Antarvasna - अन्तर्वासना (Free Sex Kahani - XXX Kahani) https://sexstories.one/category/antarvasna/ Hindipornstories.org Wed, 29 Jun 2022 14:17:16 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.1 मम्मी की दोस्त की चूत और हमारी अन्तर्वासना https://sexstories.one/mummy-ki-saheli-ki-chut-ki-antervasna/ Wed, 29 Jun 2022 14:16:34 +0000 https://sexstories.one/?p=6172 आंटी के साइड बूब्स मुझसे टच हो रहे थे और मेरा लंड खड़ा हो गया | मैंने कहा आप इनती मस्त हैं की आपको देखके समझदारी अपने आप निकल जाती है | मुम्मी ने कहा ऋतू मैं थोड़ी देर में आती हूँ बगल वाले के घर से..

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हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों कैसे हैं आप सब मैंने सोचा आज आपसे कुछ शेयर कर लेता हूँ क्यूंकि मुझे चुप नहीं रहा जाता | तो दोस्तों आज की कहानी में चुदाई तो है ही पर मुझे आपको ये बताना है की मैंने एक चुदाई नहीं की है | मैंने कई चुदाई की है और मुझे ये बताना है कि मैंने अपनी मैडम से लेके अपनी कुतिया तक चोदा है | हाँ ये अजीब बात है पर मेरी सेक्स की चाहत इतनी है कि मैं खुद को रोक नहीं पाता |

इसलिए मैने जो सामने आए उसको चोद डाला | अब मैं आपको एक एक करके बताऊंगा मैंने कैसे चुदाई की और किस किस को पेला मैंने तबीअत से | इसलिए तैयार हो जाइए चुदाई की कहानी सुनने के लिए | मैं हूँ मनीष और मैं रहता हूँ पुराने कंचनपुर में | इमली के पेड़ के पास मेरा घर है | मुझे ब्लू फिल्म देखने का बहुत शौक है | और मैं पहेलवान भी हूँ तो मेरे अन्दर गर्मी बहुत है | अब मुझे अपनी कहानी सुनाने में आना चाहिए क्यूंकि मैंने अपने बारे में आपको सब बता दिया और अब आप कहानी का मज़ा लीजिये | चलिए अब आरम्भ होती है मेरी चुदाई क्रिया और ये रहा आपके सामने पहला दृश्य |

आप सब तो जानते हैं हर मम्मी की कोई न कोई दोस्त होती है मेरी मम्मी की भी है | उनको मैं बड़े प्यार से ऋतू आंटी बोलता हूँ | मैंने पहली बार उनको एक पार्टी में देखा था जहाँ वो एक सलवार सूट में आई थीं | कमाल लग रही थी पता ही नहीं चल रहा था कि वो ४० साल की हैं | मैंने उनको देखते ही मन में सोचा कास ऐसी बीवी मुझे मिल जाए कभी किसी को चोदने का मन नहीं करेगा बस इसकी चूत में ही लंड डाल के रखूँगा जिंदगी भर | पहले जब उन्होंने मुझे देखा तो कहा अरे तनु तेरा बेटा कितना बड़ा हो गया है | उन्होंने मेरे कंधे पे हाथ रखा और कहा मनीष बेटा मुझे पहचानता है |

मैंने कहा नहीं तो उन्होंने कहा बेटा जब तू छोटा था न तू मेरी गोद में ही रहता था हमेशा | मेरे ऊपर कितनी बार पेशाब की है तू जानता है न | अब कोई और होता तो इस बात पे शर्मा जाता पर मैं सोच रहा था बचपन में मैं इस माल के ऊपर रहता था | कितना हसीन होगा वो मंज़र जब ये मुझे सीने से लगाती होगी और इतना देखके ही मेरी नज़र उसके दूध पर पड़ गई | मस्त बड़े बड़े थे और उसके बीच की नाली साफ दिख रही थी | मैंने सोचा मम्मी की इतनी अच्छी दोस्त मुझसे आज तक क्यूँ नहीं मिली | फिर मम्मी और वो बात करने लगे | मैं अहि खड़ा था तो मुझे पता चला उनके पति ने उनको छोड़ दिया है और उनके बच्चे भी नहीं है | मैंने सोचा कि ऐसा मौका तो किस्मत वालों को ही मिलता है | बस फिर क्या था मैंने इंतज़ार शुरू कर दिया उनके घर आने का |

मैंने सोचा क्या होगा अगर मैंने इसके साथ जबरदस्ती कर दी तो | पर मैं ये नहीं चाहता था क्यूंकि इससे हर तरफ ढिंढोरा पिट जाता | इसलिए मैंने विगोरा की गोली लाके रख ली और बस करने लगा इंतज़ार | सब्र का फल मीठा होता है ये बस सुना था मैंने पर इस बार मेरा सपना सच हो गया | पर मुझे एक बात समझ नहीं आई की आंटी मुझसे चिपक बहुर रही थी पर फिर भी मैंने सोचा की दवाई का पूर्ण इस्तमाल करूँगा | जैसे ही आंटी घर आई मुम्मी ने कहा मनीष बेटा आंटी को पानी दे | मैंने आंटी के पानी में दवाई मिला दी और उनको पिला दिया | आंटी ने मुझे पास बैठाया और गले में हाथ डालके कहा क्यों बच्चे इतने समझदार हो गए तुम |

आंटी के साइड बूब्स मुझसे टच हो रहे थे और मेरा लंड खड़ा हो गया | मैंने कहा आप इनती मस्त हैं की आपको देखके समझदारी अपने आप निकल जाती है | मुम्मी ने कहा ऋतू मैं थोड़ी देर में आती हूँ बगल वाले के घर से आज रात तो तू वैसे भी यहीं रुकेगी तो आराम से चली जाना | मैंने सोचा वाह लाटरी लग गयी | आंटी को दवाई का असर होने लगा और मुझसे थोडा दूर होक बैठ गयी | आंटी का हाथ मेने फिर से अपने गले में डाला और कहा आप बताओ न क्या चल रहा है | आंटी ने बताना शुरू किया और मेरे गले पे हाथ फिराने लगी | मैंने भी हलके से आंटी के साइड बूब्स पे हाथ फेरने लगा |

फिर एक दम से हटा लिया आंटी ने कहा कर लो बड़े तो हो ही गए कार्लो जो कर रहे थे | अब तो मेरा हौसला आसमान के ऊपर था और मैंने तुरंत आंटी के बूब्स को सामने से दबाना चालु कर दिया | अब आंटी ने अपने बूब्स बाहर निकाले ब्रा से और कहा अच्छे से करो | मैंने थोड़ी देर तक उनके बूब्स को दबाया और निपल्स को भी मसला फिर उन्होंने मेरा मुह अपने निप्प्लस पे लगाके कहा चूसो इनको | मैंने चूसते हुए उनके निप्प्लस को कड़क कर दिया और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करने लगी | मैंने कई बार उनसे कहा आंटी थोडा धीरे करो पर वो सुन ही नहीं रही थी |

फिर उन्होंने अपना पूरा सूट उतार दिया अब उन्होंने मेरा एक हाथ अपनी चूत पे रखवा दिया और खुद ही रगड़ने को बोलने लगी | मैंने उनकी चोट को अपनी बीच की उन्ग्लू से रगड़ना चालु किया और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करती रही | फिर मैंने अपनी ऊँगली से ही उनको चोदना चालु कर दिया |

उसके बाद उन्होंने मेरा लंड खोला और मुझे सामने बुलाया और कहा इसको डालो अन्दर | मैंने अपना लंड डाला तो मुझे गरम गरम लगा | मैं आगे पीछे हो रहा था और वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी |

करीब आधे घंटे तक चुदने के बाद जैसे ही मम्मी ने आवाज़ लगायी उन्होंने मेरा लंड निकला और अपने मुह के ऊपर हिलाने लगी | मैंने आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर ज़ोरदार मुठ की बारिश उनके मुह पे कर दी |

पर अब मुझे और चुदाई की तलब लगने लगी और आंटी भी दवाई के नशे से बाहर आ गयी | मुझे तो लगा बस अब तो सारा मज़ा किरकिरा हो गया | मैं रात को खाना खाने के बाद अपने रूम में गया और आंटी और मम्मी गप्पे मार रही थी | रात के 12 बजे मैंने अपना निकाल के उसको हिलाना चालु कि तभी मेरा दरवाज़ा खुला और आंटी आ गयी | वो मेरा लंड पकड़ के चूसने लगी और मेरे मुह से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः की आवाज़ निकलने लगी | इन्होने मेरा लंड मस्त चूसा और मुझे झडवा भी दिया | उसके बाद वो अपनी छोट मेरे लंड पे रगड़ने लगी और उसके बाद मेरे मुह के पास अपनी चूत लेके आई और कहा इसको चाटो | मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया |

उनकी बड़ी बड़ी गांड मेरे मुह से टकरा रही थी तो मैंने एक ऊँगली उनकी गांड के छेद में डाल दी और उसको चोदने लगा | आंटी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ही कर रही थी | फिर थोड़ी देर बाद मैंने उनकी चोट को चाटना बंद किया और उनके छेद में अपना लंड डाला पर इस बार गांड के छेद में डाला | मैंने उन्हें घोड़ी बना के चोदा और वो बस अपनी चूत को रगड़ते हुए सिस्कारियां ले रही थी | इतना मज़ा आया उनको चोदने में कि क्या बताऊँ मैं आपको | पूरी रात की चुदाई के बाद आंटी ने कहा अब मैं यही बाजू वाले घर में रहने आ गयी हूँ तो तु कभी भी आ जाना |

मेरी तो सच में लाटरी लग गयी और मम्मी भी खुश अपनी दोस्त से और लड़का भी खुश मम्मी की दोस्त की चूत से |

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हालत की वजह से दोस्त की वाइफ की चुदाई https://sexstories.one/dost-ki-wife-ko-choda/ Sat, 26 Feb 2022 08:52:51 +0000 https://sexstories.one/?p=3532 मैंने भाभी को सीधा किया और मै उपर से आ गया, अपना लण्ड उसकी चूत के ऊपर सहलाने लगा, उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी, उसकी टाईट चूत को चोदने के लिए मैंने पहला झटका ही जोर से दिया पर गीली चुत की बजाह से लंड सतक रह था...

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Dost ki Wife ko Choda दोस्तो, मेरा नाम विकास ठाकुर है. मै हाजिर हू एक नयी कहानी लेकर जो मेघना नामक रीडर की विनांती सुनकर. आप तो जानते ही है फिर भी एक बार फिर से बता देता हू, वैसे तो मैं एक डॉक्टर हूँ. मुझे अन्तर्वासना पर सेक्स कहानी पढ़ना बहुत पसंद है. मैं एक 28 साल का युवक हूँ और मेरे लंड की साइज़ भी इतनी मस्त है कि ये किसी भी लड़की या भाबी को चुदाई का पूरा मज़ा दे सके. हालांकि मुझे लड़कियों से भाबियों की चुदाई करना ज्यादा पसंद है. मैं अपनी कहानी पर आने से पहले ही बता दूँ कोई भी दोस्त मेरे से भाबी का नंबर या आइडी ना मांगे. किसी भी लड़की या भाबी के लिए उसकी प्राइवेसी और गोपनीयता बनाए रखना बहुत ज़रूरी होता है. इसलिए ये देखते हुए मैंने कहानी में नाम बदल दिए हैं.

मै कहानी पे आता हू पर ये बता देता हू की मैने कोई गद्दारी नही की जो भी हुवा मर्ज़ी से एक बार की हुवा. ये कहानी है दोस्त की वाइफ की चुदाई की है. हम तीनो साथ मे ही काम करते है. पहले दोस्त की वाइफ के बारे मी बता डू वो एकदम सिंपल लड़की की जिसका फिगर जाड़ा नही है लेकिन उसकी पिछवाड़ा धेखकर बड़े बड़े लोगो के लंड खड़े हो जाते थे. उसकी गांड मे ऐसा जादू है की मरीज सिर्फ़ उसकी गांड धेकने के लिए बार बार आते थे. वो साड़ी पहनती उसकी आँखें भूरी ओर गाल एक दम गुलाबी थे। उसके बूब्स ओर गांड भी मस्त बाहर निकलती है.

मै कहानी पे आता हू हम लोगो को एक मेडिकल कॅंप के लिए नासिक जाना था. हम लोग लगभग १५ लोग थे. पल्लवी भाबी ओर मेरा दोस्त सागर भी साथ मे थे. सागर, मै, ओर भाभी हमेशा साथ मे घूमते थे ड्रिंक करते थे. मई उनके घर पर बोहोट बार रहा हू. हम लोग वाहा पे गये. वाहा पे हमे जंगल मे रहना था. मतलब टेंट लगा दिए थे पर दोनो तरफ़ से को भी ज़ाक सकता था. दो दिन के ब्बाद सागर के पैर मे मोच आने के कारण सागर वापिस आ गया ओर कॅंप ओर भाबी की ज़िमेदारी मूज़े दे दी. जहा हम गये थे वाहा पे जड़तर आदिवासी लोग रहते थे. सागर के जाने के बाद पल्लवी भाबी ने मूज़े बुलाया ओर बोला की आज रात को कल का प्लान डिसकस करते है. हमारा काम होने के बाद मै फ्रेश होके उनके टेंट मे गया. भाबी कपड़े चेंज कर रही थी अंदर ओर एक पड़दा था लेकिन मूज़े सब दिखा रहा था. भाबी ने ब्लाउस ओर ब्रा निकली ओर टिशियर्ट पहनी ओर नीचे कुछ नही पहना था पनटी निकल दी ओर सिर्फ़ नाइट पॅंट पहनी. उसके बूब्स ओर गांड को धेकते ही मेरा लिंड खड़ा हो गया. मेरा मंन किया की अभी जाके उसकी गांड मारू, उसे घोड़ी बनके शॉट लगाउ. मेरा लंड उसके मूह मे डाल डू.

मैने आवाज़ दी तो पल्लवी भाभी ने अंदर आने को कहा मै पहले से ही अंदर था मै गया तो भाभी को द्देखता रहा गया भाबी बहोट हॉट लग रही थी.
मैने ऊपर से नीचे तक पहले भाभी को घूरना शुरू किया. पल्लवी भाभी के कपड़े बहोत टाइट थे, उनके बुब्स ओर चुत एकदम शेप मे धिक रही थी. वो मुज़से बात कर रही थी ओर मेरी नज़र उनकी फूली हुई गांड पर थी. तभी बाकी लोग आ गये हम लोगो ने कल का प्लान डिसकस किया. सभी को सोने की जल्दी थी, बहोट सारी नर्स गांड मरवाने को बेकरार थी ओर सबकी अपना लंड को सेलेक्ट कर लिया था. ऐसा पहली बार हुवा था जब मैने भाभी के बारे मे ग़लत सोचा था. थोड़ी देर बाद सब लोग निकल गये भाभी ने मूज़े रुकने को कहा.

भाभी ने कहा की हुमने जिनको दवाई दी है. उन लोगो ने उनका आदिवासी डॅन्स धकने बुलाया है. बाकी सब नही आ रहे है. हम लोगो को जाना चाहिए. हम लोग उनके यहा जाने के लिए निकल गये. वो लोग पहाड़ो के बीच अपने भगवान के पास कुछ प्राथना कर रहे थे. फिर उनका डॅन्स सुरू हुवा. बहोत मज़ा आ रहा था. उन लोगो ने हुमे भी नाचया. फिर बाद मे एक बंदे ने मूज़े एक ग्लास लाकर दिया जिसमे कुछ था. पीने के बाद पता चला वो शराब जैसा कुछ था. पर वो लोग बहोट सिंपल थे तो मैने ओर भाभी ने पिया ओर मज़ा लेते रहे. वो लोग हुमे मिया बीबी समज रहे थे. उनके डॅन्स के हिसाब से भाबी मेरे आगे थी मेरा लंड भाभी की मक्खन की तरह गांड मे गुस रहा था. पर हम लोग नशे मे थे. फिर उनको बोलके हम वाहा से टेंट आने के लिए निकले.

हम रास्ता भटक गये ओर कुछ समज मे नही आ रहा था. मोबाइल मे नेटवर्क नही था. हम लोग २ घंटे से भटक रहे थे. भाभी थक गयी ओर बोली कही पे बैठेते है ओर फिर सोचते है. ठंड बोहोत जाड़ा थी. हम दोनो ने नॉर्मल कपड़े पहने थे. उतने मे भाभी को सामने एक खाली खंदर धीखा. हम डरते डरते वाहा पे गये. अंदर खाली कमरे थे. हमने सोचा यही पे कुछ देर रुकते है. मै दूसरे रूम मे गया तभी भाभी के चिल्लाने की आवाज़ आई मैने धेखा तो भाभी वाहा पे टंकी जैसा कुछ था जिसमे घिर गयी. मैने पानी के अंदर गया ओर उनको निकाला. हम दोनो भीग गये थे. ओर ठंड बोहोत थी. मूज़े वाहा पे दो चटाई मिली.

Kamuk Story ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म

हम लोगो ठंड के मारे कप रहे थे. तभी भाभी ने जो कहा वो सुनके मई हैरान था भाभी ने कहा हुमे कपड़े उतार के बैठना पड़ेगा नही तो हम ऐसे ही मार जाएगे. मैने उनकी तरफ धेखा, तो भाभी ने कहा हम डॉक्टर है तोड़ा दिमाग़ से सोचो. फिर अंधेरे मे हम दोनो ने अपने अपने गीले कपड़े उतार के एक दूसरे की तरफ पीठ करके बैठ गये. लेकिन कब तक ऐसे ही रहते ठंड तो अभी भी थी तो हम लोग चटाई पे सो गये ओर एक चटाई उपर से ले ली.

मेरा लंड खड़ा हो चुका था हमारा शरीर एक दूसरे को टच हो रहा था भाभी तोड़ा पीछे हो गयी मेरी शरीर की गर्मी की बाजसे उनकी तंदी कम हो गयी. भाभी ने कहा कोई दूसरा ऑप्षन नही है. एक दूसरे को लिपट के सोना पड़ेगा फिर मुज़से कंट्रोल नही हुवा मैने उनकी उनकी गोल ओर नरम गांड को अपने हाथों से दबाना शुरू कर दिया। उनकी गांड काफी बड़ी थी ओर एकदम मक्खन की तरह थी। उनकी गांडो को हाथों से दबाने ओर मसलने में काफी ज्यादा मजा आ रहा था। धीरे से फिर भाभी भी जोश मे आ रही थी. आ हू दबाओ ज़ोर से कुछ तो करो ऐसा बोल लेकिन २ मिनिट के बाद बोलने लगी ये सही नही है. मेरा लंड पूरा खड़ा हो चका था.
फिर मैने भाभी को समजाया की हुमे ये करना होगा वरना हम मर जाएँगे. तो भाभी ने मुज़ेसे प्रॉमिस लिया की ये एक ही बार होगा ओर किसी को पता नही चलेगा. मैने भाभी को प्रॉमिस किया ओर किस करना स्टार्ट किया.

मैं पीछे से उनकी गांड और बूब्स पर हाथ फेर रहा ओर दबा रहा था। हाय कितनी मुलायम ओर नरम बूब्स थे. मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।भाभी भी इतने में काफी गर्म हो गयी थी उनके मुंह से आह,आह की धीमी आवाज निकल रही थी। कुछ देर बाद भाभी ने मुझसे कहा ”मुझे चुत चटवनी है सागर ने कभी नही किया प्लीज़ चॅटो ना मै नीचे चली गया.

मैं 69 पोजीसन होकर उसकी चूत के पास पहुंच गया और फ़िर मैं उसकी चूत जीभ से चाटने लगा. मै पूरा फील दे रहा था पूरा चुत के अंदर था जीभ डालके आइस्क्रीम की तारह छत रहा था. उसका वो चुत का खट्टा पानी मूज़े मस्त लग रहा था. फिर भाबी ने मेरा लण्ड हाथ में ले लिया. वो मेरे लण्ड को हिलने लगी अपने हाथ , ओर मेरी भी आहें निकलने मेरी हालत खराब हो रही थी और भाभी ने लन्ड मुंह मे लेकर चूसने लगी. उसने मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले लिया ओर अंदर बाहर किए जा रही थी और मेरी जीभ उसकी चूत के साथ साथ ज़ट के बाल भी नोच रहा था.

भाभी ने मूज़े बोली की मूज़े लंड चूसना बहोत पसंद है. ओर वो बोली मेरे मुहफ़ मे निकल दो मूज़े माल को पीना है. मेरे लौड़े को चूस चूस कर और बड़ा कर दिया ओर कहने लगी मूज़े बड़ा ही पसंद है. मै भी काफ़ी जोश में आ गया था मै भाभी का सर दबा रहा था ओर लंड पूरा अंदर तक जा रह था. भाभी हाथों से मुठ मार मार कर चूस रही थी. ओर मेरा लौड़ा गरम हो गया ओर मैने सारा माल निकाल दिया भाभी के मुँह में गिरा दिया. भाभी ने मेरा सारा माल पी लिया ओर चाट कर सारा माल साफ कर दिया.

भाभी बोली, “अब तुम मुझे चोदो अपने लण्ड से ओर माल अंदर मत गिरना मूज़े हर एक स्टाइल मे चोदो, अब मुझसे रहा नहीं जाता जल्दी करो… चोदो मुझे ! चोदो मेरी चुत फाड़ के रख दो. अब मैंने अपने होंठों से उसके होंठों पर चूमना करना शुरू किया, मै बहोत सेरटाक किस कर रहा था ओर साथ मे उसको मसल रहा था. फ़िर गाल पर, गले पर, चूत, गाड़, बुब्बस हर जगह फ़िर और नीचे से हाथ डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा ओर अंदर उंगली डालने लगा. बड़े और सख्त बूब्स को पी रहा था !मैं उन्हें मसलने और जोर से दबाने लगा. मैंने उसके निप्पल को अपनी मुहा में लेकर दबाया, वो जोर से सिसकने लगी, “उह उह आह विकास आज मुझे पूरी तरह से चुदाई का मज़ा दे दो. मूज़े तेरा लंड चाहिया प्लीज़ डाल दो. चाहो तो माल अंदर ही दाल दो लेकिन अब सब्र नही होता.

मैंने भाभी को सीधा किया और मै उपर से आ गया, अपना लण्ड उसकी चूत के ऊपर सहलाने लगा, उसकी चूत पूरी गीली हो गयी थी, उसकी टाईट चूत को चोदने के लिए मैंने पहला झटका ही जोर से दिया पर गीली चुत की बजाह से लंड सतक रह था. फिर भाभी ने एक हाथ से लंड सेट किया मैने बूब्स को मुहा मे लिया ओर एक ज़ोर का शॉट लगया, भाभी ज़ोर से चिल्लाई, ओह मर गई, कितना बड़ा है तेरा, मूज़े दर्द हो रहा है . मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में गया था, मैने बात करते हुवे ओर एक शॉट मारा मगर काफ़ी टाईट चूत थी, फिर भाभी ने गाड़ उपर की ओर बोला अब लगाओ शॉट, एक बार फिर जोर के झटके से अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया. वो बोल रही थी “आह धीरे धीरे करो मूज़े मज़ा लेनो दो, चप चप आवाज़ आनी चाहिए ! ” भाभी मेरे पीठ मे नाख़ून के निशान छोड़ रही थी.

मैने उसस्के बूब्स को डबते हुवे धीरे धीरे अपने लण्ड को आगे पीछे कर रह था साथ मे बीच मे ज़ोर से शॉट लगा रह था. कुछ देर बाद भाभी का दर्द भी कम हो गया और वो भी मज़ा लेने लगी ओर जो आवाज़े निकालने लगी ” ओहो! ह्म्म! आ ! जोर से ! और ज़ोर से करो, मूज़े तुम्हे अंदर लेना है, मर्द की तरह चोदो, आह प्लीज़ स्पीड बदाओ अपनी मै आने वाली हू. फिर मैंने अपने झटकों की ताकत बढ़ाई ओर स्पीड भी.
मैं और जोर से उसे चोदने लगा मैने भाभी के पैर गले मे ले लिए ओर स्टाइल चेंज कर दी. अब तो पच पच आवाज़ से सारा महॉल बन गया था. थोड़ी देर बाद वो झड़ गई फिर भी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी. उसकी चूत का रस टपकने लगा, मूज़े उसकी खुसबु आ रही थी,
मुझे और भाभी काफ़ी मज़ा आ रहा था. फ़च फ़च की आवाज़ ओर भी भाग रही थी. थोड़ी देर बाद मुझे लगने लगा कि मैं भी होने वाला है. फिर मैने उसे उल्टा कर से कुतिया बना कर पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड घुसा कर शॉट लगाना चालू किया.

मै पीछे से जोर जोर से धक्के लगा रहा था. अब मेरा लौड़ा रुकने वाला था नही, मैने भाभी को बोला मूज़े कंट्रोल नही हो रहा है, मेरा होने वाला है मै चुत मे निकल रहा हू, तो उसने कहा ठीक है निकल दो मई गोली ले लूंगी. मै पूरी ताकत से उसकी टाईट चूत में झटके लगा रहा था, ओर वो बहाल थी मेरा लंड मानने को तय्यार ही नही था फिर उसने गोतिया साहलाई और १०से १२ झटके के साथ मैंने अपना पूरा माल उसके चूत में डाल दिया. हम नंगे ही वाहा पे पड़े थे.

हमे अब ठंडी नही लग रही थी, पूरे पसीने से बहाल थे. भाभी ने मूज़े थॅंक्स कहा ओर मेरे लंड को चॅट कर साफ करने लगी. फिर १० मीं बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया इस टाइम पे भाभी ने बोला चुत मे दर्द हो रहा है. बाद मे करते है लेकिन भाभी मेरी तरफ गांड करके एकदम चिपके के सो गयी. मई सुबह जगा तो मेरा लंड खड़ा था मैने भाभी के गाड़ मे लंड डालने की कोशिश की लेकिन भाभी ने कभी गांड नही मरवाई थी. भाभी जाग गयी ओर आखरी टाइम मै करने दे रही हू. फिर भाभी ने बोला मूज़े मुहा मे लेना है. मैने दोनो बुब्बस के बॉच मे से मुहा मे लंड डाला ओर मूह मे चोदने लगा. ओर सारा माल भाभी के मुहा मे निकल दिया. भाभी ने मेरे लंड को किस किया ओर मिस यू कहा.

फिर हम दोनो ने अपने कपड़े पहने, भाभी ने कहा के ये बात कभी किसी को पता नही चलनी चाहिए, मैने उन्हे हग किया ओर प्रॉमिस किया की कभी किसी को पता नही चलेगा ओर ये दुबारा भी नही. फिर हमने एक दूसरे को हग किया एक लंबा किस किया भाभी ने मेरे लंड की तरफ़ देखा वो खड़ा था, भाभी ने कहा हाथ हिलाओ या कोई ओर ढूंड लो, ओर हम लोग टेंट मे चले गये. आज भी हम लोग दोस्त है ओर मस्त जी रहे है. कभी कभी भाभी को धेखकर मूड होता है मई उनको बोलता भी हू लेकिन फिर हम लोग कंट्रोल कर लेते है. कंट्रोल की बजाह है मेरा दोस्त ओर उनका पति सागर.

दोस्तो ये थी मेरी कहानी जो मैने एक पाठक की विनांती पर लिखी तो मूज़े मैल कीजिए ओर लिखिए ये कहानी कैसे लगी ओर कुछ ग़लती हो गयी है तो माफ़ कीजिए, चाहे तो गालिया दे सकते है. जाते जाते एक ही बात कहूँगा ओर औरतो का रेस्पेक्ट कीजिए, उनको प्यार ओर इज़्ज़त दीजिए. उनकी प्राइवेसी का पूरा ख्याल रखें.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्स कहानी. मूज़े अपने विचार बातये ओर कुछ भी हो जो शेर कर सकते हो कीजिए. मूज़े आपके प्यार भरे मेल का इंतज़ार रहेगा. नये साल की हार्दिक शुब्कामनाए, ये साल आपके जीवन मे ढेर सारी खुशिया लाए. अगली कहानी लेकर जल्द ही आउगा तब तक हिलाते रहिए, शॉट लगते रहिए ओट चुत मे उंगाली करना मत भूलना.

अपनी राय मुझे ज़रूर लिखें. मुझे इस मेल पर भेजें.

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ऑफिस में सेक्स और अन्तर्वासना ख़त्म https://sexstories.one/office-me-sex-aur-antarvasan/ Sat, 26 Feb 2022 08:48:30 +0000 https://sexstories.one/?p=3529 जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया...

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Office Antarvasan Sex हेल्लो दोस्तों आप सब को सलाम और मेरा नाम है लंड भास्कर और मैं आप लोगो के सामने एक बहुत ही अजीब दास्ताँ लेकर आया हूँ जो की वाकई में हुयी कैसे मुझे आज तक नहीं पता | मेरा काम हैं जगह जगह घूम के माल बेचना और मैं एक अच्छी कंपनी का बाँदा हूँ |

जी हाँ मैंने जैसे ही कॉलेज पास किया तब मुझे नौकरी मिल गयी थी और मैं उस नौकरी से चिपक गया तो आज मुझे अच्छी पेमेंट और अच्छी खासी पोस्ट भी मिल चुकी थी | मेरे साथ के दोस्त मेरा मजाक बनाते थे और जब भी मैं निकालता तो बोलते देख बिचौलिया जा रहा है और मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता था क्यूंकि मेरी कंपनी बहुत बड़ी थी और नामी थी | इस कंपनी में किस्मत वाले ही जाते हैं | कानपूर जैसे शहर से निकलके कलकत्ता दिल्ली और न जाने कहाँ कहाँ भेजा मुझे और आज वही दोस्त मुझे देखकर मुझे रोक के पूछते हैं |

भाई अगर खली जगह हो तो बताना भाई अपनी कंपनी में और तब मैं कहता हूँ क्या यार तुम लोग बिचौलिए थोड़ी हो तुम तो बड़े लोग हो | बेचारे इतना सा मुह लटका के चले जाते हैं | मैं बड़ा कुत्ता आदमी हूँ किसी को कुछ नहीं बोलता चुपचाप काम करता हूँ और अगर किसी ने बोला तो उसे अपना काम दिखा के चुप करवा देता हूँ | हेल्लो दोस्तों आप सब को सलाम और मेरा नाम है लंड भास्कर और मैं आप लोगो के सामने एक बहुत ही अजीब दास्ताँ लेकर आया हूँ जो की वाकई में हुयी कैसे मुझे आज तक नहीं पता |

मेरा काम हैं जगह जगह घूम के माल बेचना और मैं एक अच्छी कंपनी का बाँदा हूँ | जी हाँ मैंने जैसे ही कॉलेज पास किया तब मुझे नौकरी मिल गयी थी और मैं उस नौकरी से चिपक गया तो आज मुझे अच्छी पेमेंट और अच्छी खासी पोस्ट भी मिल चुकी थी | मेरे साथ के दोस्त मेरा मजाक बनाते थे और जब भी मैं निकालता तो बोलते देख बिचौलिया जा रहा है और मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगता था क्यूंकि मेरी कंपनी बहुत बड़ी थी और नामी थी | इस कंपनी में किस्मत वाले ही जाते हैं |

कानपूर जैसे शहर से निकलके कलकत्ता दिल्ली और न जाने कहाँ कहाँ भेजा मुझे और आज वही दोस्त मुझे देखकर मुझे रोक के पूछते हैं | भाई अगर खली जगह हो तो बताना भाई अपनी कंपनी में और तब मैं कहता हूँ क्या यार तुम लोग बिचौलिए थोड़ी हो तुम तो बड़े लोग हो | बेचारे इतना सा मुह लटका के चले जाते हैं | मैं बड़ा कुत्ता आदमी हूँ किसी को कुछ नहीं बोलता चुपचाप काम करता हूँ और अगर किसी ने बोला तो उसे अपना काम दिखा के चुप करवा देता हूँ | मैंने कभी भी किसी को नीचा नहीं दिखाया पर एक बार की बात हैं मुझे समझ नहीं आ रहा था की मुझे करना क्या है कॉलेज में इसलिए मैंने एक सर से मदद ली थी पर वो तो गधा निकला और मेरे मुह से ये शब्द निकल गया था उसके सामने |

मुझे बड़ा बुरा लगा पर फिर मैंने उससे कई बार माफ़ी मांगी बी उसने मुझे माफ़ कर दिया हो तो या न किया हो मैं तो हमेशा उसका भला ही चाहूँगा | मेरी कंपनी में सब कुछ मस्त है मेरे माँ बाप भी आ चुके हैं यहाँ और सब से मिल चुके हैं और उन्हें गर्व होता है मुझपे | देखिये किसी भी माँ बाप के साथ कोई दिक्कत नहीं होती बस एक चीज़ बदलती है और वो है समय क्यूंकि उनका समय अलग था और अपना समय अलग है | उनको ये समझने में थोडा वक़्त लगता है कि उनका बच्चा कुछ आगे करेगा और अच्छा इंसान बनेगा | क्यूंकि आज के दौर में शुरू में ही किसी को लाखों नहीं मिलने लगते | चलिए ये तो हुयी कंपनी के अन्दर की बात अब टाइम है कंपनी के बाहर की बात का तो जब हमारा काम ख़त्म हो जाता है तब हम सब मिलके चाय पीते हैं |

हमारे ग्रुप में लडकिय नहीं हैं क्यूंकि हम लोग मिटटी से जुड़े लोग हैं और लडकियांकुछ ज्यादा ही नखरे दिखाती है | अब जब हम लोग नीचे वाले टपरे में चाय पीते हैं तब बोलती हैं देखो चीप गाइस कितना सस्ता और गंदा काम करते हैं | मैंने उस दिन सोच लिया था की इन लोगों को इसका मज़ा चखा के रहूँगा | मैंने कहा चलो भाई लोग कल से इनको यहीं की की पिलाएंगे और फिर मज़े लेंगे | हमारे कैंटीन वाले से सेटिंग की और उससे कहा भाई कल से इस भाई से चाय लेना और उसको कुछ पैसे दे दिए | अब दो दिन उसने वही चाय सबको पिलाई और सबने जमके तारीफ की और कहा आजकल कैंटीन वाला सुधर गया है यार !! कितनी टेस्टी चाय बना के दे रहा है | तब मैंने कहा सबके सामने जाके हट चीप गर्ल्स कितनी सस्ती और गन्दी चाय पीती है |

तो उन्होंने कहा हेल्लो ये कैंटीन से है ओके | मैंने कहा अच्छा चलो दिखता हूँ |तब मैंने उन्हें खिड़की से नीचे दिखाया और उन्होंने देखा कैंटीन वाला उस टपरे वाले से चाय ले रहा था| तब उन्होंने कहा यार इसकी चाय इतनी टेस्टी होगी हमे ये पता नहीं था और हमने गलत समझ लिया तुम लोगों को सॉरी | पर उनमे से एक लड़की बड़ी कमीनी थी और उसने हमारी मेनेजर जो की कुछ ही महीने पहले दुबई से आई थी उसको बता दिया और मेरा नाम लगा दिया| मैंने कहा बस यही तो फर्क है तुम लोगों में और मुझमे मैं अपना काम चुप चाप कर देता हूँ पंगा तुम लोगों ने लिया और हारी भी तुम | पर आज साबित कर दिया आप लोग की सोच बहुत ही छोटी है और एक दम घटिया | साडी लड़कियां चुप चाप देख रही थी बस वही मुझ से बेहेस कर रही थी |

उतने में हमारी मेनेजर आ गयी और उसने कहा लड़कियों ये क्या हो रहा है सब अपने अपने काम पे चलो और भास्कर तुम मेरे साथ अन्दर आओ | वो अची हिंदी बोलती हैं इतनी अच्छी की हम लोग पीछे रह जाते हैं | मुझे उनकी बाते सुनना बहुत अच्छा लगता है क्यूंकि वो बोलती ही इतना प्यारा हैं| उस दिन उन्होंने पहली बार मुझपे गुस्सा किया कि मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी| मैंने कहा मैडम मैंने कुछ नहीं किया शुरू उन्होंने किया और ख़त्म बस में कर रहा हूँ | मैडम ने कहा अच्छा क्या ख़त्म कर रहे हो | मैंने कहा मैडम बस चाय पिलाई है और कुछ नहीं किया मैंने | उन्होंनेकहा अच्छा अगर उसकी चाय पिके कोई बीमार पद जाता तो मैं क्या जवाब देती सबको जानते हो तुम | मैंने कहा मैडम सॉरी मुझे नहीं पता था आपको इस बात का इतना बुरा लग जाएगा |

उन्होंने कहा भास्कर तुम इतने अच्छे वर्कर हो और अच्छे इंसान भी हो क्यों इनके मुह लगते हो | इनका क्या हैं कल जिसके पास ज्यादा पैसा होगा उनका बिस्तर गरम करने लगेंगी पर तुम इनसे दूर रहो | मैंने मैडम से कहा मैडम आप ऐसी बाते भी करते हो | तो उन्होंने कहा हां क्यूँ नहीं कर सकती ? पर बस तुम्हरे सामने की है और एक मेरे पापा के सामने तो अब तुम समझलो बड़े ख़ास हो तुम मेरे | मैंने कहा मैडम मैं हमेशा आपका ख़ास ही | तब मैडम ने मुझे कहा चलो जाओ अब अपने काम पे ध्यान लगाओ | मैं वह से चला गया और कहा मैडम एक दिन मैं आपको वह की चाय ज़रूर पिलाऊंगा आपको मेरी कसम आप मन नहीं करोगे | मैडम ने कहा ठीक है अब जाओ | मैं वह से आ गया और मुझे हस्त देख उस लड़की का रोना निकल गया | पर क्या करे हमारे व्यवहार ही ऐसे हैं की कोई कितना भी बुरा हो मान ज़रूर जाता है | अगले दिन ऑफिस की छुट्टी थी पर मैडम ने मुझे कहा भास्कर तुम कल आजाना कल सबकी छुट्टी है पर मुझे एक हेल्पर चाहिए | मैंने कहा जी मैडम मैं कल इसी टाइम पर आ जाऊंगा |

Sexy kahani मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे

अब मैं अगले दिन वहां गया और मैडम पहले ही वहां थी |अब मैडम ने मुझे कहा चलो काम शुरू करलू और वो पहले से ही थकी हुयी लग रही थी | अब इतने में लाइट चली गयी और मैडम ने कहा यार मुझे भूख लगी है और लाइट भी अभी जानी थी | मैंने कहा मैडम आप थक गए हो चलो चाय पी लो | मैडम ने कहा नहीं यार कैंटीन तो बंद है | मैंने कहा अरे मैडम अपना देसी कैंटीन २४ घंटे तक चालू रहता है | मैडम ने न नुकुर करते हुए हाँ किया और मैं चाय लेने नीचे गया | फिर जब हम चाय पी रहे थे तब थोड़ी सी चाय उनपे गिर गयी और मैं उन्हें साफ़ करने लगा एकदम से | चाय उनके बूब्स पे थी और वो मुझे देखती जा रही थी पर जब मैंने नोटिस किया तो मैं अलग हो गया | फिर एकदू वो मेरे पास आई और कहा बूब्स छुए न कैसा लगा |

मैंने कहा मैडम और उतने में उन्होंने अपनी शर्ट खोल दी और मेरा मुह अपने बूब्स में लगा दिया | मे रेको क्या मैं भी मस्ती में चूसने लगा उनके बूब्स और निप्पल | आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करने लगी |

फिर उन्होंने जल्दी से मेरा लंड निकाल और चूसने लगी |

मैंने भी आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह करना शुरू किया |

फिर वो खुद मेरे लंड पे बैठ के ऊपर नीचे होने लगी और कहा यार कबसे मन था आज मिले हो | आःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआःह्ह आःह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्हआह्ह आह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह ऊउह्ह्ह ऐसा आधे घंटे चला और हम झड़ गए |

अब तो मैडम को मैं उनके केबिन में ही चोद देता हूँ |

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शूटिंग के दौरान सेक्सी लड़की की मस्त चुदाई https://sexstories.one/sexy-ladki-ki-mast-chudai/ Tue, 01 Feb 2022 09:20:47 +0000 https://sexstories.one/?p=3519 मैं उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा तो वो मछली की तरह तदपने लगी और साथ में अपने बूब्स को मसलने लगी | मैं उसकी तडपते देखकर मैंने उसकी चूत में...

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Sexy Ladki ki Mast Chudai हाय फ्रेंड्स कैसे हो आप सभी लोग ? मैं उम्मीद करता हूँ की आप सभी लोग ठीक ही होगे | दोस्तों आज मैं एक कहानी को आप लोगो के सामने प्रस्तुत करने जा रहा हूँ | ये मेरी पहली कहानी है और मेरे जीवन की सच्ची घटना है | मुझे उम्मीद है की आप लोगो को कहानी जरुर पसंद आयेगी और इस कहानी को पढने में आप लोगो को मज़ा भी आयेगा | मैं कहानी प्रस्तुत करने से पहले आप सभी लोगो को अपने बारे में बता देता हूँ |

मेरा नाम अभिनय है और मेरी उम्र 30 साल है | मैं रहने वाला मुम्बई का हूँ और मैं एक जूनियर आर्टिस्ट हूँ | मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है | मेरे लंड का साइज़ 6 इंच लम्बा और मोटा 2 इंच है | मैं दिखने में गोरा हूँ और मेरी बॉडी भी ठीक ठाक है जिससे मैं स्मार्ट लगता हूँ | मैं अब आप सभी का ज्यादा समय न लेते हुए सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ |

ये जो कहानी में प्रस्तुत करने जा रहा हूँ ये कहानी अभी कुछ दिन पहले की है जब मैं एक हॉरर मूवी की शूटिंग में था | दोस्तों मैं आप लोगो को मूवी का नाम नही बता सकता हूँ | मैं उस मूवी में हीरो के साथ में काम करता था और वो मूवी एक जंगल में शूट हो रही थी | उस जंगल में एक घर बना था और वो घर में ही शूटिंग होती थी | वैसे वो घर जिसका था वो तो विदेश में रहते थे और हमे एक घर शूटिंग के लिए चाहिए था जहाँ कोई न रहता हो इसलिए डारेक्टर ने वो घर शूटिंग के लिए 6 महीने के लिए लिया था | वो घर एकदम अलग बना था और वहां बहुत कम लोग जाते आते थे | जब हम लोग उस घर में शूटिंग करने के लिए गए थे तो उस घर में 3 लोग रहते थे 1 लड़की थी और 2 आदमी रहते थे | फिर उन लोगो को बताया गया की यहाँ पर शूटिंग होने जा रही है तो वो तीनो लोग पास में ही कुछ दूर पर उनके मालिक का एक घर था उस घर में रहने चले गए |

तब उस घर की कुछ मरम्मत कराई गयी फिर उस घर में उस मूवी की शूटिंग शुरू की गयी | जब मूवी की शूटिंग होती थी तब शूटिंग देखने के लिए कुछ आते थे और वो लड़की भी आया करती थी | मुझे उस मूवी में कुछ ज्यादा बड़ा किरदार नही करना था क्यकि मुझे उस मूवी में घर के वाचमेन का रोल दिया गया था | जब किसी को घर में जाना होता था या आना होता था तब ही मुझे अपना रोल निभाना होता था | वो लड़की रोज शूटिंग के टाइम शूटिंग देखने आती थी | वो लड़की देखने में सुन्दर थी और उसका फिगर भी सेक्सी था | इसलिए मैं उसे पसंद करता था तीसरे दिन की बात है जब शूटिंग हो रही थी तो वो लड़की भी शूटिंग देखने आ गयी और मेरा भी उस टाइम कोई रोल नही था | तब मैं उस लडकी के पास गया और उससे बात करने लगा | फिर मैंने उससे पूछा तुम्हारा नाम किया है तो उसने अपना नाम जूली बताया और मैं उससे ऐसे ही कुछ न कुछ बाते किया करता था | वो भी मुझसे बाते किया करती थी | एक दिन की बात है जब मुझे हीरो के साथ में जंगल के अन्दर जाना था और उस दिन ये सीन था की जो उस घर में भूत रहता है वो वाचमेन को मार देगा | फिर उस रात को वो भूत मुझे मार देता है और उसके बाद मेरा उस मूवी कोई एक्टिंग नही करनी थी |

Desichudai चूत मरवाने के लिए चली गई

उसके बाद मैं और जूली बैठ कर बात कर रहे थे तब जूली ने मुझसे कहाँ की मुझे भी एक्टिंग आती है और मुझे भी कोई रोल दिला दो मूवी में तो मैंने उसे कहा की हाँ किय नही तुम इतनी खुबसूरत हो तुम्हे तो मूवी में एक्टिंग करनी चाहिए और मैंने उससे कहा की मैं तुम्हारे बारे में बात करता हूँ ये बात सुन कर वो बहुत खुश हुई | फिर वो चली गयी इस तरह से वो मुझे मिलने भी लगी थी | उसके बाद की बात है जब वो मुझसे इसके बारे में पूछने लगी की मुझे इस मूवी में कोई रोल मिलेगा तो मैंने उससे कहा इस मूवी में कोई रोल नही है पर मैं तुम्हे अगली मूवी में रोल जरुर दिलाऊंगा |

तो वो मुझे बोली ठीक है और फिर मैंने उससे कहा चलो घूम लेते हैं | तब वो मेरे साथ उस जंगल में घुमने चली गयी | जब मैं और जूली जगंल में घूम रहे थे तब मैंने उससे किस करने के लिए कहा तो वो मान गई और तब मैंने उसे पहली बार किस किया था | जब मैं उसे किस कर रहा था तो मेरे शरीर में करंट सा लग गया था | उसकी होठो पतली और कमल की पंखुड़ियों की तरह मुलायम थी | फिर मैं और जूली बात करते हुए वापस चले आये | उसके बाद कुछ दिन के लिए शूटिंग भी किसी प्रोबलम से रुक गयी थी | तब मैं खली ही रहता था तो एक दिन की बात है जब मैं उसको अपने साथ घुमाने ले गया था वहां कुछ ही दूर पर एक रेस्टोरेंट था | मैं उसको अपने साथ लेकर उस रेस्टोरेंट में गया | फिर मैं और जूली ने वहां पर कॉफ़ी पी उसके बाद हम वहां से चले आये | उन दिनी मूवी का हीरो बीमार हो गया था तो शूटिंग भी बंद थी | अब मैं जूली को किस भी करता था और उसके मस्त गोल चिकने बूब्स को भी दबा दिया करता था वो भी कभी कभी मेरे लंड को सहला दिया करती थी |

एक दिन की बात है जब मैंने उसे रात को घर में बुलाया तो वो आ गयी | तब मैं उसको लेकर बेडरूम में ले गया और फिर मैं उससे बाते करने लगा |  मैं उससे बाते करते हुए उसकी जांघों पर हाथ को रख कर सहलाने लगा | तब वो मेरी तरफ देख कर हँसने लगी तब मैं समझ गया ये भी चुदना चाहती है और मैं उसकी जांघों को सहलाते हुए उसकी होठो पर अपने होठो रख कर उसकी कमल जैसी होठो को चूसने लगा | तब वो भी मेरा साथ देती हुई चूसने लगी | मैं उसकी होठो को चूसने के साथ में उसके चिकने बूब्स को दबाने लगा था | मैं उसकी होठो को चूस रहा था और साथ में उसके कपड़े के अन्दर हाथ को डाल कर उसके बूब्स को मसल रहा था | मैं उसकी होठो को ऐसे ही 5 मिनट ता चूसता रहा और फिर मैंने उसके कपडे निकाल दिए जिससे वो मेरे सामने ब्रा और पेंटी में आ गयी |

तब मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूसने लगा | मैं उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूस रहा था और दुसरे को हाथ में पकड कर मसल रहा था | तब उसके मुंह से गर्म सांसे निकल गयी वो तदपने लगी मैं उसके बूब्स के निप्पल को अपनी ऊँगली से घुमा घुमा कर मुंह में रख कर चूस रहा था | फिर मैंने अपने कपडे निकाल दिए और 1 मिनट में ही मैं उसके सामने एकदम नंगा हो गया | तब वो मेरे लंड को एकदम भूखी शेरनी की तरह देखने लगी | तब मैंने उसकी टांगो को फैला कर उसकी चूत में अपने मुंह को घुसा कर उसकी चूत को चाटने लगा तो उसके मुंह से उई उई उई माँ माँ… ओह्ह ओह्ह ओह्ह्ह हाँ हाँ हना… ऊऊऊ आआआ सी सी सी…. की सिसिकियाँ निकल गयी |

मैं उसकी चूत में अपनी जीभ को घुसा कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा तो वो मछली की तरह तदपने लगी और साथ में अपने बूब्स को मसलने लगी | मैं उसकी तडपते देखकर मैंने उसकी चूत में अपनी उँगलियों को घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा जिससे उसके मुंह से मदहोश करने वाली आवाजे निकलने लगी उई ऊऊ अह्ह्ह ओह्ह्ह उई माँ माँ उई माँ… ऊऊ ओऊ अह्ह्ह्ह सी सी उई…. की आवाज निकल गई | मैं उसको ऐसे ही कुछ देर तक उसकी चूत को चाटने के बाद मैंने उसके मुंह में अपने लंड को घुसा दिया और वो मेरे लंड को मुंह में रख कर जोर जोर से अन्दर बाहर करटी हुई चूसने लगी | मैं उसके सर को पकड कर अपने लंड को उसके मुंह में अन्दर बाहर करने लगा | वो मेरे लंड को मुंह में रख कर कुछ देर तक ऐसे ही चूसती रही |

उसके बाद मैंने उसके मुंह से अपने लंड को निकाल कर उसकी टांगो को थोडा सा फैला कर उसकी चूत के मुंह पर लंड के टोपे को रख दिया उसकी चूत गीली होने की वजह से मेरा लंड उसकी चूत में एक ही धक्के में घुसा गया तो उसके मुंह से खीच निकल गयी उई उई मई मर गयी निकाल लो पर मैंने उसकी चूत से अपने लंड को नही निकाला और उसकी चूत में धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा | मैं उसकी चूत में जोर जोर के धक्के से उसको चोदने लगा वो ऊऊ अहह अहह ऊऊउ आआआआ माँ माँ…. उई माँ… की सिसिकियाँ पर सिसिकियाँ ले रही थी | मैं ये उसकी आवाजे सुनकर और जोश में आ गया और उसकी टांगो को अपने कंधे पर रख कर उसकी चूत में और तेज तेज से धक्को मारने लगा | तब धक्को की आवाज कमरे में घुजने लगी | फिर मैं उसको ऐसे ही 15 मिनट तक जोरदार धक्को के साथ उसको चोदता रहा और उसके बाद मेरे लंड ने सारा माल उसकी चूत पर ही निकाल दिया | फिर मैं उसे उसके घर तक कार से छोड़कर आया |

ये थी मेरी कहानी | मुझे उम्मीद है की ये कहानी आप लोगो को पसंद आई होगी |

कहानी पढने के लिए धन्यवाद |

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भाभी ने बुझाई हवस ही आग https://sexstories.one/bhabhi-ko-chodne-ki-hawas/ Tue, 01 Feb 2022 09:14:01 +0000 https://sexstories.one/?p=3507 भाभी ने मेरे लण्ड को कस कर पकड़ा और धीरे से सामने की चमड़ी को पीछे करते हुए मेरे गुलाबी टोपे को बाहर निकाला। भाभी अपने दोनों होठो से मेरा गुलाबी टोपा चूस रही थी। मेरे लण्ड के टोपे को होंठो में जकड़कर...

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Bhabhi ko chodne ki hawas – हैल्लो दोस्तो मेरा नाम भावेश है और में इंदौर के पास एक छोटे से गाँव का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 20 वर्ष है और कद 6 फ़ीट ओर लण्ड साढ़े 8 इंच का लंबा तगड़ा फौलाद है। आज मै आपसे अपनी एक सच्ची घटना साझा करने जा रहा हूँ कि कैसे मैने अपनी गोरी चिकनी भाभी की चुदाई का आंनद लिया और लेता आ रहा हूँ।

मेरे घर में 5 सदस्य हैं जिनमें मेरे बुढ़े माता पिता, बड़े भईया ओर भाभी है।

मेरी भाभी का नाम शीतल है और उनकी उम्र 35 साल है। दिखने में गोरी चिट्ठी, क़ातिलाना शक़्ल ओर बेहद चिकनी कमर वाली हुस्न की परी है। उनकी मोटी तगड़ी गांड का आकार देखकर कोई भी मर्द खड़े खड़े अपनी पेंट गीली कर दे। भाभी के टाइट तरबूज का स्वाद मै हमेशा से चकना चाहता था और वह मौका एक दिन मिल ही गया। तो चलिए दोस्तो बिना वक्त जाया किए मै चुदाई के रहस्य से पर्दा उठाता हूँ।

घर की हालत कुछ खास न होने के कारण बड़े भईया शहर में नौकरी करते हैं और ज्यादातर समय बाहर ही रहते हैं।

बचपन से में पोर्न और सेक्स की कहानियां पड़ता आ रहा हु जिससे कि मेरे अंदर की हवस बढ़ चुकी है और मेरी भाभी को देखकर मेरी हवस बेक़ाबू हो जाती हैं और में बाथरूम में जाकर उस आग को शांत कर देता हूँ।

गर्मियों के वक्त हम सब छत पर ही सोते हैं, बाउजी ओर अम्मा छत के एक कोने पर भाभी से अलग सोते है ताकि भाभी को आराम से नींद आये और मै भाभी के बगल में ही सोता हू क्योकि छत पर ज्यादा तर खेत का सामान पडा रहने के कारण जगह नही बचती। मैं कई बार रात को जब भाभी गहरी नींद में होती है तब धीरे से कभी अपना हाथ उनके बोबो पर रख देता हूं या कभी उनसे चिपकर सोते हुए अपना हाथ भाभी की मोटी झंगो पर रख देता हूं पर भाभी की जब नींद खुलती तो वे मेरा हाथ हटा देती है बिना कुछ बोले ओर फिर से सो जाती है। बस इससे ज्यादा मैं कुछ कर नही पा रहा था और सारा दिन मेरे मन में भाभी को पेलने के अलग अलग विचार आते रहते और बस में हाथ से काम चला रहा था पर कुछ करने का मौका मिल नही रहा था।

पर कहते हैं ना जब आप कुछ ठान लेते है तब रास्ते अपने आप खुलते हैं। बस एक दिन वह मौका आ ही गया।

एक दिन भाभी मेरे कमरे में आकर बोली के भावेश देखो ना यह फ़ोन में नेट सही से चल नही रहा। भाभी टाइट सलवार में क्या माल लग रही थी मन कर रहा था कि अभी लपेट लू , इतने में भाभी ने कहा मुझे मत देखो भावेश मेरा फ़ोन देखो। भाभी बिककुल मुझसे चिपकर खड़ी थी और अपने फोन को देख रही थी। में उनके सामने फ़ोन में सब कुछ चेक कर रहा था इतने में मैने देखा कि भाभी के फोन में सेक्स वीडियोस डाऊनलोड कर रखी थी,यह देखकर मैं दंग रह गया और भाभी की ओर एक शरारती हसी से देखा। भाभी मुझे देखकर शर्मा गयी और फ़ोन छीनकर बाहर जाने लगी और बोली बाद में ठीक कर लेना मुझे काम है और चली गयी।

अब मै समझ गया था कि भईया के दूर रहने के कारण भाभी के अंदर भी हवस उफान पर है और मौके पर चौका मार लेना चाहिए। और मैने मन ही मन थान लिया कि आज रात को भाभी को पेल ही लूंगा।

भाभी जब शाम की चाय बना रही थी तब फिरसे मेने खुराफात करने की सोची ओर ओर रसोई में एक शैतानी हसी लिए मेने भाभी से पूछा कि भाभी आपके फ़ोन में ये चीज़े?? तो नज़रे छुपाती भाभी धिरे से बोली के भईया तो है नही बस यही सहारा है तो मैने भी बिना शर्म के जवाब दिया कि मै हूंना। मेरे जवाब से भाभी एकाएक सन्न सी हो गई और बात को काटते हुए बोली हटो चाय ठंडी हो रही है, अम्मा बाउजी को दे आओ। मै भाभी के इस उत्तर को एक छोटा सा इशारा समझ चूका था,बस रात का इंतजार था।

अम्मा बाउजी जल्दी छत पर सो चुके थे और मैने भी रोज की तरह अपना बिस्तर भाभी के बगल में लगा लिया, भाभी मेरी तरफ अपनी पीठ करकर सो रही थी। मैने भाभी को फिरसे पूछा कि भाभी आपका फ़ोन ठीक कर देता हूं, पर भाभी ने जवाब नही दिया शायद गहरी नींद में थी तो मेने अपना हाथ भाभी की कमर पर रख दिया और भाभी की गांड से अपना लण्ड सटा कर औऱ नज़दीक आ गया ओर भाभी से धीरे से कहा कि भाभी आपको बोहोत समय से पेलने की इच्छा है पर कभी मौका नही मिला आपकी गांड बोहोत रसीली है।

भाभी को नींद में देखकर मेने भाभी की लाल टाइट सलवार को थोड़ा नीचे किया और देखा कि भाभी ने पेंटी नही पहन रखी है। भाभी की गोरी गट चिकनी गांड पर में हाथ धीरे धीरे सहला रहा था। अब मेने अपनी दोनों उंगलियों पर थूक लेकर भाभी की चूत पर धीमे धीमे सहला रहा था। भाभी की चूत एक दम क्लीन शेव औऱ नाजुक मुलायम सी थी। मैने एक बार फिर थूक से भीगी उंगीयो के बीच मे भाभी की चूत को पकड़ा और धिरे से अपनी उंगली भाभी की चूत में कर दी, ऐसा कई बार करने के बाद मैने आने फौलाद को चड्डी से बाहर निकाला और भाभी की चूत पर हल्के से रख दिया।

भाभी की गीली चूत से मेरे फौलाद का टोपा भीग चुका था, मैंने बिना ज्यादा समय लिए भाभी की चूत में अपने लण्ड का टोपा गुसा दिया। जैसे ही मेरा लण्ड भाभी की चूत में जाने लगा भाभी सिसकिया लेने लगी ‘सससस, उफ्फ’। भाभी की सांसें बढ़ गयी और तेज़ धड़कन को मै महसूस कर पा रहा था। भाभी नींद में नहीं थी, सब सुन रही थी बस सोने का नाटक कर रही थी।

मै घबरा गया और अपना लण्ड भाभी की चूत से बाहर निकाल कर भाभी से कहा “भाभी आप जग रही थी?”

भाभी ने बिना कोई उत्तर दिए अपनी मोटी गोल चिकनी गांड मेरे झांगो से बीच में चिपका दी ओर मेरा लण्ड अपने हाथों से अपनी चूत में डालती हुई बोली “रुक क्यो गए जल्दी करो”।

मुझे हरि झंडी मिल चुकी थी, मेने फिर से भाभी के पेट पर अपना हाथ रखा और अपना फौलाद को फिर से धीरे धीरे भाभी की चूत की गहराईयों में उतारने लगा।

हर एक इंच के अंदर जाने पर भाभी पहले से तेज़ सिसकियां ले रही थी। अब मेने एक जोर का ध्क्का मारकर अपना पूरा साढ़े 8 इंच का लण्ड भाभी की चूत में उतार दिया ओर भाभी धिरे से चीखी ” अरे मोरी मइया,उफ्फ्फ, आह”। में अब तेज़ी से भाभी की चूत में धक्के दे रहा था और भाभी तेज़ी से सिसकियां ले रही थी, अम्मा बाउजी रात में बहुत गहरी नींद में थे।

हम दोनों लेटे हुए थे, मै भाभी को बिना रुके पेल रहा था और कस कर भाभी की ब्रा में हाथ डालकर बोबो को दबा रहा था। मै भाभी की गर्दन को चूमते हुए भाभी की चूत में जोर जोर से धक्के दे रहा था और भाभी भी साथ दे रही थी। भाभी की चूत से निकलते पानी से मेरी झांगे तक गीली हो गयी थी पर मै बेक़ाबू हो चूका था। थोड़ी देर बाद मैने अपना रस भाभी की चूत में ही खाली कर दिया ओर धीरे धीरे धक्के देता रहा।

अब मै ओर भाभी दोनों पसीने से लथपथ एक दूसरे के पास में लेटे हुए थे, भाभी मेरे तरफ बढ़ी और मेरे कान के पास आकर धीमी आवाज़ में मुस्कराते हुए बोली ” भावेश तूने तो मेरी सालो की प्यास बुझा दी, तू तो छुपा रुस्तम निकला” और मेरे गालो पर चुम कर मुसकराने लगी। मैने भी भाभी को चूमते हुए कहा “भाभी अब यह प्यास में रोज़ बुझाया करूँगा” । हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे को देखते रहे और न जाने कब सुबह हुई पता ही नही चला।

शीतल भाभी को चोदना अब भी मुझे सपने जैसा लग रहा था, मेरा मन कर रहा था कि भाभी से अलग ही न हु बस उनके गोरे बदन से लिपटा रहू ओर दिन रात चुदाई मचाता रहूं।

आज भाभी पहले से बहुत ज्यादा खुश और खिली खिली लग रही थी। सुबह सुबह भाभी को चाय बनाते देख मैने भाभी को पीछे से कस कर पकड़ लिया और उनकी गांड पर अपना लोडा रगड़ने लगा। भाभी की गर्दन को चूमते हुए कहा”क्यों भाभी रात को मज़ा आया,आप बोहोत सेक्सी हो, उममममम” ।

भाभी- “हटो भावेश बाद में, कोई देख लेगा, हटो”।

Chudas गांड का छेद माल से भर डाला

हमारा घर काफी छोटा होने के कारण भाभी को अम्मा बाउजी के होते चोदना खतरे से खाली नही था इसलिए में बस रात के भरोसे ही दिन काट रहा था। मैं भाभी को ठीक से चोदना चाहता था, उनके जिस्म के हर एक हिस्से हो नापना चाहता था पर कैसे करता, इसी सोच में बेचैन था।

लेकिन मेरी किस्मत ने मेरा साथ फिरसे दिया और सुबह सुबह मेरे चाचा घर आये। चाचा ने आकर अम्मा बाउजी को एक हफ़्ते की तीर्थ यात्रा पर चलने की तैयारी करने को कहा। चाचा चाय पीते हुए बोले “भावेश तू जल्दी से अम्मा बाउजी का सामान बांधकर तैयारी कर दे, बड़ी मुशकिल से कल सुबह ट्रैन की टिकिट मिली है, देरी मत करना”।

चाचा की यह बात सुनकर में खुशी से झूम उठा, मेरे मन मे बस भाभी को पेलने के ख्याल ही घूम रहे थे, मै भाभी को अच्छे से पेलने के लिए उतावला हो रहा था, मन मे लड्डू फुट रहे थे। मैने भाभी की और हवस वाली शैतानी नज़र से देखा और मुसकराने लगा, भाभी भी मुझे ही देख रही थी और मन्द मन्द मुस्कराह रही थी।

चाचा अपनी चाय खत्म कर के जल्दी में चल दिए। पूरा दिन अम्मा बाउजी के लिए तैयारी करते करते में ओर भाभी थक चुके थे और रात को बिना कुछ किए सो गए। मै अगली सुबह अम्मा बाउजी को चाचा के साथ ट्रैन में बैठा कर घर लौट आया।

मेरे अंदर हवस की सुनामी उफान पर थी। मै घर लौटकर सीधा भाभी के कमरे में गया। शीतल भाभी लाल रेशम की साड़ी में पूरी तरह सज संवर कर बैठी आईने के सामने अपने खुले बालो को संवार रही थी। मै भाभी के इस क़ातिलाना अवतार को देखकर एकाएक स्तम्ब रह गया,मेरे मुंह से मानो लार टपक रही थी। भाभी के डीप ब्लाऊज से दोनों बूब्स आपस में मानो बाहर आने को उतारू थे। मुझे भाभी के साथ सुहागरात वाली फीलिंग आने लगी।

मैने भाभी को चिकनी कमर से पकड़कर अपनी और खींचा, भाभी के तरबूज मेरी छाती से पूरी तरह दब चुके थे, भाभी ओर मेरे होंठो के बीच नाममात्र दूरी थी, मै भाभी की सांसो को महसूस कर पा रहा था, मेरा लोडा टावर कि तरह तन्न चुका था मानो बस पेंट फाड़कर बाहर आने को बेताब था।

मेने भाभी से कहा ” शीतल मेरी जान, आज तुझे चोद चोदकर पागल कर दूंगा”

भाभी- “भाभी से सीधा शीतल, नटखट”

मेने भाभी के लाल गुलाबी होंटो पर अपने होठ रखते एक कस कर चुम्बन लिया। मेने अपनी जीभ को पूरा भाभी के मुह में डालते हुए उनकी जीभ पर फेरा। मै भाभी को बुरी तरह चुम रहा था और भाभी भी पूरा साथ दे रही थी। भाभी के होठों को मै चूमता गया कभी गर्दन पर चुंबन ले रहा था तो कभी भाभी की जीभ को खा जाने वाला था हम दोनों चुम्बन में मदहोश थे, एक दूसरे से कस कर लिपटे हुए काफी देर तक चुबंन का मज़ा मै लूटता रहा।

अब मैने भाभी को अपनी बाहों में उठाकर बेड पर लेटाया। भाभी का पेटीकोट मैने घुटनो तक उठा दिया और भाभी की गोरी पिंडलियों को चूमने लगा।

अब मै थोड़ा और ऊपर बड़ा और भाभी के पेटीकोट में अपना सर डालकर भाभी की गोरी गोरी झांगो को चूमने लगा। चूमते चूमते मेने भाभी का पेटीकोट उतार कर दिया।भाभी की गोरी लाल चूत को देखकर मेरे मुंह में लार भर आयी। मैने लपकते हुए भाभी की चूत पर अपनी जीभ फेरकर लाल चूत को चाटने लगा। भाभी को चूत में पूरी जीभ डालकर में किसी प्यासे की तरह चूत चाट रहा था, इस बार भाभी जोर जोर से सिसकियां ले रही थीं। मै ओर उत्तेजना से भाभी की चूत चाट रहा था, भाभी ने मेरे बालो को खीचते हुए अपनी दोनों गोरी झांगो की बीच मे मेरा सर दबाया ओर अपने दोनों पैर मेरे कंधो पर रखकर “उफ्फ उम्म भावेश ओह्ह,और तेज और तेज़” कहती हुई चूत चटवा रही थी। भाभी के चूत के रस से मेरी हवस की प्यास और उत्तेजित हो रही थी। अब मैने भाभी को उल्टा लेटाकर भाभी की मोटी गांड के बीचों बीच अपना मुँह दे मारा। भाभी की गांड चाटने को मै दोस्तो किसी शब्दो मे बयां नही कर सकता। भाभी की गांड को मानो दोस्तो में खा जाऊ।

अब मेने दोस्तो भाभी की कमर को चूमते हुए भाभी का ब्लाऊज उतारा और बिना वक्त गवाएं भाभी के ब्रा का हूक खोलकर दोनों कैदी बोबो को रिहा करवाया। भाभी के गोरे गोल रसीले तरबूज़ जैसे बोबो को देख में झूम उठा। गोरे बोबो पर काले निप्पल “उफ्फ्फ ससससससस’। शितल भाभी वाक़ई हूर की परी है।

एक एक कर दोनों काले निप्पल समेत मैं भाभी के तरबूज को पूरा मुँह में डाल चूस रहा था, कभी दाई वाला बूब कभी बायीं वाला बूब कभी दोनों को कसकर दबाते हुए दोनों एक साथ चूस रहा था। दोनों रसीले बूब दूध से भरे हुए थे, में इस दूध को मुँह में भरकर मन्त्रमुक्त हो चुका था। मैंने भाभी की जिस्म के हर एक अंग को चूमा, चूमता गया।

शीतल भाभी का नंगा जिस्म मैं अपने होठों से भीगा चुका था। भीगी हुई भाभी बेड पर पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी। दोस्तो मैने पहली बार किसी औरत को नंगी देखा था और वह नंगी औरत मेरी शीतल भाभी थी, गोरी चिठ्ठी, लाल चूत और काले निप्पल वाली हवसी भाभी। मेरा लण्ड बुरी तरह से तन्न चुका था मानो पेंट से बाहर आने को तड़प रहा हो।

भाभी उठकर अपने घुटनों पर बैठते हुए । मेरे पेंट को खोलने लगी। मैने भी साथ देते हुए अपने सारे कपड़े उतार दिए केवल अंडरवियर में खड़ा था। भाभी ने जैसे ही मेरी अंडरवेयर उतारकर निचे की, मेरा फौलादी लण्ड कूद कर बाहर आ निकला। तीर की तरह सीधा, आसमां को सलामी देता हुआ मेरा साढ़े 8 इंच का मोटा तगड़ा लम्बा काला लण्ड भाभी के मुँह के सामने था।

भाभी की आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी और मेरा लण्ड सहलाते हुए बोली “इतना लंबा लण्ड , तुमहारे भईया का तो कुछ नही इसके सामने” और मेरी तरफ देखकर हँसने लगी।

भाभी ने मेरे लण्ड को कस कर पकड़ा और धीरे से सामने की चमड़ी को पीछे करते हुए मेरे गुलाबी टोपे को बाहर निकाला। भाभी अपने दोनों होठो से मेरा गुलाबी टोपा चूस रही थी। मेरे लण्ड के टोपे को होंठो में जकड़कर जो भाभी ने अपनी जीभ घुमाई है “उफ़्फ़फ़, शीतल मेरी जान” ।

मैने भाभी के बालों को पकड़कर अपना लण्ड भाभी के मुँह में डालने के लिए आगे किया तो मेरा साढ़े 8 इंच का चॉकलेटी लोडा भाभी के मुँह से फिसलता हुआ गले तक जा उतरा। शीतल भाभी की आँखे बाहर आ गयी पर भाभी रुकी नही बल्कि आँखे बंद कर लण्ड तेज़ी से चूस रही थीं। शीतल भाभी लण्ड चूसने में किसी पोर्नस्टार से कम नही लग रही थी। भाभी ने मेरा पूरा लण्ड मेरे दोनों गोटो समेत मुँह में भर लिया और सब कुछ गिला कर दिया। भाभी ने एक क्षण के लिए भी मेरे लण्ड से अपना मुँह अलग नहीं किया मानो सदियों से लण्ड की प्यासी हो ।

भाभी के मुलायम होठ ओर गीली जीभ मेरे लण्ड पर जादू कर चुके थे और देखते ही देखते मैने अपना पुरा मुठ ,अपने पुरे वीर्य रस से भाभी का मुँह भर दिया भाभी अभी भी मेरा लण्ड हर तरफ से चूस रही थी मानो एक बूंद मुठ भी व्यर्थ ना चली जाए।

मै अब भी उतना ही जोश में था। मैने नंगी भाभी को एक बार फिर उठा कर बेड पर लेटा दिया। अपने लण्ड पर थूक लगाकर मै अपने औज़ार की धार तेज़ करने लगा।

भाभी की गोरी टांगो को मैने चौड़ी कर भाभी की चूत पर अपना थूक लगाया। फिर अपने लण्ड को भाभी की चूत पर रखकर एक धीरे से ध्क्का दिया। मेरा लण्ड अभी आधा भी अंदर नही गया था कि भाभी सिसकिया लेने लगी ” ओह्ह भावेश उफ़्फ़फ़ मैईया ससससस ,और अंदर भावेश उफ़्फ़फ़” ।

भाभी की सिसकियों में अलग ही नशा था, मै जोश में आ गया और भाभी की चूत में एक जोर का धक्का दिया और भाभी चीख़ उठी ” आआहहहहहहह ससस मार ही डालेगा भावेश उफ़्फ़फ़ ओह्ह ओह्ह और तेज़ आआआहहहह”।

मै शीतल भाभी को चूमते हुए बुरी तरह चोद रहा था। मेरा लण्ड भाभी की चूत में जोर जोर से धक्के मार रहा था ” पच्च पच्च पच्च” ओर भाभी भी बिना किसी शर्म ओर प्रवाह के चिल्ला रही थी “भावेश उफ्फ आह और अंदर और आहहहह ससस भावेश और तेज़” मै भाभी को लबालब चोद रहा था।

कभी भाभी को घोड़ी बनाकर चोदने लगा तो कभी भाभी को उल्टा लेटाकर पेलने लगा, कभी भाभी मुझपर तो कभी मै भाभी पर “आह भाभी आह एसस एसस उफ़्फ़फ़ शीतल मेरी रांड, उम्मम हह हह ऊऊएह” ।

भाभी के जिस्म का एक एक कोना मै नाप चुका था पर मै फिर भी रुका नही में चोदते रहा बिना रुके।

भाभी की मोटी गोरी गोल गोल चिकनी गांड मे मैने जोर जोर से धक्के दिए, भाभी को चोद चोद कर भाभी की गांड चौड़ी कर दी।

मै और भाभी चुदाई में पूरी तरह मस्त थे, पूरा कमरा हम दोनों ही चीख़ से गूँज रहा था पर हम बेपरवाह चुदाई मचा रहे थे।

मैने अपना पूरा रस भाभी की चूत में खाली कर दिया ओर अब भी लण्ड के धक्के भाभी की चूत में देता गया।

मै और भाभी पूरी तरह थक चुके थे और चुदाई करते करते रात कब हुई पता ही नही चला।

पसीने से लथपथ भाभी और मै एक दूसरे से अब भी लिपटे हुए थे। भाभी बोली ” भावेश ऐसी चुदाई तेरे भईया ने आज तक नहीं कि, तेरा लण्ड लण्ड नहीं फौलाद है, आज में सालो बाद संतुष्ट हुई हु” और यह कहने के बाद मै ओर भाभी दोनों एक साथ नहाने चले गए।

उस दिन के बाद दोस्तो शीतल भाभी और मैं लगभग रोज़ चुदाई करते हैं। जब कोई घर पर नही होता तो रसाई, बाथरूम कही भी चालू हो जाते हैं और जब कभी मौका नही मिलता तो रात को भाभी को चोदता हु।

दोस्तो भाभियों को चोदने में अलग ही मज़ा है।

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गांड का छेद माल से भर डाला https://sexstories.one/naukrani-ki-gaand-me-lund-daala/ Mon, 31 Jan 2022 07:21:00 +0000 https://sexstories.one/?p=4378 नौकरानी की उभरी हुई गांड को देखकर में उसे चोदने  के बारे में सोचने लगा। वह मेरे पास आई और वह मुझे कहने लगी साहब पानी पी लो जब उसने मुझे पानी दिया तो मैंने देखा कि उसके स्तनों बाहर झांक रहे हैं..

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Naukrani ki Gaand – रोहित और मेरी दोस्ती पूरे कॉलेज में बड़ी फेमस थी.. हम दोनों ही एक दूसरे के साथ हमेशा ही खड़े नजर आते थे.. एक दिन रोहित मुझसे कहने लगा यार अब तो कॉलेज भी खत्म होने वाला है तुमने क्या सोचा है। मैंने रोहित से कहा मैं क्या सोचूंगा पापा ने मुझे पहले ही कह दिया है कि तुम मेरा काम संभालोगे और इसके अलावा तो शायद मैं और कुछ भी नहीं सोच सकता। मुझे रोहित कहने लगा चलो पारस तुमने तो अच्छा किया जो अपने पापा की हां में हां मिला दी लेकिन मैं कुछ अलग करना चाहता हूं मैं चाहता हूं कि मैं अपना फैमिली बिजनेस ना संभाल कर कुछ और काम शुरू करूं। मैंने रोहित से कहा लेकिन इसमें तुम्हें दिक्कत भी हो सकती है रोहित कहने लगा अरे यार इसमें दिक्कत वाली क्या बात है अब तुम ही मुझे बताओ कि मैं भी क्या करूं मेरा मन पापा के बिजनेस को करने का बिल्कुल भी नहीं है और मैं अपनी जिंदगी जीना चाहता हूं।

मैंने रोहित से कहा वह तो तुम अपने पापा का काम संभाल कर भी कर सकते हो और उन्होंने इतने साल की मेहनत की है उसके बाद तुम्हे ही तो सारा काम संभालना है। रोहित और मेरे बीच में काफी समानताएं थी रोहित के पिताजी भी एक बिजनेसमैन है और मेरे पिताजी भी बिजनेसमैन है हम दोनों ही घर में एकलौते हैं लेकिन रोहित चाहता था कि वह कुछ अलग करें इसलिए उसने अमेरिका जाने के बारे में सोच लिया था। मैंने रोहित से कहा कि तुमने क्या अपना पूरा मन बना लिया है कि तुम अमेरिका चले जाओगे रोहित मुझे कहने लगा हां पारस मैंने पूरा मन बना लिया है अब मैं अमेरिका में ही कुछ काम शुरू करना चाहता हूं।

रोहित के पिताजी भी शायद उसे मना ना कर सके और वह अमेरिका चला गया। मैं दिल्ली में रहकर ही अपने पापा का काम संभालने लगा और देखते ही देखते कब समय बीत गया कुछ मालूम ही नहीं पड़ा समय बड़ी तेजी से निकला और मुझे काम करते हुए 5 वर्ष हो चुके थे। इन 5 वर्षों में मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला था और यह सब पापा की वजह से ही संभव हो पाया था क्योंकि पापा ने ही मुझे अपने बिजनेस के तौर तरीके और अपने काम की बारीकियों को सिखा दिया था।

रोहित से मेरी बात तो होती रहती थी लेकिन उससे मेरी मुलाकात सिर्फ एक या दो बार ही हो पाई थी अब वह अमेरिका में ही सेटल हो चुका था। एक दिन उसका मुझे फोन आया तो वह मुझे कहने लगा पारस मैं दिल्ली आ रहा हूं मैंने रोहित से कहा चलो यह तो बहुत अच्छा है कम से कम इतने समय बाद तुम मुझे मिलोगे तो सही पिछले दो वर्षों से हम लोगों की मुलाकात भी नहीं हो पाई है। रोहित मुझे कहने लगा हां क्यों नहीं मैं बस तुम्हारे पास अगले हफ्ते पहुंच जाऊंगा मैंने रोहित से कहा चलो ठीक है तो फिर हम लोग मुलाकात करते हैं।

Desi Chudai stories मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे

रोहित कहने लगा मैं तुम्हें पहुंच कर फोन करता हूं मैंने उससे कहा हां तुम मुझे पहुंच कर फोन कर देना, रोहित जब अपने घर पहुंच गया था तो उसने मुझे फोन किया और उसके बाद मैं उससे मिलने के लिए उसके घर पर गया। जब मैं उसके घर पर गया तो उसके पापा का चेहरा उतरा हुआ था मेरी तो कुछ समझ में नहीं आया मैं सोफे पर बैठा हुआ था रोहित के पापा मेरी तरफ देख रहे थे उन्होंने मुझसे पूछा पारस बेटा तुम क्या कर रहे हो। मैंने उन्हें बताया कि अंकल मैं तो अपने पापा का ही काम संभाल रहा हूं, रोहित के घर पर मैं काफी सालों बाद गया था तो रोहित के पापा के मन में कई सवाल थे।

वह मुझसे कुछ पूछने लगे तो मैंने उनके सवालों का जवाब दे दिया लेकिन वह रोहित को कहने लगे कि देखा पारस भी तो अपने पापा का काम संभाल रहा है और एक तुम हो कि तुम हमें अकेला छोड़ कर अमेरिका चले गए। मैंने रोहित और उसके पापा के बीच में बोलना उचित नहीं समझा इसलिए मैंने कुछ भी नहीं कहा और जब रोहित ने मुझे कहा कि चलो मेरे रूम में चलते हैं तो हम दोनों उसके रूम में चले गए। रोहित और मैं साथ में बैठे हुए थे रोहित ने मुझे कहा कि तुम्हारा काम कैसा चल रहा है मैंने रोहित से कहा मेरा काम तो अच्छा चल रहा है लेकिन तुम सुनाओ तुम तो लगता है अमेरिका में ही सेटल हो चुके हो। रोहित मुझे कहने लगा यार अब तुम्हें क्या बताऊं यहां रहने का बिल्कुल भी मन नहीं करता है और मैं तो सोच रहा हूं कि अमेरिका में ही शादी करूं।

रोहित की बातों से इतना तो प्रतीत हो चुका था कि उसने अपने लिए कोई लड़की देख ली है रोहित मुझे कहने लगा कि क्या तुमने अपने लिए कोई लड़की देख ली है। मैंने उसे कहा कहां यार मैंने तो अपने लिए कोई लड़की नहीं देखी है लेकिन इतना जरूर है कि पापा और मम्मी मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। रोहित मुझे कहने लगा अच्छा तो वह तुम्हारे लिए लड़की देख रहे हैं मैंने कहा हां वह लोग मेरे लिए लड़की देख रहे हैं। रोहित ने मुझे जब नताशा की फोटो दिखाई तो वह कहने लगा यह तुम्हारे होने वाली भाभी हैं मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम्हारी इतनी आगे बात बढ़ चुकी है और तुम मुझे अब बता रहे हो। रोहित मुझे कहने लगा कि नताशा और मैंने सगाई भी कर ली है मैंने रोहित से कहा लेकिन तुमने तो घर में किसी को भी नहीं बताया। रोहित कहने लगा यार यदि मैं घर में यह सब बताऊंगा तो पापा मुझ पर गुस्सा हो जाएंगे इसलिए मैंने उन्हें यह सब बताना ठीक नहीं समझा।

मैंने रोहित से कहा लेकिन तुम्हें उन्हें बता देना चाहिए रोहित कहने लगा उन्हे मैं कुछ समय बाद बता दूंगा। रोहित पूरी तरीके से बदल चुका है वह पहले वाला रोहित नहीं रह गया है जो कि पहले बातें सीधा ही किया करता था। रोहित अब बातों को बहुत ही तोड़ मरोड़ कर पेश किया करता है।

रोहिता पूरी तरीके से बदल चुका था और वह पहले वाला रोहित नहीं रह गया था मैं उसके साथ बैठा हुआ था और उससे बात कर रहा था। मैंने रोहित से कहा रोहित मैं घर जा रहा हूं तो वह कहने लगा कि चलो मैं तुमसे दोबारा मुलाकात करता हूं। मैंने रोहित से कहा ठीक है, मैं जब घर आया है तो मैं सोचने लगा कि रोहित कितना बदल चुका है क्योंकि वह तो बिल्कुल भी पहले जैसा नहीं रहा और उसके बदलने का कारण सिर्फ यही था कि वह अमेरिका चला गया था। वह अपने पापा के साथ रहना ही नहीं चाहता था यही कारण था कि उसके पापा और उसके बीच में अब दूरियां पैदा होने लगी थी। रोहित अपनी जिंदगी अच्छे से जी रहा था वह अपने जीवन को पूरा एंजॉय करना चाहता था। जब में रोहित के घर दोबारा से गया तो उसके घर में 22, 23 वर्ष की उसकी नौकरानी थी।

मैंने रोहित से पूछा नौकरनी कब रखी तो वह कहने लगा पापा ने ही रखी है मुझे तो इसके बारे में ज्यादा नहीं मालूम और ना ही मैं उनसे इस बारे में बात करता हूं। उसकी नौकरानी की उभरी हुई गांड को देखकर में उसे चोदने  के बारे में सोचने लगा। वह मेरे पास आई और वह मुझे कहने लगी साहब पानी पी लो जब उसने मुझे पानी दिया तो मैंने देखा कि उसके स्तनों बाहर झांक रहे हैं। मैंने उसे कहा आओ ना मेरे पास बैठो मैंने उसे अपने पास बैठा दिया वह शर्मा रही थी रोहित मुझे कहने लगा मैं कुछ देर बाद आता हूं।

रोहित भी चला गया था मैं अकेला ही था इसलिए मैं उसे चोदना चाहता था मैंने उसे कुछ पैसे दिए और वह भी पैसों के लालच में आ गई। मैंने उससे अपने लंड को चूसने के लिए कहा वह मेरे लंड को अच्छे से मुंह में लेकर चूस रही थी और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। काफी देर तक उसने ऐसे ही मेरे लंड को अपने मुंह मे लेकर चूसा। जब मैंने उसके बदन से कपडे उतारे तो उसकी जालीदार पैंटी और उसका सावला रंग मेरे सामने था। मैंने उसकी चूत के अंदर उंगली को डाला लेकिन उंगली जा ही नहीं रही थी।

मैंने उसे कहा लगता है तुम्हारी चूत मैं अपने लंड को ही घुसाना पड़ेगा। उसने अपनी गर्दन नीचे कर ली और कहने लगी साहब अगर कोई आ गया। मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम बिस्तर में लेट जाओ वह बिस्तर में लेट गई। जब वह लेटी मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया मैं उसकी गांड मारना चाहता था मुझे बड़ा मजा आ रहा था। मैंने उसके स्तनों के बीचो-बीच अपने लंड को लगाया और अपने लंड को उसके स्तनों पर रगडने लगा लेकिन जब उसने दोबारा से मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो उसे अच्छा लग रहा था। वह लंड को ऐसे ही चूस रही थी लेकिन जैसे ही मैंने उसकी चूत मे लंड घुसाना शुरू किया तो मेरा लंड उसकी योनि के अंदर तक घुस चुका था। मेरा लंड उसकी योनि में जाते ही उसके मुंह से चीख निकल और उसकी चीख के साथ मैंने उसक चूतडो को खोल कर रख दिया। उसके दोनों पैरों को मैंने चौड़ा कर लिया था मैंने उसे तेज धक्के देने शुरू कर दिए वह पूरी तरीके से चिल्लाने लगी थी।

वह मुझे कहने लगी कि मुझसे नहीं रहा जा रहा मैंने उसे कहा कोई बात नहीं तुम्हें अब अच्छा लगने लगेगा। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखकर उसे तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए और मैंने इतनी तेज गति से उसे धक्के मारे। वह मुझे कहने लगी मालिक मुझे छोड़ दो लेकिन मैंने उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया था और उसे छोड़ने का तो कोई सवाल ही नहीं था। मैंने उसे कहा मैं तुम्हें और पैसे दूंगा तुम मुझसे अपनी गांड मरवा लो पैसे के लालच में वह आ गई और मुझसे भी गांड मरवाने के लिए तैयार हो गई।

मैंने जब अपने लंड पर थूक लगाते हुए उसके अंदर प्रवेश करवाया तो मेरा लंड उसकी गांड मे जाने को बेताब था जैसे ही मेरा लंड अंदर की तरफ घुसा तो उसके मुंह से तेज चीख निकल पड़ी। वह कहने लगी मुझसे नहीं रहा जाएगा वह अपनी चूतडो को पकडकर मेरी तरफ करने लगी। मैं उसकी चूतड़ों के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था और 5 मिनट के बाद जब मेरे वीर्य की बूंदों से मैंने उसकी गांड के छेद को भर दिया तो वह मुझे कहने लगी कि मुझे मजा आ गया। मैंने उसे कहा अच्छा तो तुम्हें अब मजा आ गया लेकिन तुमने मुझे बहुत अच्छा मजा दिया।

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मुझे पता है तुम मुझे चोदोगे https://sexstories.one/tum-meri-bur-chodo/ Sat, 29 Jan 2022 07:28:00 +0000 https://sexstories.one/?p=4534 उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा...

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Meri bur Chodo  मेरा दोस्त एक बार मुझे अपने घर लेकर जाता है मैं जयपुर का रहने वाला हूं मेरे दोस्त गौरव का घर अजमेर में है। गौरव मुझसे कहता है की तुम कुछ दिनों के लिए मेरे साथ अजमेर चलो, गौरव और मैं एक साथ एक ही कंपनी में नौकरी करते हैं। गौरव की बात को मैं मना ना कर सका और उसके साथ मैं उसके घर अजमेर चला गया, मैं जब उसके घर गया तो मैंने देखा उसके परिवार में काफी लोग हैं उसका परिवार काफी बड़ा था मैंने गौरव से कहा तुम्हारा परिवार तो बहुत बड़ा है, गौरव कहने लगा हां हम सब लोग एक साथ रहते हैं और हमारे परिवार में कभी भी कोई झगड़ा नहीं होता सब लोग मिलजुल कर एक दूसरे का पूरा साथ देते हैं।

गौरव के पिताजी का व्यवहार भी मुझे बहुत अच्छा लगा और उनके साथ मैं जब भी बात करता तो मुझे अपने पिताजी की याद आ जाती मैं उन्हें कहता कि मैं जब भी आपसे बात करता हूं तो मुझे अपने पिताजी की याद आ जाती है, वह कहने लगे कि बेटा मैं भी तुम्हारे पिताजी की उम्र का हूं और तुम्हें जब भी मेरी जरूरत हो तो तुम मुझे कहना क्योंकि मेरे पिताजी का देहांत कुछ वर्ष पहले हो चुका था और उसके पिताजी मुझे उसी तरीके से समझते थे जिस प्रकार से मेरे पिताजी मुझे समझाया करते थे।

मैं उसके घर पर 4 दिन रहा लेकिन इन 4 दिनों में मुझे ऐसा लगा कि जैसे वह मेरा ही घर हो,  मुझे बहुत अच्छा लगता है जब भी गौरव और मैं साथ में होते हैं, गौरव मुझे हमेशा कहता कि राज तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो और जब से मेरी दोस्ती तुमसे हुई है तुमने मुझे कभी भी कोई परेशानी नहीं आने दी, हम लोग जब अजमेर से वापस लौट रहे थे तो बस में ही मुझे एक लड़की दिखी शायद वह भी जयपुर जा रही थी वह हमारे सामने वाली सीट में बैठी हुई थी मैं उसे ही देखे जा रहा था और मैं उसे बड़े ही ध्यान से देखता लेकिन जब वह अपनी बड़ी बड़ी आंखों से मेरी तरफ देखती तो मैं अपनी नजर झुका लेता, मैंने गौरव के कान में कहा यार यह लड़की मुझे बहुत पसंद आ रही है क्या इससे मेरी बात हो सकती है, गौरव मुझे कहने लगा राज तुम एक काम करो उस लड़की को एक चिट्ठी लिखो, मैंने उसे कहा तुम्हारा दिमाग सही है आजकल के जमाने में भला कौन चिट्ठी देता है, वह मुझे कहने लगा तुम ऐसा करो तो सही।

मैंने भी एक पेपर में अपना नाम और उस लड़की के बारे में थोड़ा बहुत लिखा जिससे कि वह लड़की प्रभावित हो सके और मैंने वह पेपर उसकी तरफ फेंक दिया उसने जब वह पेपर खोल कर देखा तो वह मुस्कुराने लगी, मुझे कहां पता था कि वह भी मुझे अपना नंबर दे देगी उसने उसी पेपर के पीछे अपना नंबर लिख कर मेरी तरफ फेंक दिया मुझे जब उसका नंबर मिला तो मैं बहुत खुश हो गया मैंने गौरव से कहा यार तुम्हारा तो कोई जवाब ही नहीं है क्योंकि वह लड़की अपने पिताजी के साथ बैठी हुई थी इसलिए उस वक्त तो उससे बात नहीं हो सकती थी परंतु जब हम लोग जयपुर पहुंच गए तो मैंने अपने घर से उसे फोन किया और उसका नाम पूछा, उसका नाम कविता है।

Desi Incest Stories मां का प्यार

मैंने कविता से पूछा तुम क्या करती हो तो वह कहने लगी कि मैं फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही हूं और हम दोनों एक दूसरे से घंटों बात किया करते हैं लेकिन मै कविता से मिल नहीं पाया था और उससे मिलने के बारे में एक दिन मैंने सोची, मैंने गौरव से कहा यार आज मैंने कविता से मिलने की सोची है क्या तुम मेरे साथ चलोगे, गौरव कहने लगा क्यों नहीं उस दिन हमारे ऑफिस की छुट्टी भी थी और हम दोनों अच्छे से बन ठन कर कविता से मिलने के लिए चले गए जब हम दोनों कविता से मिलने गए तो कविता के साथ उसकी एक सहेली भी आई हुई थी और हम लोग जिस जगह बैठे हुए थे वहां पर हम लोग एक दूसरे को देखते रहे मैंने सोचा कि पहले कविता कुछ कहे लेकिन 5 मिनट तक तो हम लोग कुछ भी बात नहीं कर पाए, तब गौरव ने कहा कि तुम लोग तो बिल्कुल ही चुप हो गए क्या एक दूसरे से कोई बात नहीं करोगे? तब जाकर कविता ने मुझसे बात की कविता मुझसे कहने लगी मुझे तुमसे बात करने में थोड़ा अजीब लग रहा है, मैंने कविता से कहा मुझे भी काफी अजीब लग रहा है क्योंकि मैं पहली बार किसी लड़की से बात कर रहा हूं।

अब हम लोगों की बातें शुरू हो चुकी थी और हम सब लोग एक दूसरे की बातों में इतने खो हो गए कि समय का पता ही नहीं चला उस दिन हम लोगों ने एक साथ 4 घंटे साथ में बिताए लेकिन मुझे लगा कि शायद 4 घंटे भी कम है जब गौरव और मैं वापस लौटे तो मैंने कहा यार आज तुम्हारी वजह से मैं कविता से बात कर पाया, गौरव मुझे कहने लगा राज मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं और उसके बाद कविता और मैं एक दूसरे से मिलने लगे, हम दोनों जब एक दूसरे से मिलते तो एक दूसरे को जरूर कोई ना कोई गिफ्ट दिया करते एक दिन मुझे कविता का फोन आया और कहने लगी कि मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली जा रही हूं शायद तुम से मेरी बात ना हो पाए, मैंने कविता से पूछा लेकिन तुम दिल्ली से कब लौटोगी तो कविता कहने लगी कि मैं दिल्ली से एक महीने बाद आऊंगी।

मैंने सोचा कि चलो आज रात मैं कविता से बात कर सकता हूं, मैंने कहा चलो ठीक है हम लोग एक महीने तक बात नहीं करेंगे लेकिन आज पूरी रात मैं तुमसे बात करना चाहता हूं, कविता कहने लगी ठीक है, उस दिन वह चोरी छुपे मुझसे फोन पर बात करने लगी मैंने उससे लगभग सुबह के 4:00 बजे तक बात की और जब मेरी आंख लगी तो मुझे भी पता नहीं चला कि समय क्या हो गया है उस दिन मैं ऑफिस भी नहीं जा पाया क्योंकि 4:00 बजे जब मैं सोया तो मेरी आंखें नहीं खुली जब मैंने अपने फोन को देखा तो मेरे फोन पर गौरव ने 20 बार कॉल किया हुआ था।

मैंने गौरव को कॉल बैक किया और कहा कि आज तो मैं ऑफिस नहीं आ सकता मैंने गौरव को सारी बात बताई गौरव कहने लगा चलो कोई बात नहीं तुम आज आराम करो और मैं उस दिन घर पर ही था लेकिन मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी मेरा मन कविता से बात करने का होने लगा परंतु उससे मेरी बात हो ही नहीं सकती थी और इसी वजह से मुझे टेंशन होने लगी, मैंने जब गौरव को यह बात बताई तो गौरव कहने लगा चलो कोई बात नहीं एक महीने तो ऐसे ही कट जाएगा तुम्हें कुछ पता भी नहीं चलेगा लेकिन मेरा मन तो सिर्फ कविता से बात करने का था और कविता और मेरी सिर्फ मैसेज के द्वारा ही बात हो पाती, कविता मुझसे सिर्फ इतना ही कहती कि मैं ठीक हूं इससे ज्यादा मेरी उससे बात ही नहीं हो पाती, मैंने कविता से कहा कि मैं तुम्हें बहुत मिस कर रहा हूं और तुमसे फोन पर बात करना चाहता हूं लेकिन कविता ने रिप्लाई किया कि अभी यह संभव नहीं हो पाएगा।

मैं हमेशा सोचता कि कब एक महीना कटेगा, धीरे-धीरे समय भी कटता गया और एक दिन मुझे कविता का फोन आया जिस दिन मुझे कविता का फोन आया मैंने उसे कहा कि मुझे तुमसे आज मिलना है, कविता कहने लगी कि आज तो मैं नहीं मिल पाऊंगी क्योंकि आज ही मैं दिल्ली से लौटी हूं कल हम लोग मिल लेते हैं, मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुमसे कल मुलाकात करता हूं, रात भर मैं कविता से बात करता रहा और उसे मैंने बताया कि मैंने उसका इंतजार कितनी बेसब्री से किया। मैं जब अगले ही दिन कविता को मिला तो मैंने उसे देखते ही गले लगा लिया। वह मेरे साथ मेरे घर पर आई हुई थी मैंने कविता के होठों को भी चूमना शुरू किया।

उसके गालों पर मैंने किस किया तो वह मुझे कहने लगी तुम यह सब क्या कर रहे हो मैंने उसे कहा मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार कर रहा था और इतने दिनों से मैं तुमसे बात नहीं कर पाया तुम्हें पता है मैंने तुम्हें कितना मिस किया। वह कहने लगी मुझे भी मालूम है मैंने भी तुम्हें बहुत मिस किया लेकिन इस बीच मेरी तुमसे बात ही नहीं हो पाई। कविता और मैं एक दूसरे के होठों को चूमते रहे हम दोनों के अंदर गर्मी बढ़ने लगी। मैंने कविता के स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरु किया और कविता के सलवार के अंदर जब मैंने अपने हाथ को डाला तो उसकी चूत को मैं अपने हाथों से सहलाने लगा। उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और वह मचलने लगी, वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मैंने उसके नाडे को तोड़ दिया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। जब मैंने उसकी चूत को चाटा तो उसे भी बहुत अच्छा महसूस होता, काफी देर तक मैंने उसकी कोमल चूत के मजे लिए। मैंने कविता से कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो, उसे मेरे लंड को अपने मुंह मे लेने मे कोई आपत्ति नहीं जताई और अपने मुंह में ले लिया।

वह लंड को संकिग करने लगी काफी देर तक तो वह मेरे लंड को चुसती रही, मेरे लंड ने भी पूरा पानी बाहर की तरफ को छोड़ना शुरू किया था। मैंने कविता की चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया, जैसे ही मेरा मोटा लंड कविता की चूत में प्रवेश हुआ तो वह चिल्लाते हुए मुझे कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा है। वह अपने दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए मुझे कहने लगी मेरी चूत को मजा आने लगा है। उसकी चूत से खून निकलने लगा, मैंने उसे कहा तुमने जैसे पहले कभी सेक्स नहीं किया। वह कहने लगी मैंने पहले कभी भी सेक्स नहीं किया, मैं और कविता एक दूसरे के साथ काफी देर तक सेक्स करते रहे, जब मेरा वीर्य मैंने कविता की योनि में गिराया तो वह मुझे कहने लगी मुझे कोई कपड़ा दे दो। मैंने उसे कपड़ा दिया उसने अपनी चूत को अच्छे से साफ किया और उसने अपने कपड़े पहन लिए। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश थे उसके बाद भी कविता और मेरी हमेशा बात होती रहती। जब भी कविता मुझे फोन करती तो मैं उसे कहता तुम मुझसे मिलने आ जाओ लेकिन वह मुझसे मिलने नहीं आती।

वह कहती यदि मैं तुमसे मिलने आऊंगा तो तुम मेरी चूत मारोगे लेकिन फिर भी मैं उसे अपने पास बुला ही लेता।

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रेशमा की काली चूत https://sexstories.one/reshma-ki-jawani-kaali-choot/ Mon, 24 Jan 2022 07:11:12 +0000 https://sexstories.one/?p=5119 थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया...

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Reshma ki Jawani aur Kaali Choot – नमस्कार मेरे चूत के दीवानों और लंड की मस्तानियों! मेरा नाम विशाल शर्मा है और मैं एक 28 साल का नौजवान लड़का हुँ , मैं जयपुर में रहता हुँ , ये कहानी मेरी और एक जवान लड़की रेशमा के बीच की अद्भुत सेक्स कहानी है जिसने मेरी जिंदगी को बदलकर रख दिया , रेशमा मेरे पड़ोसी अंकल की बहु है जो 30 साल की है और जिसकी शादी जैद से हो गयी थी , मेरी कहानी शुरू करने से पहले उसके कामुक बदन की सैर कर लीजिए..

रेशमा करीब 5 फुट 5 इंच की भरे पूरे गदराए बदन की मालकिन है , जिसका फिगर देख कर ही लंड पागल होकर फड़कने लग जाता है , रेशमा 36-32-38 फिगर की मालकिन है , और एक बात जो रेशमा को सबसे खास बनाती है वो है उसका काला रंग , इस बारे में हम आगे जानने वाले हैं, रेशमा की शादी 18 साल की उम्र में ही जैद से ही चुकी थी , जैद शादी के 1 महीने बाद ही दुबई में नौकरी करने चला गया था , जैद कभी कभी साल में 1 , 2 बार घर आता है लेकिन जब भी आता है रेशमा को चोद चोदकर बुरा हाल करके ही जाता ..

यह मुझे तब पता चला जब एक बार मैंने गलती से छत पर उन्हें चुदाई करते देख लिया था, लेकिन रेशमा फिर भी जैद से खुश नही थी , इसका कारण था जैद का दुबई से मोहब्बत करना , असल मे जैद घर पर बहुत कम रुकता था यहां तक कि दुबई से इंडिया आने के बाद भी वो घर न आकर जगह जगह घूमता रहता था इसके पीछे का राज उसकी हवस थी , जिसके बारे में मुझे बाद में पता चला , यूं तो रेशमा का फिगर किसी भी लंड की पिचकारी निकालने के लिए काफी है लेकिन जैद रेशमा को पसंद नही करता था क्यों कि रेशमा देखने मे खूबसूरत नही थी…

इसके बावजूद भी रेशमा की चूत के पीछे कई लोग पागल थे , अब थोड़ा मेरे बारे आप को बता दूं , मैं जयपुर में एक फ्रीलेन्सर हु और अच्छी खासी कमाई हो जाती है साथ ही मेरे पास खाली समय भी रहता है जिसमे मुझे तरह तरह की लड़कियों की चूत मारने का समय मिल जाता है कभी टिंडर से तो कभी किसी मस्त चिकनी लड़की को पटाकर उसकी चूत का भोसड़ा बनाने का मौका मिल जाता है लेकिन रेशमा के फिगर को देखकर कई बार उसके नाम की मुठ मारकर लन्ड की हालत खराब कर दी…

असल मे मुझे ऐसी लड़कियां काफि पसंद आती है जो देखने मे बदसूरत लगे लेकिन उनके फिगर को देखकर किसी का भी पानी निकल जाए साथ ही काली चूत का मैं हमेशा से दीवाना रहा हु , न जाने गोरी चूत से ज्यादा काली चूत चोदने में मुझे ज्यादा मजा क्यों आता है खैर….! रेशमा अधिकतर घर के काम काज में व्यस्त रहती थी इसलिए मुझे कभी उस से अकेले में बात करने का मौका नही मिला नही तो मैं उसे कब का अपनी जान बनाकर चूत की धज्जियां उड़ा देता , पर संयोग से एक दिन रेशमा छत पर घूम रही थी ,छत पर वह बुर्का लगाकर रहती है कसम से बुर्के में उसे देखकर लन्ड अचानक पेंट से बाहर निकलने के लिए तड़प उठता लेकिन जैसे तैसे मैने खुद को संभाला और रेशमा के गदराए बदन पर अपनी हवस भारी नजर डाली , मैं बेशर्म होकर उसे देख रहा था और रेशमा भी मुझे देख रही थी ।

हमारी छत एक दूसरे के पास थी इसलिए वह मुझसे ज्यादा दूर नही थी , जब वह कपड़े सुखाते सुखाते मेरी तरफ आयी तब मैंने कहा

और भाभी आप तो पहली बार दिखाई दिए हो मुझे तो पता ही नही था इस घर मे कोई लड़की रहती भी है या नही ( रेशमा से एक दो बार उसके की मौजूदगी में मेरा परिचय हो रखा था )

रेशमा – शर्माते हुए , क्या करे काम काज बहुत रहता है

मैं बोला – और भाभी जैद भैया कब आने वाले है उनके बिना आप अकेले कैसे रह लेती हो

रेशमा -अब क्या बताऊँ वो तो साल में एक दो बार ही दर्शन देते हैं बाकी समय तो मैं मन मसोस कर……

मैं – ओह्ह यह तो बड़ी परेशानी है शादी के 10 साल से ज्यादा हो गए फिर तो आप जैद भैया के साथ ज्यादा देर तक राह नही पाए , दुबई जाने से पहले के दिन तो आपके लिए यादगार होंगे

रेशमा – कौनसे दिन , आपके भैया तो मुझे बिल्कुल पसंद नही करते , उन्हें मेरी शक्ल बिल्कुल पसंद नही , बस शरीर को ही नोच….. (इतना कहते ही रेशमा भाभी रुक गयी क्यों कि जैद का ठरकी बाप ऊपर आ चुका था । में भी सोचने लगा असली point की बात आते ही ये मादरचोद कबाब में हड्डी बनके आ गया अब भाभी नीचे चली गयी और मैं उस ठरकी अंकल से politics को लेकर बकचोदी करने लग गया )

इसके बाद रेशमा भाभी कई बार छत पर आने जाने लगी और हमारी नॉर्मल बातें होती रही , बीच बीच में मैं रेशमा भाभी की दुखती रग पर हाथ रख देता जिस से उनकी उत्तेजना बढ़ जाती , वो समझ चुकी थी कि मैं बार बार उनकी सेक्स life के बारे में indirectly क्यों जिक्र करता हूँ )

एक दिन मैंने पूछ लिया भाभी आप उस दिन क्या कह रही थी , जो कहते कहते रुक गयी ।

तब रेशमा भाभी ने मुझे बताया कि वो जैद से बहुत परेशान है , न तो वो उसे पसंद करता है , न उससे प्यार से सेक्स करता है , शादी उसने जबरदस्ती ही कि थी क्यों कि वो दिखने में काफी बदसूरत है और रेशमा भी गरीब परिवार से थी , सो दोनों तरफ से जबरदस्ती शादी हुई ,जैद को रेशमा की शक्ल बिल्कुल पसंद नही थी , न जाने उसे करीना कपूर जैसी सुंदर और गोरी लड़की क्यों चाहिए थी जबकि खुद दिखने में राजपाल यादव जैसा था और 8 वी फैल पर सपने बड़े बड़े

भाभी ने यह भी बताया कि शुरुआत में कुछ समय तक तो औरत का भूखा जैद उनसे मजे लेकर सेक्स करता था लेकिन 1 महीने बाद जब वो दुबई गया और एक साल बाद वापस आया तो वह उनसे मार पिटाई करके wild सेक्स करता था , जो रेशमा को पसंद नही आता था और जैद साल में 1,2 बार ही घर आता था , जिससे रेशमा की फुदकती चूत की आग बढ़ती ही जा रही थी ।

रेशमा भाभी ने बताया कि जैद दुबई में रहकर अच्छे पैसे कमाकर रंडियों के साथ चुदाई करता था उसने कई गोरी चिट्टी लड़कियों को पटा रखा था साथ ही जब इंडिया में आता तो यहां भी रंडियों के पास ही रात गुजरता , वह अपने ज्यादा पैसे इसी अय्यासी में उड़ा देता था , कभी बेंगलोर कंही पुणे जाकर होटल में किसी सुंदर रांड को बुलाकर उसके साथ हमबिस्तर होता था ।

ये वजह थी कि रेशमा की सेक्स life बिल्कुल सुनी थी ।

मैंने पूछा भाभी आपको ये सब कैसे पता चला ?

तब भाभी ने कहा ये हरामी खुद ही मुझे ये सब बताता है ताकि मैं परेशान हो जाउ और कहता है कि तू बिल्कुल सुंदर नही मैं तो सुंदर लड़कियों के ही मजे लेता रहूंगा , पैसे दे देकर

खैर….. मैने बात बदलते हुए कहा

छोड़ो भाभी , आपका पति तो आपको संतुष्ट नही कर सकता लेकिन आपकी जवानी अभी काफी बाकी है इस से अच्छा आपको भी कोई और रास्ता खोजना चाहिये ।

भाभी बोली – क्या मतलब ?

मैंने कहा – क्या आप खुद को कंट्रोल कर पाते हो सेक्स के लिए

तो भाभी ने कहा – बिना सेक्स के मेरी हालत खराब हो जाती है लेकिन जैसे तैसे करके मुझे कंट्रोल करने ही पड़ेगा अब क्या करू आपके पास कोई रास्ता ह क्या ? (भाभी और मैं एक दूसरे को हवस भरी नजरों से देख रहे थे )
मैंने जानबूझकर कहा – आपको तो अब अपनी उंगली से ही काम चलाना पड़ेगा अब यही रास्ता बचा है

तो भाभी बोली – उंगली से ही तो 10 साल निकाल दिये, मैने तो सोचा आप कोई मर्दों वाली बात करोगे

तो मैंने कहा – मेरी मर्दानगी आपकी चीखें निकाल सकती

रेशमा ने कहा – अब चाहे कितनी चीखें निकले मुझे परवाह नही

यह सुनकर मै अपनी छत से उनकी छत पर गया और जैसे ही रेशमा भाभी के पास गया तो वो दूर हट गई

तो मैंने कहा – लगता है आपकी भी गांड में दम नही

रेशमा भाभी – ने शर्म लाज छोड़कर अपना पल्लू गिराके मेरे लंड की तरफ देखकर अपने होठों को काटते हुए मेरे पास बढ़ी

मैने लपक कर भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और उसके मोटे मोटे होटों पर अपने होंठ रख कर बेतहासा चूमने लगा , होंठ चूमते हुए मेरा एक हाथ भाभी की पीठ को सहला रहा था तो एक हाथ उसकी मोटी गांड को दबा रहा था
5 मिनट तक रेशमा के काले होंठो रस पीने के बाद हम एक बार के लिए एक दूसरे से अलग हुए

रेशमा बोली चलो कमरे में चलते है

रेशमा ने छत का दरवाजा बंद कर दिए और मैं उसे अपनी गोदी में उठाकर कमरे में ले गया , और कमरे में ले जाकर मैने उसे बिस्तर पर पटक कर गिरा दिया

उसका पल्लू गिर चुका था , उसके मोटे मोटे boobs बाहर आने को बेताब थे ।

उसके चेहरे पर सालों की प्यास आसानी से दिखाई दे रही थी और मेरा लन्ड भी एक काली चूत की गहराइयो में जाने को बेताब हो रहा था ।

मैं रेशमा के ऊपर टूट पड़ा

फिर से उसके होंठों को चूमते हुए एक हाथ उसके मोटे मोटे काले काले मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था और दूसरे हाथ उसके सर को कस के पकड़ कर उसके होठों को मैं खा रहा था ।

बेतहासा चूमते हुए मैंने रेशमा को लिटाते हुए अपना हाथ उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी चूत के ऊपर ले गया और मेरा हाथ उसकी चूत को चड्डी के ऊपर से मसलने लगा , रेशमा की चूत पानी छोड़ने लगी ।

रेशमा को लगातार kiss करते हुए मेरा हाथ उसकी चूत की गहराई में जाने को तड़प रहा था और वहीं रेशमा ने अपने हाथ से मेरे लन्ड को कच्छे के ऊपर से मसलना शुरू कर दिया ।

10 मिनिट तक उसके होंठों को चूसने के बाद रेशमा ने मेरी पेंट की जिप खोली और मेरे लौड़े को बाहर निकाल कर आजाद कर दिया ।

2 सेकेंड़ के लिए मेरे uncut लौड़े को देखकर उसने अपनी लार टपकाते हुए लौड़े पर एक प्यासी नजर से देखा और तपाक से पूरे लौड़े को मुंह मे ले लिया

मेरा लन्ड रेशमा के होंठो की गिरफ्त में आ चुका था , रेशमा किसी लॉलीपॉप की तरह लंड को मस्त चुन्स रही थी ।

सालों से प्यासी रेशमा लन्ड पर ऐसे टूट पड़ी जैसे प्यासा पानी पर टूट पड़े ।

किसी पोर्नस्टार की तरह मस्ती से आह आह उम्म उम्म करते हुए रेशमा मेरे लन्द को बेतहासा आगे पीछे करते हुए चुन्स रही थी

में जन्नत की सैर कर रहा था

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5 मिनिट तक लौड़े की बेतहासा चुसाई के बाद मैंने रेशमा को पकड़ कर लिटा दिया और एक एक करके उसके सारे कपड़े खोल दिए

रेशमा को नंगी बदनं के साथ कोई एक बार देख ले तो उस से सुंदर दुनिया मे कोई औरत नही लग सकती

रेशमा के मोटे मोटे पहाड़नुमा मम्मे देखकर मैं पागल हो गया

उसके nipples काफी लंबे थे यह देख मेरा लन्ड फड़क उठा

नीचे देखते ही लंड हिलोरे मारने लगा , रेशमा की काली चूत उसकी भूरी झांटो के पीछे छिपी हुई शर्मा रही थी ।

अब मुझसे रहा नही गया

मैम रेशमा की चूत पर टूट पड़ा

69 पोज़िशन मैं और रेशमा नंगे होकर एक दूसरे के अंग को चुन्स रहे थे ।

एक तरफ मैं रेशमा की काली चूत को बेतहासा चूँस चूँस कर चूत को गीला करता जा रहा था वहीं रेशमा उतने ही जोश से मेरे लन्ड की भयंकर चुदायी कर रही थी ।

रेशमा कभी तो लन्ड के टोपी को जीभ से चारो तरफ घुमा कर चुंसती तो कभी पूरा लन्ड आगे पीछे कर मुंह मे अंदर तक लौड़े को सैर करवाती ।

वहीं मैं रेशमा की चूत के अंदर जीभ डाल डाल कर जीभ से उसे चोदते हुए चूत रस पान कर रहा था ।

रेशमा मेरे लौड़े को अपने गले के अंदर तक उतार उतार कर अपनी मुंह की चुदायी करने लगी

अब लंड जवाब देने लगा ,

रेशमा के गले मे उतरते हुए लन्ड ने पिचकारी छोड़ दी और रेशमा ने पूरा माल सीधे गले मे ही गटक लिया

इधर रेशमा भी कुछ देर बाद चूत चुसाई से अपने रस छोड़ने लगी ।

अब थोड़ी देर हम दोनों लिपट कर बातें करने लगे , रेशमा बोलने लगी कि अब तो हर रात उसे मेरे साथ रंगीन करनी है , और वह मेरी रंडी बनकर मेरे साथ चुदती रहेगी , रेशमा के ऊपर लेटते हुए उसकी बातें सुनकर लन्ड फिर से खड़ा हो गया
इस बार मैंने ज्यादा समय न गवांकर रेशमा को तुरंत उल्टा किया और उसके बाल खींचते हुए गांड की तरफ अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया

और रेशमा के बालों को खींचते हुए उसे पीछे से चोदने लगा

रेशमा जोर जोर से बोलने लगी

हाय अल्लाह मेरी चूत का भोसड़ा बना दे

चोद साले चोद बहनचोद अपनी रंडी को

चोद मेरी काली चूत को

बुझा दे मेरी बरसो की प्यास

इधर में उसकी गंदी बातें सुनते हुए उसकी चूत में धक्के पेल रहा था , रेशमा की काली चूत में मैं आसानी से पेलम पेलाई कर रहा था और उसे गालियां देकर अपनी रंडी बनाकर चोद रहा था ।

उसके मुंह को घुमाकर उसके होंठों को चुंस्ते हुए उसकी चूत का भोसड़ा बनाने लगा ।

रेशमा जोर जोर से चुदने लगी

अब रेशमा मेरे ऊपर बैठकर cowgirl पोजिशन में आ चुकी थी और तूफान एक्सप्रेस की drive करने लगी और अपनी चूत को आगे पीछे करके चुदवाने लगी

क्यों साली तेरा पति तेरी चूत नही चोदता क्या

बहन की लौडी

ले ले मेरा लौडा

गालियां दी देकर उसकी चूत का बाजा मैं बजाता रहा रेशमा भी जोश में गंदी बाते बोलकर चुदवा रही थी

साले हरामी मादरचोद

मेरी काली चूत का भोसड़ा बना

मेरा पति नामर्द है बहुत दिन बाद एक मर्द हाथ लगा तेरे लन्ड को पूरा निचोड़कर कर ही मानूँगी

मार मेरी छिनाल चूत को , फाड़ दे इस काली रंडी को

अब मैंने उसे फिर से उल्टा लिटाकर उसकी चूत बजानी शुरू कर दी इसी बीच मैनी अचानक अपना लंड चूत से निकालकर उसकी गांड में डालने लगा

रेशमा की गांड के छेद ने मेरे लौड़े को आसानी से अपने अंदर ले लिया मानो रेशमा को इसी का इंतजार था

मैने सोचा – जरूर रेशमा ने अपनी गांड कई लोगो से मरवाई होगी वर्ना बिना थूंक लगाए इतनी आसानी लौडा अंदर नही जा सकता था

जरूर रेशमा ने अपने मर्द के गैर मौजूदगी में कई लौंडों से अपनी प्यास बुझाई होगी

ये सोचकर मैं लगातार उसकी गांड फाड़कर चोदने लगा

रेशमा बोली चोद भोसडीके चोद

फाड़ दे मेरी काली गांड को

मैं रेशमा की मोटी 38 इंच की गांड को मस्ती से चोदने लगा

करीब 15 मिनिट बाद मैं रेशमा की गांड में ही झड़ गया ।

अब रेशमा और मैं एक दूसरे से लिपटकर बतियाने लगे कि अचानक उसकी ठरकी ससुर ने उसे नीचे से आवाज लगाई इसलिए उसे जाना लेकिन रात में 8 बजे रेशमा फिर से ऊपर और फिर करीब 1 घण्टे फिर से मैंने रेशमा की चूत और गाँड़ के मजे लिए ।

इस तरह पिछले 2 साल से रेशमा और मैं चूत लंड की मस्त दुनिया मे घूम रहे हैं । रेशमा के साथ मैने आगे और क्या क्या गुल खिलाये कैसे रेशमा के नए राज खुले , किसे उसकी बहन और सहेलियों को मैंने पटाकर उनकी चूत ली यह बताऊंगा मैं आपको अगले हिस्से तो दोस्तो इस कहानी पर अपना प्यार जरूर बरसाए और मुझे जरूर बताएं कि आपको ये कहानी कैसी लगी मेरी mail id पर मुझे प्रतिक्रिया जरूर दें ताकि मैं जल्द से जल्द दूसरा भाग आपके लिए ला सकूं ।

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कश्मीर का सफर https://sexstories.one/kashmir-ka-safar-me-chudi/ Tue, 11 Jan 2022 08:03:17 +0000 https://sexstories.one/?p=5092 मैंने जोश मेँ आके अपनी नाईटइ उतार दी और अपने बूब्स को जोर जोर से दबाने लगी मैं ठण्ड मैं भी पसीना पसीना हो रही थी मैं जोर जोर से बेलन को अंदर दाल रही थी.. पर बेलन का पतला डंडा मेरी चुत को कसावट नहीं दे पा रहा

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Safar me Chudi – मेरा नाम पूनम लखनऊ की रहने वाली हूँ मेरी उम्र 33 साल है मेरे पति 3 साल पहले एक एक्सीडेंट में वो नहीं रहे.. मेरी कोई औलाद नहीं है है क्यूंकि हमारी शादी के 3 से साल के अंदर वो नहीं रहे और तब तक हम लोगो ने बच्चे की कोई प्लानिंग नहीं की थी.. खैर जो हुआ सो हुआ मेरे पति के पास पैसा काफी था घर बड़ा था तो मुझे कोई दिक्कत होती थी.. ऐस और आराम की हर चीज़ मेरे पास थी बस नहीं था तो प्यार हा हां वही बिस्तर वाला प्यार तो बस ये कहानी उसी बिस्तर वाले प्यार को पाने की कहानी है अच्छी लगे तो जरूर बताइयेगा /

एक दिन की बात है मेरी एक फ्रेंड दिल्ली से लखनऊ आयी तो मुज से मिलने आयी

टिंग टोंग

मैं दरवाज़ा खोलती हूँ

अरे रजनी ओह माय गॉड इतने दिनों बाद अचानक

रजनी:- अरे है यार वो मैं लखनऊ आयी थी सोचा मिल लून तुज भी।

पूनम :- अरे यार थैंक्स अऊ अंदर आओ

रजनी :- बिलकुल यार अपना है

पूनम :- बिलकुल तुम्हारा हे घर है

पूनम :- रुक तू मैं चाय लाती हूँ ओके

रजनी :- अरे नहीं रुक यहाँ इतने दिनों बाद मिले है चाय छोर और बता क्या हो रहा है आज कल

पूनम :- कुछ नहीं तू बता

रजनी :- मैं क्या बताऊ और बताओ अच्छा जीजू कहा है

पूनम :- जीजू तुम्हे कुछ पता नहीं चला क्या

रजनी :- नहीं क्या हुआ कोई बात क्या

पूनम :- साल पहले एक्सीडेंट हो गया था

रजनी :- ओह्ह सॉरी बहन

पूनम :- कोई बात नहीं

फिर हम लोग इधर उधर की पुराणी बाते नई बाते करने लगते है घंटो बैठे रहते है पति के जाने बाद क्या क्या हुआ क्या नहीं मेरी हताश जिंदगी यू ही सांत पानी की तरह मायूस जिंदगी ये सब होती रही

फिर उसने अपना फ़ोन निकला और मुझे कुछ फोटो दिखने लगी गोवा की पिक्स हिमाचल की पिक्स और कश्मीर की पिक्स मुझे बहुत अच्छा लगा बातो बातो में उसने कहा तुम भी कही घूम आओ थोड़ा मूड फ्रेश होगा

पूनम :- मैं अकेले कहा जाऊ यार

रजनी :- क्यों नहीं तभी तो और मज़े कही भी आओ जाओ कोई रोक टोक नहीं हम्म

पूनम :-बात तो सही है लेकिन जाऊ कहा

रजनी :- तू न कश्मीर जा वहा इस समय खूब ठण्ड होगी बर्फ होगी मज़े ले जाके

पूनम:- हम्म चलो देखती हूँ

ये सब बाते होते होते कब रात हो गयी पता हे चला

रजनी से मैंने रुकने को बोला तो वो मान गयी और रात वही रुक गयी

हम लोग खाना खा के सोने चले जाते है

बिस्तर पर भी हम देर तक बाते करते रहते है और फिर 12 बजे करीब सो जाते है

कुछ देर बाद हे शायद मैं काफी गहरी नींद में चली गयी

मुझे एहसास हुआ की मेरी जंगो पर से कोई हाथ फेरता हुआ मेरी चुत तक ला रहा था

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मेरी आंखे बंद थी मैं देख नहीं पा रही थी और न हे आंखे खोलना चाहती थी

धीरे धीरे वह हाथ सिर्फ मेरी चुत की दरारों को सहलाने लगा पर कोण था वो रजनी तो नहीं हा लेकिन वो इस

तरह थी नहीं फिर भी पर क्या हुआ मुझे अच्छा लग रहा था वो एहसास मैं ने थोड़ी से टांगे फैलाई रजनी जान गयी की मैं कुछ चाहती हूँ उसने वहा से हाथ हटा के पीछे ले मुझे बुरा लगा लेकिन अगले पल फिर वो हाथ मेरी चुत पर आ मैं सिहर गयी अह्ह्ह अहह सससससस मैं अपने बाल पकड़ ले रजनी ने एक ऊँगली मेरी चुत मैं दाल दी उफ्फ्फ्फ़ अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह मैं कुछ नहीं समझ पा रही थी तब तक उसने मेरी ३४ की गोलाई चूची को मसलना सुरु कर दिया उफ्फ्फ उफ्फ्फ्फ़ फूउ शह्ह्ह्ह शह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह

प्लस रजनी करो उसने मेरे ऊपर मेरे होंटो को चूमना सुरु कर दिया

हम दोनों बेतहाशा एक दूसरे की होटो को चूमने लगे

वो अपनी टांग]को मेरी छूट पर रगड़ रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था

अह्ह्ह अह्ह्ह उफ्फफ्फ्फ़

मैं भी अपनी पूरी ताकत से चुत उसके पैरो पर रगड़ रही थी ये एहसास मुझे पागल कर रहा था

रजनी मेरे ऊपर से हट कर मेरी छूट चाटने लगती है

अह्ह्ह्ह

अह्ह्ह्हह

रजनी उफ्फफ्फ्फ़ क्या कर दिया

उफ़्फ़्फ़ा

उफ्फ्फ्फ़ उसने फिर एक ऊँगली डाली उफ्फ्फ्फ़

अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह उफ्फ्फ

रजनी जोर से जोर से करो और तेज़

उफ्फ्फ्फ़ाआ

रजनी की जीब मुझे मदहोस कर रही थी उसकी उंगली मुझे पागल

रजनी :- उठो पूनम

रजनी:-पूनम पूनम

Sexy story सालियों की अदला-बदली

और मेरी आंख खुल जाती ये हसीन सपना टूट जाता है रजनी मुझे बाय करके चली जाती मैं कुछ बोल नहीं पाती

लेकिन कोई बात नहीं ये सपना पहली बार नहीं था लेकिन एहसास अनोखा था

मैं उठ किचेन में जाती हूँ और फ्रिज खोल कर कुछ लम्बा ढूंढ़ती हूँ लेकिन कुछ नहीं था मैं पागल होने लगती हूँ फिर मेरी नजर बेलन पर पड़ती मैं

उसको उठा लेती और बाथरूम मैं जाती हूँ कमोड पर चुत को ऊपर कर के बैठ जाती हूँ

मेरी चुत एक दम गीली थी मैं बेलें को अंदर डाला

और जोर जोर अंदर बाहर करने लगती हूँ मेरी भवनए आसमान चुने लगती है और मेरी

अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह ाऊऊऊ अह्ह्ह्ह

मैं जोर जोर अंदर बाहर कररही थी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह

मैंने जोश मेँ आके अपनी नाईटइ उतार दी और अपने बूब्स को जोर जोर से दबाने लगी मैं ठण्ड मैं भी पसीना पसीना हो रही थी मैं जोर जोर से बेलन को अंदर दाल रही थी

पर बेलन का पतला डंडा मेरी चुत को कसावट नहीं दे पा रहा

था मैं यू ही नंगे नंगे फिर फिर बाहर आयी कुछ ढूंढ़ने लगी मुझे कुछ नहीं मिल रहा था तभी मुझे आवाज़ आयी आलू ले लो टमाटर ले लो मैं झट से अपनी नाईटइ पहनी और दुपट्टा लिया और नीचे गयी मैंने १ कग आलू टमाटर मिर्च ली ताकि कोई सुबह सुबह सब लम्बे लम्बे ले रहे है तो शक न हो फिर मैंने गाजर ली बैंगन लिया और केले कच्चे लिए और ऊपर आ गयी और फिर एक केला तोडा और मुँह मैं दाल कर चूसने लगी और सोफे पर टांगे फैला के अंदर डालने लगी अब्ब थोड़ा लुंड का एहसास हुआ

बस कोई झटके देने वाला होता तो मज़ा आ जाती मैं जोर जोर से डालती रही फिर मेरी नज़र एक बैगन पर पड़ी जो केले से ज्यादा मोटा और लंबा था मैंने उसे उठाया और केला को मुँह मैं और बैगन को छूट मैं दाल लिया अब्ब हहहह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह्हह्ह्ह्ह अह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्हह्ह्ह्ह अह्हह्ह्ह्ह मैं छूट गयी मैं छूट गयी मैं छूट गयी

अब होश आया बैगन अभी चुत मैं ही था उसकी कसावट अब मुझे दर्द देने लगी थी मैं धीरे से उसे बहार किया और साथ साथ मेरे चुत की लार भी टपकने लगी सब शांत हो गया होश भी था पर अफ़सोस था की यही पल अगर किसी मर्द के साथ होता तो अभी तक उसकी बहे मुझे कस रही होती

मैंने नहाया धोया चाय बनाई फिर बैठ कर टी.व् देखने लगी न्यूज़ देखने का भी मन हुआ लगा दी न्यूज़ पर अगले हसीन पल की तस्वीर आ रही थी

न्यूज़ पर कश्मीर की बर्फ भरी वादियों के चर्चे हो रहे थे

वहा गिर रही बर्फ मौसम की न्यूज़ चल रही थी मुझे रजनी की कही बात याद आ गयी मैंने कुछ देर सोचा फिर नेट से एक ट्रेवल एजेंट नम निकला और उससे पूछा की क्या खर्च होगा और सब बाते करके मैंने उससे ३ दिन बाद की टिकट कराने और होटल बोल दिया और मैं तइयारी मैं लग गयी….

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मां बेटी की चूदाई https://sexstories.one/maa-beti-ki-chudai/ Tue, 11 Jan 2022 07:57:45 +0000 https://sexstories.one/?p=5095 मां लन्ड चूसने लगी फिर उसने मैं के चूचे को दबाना शुरू किया और पीने लगा का आह आह कहने लगी फिर उसका मोटा लन्ड उफ्फ हाय मां की।छूत में उसने डाल दिया और चोदने लगा था यह मैं भी मदहोश हो रही थी...

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Maa Beti ki Chudai – हेलो दोस्तो मेरा नाम सोनसी है. मेरा फिगर 38,40,42,है. मैं मोटी चुब्बी और गादराया जिस्म है. मुझे देख कर कई लड़के और बड़े बूढ़े लुंड हिलाते है जैसे मैं हु वैसे ही मेरी मां दिव्या है उनको। चूदाई का बहुत सौक है उनके बहुत अफेयर है एक टाइप की रंड है.

मेरी मां फिगर 36,38,40 ये कहानी 1 साल।पहले की है मैं और मां मामा के घर गए थे वाहा बहुत मज़ा आता वहा का प्रधान एक यादव था भृगुनाथ नाम था मोटा सा था गुंडे टाइप का हर शाम को मां गांव में घूमने जाती और रात में बहुत लेट आती बोलती की दोस्त के घर गई थी ,

वो प्रधान कभी कभी घर भी आता तो मां बहुत खुश होती मां।हमेशा लंबे गले वाले ब्लाउज पहनी और छोटे ब्लाउज जिससे उसके बूब्स उउभारे आते थे। और सारी नीचे पहनी को पेट की ढोडी दिखे प्रधान का बेटा भी आता था मुझ पे लाइन मरता थाई जानती थी को वो चोदना चाहता है मुझे पर मैं भाव नही देती थी..

फिर एक दिन शाम को मां बहुत सजी लिपिस्टिक लगा के red सारी पहनी और बोली की एक दोस्त का जन्मदिन है मैं समझ गई थी मां उसी प्रधान मिलने जा रही मैं कही भी बाहर जाती तो हमेशा सजती थी मैने भी तुरत सूट सलवार पहना और मैं भी टाइट सूट पहनती थी को मेरे बूब्स उभरे मैं।

मां के पीछे निकल दी मां जा रही थी फिर मैने दूर से ही देखा मां एक घर में घुस गई मैं भी चलने लगी सब मुझे घूर रहे थे वो बहुत बड़ा घर था मां के रूम में चली गई मैं घर के पीछे चली गई और नजारा देखने लगी का मां को वो प्रधान कस के पकड़ के चूमने लगा और मां की साड़ी उतार दिया..

Sexy Maa मां का प्यार

मां लन्ड चूसने लगी फिर उसने मैं के चूचे को दबाना शुरू किया और पीने लगा का आह आह कहने लगी फिर उसका मोटा लन्ड उफ्फ हाय मां की।छूत में उसने डाल दिया और चोदने लगा था यह मैं भी मदहोश हो रही थी और वह मां चूद रही थी फिर असनक किसी ने मेरे मुंह पे हाथ रखा और मुझे पीछे से खींचा अंधेरे में कुछ दिख नी रहा था..

और उस ने मेरा सलवार नीचे से फाड़ा और मेरी चूत रगड़ने लगा मैं गरम तो थी ही और ढीली ही गई अब वो मेरी चूत मे अपना लन्ड डाल दिया उस प्रधान। जितना ही मोटा लन्ड था मैं तो पागल हो गई उसने मेरे सूट के अंदर हाथ डाल के चुचियों को मसलने लगा और मुझे किस भी किया आई..

उधर मां प्रधान से गांड़ मरवा रही थी और इधर मैं चूद रही थी इस आदमी ने इतने जोर जोर से चोदा की मैं एक दम हिल नहीं पाई मेरी चीखे निकल गई थी पर उसने मुंह मेरे हाथ लगाया था और वहा मां चोदवा चुकी थी और साड़ी पहन कर घर जाने लगी।

और था वो आदमी अब मेरी गांड़ मार रहा था खड़े खड़े मैं थक गई थी और उसने मेरी गांड़ भी मार ली थी उसका माल मेरी गांड़ में हो निकल गया फिर उसने मुझे छोड़ा और मुझे किस किया और चला गया मैं देख भी नहीं पाई की किसने मुझे चोदा मैं घर आई तो मां सो गई थी।मैं भी सो गई बहुत।

थक गई थी सुबह उठी तो देखा मां जग गई थी मैने ब्रश किया और सीधे नहाने गई कल रात का उस आदमी का माल मेरे गांड़ में अब तक था तो मैं अच्छे से नहाई बाहर आए मैने नॉर्मल टॉप और शॉट पहना और परफ्यूम लगाया फुल मेकअप की और नीचे छत पे गई कपड़े सुखाने के लिए मैं फिर नीचे गई तो का बाहर थी और किसी से बात करने की आवाज आ रही थी..

मैं बाहर गई तो देखा कि वही प्रधान मां के साथ बैठा है और नाना जी से बात कर रहा और उसके बगल में उसका बेटा बैठा था और वो मुझे देख देख कर मुस्कुरा रहा था और फिर वो दोनो बाप बेटा जाने लगे वो प्रधान किनारे आया और मां से गले मिला और मां की गांड़ को दबाया और फिर उसका बेटा मेरी तरफ आने लगा..

मैं तोड़ा पीछे हटी फिर वो मेरी कमर में हाथ डाल के बोला की कल की चूदाई में मज़ा आया और उसने मुझे किस क्रिया और चला गया मैं चोक जी थी की कल जिसने मुझे बेदर्दी से चोदा वो ये था यानी कि इन बाप बेटे ने हम मां बेटी को चोदा ।।।। अब जब भी हम मामा के घर आते तो मां प्रधान से और मैं उसके बेटे से जरूर चुदते..

आशा करती हूं हम मां बेटी की चूदाई की कहानी पसंद आई होगी आपको लोगो को फिर मिलेंगे

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