। वह गर्म और गर्म आ रही थी। वह खुशी से कराह रही थी। उसकी योनी गीली और गर्म थी।

मेरा लंड फिर से उठने लगा। किरण अपनी खुशी के चरम पर आ गई थी और वह सहने लगी थी। वह खुशी से जोर-जोर से कराह रही थी। इसी बीच घर की घंटी बजी। मुझे डर था कि मेरे मम्मी पापा आ गए हैं। मैंने किरण को बिस्तर के नीचे आने को कहा। वह बिस्तर के नीचे आ गई। मैंने कंप्यूटर बंद कर दिया। मेरे शुक्राणु और उसके तरल पदार्थ को जल्दी से धोया और दरवाजा खोलने के लिए बाहर चला गया। मेरा दिल धड़क रहा था और मेरे चेहरे का रंग उतर चुका था। मैंने दरवाज़ा खोला और माँ और पापा घर के अंदर चले गए। माँ ने मुझसे पूछा कि क्या गलत था और मैंने उससे कहा कि सब ठीक है। मैं सोच रहा था कि अगर माँ किरण को देख लेगी तो मुझे मार डालेगी। जब माँ घर में आई तो वह मेरे कमरे में चली गई। अब मुझे बहुत डर लग रहा था और मेरा दिल मेरे शरीर से निकलने वाला था। जब उसने मेरे कमरे में बर्तन देखे तो उसने मुझसे पूछा कि मेरे कमरे में कौन आया था, मैंने उससे कहा..

मैंने कुछ लोशन उसकी गांड के छेद पर लगा दिया। मैंने धीरे से अपना लंड उसके अंदर दबा दिया। मुर्गा उसके अंदर चला गया और वह कराहने लगी। मैंने अपना पूरा डिक धीरे-धीरे उसकी गांड के छेद में डाल दिया। जब मेरा पूरा डिक उसके अंदर चला गया तो मैं छोटे-छोटे झटके देने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। उसकी गांड का छेद तंग था और मैं अपने डिक पर दबाव महसूस कर रहा था। लेकिन दबाव मुझे दर्द नहीं दे रहा था। यह मुझे सुंदर आनंद दे रहा था। लगभग 5 मिनट के बाद मैं उसके अंदर सह गया। मैं इतना थक गया था कि मैं उसी स्थिति में सोने चला गया। जब मेरी आँख खुली तो मैंने घड़ी की तरफ देखा। सुबह के 8 बज रहे थे और मुझे डर था कि कहीं मम्मी-पापा न आ जाएँ। मैंने कैबिनेट और कमरा सेट किया और किरण की मदद से साफ किया।

मैंने उससे कहा कि मैं उसे उसके घर छोड़ दूं लेकिन उसने इनकार कर दिया। जब वह मेरे घर से बाहर जा रही थी तो मैंने उसे 1000 रुपये दिए और मुझे इतना आनंद देने के लिए धन्यवाद दिया।

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हवस चुदाई की https://sexstories.one/havas-chudai-ki/ Thu, 18 Nov 2021 10:00:59 +0000 https://sexstories.one/?p=3337 पापा सोफे पर बैठ गए पापा ने मम्मी को अपने लंड को चूसने को कहा . फिर पूछा की अग्रवाल की मोंत के बाद रजनी कहा है. मम्मी ने कहा की अग्रवाल ने उसे पास ही में एक घर दिला दिया है वो वही रहती है अपनी बेटी के साथ ...

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havas chudai ki – पापा ने पूछा आगे बताओ. मम्मी बोली की- उस दिन अग्रवाल ने जाने का नाटक किया जैसा मेने कहा था और घर की एक दुप्लीकेट चाभी उसे दे दी . फिर मेने रजनी को अपने कमरे में ले गयी और गुस्से में उससे पूछा की तुम मेरे कमरे में क्यों झाँक रही थी कल . वो डर गयी बोली मालकिन में तो झाड़ू लगाने आई थी . में किसी से नहीं कहूँगी सच . और वो रोने लगी मेने और जोर की आवाज में कहा की जा साली तेरे कहने से क्या होता है. मेरा पति मुझे बहुत प्यार करता है वो ये सुनते ही तुझे जान से मार देगा. वो बहुत दर गयी हाथ जोड़ कर मेरे पैरो में गिर कर बोली मालकिन सच में कभी अपना मुह नहीं खोलूंगी . मुज पर दया कीजिये आप जैसा कहोगी में वैसा करुँगी आज से . मेने कहा ठीक है जा एक गिलाश पानी ला मेरे लिए वो जल्दी से पानी ले आई . में बेद पर लेट गयी और उससे जमीं पर बैठने को कहा .

मेने उससे पूछा की तेरे पति को मरे हुए कितना टाइम हुआ है ? उसन कहा की मालकिन २ साल . मेने उससे उम्र पूछी तो बोली की ३३ साल है मेने बचो का पूछा तो कहा इ एक भी नहीं मेने पूछा की क्यों तो उसने कहा की मेरा पति नामर्द था . उसका तो खड़ा ही नहीं होता था . इसी लिए उसने आत्माहत्या कर ली . मैं ये सुनकर खुस हो गयी . मेने उसे कहा की मेरी अलमारी में नीचे के खाने से पुराणी ब्रा और पैंटी निकाल. उससना तुरंत कहना माना. मेने उससे कहा की मेरा साइज़ तुजे थोडा बड़ा पड़ेगा पर इसे पहन ले तेरे पास ये चीजे नहीं है .

पापा ने हँसते हुए कहा की हा तुम्हारे बूब्स तो शुरू से ही बहुत बड़े है.

मम्मी ने आगे कहा की वो दुसरे कमरे में जाकर ब्रा और पंटी पहन कर आ गयी .में एकदम चिल्लाई साली कुतिया मेने कहा था की सिर्फ ब्रा और पंटी पहन कर आना . उसने कहा नहीं मालकिन आपने तो सिर्फ पहनने के लिए कहा था . में फिर गुस्से में बोली साली जुबान लड़ती है .. चल यहाँ आ . वो आई तो मेने खीच कर उसकी साडी उतर दी . बेचारी सिर्फ मालकिन मालकिन करती रह गयी . फिर मेने उसका ब्लौसे और पेटीकोट भी उतार दिया .उसका फिगर भी काफी अचछा था .

फिर मेने भी अपने कपडे उतारे और पूछा की तेरे घर में कोन कोन है? उसने कहा की सास और में बस . मेने पूछा किसी से करने का मन नहीं करता तो बोली की करता है पर क्या करू . मना कहा की में तुजे लंड दिलाऊ तो और तुजे बच्चा भी पैदा करवाऊ तो वो दर कर बोली नहीं मालकिन बहुत बदनामी होगी . मेने कहा की तेरी सास अच्छी है? उसन कहा नहीं कमीनी है मुझे मारती भी है .

मेने कहा की तू उसे छोड दे उसके साथ क्यों रहती है ? तो बोली मालकिन कहा जाउंगी ? मेने कहा की ये कपडे भी उतार . हम दोनों नंगी हो गयी थी में उसके बोबे दबाने लगी फिर वो भी मूड में आ गयी मेने उसकी चूत में ऊँगली घुसाई तो वो नहीं घुसी वो चिल्लाई आह्ह्हह्ह उसकी चूत बहुत टाइट थी मेने बहुत देर तक उससे अपनी चुद चटवाई . फिर उसे बेद पर लिटा कर उसकी साडी से उसकी आँख बाँध दी .

मेने कहा की मुझे शर्म आ रही है . मेने अग्रवाल को इशारा किया वो रूम में आ गया फिर वो रजनी की चूत चाटने लगा . फिर जब रजनी झड गयी तो में रजनी के साथ लेट गयी और उसके बोबे दबाने लगी अग्रवाल मेरी चूत चाटने लगा . जड़ में झेड गयी तब मेने रजनी से कहा की में तुम्हारी चुद में एक खीर डालूंगी . मेने उससे कहा की अपनी टाँगे पूरी तरह से फेला ले . मेने अग्रवाल से इशारे में कहा की बिना इसे टच किये . फिर वो अपने लंड को उसकी चुद पर फिरने लगा रजनी की हालत ख़राब हो रही थी . कहने लगी मालकिन जल्दी अब सब्र नहीं होता . अग्रवाल ने धीरे धीरे लंड उसकी चुद में घुसना चलू किया तो रजनी की चीख निकाल गयी .

ये सुनकर पापा का लंड फिर तन गया . वो सोफे पर लेट गए और मम्मी को अपने खड़े लंड पर बैठने को कहा . मम्मी पापा के लंड पर बैठ गयी और ऊपर नीचे होने लगी . पापा ने पुछा की वैशाली तुमने मुझे ये बाते पहले क्यों नहीं बताई ? मम्मी बोली की अग्रवाल ने मुझे टीना की कसम दी थी की मेरे मरने के पहले ये बाते अपने पति को मत बताना इसलिए . आप मुझे माफ़ कर दे . पापा ने कहा की कोई बात नहीं . आगे बताओ

मम्मी पापा के लंड पर ऊपर नीचे हो रही थी. मेरी ऊँगली भी अपनी योनी में धीरे धीरे अन्दर जा रही थी .

मम्मी बोली- अग्रवाल ने पहला झटका जोर से मारा तो रजनी की चीख निकाल गयी मालकिन धीरे धीरे अग्रवाल ने पहले ही झटके में अपना आधा लुंड उसकी चुद में घुसा दिया था . फिर वो धीरे धीरे लंड चुद में अन्दर बहार करने लगा . रजनी बोली मालकिन बहुत मजा आ रहा है . फिर मेरे इशारे पर अग्रवाल ने लंड उसकी छुए से निकाल लिया तो वो बोली मालकिन थोड़ी देर और . उसकी आवाज में याचना थी . में बोली रुक में तुजे अब चोदूंगी . उसन पूछा कैसे ? मेने कहा की ये खीर बहुत बड़ा है इसे में अपनी चुद में पूरा डाल लेती हु . फिर भी ये इतना बहार बचा है जितना बड़ा मर्द डा लंड होता है . बस उसी से में तुझे चोदुन्गी उसने कहा मालकिन जल्दी बड़ा मजा आएगा . मेने कहा ठीक है और अग्रवाल को इशारा किया वो तुरंत उस पर चढ़ गया और उसकी चुद में लंड घुसा दिया . आधा लंड उसकी चुद में जाने के बाद उसने ऐसा झटका मारा की पूरा लंड उसकी चुद में उतार गया . वो झंझाना गयी फिर अग्रवाल उसे धीरे धीरे छोड़ने लगा वो भी उसके साथ कमर हिला रही थी . १५ मिनुत की चुदाई के बाद वो झड़ने लगी तो चिल्लाई मालकिन में तो गयी . तभी अग्रवाल भी झड गया .और पूरा वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया .

आह्ह्ह कहकर मम्मी और पापा भी दोनों झड गए . पापा के लंड से होकर चुद से पापा का वीर्य और मम्मी का पानी निकलने लगा पापा ने मलाई का बर्तन उठाया और मम्मी की चुद के नीचे कर दिया . पूरा वीर्य और मम्मी का पानी मलाई ने गिर गया . पापा ने कहा की जानू में आज ये मलाई खाऊंगा थोडा सा जोर लगाकर अपनी चुद से पूरा माल इसमें में निकाल दो . मम्मी ने कहा की नहीं की ठीक है पर में शर्त लगाती हु की तुम इसे नहीं खा पाओगे . पापा ने कहा की ठीक है नाश्ते मई कल सुबह में यही खाऊंगा . मम्मी हसी और कहा की देखो . पापा उनकी चुद देखने लगे मम्मी ने थोडा दम लगाया और फिस्स्स्स की आवाज आई मेने देखा की मम्मी ने बर्तन में थो दी सी पेसाब कर दी थी वो पेसाब बहुतगाढ़ी थी उसमे मम्मी की चुद का पानी मिक्स था . मम्मी ने कहा की अब मलाई खाओगे ? पापा ने कहा उठो फिर उन्होंने भी थोसी सी वीर्य मिश्रित पेसाब बर्तन में कर दी उसे चम्मच से मिक्स करने लगे और कहा की सुबह मुझे नाश्ते में यही देना .पापा मम्मी दोनों फिर सोफे पर लेट गए .

Sexstories मीटर बदलने का इनाम चूत चुदाई

मम्मी ने आगे कहा पता है

जब अग्रवाल का गर्म वीर्य उसकी चुद में जाने लगा

तब जाकर रजनी को अहसास हुआ की उसकी चुद में असली लंड है . उसने आँख से तुरंत साडी हटाई तो अग्रवाल को देखकर दंग रह गयी . उसने उठने की कोशिस की तो अग्रवाल ने उसे बांहोंमें भर लिया वो कहने लगी की मालकिन ये आपने क्या किया . अब बच्चा हो गया तो में क्या करुँगी? मेने कहा की तू फिक्र मत कर तू इनके फार्म हाउस पर इनकी बीबी बनकर रहना ये बच्चा चाहते है . तुम जिन्दगी भर आराम से रहना . वो खुस हो गयी .

अग्रवाल ने चार दिन तक हम दोनों की बहुत चुदाई की फिर तुम्हारे घर आने के तीन घंटे पहले रजनी को लेकर चले गया . तुम्हे पता है . वो हीरे का हार मुझे सड़क पर नहीं मिला था . वो अग्रवाल ने मुझे चुदाई का इनाम दिया था .

आप मुझे मेरे एक गुनाह के लिया माफ़ करेंगे ?मम्मी ने गंभीरता के साथ कहा. पापा ने पूछा कैसा गुनाह ? मम्मी ने कहा की उसके बाद जब भी आप टूर पर जाते वो और रजनी यहाँ आ जाते और हम सेक्स करते थे ..

पापा ने कहा की ये कब तक चलते रहा ? मम्मी बोली की जब तक टीना ७ साल की नहीं हो गयी तब तक . फिर जब भी अग्रवाल आता टीना पूछने लगती की ये कोन है तब मेने उसे माना कर दिया की अब यहाँ मत आना .

पापा ने कहा की वो हर बार तुम्हे कुछ देता था तो मम्मी ने कहा की हां . वो साब चीजे मेने टीना के दहेज़ के लिए लोकर में रखी है .

पापा ने गुस्से में कहा की में तुम्हे एक अच्छी पत्नी समझता था तुम तो रंडी निकली पैसा ले कर चुद्वाती हो . बताओ कितनो के साथ चुदवाया है ? मम्मी चुप हो गयी धीमी आवाज में कहा की और किसी से नहीं . पापा बोले की तुम्हे तो कोठे पर बैठना था बहुत माल कमाती .

मै ये भी नहीं सोच सकती थी की मेरे बाप ने अपनी पत्नी को एक कोन्टरेक्ट के लिए चुदवाया .मै ये भी नहीं सोच सकती थी की मेरा बाप असल मै मेरा बाप ही नहीं है . .मै ऐसा कुछ सोच भी नहीं सकती थी की मेरी माँ एक रंडी हो सकती है .
थोड़ी देर बाद मम्मी ने कहा की तुम मुझे रंडी बोल रहे हो पर मुझे रंडी किसने बनाया ? किसने मुझे अग्रवाल के निचे सोने के लिए कहा था? किसने मुझे अग्रवाल का गर्भ गिराने को रोका था? किसने अतुल किसने? वो तुम थे अतुल तुम . हा में रंडी हु पर सिर्फ और सिर्फ तुम्हारे कारण अतुल. एक बात बताओ अगर अग्रवाल तुमसे कहता की में तुम्हारे टूर पर जाने के बाद तुम्हारी बीबी को चोदुंगा तो तुम मना कर पाते? बोलो अतुल बोलो ? पापा कुछ नहीं बोल पाए . मम्मी ने कहा की तुम्हे उसे झक मार कर इज़ाज़त देनी पड़ती . और तुम हर बार टूर से आकर मुझे कई लकडियो को छोड़ने के किस्से सुनते थे मेने तो कभी कुछ नहीं कहा? तुम तो बहुत बड़े रंडी बाज़ हो और मुझसे ऐसी बात करते हो ?

पापा थोड़ी देर तक चुप रहे फिर कहने लगे मुझे माफ़ कर दो वैशाली में ये सुनकर अपने पर काबू नहीं रख पाया की साला अग्रवाल तुम्हे ६ साल तक चोदता रहा . मुझे माफ़ कर दो . पापा की आँखों में आंसू थे . मम्मी बोली ठीक है पर आज के बाद कभी ऐसा मत कहना . .

फिर पापा ने पूछा की रजनी को लड़का हुआ? मम्मी ने कहा की पहली बार तो लकड़ा हुआ पर जन्म के २ घंटे बाद वो मर गया था . दूसरी बार एक लकड़ी हुई है वो १२ साल की है इप्शिता और उसमे ३ दिन का अंतर है . उसका नाम रूपल है .

थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी से कहा की तुम खिड़की के पास चलो . पापा के टेबल लेकर खिड़की के पास गए पापा ने मम्मी से कहा की खिड़की पकड़ लो और एक पैर टेबल पर रख लो. फिर पापा ने अपना सनसनाता हुआ लंड मम्मी की चुद में घुसा दिया और मम्मी को चोदने लगे . मेरी हालत बहुत ही ख़राब थी में एक ही दिन में ४ बार झड चुकी थी मुझे नींद भी आ रही थी .पापा किसी घोड़े की तरह मम्मी को चोदे जा रहे थे मम्मी की हालत बहुत ख़राब थी वो पूरी तरह लाल हो गयी थी तभी आवाज आई चट्ट मम्मी में मुह से चीख निकल गयी . पापा ने मम्मी के नितम्बो पर जोर से चाटा मारा था .

फिर तड़क तड तड पापा हर धक्के के साथ मम्मी के बड़े बड़े नितम्बो पर चांटे मार रहे थे .थोड़ी देर बाद पापा ने मम्मी को टेबल पर लिटा दिया और उनकी टाँगे फेला दी . मम्मी की चुद देख कर मेरे होश फक्त हो गए . मम्मी की चुद बहुत फ़ैल गयी थी . पापा का लंड एक झटके में दोबारा उनकी चुद में दाल दिया . पापा फिर से उसी स्पीड में मम्मी को चोदने लगे १५ मिनिट की जबरजस्त चुदाई के बाद वो दोनों झड गए . पापा मम्मी की चुद में लंड डाले हुए ही उन्हें गोद में उठा कर मलाई के बर्तन के पास ले गए और फिर से सारे माल बर्तन में निकल दिता फिर मम्मी को उसमे पेशाब करने को बोला और फी खुद ने भी थोड़ी पेसाब उस में कर दी .

पापा सोफे पर बैठ गए पापा ने मम्मी को अपने लंड को चूसने को कहा . फिर पूछा की अग्रवाल की मोंत के बाद रजनी कहा है. मम्मी ने कहा की अग्रवाल ने उसे पास ही में एक घर दिला दिया है वो वही रहती है अपनी बेटी के साथ . उसकी देती रूपल इप्शिता की ही क्लास में पड़ती है . अग्रवाल ने उसके नाम भी ८ लाख रुपये और रजनी के नाम ५ लाख रुपये कर दिए थे. में रूपल को पहचानती थी वो बहुत अच्छी लड़की थी मेने सोच में पड़ गयी वो मेरी बहन थी .
पापा ने फिर पूछा की अब वो किससे चुदवाती है? मम्मी ने कहा की किसी से भी नहीं उसकी लड़की बड़ी हो गयी है . तो पापा ने कहा की तुम चाहो तो उसे कभी कभी घर बुला लिया करो जब बच्चिया स्कूल जाये तब में तुम दोनों को उसी तरह चोदुंगा जैसे अग्रवाल चोदता था . सच कहू तो में उस समय उसे चोदना चाहता था.

जब टीना तुम्हारे पेट में थी पर मोका ही नहीं मिला. मम्मी ने कहा की ठीक है रजनी के नाम से ही तुम्हारा लंड खड़ा हो रहा है .

पापा ने कहा की अब फिर से डोगी स्टाइल में में तुम्हे चोदुंगा.मम्मी ने कहा की नहीं तुमने आज इतनी जोर जोर से धक्के मारे है की मेरी चूत की दीवारे जलन कर रही है . पापा ने कहा की नहीं में तो चोदुन्दा या अपनी गांड मरवाओ. मम्मी ने कहा की पिछली बार आधा लंड ही गया था और में ५ दिन तक सही से लेट्रिन नहीं कर पाई थी . प्लीज़ रहने दो . पापा ने कहा की पहली बार में ही दर्द होता है. इस बार टूर पर मेने एक १५ साल की लड़की को छोड़ा था . उसने मुझे गांड मरने को भी कहा था. मम्मी ने कहा की वो कैसी थी ? पापा ने कहा की टीना जैसी बस उसके बोबे टीना के बोबो से छोटे थे . मम्मी ने हस्ते हुस कहा की अपनी लड़की को कैसी नजरो से देहते हो . पापा ने कहा की नहीं में तो बता रहा था.
मम्मी बड़ी मुश्किल से राजी हुई . पापा ने थोड़ी करें मम्मी की गांड के छेद पर मसल दी .

अपने लंड को पूरा करें में लपेट लिया . फिर धीरे धीरे दबाव डालने लगे मम्मी कह रही थी की धीरे धीरे . फिर मम्मी एकदम चिल्लाई आआआ ह्ह्ह पापा के लाना का आगे का गोल सिरा मम्मी की गांड में घुस गया था . पापा ने एक जोर का झटका दिया तो मम्मी की तो जैसे सांस ही अटक गयी हो . पापा का आधा लंड उनकी गांड में था वो भू जोर से चिल्ला रही थी आःह्ह अतुल नहीं अझ निकल लो वापस आह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है . में मर जाउंगी . आह्ह्ह . पापा ने कहा की चुप रहो नहीं तो लडकिया जाग जाएगी .मम्मी गिडगिडा रही थी तभी पापा ने अपना पूरा वजन और एक जोर दार झटका डाला . पापा की कमर मम्मी की कमर से चिपक गयी . उनका पूरा लंड मम्मी की गांड में था . पपने मम्मी का मुह उसी समय हाथ से बंद कर लिया था नहीं तो मम्मी इतनी जोर से चिल्लाती की पडोशी भी आवाज़ सुनकर आ जाते . मम्मी बिस्तर पर निढाल पड़ी थी . पापा कुछ देर उनके ऊपर लेते रहे फिर धीरे धीरे धक्के मरने लगे . मम्मी को कुछ आराम मिला .फिर थोड़ी देर बाद मम्मी भी पापा के साथ अपनी कमर हिलाने लगी . १० मिनिट बाद बाप झेड गए फिरा दोनों निढाल होकर सोफे पर लेट गए .

इसी बीच में भी २ बार झड चुकी थी . कमरे में जहा में कड़ी थी निचे गीला गीला हो रहा थो मेने अपनी पंटी से उसे साफ़ किया .

कुछ देर बाद मम्मी ने मलाई का बरतल ले जाकर किचेन में रख दिया .मम्मी को चलने में तकलीफ हो रही थी वो लंगड़ा कर चलरही थी . उन्होंने अपने और पापा के कपडे लेकर अपने बेडरूम में रख दिए . फिर खली गिलाश धो कर रख दिए . फिर पापा और मम्मी अपने रूम में जाकर सो गए .

मेने भी अपने कपडे पहने और पापा मम्मी के रूम में देखा तो दोनों नंगे ही एक दुसरे की बाहों में सो रहे थे में भी अपने रूम में जाकर सो गयी …………….

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