हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सिकंदर है और मेरी उम्र 22 है। दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है जिसको में बहुत मेहनत से लिखकर आप तक पहुंचा रहा हूँ। वैसे मैंने पिछले कुछ सालों में बहुत सारी सेक्सी कहानियों को पढ़कर उनके मज़े लिए और आप लोग मेरी कहानी को पढ़कर उसके मज़े जरुर लें, में उम्मीद करता हूँ कि यह आप लोगो को जरुर पसंद आएगी। दोस्तों यह कुछ साल पहले की बात है। मेरी दीदी की एक सहेली थी जिसका नाम पारूल था। उसकी उम्र तब 26 साल थी और उसकी तब तक शादी नहीं हुई थी। वो दिखने में थोड़ी सी साँवली थी, लेकिन उनके चेहरे की बनावट बहुत अच्छी थी। ladki ki chut
उसकी लम्बाई 5.9 थी और वो थोड़ी मोटी थी और उसके बूब्स का आकार 48 था और उसकी गांड को देखते ही मेरा उसको बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाने का मन करता था और उसी समय उसकी चूत में अपना लंड डालकर उसके रसीले होंठो को चूसने का मेरा बहुत मन करता था और में उसके पास बहुत छोटी क्लास से ट्यूशन पड़ता आ रहा था। वो मुझे पढ़ाते समय ज़्यादातर घर में अकेली रहती थी, क्योंकि उसकी छोटी बहन हॉस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई कर रही थी..
और उसके पापा तब तक उनके ऑफिस जा चुके होते थे और उसकी मम्मी की कुछ सालो पहले ही म्रत्यु हो गई थी। दोस्तों अब उसकी बहन भी बड़ी हो गयी थी वो भी अपनी बहन की तरह बहुत अच्छी दिखती थी और उसका भी सेक्सी गदराया हुआ बदन मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने लगा था, लेकिन वो अपनी घर पर कभी कभी आती थी और जब तक उसकी छुट्टियाँ रहती वो अपने घर पर रूकती और उसके बाद वो वापस चली जाती। ladki ki chut
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दोस्तों वैसे मुझे पारुल ने 9th क्लास तक लगातार पढ़ाया था और मैंने भी तब तक बहुत मन लगाकर अपनी पढ़ाई की तरफ ध्यान दिया और अच्छे नम्बरों से हमेशा पास हुआ, जिसको देखकर मेरे घर वाले पारुल और सभी लोग बहुत खुश हुए क्योंकि में वैसे पढ़ाई में बहुत अच्छा होनहार बच्चा था, लेकिन जब में 10th क्लास में पहुंचा तब वो मुझे कुछ समय तक नहीं पढ़ा पाई और मैंने उसके घर पर जाना बंद कर दिया था, क्योंकि उस समय उसके भी कॉलेज के पेपर चल थे और मेरे जाने से उसकी पढ़ाई में रुकावट आती थी और उसका ध्यान इधर उधर भटकता था और फिर कुछ दिनों के बाद उसके पेपर खत्म हो गये और में दोबारा उसके पास पढ़ाई करने जाने लगा तो वो मुझसे हमेशा एक बहुत अच्छे दोस्त जैसा व्यहवार करती थी। वो हमेशा हंसकर बात करती और कभी कुछ भी नहीं छुपाती जिसकी वजह से हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश रहते थे, हम दोनों का व्यहवार एक दूसरे के लिए बहुत अच्छा था और हम दोनों बहुत खुश रहते थे और अपनी पढ़ाई और कभी कभी हंसी मजाक भी किया करते थे। ladki ki chut
दोस्तों मेरे मन में उसके लिए कभी कोई गलत सोच या ऐसा कोई भी विचार नहीं था। मेरी नजर में उसकी बहुत इज्जत थी, लेकिन एक दिन घटित हुई उस घटना के बाद मेरी सोच और देखने का तरीका अब सब कुछ उसके लिए बिल्कुल बदल चुका था और सब कुछ उल्टा हो चुका था, जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था। एक दिन की बात है में अपने ठीक समय पर उसके घर पर आकर अपनी पढ़ाई में लग गया और वो कुछ देर बाद रसोईघर से अपना काम खत्म करके मेरे पास आकर बैठ गई। उसका पूरा बदन पसीने से नहा चुका था और उस दिन उसके कहने पर में टेबल पर बैठकर पढ़ाई कर रहा था।
वो भी ठीक मेरे सामने आकर बैठ गई। दोस्तों उस समय उसके बड़े गले का बिना बाहं का सूट पहना हुआ था और वो भी बिना चुन्नी। उसको ज्यादा गरमी लगने की वजह से वो बार बार अपने सूट में अपना एक हाथ डालकर पसीना साफ करने लगी और तभी कुछ देर बाद वो मुझे पढ़ाते पढ़ाते आगे की तरफ पूरा झुक गई, जिसकी वजह से मुझे उसके बड़े गले के उस ढीलेढाले सूट से उसके बड़े आकार के झूलते लटकते हुए बूब्स दिखाई देने लगे जिसकी वजह से मेरी आखें फटी की फटी रह गई और मेरा दिमाग खराब हो गया और अब में उसके बूब्स की गोलाईयों को बड़े ध्यान से लगातार घूर घूरकर देख रहा था, जिसकी वजह से कुछ ही सेकिंड में मेरा लंड भी तुरंत खड़ा होकर उसके बूब्स को सलामी देने लगा। तभी अचानक से उसने मुझे देख लिया और में अपनी नजर को उससे छुपाते हुए नीचे झुकाकर अपनी किताब में देखने लगा, लेकिन मेरा मन अभी भी उस तरफ जा रहा था। ladki ki chut
में दोबारा से वही नजारा देखना चाहता था। फिर तभी उसने मुझसे पूछ लिया कि क्यों देव तुम इस तरह से घूर घूरकर क्या देख रहे थे, अभी कुछ देर पहले तुम्हारा ध्यान कहाँ था? में तुमसे पूछ रही हूँ अपनी गर्दन ऊँची करके मुझे जवाब दो तुमने अभी क्या देखा? तो मैंने अपनी झुकी डरी हुई नजर को नीचे रखकर कहा कि कुछ नहीं।
तो उसने कहा कि तुम मुझसे झूठ मत बोलो में सब जानती हूँ कि तुम क्या देख रहे थे? और अब उसने मुझसे कहा कि जो तुम देख रहे थे क्या तुम उसका नाम भी जानते हो? चलो अब जल्दी से बताओ मुझे? अब मैंने बहुत हल्की डरी दबी आवाज से कहा कि मम्मे, मेरे मुहं से यह जवाब सुनते ही उसकी आँखें फटी की फटी रह गई और अब उसने मुझसे कहा कि हे भगवान मुझे नहीं पता था कि तुम इतने गंदे शब्द काम में लेते हो, इतना कहने के बाद उसने अपनी चूत की तरफ इशारा करके मुझसे कहा क्यों फिर तो तुम्हे इसका नाम भी पता होगा? मैंने कुछ देर सोचकर कहा कि हाँ यह चूत है, अब मेरा जवाब सुनकर उसने पूछा अब इसका क्या नाम है? उसने मेरे लंड की तरफ इशारा करके पूछा।
फिर मैंने तुरंत कहा कि इसको लंड कहते है और फिर उसने कहा कि अब मुझे पता चला कि तुम्हारे 1 और 2 पेपर में साइन्स में नंबर इतने कम क्यों आए थे? क्योंकि तुमने उसकी किताब को एक बार भी खोलकर ही नहीं देखा और अगर तुमने उसको खोलकर देखा होता तो तुम इन तीनो अंगो का नाम बूब्स, चूत और लंड ना बताते क्योंकि तुम्हे उनका नाम ही पता नहीं है तुम्हे तो इनके दूसरे नाम पता है इनके असली नाम क्या है तुम नहीं जानते। दोस्तों उसके मुहं से यह शब्द सुनते ही मेरा लंड अब और भी ज्यादा टाइट हो गया। में पहले तो सोच में पढ़ गया कि इन सबका उस किताब से क्या मतलब है और उस किताब में ऐसा क्या लिखा हुआ है? और तभी मुझे ध्यान आया कि उस किताब में एक पाठ सेक्स के ऊपर भी है हो सकता है और यह सभी बातें वहीं पर लिखी हुई है। ladki ki chut
फिर उसने मुझसे कहा कि चलो अब किताब में से वो पाठ निकालो और मैंने तुरंत ठीक वैसा ही किया और फिर वो मुझे पाठ पढ़ाने लगी, कुछ देर पढ़ाते पढ़ाते मैंने एक शब्द की और इशारा करते हुए उससे पूछ लिया कि इसका क्या मतलब है? तो उसने मुझसे कहा कि जिसे तुम चूत कहते हो उसे इस भाषा में योनी कहते हैं तभी उसने एक चित्र की तरफ इशारा करते हुए मुझसे कहा कि देखो दिखने में ऐसी होती है चूत, तो मैंने उससे कहा कि अब आप भी क्यों बार बार यह चूत शब्द बोल रही हो?
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तो उसने मुझसे कहा कि जिससे तुम्हे जल्दी समझ में आ जाए। फिर मैंने पारूल से कहा कि मुझे इस फोटो में कुछ भी ठीक तरह से समझ में नहीं आ रहा है। फिर उसने थोड़ा सा गुस्से में आकर मुझसे कहा कि तुम क्या चाहते हो कि अब में तुम्हें सही में अपनी चूत को खोलकर तुम्हे दिखा दूँ? में उसके मुहं से यह जवाब सुनकर एकदम चुप हो गया और अपनी गर्दन को नीचे झुकाकर कुछ सोचने लगा। अब वो थोड़ा सा सोचकर मुझसे बोली कि ठीक है। में तुम्हे अपनी चूत दिखा दूँगी, लेकिन मेरी एक शर्त होगी? तो यह बात सुनते ही मेरे मन में खुशी के लड्डू फूटने लगे और में मन ही मन बहुत खुश होने लगा।