हेल्लो चुदासी दोस्तों! मेरा नाम साहिल हे और मैं लखनऊ से हूँ. मैं बिजनेश करता हूँ और मैं अभी भी कुंवारा हूँ. काम के लिए मैं अलग अलग सिटी में घूमता हूँ. वैसे मेरा लंड काफी बड़ा हे पर काम के लिए शादी का मौका नहीं मिला हे. दोस्तों मुझे चूत को चोदने से ज्यादा चुदासी चूत को चाटने में मजा आता हे. और आज की ये देसी कहानी मेरे चूत चाटने की ही हे. बात दो महीने पहले की हे जब मैं लखनऊ से आगरा गया था.
मैं ट्रेन की टिकिट चेक की तो मिली नहीं. काम बेहद जरुरी था इसलिए मैंने सोचा की चलो बस से ही निकल जाता हूँ आगरा के लिए. बस मिली लेकिन वो भी एकदम पेक थी. मुझे बैठने के लिए जगह नहीं मिली. काम छोड़ नहीं सकता था इसलिए मैंने खड़े खड़े भी जाने को सोचा. मैं जिस सिट के पास खड़ा था उसके ऊपर दो औरतें और एक मर्द थे. लड़की और बीवी और हसबंड थे और वो बुढिया सास लग रही थी. वो एक मुस्लिम परिवार था.
पहले तो मैंने गौर नहीं किया. पर फिर मैंने देखा की वो औरत जो जवान थी वो मुझे बार बार देख रही थी. वैसे उसने बुरका पहना था. पर बस के निकलने से पहले उसने एक बार पानी पिने के लिए अपना बुरका उठाया तो मैंने उसका चहरा देखा था. और तब हमारी आँखे भी मिली थी. मैंने तिन चार बार देखा तो वो औरत मुझे देख रही थी. उसकी सास उसकी बगल में बैठी थी. आप ये सेक्सी अन्तर्वासना चुदासी कहानी और सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं…
और वो विंडो सिट के ऊपर थी. उसका हसबंड मेरे पास बैठा हुआ था.
दो तिन बार और आंख मिली. मेरे लंड में हलचल सी हुई. मैंने उसे इशारे से चहरा दिखाने के लिए कहा. एक मिनिट में उसने फिर से पानी पिने के लिए अपने बुर्के को ऊपर कर दिया. कसम से यार क्या क़यामत लग रही थी वो औरत. उसके चहरे को देख के मेरा लंड पागल सा हो गया था. वैसे मैंने कुछ देर पहले उसे देखा था. पर तब उतना ध्यान से नहीं देखा था. अब की उसे देख के मैंने सोचा की साला ये अगर मुझे चोदने दे तो मजा आ जाए! थोड़ी देर में उसकी सास सो गई.
और फिर कुछ देर के बाद उसके पति ने भी अपने चहरे को गोदी में रखी हुई बेग के ऊपर रख के नींद लेनी चालु कर दी. अब मैं उसे इशारे करने लगा था. अगल बगल में कुछ लोग खड़े थे मेरी. लेकिन किसी का ध्यान हम दोनों की तरफ नही था. मैंने उसे फ्लाईंग किस भेजा तो उसने अपने को दांतों के बिच में काट लिया. साली बड़ी रंडी लग रही थी ऐसा करते हुए वो. मैंने अपने हाथ से लंड को पेंट में दबाया. उसकी नजर वहां पड़ी और उसे अंदाजा आ गया की मेरे लंड का साइज़ क्या हे!
वो मस्त हो गई मेरे लंड को देख के. मैं मन ही मन सोच रहा था की कैसे भी कर के इस रंडी को चोदना पड़ेगा! और किस्मत ने भी मेरा साथ दिया. उसके पति को कुछ देर में उलटी होने लगी. उसने अपनी बीवी से कहा तो वो जगह बदल के मेरे पास आ गई. और उसका पति खिड़की के ऊपर चला गया. मुझे लगा की अब कुछ हो सकता हे. वो मेरे पास आके बैठ गई.
कुछ देर में उसका हसबंड वापस सो गया. बस के अन्दर अब धीरे धीरे सभी लोग सोने लगे थे. मैंने अपने लंड को धीरे से उसके कंधे पर टच कर दिया. मेरे लंड की गर्मी उसे महसूस हुई तो वो भी मस्तियाँ गई. वो बिच बिच में अपने हाथ को खुजली के बहाने से कंधे की तरफ लाती थी और मेरे लंड को टच कर देती थी. आप ये सेक्सी अन्तर्वासना चुदासी कहानी और सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं…
साला मेरा लंड पागल हो चूका था पूरा के पूरा. चुदासी
पर चलती हुई बस में और कुछ किया भी नहीं जा सकता था. तभी पीछे की सिट पर जो बैठा हुआ था उसे उतरने को हुआ. मैं अब इस मुस्लिम भाभी के एकदम पीछे बैठ गया. मैंने अपनी बेग को गोदी में ले लिया. और फिर धीरे से अपनी पैर की ऊँगली को सिट के निचे की जगह से भाभी की गांड पर लगा दिया. ये सेक्सी भाभी की गांड एकदम सॉफ्ट थी. और उसे टच करते ही मैं मस्तिया गया. वो सिट के एकदम पीछे हो गई और मैंने फिर आगे को झुक के अपनी ऊँगली उसकी गांड पर मसल दी. मेरा लंड एकदम पागल हो गया था. मैंने देखा की वो भी एकदम पागल हो गई थी.
और फिर मैंने एक पर्ची के ऊपर अपना मोबाइल नम्बर लिख के आगे किया. इस हॉट भाभी ने उसे अपनी बूब्स के ऊपर छिपा लिया. मैंने सोचा की काश एक बार ये चोदने दे मुझे बस. आप ये सेक्सी अन्तर्वासना चुदासी कहानी और सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं…
आगरा आते ही मैं उतर गया. वो सेक्सी मुस्लिम भाभी उतरते हुए भी मुझे बार बार देख रही थी. मैंने हाथ से उसे इशारा किया की मुझे कॉल करना. फिर मैं आगरा में अपना काम निपटा के शाम को अपने एक दोस्त के घर बैठा हुआ था. तभी एक नए नम्बर से कॉल आया. सामने से मस्त मीठी आवाज आई, हल्लो.
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मैं: हल्लो, कौन चाहिए?
वो: लखनऊ आगरा की बस में सुबह आपने जिसे नम्बर दिया था वही हूँ मैं.
बाप रे उसने ऐसा कहा और मेरा तो लंड फिर से खड़ा हो गया.
मैंने कहा: हेल्लो, आप का आवाज बहुत ही मीठा हे जी.
वो बोली: शुक्रिया, आप कहा से हो?
मैंने कहा, लखनऊ से हूँ पर काम से यहाँ आगरा आया हूँ.
वो बोली: मैं आगरा की हूँ पर शादी लखनऊ में हुई हे.
मैं: जी मैं आप से मिलना चाहता हूँ.
वो बोली: जी.
मैं: आप आज फ्री हो? चुदासी
वो बोली: जी आज तो नहीं हो पायेगा क्यूंकि मेरे शोहर और सास यही पर हे, वो लोग कल सुबह को चले जायेंगे.
मैंने कहा: फिर कल मिल सकते हे हम?
उसने कहा: हां कल पक्का.
मैंने पूछा कहा पर? चुदासी
तो उसने कहा की काल मेरे घर से सब लोग एक शादी के लिए जानेवाले हे और मैं नहीं जाउंगी. आप मुझे शरदकुंड कोलोनी के सामने मिलना.
मैंने टाइम वगेरह ले लिया उस से. और दुसरे दिन मैं उसे मिलने के लिए आगरा में ही रुक गया. वैसे मुझे एक ही दीन का काम था. पर इस मुस्लिम भाभी की चूत मारने के लिए मैं रुक गया. दुसरे दिन मैं उसे मिला. मुझे उसे पहचानने में दिक्कत नहीं हुई बुर्के की वजह से. कॉल किया तो उसने काट दिया और मेरे पास आ गई. वो मुझे रिक्शा में अपने साथ ले गई. बहार चोक में रिक्शा छोड़ के उसने मुझे अपना घर दिखाया और बोली मैं जाऊं उसके कुछ देर बाद आप आके दरवाजा धीरे से ठोकना ताकि किसी को शक ना हो.
मैंने ऐसा ही किया. वो अन्दर दरवाजे के पास ही खड़ी हुई थी. उसने दरवाजे को पकड़ के खोला और मुझे अंदर ले के बंद कर दिया. मैंने उसे देखा तो वो अपना बुरका उतार चुकी थी और एकदम सेक्सी लग रही थी. मैंने उसके हुए स्तन देखे तो मन विचलित सा हो गया. मैं उसे ऊपर से निचे तक देखता ही रहा.
वो बोली, क्या देख रहे हो? hairy pussy pics
मैंने कहा आप का हुस्न! चुदासी
वो हंस पड़ी और बोली, आओ अंदर चलो. आप ये सेक्सी अन्तर्वासना चुदासी कहानी और सेक्स स्टोरी हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर पढ़ रहे हैं…