फिर मैंने दीदी को अपने से चिपका लिया और अपने दोस्तों को बाहर जाने को कहा तो मैंने उसने कहा कि तुम लोग बाहर चलो, में दीदी को अपने साथ लेकर आता हूँ और मेरे सारे दोस्त बाहर चले गये। उसके बाद मैंने अपनी दीदी को समझाया और उनसे कहा कि हमे सबके साथ बहुत मजा आएगा और कोई भी आपके साथ जबरदस्ती नहीं करेगा, प्लीज एक बार सबके साथ कोशिश करो और बाहर सबके सामने पूरे नंगे सेक्स करने पर आपको बहुत मज़ा आएगा।
फिर मेरे बहुत समझाने पर दीदी मान गई और में दीदी को अपनी गोद में उठाकर सबके सामने ले आया। वहां पर मेरे सारे दोस्त और उनकी बहनें बिल्कुल नंगे एक दूसरे के साथ चिपके हुए थे और सब दीदी के नंगे जिस्म को आँखो से चूम रहे थे और उन्हें चोद रहे थे और दीदी शरमा रही थी। तभी मैंने उनसे कहा कि आप लोग एक एक करके आओ में आप सभी के साथ अपनी दीदी का एक बार फिर से परिचय करवाता हूँ। तो यह बात सुनकर मेरा एक दोस्त सबसे पहले आगे आ गया। में और दीदी सोफे पर बैठे हुए थे और मेरा वो दोस्त दीदी के सामने खड़ा हो गया और उसका खड़ा लंड मेरी दीदी के मुहं के ठीक सामने था।
फिर दीदी मेरे दोस्त का लंड इतने पास से देखकर और भी शरमा गई और मैंने उसका परिचय दीदी से करवाया तो दीदी ने उसको हैल्लो बोला तो मैंने उनसे कहा कि ऐसे नहीं आपको इसका लंड अपने हाथ में पकड़कर इसके लंड पर किस करना होगा, दीदी मेरी यह बात सुनकर शरमा गई और वो बोली कि नहीं यह मुझसे नहीं होगा। फिर मैंने कहा कि प्लीज एक बार आप कोशिश तो करो और मैंने दीदी का हाथ पकड़कर उसके लंड पर रख दिया। nangi chudai
दीदी ने उसका लंड पकड़ लिया, लेकिन किस करने से मना कर दिया तो मैंने भी ज़्यादा कुछ नहीं कहा और फिर कहा कि ठीक है, लेकिन आपको सभी का लंड पकड़कर हैल्लो बोलना होगा। फिर दीदी मान गई और मैंने एक एक करके सभी का उनसे परिचय करवाया। मैंने और दीदी ने सभी के लंड को पकड़कर हैल्लो बोला और मेरे दोस्त ने दीदी के बूब्स दबाकर हैल्लो बोला और फिर मैंने उनकी बहनों के साथ परिचय करवाया और उन्होंने एक दूसरे को समूच किया और एक दूसरे के बूब्स भी दबाए और अब दीदी बहुत खुल गई थी और अब वो बिल्कुल भी नहीं शरमा रही थी।
फिर मैंने दीदी को स्मूच किया और दीदी के बूब्स चूसने लगा। दीदी भी बहुत गरम हो गई और में दीदी के नंगे जिस्म को में खा जाना चाहता था। अब दीदी भी मेरे सर को पकड़कर अपने बूब्स पर दबाने लगी। मैंने धीरे धीरे दीदी के पूरे जिस्म को चाट डाला और उसके बाद में दीदी के दोनों पैरों के बीच में आ गया और मैंने दीदी की चूत को सहलाया, सूंघा। वाह दोस्तों दीदी की चूत की क्या मस्त खुशबू थी, मेरा मन किया कि में दीदी की चूत को खा जाऊँ।
फिर दीदी की चूत को जैसे ही मैंने किस किया और चाटा तो दीदी एकदम से मचल उठी और उन्होंने मेरे सर को ज़ोर से अपनी चूत पर दबा लिया और अपनी गांड को हवा में ज़ोर ज़ोर से उछालने लगी और उफ़फ्फ़ आह्ह्ह्ह एयेएहहहह मेरी जान, मेरे प्यारे भाई हाँ चूसो मेरी चूत को आहहहह यह बात बात सुनकर में और ज्यादा गरम हो गया और मैंने दीदी की चूत के छेद में अपनी जीभ को घुसा दिया और गोल गोल घुमाने लगा जिसकी वजह से दीदी और गरम हो गई और वो अपनी गांड को हवा में और ज़ोर ज़ोर से उछालने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियों की आवाज़े निकालने लगी।
फिर मैंने उनकी चूत को करीब 20 मिनट तक चाटा और फिर दीदी ने मेरे सर के बाल पकड़ लिए और मुझे अपनी तरफ खींचकर मुझसे चिपक गई और मुझे स्मूच करने लगी। अब दीदी पूरी नंगी थी और अब मैंने दीदी से मेरा लंड चूसने को कहा तो दीदी थोड़ा सोच में पड़ गई और थोड़ी देर बाद दीदी ने मेरे लंड को बड़े प्यार से पकड़ा और सहलाने लगी और फिर दीदी ने मुझे नीचे कर दिया और मुझे किस करने लगी। उसके बाद दीदी मुझे किस करते हुए मेरे लंड तक पहुंच गई और फिर दीदी ने बड़े प्यार से मेरे लंड पर किस किया और फिर दीदी मेरा लंड चूसने लगी। करीब 25 मिनट तक दीदी मेरा लंड चूसती रही। फिर मैंने दीदी को अपने ऊपर खींच लिया और स्मूच किया। अब में अपना लंड दीदी की चूत पर रगड़ने लगा, जिसकी वजह से दीदी भी जोश में आकर अपनी गांड को हवा में उछालने लगी और अब दीदी बहुत गरम हो गई और मुझसे आग्रह करने लगी कि प्लीज भैया अब डाल दो मेरी चूत में, अपनी दीदी को इतना मत तड़पा, में तुमसे आग्रह करती हूँ, प्लीज अब में लड़की से औरत बनना चाहती हूँ, अब अपनी बहन के जिस्म की भूख को ठंडा कर दो, तुम बहुत अच्छे हो भैया।
मैंने भी फिर देर नहीं की और दीदी की चूत में लंड को डाल दिया। दोस्तों अभी मेरा सुपाड़ा ही घुसा था कि दीदी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी तो मैंने दीदी से कहा कि दीदी आप वर्जिन हो शुरू शुरू में आपको थोड़ा दर्द होगा, लेकिन फिर आपको बहुत मजा आएगा। दोस्तों आप ये कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है। nangi chudai
फिर दीदी ने मेरे होंठ अपने होंठो में दबा लिये और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी। फिर जैसे ही में अपना लंड और अंदर डालता तो दीदी मेरे होंठो को और ज़ोर से चूसती और करीब तीन झटको के बाद जैसे ही मैंने आखरी झटका मारा तो मेरा लंड दीदी की तड़पती हुई चूत में पूरा समा गया और दीदी बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी, लेकिन उनकी आवाज़ मेरे मुहं में दब गई और वो उस दर्द से मचलने लगी थी।
मेरे शरीर पर अपने नाख़ून से खरोंचने लगी और में थोड़ी देर ऐसे ही दीदी की चूत में अपना लंड डालकर दीदी की चूत का दर्द कम होने तक में उनके बूब्स को चूसने, दबाने लगा और फिर धीरे धीरे दीदी का दर्द कम होने लगा और अब दीदी अपने आप ही अपनी गांड को धीरे धीरे गोल गोल घुमाने लगी। फिर मैंने भी धीरे धीरे अपने लंड को अंदर बाहर करके दीदी की चुदाई करना शुरू कर दिया।
अब दीदी को भी मजा आने लगा था और दीदी खुद की चुदाई करवाने में मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी। दोस्तों मैंने दीदी को बहुत सारी पोज़िशन में चोदा, जिसमे दीदी ने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया और उन्होंने मेरे साथ अपनी चुदाई के बहुत जमकर मज़े लिए। फिर आखरी में मैंने अपना वीर्य दीदी की चूत में भर दिया और में थककर दीदी के ऊपर ही लेट गया और दीदी मेरे बालों को अपने हाथ से सहलाने लगी।
मेरे सभी दोस्त हमे आसपास से घेरकर चुदाई के मज़े ले रहे थे और उन्होंने दीदी को बहुत बहुत बधाईयाँ दी और उनसे कहा कि आज वो लड़की से एक औरत बन गई। वो बहुत खुश थी और मेरी चुदाई से बहुत संतुष्ट भी थी। दोस्तों सबसे ज़्यादा मज़ा खुद की बहन को चोदने में ही आता है, इस बात का मुझे उस दिन एहसास हुआ क्योंकि मैंने अपनी बहन को पहली बार बहुत मज़े लेकर चोदा और हमें किसी भी बात की कोई टेंशन नहीं थी, बस हम दोनों के ऊपर चुदाई का भूत सवार था।
मैंने उनके साथ मस्त होकर चुदाई के पूरे मज़े लिए और मैंने अपनी दीदी की चूत को चोदकर उनकी सील को तोड़ दिया। nangi chudai
दोस्तों में उस अहसास को आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकता कि उस पल में कैसा महसूस कर रहा था, जब मेरे मोटे लंड ने मेरी बहन की प्यासी वर्जिन चूत को चोदा ।