Biwi Aur Doli Bhabhi Part 4
फिर मैने डोली भाभी से कहा, तुमने मुझसे प्रिया के सामने ही चुदवा लिया. वो क्या सोचेगी. डोली भाभी ने कहा, उसे कुछ भी नहीं मालूम है. अगर उसे कुछ पता होता तो भला वो मुझे
चुदवाने को क्यों कहती. चलो अच्छा ही हुआ की अब मुझे और प्रिया को एक दूसरे के सामने तुमसे चुदवाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. हमारा रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया. मैं प्रिया से भी इस बारे में बात कर लूँगी. मैने भाभी से पूछा, गांड कब मरवाओंगी. वो मुस्कुराते हुये बोली, क्या मेरी गांड भी फाड़नी है. मैने कहा, हाँ. वो बोली, कल फाड़ देना. मैने कहा, थोड़ा सा आज अंदर ले लो बाकी का कल अंदर ले लेना. वो बोली, जो तेरा जी कहे कर. अब तो मैं तेरी बीवी बन गयी हूँ. मैं डोली भाभी के बगल में लेटा हुआ उनसे बातें करता रहा और उनकी चूत को सहलाता रहा. वो मुझे तरह तरह के स्टाइल में चोदना सीखा रही थी और मेरे लंड को सहला रही थी. लगभग 1 घंटे के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. मैने डोली भाभी से कहा, प्रिया ने अभी तक मुझे बुलाया ही नहीं. मैं अब तुम्हारी गांड में ही लंड घुसाने की कोशिश करता हूँ. डोली भाभी और हम दोनो अभी तक नंगे ही थे. मैने डोली भाभी से घोड़ी बन जाने को कहा तो वो घोड़ी बन गयी. मैने अपने लंड का सुपाड़ा उनकी गांड के छेद पर रखा तो वो बोली, तेल तो लगा ले. मैने कहा, नहीं ऐसे ही. वो बोली, फिर तो बहुत दर्द होगा. मैने कहा, होने दो. तुम कोई 18 साल की थोड़े ही हो.
वो बोली, ठीक है, जैसी तेरी मर्ज़ी. मैने अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया और उनकी चुदाई शुरू कर दी. 5 मिनिट में ही डोली भाभी झड़ गयी तो मेरा लंड गीला हो गया. अब तेल लगाने की ज़रूरत नहीं थी. मैने अपने लंड का सुपाड़ा उनकी गांड के छेद पर रखा और थोड़ा सा ज़ोर लगाया. डोली भाभी के मुहँ से ज़ोर की आ निकली और मेरे लंड का सुपाड़ा उनकी गांड में घुस गया. मैने थोड़ा ज़ोर और लगाया तो वो तड़प उठी और बोली, ज़रा धीरे से. मैने फिर से ज़ोर लगाया तो उनके मुहँ से चीख निकल गयी.
मेरा लंड डोली भाभी की गांड में अब तक 4″इंच घुस चुका था. मैने और ज़्यादा अंदर घुसाने की कोशिश नहीं की. मैने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिये. 2 मिनिट में ही डोली भाभी का दर्द जाता रहा तो वो बोली, थोड़ा और अंदर कर दे. मैने फिर से थोड़ा ज़ोर लगाया तो वो फिर से चीखी और मेरा लंड उनकी गांद में 5″इंच तक घुस गया. तभी प्रिया आ गयी. उसने कपड़े नहीं पहने थे. वो एक दम नंगी थी. उसने हम दोनो को देखा तो बोली, दीदी, तुम भी मज़ा ले रही हो. डोली भाभी ने कहा, ये तेरा बड़ी देर से इंतज़ार कर रहा था लेकिन तूने इसे बुलाया ही नहीं. इसे जोश आ गया और उसने मेरी गांड में अपना लंड घुसाना शुरू कर दिया. मैं इसे मना नहीं कर पाई. वो बोली, मुझे भी फिर से चुदवाना है. डोली भाभी ने कहा, तो आजा. प्रिया ने कहा, लेकिन ये तो आप को चोदने जा रहा है. डोली भाभी ने कहा, मेरा क्या है, मैं तो कभी भी चुदवा लूँगी. पहले तू चुदवा ले. तेरा चुदवाना ज़्यादा ज़रूरी है. मैं तो बहुत मज़ा ले चुकी हूँ. प्रिया डोली भाभी के बगल में ही घोड़ी की तरह बन गयी. मैने अपना लंड डोली भाभी की गांड से बाहर निकाल कर प्रिया की गांड में घुसाना शुरू कर दिया. वो दर्द के मारे आहें भरने लगी. धीरे धीरे मेरा पूरा का पूरा लंड प्रिया की गांड में घुस गया तो मैने उसकी गांड मारनी शुरू कर दी. वो बोली, आगे के छेद में घुसा कर चोदो. मुझे उसमें ज़्यादा मज़ा आता है. मैने कहा, थोड़ी देर पीछे के छेद की चुदाई कर लूँ फिर आगे के छेद में भी चोदुगां. वो बोली, ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्ज़ी.
मैं प्रिया की गांड मारता रहा. डोली भाभी प्रिया से कहने लगी, तू तो जानती है की इसके भैया का स्वर्गवास हुये बहुत दिन हो चुके हैं. मैने बहुत दिनो से चुदवाया नहीं था और मेरी इच्छा भी मर चुकी थी. लेकिन आज मैने तेरी खुशी के लिए तेरे कहने पर इस से चुदवा लिया. इससे चुदवाने के बाद मेरी चूत और गांड की आग फिर से भड़क गयी है. मैं जानती हूँ की ये बहुत ही ग़लत बात है लेकिन मैं अब इससे चुदवाये बिना नहीं रह सकती. अगर किसी को ये पता चल गया तो मेरी बड़ी बदनामी होगी. अब तू ही बता की मैं क्या करूँ. मैं तो अब मर जाना चाहती हूँ. वो बोली, दीदी, तुम ऐसा क्यों कह रही हो.
तुम इनसे जी भर कर चुदवाओ और खूब मज़ा लो. मुझे कोई एतराज़ नहीं है. अगर मैं तुम्हें कभी मना करूँ तो तुम मुझे ही मार डालना. ये बात किसी को नहीं पता चलेगी. डोली भाभी ने कहा, फिर तू मेरी कसम खा कर कह दे की तू कभी भी किसी से नहीं कहेगी. प्रिया ने अपना हाथ पीछे करके मेरा लंड पकड़ लिया और बोली, मैं तुम्हारी कसम क्यों खाऊँ. मैं अपने पति का लंड पकड़ कर कसम खाती हूँ की मैं कभी भी किसी से कुछ भी नहीं कहूँगी. अब तो आप को मेरी बात पर विश्वास हो गया. डोली भाभी ने कहा, मुझे तुझ पर पूरा विश्वास है. वो बोली, अब इनसे कह दो की मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरी चुदाई करें. मुझे गांड मरवाने में ज़्यादा मज़ा नहीं आता है. डोली भाभी ने मुझसे कहा, सुन रहा है ना तू की प्रिया क्या कह रही है. अब इसकी इच्छा पूरी कर. मैने अपना लंड प्रिया की चूत में घुसा दिया और उसकी चुदाई करने लगा. 2 मिनिट में ही वो एकदम मस्त हो गयी. उसने पूरी मस्ती के साथ मुझसे चुदवाना शुरू कर दिया. वो तेज़ी के साथ अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये मेरा साथ दे रही थी. मैं भी पूरे जोश और ताक़त के साथ उसे चोदता रहा. प्रिया की चुदाई करते हुये मुझे लगभग 30 मिनिट गुजर चुके थे. वो अब तक 3 बार झड़ चुकी थी लेकिन मैं झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. प्रिया बोली, दीदी, मैं थक गयी हूँ. डोली भाभी ने कहा, क्यों, मज़ा नहीं आ रहा है क्या. वो बोली, मज़ा तो बहुत आ रहा है लेकिन अभी मेरी चुदवाने की आदत नहीं है ना. डोली भाभी बोली, फिर मैं क्या करूँ.
जब ये झड़ जायेगा तब ही तो तुम्हारी चुदाई बंद करेगा. वो बोली, मुझे थोड़ा सा आराम कर लेने दो. मैं बाद में चुदवा लूँगी. डोली भाभी ने कहा, जब लंड खड़ा हो चुदाई नहीं बंद की जाती इससे आदमी के सेहत पर बुरा असर पड़ता है. वो बोली, इनसे कह दो की अब रहने दे. बाद में चोद लेंगे. तब तक तुम ही इनसे चुदवा लो. डोली भाभी ने कहा, अच्छा बाबा, मैं ही चुदवा लेती हूँ. मैने अपना लंड प्रिया की चूत से निकाल कर डोली भाभी की गांड में घुसाना शुरू कर दिया. मेरा लंड प्रिया की चूत के पानी से पहले से ही भीगा हुआ था. धीरे धीरे मेरा लंड डोली भाभी की गांड में 5″इंच तक घुस गया. मैने धक्के लगाने शुरू कर दिये.
थोड़ी देर बाद जब मैने देखा की डोली भाभी मस्ती में आ गयी हैं तो मैने ज़ोर का धक्का लगा दिया. इस धक्के के साथ ही मेरा लंड भाभी की गांड को चीरता हुआ 7″इंच तक अंदर घुस गया. डोली भाभी के मुहँ से ज़ोर की चीख निकली तो प्रिया ने कहा, दीदी, तुम क्यों चीख रही हो. तुम तो चुदवाने की आदि हो. डोली भाभी ने कहा, मैने आज तक इससे गांड नहीं मरवाया था. तुम तो जानती ही हो की इसका लंड बहुत लंबा और मोटा है इसीलिये मुझे भी दर्द हो रहा है और मैं चीख रही हूँ. बस अभी थोड़ी ही देर में मेरा दर्द कम हो जायेगा फिर मुझे भी तेरी तरह खूब मज़ा आने लगेगा. धीरे धीरे डोली भाभी फिर से मस्ती में आ गयी. मैने पूरी ताक़त के साथ फिर से ज़ोर का धक्का मारा. वो फिर से चीखी और मेरा लंड 8″इंच तक घुस गया. मैने फिर एक धक्का मारा तो वो बुरी तरह से चीखने लगी और मेरा पूरा का पूरा लंड डोली भाभी की गांड में समा गया. मैने तेज़ी के साथ धक्के लगाने शुरू कर दिये. थोड़ी ही देर में डोली भाभी शांत हो गयी और उन्हें मज़ा आने लगा.
तभी प्रिया बोली, दीदी, अब मैं तैयार हूँ. इनसे कह दो की अब मुझे चोद दे. डोली भाभी ने कहा, बार बार मुझसे क्यों कहती है. तू खुद ही इससे कह दे. अब मैं इससे कुछ नहीं कहूँगी. प्रिया ने मेरा लंड पकड़ लिया और बोली, अब तुम मुझे चोद दो. मैं खुश हो गया. मैने अपना लंड डोली भाभी की गांड से निकाल कर प्रिया की चूत में डाल दिया और उसकी चुदाई शुरू कर दी. उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया. 15 मिनिट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया. प्रिया भी मेरे साथ ही साथ झड़ गयी. जैसे ही मैने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो उसने मेरा लंड चाटना शुरू कर दिया. मैं बहुत खुश हो गया. डोली भाभी ने प्रिया से कहा, अब घिन नहीं आ रही है. वो बोली, बिल्कुल नहीं, अब तो मुझे भी खूब मज़ा आने लगा है. हम सब नंगे ही सो गये. रात के 7 बजे प्रिया मेरा लंड सहलाने लगी. मैं जाग गया तो वो बोली, एक बार फिर से चोद दो. मैने कहा. क्यों श्रीमती जी, अब चुदवाने में मज़ा आने लगा है. वो बोली, हाँ, अब तो मैं चाहती हूँ की तुम मुझे सारा दिन चोदते रहो. उसने कुछ कहे बिना ही मेरा लंड मुहँ में ले लिया और चूसने लगी. तभी डोली भाभी भी उठ गयी. डोली भाभी ने मुस्कुराते हुये कहा, प्रिया, तू इसका लंड क्यों चूस रही है. वो बोली, मुझे चुदवाना है. डोली भाभी ने प्रिया से मज़ाक किया, पहले तो बहुत चिल्ला रही थी अब क्या हुआ. वो बोली, पहले मुझे मालूम नहीं था की इसमें इतना मज़ा आता है. थोड़ी ही देर में मेरा लंड खड़ा हो गया. मैने प्रिया की चुदाई शुरू कर दी. उसने पूरी मस्ती के साथ चुदवाया. मैने भी उसे पूरे जोश के साथ लगभग 45 मिनिट तक चोदा. वो इस बार की चुदाई के दौरान 4 बार झड़ चुकी थी. उसके बाद डोली भाभी और प्रिया खाना बनाने चले गये. मैं टीवी देखने लगा. लगभग 1-2 घंटे गुजर गये तो प्रिया किचन से बाहर आई. उसने मुझसे कुछ कहे बिना ही मेरा लंड मुहँ में ले लिया और चूसने लगी.
मैने पूछा, अब क्या हुआ. वो बोली, चुदवाना है. मैने कहा, पहले मुझे खाना खा कर थोड़ा आराम कर लेने दो. बहुत थक गया हूँ. वो बोली, बाद में खा लेना, पहले तुम मुझे एक बार और चोद दो. मुझसे सहन नहीं हो रहा है. तभी डोली भाभी आ गयी. उन्होने प्रिया से कहा, सुबह से ही ये हम दोनो को कई बार चोद चुका है. इसे खाना खा कर थोड़ा आराम कर लेने दे, फिर सारी रात खूब जम कर चुदवाना. वो बोली, लेकिन, मुझसे रहा नहीं जा रहा है. मेरा मन अज़ीब सा हो रहा है. डोली भाभी ने मज़ाक करते हुये कहा, अगर तू इतना ही तड़प रही है तो चल मेरे साथ किचन में. मैं तेरी चूत में बेलन घुसेड देती हूँ. वो बोली, फिर घुसेड दो ना. मैं आप को कुछ भी नहीं कहूँगी. शादी के पहले मैं अच्छी भली थी. शादी के बाद इन्होने मेरी चुदाई करके मेरी चूत और गांड में आग सी भर दी है. अब आप ही बताओ की मैं क्या करूँ. डोली भाभी ने कहा, तोड़ा सब्र करना सीख. आख़िर ये भी तो आदमी है. थक गया है बेचारा. वो बोली, एक बार ये मुझे और चोद दे. फिर मैं कभी भी इनसे चुदवाने की ज़िद नहीं करूँगी. जब भी मुझे जोश आयेगा मैं इनका लंड मुहँ में लेकर चूसुगी. उसके बाद ये मुझे चोदना चाहेंगे तो चोदेगे. मैने कहा, ठीक है. आ जाओ मेरे पास. मैं सोफे पर बैठा था.
प्रिया के चूसने से मेरा लंड खड़ा हो ही चुका था. मैने उससे कहा, अब तुम खड़ी ही मेरे लंड को अपनी चूत में घुसेड लो और धक्के लगाओ. वो तुरंत ही मेरी जांघों पर बैठ गयी और मेरे लंड को अपनी चूत के अंदर घुसेड लिया. उसके बाद उसने धक्के लगाने शुरू कर दिये. 5 मिनिट में ही वो हाफने लगी और बोली, मुझे इस तरह मज़ा नहीं आ रहा है. जब तुम खूब ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाते हुये मुझे चोदते हो तब ही मुझे मज़ा आता है. चोद दो ना मुझे. मैने कहा, अच्छा बाबा, अब तुम मेरे सामने घोड़ी बन जाओ. वो तुरंत ही मेरे सामने घोड़ी बन गयी. उसकी चूत मेरी तरफ थी. मैं थोड़ा गुस्से में था. मैने अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और उसकी कमर को ज़ोर से पकड़ लिया. उसके बाद मैने बड़ी बेरहमी के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी. डोली भाभी कभी मुझे और कभी प्रिया को देख रही थी.
उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था की मैं प्रिया को इतनी बुरी तरह से भी चोद सकता हूँ. प्रिया भी बहुत सेक्सी निकली. मैं उसे बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा था लेकिन उसे तो इस चुदाई में और ज़्यादा मज़ा आ रहा था. वो अपना चूतड़ आगे पीछे करते हुये पूरी मस्ती के साथ चुदवा रही थी. मैने उसे लगभग 55 मिनिट तक खूब जम कर चोदा. इस बार की चुदाई के दौरान प्रिया 5 बार झड़ गयी थी. डोली भाभी और मैं उसे देख कर दंग रह गये. प्रिया ने मेरे लंड को चाट कर साफ किया और फिर बाथरूम चली गयी. डोली भाभी ने मुझसे कहा, तुमने उसे इतनी बुरी तरह से चोदा फिर भी उसे मज़ा आ रहा था. वो तो मुझसे भी ज़्यादा सेक्सी है.
मैने कहा, अभी वो नई है इसलिये और उसे ज़्यादा जोश आ रहा है. अभी तो उसने ज़्यादा बार चुदवाया ही कहा है. केवल कुछ दिन आप मुझसे मत चुदवाओं. मुझे केवल प्रिया की चुदाई करने दो. मैं उसे इतनी ज़्यादा बार और इतनी बुरी तरह से चोदूँगा की उसकी चूत और गांड की आग ठंडी हो जायेगी. वो मुझसे रो रो कर कहेगी की मुझे अब मत चोदो. डोली भाभी ने कहा, ठीक है. तभी प्रिया बाथरूम से वापस आ गयी और बोली, देवर डोली भाभी क्या बातें कर रहे हो. डोली भाभी ने प्रिया से कहा, मैं इसको समझा रही थी की ये कुछ दिनो तक मेरी चुदाई ना केरे. केवल खूब जम कर तुम्हारी चुदाई ही करे. प्रिया बोली, आप ने तो मेरे मुहँ की बात छीन ली. मैं भी यही चाहती थी.
डोली भाभी ने कहा, मैं समझ सकती हूँ क्योंकी अभी तुम नई नई हो और तुम्हारे अंदर जोश का ज्वालामुखी फूट रहा है. ये तुम्हारी चूत की ज्वालामुखी को अपने लंड के पानी से बुझा देगा उसके बाद मैं भी चुदवाना शुरू कर दूँगी. प्रिया बोली, दीदी, तुम एकदम ठीक कह रही हो. अगले 4 दिनो तक डोली भाभी तड़पति रही. उनका चेहरा एकदम उदास हो गया था. मैं केवल प्रिया की ही चुदाई करता रहा. प्रिया को चुदवाने में ही ज़्यादा मज़ा आता था. मैने प्रिया की खूब जम कर चुदाई की. उसने भी पूरी मस्ती के साथ मेरा साथ दिया और खूब जम कर चुदवाया. मैने इन 4 दिनो में उसे लगभग 20 बार बहुत ही बुरी तरह से चोदा था. उसकी चूत का मुहँ एकदम चौड़ा हो चुका था. अब उसका जोश कुछ ठण्डा पड चुका था. अब तो वो कभी कभी चुदवाने से इनकार भी करने लगी थी. प्रिया की विदाई भी होने वाली थी. उसे 1 महीने के लिए मायके जाना था. 5 दिन गुजर जाने के बाद वो मायके चली गयी. मायके जाते वक़्त वो मुझसे लिपट कर बहुत रोई. मैने पूछा, क्या हुआ. उसने कहा, 1 महीने तक मैं बिना चुदवाये कैसे रहूंगी. मैने कहा, तुम्हें इतना सब्र तो करना ही पड़ेगा. सभी औरतों को शादी के बाद मायके तो जाना ही पड़ता है. वो मायके चली गयी.
उसके जाने के बाद डोली भाभी मुझसे लिपट गयी और फूट फूट कर रोने लगी. मैने पूछा, क्या हुआ तो वो बोली, तुम्हारे भैया के स्वर्गवास हो जाने के बाद मेरा जोश एकदम ठण्डा हो गया था. मैं तुम्हारे साथ अकेली ही रहने लगी थी लेकिन मैने कभी भी तुम्हें बुरी नज़र से नहीं देखा. मैं आराम से रहने लगी थी. तुम्हारा लंड देखने के बाद मुझे जोश आ गया और मैने तुमसे चुदवा लिया. प्रिया को गांड मरवाते हुये देख कर मैने तुमसे गांड भी मरवा ली. उसमें भी मुझे बहुत मज़ा आया. तुमने मेरी चुदाई करके और मेरी गांड मार कर मेरे सारे बदन में आग लगा दी है. 5 दिनो से तुमने मुझे चोदा नहीं और ना ही मेरी गांड मारी. मैने ये 5 दिन कैसे गुजारे हैं मैं ही जानती हूँ. प्रिया तो अब 1 महीने के लिये मायके चली गयी है. अब तुम मेरी चूत और गांड की आग को पूरी तरह से बुझा दो. मैने कहा, डोली भाभी, मैने तो इनकार नहीं किया है. वो बोली, तुमने ऑफीस से शादी के लिये 7 दिनो की छुट्टी ली थी. तुम 7 दिनो की छुट्टी और ले लो. फिर मुझे 7 दिनो तक खूब जम कर चोदो.
मुझे उसी तरह से चोदना जैसे की उस दिन तुमने गुस्से में प्रिया को चोदा था. मैने कहा, तुम जैसा कहोगी मैं तुम्हें वैसे ही चोदूँगा. मैं तुम्हें पूरी तरह से संतुष्ट कर दूँगा. डोली भाभी ने सारे कपड़े उतार दिये और एक दम नंगी हो गयी. उन्होने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया. 2 मिनिट में ही मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैने ठीक उसी तरह से डोली भाभी को चोदना शुरू किया जैसे मैने प्रिया को गुस्से में चोदा था. उस तरह की चुदाई से डोली भाभी एकदम मस्त हो गयी. 7 दिनो तक मैं ऑफीस नहीं गया. मैने इन 7 दिनो में सारा दिन और सारी रात डोली भाभी की खूब जम कर चुदाई की. उसके बाद प्रिया के आने तक मैने उन्हें खूब चोदा. डोली भाभी की चूत की आग भी कुछ हद तक बुझ चुकी थी. प्रिया के वापस आ जाने के बाद मैं उन दोनो की चुदाई करने लगा. अब वो दोनो ही मुझसे चुदवा कर पूरी तरह से खुश हैं और मैं भी.