हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम योगेश है और जो में आज आप लोगों को बताने जा रहा हूँ वो मेरी लाईफ की एक सच्ची घटना है। दोस्तों मैं इस साईट का रेगुलर रीडर हूँ ये रोजाना मेरी रात को खास बना देती है मुझे इस पर भाई बहन की सेक्स कहानियाँ बहुत पसंद है। दोस्तों अब में अपनी कहानी पर आता हूँ. nangi chudai
यह कहानी भाई बहन के ग्रुप सेक्स की है और इसमें बहुत सारे लोग शामिल है जिनका परिचय में कहानी के साथ ही करवाता रहूँगा और सबसे पहले में अपनी बड़ी बहन का परिचय दे दूँ। nangi chudai
दोस्तों मेरी दीदी का नाम माधुरी है वो अपनी पढ़ाई मुंबई के एक कॉलेज में कर रही है और मेरे पापा और मम्मी हमारी एक कम्पनी को सम्भालते है इसलिए वो अधिकतर समय बाहर ही रहते है और इसलिए घर पर सिर्फ़ में और मेरी बहन ही रहते है। मेरी बहन बहुत ही सुंदर है और उसका फिगर तो एकदम कमाल है 36- 28- 38। दोस्तों भगवान ने मेरी दीदी को हर एक चीज़ एकदम अच्छी दी है उसके बूब्स, उसकी कमर, उसकी गांड, उसकी जांघे, उसका चेहरा, उसके बाल, उसकी हाइट, उसकी आवाज़ हर एक चीज़ अच्छी है।
मेरी दीदी का जिस्म ऐसा है कि उसको देखकर इंसान तो क्या जानवरों के भी लंड खड़े हो जाए, मेरी दीदी में सिर्फ़ एक ही कमी है उसका नखरा और उसमे नखरा बहुत ज्यादा है जिसकी वजह से दीदी का कोई भी बॉयफ्रेंड नहीं है और ना ही ज़्यादा दोस्त है। दोस्तों इस कहानी का एक और किरदार है जो मेरी ही बिल्डिंग में रहता है, उससे मेरी बहुत अच्छी दोस्ती हो गई और उसका नाम सुरेन्द्र है। nangi chudai
एक बार में और सुरेन्द्र बाहर खड़े हुए थे तो एक बहुत ही हॉट और सेक्सी लड़की आई तो मैंने सुरेन्द्र से कहा कि यार देख क्या मस्त आईटम जा रही है, फिर उसने देखा और फिर अपना मुहं दूसरी तरफ कर लिया, लेकिन में उसको ही देख रहा था और उसको बोल रहा था कि यार इसके क्या मस्त फिगर है? देख इसके तो बूब्स गांड सब कुछ बहुत मस्त है और इसके साथ सेक्स करने में कितना मजा आएगा? तभी मैंने देखा कि वो मेरी ही बिल्डिंग में घुस गई। अब में और भी खुश हो गया और मैंने सुरेन्द्र से पूछा कि यार क्या वो अपनी ही बिल्डिंग में रहती है? तो वो कुछ नहीं बोला और फिर कुछ देर बाद वो मुझसे बोला कि चल हम कहीं घूमकर आते है और फिर हम घूमने चले गये।
दूसरे दिन रविवार था उसने मुझे अपने घर पर बुलाया, में उसके घर पर गया और मैंने दरवाजा खटखटाया तो दरवाजा खुल गया तभी मैंने देखा कि ठीक मेरे सामने वही सेक्सी आईटम खड़ी हुई थी और में उसको देखकर बहुत चकित हो गया। में कुछ देर उसको घूरता रहा और फिर मैंने उससे कहा कि मुझे सुरेन्द्र से मिलना है तो उसने मुझसे कहा कि आप अंदर आ जाओ, सुरेन्द्र अपने रूम में है, में अभी उसे बुला देती हूँ या फिर आप खुद चले जाईए। nangi chudai
अब मैंने उसको धन्यवाद बोला और में खुद सुरेन्द्र के रूम में चला गया और अंदर जाते ही उससे पूछने लगा कि यह यहाँ पर कैसे? तब वो मुझसे बोला कि यह मेरी दीदी है, में उसके मुहं से यह शब्द सुनकर बहुत डर गया और उससे बोला कि यार तू मुझे माफ़ कर दे, कल मैंने जो भी कहा उन सभी बातों के लिए प्लीज और अब उसके चेहरे पर स्माइल थी और वो मुझसे बोला कि नहीं यार तू मुझसे माफ़ी क्यों मांग रहा है मेरी दीदी है ही इतनी सेक्सी कि कोई भी ऐसा बोलेगा।
दोस्तों पहले तो में समझ नहीं पाया, लेकिन फिर कुछ देर बाद में समझ गया कि यह भी मेरी तरह अपनी बहन से बहुत प्यार करता है, अब मैंने उससे कहा कि हाँ यार यह बात तो तू एकदम सही कह रहा है, तेरी बहन एकदम जबरदस्त माल है और जिसके साथ एक बार सो जाए उसकी तो किस्मत ही बदल जाएगी। तभी वो बोला कि हाँ यार और तेरी भी बहन कोई कम नहीं है, वो तो सबकी पहली पसंद है और मैंने कई बार यहाँ के लड़को को तेरी बहन के बारे में बातें करते हुए सुना है। फिर मैंने उससे पूछा कि तूने क्या सुना है? वो बोला कि यही कि तेरी बहन मस्त माल है और तेरी बहन के सामने दुनिया की सारी हिरोईने भी बेकार है और तेरी बहन के बारे में जब भी वो लोग बात करते है तो वो अपना लंड भी रगड़ते है।
दोस्तों मुझे पता नहीं क्यों उसकी बातें सुनकर अजीब सा लग रहा था, लेकिन बिल्कुल भी बुरा नहीं लग रहा था और में उसकी बातें सुनकर बहुत ही खुश हो रहा था। फिर मैंने कहा कि हाँ यार यह तो है मेरी दीदी बहुत ही सेक्सी और सुंदर भी है और अब हम दोनों एक दूसरे की बहनों के बारे में बातें करते रहे जिसकी वजह से अब हमारे लंड खड़े हो गये और हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। nangi chudai
दोस्तों ऐसे ही मेरे 6 और दोस्त बन गए जो अपनी सेक्सी हॉट और सुंदर बहन को चोदना चाहते थे या कह लीजिए कि अपनी बहन को चोदने के लिए इच्छा रखते थे। हम सब मिलते थे और एक दूसरे की बहन के नाम की मुठ मारते थे और एक दूसरे से उनकी बहनों के बारे में पूछते थे क्योंकि ऐसा करने में हम सभी को बहुत मजा आता था।
फिर हम सब और भी खुल गये और अपनी अपनी बहनों की ब्रा, पेंटी भी लेकर आने लगे और एक दूसरे की बहनों की ब्रा, पेंटी लेकर उसको अपने लंड पर रगड़ते कभी पहनते भी और गंदे गंदे शब्द बोलते थे, ऐसा करते करते एक महीना निकल गया और फिर मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा कि काश सोचने की जगह सच में हमारी बहनें हमसे चुदाई करवाती।
फिर मैंने कहा कि दोस्तों हम अपनी खुद की बहनों को पटा नहीं सकते क्योंकि हमें अपने घरवालों का डर लगता है, लेकिन हम एक दूसरे की बहनों को तो जरुर पटा सकते है, तुम खुद सोचो कि हमारी बहनें बाहर कभी किसी और से चुदवाएगी तो इससे अच्छा है कि हमारी बहनें हमारे ही किसी दोस्त से चुदवा ले और इससे हमको पता भी रहेगा कि हमारी बहनें कहाँ और किससे चुदवा रही है? nangi chudai
दोस्तों सभी को मेरा यह विचार बहुत पसंद आया और सभी ने कहा कि हम अपनी बहन को पटवाने में मदद भी कर देंगे और इस काम के लिए हम सब सुरेन्द्री हो गये और हमने एक दूसरे की बहन को पटाकर चोदने के लिए चुन लिया था। फिर मैंने सुरेन्द्र की बहन को चुना और योगेश ने मेरी दीदी को और ऐसे ही सबने पसंद कर लिया था, तभी मैंने योगेश से कहा कि तू अभी मेरे घर पर चल में तुझे अपनी दीदी से मिलवा देता हूँ, वो बोला कि ठीक है और हमने कपड़े पहन लिए और अपने काम पर लग गए और मैंने योगेश का परिचय अपनी दीदी से करवा दिया।
दीदी ने उसको हैल्लो बोला, हाथ मिलाया और थोड़ी बातें भी की और बोली कि मुझे माफ़ करना, मुझे इस समय कहीं जाना है और फिर वो चली गई। दोस्तों मेरी दीदी के भाव बहुत है और हो भी क्यों नहीं, वो इतनी सुंदर जो है? तो मैंने योगेश से कहा कि यार मेरी दीदी का जिस्म चाहिए तो तुझे मेहनत तो बहुत करनी होगी। तभी मेरे पास सुरेन्द्र का कॉल आया और वो मुझसे बोला कि मेरे घर पर आ जा, में तेरा परिचय अपनी दीदी से करा दूँ और में उसके घर पर चला गया और उसने मेरा परिचय अपनी दीदी से करवा दिया और मैंने थोड़ी देर उसकी दीदी से बात की और अपने घर पर आ गया।
फिर सुरेन्द्र का मेरे पास कॉल आया और वो मुझसे बोला कि मेरी दीदी सुबह 8 बजे अपने कॉलेज के लिए निकलती है तो तू अपनी बाइक पर उसको छोड़ देना। दोस्तों आप ये कहानी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे है। nangi chudai
दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनते ही मेरा लंड एकदम टाइट हो गया और मैंने उससे कहा कि ठीक है कल सुबह तेरी बहन मेरी बाइक पर होगी और फिर मैंने योगेश को कॉल करके बोला कि मेरी बहन 9 बजे अपने कॉलेज जाती है तू कल जाकर उसको लिफ्ट दे देना, वो भी बहुत खुश हो गया और दूसरे दिन में सुबह 7.30 बजे ही तैयार होकर उसका इंतजार करने लगा और वो ठीक 8 बजे आ गई।
फिर मैंने उसको हाए बोला और उसको मेरे साथ बैठने को कहा तो उसने पहले मना किया, लेकिन फिर मान गई और ऐसे ही हर दिन में उसको लिफ्ट देने लगा और हम अच्छे दोस्त हो गये और एक हफ्ते में ही बहुत खुलकर बातें करने लगे और फिर मैंने उसको एक दिन फिल्म देखने जाने को बोला और वो मान गई और वो उस दिन अपने कॉलेज से बंक कर गई।