मैंने कहा कि में तुम्हें एक ही शर्त पर माफ़ करूँगा.. अगर तुम जो काम उस वॉचमेन के साथ कर रही थी वही काम मेरे साथ करो तो? तो यह बात सुनकर वो एकदम दंग रह गयी और मुझसे दूर जाकर खड़ी हो गयी. फिर उसने मुझसे कहा कि में उसका भाई होकर उसके बारें में ऐसा कैसे सोच सकता हूँ?
मैंने कहा कि जब तू उस वॉचमेन से पूरी तरह से जोश में आकर चुदवा रही थी.. तब तो तुझे बड़ा मज़ा आ रहा था ना? तो अब मुझसे चुदवाने में क्या प्राब्लम है? और में यह बात किसी को नहीं बताऊंगा और एक भाई, बहन का रिश्ता हम लोग घर के बाहर रखेंगे और घर में दिनभर चुदाई करते रहेंगे.. इसकी वजह से तुझे भी बाहर किसी और से चुदवाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी
में घर पर ही तुझे चोदता रहूँगा.. इससे तेरा भी काम चलेगा और मेरा भी चलता रहेगा और इस तरह से बहुत देर तक समझने पर वो आख़िर समझ गई.. लेकिन उसने बोला कि हम चोदेंगे नहीं.. लेकिन सिर्फ़ एक दूसरे को मुठ मारने में मदद करेंगे.. तो मैंने कहा कि ठीक है.
फिर हम बेडरूम में आ गये.. पहले हमने घर की सभी खिड़कियों को बंद किया और उनके पर्दे लगा दिए.. फिर मैंने दीदी से कहा कि पहले तू अपने कपड़े उतार. तो वो रोने लगी और कहने लगी कि प्लीज़ तुम मेरे साथ ऐसा मत करो.. मुझे ऐसा करते हुए बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा.. लेकिन में उसकी कोई भी बात पर ध्यान नहीं दे रहा था और फिर मैंने सोचा कि क्यों ना में आज इसे चोद दूँ?
क्योंकि फिर उसे चोदने का इससे अच्छा मौका मुझे कभी भी नहीं मिलेगा. तो में झट से उसके पास गया और उसकी शर्ट को खींचकर निकाल दिया और वो रोने लगी. फिर मैंने उसकी जींस को भी निकाल दिया और अब वो ठीक मेरे सामने ब्रा और पेंटी में खड़ी हुई थी..
मैंने फिर अपने कपड़े उतारे और में उसके सामने पूरा नंगा हो गया और उसके बहुत करीब गया और उसकी चूत का आकार उसकी पेंटी से पूरा साफ साफ दिखाई दे रहा था और उसके बूब्स के निप्पल भी अब उभर रहे थे और मेरा लंड तनकर खड़ा हो चुका था. तो मैंने उसकी पेंटी पर ही अपना लंड रगड़ना शुरू कर दिया और मैंने अपना लंड उसकी चूत पर चिपकाना शुरू कर दिया.
फिर सबसे पहले मैंने उसकी ब्रा को उतारा और उसके बूब्स देखकर में तो बिल्कुल पागल सा हो गया और मैंने तुरंत बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. में अपनी दीदी के बूब्स को ज़ोर ज़ोर से चूसता रहा और वो रोती रही.. लेकिन मैंने उसपर थोड़ा भी तरस नहीं खाया और में अपना काम लगातार करता रहा.
फिर मैंने उसकी गांड पर पेंटी के ऊपर से ही अपना लंड रगड़ना शुरू कर दिया.. तो उसने मुझे रोका और कहा कि हमारे बीच यह तय हुआ था कि हम सिर्फ़ एक दूसरे के साथ मुठ मारेंगे.. तो तुम अब अपना लंड मेरी चूत में क्यों डाल रहे हो? तो मैंने कहा कि ठीक है तो तू अपनी पेंटी को उतार और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर मुठ मार. फिर उसने धीरे से अपनी पेंटी को उतारा.. वाह क्या चूत थी? मेरी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था और हम दोनों बेड पर बैठ गये और वो मेरा लंड अपने हाथ में पकड़कर हिलाने लगी.
दोस्तों मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि में अपनी बहन के साथ ऐसे बिल्कुल नंगा बैठकर उसके हाथ से अपनी मुठ मारवाऊंगा और फिर जब वो मेरा लंड हिला रही थी.. तब मैंने उसकी चूत पर उंगली करना शूरु कर दिया. दोस्तों मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. लेकिन मेरी बहन ने रोने वाला चेहरा बना रखा था.
मैंने फिर उसके बाल पकड़े और उसका मुहं अपने लंड की तरफ लाया. तो वो बोली कि यह क्या कर रहे हो? हमारी बात तो सिर्फ़ लंड हिलाने की हुई थी? तो मैंने कहा कि अब तुम मेरे लंड को अपने मुहं से हिलाओ.. लेकिन वो बैचारी क्या करती मजबूर थी. फिर उसने मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया और लंड को चूसने लगी और मैंने उससे अपना लंड बड़े मज़े से चुसवाया.
फिर मैंने उसका सर अपने दोनों हाथों से पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से अपना लंड उसके मुहं में डालता रहा.. वाह क्या मज़ा आ रहा था? फिर मैंने अपना कंट्रोल खो दिया और उसको पकड़कर बेड पर पटक दिया. तो वो एकदम से डर गयी और अब मेरा लंड एकदम जोश में आ चुका था और मेरे लंड को उसकी चूत की ज़रूरत थी और में इतना खुश कभी नहीं था.. मेरी बहन मेरे सामने एकदम नंगी मजबूरी में लेटी हुई थी.
अब तो मुझे बस उसको चोदना था.. तो में अपना लंड उसकी चूत के पास ले गया.. लेकिन उसने मुझे धक्का मार दिया और वो बोली कि ऐसा मत करो भाई.. प्लीज़ में तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ. हमारे बीच बात तो सिर्फ़ मुठ मारने की हुई थी.. फिर तुम मुझे क्यों चोद रहे हो? तो मैंने उसकी एक ना सुनी और उसके ऊपर गिर पड़ा.. म
ैंने उसके दोनों पैरों को फैला दिया. उसकी चूत पैर खुलने के बाद और भी मस्त लग रही थी और में बहुत बैताब था अपना लंड उसकी चूत में डालने को.तभी उसने कहा कि भाई तुम तो मेरे छोटे भाई हो ना.. प्लीज़ अपनी बहन पर रहम करो.. मुझे मत चोदो. तुम मुझे बाद में चोद लेना.. क्योंकि आज मेरी चूत बहुत दुख रही है.. क्योंकि आज उस वॉचमेन ने मुझे दो घंटे से लगातार चोदा है
जिसकी वजह से मेरी चूत तो बुरी तरह से सूज गयी है.. प्लीज़ भाई मुझे मत चोदो. तो मैंने कहा कि मेरा लंड तो अब खड़ा हो चुका है. तुम कुछ भी कहो.. में तो तुम्हे अभी चोदूंगा.. मुझे तुम्हारी चूत के दुखने से क्या? मतलब मुझे तो बस मज़ा करना है और यह बात बोलकर मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और वो बहुत ज़ोरो से चीखने, चिल्लाने लगी.
तो मैंने अपने एक हाथ से उसका मुहं दबा दिया और दूसरे हाथ से उसके जिस्म को सहलाने लगा और नीचे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर उसकी चूत में अपना लंड डालने लगा और वो चिल्ला चिल्लाकर रोने लगी अहहआहह आईईईईईईईईईईई प्लीज़ भाई अपनी बहन को ऐसे मत चोद अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह मेरे प्यारे छोटे भैया आह्ह्ह उह्ह्ह्ह प्लीज छोड़ दो अपनी बड़ी बहना को.
फिर मैंने उसे कम से कम एक घंटे तक चोदा और फिर मेरा वीर्य निकल गया और मैंने उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया और मुझे अपनी दीदी को चुदते हुए देखने में मज़ा आ रहा था. फिर मेरी दीदी चुदकर बेड पर एकदम बेहोश पड़ी हुई थी और अचनाक किसी ने घर का दरवाज़ा खटखटाया और जब मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो प्लमबर किसी काम से आया हुआ था.
मैंने सोचा कि क्यों ना और भी मज़ा किया जाए? तो मैंने प्लमबर से बोला कि में बाहर जा रहा हूँ.. लेकिन मेरी दीदी बेडरूम में है. तुम जाकर उनसे काम के बारे में बात करो और में झूठा नाटक करके बाहर चला गया.
फिर जब प्लमबर बेडरूम में गया तो उसने देखा कि मेरी दीदी एकदम नंगी बेड पर लेटी हुई है और इस अच्छे मौके का फायदा उठाकर प्लमबर ने अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और दीदी की चूत में घुसा दिया. तो दीदी और ज़ोर से चिल्लाने लगी और फिर में पीछे से आया प्लमबर मुझे देखकर एकदम डर गया.. तो मैंने उससे बोला कि भाई तुम मुझसे बिल्कुल भी घबराओ मत. में तो अकेला इस रांड को चोदते हुए बोर हो रहा था और इसलिए तुम्हें मैंने अंदर भेजा. अब चलो हम दोनों मिलकर मेरी बहन की एक साथ चुदाई करते है.
तो मेरी दीदी यह सब देखकर और भी डर गयी और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी.. प्लमबर ने अपना लंड मेरी बहन की चूत में डाला और मैंने अपना लंड दीदी की गांड में डाला और करीब एक घंटे तक दीदी को हम दोनों ने मिलकर चोदा. मेरी बहन की चूत और गांड दोनों ही लाल हो चुकी थी. फिर कुछ देर बाद प्लमबर झड़ गया और कपड़े पहनकर चला गया और फिर थोड़े टाईम बाद मम्मी का फोन आया कि मम्मी आज और कल घर पर नहीं आएगी.
मैंने उस दिन दीदी को पूरी रात चोदा.. फिर हम सो गये.. दूसरे दिन सुबह सुबह 4 बजे अचानक मेरी नींद खुल गई. तो में उठा और अपनी बहन को नींद में ही नंगा किया और उसकी गांड में लंड डालने लगा और मैंने दो दिनों तक अपनी बहन को अपनी रंडी बनाकर रख दिया. अब तो में दिन में 2 से 3 बार उसे चोदता हूँ और वो बैचारी चुपचाप मुझसे चुदवा लेती है.. लेकिन अब वो भी मेरी चुदाई से खुश होने गई है और हम दोनों बहुत मज़े करते है.