में सन्नी मेहरा. हैल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम सन्नी है और आज में आप सभी को अपने जीवन का एक सच बताने जा रहा हूँ, जिससे मेरी पूरी जिंदगी बदल गई. फ्रेंड्स यह कहानी मेरी और मेरी आंटी की है और में इस स्टोरी में आप सभी को बताऊंगा कि कैसे मैंने आंटी की जांघो में छुपी हुई गुलाबी कलर की चुत और फूली हुई गांड को बहुत अच्छी तरह से अपने 8 इंच के काले मोटे लंड से रातभर चोदा और उन्हे खुश किया और अब फ्रेंड्स में अपनी कहानी पर आता हूँ. antarvasana hindi porn sex kahani wali aunty ki chut chudai katha.
फ्रेंड्स में एक छोटे से शहर का रहने वाला हूँ, में पढ़ने में बहुत तेज़ था इसलिए मेरी नौकरी एक प्राइवेट कंपनी में लग गई और इसलिए में अपने शहर से नई दिल्ली आ गया और जब में दिल्ली आया तो में यहाँ की लड़कियों और औरतों को देखता था जो कि बहुत छोटे छोटे कपड़ों में रहती थी, कोई अपने बूब्स को हिला हिलाकर चलती तो कोई अपनी गांड को मटका मटकाकर चलती थी.
मुझे दिल्ली की आंटी बहुत अच्छी लगती थी, उनकी गांड और बूब्स में तो जैसे मेरा लंड खड़ा करने की जादुई ताक़त थी. फ्रेंड्स मुझे पढ़ाई के साथ सेक्स का भी बहुत शौक था. में हर वक्त केवल चुदाई के बारे में ही सोचता रहता था और इस साईट पर हिंदी सेक्सी कहानियाँ पढ़ता था और फिर दिन में दो तीन बार मुठ मार लेता था.
जब में नई दिल्ली आया तो मैंने किराए पर एक फ्लेट लिया, वो फ्लेट 10वीं मंजिल पर था और जहाँ मैंने फ्लेट लिया था वहां पर केवल दो ही फ्लेट थे और वहाँ एकदम सुनसान रहता था तो वहाँ पर ज़्यादा कोई आता जाता भी नहीं था. desi hindi porn sex kahaniya padhiye free me!
फिर मैंने अपना सारा सामान अपने नये फ्लेट में सेट किया और बाहर लॉन में घूमने निकल गया. फिर जब में बाहर घूम रहा रहा था तभी मुझे मेरे पास वाले फ्लेट में से एक औरत बाहर निकलते हुए दिखी, उसकी उम्र करीब 32 साल की होगी, उसने गुलाबी कलर की साड़ी पहनी हुई थी और वैसे ही कलर का गहरे गले का ब्लाउज पहना हुआ था, शायद वो कहीं बाहर जा रही थी.
जब मैंने उसे पहली बार देखा तो मेरे होश उड़ गये, उसके बड़े बड़े बूब्स क्या मस्त थे और जब वो चल रही थी तो उसके बूब्स उछल उछलकर बाहर आने की कोशिश कर रहे थे और उसकी गांड इतनी बड़ी और ब्रेड की तरह फूली हुई थी कि उसमे अगर 12 इंच का लंड भी डालो तो कम पड़ जाएगा और जब वो चल रही थी तो उसके चुतड़ ऊपर नीचे हो रहे थे,
उसका चेहरा थोड़ा सांवला था, लेकिन उसके फिगर के आगे उसका चहरा और खिल रहा था. उसका पूरा जिस्म बहुत सेक्सी था, उसके फिगर का साईज करीब 36-24-36 था. फ्रेंड्स में मन ही मन बहुत खुश हुआ कि मेरे फ्लेट की मंजिल पर केवल दो ही फ्लेट है और उसमें से एक उसका है, फिर मैंने सोचा कि अगर यह एक बार मुझे मिली तो में उसके दोनों बूब्स के बीच की दरारों में अपना 8 इंच का लंड डालकर चुदाई जरुर करूंगा और उसकी गांड के छेद में अपनी सारी उंगलियाँ एक ही बार में डालकर इसे इतना चोदूंगा कि यह भी मेरे लंड की दीवानी हो जाएगी और इतना सोचते ही मेरे लंड ने मेरी जिन्स में ही वीर्य निकाल दिया. वो तनकर एकदम सीधा खड़ा हो गया और उसकी चुत को सलामी देने लगा था. hindi porn sex videos
फिर में झट से अपने कमरे में चला गया और अपनी पेंट खोलकर अपने लंड की तरफ देखा तो उसमे से इतना वीर्य निकल रहा था जैसे कि उसको किसी ने अपने मुहं में लेकर बाहर निकाला हो और उसका लार मेरे लंड पर रह गया हो. फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा हल्के से पीछे किया तो मेरा सारा वीर्य मेरे हाथ पर गिरने लगा और फिर मैंने हल्के से अपने लंड का सुपाड़ा पकड़ा और उसे हल्के हल्के ऊपर नीचे करना चालू कर दिया. फिर मैंने जैसे ही अपनी आखें बंद की तो उन आंटी का फिगर मेरे सामने आ गया.
मैं उसके बूब्स को सोच सोचकर मुठ मारे जा रहा था और में उसकी उभरी हुई गांड के बारे में सोचकर मुठ मारे जा रहा था, तो मेरी हालत एकदम खराब हो गई थी. मेरे काले, मोटे, लंबे, लंड का तो एकदम बुरा हाल हो गया था और उसका सुपाड़ा तो एकदम लाल हो गया था. फिर में उठा और अपने हाथ को चुत के आकर का बनाया और उसमे अपना लंड डाल दिया आआहहााआअहह क्या बताऊँ फ्रेंड्स मुझे तो जन्नत का मज़ा आ रहा था.
उसकी चुत को सोचकर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे जा रहा था और अभी तक मेरी आँखे बंद थी. फिर मेरे धक्के और भी तेज़ हो गये और अब में झड़ने वाला था. फिर आअहह की आवाज़ के साथ मेरा सारा वीर्य मेरे हाथ पर गिर गया, वो एकदम सफेद गाढ़ा था और जब मैंने अपने हाथों की तरफ देखा तो मेरा वीर्य मेरे पूरे हाथों पर फैला हुआ था. फिर मैंने अपना वीर्य अपने लंड पर लगाया और उसकी मालिश करने लगा.
मैंने अपना थोड़ा सा वीर्य अपनी एक उंगली पर लिया और उस उंगली को अपने मुहं में लगा लिया, मुझे मेरा वीर्य बहुत स्वादिष्ट लगा और उसके बाद मैंने ठान लिया कि में अब आंटी को चोदकर ही रहूँगा और फिर एक अच्छे मौके की तलाश करने लगा. sex porn hindi fonts me!
फिर धीरे धीरे ऐसे ही समय गुजरता चला गया. में अपने ऑफिस के कामों में लग गया, लेकिन चाहकर भी में आंटी की मदहोश कर देने वाली जवानी को नहीं भुला पा रहा था और में उनसे बात करने की नई नई तरकीब सोचता रहता था, लेकिन मेरी किस्मत मेरा साथ नहीं देती, क्योंकि सारा दिन वो अपना कमरा बंद करके रखती थी जिसकी वजह से मुझे मौका नहीं मिल पता था.
एक दिन जब में सो रहा था तभी किसी ने मेरा दरवाजा बजाया, मैंने उठकर दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि सामने आंटी खड़ी हुई है, फ्रेंड्स वो क्या लग रही थी? वो गुलाबी कलर की मेक्सी पहने हुई थी क्योंकि उसे गुलाबी कलर बहुत पसंद था. वो मेक्सी थोड़ी जालीदार थी, जिसमें से उनके बूब्स के काले काले दाने साफ दिखाई दे रहे थे, क्योंकि उस समय आंटी ने अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी.