मेरा नाम करण है। में भवानीपुर का रहने वाला हूँ.. ये मेरी पहली कहानी है। ये मेरी सच्ची कहानी है। दोस्तों ये उस समय की बात है.. जब में 12वीं की पढ़ाई कर रहा था। मेरे मम्मी पापा कोलकाता में ही रहते थे। उन दिनों मेरे एक दूर के भैया है जो बिहार में काम करते है। उनकी शादी हुये 3 साल हो चुके थे। devar bhabhi
मैंने कभी उनकी पत्नी (मेरी भाभी) को नहीं देखा था। devar bhabhi
उनका नाम उषा था। वो एक सरकारी ऑफिस में एक अच्छी पोस्ट पर काम करती है.. उसी सिलसिले में उन्हे कोलकाता ट्रैनिंग के लिये आना पड़ा.. उनकी ट्रैनिंग 7 दिनों की थी। में स्कूल गया हुआ था.. पर जैसे ही में घर पहुंचा और मैंने डोर बेल बजाई तो एकदम मस्त सी गोरी लंबी कसे हुये दूध, क्या जांघे थी उसकी? हे भगवान वो पल में कभी नहीं भूल पाउँगा।
उषा भाभी ने दरवाजा खोला और वो भी मुझे देखती ही रह गई.. devar bhabhi
मेरी लम्बाई 5 फुट 5 इंच है और स्मार्ट भी हूँ और उन्होंने मुझे देखते ही पहचान लिया और कहने लगी कि आप करण भैया हो ना। मैंने हाँ में सिर हिला दिया और स्कूल बैग लेकर अंदर आकर बैठा तो पता चला कि मम्मी पापा बाहर गये है.. हमारे कोई रिश्तेदार की मौत हो गई है। उस समय घर पर मेरी दीदी, में और उषा भाभी ही थी। शाम के 7 बज रहे थे.. उषा भाभी की उम्र 30 साल होगी।
क्या चीज़ थी वो? दोस्तों जैसे कोई अप्सरा हो.. devar bhabhi
मुझे तो उसकी गांड की गोलाई तो मार ही डालती थी। तभी मेरी दीदी ने हमारी जान पहचान करवाई और फिर बातों का सिलसिला शुरू हुआ तो पता चला कि वो मेरे घर 7 दिन रुकने वाली है पर पापा मम्मी 3 दिन बाद आयेंगे.. तो तभी तेज बारिश शुरू हो गई और लाईट चली गई।
में माचिस ढूँढने के लिये खड़ा हुआ तो थोड़ी थोड़ी कम कम सी रोशनी में भाभी का बदन मुझ पर जादू कर रहा था। तभी अंधेरे का फायदा उठाकर में भाभी के पिछवाड़े से टकरा गया और वो कुछ नहीं बोली। फिर आधे घंटे के बाद लाईट आई.. तो भाभी खाना बनाने लग गई और में फ्रेश होकर टी.वी देख रहा था। बारिश की वजह से मौसम में ठंडक आ गई थी।
मूड भी रोमांटिक हो रहा था मेरे दिमाग़ में तो बस भाभी भाभी भाभी ही चल रहा था। तभी भाभी आकर कहने लगी कि खाना तैयार है.. खा लीजिये खाना खाने के बाद हम अब सोने जा रहे थे कि तभी फिर लाईट चली गई। तब तक मेरी दीदी सो गई थी। मैंने भाभी से कहा कि पता नहीं लाईट कब तक आयेगी.. आप जा कर बेडरूम में सो जाये। में अपने रूम में सो जाता हूँ.. तो भाभी कहने लगी कि अंधेरे में मुझे डर लगता है। मैंने कहा कि कोई बात नहीं.. जब तक लाईट नहीं आती आप मेरे साथ मेरे कमरे में बैठ जाओ.. तो वो मान गई और बोली कि में चेंज करके आती हूँ।
में अपने रूम में अपना बेड ठीक करके मोबाइल में गाने सुन रहा था। devar bhabhi
तभी भाभी आई और मेरे पैरों की साईड में बैठ गई। मैंने कहा आप भी थक गई हो तो कब तक बैठी रहोगी.. आप भी लेट जाओ.. तो वो मेरी बात मान कर वो मेरी साईड में लेट गई। फिर यूँ ही थोड़ी देर बातों बातों में नींद ही आ गई.. तभी रात में अचानक मेरी जब नींद खुली तो लाईट चालू थी। में लाईट बंद करने उठा और मैंने देखा की भाभी का गाउन उनके घुटने के ऊपर तक था। ये सीन देखकर तो जैसे मेरे लंड पर आग लग गई थी। मैंने जल्दी से लाईट बंद करके उनके साथ में एक साईड हो कर लेट गया। मेरे दिल की धड़कने बहुत तेज हो गई थी। बाप रे.. वो क्या पल था मेरी लाइफ का.. में उनके बदन की गर्मी इतने करीब से महसूस कर रहा था। मैंने थोड़ी हिम्मत करके मेरा एक हाथ उनके गाउन जो घुटने तक था उस पर रख दिया। मुझे घबराहट भी हो रही थी और मजा भी आ रहा था। फिर ठंड का मौसम भी तो था।
थोड़ी और हिम्मत करके मैंने उनके गाउन को थोड़ा और उनकी जाँघो तक किया.. तब भी वो सो रही थी। मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ी ही थी कि उन्होंने मेरी तरफ़ फिर करवट ली और कपड़े ठीक करके सो गई.. लेकिन में कहाँ मानने वाला था। मेरा लंड तो तड़प रहा था उनकी चूत में जाने को.. मैंने फिर थोड़ी और हिम्मत करके उनके दूध पर हाथ रखा.. वो फिर भी सो रही थी।
Desi Bhabhi – भाभी की चूत की आग को चोद कर बुझाया
मैंने अपने हाथ का दबाव और बढ़ाया.. लेकिन तभी भाभी जाग गई और मेरी तरफ देखकर बोली कि आपको ठंड लग रही है तो मेरी रज़ाई में ही आ जाओ। मेरे तो मानो पंख लग गये हो.. जैसे ही में उनकी रज़ाई में गया तो उन्होने अपना मुँह एकदम मेरे होठों के पास कर दिया। में कुछ समझ नहीं पा रहा था कि हो क्या रहा है यार.. मेरा लंड अपनी अंडरवियर में अलग ही फड़फडा रहा था। मैंने भी हिम्मत करके उनकी चूत के ऊपर से ही लंड का दबाव बढ़ाया।
कुछ देर तक तो वो कुछ नहीं बोली.. devar bhabhi
फिर जब मैंने और थोड़ा ज्यादा लंड का दबाव उनकी चूत पर डाला तो वो एकदम तड़पकर मेरे होठों को अपने होठों में दबाकर चूसने लगी.. ओह वो पहली बार था.. जब किसी औरत का छूना मैंने महसूस किया था। में भी कुछ ना सोचते हुये उनका साथ देने लगा और उनके दोनों मलाईदार दूध को अपने हाथों से दबाने लगा। वो कसमसा कर ज़ोर से मुझसे चिपक गई और मेरी टी-शर्ट के अंदर हाथ डालकर मुझसे ज़ोर से चिपक गई और कहने लगी कि प्लीज.. जो भी करना है जल्दी कर दो। में खड़ा हुआ और मैंने अपना पजामा उतारा.. तभी वो मेरे 7 इंच के लंड की तरफ ऐसे लपकी कि जैसे कोई भूखी बिल्ली हो।
भाभी ने मेरे लंड को मेरी अंडरवियर से बाहर निकालकर ऐसे चूसने लगी कि जैसे कोई आइसक्रीम हो। में बहुत कामुक हो गया था.. में खुद पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। फिर में उनके मुँह से अपना लंड निकालकर उनकी चूत की तरफ बढ़ा तो खुद ही भाभी ने जल्दी से अपनी काली पेंटी उतार दी और एकदम क्लीन शेव चूत मेरे सामने कर दी और तभी मेरी हालत खराब हो गई.. मुझे तो पता भी नहीं था कि भाभी की चूत इतनी गोरी होगी।
भाभी को पटककर में उनकी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा। devar bhabhi
तभी भाभी बोली कि में आज कहीं भागने वाली थोड़े ना हूँ.. इतनी जल्दी भी क्या है? मुझे तो कुछ भी पता नहीं चल रहा था। में तो चूत चाट चाटकर पानी पीता जा रहा था। कुछ देर बाद हम 69 की पोज़िशन में आ गये और भाभी मेरे लंड को चूसने लगी। रंडी पूरे गले तक मेरे लंड को ले ले रही थी। तभी मैंने पिचकारी छोड़ दी उनके मुँह में.. इस बीच उषा भाभी 2 बार झड़ चुकी थी। भाभी ने मेरे लंड को फिर से चाटना शुरू किया।
5 मिनट के बाद मेरा शेर फिर खड़ा हो गया। devar bhabhi
तब मैंने भाभी को लेटाया और थोड़ी देर अपने लंड को भाभी की चूची पर रगड़ता रहा। मेरा लंड एकदम टाईट हो गया था। उस दिन मैंने भाभी का दूध भी पीया था। भाभी ने कहा अब और मत तड़पाओ.. प्लीज मुझे चोद दो जान.. मैंने भाभी को खड़ा किया गाउन उठाई और खड़े खड़े अपना लंड भाभी की चूत में डालने लगा।
में पहली बार सेक्स कर रहा था इसलिये बहुत दर्द हो रहा था.. devar bhabhi
लेकिन भाभी के साथ सेक्स के नशे में में चूर था इसलिये मुझे कोई दर्द महसूस नहीं हो रहा था। में अपनी स्पीड तेज करता चला गया। भाभी के मुँह से अजब अजब आवाजें आने लगी.. चोदो जान.. आह आह हह और चोदो। में भी और मस्त हो गया और अपनी स्पीड बढ़ा दी। करीब 15 मिनट के बाद मुझे एहसास होने लगा कि में झड़ने वाला हूँ.. तभी मैंने भाभी से पूछा कि कहाँ डालूँ अपना वीर्य.. तो वो बोली चूत में मत डालना प्लीज।
मैंने जल्दी से अपना लंड बाहर निकालकर भाभी की चूची पर सारा पानी छोड़ दिया। भाभी ने अपनी आँखे बंद कर ली थी। में भाभी के उपर लेट गया.. हम पसीने से पूरे भीग गये थे। क्या रात थी वो यारो? जब भी मुझे मौका मिलता है.. तो में भाभी की चूत ज़रूर चाटता हूँ और भाभी की पेंटी भी सूँघता हूँ ।।