अब वो जोश में आकर गरम होकर लंबी लंबी सांसे ले रही थी और वो बीच बीच में हल्की सी आवाज़ में सिसकियाँ लेते हुए मुझसे कह रही थी, हाँ ऊफ्फ्फ चूसो और ज़ोर से मुझे मज़ा आ रहा है और चूसो ऊह्ह्ह वाह मुझे आज पहली बार पता चला कि यह सब करने में कितना मज़ा आता है मुझे आज पहली बार पता चला आह्ह्ह तुम कितनी अच्छी हो. अब में उसका वो पागलपन देखकर उस मौके का फायदा उठाकर उसके नीचे उसकी चूत की तरफ आ गयी और मैंने देखा कि उसकी चूत पर हल्के से बाल थे, लेकिन उसकी वो चूत बहुत गोरी और बड़ी ही कामुक रसभरी थी जिसने मेरा पूरा ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर लिया था.
अब मैंने उसकी चूत को भी कुछ देर अपने हाथों से सहलाने के बाद अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया, लेकिन उसकी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी, लेकिन फिर भी मैंने उसकी चूत पर थूकना और उसको अपनी एक ऊँगली से सहलाना शुरू किया और कुछ देर बाद मैंने अपनी जीभ को सीधी उसकी चूत के छेद में डाल दिया. अब में अपनी गरम जीभ से उसकी भट्टी की तरह तप रही चूत को चूसने के साथ ही उसके दाने को टटोलना शुरू किया, जिसकी वजह से अब तो उसको रहा ही नहीं गया और वो सिसकियाँ लेते हुए मुझसे कहने लगी, हाँ और ज़ोर से चूसो, चाटो ऊफ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह तुम पूरी अंदर तक अपनी जीभ को डाल दो, पूरा अंदर से ज़ोर लगाकर चूसो ओह्ह्ह्ह आह्ह्ह वाह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.
दोस्तों मैंने उसकी कामुक चूत को बहुत देर तक चाटी और उसके बाद मैंने उसको कहा कि अब वो मेरे ऊपर आ जाए और वो भी मेरी चूत को चाटे और मैंने तुरंत ही उसको अपने साथ 69 के आसन में कर लिया. अब वो मेरी बिना बालों की चूत को थोड़ा सोच सोचकर चाट रही थी, लेकिन कुछ देर के बाद वो जल्दी ही मज़े से चाटने के साथ साथ मेरी चूत को चूसने भी लगी थी.
फिर मैंने उसकी गांड को चाटना शुरू किया और उस पर अपनी जीभ को फेरना शुरू किया और फिर मैंने उसके दोनों कूल्हों को अपने दोनों हाथों से खोला और मैंने उसकी गांड के छेद को भी अपनी जीभ से गीला कर दिया और में उसको भी चाटने लगी, जिसकी वजह से मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा था. दोस्तों सुमन के बारे में तो आप पूछो ही मत पहली बार मेरे साथ इतना सब करने की वजह से वो इस मज़े की वजह से और भी ज़ोर से मेरी चूत को चाटने लगी थी और मैंने भी बड़ी देर तक उसकी गांड के छेद को चाटा और चूसा भी जिसकी वजह से हम दोनों अभी अधूरे मज़े में ही पहुँचे थे कि उसी समय मेरे भैया कमरे में आ गये,
क्योंकि मेरी गलती की वजह शायद कमरे का दरवाजा खुला ही था. में मज़े मस्ती की वजह से उसको लगाना भूल गई थी. अब हम दोनों उनको अचानक से अपने सामने देखकर डर गये और फिर एकदम से उठकर खड़े हो गये और उसके बाद हम दोनों ने पास रखी हुई एक चादर को अपने बदन पर डालकर अपने नंगे बदन को ढक लिया था. फिर भैया हम दोनों को इस अवस्था में देखकर चकित होकर गुस्से में कहने लगे कि यह सब क्या हो रहा है? उस समय सुमन का चेहरा डरने की वजह से बिल्कुल लाल हो गया था और वो कांपने भी लगी थी.
भैया : यह क्या हो रहा है? में अभी बाहर जाकर मम्मी, पापा को बताता हूँ कि तुम दोनों यह सब बेशर्मो जैसे काम कर रही हो.
अब में और सुमन उनको कहने लगी, प्लीज भैया रुको प्लीज आप हमारी बात को सुनो रुक जाओ.
भैया : सोनम क्या तुम्हे शरम नहीं आती? और सुमन तुम भी इसके साथ यह सब करने लगी हो, में अभी बाहर जाकर पापा को तुम्हारे इस काम के बारे में बताने जा रहा हूँ.
सुमन : भैया प्लीज आप उनको मत बताओ भैया रहने दो और वो यह कहते हुए रोने लगी, प्लीज भैया हम आगे से ऐसा कभी नहीं करेंगे, प्लीज आप एक बार हमे माफ़ कर दो.
अब भैया ने वो सभी बातें हमारे उदास चेहरे को देखकर कुछ देर सोचा और वो कहने लगे कि में तुम्हे एक शर्त पर माफ़ करूँगा. फिर सुमन और में तुरंत ही उनकी पूरी बात को सुने बिना ही बीच में बोल पड़े हाँ जी भैया हमें आपकी सभी बातें मंज़ूर है.
भैया : तुम दोनों इस खेल में मुझे भी अपने साथ शामिल करो, तब जाकर मेरा यह मुहं हमेशा के लिए बंद हो जाएगा और किसी को कभी कुछ भी पता नहीं चलेगा, वो सभी बातें तुम दोनों मेरे ऊपर छोड़कर बस भूल जाओ.
अब यह बात सुनकर सुमन का मुहं दोबारा से उतर गया और इससे पहले की वो कुछ कहे मैंने कह दिया.
में : भैया हाँ ठीक है आप भी हमारे साथ इस खेल में आ जाओ हम दोनों आपके साथ मिलकर सब कुछ करने को तैयार है, लेकिन बस आप मम्मी, पापा को यह अब मत बताना.
दोस्तों सुमन ने अपनी तरफ से कोई भी जवाब नहीं दिया वो बस चकित होकर हम दोनों के चेहरे को देख रही थी, लेकिन मुझे उसके चेहरे को देखकर साफ साफ पता चल रहा था कि उसका डर थोड़ा कम हो चुका था. अब भैया ने जाकर दरवाज़ा अंदर से बंद किया और उन्होंने तुरंत ही बिना देर किए अपने पूरे कपड़े उतार दिए और फिर वो अपना तनकर खड़ा मोटा लंबा लंड अपने हाथों से सहलाने लगे थे. दोस्तों सच कहूँ मुझे तो उनका वो दमदार लंड देखकर ही गरमी आ चुकी थी और इसलिए में मन ही मन बहुत खुश थी. फिर कुछ देर बाद भैया ने हम दोनों से कहा कि अब तुम दोनों मेरे लंड को बारी बारी से चूसो. फिर यह बात सुनकर में तुरंत उनके पास चली गयी, क्योंकि मुझे तो बस उनके इशारे का ही इंतजार था और मैंने उनका लंड तुरंत ही अपने मुहं में ले लिया और में उसको चूसने लगी. अब भैया को मज़ा आने लगा था आहह्ह्ह ऊफ्फ्फ्फ़ सोनम पूरा अंदर लो ऊऊह्ह्ह हाँ वाह क्या बात है और सुमन अपनी चकित नजरों से हम दोनों को देखती ही रह गई, भैया मेरे दोनों बूब्स के साथ खेलते रहे और में उनका लंड मुहं में लेकर चूसती रही.
फिर कुछ देर बाद भैया ने कहा कि सुमन अब तुम आओ, सुमन बहुत धीरे धीरे आगे आई और उसने भी मेरे भैया का लंड पूरा अपने मुहं के अंदर ले लिया और अब वो भी लंड को चूसते हुए उन्हे मज़े देने लगी थी. फिर कुछ देर बाद उसको भी यह सब करने में बड़ा मस्त मज़ा आने लगा था और वो अब जोश में आकर तेज़ तेज़ लोलीपोप की तरह मेरे भैया के लंड को अंदर बाहर करके बड़ा ही जोश से भर रही थी. अब में और भैया एक दूसरे की तरफ देखने लगे थे और मुस्कुराने भी लगे थे, क्योंकि दोस्तों हम दोनों का वो प्लान अब हमे पूरी तरह से सफल होता हुआ नजर आ रहा था. फिर भैया ने मुझसे कहा कि वो अब सुमन की चुदाई करना चाहते है और सुमन ने मेरे भैया के लंड की अपनी जीभ मुहं से बहुत सेवा की जिसकी वजह से में भी देखकर बड़ी खुश थी. अब भैया ने उसको कंधो से पकड़कर उठाया और उसने अपनी दोनों आँखों को उसी समय बंद कर लिया था और फिर मेरे भैया अब उसके नरम गुलाबी होठों का रसपान करने लगे थे, वो पहले धीरे से चूस रहे थे, लेकिन फिर प्यासे की तरह वो सुमन के होंठों से रस निचोड़कर पीने लगे थे. दोस्तों भैया ने बहुत देर तक सुमन के मुहं का स्वाद लिया और में उन दोनों को देखकर जोश में आकर अपनी चूत को मसल रही थी.
फिर भैया ने उसके पूरे शरीर पर अपनी जीभ को फेरना शुरू किया और उन्होंने उसके एक एक अंग को चाटा और चूसा उसके बाद उसके दोनों बूब्स को भी बहुत मसला और एक एक करके दोनों बूब्स की निप्पल को अपने मुहं में भरकर चूसा चूसते हुए वो निप्पल को अपने होंठो से पकड़कर बाहर की तरफ खींचने की कोशिश करते रहे. दोस्तों यह सब करने की वजह से सुमन को बड़ा ही मस्त मज़ा आ रहा था और सुमन ने पूछा क्या सोनम को नहीं बुलाना भैया? उन्होंने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है, में सोनम को बाद में चोदना चाहता हूँ और उसके पहले में तुम्हारी चुदाई करूंगा और गांड भी मारूँगा. अब भैया ने यह बात कहते हुए सुमन को तुरंत ही लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैला दिया और मैंने तुरंत उसकी चूत के पास आकर उसकी चूत को चूसकर एकदम गीला कर दिया और मैंने कुछ देर बाद अपने भैया के लंड को भी चूसकर गीला कर दिया. फिर भैया ने धीरे से अपना लंड उसकी गीली कुंवारी चूत के मुहं पर रख दिया और थोड़ा ज़ोर लगाया वो दर्द की वजह से करहाने लगी थी. अब मैंने तुरंत ही उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और भैया ने एक ही तेज झटका देकर उसकी चूत की सील को तोड़ दिया और दर्द की वजह से चिल्लाई गई, लेकिन उसकी वो आवाज़ मुहं में ही दबी रह गयी.
फिर भैया ने उसका दर्द का ध्यान रहते हुए थोड़ी देर अपने लंड को अंदर ही रखा और जब कुछ देर बाद उसको दर्द की वजह से कुछ राहत मिलने लगी. तब वो अपने लंड को अंदर बाहर करने लगे. अब भैया तो मज़े और मस्ती में मग्न हो चुके थे और अब सुमन भी धीरे धीरे जोश से अपनी गांड को हिलाने लगी थी और भैया का लंड अपनी चूत के अंदर लेने लगी. फिर भैया ने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखा और वो धक्के देने लगे और वो बड़बड़ाते हुए कहने लगे अहह्ह्ह वाह क्या चूत है तेरी सुमन मज़ा आ गया ऊह्ह्ह. अब सुमन भी अहह ऊह्ह्ह्ह कर रही थी और भैया तो अपना पूरा ज़ोर उसकी चूत में छोड़ने में लग रहे थे और मेरा तो उन दोनों को इस तरह चुदाई करते देखकर पानी छूट गया और में बेड पर ही थोड़ी देर लेट गयी. फिर जब मैंने अपने मुहं को ऊपर किया और देखा कि सुमन और भैया एक दूसरे को आमने सामने नज़र मिलते हुई चुदाई के मज़े ले रहे थे. अब तो सुमन की भी वो पूरी शरम खत्म हो चुकी थी, सुमन के मुहं पर भी हल्की सी मुस्कुराहट थी और भैया का भी चेहरा खुशी से खिल चुका था और वो दोनों धक्के देते हुए बीच में एक दूसरे को चूम भी रहे थे.
फिर थोड़ी देर के बाद सुमन ने भैया को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और तभी उसने कहा कि उसका पानी आ गया और उसने मज़े में आहहहा ऊऊईईईईईईई उफफफफ्फ़ कहते हुए अपनी चूत का पानी छोड़ दिया. फिर वो थोड़ी सी ढीली पड़ गयी और भैया ने अपनी रफ्तार को बढ़ा लिया और वो अब कस कसकर उसको धक्के देने लगे थे, जिसकी वजह से उसकी गांड भी उछल रही थी. फिर कुछ देर के बाद भैया ने भी अपनी हार मान ली और सुमन की चूत में ही अपना वीर्य निकाल दिया और वो कहने लगे अहह वाह क्या चूत है मस्त मज़ेदार अहह ऑश. फिर भैया उसके ऊपर लेट गये और हम तीनों ने अपना अपना पानी निकालकर जोश को ठंडा करके मज़ा ले लिए और अब सुमन ने कपड़े पहन लिए और वो पानी से अपनी चूत को धोकर सो गयी. अब मैंने कहा कि भैया अब आप मुझे भी चोदो ना, तभी भैया ने कहा कि मुझे तो तेरी गांड मारनी है वो मुझे सबसे अच्छी लगती है. फिर में झट से उठी और क्रीम लेकर आई और मैंने बहुत सारी क्रीम उनके लंड पर लगाई और अपनी गांड के छेड़ पर भी क्रीम को लगा लिया और कहा कि भैया अब आप मारो मेरी गांड.
अब भैया ने पहले अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रगड़ा और फिर जब वो दोबारा तनकर खड़ा गया, उसके बाद एक ही झटके में उन्होंने अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया आहहह्ह्ह मुझे बहुत शांति मिली. फिर तो उसके बाद भैया ने अपनी बहन की चुदाई करना शुरू कर दिया और में उनको कहने लगी अहह्ह्ह हाँ भैया मारो हाँ भैया ऊह्ह्ह्ह क्या मस्त मज़ा आ रहा है और भैया भी बस मेरी चूत का मज़ा ले रहे थे और थोड़ी देर के बाद मेरी चूत में ही अपना वीर्य निकाल दिया और वो मेरे ऊपर ही थककर लेट गये और अब तक मेरा भी पानी निकल चुका था. दोस्तों यह था मेरा सेक्स अनुभव अपनी बहन और भाई के साथ. उस मज़ेदार चुदाई के उस खेल को खेलकर हम सभी बड़े खुश थे.