TMKOC XXX Storiez – जेठालाल जैसे जैसे अंजलि की लेगिंग्स उतर रहा था वेसे अंजलि की सांसी और तेज चलने लगी। अब पूरा कामरा अंजलि की मीठी आवाजो से गूंज रहा था. ‘आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् जेठा भैइइइइइइइइइइ आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह प्लीजीईईज्ज़्ज़…’ फिर जेठालाल अंजलि की लेगिंग्स ऊपर करने के लिए बारी बारी अंजलि के पैर उठा ता है.. अब अखिरकार जेठालाल ने अंजलि की लेगिंग्स उतर दी..
जेठालाल- वाह! अंजलि भाभी पिंक पैंटी आप पे जंच रही है
अंजलि शर्मा जाति है..
अंजलि – क्या आप भी जेठाभाई……
जेठालाल – नहीं सच में
इससे पहले जेठालाल अंजलि की पैंटी उतारता वो उसकी पैंटी का पूरा मज़ा लेना चाहता था… जेठालाल अंजलि की चूत को उसकी पैंटी के ऊपर से ही चाटने लगा..
अंजलि – आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह…. जेताआआ …. भाईईईईईईई …. ये क्या कर रहे हो आप?
जेठालाल किसी की नहीं सुनता और अंजलि की चूत को पैंटी के ऊपर से ही चाटता रहता है…
अंजलि ने अपनी आँखें बंद कर ली थी और उसने जेठाला के सर को पकड़ रखा था…
अंजलि – जेठाभाई सारे मज़े आप ही लोगे क्या?
जेठालाल मुस्कुराते हुए – नहीं, आप भी लो अब..
जेठाला अंजलि के सामने खड़ा हो जाता है…
अंजलि उसके पास जाती है और धीरे धीरे उसके कुर्ते को उतारती है.. अंजलि जेठालाल को देख के मदहोश हुए जा रही थी…
जेठालाल – अंजलि भाभी अब मुझसे और नहीं रहा जा रहा….
अंजलि – रुको जेठाभाई, मुझे भी मज़े लेने दो प्लीज…
फिर अंजलि घुटनो के बल बैठ जाती है और जेठालाल के पाजामे का नाडा खोलती है.. जेठालाल अंजलि के बाल सेहला रहा था.. अब अंजलि ने जेठालाल को पूरा नंगा कर दिया था.. लेकिन जेठालाल ने अब भी अंडरवियर पहन रखा था..
अंजलि ने भी जेठालाल की ट्रिक इस्तमाल की..
अंजलि ने जेठालाल के लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही सेहलान शुरू किया… धीरे धीरे अंजलि ने अपनी पकड़ मज़बूत करनी शुरू की और जेठालाल के लंड को कस के दबाने लगी…
जेठालाल – अंजलि भाभी रहम…. मुझे अभी नहीं झड़ना है..
अंजलि हसने लगती है और फिर आखिरकार अंडरवेअर उतार देती है..
अंजलि की ख्वाहिश पूरी हो जाती है… जेठालाल के लंड से रूबरू होने की…
अंजलि – वाऊ! जेठाभाई, आपका इतना बड़ा है, दया भाभी सच कहती थी की आपका लंड ९ इंच का है..
जेठालाल – अरे अंजलि भाभी, लगता है आपके अलावा किसी और को भी मेरा लंड पसनद आ गया..
अंजलि गुस्से में बोली – कौन है वो? नाम तो बताइये ज़रा…..
जेठालाल – अरे अंजलि भाभी गुस्सा क्यों हो रही हो आप… उसे अच्छी तरह से जानती हो बचपन से…
अंजलि – आप बस उसका नाम बता दीजिये और कहा रहती है वो…
जेठालाल – आप पहले खड़े होइए…
अंजलि नंगी जेठालाल के सामने कड़ी होती है…
जेठालाल अंजलि का हाथ पकड़ता है और उसकी चुत पर रख देता है.. और कहता है
जेठालाल – ये है वो जिसकी मैं बात कर रहा था.. आपकी चूत जो बचपन से आपके साथ रहती है…
अंजलि शर्माते हुए कहती है..
अंजलि – जेठा भाई इसको तो सज़ा मिलनी चाहिए, आप प्लीज इसे पनिशमेंट दीजिये….
जेठालाल अंजलि के नज़दीक जाता है और अपनी ऊँगली अंजलि के चूत में दाल देता है..
अंजलि के मुँह से आवाज़ निकलती है… ‘आअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह!’
जेठालाल – सज़ा तो मिलेगी ज़रूर मिलेगी अंजलि भाभी…
Sexkahani – दोपहर में मिली एक रंडी
और जेठालाल अपनी पांचों उंगलियां अंजलि की चूत में घुसेड़ देता है…
अंजलि की आँखें आँसुओं से लाल हो जाती है…
अंजलि – ये क्या कर रहे हो जेठाभाई, दर्द हो रहा है… प्लीज आप ऊँगली निकालिये…
जेठालाल – नहीं अंजलि भाभी, आपने अपनी चूत को इतने दिन तक तरसाया है, आपको सज़ा तो मिलेगी…
अंजलि – ऐसा क्यों कह रहे हो जेठाभाई, मैंने तो आपकी इज़्ज़त ख़राब हो जाती इसिलए आपको नहीं बताया…
जेठलाल अपनी मुट्ठी अंजलि को चूत के अंदर दाल देता है…
अंजलि – आआअह्ह्ह्हह्हह…. आह्हः…. जेठाभाई…..
अब जेठालाल अंजलि को उठाकर सोफा पर पटक देता है…
जेठालाल – अब मैं अपनी चूत को हमेशा के लिए सुखी कर दूंगा…
अंजलि – प्लीज जेठाभाई, आराम से… दर्द हो रहा है…
अंजलि की दर्द के मारे आंखें लाल हो गई थी… बेचारी के आंसू निकल गये थे…
जेठालाल अपनी लंड चूत में डालने से पहले अंजलि के मुँह में डालता है और कहता है… “इसे चूस…”
अंजलि बिना कुछ बोले जेठालाल की बात मानती है और उसका लंड चूसने लगती है.. चूसते वक़्त पूरे कमरे में पच-पच की आवाज़ गूंज रही थी…
अंजलि – जेठाभाई, हो गया तैयार…
जेठालाल – शाबाश !
फिर जेठालाल सीधा अंजलि की चूत के पास जाता है और पहले अपनी ऊँगली जीभ पर गीली करता है और अंजलि की चूत को सहलाता है… फिर अपना लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में डालता है..
अंजलि – जेठाभाई, आराम से… बहुत नाज़ुक है…
ये बोलते ही अंजलि की चींख निकल जाती है क्योंकि जेठालाल ने अपना ९ इंच का लंड सीधा अंजलि की गीली चूत में एक ही झटके में दाल दिया था…. अंजलि अब दर्द के मारे बुरी तरह से रोने लगती है… बेचारीने आज से पहले ९ इंच का लंड कभी नहीं लिया था..
जेठालाल – क्यों? मज़ा आया?
अंजलि इतने दर्द में होती है की वो जेठालाल के सवाल का जवाब नहीं दे पाती…
जेठालाल अंजलि के गाल पर एक चाटा मारता है…
अंजलि, रोते हुए – जेठाभाई, आपने मुझे क्यों मारा?
जेठालाल – मैंने तुझसे सवाल पुछा न…. तूने जवाब क्यों नहीं दिया….
अंजलि – जेठाभाई …. आप मेरे साथ इतना बुरा बर्ताव क्यों कर रहे हो?
जेठालाल – तू इसकी हक़दार है…
जेठालाल अपने झटको की रफ़्तार तेज़ करता है…. अंजलि की दूध भी तेज़ी से हिल रहे थे… गोल-गोल….
जेठालाल अपने हाथों से अंजलि की चूचियों के निप्पल पकड़ कर उन्हें हवा में उठा लिया…
अंजलि का दर्द के मारा बुरा हाल हो रहा था… उसे समझ नहीं आ रहा था की जेठालाल उसके साथ इतना बुरा बर्ताव क्यों कर रहा है…
जेठालाल – अब मैं तेर चूत चोद चोद के थक गया हु… अब मुझे तेरी गांड चोदनी है… चल घूम….
अंजलि – नहीं जेठाभाई… आज तक किसी ने मेरी गांड नहीं मारी… प्लीज बहुत दर्द होगा…
जेठालाल – फिर तो और भी मज़ा आएगा…
जेठालाल अंजलि को सोफे से गिरा देता है. अंजलि अपने आप ही घोड़ी बन जाती है… जेठालाल ने बिना कोई चेतावनी दिया अंजलि के गांड में अपना ९ इंच का लंड घुसेड़ दिया…
अंजलि – आह्ह्ह्हह्ह…… आह्ह्ह्हह्ह… जेठाभाई….. बहुत दर्द हो रहा है…
जेठालाल अंजलि के बाल पकड़ के खींचता है और अंजलि के कान में कहता है…
जेठालाल – अरे क्या हुआ? अभी तो सिर्फ आधा ही गया है… अभी ४ इंच बाकी है…
अंजलि – आह्ह्ह्हह…… आह्ह्हह्ह्ह्ह…. जेठाभाई…. मैंने आपका क्या बिगाड़ा है… ?
जेठालाल – आपने मेरा कुछ नहीं बिगाड़ा। अपने ही कहा था की मैं आपकी चूत को पनिशमेंट दूँ… तो बस वही कर रहा हूँ…
अंजलि – लेकिन ऐसा क्यों?
जेठालाल – मैं तो आपकी कही हुई बात मान रहा हूँ…
अंजलि – तो आप मेरी एक बात मानेंगे…
जेठालाल – हाँ, बोलिये.. अंजलि भाभी….
अंजलि – आप मुझे हमेशा चोदेंगे? कभी मना नहीं करेंगे?
जेठालाल – ये भी कोई कहने की बात हुई अंजलि भाभी… मेरा ये लंड हमेश आपकी खिदमत में हाज़िर हूँ….
जेठालाल आखरी बार अंजलि को एक ज़ोर का झटका मारता है और उसकी गांड में झड़ जाता है..
दोनों एक दूसरे के ऊपर सो गए.. अंजलि के चेहरे पर एक मुस्कान थी… की आखिरकार उसने अपने सपनो के राजा से चुदवाई करवा ले थी.. अभी उसे ज़िन्दगी से फिलहाल कुछ नहीं चाहिए था…
वर्तमान समय – (जब अंजलि और पूरा महिला मंडल आयुषी को स्टोरी सुना रहे थे)
दया – अरे अंजलि भाभी आपने कभी बताया नहीं की आपने टप्पू के पापा से इतने मज़े से चुदाई करवाई थी…
माधवी – हाँ! दया भाभी अब तो मेरा मन भी कर है जेठाभाई से चुदवाने का…
बबिता – अरे जेठाजी की बात ही कुछ और है… तभी तो मैंने उन्हें अपने पति माना है… ऐय्यर को नहीं….
आयुषी – हाँ अंजलि भाभी की कहानी सुनने के बाद मुझे भी जेठाभाई से प्यार हो गया है..