Dost Ki Kunwari Behan Ko Pela – मेरा नाम प्रकाश है और मेरी उम्र 20 साल है। दोस्तों यह बात उन दिनों की है, उस समय मेरा एक बहुत पक्का दोस्त था जिसका नाम ज़ुबेर था और उसकी एक बहन थी जिसका नाम सना था और वो दिखने में बहुत ही सुंदर थी। उसका गोरा रंग उभरे हुए बूब्स, गोरे गाल, गुलाबी होंठ और उसके शरीर का हर एक बाहर से दिखता हुआ अंग मुझे भी बहुत आकर्षक लगता था और उस समय उसके फिगर का आकार 36-26-36 था। वैसे वो पूरी उसकी माँ की तरह दिखती थी और उसकी मम्मी भी उसी की तरह बहुत हॉट सेक्सी थी।
उस समय हमारे पेपर खतम हो चुके थे और हम लोग गर्मियों की छुट्टियाँ मना रहे थे। एक दिन ज़ुबेर को अपने किसी काम की वजह से जबलपुर जाना पड़ा और वो अपने पापा के साथ चला गया, जिसकी वजह से अब आंटी और उसकी बहन सना को अपने घर में अकेले रहना था। दोस्तों पहले में सना को सिर्फ़ अपनी एक दोस्त मानता था और मैंने कभी भी उसके बारे में ऐसा कुछ गलत नहीं सोचा था, लेकिन एक दिन आंटी ने मुझे अपने घर पर बुलाकर कहा कि तुम नहाने का साबुन लाकर सना को दे दो, वो नहाने जा रही है।
फिर में पास की एक दुकान पर साबुन लेने चला गया और में वो साबुन लाकर सना को देने के लिए घर आया तो आंटी ने मुझसे कहा कि वो अब नहाने के लिए चली गई है तुम उसको यह साबुन बाथरूम में जाकर दे दो। उस समय आंटी छत पर अपना कुछ काम कर रही थी और उनके सामने में एक बहुत शरीफ और अच्छा लड़का खड़ा था। फिर उनके कहने पर में नीचे बाथरूम में चला गया, वो बहुत सुंदर गोरी सेक्सी थी और में मन ही मन बहुत पहले से चाहता तो था कि में उसको एक बार नंगा देख लूँ, लेकिन उस दिन मेरी बहुत समय से बंद किस्मत खुल गयी और मुझे वो मिल गया जिसको मैंने कभी सपने में भी नहीं सोच था।
दोस्तों अब मैंने बाथरूम के पास जाकर कहा कि सना यह साबुन ले लो, लेकिन मुझे कुछ देर खड़े रहने पर भी कोई जवाब नहीं मिला और में वैसे ही चुपचाप इंतजार करता रहा, लेकिन तभी अचानक से सना ने चीखना शुरू किया और वो तुरंत दरवाजा खोलकर बाहर आ गई और अब वो मुझसे लिपट गई। उसकी पकड़ मेरे शरीर पर बहुत मजबूत थी जिसकी वजह से उसके बूब्स मेरे बदन से छूकर दब रहे थे और उसकी सांसे बहुत तेजी से चल रही थी। फिर जब मैंने उससे पूछा कि अचानक से तुम्हे ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से तुम इतना डर गई हो और बाहर आकर मुझसे ऐसे लिपट रही हो? तब वो कहने लगी कि बाथरूम के अंदर एक बहुत मोटी छिपकली है, मेरी जब उस पर नजर पड़ी तो वो मेरी तरफ आगे बढ़ने लगी और मुझे उससे बहुत डर लग रहा है और उसने मुझसे कहा कि प्लीज सोनू तुम अंदर जाकर उस छिपकली को वहां से भगा दो, नहीं तो में अंदर नहीं जा सकती।
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फिर मैंने उसके कहने पर ठीक वैसा ही किया और मैंने उस छिपकली को वहां से भगा दिया और फिर वो नहाने बाथरूम में चली गई। फिर बाहर आकर मैंने सोचा कि जब वो मुझसे लिपटी हुई थी तो उसके बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे और वो उस समय सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और अब मेरे दिमाग़ में सिर्फ़ वो सेक्सी सीन चल रहा था और पूरी रातभर में उसके बारे में बहुत कुछ सोच रहा था और ज्यादा जोश में आकर मैंने उसके नाम से दो बार मुठ मारकर अपने लंड को शांत भी किया और उसके बाद में उसको सोचता हुआ गहरी नींद में सो गया। दोस्तों उसके बाद कामदेवता ने मुझसे बहुत ज्यादा खुश होकर तुरंत मुझे वो एक मौका दे दिया जब मेरे सभी घर वाले घूमने के लिए बाहर चले गए और उन्होंने मुझे अपने घर पर अपने पालतू कुत्ते की देख रेख करने के लिए छोड़ दिया और तभी उन सभी के चले जाने के बाद मेरी आंटी ने मुझसे कहा कि वो भी कहीं बाहर जा रही है तो तुम सना को अपने घर में अपने साथ रख लो, वर्ना यह अपने घर में अकेली रहेगी और आंटी को वापस आने में शाम हो जाएगी और फिर वो भी सना को मेरे साथ छोड़कर चली गई।
फिर मैंने सना को अपने कमरे के अंदर बुला लिया और उसके बाद मैंने टीवी पर एक कार्टून लगा दिया जिसको वो बैठकर देखने लगी और में नहाने चला गया। फिर कुछ देर बाद मुझे पता चला कि में अपने साथ टावल लाना भूल गया था इसलिए में बाथरूम से बाहर निकलकर अपने कमरे में टवल लेने आया और तब मैंने देखा कि सना अब उस कार्टून को हटाकर एक चेनल पर एक मस्त सेक्सी फिल्म देख रही है और में कुछ देर उसको देखता रहा। उसका मुझ पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं था और में चुप से अपना काम करके वापस बाहर चला गया, लेकिन मेरा मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा था कि में बाहर जाऊँ।
फिर मैंने कमरे की खिड़की से अंदर झांककर देखा कि वो अब अपनी सलवार में अपना एक हाथ डालकर ऊँगली को चूत के डालकर धीरे धीरे अंदर बाहर करके मज़े ले रही थी और उस समय टीवी पर एक किसिंग का सीन चल रहा था और वो अब ज्यादा गरम होकर सिसकियाँ भर रही थी। अब मैंने जानबूझ कर आवाज़ करना शुरू किया और उसने तुरंत चेनल को बदल दिया उसके बाद मैंने कमरे में अंदर आकर उससे कहा कि मैंने अभी कुछ देर पहले बाहर से सब कुछ देख लिया है कि तुम तब क्या क्या कर रही थी?
दोस्तों वो मेरी इस बात को सुनकर एकदम चकित हो गई और उसके चेहरे का उड़ा हुआ रंग मुझे उसकी परेशानी साफ साफ बता रहा था और वो मुझसे बोली कि प्लीज आप मेरी मम्मी और भाई से कुछ भी मत कहना वर्ना मुझे बहुत मार पड़ेगी। तब मैंने उससे पूछा कि तुम सिर्फ़ यह किस सीन ही देखती हो या कुछ और भी? तो वो बोली कि टीवी पर कभी भी पूरा सीन नहीं आता है, लेकिन उसकी एक बहुत अच्छी पक्की सहेली ने उसको पहले ही सब कुछ बता दिया था कि सुहागरात में क्या होता है?
अब मैंने उससे कहा कि अगर में उसको वो पूरा सीन दिखाऊँ तो क्या तुम देखा चाहती हो वो सब? तब वो बोली कि तुम्हारी मर्ज़ी और इतना कहकर वो शरमा गई। दोस्तों में तुरंत समझ गया कि यह अब जरुर मुझसे पट जाएगी और यह मेरी किसी भी बात को बाहर किसी से नहीं कहेगी, इसलिए मैंने झट से अपने सीडी के बेग में से एक ब्लूफिल्म निकालकर उसे डीवीडी प्लेयर पर लगाकर दिखा दी, जिसकी वजह से वो बहुत गरम हो गई और मेरे ही सामने वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी और अपनी सलवार में हाथ डालकर ऊँगली को डालने लगी।
अब मैंने उसको अपनी बाहों में उठा लिया और मैंने उसको बेड पर लेटा दिया। उसके बाद में उसके होंठो पर किस किया तो उसने भी कुछ देर बाद मेरा पूरा साथ दिया। उसके बाद मैंने सही मौका देखकर उसके सारे कपड़े उतार दिए और मैंने उसको सिर्फ़ ब्रा और पेंट में कर दिया और में उसके बूब्स को चूसने लगा और में उसकी चूत पर पेंटी के ऊपर से ही हाथ रगड़ने लगा था। तभी उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और वो भी मेरा लंड रगड़ने लगी और मैंने जोश में आकर अपने सारे कपड़े उतार दिया और उससे कहा कि अब तुम भी नंगी हो जाओ।
फिर वो भी मेरे कहने पर तुरंत नंगी हो गई और तब मैंने उसकी दोनों गोरी गरम जांघे एक दूसरे से अलग की और उसकी बेचेन कुंवारी चूत में मैंने पहली बार एक ज़ोर का धक्का देकर अपना 6 इंच का लंबा लंड डाल दिया, जिसकी वजह से उसके मुहं से वो ज़ोर की चीख निकल पड़ी और वो मुझसे बोली कि आह्ह्हह्ह प्लीज अब बस करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज आईईईई माँ में मर गई, इसको बाहर निकाल दो। फिर मैंने उससे कहा कि पहली बार है इसलिए तुम्हे दर्द हो रहा है, लेकिन कुछ देर बाद तुम्हे बड़ा मज़ा आएगा और तुम्हे इसकी आदत हो जाएगी, लेकिन वो अब भी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और उसको बहुत दर्द था।
अब मैंने बिना कुछ परवाह के अपने लंड से उनकी चूत पर दो तीन जोरदार झटके दे दिए और उसके बाद में लगातार धक्के देता रहा और थोड़ी ही देर बाद अब उसको भी मेरे साथ मज़ा आने लगा था और वो बहुत ही कामुक जोश से भरी आवाज़े निकालने लगी थी, जिसकी वजह से में पूरी तरह से जोश में आकर चुदाई करता रहा और फिर कुछ और देर तक धक्के देने के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में निकाल दिया। में उसके ऊपर लेटा रहा और फिर कुछ देर बाद में उसके ऊपर से हट गया। दोस्तों मैंने उसको उस दिन रुक रुककर करीब तीन से चार बार चोदा और मज़े लिए, लेकिन वो अब ज्यादा चुदाई बर्दाश्त नहीं कर आ रही थी। फिर चुदाई खत्म होने के बाद जब वो उठी तो मैंने उसकी गोरी गांड देखी तो मैंने उससे कहा कि अब मुझे तेरी यह गांड भी मारनी है।
फिर वो कहने लगी कि नहीं मुझे बहुत दर्द होगा और में वो काम नहीं करूंगी और ना ही तुम्हे करने दूंगी। दोस्तों तब मैंने उसको बहुत प्यार से समझाया और कहा कि में इस बार बहुत धीरे धीरे से करूँगा, जिसकी वजह से तुम्हे इतना दर्द महसूस नहीं होगा, तो वो मान गई और मैंने अपने हाथ में तेल लिया और उसकी गांड पर लगाकर मसल दिया, जिसकी वजह से वो बहुत चिकनी नजर आ रही थी और उसके बाद मैंने अपने लंड को भी तेल से नहला दिया। उन दोनों के तेल से स्नान के बाद अब मैंने धीरे से अपने अपने लंड को उसकी गांड में डाला और थोड़ा थोड़ा करके मैंने अपना पूरा लंड उनकी गांड में डाल दिया, वो बहुत ज़ोर से चीखने लगी थी।
फिर मैंने उसको समझाकर चुप करवाया और में उसके बूब्स को सहलाने लगा। उसके बाद में अब धीरे धीरे धक्के देकर अपने लंड को उसकी चिकनी गांड में अंदर बाहर करके उसकी गांड मारने लगा और फिर कुछ देर बाद उसको भी अब मेरे साथ मज़ा आ रहा था, क्योंकि उसका वो दर्द कम हो गया था, लेकिन कुछ देर धक्के देने के बाद में झड़ गया और इस बार भी मैंने अपना गरम गरम वीर्य उसकी गांड में डाल दिया था और तब तक शाम के 6 बज गए थे। अब मैंने आख़िरी बार उसको किस किया और में नहाने चला गया।
मेरे पीछे पीछे वो भी बाथरूम में चली आई और हम दोनों एक साथ में ही नहाए और उसने मेरा लंड और मैंने उसकी चूत के अंदर तक पानी डालकर अच्छी तरह से साफ किया। उसके बाद हम बाहर आ गए और दोबारा कमरे में आकर एक दूसरे से चिपककर टीवी देखने लगे। फिर कुछ देर बाद उसके घरवालों के वापस आ जाने के बाद वो उनके साथ घर चली गई और वो मुझसे बोली कि यह सब मेरी जिंदगी का एक बहुत खास दिन था। तुम्हारे साथ बिताया हुआ हर एक पल वो लम्हा मुझे पूरी जिंदगी याद रहेगा। दोस्तों अब जब भी हमे कोई अच्छा मौका मिलता है तो में उसकी बहुत मस्त चुदाई करता हूँ और कभी कभी में उसकी गांड भी मारता हूँ वो हर बार मेरा पूरा पूरा साथ देती है और शायद मैंने उसको अपना दीवाना बना लिया, इसलिए वो मेरे साथ हमेशा खुश रहती है।
दोस्तों यह थी मेरी चुदाई की कहानी अपने दोस्त की उस कुवारी बहन के साथ, जिसने कभी अपनी चूत के ऊँगली के अलावा लंड जैसा कोई अंग अपनी जवानी की उस पहले कदम पर लेने के बारे में नहीं सोचा था और वैसे मुझे भी उसकी चुदाई का ऐसा कोई अंदाजा नहीं था कि वो एक दिन मुझसे चुदेगी और मेरे लंड के लिए पागल हो जाएगी ।।