desi chudai ki kahani, antarvasna chudai
यह कहानी एक कर्नल की है। कर्नल आर्मी से रिटायर होने के बाद अपने घर पर ही रहता था। कर्नल की शादी थी नहीं कर्नल एक बढ़िया सी हवेली में रहा करता था। कर्नल का व्यापार आसपास के लोगों के बीच में भी अच्छा था। लोगों के बीच में काफी प्रसिद्ध था। वह हर समारोह चाहे किसी की शादी ब्याह बर्थडे पार्टी चाहे किसी की मृत्यु हो जाए हर कार्य में सबसे आगे रहता था। कर्नल की उमर लगभग 45 साल की रही होगी। कई बार कर्नल से लोग पूछा करते थे आप ने शादी क्यों नहीं की आपसे एक अच्छे पद पर रहे हैं। कर्नल बात को टाल दिया करता था। कुछ समय बाद लोगों ने उसे सब पूछना बंद कर दिया। लोगों को पैसे भी दे दिया करता था। क्योंकि मदद भी बहुत करता था वह कर्नल लेकिन कर्नल के नियम बडे सख्त थे। कर्नल अपनी सोसाइटी का भी बहुत चाहता था। इसलिए लोगों ने उसे कॉल नहीं करा चीफ सेक्रेटरी बना दिया था। पर कर्नल क्या हकीकत इससे बिल्कुल उल्टी थी।
कर्नल को गांड मरवाने का बहुत शौक था। वह बचपन से ही गांडू प्रवृत्ति का था। स्कूल में भी उसने अपने सीनियरों से बहुत गांड मरवाई थी। और कॉलेज के दौरान भी उसने कईयों से ठुकवा रखी थी। अभी कर्नल का यह शौक बरकरार था। इसलिए कर्नल ने अपने आसपास कुछ चमचों की फौज खड़ी कर रखी थी। जब वह चाहता जिस तरीके से चाहता उससे अपनी गांड फड़वा जाता था। उसने बहुत सारे लोग हैं अपनी गांड में छुपा रखे थे।
मैं भी एक बार नौकरी के सिलसिले में कर्नल के यहां इंटरव्यू देने गया। मेरा नाम पप्पू है मैं कर्नल के यहां कुक की नौकरी के लिए गया था। कर्नल में मुझे नौकरी पर रख लिया। मुझे कर्नल में अच्छी खासी पगार देने का वादा किया। मेरी कद काठी 6 फीट के आसपास है। कर्नल ने मुझे देखते ही नौकरी पर रख लिया। और फिर मैंने वहां नौकरी शुरू कर दी। मेरा पहला दिन था नौकरी का मैंने कर्नल के लिए खाना बनाया। कर्नल बोला था ना तो अच्छा बनाते हो इससे पहले कहां काम करते थे। मैंने कहा साहब किसी रेस्टोरेंट में था। कर्नल ने मुझे बख्शीश के तौर पर ₹100 दिए। और अपनी रौबदार आवाज में कहने लगा मुझे रोज ऐसा खाना चाहिए जैसा तुमने आज बनाया है। और मुझे चेतावनी भी दी अगर ऐसा खाना नहीं बनाया तो तुम्हारी पिटाई हो जाएगी। मैंने कहा नहीं कर्नल साहब आपको कभी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा। फिर कर्नल कहीं चला गया।
जब शाम को मैंने कर्नल के लिए खाना बनाया। कर्नल फिर मुझ पर मेहरबान हो गया इस बार भी उसने मुझे एक और 100 की पत्ती दे दी। मैं बहुत खुश था और रात हो चुकी थी हम अपने सर्वेंट रूम में सोने चले गए। जो हमारा सर्वेंट रूम था वहां से कर्नल की खिड़की दिखाई देती थी क्योंकि वह उसके एकदम सामने था। जो कर्नल सोना गया तो कल शायद अपने कमरे का पर्दा लगाना भूल गया। और हमें वहां से साफ साफ दिखाई दे रहा था। उस रूम में हम तीन सर्वेंट थे। मैं गोलू और सोनू ने बोला रहने दो मत देखो। लेकिन मैं और गोलू देखते रहे और सोनू सो गया।
इतनी देर में कर्नल का बॉडीगार्ड उसे कमरे में आया। कर्नल अपने बॉडीगार्ड की पप्पी ली और उसको अपने बिस्तर पर लेटा दिया। फिर उसके कपड़े खोलने लगा। देखते ही दिखे कर्नल ने अपने बॉडीगार्ड जिसका नाम सुधीर था। उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसके लोड़े को चूसने लगा। मैं यह देखकर बहुत भोचक्का रह गया। अब कर्नल पुरे हरामीपन उत्तर चुका था। कर्नल ने भी अपने कपड़े उतार दिए थे उसके शरीर में एक भी बाल नहीं था। मानो ऐसा लग रहा था जैसे कोई औरत हो। फिर क्या था कर्नल में भी अपनी चुतड ऊपर की तरफ उठाई। और अपने बॉडीगार्ड को बोला चल शुरू हो जा। उस बॉडीगार्ड ने वही पर रखा कुछ छोटी सी सी में तरल पदार्थ उठाया। और अपने लोड़े पर लगाया लगाने के बाद कर्नल अपनी चुतड और ऊपर करके इंतजारी में था। कि कब सुला उसके अंदर जाए। फिर क्या था उसने उसके अंदर सुंदर घुस दिया, कर्नल की रेल बना दी।
कर्नल को आनंद भी आ रहा था और चिल्ला भी रहा था। बोल रहा था भोंसड़ी के और तेज कर कुछ खाया नहीं है क्या बॉडीगार्ड शताब्दी ट्रेन की तरह करने लगा। ऐसा प्रतीत होता है जैसे बॉडीगार्ड उसकी मार रहा है और वह बॉडीगार्ड की। धीरे-धीरे उसने अपना लंड कर्नल के पिछवाड़े से बाहर निकाला लगता था। अंदर ही उड़ेल दिया था सारा माल उसके बाद तो जैसे मेरा भी कर्नल की सेना को होने लगा।
लेकिन मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी मुझे यह शुभ अवसर मिल जाएगा। उस रात कर्नल ने सोनू के पास बुलाओ भेजा। पप्पू को मेरे पास भेजो। सोनू मेरे पास दौड़ता हंसता हुआ आया और बोला आज तो तेरी लॉटरी लग गई है। कर्नल का बुलावा आया है तेरे लिए मुझे भी ऐसा ही लग रहा था। कर्नल ने मुझे अपने कमरे में बुलाया। मैं जैसी कर्नल के कमरे में पहुंचा। कर्नल बोला और पप्पू क्या हालचाल हैं। मैंने कहा बस सब आपकी दुआएं हैं। कर्नल ने मुझसे कहा कल रात को तुमने क्या देखा। मेरी तो गांड फट से गई थी। लगने लगा था बहन चोद नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। फिर क्या था कर्नल ने बोला भोसड़ी वाले कल तूने मुझे गांड मरवाते हुए देखा था। आज मैं तेरी मारूंगा मैं कुछ बोल भी नहीं सकता था। उसके बाद कर्नल में अपने बॉडीगार्ड को बुलाया और वही तरल पदार्थ की बोतल से कुछ चिपचिपा सा निकाला और मेरी गांड पर मल दिया।
बहुत ज्यादा ही तरल पदार्थ था वह ऐसा प्रतीत होता था जैसे कहीं पर भी गिरा दो तो कोई भी फिसल जाए। उसके बाद बॉडीगार्ड ने मेरी गांड मारी उठा-उठाकर ऐसा मैंने आज तक किसी लड़की की भी नहीं मारी थी। पहले पहले तो बहुत दर्द हुआ लेकिन बाद में मुझे भी मज़ा आने लगा। फिर क्या था तब से मैं भी एक पप्पू जिगोलो बन चुका हूं। उसी कर्नल की तरह करनल ने अपनी तरह मुझे भी बना दिया। मुझे भी गांड मरवाने में बहुत मजा आता है। तब से ना जाने मैंने भी कितनों से कुतिया की तरह मरवाई है। 200 लोगों से ऊपर तो मुझे भी याद नहीं। उसके बाद कर्नल को मुझ पर दया आई। और वह बोला मैंने तेरे साथ बहुत गलत किया है। तू मेरी गांड मार मेरे अंदर गुस्सा भी था और करने का मन भी।
कर्नल ने भी अलमारी से लड़कियों के अंतर्वस्त्र निकालें और पहन लिए और बोलने लगा आजा मेरी प्यास बुझा दे। मेरे अंदर गुस्सा भी फूट-फूट कर भरा था और मेरा लंड भी खड़ा था। जो मुझसे कहने लगा इस मादरचोद की मां बहन एक कर दे। उसके बाद जो कर्नल ने अंतर्वस्त्र पहले लड़कियों के उनको मैंने फाड़ दिया। और बोला कर्नल अपनी गांड ला। कर्नल में कुछ दिख रहा तो मेरे इस रवैया से। आखिरकार उसने भी मेरी मरवाई थी तो मैं भी उसको छोड़ने वाला नहीं था। मैंने भी अपना 12 इंच का नाग बाहर निकाला और और वही तरल और चिपचिपा पदार्थ अपने लोड़े पर लगाया और कुछ कर्नल की गांड के आसपास लगाया। करने में आसानी हो। फिर मैंने दो तीन धक्के मारे एकदम मक्खन की तरह अंदर चले गए मेरे लौडे को भी शांति मिल रही थी और मजा भी आ रहा था।
करनल जोर जोर से चिल्ला रहा था। मेरा तो ऐसा मन हो रहा था जैसे उसकी गांड में अपनी तो गोटिया में फिट कर दू। कर्नल की आंखों से भी आंसू आने लगे थे। उसको एहसास होने लगा था कि मैंने पप्पू के साथ गलत किया है। इसलिए वह चिल्ला रहा था पप्पू मेरे गांड सूजा दे। फिर तो जैसे मुझे आनंद मिलने लगा। फिर मैंने अपना वीर्य उसके चूतडो मैं छोड़ दिया। और वहां से टपकने लगा। कर्नल ने अपनी आंख के आंसू पोछते हुए बोला। ऐसा एहसान मुझे आज तक किसी ने नहीं दिया। कर्नल मुझसे बहुत खुश हुआ और उसने मुझे इनाम के तौर पर ₹10000 अपनी अलमारी से निकाल कर दिए और बोला आज जितने भी पैसों की जरूरत होगी मुझसे मांग लेना पप्पू गंडवे तबसे मेरा नाम पप्पू गंडवा पड़ गया।
कर्नल के जितने भी दोस्त उसके घर पर आते जिनको भी मौज मस्ती करनी होती। उनको करनल मेरे पास भेज देता। और मेरी खूब कमाई होती। और आज मैं पूरे बनारस में फेमस हूं। कर्नल और मैं मिलकर अब यही काम करते हैं। कर्नल को तो फ्री में गांड मरवाने का शौक है। पर मुझे इसके बदले पैसे मिल जाते हैं। और मैं अच्छी खासी कमाई करता हूं। क्योंकि कर्नल तो घर से संपन्न है तो उसको इस चीज का फर्क नहीं पड़ता। इसलिए वह फ्री में करवाता है। जो हमारे पास कोई नहीं आता तो हम दोनों एक दूसरे की गांड में अपना एटम बम घुसा देते हैं। आज मैं शहर का एक संपन्न आदमी हूं। जो कि मैं कर्नल की बदौलत हूं। क्योंकि मैंने कर्नल की प्यास बुझाई थी। इसलिए कर्नल मुझे इतना बड़ा आदमी बना दिया है।