हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम राहुल है और में दिल्ली का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 24 साल है.. में दिखने में बहुत अच्छा लगता हूँ और यहीं दिल्ली में रहकर एक बहुत बड़ी कम्पनी में नौकरी करता हूँ. दोस्तों अब आप सभी का ज्यादा समय खराब ना करते हुए में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ.
दोस्तों यह कहानी आज से तीन महीने पहले की है और यह एक सच्ची घटना है जो कि मेरे साथ हुई है. दोस्तों आज में इसे आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ और में जब भी टाईम मिलता है.. इसकी सेक्सी कहानियाँ पढ़ता हूँ क्योंकि मुझे बहुत अच्छा लगता है और मेरे मन को बहुत सन्तुष्टि मिलती है.. क्योंकि में एक दो दिन में स्टोरी को पढकर मुठ जरुर मार लेता हूँ.
दोस्तों एक दिन में अपने दोस्त के यहाँ से कटरा की बस में से वापस आ रहा था और रविवार का दिन होने के कारण बस में कुछ ज़्यादा भीड़ नहीं थी. में लेडीस सीट के बिल्कुल पीछे वाली सीट पर बैठ गया और कुछ देर के बाद मेरे पास वाली सीट पर एक आंटी आकर बैठ गई जो कि उम्र में करीब 32 या 34 की होगी.. वो बहुत ही सुंदर और हॉट दिख रही थी. में उसे पीछे मुड़कर देख रहा था और वो समझ गयी कि में उसे देख रहा हूँ. तो थोड़ी देर के बाद वो भी मुझे देखकर स्माईल देने लगी और में बहुत खुश हुआ.. लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि में उससे बात करूं.
उसने मुझसे पूछा कि आपको कहाँ जाना है? और मैंने उसे बता दिया.. धीरे धीरे वो मुझसे और बातें करने लगी और कुछ देर बाद वो मेरे पास वाली सीट पर आकर बैठ गई. फिर जब भी बस के ब्रेक लगते तो वो एकदम मुझसे और भी चिपक जाती और में भी मौके का फायदा उठाकर उसके बड़े बड़े बूब्स को छू लेता.. लेकिन वो मुझसे कुछ भी नहीं कहती.. वो सिर्फ मुस्कुरा देती और में उस मौके का पूरा पूरा फायदा उठाता गया.
कुछ देर के बाद उसने मुझे बताया कि उसके पति की दिल्ली में सॉफ्टवेयर की दुकान है और उसका एक 7 साल का लड़का भी है और मुझे उसकी बातों से लग रहा था कि वो मुझमें रूचि ले रही है.
फिर थोड़ी देर के बाद मेरा स्टॉप आने वाला था तो मैंने हिम्मत करके अपने बेग से एक पेपर निकाला और उसमे अपना मोबाईल नंबर लिखकर वहीं अपनी सीट पर गिरा दिया और उतर गया. तो अगले दिन में जब ऑफिस से आ रहा था तो मुझे उस आंटी का कॉल आया और उसने बताया कि वो पेपर उसने उठा लिए था जो मैंने वहाँ पर फेंक दिया था और उस दिन से हर रोज मेरी उससे बात होने लगी और जब भी मेरी उससे बात होती थी.. तो में केवल उसे चोदने के बारे में सोचता था और फोन पर बात करते करते में उससे धीरे धीरे पूरी तरह खुल गया और हम लोग अब सेक्स की बातें करते थे.
एक दिन उसने मुझे अपने घर पर बुलाया.. में बहुत खुश हुआ और उस दिन में ऑफिस से छुट्टी लेकर सीधा उसके घर पर चला गया. वो कानपुर की रहने वाली थी और उसने किराए पर एक कमरा ले रखा था और में जब उसके घर गया तो उसने एकदम सेक्सी कपड़े पहने हुए थे जिसमे से उसके बूब्स बाहर आने को बैचेन थे और में उसके जिस्म को देखकर पागल होने लगा और मेरा लंड धीरे धीरे अपने आकार को बदलने लगा था. तभी उसने मेरी लंड की इस हरकत को समझ लिया और वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुराने लगी.
फिर कुछ देर बाद उसने मुझे बताया कि उसका पति दुकान पर गया हुआ है और उसका लड़का स्कूल गया हुआ है. तो में समझ गया कि वो मुझे अपनी चुदाई का न्योता दे रही है और शायद वो आज मुझसे अपनी चूत की खुजली मिटाना चाहती है क्योंकि वो मुझे अपनी और आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ कर रही थी. फिर उसने मुझे पानी लाकर दिया और में सोफे पर बैठकर पानी पीने लगा.. लेकिन अब भी मेरी तिरछी नजर उसके बूब्स पर ही टिकी हुई थी और उसकी नजर मेरे ऊपर थी.
हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे. तो कुछ देर बैठकर बात करने के बाद उसने बोला कि तुम बैठो में अभी दो मिनट में नहाकर आती हूँ और वो बाथरूम में चली गयी और जब वो वापस आई तो उसने एक काली कलर की मेक्सी पहन रखी थी. दोस्तों में क्या बताऊँ वो उस मेक्सी में क्या लग रही थी? वो एकदम सेक्स की देवी लग रही थी और उसके बहुत बड़े बड़े बूब्स, उभरी हुई गांड, पतली कमर, गदराया हुआ बदन, सुराही जैसी पतली गर्दन, एकदम नशीली आखें और पानी में भीगा हुआ बदन जो कि उसके कपड़ो के अंदर से भी उसके गुप्तअंगो को दिखा रहा था.. जिससे उसका पूरा साईज मालूम हो रहा था. में तो उसे देखकर एकदम पागल हो गया और फिर वो कुछ लेने के लिए पीछे की तरफ मुड़ी और मैंने झट से सोफे से उठकर सीधा उसे अपनी बाहों में जकड़ लिया और किस करने लगा और मुझसे छुटने का नाटक करने लगी.. लेकिन कुछ देर बाद उसने मेरा विरोध करना बंद किया और साथ भी वो मुझे किस करने लगी.
फिर थोड़ी देर किस करने के बाद में उसे अपनी गोद में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया और मैंने उसे बेड पर लेटाकर उसके जिस्म को सहलाना शुरू कर दिया और फिर कुछ देर के बाद मैंने एक एक करके उसके सारे कपड़े खोल दिए और मैंने अपने भी सारे कपड़े खोलकर उस पर टूट पड़ा.. हम दोनों उस समय पूरे नंगे थे और एक दूसरे को किस कर रहे थे और थोड़ी देर किस करने के बाद में उसके बूब्स को चूसने लगा और वो आहे भरने लगी और सिसकियाँ लेने लगी. में आधे घंटे तक उसके बूब्स को चूसता रहा.. उसके बाद हम लोग 69 की पोज़िशन में आ गये..
वो मेरा लंड चूस रही थी और में उसकी चूत चाट रहा था और इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी और में उसका सारा पानी पी गया और फिर कुछ देर बाद मैंने बोला कि में भी झड़ने वाला हूँ तो उसने बोला कि कोई बात नहीं मेरे मुहं में ही झाड़ दो और उसने भी मेरा सारा माल पी लिया और में सीधा होकर लेट गया. फिर 5 मिनट के बाद फिर से उसने मेरा लंड चूसकर खड़ा कर दिया और बोली कि मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है प्लीज़ मुझे चोदो. तो मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
वो बिन पानी की मछली की तरह छटपटाने लगी और बोली कि प्लीज इसे पूरा अंदर डालो और मैंने एक ज़ोर का झटका लगाया.. तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया.. वो चिल्ला उठी और बोली कि प्लीज़ थोड़ी देर रुक कर पूरा डालना. दोस्तों उसकी चूत बहुत टाईट थी और चुदाई के बीच में उसने मुझे बताया था कि उसके पति का लंड बहुत छोटा है और वो उसे संतुष्ट नहीं कर पाता है.
थोड़ी देर के बाद फिर से मैंने एक और ज़ोर का धक्का लगाया और मेरा लंड पूरा का पूरा अंदर तक चला गया और उस समय मुझे लगा कि में किसी दूसरी दुनिया में हूँ और में उसे ताबड़तोड़ धक्के देकर चोदने लगा. तो वो भी अपनी गांड उठाकर मेरे साथ अपनी चुदाई में मज़े ले रही थी और मुझसे चुदवा रही थी.. वो मुझे किस भी किए जा रही थी और फिर कुछ देर बाद वो बोली कि मुझे इतनी ख़ुशी आज तक नहीं मिली थी. थोड़ी देर के बाद में झड़ गया और उसके ऊपर ही लेटा रहा और करीब 12 बजने वाले थे.
उसने मुझसे बोला कि एक घंटे के बाद उसे अपने लड़के को लेने स्कूल जाना है.. तो मैंने बोला कि में एक बार तुम्हारी गांड भी मारना चाहता हूँ तो उसने बोला कि आज तक उसके पति ने कभी उसकी गांड नहीं मारी है और वो साफ मना करने लगी और मेरे बहुत मनाने के बाद वो तैयार हुई.. लेकिन वो बोली कि अगर ज़्यादा दर्द हुआ तो वो नहीं करवाएगी. तो मैंने उससे तेल लाने को बोला और वो उठकर चली गई और तेल लेकर आई
पहले तो मैंने 10 मिनट तक उसकी गांड को चाटा और उसके बाद में अपनी एक उंगली में तेल लगाकर उसकी गांड में डालने लगा. उसकी गांड में मेरी एक उंगली भी नहीं जा रही थी क्योंकि वो बहुत टाईट थी.. लेकिन मैंने किसी भी तरह अपनी पूरी कोशिश करके अपनी एक उंगली उसकी गांड डाली. तो वो दर्द से तड़पने लगी और बाहर निकालने को बोलने लगी.. लेकिन मैंने उसे बाहर नहीं निकाला और थोड़ी देर उंगली को अंदर बाहर करने के बाद उसकी गांड का छेद थोड़ा खुला हुआ था. फिर में कंडोम पर थोड़ा तेल लगाकर अपने लंड को उसकी गांड में डालने की कोशिश करने लगा.. लेकिन वो जा नहीं रहा था. वो हर बार फिसलकर बाहर निकल रहा था.
मैंने उससे बोला कि अपने मुहं पर एक कपड़ा डालो और मैंने उसकी गांड पर अपने लंड को रखकर एक ज़ोर का झटका दिया.. जिससे मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड में चला गया.. लेकिन वो ज़ोर से चिल्लाने लगी और दर्द से छटपटाने लगी और उसकी आँख से आंसू निकल रहे थे और वो लंड को बाहर निकालने को बोल रही थी.. लेकिन में थोड़ी देर तक वैसे ही रहा और उसके शांत होने का इंतजार करने लगा.
फिर जब वो थोड़ा शांत हुई तो मैंने फिर से एक झटका लगाया और इस बार मेरा पूरा लंड उसकी गांड में चला गया और वो बोलने लगी कि प्लीज इसे बाहर निकालो नहीं तो मेरी गांड फट जाएगी.. लेकिन में बिना कुछ सुनते हुए उसे चोदने लगा और पहले तो वो मना करती रही.. लेकिन थोड़ी देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो वो मज़े से चुदवाने लगी. तो करीब 20 मिनट तक चोदने के बाद में उसकी गांड में झड़ गया और थोड़ी देर के बाद हम लोग उठे और फ्रेश होने एक साथ बाथरूम में चले गये और फ्रेश होने के बाद हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और वो अपने लड़के को लेने चली गयी और में भी उसे किस करके अपने रूम के लिए निकल पड़ा.