मैं, मेरी सहेली और उसका पति
Antarvasna, hindi sex story: मैं रसोई में सुनील के लिए चाय बना रही थी जब मैं सुनील के लिए चाय लेकर आई तो सुनील मुझे कहने लगे कि आशा क्या तुम मेरे लिए नाश्ता बना दोगी तो मैंने सुनील को कहा ठीक है सुनील मैं आपके लिए नाश्ता बना देती हूं। मैंने जल्दी से सुनील के लिए नाश्ता तैयार किया और सुनील नाश्ता करते ही तैयार होने के लिए चले गए वह तैयार होकर अपने दफ्तर के लिए निकल चुके थे। मेरी और सुनील की शादी शुदा जिंदगी अच्छे से चल रही थी हमारी जिंदगी में कोई भी परेशानी नहीं थी। सुनील मुझे बहुत प्यार भी करते थे और सब कुछ बहुत अच्छे से चल रहा था लेकिन जब हमारे पड़ोस में रहने के लिए मीनाक्षी और ललित आए तो हम दोनों के बीच उसके बाद कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था। सुनील हमेशा ही मीनाक्षी और ललित का उदाहरण देकर मुझे कहते कि वह लोग इतने प्यार से रहते हैं और एक तुम हो कि बिल्कुल भी अपने ऊपर ध्यान नहीं देती हो। मैं अपने घर के कामों में इतना ज्यादा उलझी हुई थी कि मेरे पास अपने लिए भी समय नहीं होता था सुनील चाहते थे कि मैं बदल जाऊं लेकिन यह सब इतना आसान कहां होने वाला था मैं इतनी जल्दी भला कैसे बदल सकती थी।
मीनाक्षी और ललित की शादी अभी कुछ समय पहले ही हुई थी और वह दोनों बड़े मॉडल ख्यालातो के हैं क्योंकि वह बचपन से ही मुंबई में पढ़े लिखे हैं। मीनाक्षी के पिताजी ने उसे फ्लैट खरीद कर दिया जिसके बाद वह हम लोगों के पड़ोस में रहने के लिए आ गए। अब वह हमारे घर के बिल्कुल सामने ही रहते थे इसलिए अक्सर मुझे आते जाते मीनाक्षी दिखाई देती थी मीनाक्षी से मेरी कोई बातचीत नही थी। मीनाक्षी एक दिन मेरे साथ बैठी हुई थी यह पहली बार ही था जब मीनाक्षी और मेरे बीच इतनी देर तक बात होती रही उस दिन मुझे एहसास हुआ कि मुझे भी अपने आप को बदलना चाहिए। मैं एक सीधी-सादी ग्रहणी हूं उससे ज्यादा मैंने कभी कुछ सोचा भी नहीं था लेकिन मीनाक्षी ने मेरे अंदर जो बीज बो दिया था वह बड़ा होने लगा था मैं बदलने की पूरी कोशिश करने लगी थी इसके लिए मैंने मीनाक्षी की मदद ली।
मीनाक्षी से मैंने एक दिन कहा कि मीनाक्षी तुम जिस दिन अपने ऑफिस से छुट्टी लोगी उस दिन क्या तुम मेरे साथ शॉपिंग के लिए चल सकती हो तो मीनाक्षी कहने लगी कि ठीक है मैं तुम्हारे साथ शॉपिंग के लिए चलूंगी। हम दोनो मीनाक्षी की छुट्टी के दिन शॉपिंग के लिए चले गए मीनाक्षी ने अपने पसंद से मेरे लिए कुछ कपड़े ले लिए मैं अपने आप को बदलने की कोशिश कर रही थी यह सब मैं सुनील के लिए कर रही थी। जब सुनील घर आए तो सुनील मुझे कहने लगे कि तुम आज काफी बदली बदली नजर आ रही हो तो मैंने सुनील को कहा देखो सुनील मैं नहीं चाहती कि मैं तुम्हें किसी भी प्रकार से कोई कमी महसूस होने दूँ तुम चाहते थे कि मैं मीनाक्षी की तरह बिल्कुल मॉडर्न बन जाऊं तो मैं भी अपने आप को बदलने की कोशिश कर रही हूं लेकिन यह सब इतनी जल्दी तो बदल नहीं सकता इसके लिए मुझे थोड़ा समय चाहिए। सुनील भी अब मुझे अपने दोस्तों से मिलाने लगे थे। सुनील मुझे अपने ऑफिस की पार्टी में ले गए तो सब लोगों ने मेरी बड़ी तारीफ की यह सब मीनाक्षी की वजह से ही हुआ था मीनाक्षी ने ही मेरी मदद की थी। मीनाक्षी को कपड़ों की समझ बहुत ही अच्छी है और इसीलिए सब लोग मेरी बड़ी तारीफ कर रहे थे मीनाक्षी मेरी अच्छी सहेली बन चुकी थी और हम दोनों जब भी एक साथ होते तो काफी अच्छा समय बिताया करते। मीनाक्षी एक दिन घर पर आई और कहने लगी कि क्या तुम लोग कहीं घूमने के लिए नहीं जाते हो मैंने मीनाक्षी को कहा हम लोगों को कहां घूमने का समय मिल पाता है हम लोग शादी के बाद ही कहीं घूमने गए थे उसके बाद तो हम लोग कहीं भी घूमने के लिए नहीं गए हैं। मीनाक्षी ने मुझे कहा कि हम लोग कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं मैंने मीनाक्षी को कहा मीनाक्षी तुम इस बारे में सुनील से बात कर लेना तो मीनाक्षी कहने लगी ठीक है मैं इस बारे में सुनील से बात कर लूंगी। थोड़े ही दिनों बाद मुझे मीनाक्षी मिली तो मीनाक्षी ने मुझे कहा कि मैं सोच रही हूं कि हम लोग लोनावला चलते है लोनावला में मेरे मामाजी का रिजॉर्ट है तुम लोग हमारे साथ आने के लिए तैयार हो तो हम लोग वहां चल सकते हैं मैंने मीनाक्षी को कहा ठीक है मीनाक्षी। मीनाक्षी ने भी अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी और मैंने सुनील से बात की तो सुनील इस बात के लिए तैयार हो चुके थे उनको इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी कि हम लोग कहीं घूमने के लिए जाएं।
हम लोग घूमने के लिए लोनावला जाने की तैयारी में थे अब हम लोग पैकिंग कर रहे थे मैंने सुनील से कहा कि सुनील मैं तुम्हारा सामान पैक कर देती हूं। सुनील कहने लगे कि नहीं आशा मैं खुद ही अपना सामान पैक कर लेता हूं। हमने अपना सामान रख दिया था और अगले दिन ही सुबह हम लोग लोनावला के लिए निकल पड़े जब हम लोग लोनावला पहुंचे तो वहां पर हम लोग मीनाक्षी के मामा जी के रिजॉर्ट में ही रुकने वाले थे। हम लोग मीनाक्षी के मामा जी के रिजॉर्ट में रुके तो वहां पर सब कुछ बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा था काफी समय बाद मैं सुनील के साथ कहीं घूमने के लिए गई थी तो मैं चाहती थी कि मैं सुनील के साथ एक अच्छा समय बिता पाऊं। घर में शायद मुझे समय मिल ही नहीं पाता था क्योंकि सुनील के माता-पिता घर में रहते हैं और हम लोगों को कभी भी एक दूसरे के साथ समय बिताने का मौका भी नहीं मिल पाता था सुनील अपने ऑफिस के लिए सुबह निकल जाते और उसके बाद वह शाम को ही घर लौटा करते। हम चारों साथ में बैठे हुए थे और जब मैं और सुनील एक दूसरे से बात कर रहे थे तो ललित ने कहा कि चलो कहीं बाहर घूम आते हैं और हम लोग बाहर टहलने के लिए निकल पड़े।
हम लोग अब पैदल ही काफी आगे तक निकल गए थे मैं और सुनील एक दूसरे से बात कर रहे थे तो मैं सुनील को कहने लगी कि सुनील क्या तुम्हें वह दिन याद है जब हम लोग शादी के बाद पहली बार घूमने के लिए गए थे। सुनील कहने लगे हां मुझे वह दिन याद है जब हम लोग शादी के बाद पहली बार घूमने के लिए गए थे और सब कुछ कितना अच्छा था मैं भी बहुत खुश था और तुम भी बहुत खुश नजर आ रही थी। मैंने सुनील को कहा सुनील मैं तुमसे शादी कर के बहुत खुश हूं क्योंकि तुमने हमेशा ही मेरी खुशी का ध्यान दिया है। मीनाक्षी हम दोनों की तरफ देख रही थी मीनाक्षी कहने लगी कि आशा क्या हम लोग वापस चलें तो मैंने मीनाक्षी से कहा हां हम लोग अब वापस चलते हैं और हम लोग वापस रिजॉर्ट में चले गए। हम लोग रिजॉर्ट में वापस लौटा है मीनाक्षी और मैं एक साथ बैठे हुए थे तो मिनाक्षी ने मुझसे मेरे और सुनील के सेक्स रिलेशन के बारे में बात करनी शुरू की लेकिन मीनाक्षी के हाथ मेरी तरफ बढ़ते चले गए। मीनाक्षी ने मेरे स्तनों को दबाना शुरू किया उसने मेरे कपड़े उतारकर मेरी चूत को चाटना शुरू किया तो मुझे मज़ा आ रहा था मैंने मीनाक्षी की चूत को बहुत देर तक चाटा मीनाक्षी की चूत को जब मैं चाट रही थी तो मुझे बड़ा मजा आ रहा था। हम दोनों एक दूसरे को खुश करने की तरफ बढ़ ही रहे थे कि तभी ललित ने यह सब देख लिया मैंने अपने कपड़े पहनने की कोशिश की लेकिन ललित मेरी तरफ आया और उसने मुझे कहा तुम्हारा बदन बड़ा ही मजेदार है। मैंने उसे कहा ललित यह सब ठीक नहीं है लेकिन मीनाक्षी को इस बात से कोई आपत्ति नहीं थी उसने अपने लंड को बाहर निकाला तो मैंने भी उसके लंड को अपने मुंह में ले लिया उस को चूसती रही ललित बड़ा ही खुश नजर आ रहा था।
मीनाक्षी ने मेरी गर्मी बढ़ानी शुरू कर दी वह मेरी चूत को चाटने लगी मैंने ललित से पूछा सुनील कहां है? ललित कहने लगा वह सोया हुआ है अब हम तीनों एक दूसरे के साथ मजे करने के लिए तैयार थे ललित ने हम दोनों को ही घोड़ी बना दिया। पहले ललित ने अपने मोटे लंड को चूत के अंदर घुसाया तो उसका लंड अंदर जा चुका था वह मुझे पूरी ताकत के साथ चोद रहा था वह मुझे बड़े अच्छे से धक्के मारता और गर्मी को मिटाता जाता। थोड़ी देर बाद उसने मीनाक्षी की चूत मे अपने लंड को डाला और मीनाक्षी को बड़े अच्छे से चोद रहा था मैं यह सब देखकर और भी ज्यादा गर्म होने लगी थी मैं ललित के साथ अपनी चूत को अच्छे से मरवाना चाहती थी। ललित ने जब मीनाक्षी की चूत से लंड को बाहर निकाला तो मैंने उसके लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसके लंड को मै चूसती रही उसका लंड तन कर खड़ा होने लगा था मुझे बहुत ही मजा आने लगा था। मै ललित के लंड को अपनी चूत मे लेने के लिए तैयार थी मीनाक्षी ने मेरी चूत को चाटना शुरू किया उसने मेरी चूत को पूरा चिकना बना दिया। मीनाक्षी अपनी चूत के अंदर उंगली डाल रही थी वह बिस्तर पर लेट कर पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी लेकिन जैसे ही ललित ने अपने 9 इंच मोटे लंड को मेरी चूत के अंदर डाला तो मैं चिल्ला उठी।
ललित का लंड मेरी चूत की दीवार से टकरा रहा था वह मुझे बड़ी ही तेज गति से धक्के मार रहा था जब वह मुझे धक्के मारता मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था। मैं उसका साथ अच्छे से दे रही थी बहुत देर तक मैंने उसका साथ दिया और ललित को कहा देखो मुझे बहुत मजा आ रहा है तुम ऐसे ही मुझे चोदते रहो। मीनाक्षी ने मेरे स्तनों को अपने मुंह में ले लिया वह मेरे स्तनों को चूसने लगी ललित मेरे दोनों पैरों को चौड़ा कर रहा था। मेरे लिए यह एक अलग ही फीलिंग थी पहली बार ही ऐसा हुआ था कि जब मैं किसी के साथ इतने अच्छे तरीके से सेक्स कर पा रही थी हालांकि मेरे और सुनील के बीच कई बार अच्छी तरीके से सेक्स हुआ है लेकिन यह मेरे लिए अलग फीलिंग थी। मैं गर्म हो चुकी थी और ललित के लंड से निकलता हुआ पानी उसने हम दोनों के ऊपर ही गिरा दिया और हम दोनों खुश हो गए। उसके बाद हम बिस्तर पर लेटे हुए थे सुनील अभी तक उठे नहीं थे वह बड़ी गहरी नींद में थे लेकिन उसके बाद तो जैसे यह सब आम होने लगा था हम तीनों के बीच यहां सब होता ही रहता था। हम तीनों ही बहुत ज्यादा खुश थे कि कम से कम हम लोग सेक्स का पूरा मजा तो ले पा रहे हैं यह बात सुनील को कभी हम लोगों ने पता चलना ही नहीं दी। मीनाक्षी मेरी सबसे अच्छी सहेली है वह हर वक्त मेरे साथ ही रहती है मैं उससे अपनी हर एक बात साझा करती हूं और वह भी मुझे हर एक बात बताया करती है।