हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अंकित है। मेरी उम्र 21 साल है और में अहमदाबाद का रहने वाला हूँ। में बी.ई मैकेनिकल का स्टूडेंट हूँ और मेरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर यह पहली स्टोरी है। ये बात तब की है जब में 12वीं क्लास में था। जब अप्रेल का महीना था और सभी स्कूलों में छुट्टी शुरू हो गयी थी। में हर साल छुट्टी मनाने अपने मामा (अंकल) के घर जाता था, तो इस बार भी में उनके घर छुट्टी मनाने चला गया था। behno ki chudai
अब में आपको बता देता हूँ कि मेरे अंकल की बहुत साल पहले ही मौत हो गयी थी। अब उनके घर में मेरी मामी, उनकी बड़ी लड़की मनीषा और उससे छोटी लड़की जागृति और उससे छोटा लड़का मनोज रहते है। तब मनीषा 20 साल, जागृति 18 साल और मनोज 15 साल का था। मेरी मामी एक कंपनी में क्लर्क है, वो पूरे दिन घर पर नहीं होती है। में, मनोज, जागृति और मनीषा पूरे दिन बहुत खेलते है और रात को सब फ्लोर पर एक साथ ही सो जाते थे और मामी एक अलग बेडरूम में सोती थी।
फिर एक दिन मैंने और मेरे दोस्त ने उसके घर पर एक ब्लू फिल्म देखी। behno ki chudai
में पहली बार ब्लू फिल्म देख रहा था। अब में बहुत उत्तेजित हो गया था, अब उस दिन हर वक़्त मेरे दिमाग में वही फिल्म दिख रही थी। अब मुझे भी सेक्स करने का बहुत मन कर रहा था। फिर उस रात को जब सब सो गये, लेकिन अब मुझे नींद नहीं आ रही थी? अब मनीषा मेरे पास में ही सोई थी। फिर मैंने देखा कि वो पूरी तरह से सो गयी है, तो तब मैंने हल्के से उसकी कमर पर अपना एक हाथ रख दिया। फिर धीरे-धीरे मैंने अपने हाथ को ऊपर ले जाकर उसके सेब साईज के बूब्स पर रख दिया और धीरे से दबाया। फिर इतने में ही वो जाग गयी, तो मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर ही रहने दिया और ऐसे बर्ताव किया कि में सच में सो रहा हूँ।
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फिर उसने मेरे हाथ को हटाकर साईड में रख दिया। behno ki chudai
अब दूसरे दिन वो मुझे अजीब सी नजर से देख रही थी, लेकिन में बिल्कुल नॉर्मली बर्ताव कर रहा था। फिर उस दिन मामी के ऑफिस जाने के बाद हम सब दोपहर को छुप्पा छुप्पी खेलने लगे, तो पहला दांव मनोज का आया। फिर उसने 100 तक गिना और हम तीनों छुप गये। अब मनीषा बेडरूम में, जागृति दरवाजे के पीछे और में बाथरूम में छुप गया था। फिर थोड़ी देर के बाद जागृति आउट हो गयी। अब उसके बाद मनोज मुझे ढूढ़ने के लिए बाथरूम की तरफ आ रहा था इसलिए में वहाँ से निकलकर बेडरूम में मनीषा के पास भाग गया। फिर मनीषा ने मुझसे कहा कि तुम इधर क्यों आए? हम दोनों आउट हो जाएगें। फिर मैंने उससे कहा कि कुछ नहीं होगा। फिर थोड़ी देर में मनोज बेडरूम की तरफ आने लगा। अब हम दोनों बेडरूम के पलंग के पीछे बैठे थे। फिर जब उसने बेडरूम का दरवाजा खोला, तो मैंने मनीषा को पलंग के साईड में लेटाकर उसके ऊपर सो गया।
फिर मनोज को हम दिखाई नहीं दिए इसलिए वो वहाँ से चला गया। behno ki chudai
फिर मैंने मनीषा के लिप्स पर अपने लिप्स रखकर उसे 2-3 मिनट तक किस कर दी। वो मेरा पहला किस था, अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, तो वो कुछ नहीं बोली। फिर मनोज आ जाएगा और ये सोचकर हम आउट हो गये। फिर मेरा दांव आया, लेकिन में उनको 2-3 बार आउट नहीं कर पाया। अब 4 बज चुके थे। में और मनोज हर शाम 4 बजे क्रिकेट खेलने के लिए उसके फ्रेंड के घर पर जाते थे। फिर हम खेलने के लिए चले गये। फिर रात को जब हम सब टी.वी देख रहे थे, तो मनीषा मुझे स्माइल दे रही थी। अब में समझ गया था कि वो भी करना चाहती है। फिर उस रात को जब सब सो गये तो करीब 11 बजे मैंने मनीषा को देखा, तो वो अभी तक सोई नहीं थी। में रात को सिर्फ़ बरमूडा पहनता था। फिर मैंने अपना बरमूडा अपनी कमर से नीचे उतार दिया और मनीषा का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया और उससे मुठ मारने को कहा। दोस्तों ये कहानी आप हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पड़ रहे है।
अब में भी अपना एक हाथ उसके लहंगे में डालकर उसकी चूत में अपनी एक उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा था। अब 5-6 मिनट के बाद उसकी चूत एकदम गीली हो गयी थी और मेरा वीर्य भी निकल आया था। फिर हम थोड़ी देर तक किस करके सो गये। फिर दूसरे दिन मैंने मनीषा को पूरी तरह से चोदने के लिए एक प्लान बनाया। फिर जब उन्होंने मुझसे छुप्पा छुप्पी खेलने के लिए कहा, तो मैंने बहाना बनाया कि मुझे पैर में दर्द है इसलिए हम सब दोपहर को करीब 2 बजे सो गये। अब में, मनोज और जागृति हॉल में, जबकि मनीषा बेडरूम में सो गयी थी, उसे शायद मेरे प्लान का पता चल गया था। फिर 3 बजे के आसपास मनोज उठ गया और फ्रेश होकर क्रिकेट खेलने के लिए चला गया। अब जागृति अभी भी गहरी नींद में थी। फिर में धीरे से उठकर बेडरूम की तरफ जाने लगा।
अब में उस वक़्त बहुत उत्तेजित था। behno ki chudai
फिर मैंने हल्के से दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि मनीषा सो रही है। फिर मैंने दरवाजा अंदर से लॉक कर दिया और घूमकर देखा, तो मनीषा मुस्कुरा रही थी। फिर में उसके पास गया और कहा कि आज हम आराम से करते है। फिर उसने अपना सिर हिलाकर हाँ का जवाब दिया। अब में बहुत ज्यादा उत्तेजित था। फिर मैंने उसे खड़े रहने के लिए कहा और उसके पूरे कपड़े निकाल दिए। अब वो मेरे सामने पूरी तरह से नंगी थी। अब मेरा लंड मेरी पेंट के अंदर ही टाईट हो गया था। फिर उसने भी मेरे पूरे कपड़े निकाल दिए। अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे और उसके बूब्स छोटे सेब जैसे और सिल्की थे और उसका फिगर थोड़ा मोटा, लेकिन एकदम मस्त था, हम दोनों अभी तक वर्जिन थे। फिर मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर सोकर उसे किस करने लगा। फिर तभी उसने मेरे 7 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे लंड को पकड़कर उसकी चूत पर रख दिया। फिर मैंने अपने मेरे एक ही झटके अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। अब वो सिसकियाँ ले रही थी, आहह।
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फिर 7-8 मिनट तक ऐसा करने के बाद में नीचे और वो मेरे ऊपर सो गयी और में किस करते हुए थोड़ी देर तक उसकी चूत मारता रहा। फिर मुझे उसकी गांड मारने का मन हुआ तो मैंने उसे बेड पर उल्टा लेटा दिया और उसे अपनी गांड के छेद को खोलने को कहा और फिर में उसमें अपना लंड डालने लगा। अब मेरा लंड जैसे तैसे थोड़ा उसकी गांड में चला गया था, लेकिन अब हम दोनों को बहुत दर्द होने लगा था। फिर मैंने हेयर ऑयल लेकर उसकी गांड पर थोड़ा ऑयल लगाया और थोड़ा अपने लंड पर भी लगाया। फिर धीरे-धीरे मैंने अपना पूरा लंड उसकी गांड में डाल दिया और फिर उसे अंदर बाहर करने लगा। अब मनीषा बहुत ज़ोर से उुउऊहह, आहह कर रही थी। फिर तभी इतने में ही मुझे दरवाजे के पास से कुछ आवाज़ सुनाई दी तो मैंने जल्दी से दरवाजे के पास जाकर चाबी के छेद में से बाहर देखा। ओह माई गॉड अब बाहर जागृति थी, अब में बहुत डर गया था। फिर मनीषा ने मुझसे पूछा कि कोई था क्या?
तो तब मैंने उससे कहा कि कोई नहीं था।
फिर मैंने उससे कहा कि अब बस कल करेंगे, जागृति उठ जाएगी। behno ki chudai
फिर में वहाँ से चला गया और मनीषा बेडरूम में ही सोई रही। फिर में हॉल में गया तो मैंने देखा कि जागृति अपनी आँखें बंद करके सो रही थी और फिर आधे घंटे के बाद वो उठ गयी। अब वो मुझे अजीब तरह से देख रही थी, तो मैंने उससे कुछ नहीं कहा। अब में बहुत डर रहा था कि शायद वो मामी को सब बता देगी, लेकिन उसने मामी को कुछ नहीं बताया और फिर उस रात को में जल्दी ही सो गया ।