Antarvasna, hindi sex stories बबीता हमारे घर पर पिछले 7 वर्षों से काम कर रही है मैं भी घर का ही काम देखती हूं लेकिन बबीता ने बहुत अच्छे से हमारे घर को संभालना है। मेरी नजरों में उसकी बहुत इज्जत है लेकिन शायद मेरी सांस को यह बिल्कुल भी पसंद नहीं है वह बबीता को सिर्फ एक नौकरानी समझती हैं। उन्होंने कभी भी उसे घर का सदस्य नहीं माना लेकिन मुझे लगता था कि बबीता ने जिस प्रकार से हमारे घर की देखभाल की और उसने मेरे छोटे बच्चे को भी अपना बच्चा समझा उससे तो मुझे यही लगता था कि वह हमारे परिवार को अपना मानती हैं। मेरे पति हमेशा से मुझे कहते की बबिता को हमारे घर पर 7 वर्ष हो चुके हैं लेकिन अभी तक मां को ऐसा लगता है कि वह घर की नौकरानी है।
बबीता के परिवार में बबिता का कोई भी नहीं है और उसकी एक बहुत ही दुख भरी कहानी है। एक दिन उसके पति की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई जिसके बाद से वह बहुत अकेली पड़ गई है। बबीता के परिवार में सिर्फ वही कमाने वाली है और उसके बच्चों की जिम्मेदारी भी बबीता के कंधों पर ही है। पहले उसके पति ही घर की सारी जिम्मेदारी को संभालते थे लेकिन अब यह जिम्मेदारी बबीता के कंधों पर आन पड़ी है। इतने वर्षों में बबीता ने कभी भी अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ा कभी कबार मैं बबीता को थोड़े बहुत पैसे दे दिया करती थी। मुझे लगता था कि उसने इतने साल हमारे घर की सेवा की है और उसका भी कोई हक बनता है मैंने उसे अपने परिवार से कभी अलग नहीं माना। शायद यह मेरी सास के आसपास के माहौल का ही असर था कि वह बबीता को सिर्फ एक नौकरानी समझते थे उससे अधिक उन्होंने कभी भी बबीता को नहीं समझा। एक दिन कविता घर का काम कर रही थी उस दिन हमारे घर पर मेहमान आने वाले थे तो मैं बबीता का हाथ बढ़ाने लगी। मैंने बबीता से कहा मैं आटा गूंद देती हूं और मैं आटा गूंथने लगी तभी मेरी सास आ गए उन्होंने मुझे कहा तुम यहां अंदर क्या कर रही हो बाहर का कुछ काम क्यों नहीं करती। वह चाहती ही नहीं थी कि मैं बबीता के साथ कभी काम करु इसलिए मैंने अपने हाथ को धोया और मैं वहां से बाहर चली आई। कुछ ही देर बाद हमारे रिश्तेदार भी आ चुके थे उस दिन वह लोग हमारे घर से डिनर कर के जाने वाले थे।
मेरे पति भी उस दिन जल्दी आने वाले थे क्योंकि उन्होंने उस दिन ऑफिस से छुट्टी ले ली थी। वैसे तो उन्हें घर आते आते 9:00 बज जाते थे लेकिन उस दिन वह 6:00 बजे ही घर पहुंच गए। जब बबिता खाना बना रही थी तो मैंने देखा की बबीता को खाना बनाने में काफी दिक्कत हो रही है। उसी बीच बबीता का हाथ भी रोटी बनाते हुए जल गया जिससे कि मुझे उसकी मदद करनी पड़ी और मैंने उसकी मदद की बबीता कहने लगी रहने दीजिये मैं कर लूंगी। मैंने उससे कहा क्या मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकती तुम मुझे दीदी कहती हो तो इतना तो मेरा हक बनता है ना। मैं उसकी मदद करने लगी हम दोनों ने उस दिन खाना बनाया और उस रात हमारे रिश्तेदार खाना खा कर खुश हो गये। वह कहने लगे आपके घर में काफी अच्छा खाना बना था लेकिन मेरी सास कहां पीछे रहने वाली थी वह कहने लगी कि यह सब माला ने तैयार करवाया है। अगले दिन बबीता काफी परेशान नजर आ रही थी और वह मुझसे कहने लगी दीदी मुझे आपसे काम था मैंने उसे कहा हां बबिता कहो तुम्हें क्या काम था। बबिता कहने लगी दीदी मुझे कुछ पैसे चाहिए थे राहुल की तबीयत ठीक नहीं है और वह काफी दिनों से बीमार भी है। मैंने बबीता को कहा मैं तुम्हें अभी पैसे दे देती हूं, मैंने बबीता को पैसे दे दिए मैंने जब बबीता को पैसे दिए तो मैंने उससे पूछा आखिर राहुल को हुआ क्या है। वह कहने लगी दीदी उसे कुछ दिनों से बहुत तेज बुखार आ रहा है और वह अच्छे से चल भी नहीं पा रहा है इसलिए मुझे उसे किसी अच्छे अस्पताल में दिखाना पड़ेगा। आज आप मालकिन से कह दीजियेगा कि मैं कुछ दिनों तक नहीं आ पाऊंगी यदि मैं उनसे कहूंगी तो वह मुझ पर गुस्सा हो जाएंगे। मैंने बबीता से कहा ठीक है मैं मम्मी से कह दूंगी कि तुम्हारे घर में कुछ परेशानी है जिस वजह से तुम नहीं आ पा रही हो बबीता कहने लगी ठीक है मैं चलती हूं।
मैंने बबीता से कहा तुम अपना ध्यान देना और यदि कोई और परेशानी हो तो मुझे बताना उसके बाद बबिता अपने घर चली गयी। दोपहर के वक्त मैं अपनी सासू मां के लिए चाय लेकर गई वह हॉल में बैठी हुई थी और वह मुझसे पूछने लगी बबीता कहां है। मैंने उन्हें कहा कि आज उसके लड़के की तबीयत खराब है इसलिए वह मुझे कह कर गई है कि आप मम्मी से कह दीजिएगा। मम्मी इस बात से गुस्सा हो गए लेकिन मैंने उन्हें समझाया और कहा कोई बात नहीं रहने दीजिए। मेरी सास मुझे कहने लगे तुम बबीता की कुछ ज्यादा ही तरफदारी करती हो यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं है। वह घर की नौकरानी हैं और तुम उसके साथ इतने शालीनता से बर्ताव मत किया करो लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और मैं वहां से चली गई रात का खाना भी मैंने हीं बनाया। जब मेरे पति घर लौटे तो वह मुझसे पूछने लगे माला आज बबीता नहीं आई थी क्या मैंने उनसे कहा आपको यह बात किसने बताई। वह कहने लगे मुझे मम्मी बता रही थी कि आज बबिता नहीं आई थी और तुमने ही आज का खाना बनाया है। मैंने अपने पति से कहा हां आज बबीता के बच्चे की तबीयत खराब है इसलिए वह मुझसे कह कर गई थी कि दीदी मैं जा रही हूं कुछ दिनों बाद काम पर लौट आऊंगी। मैंने उसे जाने के लिए कह दिया लेकिन मम्मी इस बात से बहुत गुस्सा थी। मेरे पति मुझे कहने लगे तुम भी मम्मी की बात को दिल पर मत लिया करो मम्मी का नेचर तो ऐसा ही है तुम्हें तो मालूम ही है ना।
उस दिन मेरे पति मेरे लिए एक रिंग लेकर आए हुए थे मैंने उनसे कहा आज आप यह किस खुशी में लाएं हैं। वह कहने लगे कि बस ऐसे ही सोचा काफी समय से तुम्हें कुछ दिया नहीं है तो आज तुम्हें कुछ गिफ्ट दे दूं। मैंने जब रिंग देखी तो मैं खुश हो गई मैं उनसे कहने लगी आपको कैसे पता रहता है कि मुझे किस वक्त क्या चीज चाहिए होती है मैं इस बात से बहुत खुश थी। मैंने जब वह रिंग अपनी उंगली में पहनी तो वह बहुत अच्छी लग रही थी मैं उन्हें कहने लगी आप मेरा कितना ध्यान रखते हैं। वह कहने लगे तुम भी तो घर की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हो तुमने भी तो सब कुछ बहुत अच्छे से संभाल कर रखा है। मैंने उन्हें कहा यह तो मेरा फर्ज है शादी के बाद मेरी ही सारी जिम्मेदारी है क्योंकि अब यह घर मेरा भी है। मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश थी कि मेरे पति मेरा बहुत ध्यान रखते हैं उनके और मेरे बीच बहुत प्यार है। उस रात उन्होंने मुझे कहा काफी समय हो गया है तुम्हारे बदन को महसूस नहीं किया। मैंने कहा आप कर लीजिए ना आपको किसने रोका है? उस रात हम दोनों के बीच जमकर सेक्स हुआ। एक दिन उनके दोस्त आए हुए थे वह बडे ही रंगीन मिजाज के थे। उनकी बातों मे बहुत गहराई थी उनकी बातों में कुछ तो बात थी जो मैं उनकी तरफ खींची चली गई। उस रात को वह हमारे घर पर ही रुके उनकी बातों का जादू मेरे सर पर ऐसा था कि मैं बिल्कुल भी अपने आपको उनके पास जाने से ना रोक सकी और उनसे मिलने के लिए चली गई। यह मेरी सबसे बड़ी भूल थी मैंने अपने पति के साथ बेवफाई की लेकिन मुझे उसका कोई अफसोस नहीं था क्योंकि मेरे शारीरिक सुख को उन्होंने भी अच्छे से पूरा किया उनका नाम रोहित है और वह एक चार्टर्ड अकाउंटेंट है।
जब मैं रोहित के घर गई तो रोहित मुझे कहने लगे भाभी आईए ना उन्होने मुझे बैठने के लिए कहा। हम दोनों बैठ कर बात करते ना जाने उन्होंने कब अपने हाथ को मेरी जांघ की तरह बढ़ाया तो वह मेरी जांघ को सहलाने लगे। मुझे भी अच्छा लगने लगा था वह भी खुश थे उन्होंने जब मेरे गुलाबी होठों को किस करना शुरू किया तो मुझे भी अच्छा लगने लगा। हम दोनों एक दूसरे के अंदर इतना ज्यादा खो गए कि मैंने उनके होठों को चूसना शुरू किया। जब उन्होंने मेरे बदन से कपडे उतारकर मुझे नग्न अवस्था में कर दिया तो वह कहने लगे भाभी आपका बदन तो लाजवाब है। उन्होंने मेरे बदन को काफी देर तक महसूस किया लेकिन वह चाहते थे कि मैं उनके लंड को सकिंग करूं। मैंने उनकी इच्छा को अच्छे से पूरा कर दिया और उनके लंड को मैंने काफी देर तक चूसा जिससे कि उनके अंदर की उत्तेजना और भी ज्यादा बढ़ने लगी थी और वह खुश हो गए।
मैं उनके लंड के ऊपर बैठ गई और उनके लंड को मैंने अपनी योनि में ले लिया। मैं उनके लंड को योनि में ले चुकी थी वह मुझे बड़ी तेजी से धक्के देने लगे। वह मुझे इतनी तेजी से धक्के देते मुझे बहुत मजा आता और मैं भी अपनी बड़ी चूतड़ों को उनके लंड के ऊपर नीचे करती जिससे कि उनके मुंह से भी हल्की सी आवाज निकल आती। मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था और वह भी बहुत खुश थे। उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और वह इंग्लिश स्टाइल में मुझे चोदने लगे वह मुझे ऐसे धक्के दे रहे थे जैसे कि मैं उनके लिए कुछ भी नहीं थी। उन्होंने मेरी योनि से पानी बाहर निकल कर रख दिया और काफी देर तक ऐसा चलता रहा। जब उनका वीर्य गिरने वाला था तो उन्होंने मुझे कहा मेरे माल गिरने वाला है। जब उन्होंने अपने लंड को मेरे मुंह के अंदर डाला तो मैं उसे चूसने लगी और कुछ ही देर बाद उनका माल मेरे मुंह के अंदर गिरा तो मुझे बड़ा अच्छा लगा। मैं उनके वीर्य को अपने अंदर ही निगल गई उस दिन बड़े अच्छे से मेरी इच्छा पूरी हुई रोहित का जादू अब तक मेरे सर पर है उनकी बाते और लंड दोनो ही गजब है। कुछ समय पहले मैने अपने घर पर उनको अपनी चूत मारने के लिए बुलाया था।